_*APJ Abdul Kalams's Messages to Start your day Beautifully -*_
*1. जिदंगी मे कभी भी किसी को*
*बेकार मत समझना,क्योक़ि*
*बंद पडी घडी भी दिन में*
*दो बार सही समय बताती है।*
*2. किसी की बुराई तलाश करने*
*वाले इंसान की मिसाल उस*
*मक्खी की तरह है जो सारे*
*खूबसूरत जिस्म को छोडकर*
*केवल जख्म पर ही बैठती है।*
*3. टूट जाता है गरीबी मे*
*वो रिश्ता जो खास होता है,*
*हजारो यार बनते है*
*जब पैसा पास होता है।*
*4. मुस्करा कर देखो तो*
*सारा जहाॅ रंगीन है,*
*वर्ना भीगी पलको*
*से तो आईना भी*
*धुधंला नजर आता है।*
*5..जल्द मिलने वाली चीजे*
*ज्यादा दिन तक नही चलती,*
*और जो चीजे ज्यादा*
*दिन तक चलती है*
*वो जल्दी नही मिलती।*
*6. बुरे दिनो का एक*
*अच्छा फायदा*
*अच्छे-अच्छे दोस्त*
*परखे जाते है ।*
*7. बीमारी खरगोश की तरह*
*आती है और कछुए की तरह*
*जाती है;*
*जबकि पैसा कछुए की तरह*
*आता है और.खरगोश की*
*तरह जाता है ।*
*8. छोटी छोटी बातो मे*
*आनंद खोजना चाहिए*
*क्योकि बङी बङी तो*
*जीवन मे कुछ ही होती है।*
*9. ईश्वर से कुछ मांगने पर*
*न मिले तो उससे नाराज*
*ना होना क्योकि ईश्वर*
*वह नही देता जो आपको*
*अच्छा लगता है बल्कि*
*वह देता है जो आपके लिए*
*अच्छा होता है*
*10. लगातार हो रही*
*असफलताओ से निराश*
*नही होना चाहिए क्योक़ि*
*कभी-कभी गुच्छे की आखिरी*
*चाबी भी ताला खोल देती है।*
*11. ये सोच है हम इसांनो की*
*कि एक अकेला*
*क्या कर सकता है*
*पर देख जरा उस सूरज को*
*वो अकेला ही तो चमकता है।*
*12. रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो*
*उन्हे तोङना मत क्योकि*
*पानी चाहे कितना भी गंदा हो*
*अगर प्यास नही बुझा सकता*
*वो आग तो बुझा सकता है।*
*13. अब वफा की उम्मीद भी*
*किस से करे भला*
*मिटटी के बने लोग*
*कागजो मे बिक जाते है।*
*14. इंसान की तरह बोलना*
*न आये तो जानवर की तरह*
*मौन रहना अच्छा है।*
*15. जब हम बोलना*
*नही जानते थे तो*
*हमारे बोले बिना'माँ*'
*हमारी बातो को समझ जाती थी।*
*और आज हम हर बात पर*
*कहते है छोङो भी 'माँ'*
*आप नही समझोंगी।*
*16. शुक्र गुजार हूँ*
*उन तमाम लोगो का*
*जिन्होने बुरे वक्त मे*
*मेरा साथ छोङ दिया*
*क्योकि उन्हे भरोसा था*
*कि मै मुसीबतो से*
*अकेले ही निपट सकता हूँ।*
*17. शर्म की अमीरी से*
*इज्जत की गरीबी अच्छी है।*
*18. जिदंगी मे उतार चङाव*
*का आना बहुत जरुरी है*
*क्योकि ECG मे सीधी लाईन*
*का मतलब मौत ही होता है।*
*19. रिश्ते आजकल रोटी*
*की तरह हो गए है*
*जरा सी आंच तेज क्या हुई*
*जल भुनकर खाक हो जाते।*
*20. जिदंगी मे अच्छे लोगो की*
*तलाश मत करो*
*खुद अच्छे बन जाओ*
*आपसे मिलकर शायद*
*किसी की तालाश पूरी हो।*
*1. जिदंगी मे कभी भी किसी को*
*बेकार मत समझना,क्योक़ि*
*बंद पडी घडी भी दिन में*
*दो बार सही समय बताती है।*
*2. किसी की बुराई तलाश करने*
*वाले इंसान की मिसाल उस*
*मक्खी की तरह है जो सारे*
*खूबसूरत जिस्म को छोडकर*
*केवल जख्म पर ही बैठती है।*
*3. टूट जाता है गरीबी मे*
*वो रिश्ता जो खास होता है,*
*हजारो यार बनते है*
*जब पैसा पास होता है।*
*4. मुस्करा कर देखो तो*
*सारा जहाॅ रंगीन है,*
*वर्ना भीगी पलको*
*से तो आईना भी*
*धुधंला नजर आता है।*
*5..जल्द मिलने वाली चीजे*
*ज्यादा दिन तक नही चलती,*
*और जो चीजे ज्यादा*
*दिन तक चलती है*
*वो जल्दी नही मिलती।*
*6. बुरे दिनो का एक*
*अच्छा फायदा*
*अच्छे-अच्छे दोस्त*
*परखे जाते है ।*
*7. बीमारी खरगोश की तरह*
*आती है और कछुए की तरह*
*जाती है;*
*जबकि पैसा कछुए की तरह*
*आता है और.खरगोश की*
*तरह जाता है ।*
*8. छोटी छोटी बातो मे*
*आनंद खोजना चाहिए*
*क्योकि बङी बङी तो*
*जीवन मे कुछ ही होती है।*
*9. ईश्वर से कुछ मांगने पर*
*न मिले तो उससे नाराज*
*ना होना क्योकि ईश्वर*
*वह नही देता जो आपको*
*अच्छा लगता है बल्कि*
*वह देता है जो आपके लिए*
*अच्छा होता है*
*10. लगातार हो रही*
*असफलताओ से निराश*
*नही होना चाहिए क्योक़ि*
*कभी-कभी गुच्छे की आखिरी*
*चाबी भी ताला खोल देती है।*
*11. ये सोच है हम इसांनो की*
*कि एक अकेला*
*क्या कर सकता है*
*पर देख जरा उस सूरज को*
*वो अकेला ही तो चमकता है।*
*12. रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो*
*उन्हे तोङना मत क्योकि*
*पानी चाहे कितना भी गंदा हो*
*अगर प्यास नही बुझा सकता*
*वो आग तो बुझा सकता है।*
*13. अब वफा की उम्मीद भी*
*किस से करे भला*
*मिटटी के बने लोग*
*कागजो मे बिक जाते है।*
*14. इंसान की तरह बोलना*
*न आये तो जानवर की तरह*
*मौन रहना अच्छा है।*
*15. जब हम बोलना*
*नही जानते थे तो*
*हमारे बोले बिना'माँ*'
*हमारी बातो को समझ जाती थी।*
*और आज हम हर बात पर*
*कहते है छोङो भी 'माँ'*
*आप नही समझोंगी।*
*16. शुक्र गुजार हूँ*
*उन तमाम लोगो का*
*जिन्होने बुरे वक्त मे*
*मेरा साथ छोङ दिया*
*क्योकि उन्हे भरोसा था*
*कि मै मुसीबतो से*
*अकेले ही निपट सकता हूँ।*
*17. शर्म की अमीरी से*
*इज्जत की गरीबी अच्छी है।*
*18. जिदंगी मे उतार चङाव*
*का आना बहुत जरुरी है*
*क्योकि ECG मे सीधी लाईन*
*का मतलब मौत ही होता है।*
*19. रिश्ते आजकल रोटी*
*की तरह हो गए है*
*जरा सी आंच तेज क्या हुई*
*जल भुनकर खाक हो जाते।*
*20. जिदंगी मे अच्छे लोगो की*
*तलाश मत करो*
*खुद अच्छे बन जाओ*
*आपसे मिलकर शायद*
*किसी की तालाश पूरी हो।*
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