Monday, July 31, 2017

*हास्य कविता*
😀😀😀😀😀😀😀

अक्ल बाटने लगे विधाता,
             लंबी लगी कतारें ।
सभी आदमी खड़े हुए थे,
            कहीं नहीं थी नारी ।

सभी नारियाँ कहाँ रह गई,
          था ये अचरज भारी ।
पता चला ब्यूटी पार्लर में,
          पहुँच गई थी सारी।

मेकअप की थी गहन प्रक्रिया,
           एक एक पर भारी ।
बैठी थीं कुछ इंतजार में,
          कब आएगी बारी ।

उधर विधाता ने पुरूषों में,
         अक्ल बाँट दी सारी ।
ब्यूटी पार्लर से फुर्सत पाकर,
        जब पहुँची सब नारी ।

बोर्ड लगा था स्टॉक ख़त्म है,
        नहीं अक्ल अब बाकी ।
रोने लगी सभी महिलाएं ,
        नींद खुली ब्रह्मा की ।

पूछा कैसा शोर हो रहा है,
         ब्रह्मलोक के द्वारे ?
पता चला कि स्टॉक अक्ल का
         पुरुष ले गए सारे ।

ब्रह्मा जी ने कहा देवियों ,
          बहुत देर कर दी है ।
जितनी भी थी अक्ल वो मैंने,
          पुरुषों में भर दी है ।

लगी चीखने महिलाये ,
         ये कैसा न्याय तुम्हारा?
कुछ भी करो हमें तो चाहिए,
          आधा भाग हमारा ।

पुरुषो में शारीरिक बल है,
          हम ठहरी अबलाएं ।
अक्ल हमारे लिए जरुरी ,
         निज रक्षा कर पाएं ।

सोचकर दाढ़ी सहलाकर ,
         तब बोले ब्रह्मा जी ।
एक वरदान तुम्हे देता हूँ ,
         अब हो जाओ राजी ।

थोड़ी सी भी हँसी तुम्हारी ,
         रहे पुरुष पर भारी ।
कितना भी वह अक्लमंद हो,
         अक्ल जायेगी मारी ।

एक औरत ने तर्क दिया,
        मुश्किल बहुत होती है।
हंसने से ज्यादा महिलाये,
        जीवन भर रोती है ।

ब्रह्मा बोले यही कार्य तब,
        रोना भी कर देगा ।
औरत का रोना भी नर की,
        अक्ल हर लेगा ।

एक अधेड़ बोली बाबा,
       हंसना रोना नहीं आता ।
झगड़े में है सिद्धहस्त हम,
       खूब झगड़ना भाता ।

ब्रह्मा बोले चलो मान ली,
       यह भी बात तुम्हारी ।
झगड़े के आगे भी नर की,
       अक्ल जायेगी मारी ।

ब्रह्मा बोले सुनो ध्यान से,
       अंतिम वचन हमारा ।
तीन शस्त्र अब तुम्हे दिए,
       पूरा न्याय हमारा ।

इन अचूक शस्त्रों में भी,
       जो मानव नहीं फंसेगा ।
निश्चित समझो,
       उसका घर नहीं बसेगा ।

कहे कवि मित्र ध्यान से,
       सुन लो बात हमारी ।
बिना अक्ल के भी होती है,
       नर पर नारी भारी
प्रभू का पत्र,,,,, एक बार जरूर पड़े

मेरे प्रिय...
सुबह तुम जैसे ही सो कर उठे, मैं तुम्हारे बिस्तर के पास ही खड़ा था। मुझे लगा कि तुम मुझसे कुछ बात
करोगे। तुम कल या पिछले हफ्ते हुई किसी बात या घटना के लिये मुझे धन्यवाद कहोगे। लेकिन तुम फटाफट चाय पी कर तैयार होने चले गए और मेरी तरफ देखा भी नहीं!!!

फिर मैंने सोचा कि तुम नहा के मुझे याद करोगे। पर तुम इस उधेड़बुन में लग गये कि तुम्हे आज कौन से कपड़े पहनने है!!!

फिर जब तुम जल्दी से नाश्ता कर रहे थे और अपने ऑफिस के कागज़ इक्कठे करने के लिये घर में इधर से उधर दौड़ रहे थे...तो भी मुझे लगा कि शायद अब तुम्हे मेरा ध्यान आयेगा,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

फिर जब तुमने आफिस जाने के लिए ट्रेन पकड़ी तो मैं समझा कि इस खाली समय का उपयोग तुम मुझसे बातचीत करने में करोगे पर तुमने थोड़ी देर पेपर पढ़ा और फिर खेलने लग गए अपने मोबाइल में और मैं खड़ा का खड़ा ही रह गया।

मैं तुम्हें बताना चाहता था कि दिन का कुछ हिस्सा मेरे साथ बिता कर तो देखो,तुम्हारे काम और भी अच्छी तरह से होने लगेंगे, लेकिन तुमनें मुझसे बात
ही नहीं की...

एक मौका ऐसा भी आया जब तुम
बिलकुल खाली थे और कुर्सी पर पूरे 15 मिनट यूं ही बैठे रहे,लेकिन तब भी तुम्हें मेरा ध्यान नहीं आया।

दोपहर के खाने के वक्त जब तुम इधर-
उधर देख रहे थे,तो भी मुझे लगा कि खाना खाने से पहले तुम एक पल के लिये मेरे बारे में सोचोंगे,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

दिन का अब भी काफी समय बचा था। मुझे लगा कि शायद इस बचे समय में हमारी बात हो जायेगी,लेकिन घर पहुँचने के बाद तुम रोज़मर्रा के कामों में व्यस्त हो गये। जब वे काम निबट गये तो तुमनें टीवी खोल लिया और घंटो टीवी देखते रहे। देर रात थककर तुम बिस्तर पर आ लेटे।
तुमनें अपनी पत्नी, बच्चों को शुभरात्रि कहा और चुपचाप चादर ओढ़कर सो गये।

मेरा बड़ा मन था कि मैं भी तुम्हारी दिनचर्या का हिस्सा बनूं...

तुम्हारे साथ कुछ वक्त बिताऊँ...

तुम्हारी कुछ सुनूं...

तुम्हे कुछ सुनाऊँ।

कुछ मार्गदर्शन करूँ तुम्हारा ताकि तुम्हें समझ आए कि तुम किसलिए इस धरती पर आए हो और किन कामों में उलझ गए हो, लेकिन तुम्हें समय
ही नहीं मिला और मैं मन मार कर ही रह गया।

मैं तुमसे बहुत प्रेम करता हूँ।

हर रोज़ मैं इस बात का इंतज़ार करता हूँ कि तुम मेरा ध्यान करोगे और
अपनी छोटी छोटी खुशियों के लिए मेरा धन्यवाद करोगे।

पर तुम तब ही आते हो जब तुम्हें कुछ चाहिए होता है। तुम जल्दी में आते हो और अपनी माँगें मेरे आगे रख के चले जाते हो।और मजे की बात तो ये है
कि इस प्रक्रिया में तुम मेरी तरफ देखते
भी नहीं। ध्यान तुम्हारा उस समय भी लोगों की तरफ ही लगा रहता है,और मैं इंतज़ार करता ही रह जाता हूँ।

खैर कोई बात नहीं...हो सकता है कल तुम्हें मेरी याद आ जाये!!!

ऐसा मुझे विश्वास है और मुझे तुम
में आस्था है। आखिरकार मेरा दूसरा नाम...आस्था और विश्वास ही तो है।
.
.
.
तुम्हारा ईश्वर...👣

🌹एक दिन चिड़िया बोली - मुझे छोड़ कर कभी उड़ तो नहीं जाओगे❣

🌹चिड़ा ने कहा - उड़
जाऊं तो तुम पकड़ लेना.❣

🌹चिड़िया-मैं तुम्हें पकड़
तो सकती हूँ,
पर फिर पा तो नहीं सकती...❣

🌹यह सुन चिड़े की आँखों में आंसू आ गए और उसने अपने पंख तोड़ दिए और बोला अब हम
हमेशा साथ रहेंगे,❣

🌹लेकिन एक दिन जोर से तूफान आया,
चिड़िया उड़ने लगी तभी चिड़ा बोला तुम उड़
जाओ मैं नहीं उड़ सकता..❣

🌹चिड़िया- अच्छा अपना ख्याल रखना, कहकर
उड़ गई !❣

🌹जब तूफान थमा और चिड़िया वापस
आई तो उसने देखा की चिड़ा मर चुका था❣
❣और एक डाली पर लिखा था...❣

✍काश तुम एक बार तो कहती कि मैं तुम्हें नहीं छोड़ सकती""❣
🌹तो शायद मैं तूफ़ान आने से
पहले नहीं मरता❣
""
ज़िन्दगी के पाँच सच ~
सच नं. 1 -:🌹
माँ के सिवा कोई वफादार नही हो सकता…!!!❣
────────────────────────
सच नं. 2 -:🌹
गरीब का कोई दोस्त नही हो सकता…!!❣
────────────────────────
सच नं. 3 -:🌹
आज भी लोग अच्छी सोच को नही,
अच्छी सूरत को तरजीह देते हैं…!!!❣
────────────────────────
सच नं. 4 -:🌹
इज्जत सिर्फ पैसे की है, इंसान की नही…!!!❣
────────────────────────
सच न. 5 -:🌹
जिस शख्स को अपना खास समझो….
अधिकतर वही शख्स दुख दर्द देता है…❣

🌹❣❣🌹
 गीता में लिखा है कि.......

✍अगर कोई इन्सान
बहुत हंसता है , तो अंदर से वो बहुत अकेला है❣

🌹अगर कोई इन्सान बहुत सोता है , तो अंदर से
वो बहुत उदास है❣

✍अगर कोई इन्सान खुद को बहुत मजबूत दिखाता है और रोता नही , तो वो
अंदर से बहुत कमजोर है❣

✍अगर कोई जरा जरा सी
बात पर रो देता है तो वो बहुत मासूम और नाजुक दिल का है❣

✍अगर कोई हर बात पर
नाराज़ हो जाता है तो वो अंदर से बहुत अकेला
और जिन्दगी में प्यार की कमी महसूस करता है❣

🌹लोगों को समझने की कोशिश कीजिये ,जिन्दगी किसी का इंतज़ार नही करती ,❣
❣लोगों को एहसास कराइए की वो आप के लिए कितने खास है सर...❣

1🌹. अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो,,, तरीके बदलो....., ईरादे नही..❣

2🌹. जब सड़क पर बारात नाच रही हो तो हॉर्न मार-मार के परेशान ना हो...... गाडी से उतरकर थोड़ा नाच लें..., मन शान्त होगा।
टाइम तो उतना लगना ही है..❣

3🌹. इस कलयुग में रूपया चाहे कितना भी गिर जाए, इतना कभी नहीं गिर पायेगा, जितना रूपये के लिए इंसान गिर चूका है...❣

🌹❣सत्य वचन❣🌹

4🌹. रास्ते में अगर मंदिर देखो तो,,, प्रार्थना नहीं करो तो चलेगा . . पर रास्ते में एम्बुलेंस मिले तब प्रार्थना जरूर करना,,, शायद कोई
जिन्दगी बच जाये.....❣

5🌹. जिसके पास उम्मीद हैं, वो लाख बार हार के भी, नही हार सकता..❣

6🌹. बादाम खाने से उतनी अक्ल नहीं आती...
जितनी धोखा खाने से आती है...❣

7🌹. एक बहुत अच्छी बात जो जिन्दगी भर याद रखिये,,, आप का खुश रहना ही आप का बुरा चाहने वालों के लिए सबसे बड़ी सजा है....❣

8🌹. खुबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते, अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत नहीं होते...❣

9🌹. रिश्ते और रास्ते एक ही सिक्के के दो पहलु हैं... कभी रिश्ते निभाते निभाते रास्ते खो जाते हैं,,, और कभी रास्तो पर चलते चलते रिश्ते बन जाते हैं...❣

10🌹. बेहतरीन इंसान अपनी मीठी जुबान से ही जाना जाता है,,,, वरना अच्छी बातें तो दीवारों पर भी लिखी होती है...❣

11🌹. दुनिया में कोई काम "impossible" नहीं,,, बस होसला और मेहनत की जरूरत है...❣

12 🌹.प्यार,,, जीन्दगी मे उससे करो जौ आपसे प्यार करता हौ,,,,ना की उससे जीससे आप... करते हो......💐💐💐💐💐💐💐

🌷 वाह रे जमाने तेरी हद हो गई, 🌷🌷
🌷 बीवी के आगे माँ रद्द हो गई !🌷
🌷 बड़ी मेहनत से जिसने पाला,🌷
🌷 आज वो मोहताज हो गई !🌷
🌷 और कल की छोकरी, 🌷
🌷 तेरी सरताज हो गई !🌷
🌷 बीवी हमदर्द और माँ सरदर्द हो गई !🌷
🌷 🌷वाह रे जमाने तेरी हद हो गई.!!🌷🌷
🌷 पेट पर सुलाने वाली, 🌷
🌷 पैरों में सो रही !🌷
🌷 बीवी के लिए लिम्का,🌷
🌷 माँ पानी को रो रही !🌷
🌷 सुनता नहीं कोई, वो आवाज देते सो गई !🌷
🌷 वाह रे जमाने तेरी हद हो गई.!!🌷🌷
🌷 माँ मॉजती बर्तन, 🌷
🌷 वो सजती संवरती है !🌷
🌷 अभी निपटी ना बुढ़िया तू , 🌷
🌷 उस पर बरसती है !🌷
🌷 अरे दुनिया को आई मौत, 🌷
🌷 तेरी कहाँ गुम हो गई !🌷
🌷🌷वाह रे जमाने तेरी हद हो गई .!!🌷🌷
🌷अरे जिसकी कोख में पला, 🌷
🌷 अब उसकी छाया बुरी लगती,🌷
🌷 बैठ होण्डा पे महबूबा, 🌷
🌷 कन्धे पर हाथ जो रखती,🌷
🌷वो यादें अतीत की, 🌷
🌷 वो मोहब्बतें माँ की, सब रद्द हो गई !🌷
🌷🌷वाह रे जमाने तेरी हद हो गई .!!🌷🌷
🌷 बेबस हुई माँ अब, 🌷
🌷 दिए टुकड़ो पर पलती है,🌷
🌷अतीत को याद कर, 🌷
🌷 तेरा प्यार पाने को मचलती है !🌷
🌷 अरे मुसीबत जिसने उठाई, वो खुद मुसीबत
हो गई !🌷
🌷 🌷वाह रे जमाने तेरी हद हो गई .!!🌷🌷
🌷 मां तो जन्नत का फूल है,🌷🌷
प्यार करना उसका उसूल है ,🌷
🌷दुनिया की मोह्ब्बत फिजूल है ,🌷
🌷 मां की हर दुआ कबूल है ,🌷
🌷 मां को नाराज करना इंसान तेरी भूल है ,🌷
🌷 मां के कदमो की मिट्टी जन्नत की धूल है ,❤
_एक बार ज़रूर पढ़े_

*एक किसान की मन की बात*:-
😞😞😞😞😞😞😞😞😞
कहते हैं..

इन्सान सपना देखता है
तो वो ज़रूर पूरा होता है.
मगर
किसान के सपने
कभी पूरे नहीं होते।

बड़े अरमान और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है, और जब तैयार हुई फसल को बेचने मंडी जाता है।

बड़ा खुश होते हुए जाता है...

बच्चों से कहता है...
आज तुम्हारे लिये नये कपड़े लाऊंगा फल और मिठाई भी लाऊंगा।।

पत्नी से कहता है..
तुम्हारी साड़ी भी कितनी पुरानी हो गई है फटने भी लगी है आज एक साड़ी नई लेता आऊंगा।।
😞😞😞😞😞
पत्नी:–”अरे नही जी..!”
“ये तो अभी ठीक है..!”
“आप तो अपने लिये
जूते ही लेते आना कितने पुराने हो गये हैं और फट भी तो गये हैं..!”

जब
किसान मंडी पहुँचता है।

ये उसकी मजबूरी है..
वो अपने माल की कीमत खुद नहीं लगा पाता।

व्यापारी
उसके माल की कीमत
अपने हिसाब से तय करते हैं...

एक
साबुन की टिकिया पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.।

एक
माचिस की डिब्बी पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.।

लेकिन किसान
अपने माल की कीमत खु़द नहीं कर पाता .।

खैर..
माल बिक जाता है,
लेकिन कीमत
उसकी सोच अनुरूप नहीं मिल पाती.।

माल तौलाई के बाद
जब पेमेन्ट मिलता है..

वो सोचता है..
इसमें से दवाई वाले को देना है, खाद वाले को देना है, मज़दूर को देना है ,

अरे हाँ,
बिजली का बिल
भी तो जमा करना है.

सारा हिसाब
लगाने के बाद कुछ बचता ही नहीं.।।

वो मायूस हो
घर लौट आता है।।

बच्चे उसे बाहर ही इन्तज़ार करते हुए मिल जाते हैं...

“पिताजी..! पिताजी..!” कहते हुये उससे लिपट जाते हैं और पूछते हैं:-
“हमारे नये कपडे़ नहीं ला़ये..?”

पिता:–”वो क्या है बेटा..,
कि बाजार में अच्छे कपडे़ मिले ही नहीं,
दुकानदार कह रहा था,
इस बार दिवाली पर अच्छे कपडे़ आयेंगे तब ले लेंगे..!”

पत्नी समझ जाती है, फसल
कम भाव में बिकी है,
वो बच्चों को समझा कर बाहर भेज देती है.।

पति:–”अरे हाँ..!”
“तुम्हारी साड़ी भी नहीं ला पाया..!”

पत्नी:–”कोई बात नहीं जी, हम बाद में ले लेंगे लेकिन आप अपने जूते तो ले आते..!”

पति:– “अरे वो तो मैं भूल ही गया..!”

पत्नी भी पति के साथ सालों से है पति का मायूस चेहरा और बात करने के तरीके से ही उसकी परेशानी समझ जाती है
लेकिन फिर भी पति को दिलासा देती है .।

और अपनी नम आँखों को साड़ी के पल्लू से छिपाती रसोई की ओर चली जाती है.।

फिर अगले दिन..
सुबह पूरा परिवार एक नयी उम्मीद ,
एक नई आशा एक नये सपने के साथ नई फसल की तैयारी के लिये जुट जाता है.।
….

ये कहानी...
हर छोटे और मध्यम किसान की ज़िन्दगी में हर साल दोहराई जाती है।।
…..

हम ये नहीं कहते
कि हर बार फसल के
सही दाम नहीं मिलते,

लेकिन...
जब भी कभी दाम बढ़ें, मीडिया वाले कैमरा ले के मंडी पहुच जाते हैं और खबर को दिन में दस दस बार दिखाते हैं.।।

कैमरे के सामने शहरी महिलायें हाथ में बास्केट ले कर अपना मेकअप ठीक करती मुस्कराती हुई कहती हैं...
सब्जी के दाम बहुत बढ़ गये हैं हमारी रसोई का बजट ही बिगड़ गया.।।
………

कभी अपने बास्केट को कोने में रख कर किसी खेत में जा कर किसान की हालत तो देखिये.।

वो किस तरह
फसल को पानी देता है.।।

25 लीटर दवाई से भरी हुई टंकी पीठ पर लाद कर छिङ़काव करता है||

20 किलो खाद की
तगाड़ी उठा कर खेतों में घूम-घूम कर फसल को खाद देता है.||

अघोषित बिजली कटौती के चलते रात-रात भर बिजली चालू होने के इन्तज़ार में जागता है.||

चिलचिलाती धूप में
सिर का पसीना पैर तक बहाता है.|

ज़हरीले जन्तुओं
का डर होते भी
खेतों में नंगे पैर घूमता है.||
……

जिस दिन
ये वास्तविकता
आप अपनी आँखों से
देख लेंगे, उस दिन आपके
किचन में रखी हुई सब्ज़ी, प्याज़, गेहूँ, चावल, दाल, फल, मसाले, दूध
सब सस्ते लगने लगेंगे.||

Sunday, July 30, 2017

बचपन मे 1 रु. की पतंग के पीछे
२ की.मी. तक भागते थे...
न जाने कीतने चोटे लगती थी...

वो पतंग भी हमे बहोत दौड़ाती थी...

आज पता चलता है,
दरअसल वो पतंग नहीं थी;
एक चेलेंज थी...

खुशीओं को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता है...
वो दुकानो पे नहीं मिलती...

शायद यही जिंदगी की दौड़ है ...!!!😊👍

 जब  बचपन  था,  तो  जवानी  एक  ड्रीम  था...
जब  जवान  हुए,  तो  बचपन  एक  ज़माना  था... !!

जब  घर  में  रहते  थे,  आज़ादी  अच्छी  लगती  थी...

आज  आज़ादी  है,  फिर  भी  घर  जाने  की   जल्दी  रहती  है... !!

कभी  होटल  में  जाना  पिज़्ज़ा,  बर्गर  खाना  पसंद  था...

 आज  घर  पर  आना  और  माँ  के  हाथ  का  खाना  पसंद  है... !!!

स्कूल  में  जिनके  साथ  ज़गड़ते  थे,  आज  उनको  ही  इंटरनेट  पे  तलाशते  है... !!

ख़ुशी  किसमे  होतीं है,  ये  पता  अब  चला  है...
बचपन  क्या  था,  इसका  एहसास  अब  हुआ  है...

काश  बदल  सकते  हम  ज़िंदगी  के  कुछ  साल..

.काश  जी  सकते  हम,  ज़िंदगी  फिर  एक  बार...!!


👘 जब हम अपने शर्ट में हाथ छुपाते थे
और लोगों से कहते फिरते थे देखो मैंने
अपने हाथ जादू से हाथ गायब कर दिए
|🌀🌀

✏जब हमारे पास चार रंगों से लिखने
वाली एक पेन हुआ करती थी और हम
सभी के बटन को एक साथ दबाने
की कोशिश किया करते थे |❤💚💙💜

👻 जब हम दरवाज़े के पीछे छुपते थे
ताकि अगर कोई आये तो उसे डरा सके..👥


👀जब आँख बंद कर सोने का नाटक करते
थे ताकि कोई हमें गोद में उठा के बिस्तर तक पहुचा दे |


🚲सोचा करते थे की ये चाँद
हमारी साइकिल के पीछे पीछे
क्यों चल रहा हैं |🌙🚲


🔦💡On/Off वाले स्विच को बीच में
अटकाने की कोशिश किया करते थे |


🍏🍎🍉🍑🍈 फल के बीज को इस डर से नहीं खाते
थे की कहीं हमारे पेट में पेड़ न उग जाए |


🍰🎂🍧🏆🎉🎁 बर्थडे सिर्फ इसलिए मनाते थे
ताकि ढेर सारे गिफ्ट मिले |

🔆फ्रिज को धीरे से बंद करके ये जानने
की कोशिश करते थे की इसकी लाइट
कब बंद होती हैं |


🎭  सच , बचपन में सोचते हम बड़े
क्यों नहीं हो रहे ?


और अब सोचते हम बड़े क्यों हो गए ?⚡⚡


🎒🎐ये दौलत भी ले लो..ये शोहरत भी ले लो💕


भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी...

मगर मुझको लौटा दो बचपन
का सावन ....☔

वो कागज़
की कश्ती वो बारिश का पानी

1. *सन्डे को पति अगर देर तक सोया रहे तो..*

बीवी : “अब उठ
भी जाओ ! तुम्हारे जैसा
भी कोई है क्या ?
छुट्टी है तो इसका मतलब
यह नहीं कि सोते
ही रहोगे।”
😐😐😐😐😐

2. *सन्डे को पति अगर जल्दी उठ जाये तो..*

बीवी: “पिछले
जन्म में मुर्गे थे क्या ? एक दिन तो चैन से सोने को मिलता है, उसमें भी
ठीक 5:30 बजे उठ कर
कुकडू-कू करने लगते हो। इतना जल्दी उठकर क्या पहाड़ तोड़ लाओगे ?”
😟😟😟😟😟😟

3. *सन्डे को पति अगर घर पे ही रहे तो..*

बीवी: “कुछ काम
भी कर लिया करो। हफ्ते भर
बाट देखते है तुम्हारे सन्डे
की, उसे भी तुम
केवल नहाने धोने में ही लगा
देते हो।”
🙃🙃🙃🙃🙃

4. *सन्डे को पति अगर घर से देर तक बाहर रहे तो..*

बीवी : “कहाँ थे
तुम आज पूरा दिन ? आज सन्डे है,
कभी मुँह से भगवान का नाम
भी ले लिया करो।”
😇😇😇😇😇

5. *”सन्डे को पति अगर पूजा करे तो…”*

बीवी : “ये घन्टी बजाते रहने से कुछ नहीं होने वाला। अगर ऐसा होता तो इस दुनिया के रईसों में टाटा या बिल
गेट्स का नाम नहीं होता
बल्कि किसी पुजारी
का नाम होता।”
😞😞😞😞😞

6. *अगर टाटा या बिल गेट्स जैसा बनने के लिए पति दिन रात मेहनत करे तो..*

बीवी : “हर वक़्त
काम, काम काम…. तुम्हें अपने ऑफिस के
ही सात फेरे ले लेने चाहिए
थे। हम क्या यहाँ पर बंधुआ मजदूर है
जो सारा दिन काम करें और शाम को तुम्हारा
इंतज़ार करें ?”
😟😟😟😟😟😟

7. *पति अगर पत्नी को घुमाने के लिए ले जाए तो….*

बीवी : “हमारे बीच वाले जीजा
जी तो दीदी को हर
महीने घुमाने ले जाते हैं और
वो भी स्विट्ज़रलैंड और
दार्जिलिंग जैसी जगहों पर।
तुम्हारी तरह *हरिद्वार”*
नहाने नहीं जाते।
🙃🙃🙃🙃🙃🙃

8. *पति अगर अपनी*
*ऐसी तैसी करा कर नैनीताल,* *मसूरी, गोवा, माउन्ट आबू, ऊटी जैसी जगहों पर घुमाने ले भी जाए तो..*

बीवी : “अपना घर
ही सबसे अच्छा है। बेकार
ही पैसे लुटाते फिरते है। इधर
उधर बंजारों की तरह घूमते
फिरो। क्या रखा है घूमने में ? इतने पैसे से,
अगर घर पर ही रहते तो पूरे
2 साल के लिए कपड़े खरीद
सकत
पूरा पढ़ें मज़ा नही आया तो आज से पोस्ट बंद।*

*आखिर पत्नी क्या है..?*

😛
*फौजी:* सारे दुश्मन हमसे डरते हैं और हम बीवी से !

😛
*मोची:* मैं जूतों की मरम्मत करता हूं और बीवी मेरी !

😛
*टीचर:* मैं कॉलेज में लैक्चर देता हूं और घर में बीवी से सुनता हूं !

😛
*ऑफिसर:* मैं ऑफिस में बॉस हूं और घर में बीवी का नौकर !

😛
*जज:* मैं कोर्ट में फैसला सुनाता हूं और घर में इंसाफ के लिए तरसता हूं !

😛
*दुकानदार :* मैं दुनिया को बनाता हूँ फिर घर में पत्नी मुझे बनाती है !

😛
*डॉक्टर :* मैं दुनिया को ठीक करता हूँ और घर में बीवी मुझे ठीक करती है !

😛
*फेसबुकिया :* मैं दुनिया को पकाता हूँ और घर में बीवी मुझे पकाती है !

😛
*अकाउंटेंट :* मैं दुनिया का हिसाब रखता हूँ और बीवी मेरा हिसाब बराबर करती है !

😛
{फैसला आपके हाथ में है.. *कुंवारे* रहो *खुश* रहो *No wife easy life*}

*जो शादी कर चुके हैं वो सब्र करें ।*

*शादी के बाद पत्नी कैसे बदलती है,*

*जरा गौर कीजिए :*

😛
*पहले साल :* मैंने कहा जी खाना खा लीजिए , आपने काफी देर से कुछ खाया नहीं ।

😛
*दूसरे साल :* जी खाना तैयार है , लगा दूं ?

😛
*तीसरे साल :* खाना बन चुका है , जब खाना हो तब बता देना ।

😛
*चौथे साल :* खाना बनाकर रख दिया है , मैं बाजार जा रही हूं , खुद ही निकाल कर खा लेना ।

😛
*पांचवे साल :* मैं कहती हूं आज मुझ से खाना नहीं बनेगा , होटल से ले आओ ।

😛
*छठे साल :* जब देखो खाना , खाना और खाना , अभी सुबह ही तो खाया था ।

😛
*शादी के बाद पति कैसे बदलते है,*

*जरा गौर कीजिए*

😛
*पहले साल :* dear संभलकर उधर गड्ढा हैं

😛
*दूसरे साल :* अरे यार देख के उधर गड्ढा हैं

😛
*तीसरे साल :* दिखता नहीं उधर गड्ढा हैं

😛
*चोथे साल : अंधी हैं क्या गड्ढा नहीं दिखता*

😛
*पांचवे साल :* अरे उधर -किधर मरने जा रही हैं गड्ढा तो इधर हैं ..

😂😝 *मुस्कुराते रहिये...*😝😀😛

*हंसना ही जिन्दगी है।*
*वरना शांत तो मुर्दे रहते हैं।*

*Tribute to all married man
 जो *पिता* के पैरों को छूता है
           वो कभी *गरीब* नहीं होता।

जो *मां* के पैरों को छूता है
         वो कभी *बदनसीब* नही होता।

जो *भाई* के पैराें को छूता है
         वो कभी *गमगीन* नही होता।

जो *बहन* के पैरों को छूता है
       वो कभी *चरित्रहीन* नहीं होता।

*जो गुरू के पैरों को छूता है*
         *उस जैसा कोई*
                *खुशनसीब नहीं होता*.......

💞अच्छा *दिखने* के लिये मत जिओ
          बल्कि *अच्छा* बनने के लिए जिओ💞

 💞जो *झुक* सकता है वह सारी
          ☄दुनिया को *झुका* सकता है 💞


 💞 अगर बुरी आदत *समय पर न बदली* जाये
          तो बुरी आदत *समय बदल देती* है💞


  💞चलते रहने से ही *सफलता* है,
          रुका हुआ तो पानी भी *बेकार* हो जाता है 💞

💞 *झूठे दिलासे* से *स्पष्ट इंकार* बेहतर है
   अच्छी *सोच*, अच्छी *भावना*,
          अच्छा *विचार* मन को हल्का करता है💞

💞मुसीबत सब पर आती है,
          कोई *बिखर* जाता है
            और कोई *निखर* जाता है💞
💞दुनिया की ताकतवर चीज है *"लोहा"*🔩
       जो सबको काट डालता है ....
लोहे से ताकतवर है *"आग"*🔥
        💞जो लोहे को पिघला देती है....💞
💞आग से ताकतवर है *"पानी"*🌧
        ☄जो आग को बुझा देता है.... 💞
💞और पानी से ताकतवर है *"इंसान"*
        जो उसे पी जाता है....💞
💞इंसान से भी ताकतवर है *"मौत"*
         जो उसे खा जाती है....💞
💞और मौत से भी ताकतवर है *"दुआ"*
      जो मौत को भी टाल सकती है...💞

 💞 "तेरा मेरा"करते एक दिन चले जाना है...
         जो भी कमाया यही रह जाना है💞
      *💞कर ले कुछ अच्छे कर्म💞*
      *💞साथ यही तेरे आना है💞*

        *💞मुझे वो 👌🏼रिश्ते पसंद है,*
    *जिनमें "मैं" नहीं "हम"हो💞*✍🏻

*♥♥Radhe Radhe

Thursday, July 27, 2017

*⭕  हृदय परिवर्तन  ⭕*
~~~~~~~~~~~~~~

♦ एक राजा को राज भोगते काफी समय हो गया था । बाल भी सफ़ेद होने लगे थे । एक दिन उसने अपने दरबार में उत्सव रखा और अपने गुरुदेव एवं मित्र देश के राजाओं को भी सादर आमन्त्रित किया । उत्सव को रोचक बनाने के लिए राज्य की सुप्रसिद्ध नर्तकी को भी बुलाया गया ।

♦ राजा ने कुछ स्वर्ण मुद्रायें अपने गुरु जी को भी दीं, ताकि नर्तकी के अच्छे गीत व नृत्य पर वे उसे पुरस्कृत कर सकें । सारी रात नृत्य चलता रहा । ब्रह्म मुहूर्त की बेला आयी । नर्तकी ने देखा कि मेरा तबले वाला ऊँघ रहा है, उसको जगाने के लिए नर्तकी ने एक दोहा पढ़ा - *"बहु बीती, थोड़ी रही, पल पल गयी बिताई । एक पलक के कारने, ना कलंक लग जाए ।"*

♦ अब इस दोहे का अलग-अलग व्यक्तियों ने अपने अनुरुप अर्थ निकाला । तबले वाला सतर्क होकर बजाने लगा ।

♦ जब यह बात गुरु जी ने सुनी । गुरु जी ने सारी मोहरें उस नर्तकी के सामने फैंक दीं ।

♦ वही दोहा नर्तकी ने फिर पढ़ा तो राजा की लड़की ने अपना नवलखा हार नर्तकी को भेंट कर दिया ।

♦ उसने फिर वही दोहा दोहराया तो राजा के पुत्र युवराज ने अपना मुकट उतारकर नर्तकी को समर्पित कर दिया ।

♦ नर्तकी फिर वही दोहा दोहराने लगी तो राजा ने कहा - "बस कर, एक दोहे से तुमने वेश्या होकर सबको लूट लिया है ।"

♦ जब यह बात राजा के गुरु ने सुनी तो गुरु के नेत्रों में आँसू आ गए और गुरु जी कहने लगे - "राजा ! इसको तू वेश्या मत कह, ये अब मेरी गुरु बन गयी है । इसने मेरी आँखें खोल दी हैं । यह कह रही है कि मैं सारी उम्र जंगलों में भक्ति करता रहा और आखिरी समय में नर्तकी का मुज़रा देखकर अपनी साधना नष्ट करने यहाँ चला आया हूँ, भाई ! मैं तो चला ।" यह कहकर गुरु जी तो अपना कमण्डल उठाकर जंगल की ओर चल पड़े ।

♦ राजा की लड़की ने कहा - "पिता जी ! मैं जवान हो गयी हूँ । आप आँखें बन्द किए बैठे हैं, मेरी शादी नहीं कर रहे थे और आज रात मैंने आपके महावत के साथ भागकर अपना जीवन बर्बाद कर लेना था । लेकिन इस नर्तकी ने मुझे सुमति दी है कि जल्दबाजी मत कर कभी तो तेरी शादी होगी ही । क्यों अपने पिता को कलंकित करने पर तुली है ?"

♦ युवराज ने कहा - "पिता जी ! आप वृद्ध हो चले हैं, फिर भी मुझे राज नहीं दे रहे थे । मैंने आज रात ही आपके सिपाहियों से मिलकर आपका कत्ल करवा देना था । लेकिन इस नर्तकी ने समझाया कि पगले ! आज नहीं तो कल आखिर राज तो तुम्हें ही मिलना है, क्यों अपने पिता के खून का कलंक अपने सिर पर लेता है । धैर्य रख ।"

♦ जब ये सब बातें राजा ने सुनी तो राजा को भी आत्म ज्ञान हो गया । राजा के मन में वैराग्य आ गया । राजा ने तुरन्त फैंसला लिया - "क्यों न मैं अभी युवराज का राजतिलक कर दूँ ।" फिर क्या था, उसी समय राजा ने युवराज का राजतिलक किया और अपनी पुत्री को कहा - "पुत्री ! दरबार में एक से एक राजकुमार आये हुए हैं । तुम अपनी इच्छा से किसी भी राजकुमार के गले में वरमाला डालकर पति रुप में चुन सकती हो ।" राजकुमारी ने ऐसा ही किया और राजा सब त्याग कर जंगल में गुरु की शरण में चला गया ।

♦ यह सब देखकर नर्तकी ने सोचा - "मेरे एक दोहे से इतने लोग सुधर गए, लेकिन मैं क्यूँ नहीं सुधर पायी ?" उसी समय नर्तकी में भी वैराग्य आ गया । उसने उसी समय निर्णय लिया कि आज से मैं अपना बुरा धंधा बन्द करती हूँ और कहा कि "हे प्रभु ! मेरे पापों से मुझे क्षमा करना । बस, आज से मैं सिर्फ तेरा नाम सुमिरन करुँगी ।"

♦ समझ आने की बात है, दुनिया बदलते देर नहीं लगती । एक दोहे की दो लाईनों से भी हृदय परिवर्तन हो सकता है । बस, केवल थोड़ा धैर्य रखकर चिन्तन करने की आवश्यकता है ।

♦ प्रशंसा से पिंघलना मत, आलोचना से उबलना मत, नि:स्वार्थ भाव से कर्म करते रहो, क्योंकि इस धरा का, इस धरा पर, सब धरा रह जाये।
: Indian family loves and cares about each other at every moment!! .....

For instance!

Bimar ek hota hai aur khichadi pura ghar khata hai.... 😝😉

We Indians Are Unique
😜 😷  😎  😍  😭  👼

1. Every Indian bachelor wants to marry a fair girl.😱 😡 😜

2. We spend more time talking to guests at the door when they are leaving than while sitting in the living room.😏

3. Picking up/dropping a relative (airport / railway stn) is an important family affair.😎😄

4. We thrive on street food and we don't get sick.😉

5. Every Indian mother has 2 careers - Working / Housewife + Match Making.😂😜

6. Indian girls have 3 type of brothers. Real brother, Cousin brother, Rakhee brother.😷  

7. The bride must cry at her Vidai. She has no business looking happy.👩😢

8. We go on cleaning sprees only when we have guests coming over.😂😂
And mind you,  only Indians will use soiled cloth as a cleaning duster.( Very imp- it has to be old T shirt or banian.😜😜

9. However old we are, our parents need to know every detail of our schedule. Daily. No excuses.  No exemption.😷 😜

10. When Indian parents buy tickets, every child becomes under 12 Getting a half ticket is a huge victory!
😁

11. If we live in another city and don't call our Mom daily , she’ll freak out and call all our friends to make sure we are alive.😜👦👧😜

12. No other nationality can beat Indians in bargaining. “Chalo bhaiya . Na tera na mera. Itne paise theek hain.”
😅

13. No matter if we are Convent educated.
When we are actually angry, we switch to highly effective, dirty, swear words in our mother tongue.
🙊🙉🙈

14. When the doorbell rings, a male or kid goes to open the door. But the female runs for her dupatta.😂😜

15. Why to change the remote batteries when you can just slap the remote and make it work?
😜

16. Meeting a person with the same surname is like finding a long lost twin.

 Dont laugh alone pass it on....😄😄
😂😂😂😂
Mindblastingly true
एक बार इसे शांत चित्त से जरूर पढिए।

हर लडकी के लिए प्रेरक कहानी...
और लड़कों के लिए अनुकरणीय शिक्षा...,

कोई भी लडकी की सुदंरता उसके चेहरे से ज्यादा दिल की होती है।
...
...पति
ने घर मेँ पैर रखा....‘अरी सुनती हो !'

आवाज सुनते ही पत्नी हाथ मेँ पानी का गिलास लेकर बाहर आयी और बोली

"अपनी beti का रिश्ता आया है,

अच्छा भला इज्जतदार सुखी परिवार है,
लडके का नाम युवराज है ।
बैँक मे काम करता है।
बस beti  हाँ कह दे तो सगाई कर देते है."

Beti उनकी एकमात्र लडकी थी..

घर मेँ हमेशा आनंद का वातावरण रहता था ।

कभी कभार सिगरेट व पान मसाले के कारण उनकी पत्नी और beti के साथ कहा सुनी हो जाती लेकिन
वो मजाक मेँ निकाल देते ।

Beti खूब समझदार और संस्कारी थी ।

S.S.C पास करके टयुशन, सिलाई काम करके पिता की मदद करने की कोशिश करती ।

अब तो beti ग्रेज्यूऐट हो गई थी और नौकरी भी करती थी
लेकिन बाप उसकी पगार मेँ से एक रुपया भी नही लेते थे...

और रोज कहते ‘बेटी यह पगार तेरे पास रख तेरे भविष्य मेँ तेरे काम आयेगी ।'

दोनो घरो की सहमति से beti  और
युवराज की सगाई कर दी गई और शादी का मुहूर्त भी निकलवा दिया.

अब शादी के 15 दिन और बाकी थे.

बाप ने beti को पास मेँ बिठाया और कहा-

" बेटा तेरे ससुर से मेरी बात हुई...उन्होने कहा दहेज मेँ कुछ नही लेँगे, ना रुपये, ना गहने और ना ही कोई चीज ।

तो बेटा तेरे शादी के लिए मेँने कुछ रुपये जमा किए है।

यह दो लाख रुपये मैँ तुझे देता हूँ।.. तेरे भविष्य मेँ काम आयेगे, तू तेरे खाते मे जमा करवा देना.'

"OK PAPA" - beti ने छोटा सा जवाब देकर अपने रुम मेँ चली गई.

समय को जाते कहाँ देर लगती है ?

शुभ दिन बारात आंगन में आयी,

पंडितजी ने चंवरी मेँ विवाह विधि शुरु की।
फेरे फिरने का समय आया....

कोयल जैसे कुहुकी हो ऐसे beti दो शब्दो मेँ बोली

"रुको पडिण्त जी ।
मुझे आप सब की उपस्तिथि मेँ मेरे पापा के साथ बात करनी है,"

“पापा आप ने मुझे लाड प्यार से बडा किया, पढाया, लिखाया खूब प्रेम दिया इसका कर्ज तो चुका सकती नही...

लेकिन युवराज और मेरे ससुर जी की सहमति से आपने दिया दो लाख रुपये का चेक मैँ वापस देती हूँ।

इन रुपयों से मेरी शादी के लिए लिये हुए उधार वापस दे देना
और दूसरा चेक तीन लाख जो मेने अपनी पगार मेँ से बचत की है...

जब आप रिटायर होगेँ तब आपके काम आयेगेँ,
मैँ नही चाहती कि आप को बुढापे मेँ आपको किसी के आगे हाथ फैलाना पडे !

अगर मैँ आपका लडका होता तब भी इतना तो करता ना ? !!! "

वहाँ पर सभी की नजर beti  पर थी...

“पापा अब मैं आपसे जो दहेज मेँ मांगू वो दोगे ?"

बाप- भारी आवाज मेँ -"हां बेटा", इतना ही बोल सके ।

"तो पापा मुझे वचन दो"
आज के बाद सिगरेट के हाथ नही लगाओगे....

तबांकु, पान-मसाले का व्यसन आज से छोड दोगे।

सब की मौजुदगी मेँ दहेज मेँ बस इतना ही मांगती हूँ ।."

लडकी का बाप मना कैसे करता ?

शादी मे लडकी की विदाई समय कन्या पक्ष को रोते देखा होगा लेकिन

आज तो बारातियो कि आँखो मेँ आँसुओ कि धारा निकल चुकी थी।

मैँ दूर se us beti को लक्ष्मी रुप मे देख रहा था....

रुपये का लिफाफा मैं अपनी जेब से नही निकाल पा रहा था....

साक्षात लक्ष्मी को मैं कैसे लक्ष्मी दूं ??

लेकिन एक सवाल मेरे मन मेँ जरुर उठा,

“भ्रूण हत्या करने वाले लोगो को is जैसी लक्ष्मी मिलेगी क्या" ???
" "🌹बहूत सुंदर कथा 🌹" " "

मेरा वृन्दावन

 एक राजा ने भगवान कृष्ण का एक मंदिर बनवाया
और पूजा के लिए एक पुजारी को लगा दिया. पुजारी बड़े भाव से
बिहारीजी की सेवा करने लगे. भगवान की पूजा-अर्चना और
सेवा-टहल करते पुजारी की उम्र बीत गई. राजा रोज एक फूलों की
माला सेवक के हाथ से भेजा करता था.पुजारी वह माला बिहारीजी
को पहना देते थे. जब राजा दर्शन करने आता तो पुजारी वह माला बिहारीजी के गले से उतारकर राजा को पहना देते थे. यह रोज का
नियम था. एक दिन राजा किसी वजह से मंदिर नहीं जा सका.
उसने एक सेवक से कहा- माला लेकर मंदिर जाओ. पुजारी से कहना
आज मैं नहीं आ पाउंगा. सेवक ने जाकर माला पुजारी को दे दी और
बता दिया कि आज महाराज का इंतजार न करें. सेवक वापस आ
गया. पुजारी ने माला बिहारीजी को पहना दी. फिर उन्हें विचार आया कि आज तक मैं अपने बिहारीजी की चढ़ी माला
राजा को ही पहनाता रहा. कभी ये सौभाग्य मुझे नहीं
मिला.जीवन का कोई भरोसा नहीं कब रूठ जाए. आज मेरे प्रभु ने
मुझ पर बड़ी कृपा की है. राजा आज आएंगे नहीं, तो क्यों न माला
मैं पहन लूं. यह सोचकर पुजारी ने बिहारीजी के गले से माला
उतारकर स्वयं पहन ली. इतने में सेवक आया और उसने बताया कि राजा की सवारी बस मंदिर में पहुंचने ही वाली है.यह सुनकर
पुजारी कांप गए. उन्होंने सोचा अगर राजा ने माला मेरे गले में देख
ली तो मुझ पर क्रोधित होंगे. इस भय से उन्होंने अपने गले से
माला उतारकर बिहारीजी को फिर से पहना दी. जैसे ही राजा
दर्शन को आया तो पुजारी ने नियम अुसार फिर से वह माला
उतार कर राजा के गले में पहना दी. माला पहना रहे थे तभी राजा को माला में एक सफ़ेद बाल दिखा.राजा को सारा माजरा समझ गया
कि पुजारी ने माला स्वयं पहन ली थी और फिर निकालकर
वापस डाल दी होगी. पुजारी ऐसाछल करता है, यह सोचकर राजा
को बहुत गुस्सा आया. उसने पुजारी जी से पूछा- पुजारीजी यह
सफ़ेद बाल किसका है.? पुजारी को लगा कि अगर सच बोलता हूं
तो राजा दंड दे देंगे इसलिए जान छुड़ाने के लिए पुजारी ने कहा- महाराज यहसफ़ेद बाल तो बिहारीजी का है. अब तो राजा गुस्से
से आग- बबूला हो गया कि ये पुजारी झूठ पर झूठ बोले जा रहा
है.भला बिहारीजी के बाल भी कहीं सफ़ेद होते हैं. राजा ने कहा-
पुजारी अगर यह सफेद बाल बिहारीजी का है तो सुबह शृंगार के
समय मैं आउंगा और देखूंगा कि बिहारीजी के बाल सफ़ेद है या
काले. अगर बिहारीजी के बाल काले निकले तो आपको फांसी हो जाएगी. राजा हुक्म सुनाकर चला गया.अब पुजारी रोकर
बिहारीजी से विनती करने लगे- प्रभु मैं जानता हूं आपके
सम्मुख मैंने झूठ बोलने का अपराध किया. अपने गले में डाली
माला पुनः आपको पहना दी. आपकी सेवा करते-करते वृद्ध हो
गया. यह लालसा ही रही कि कभी आपको चढ़ी माला पहनने का
सौभाग्य मिले. इसी लोभ में यह सब अपराध हुआ. मेरे ठाकुरजी पहली बार यह लोभ हुआ और ऐसी विपत्ति आ पड़ी है. मेरे
नाथ अब नहींहोगा ऐसा अपराध. अब आप ही बचाइए नहीं तो
कल सुबह मुझे फाँसी पर चढा दिया जाएगा. पुजारी सारी रात रोते
रहे. सुबह होते ही राजा मंदिर में आ गया. उसने कहा कि आज
प्रभु का शृंगार वह स्वयं करेगा. इतना कहकर राजा ने जैसे ही मुकुट
हटाया तो हैरान रह गया. बिहारीजी के सारे बाल सफ़ेद थे. राजा को लगा, पुजारी ने जान बचाने के लिए बिहारीजी के बाल रंग
दिए होंगे. गुस्से से तमतमाते हुए उसने बाल की जांच करनी
चाही. बाल असली हैं या नकली यब समझने के लिए उसने जैसे
ही बिहारी जी के बाल तोडे, बिहारीजी के सिर से खून
कीधार बहने लगी. राजा ने प्रभु के चरण पकड़ लिए और क्षमा
मांगने लगा. बिहारीजी की मूर्ति से आवाज आई- राजा तुमने आज तक मुझे केवल मूर्ति ही समझा इसलिए आज से मैं तुम्हारे
लिए मूर्ति ही हूँ. पुजारीजी मुझे साक्षात भगवान् समझते हैं.
उनकी श्रद्धा की लाज रखने के लिए आज मुझे अपने बाल सफेद
करने पड़े व रक्त की धार भी बहानी पड़ी तुझे समझाने के लिए.
यह कहानी किसी पुराण से तो नहीं है लेकिन इसका मर्म
किसी पुराण की कथा से कम भी नहीं है. कहते हैं- समझो तो देव नहीं तो पत्थर.श्रद्धा हो तो उन्हीं पत्थरों में भगवान सप्राण
होकर भक्त से मिलने आ जाएंगे ।।

Monday, July 24, 2017

ज्योतिष व शास्त्रो के अनुसार नौ आदते आपके जीवन में अवशय होनी चाहिये– पढ़े और सभी को बताए

घरेलू उपचार
 १)👉::
अगर आपको कहीं पर भी थूकने की आदत है तो यह निश्चित है
 कि आपको यश, सम्मान अगर मुश्किल से मिल भी जाता है तो कभी टिकेगा ही नहीं . wash basin में ही यह काम कर आया करें ! यश,मान-सम्मान में अभिवृध्दि होगी।

२)👉::
जिन लोगों को अपनी जूठी थाली या बर्तन वहीं उसी जगह पर छोड़ने की आदत होती है उनको सफलता कभी भी स्थायी रूप से नहीं मिलती.!
बहुत मेहनत करनी पड़ती है और ऐसे लोग अच्छा नाम नहीं कमा पाते.! अगर आप अपने जूठे बर्तनों को उठाकर उनकी सही जगह पर रख आते हैं तो चन्द्रमा और शनि का आप सम्मान करते हैं ! इससे मानसिक शांति बढ़ कर अड़चनें दूर होती हैं।

३)👉::
जब भी आपके घर पर कोई भी बाहर से आये, चाहे मेहमान हो या कोई काम करने वाला, उसे स्वच्छ पानी ज़रुर पिलाएं !
ऐसा करने से हम राहु का सम्मान करते हैं.!
जो लोग बाहर से आने वाले लोगों को हमेशा स्वच्छ पानी पिलाते हैं उनके घर में कभी भी राहु का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता.! अचानक आ पड़ने वाले कष्ट-संकट नहीं आते।

४)👉::
घर के पौधे आपके अपने परिवार के सदस्यों जैसे ही होते हैं, उन्हें भी प्यार और थोड़ी देखभाल की जरुरत होती है.!
जिस घर में सुबह-शाम पौधों को पानी दिया जाता है तो हम बुध, सूर्य और चन्द्रमा का सम्मान करते हुए परेशानियों का डटकर सामना कर पाने का सामर्थ्य आ पाता है ! परेशानियां दूर होकर सुकून आता है।
 जो लोग नियमित रूप से पौधों को पानी देते हैं, उन लोगों को depression, anxiety जैसी परेशानियाँ नहीं पकड़ पातीं.!

५)👉::
जो लोग बाहर से आकर अपने चप्पल, जूते, मोज़े इधर-उधर फैंक देते हैं, उन्हें उनके शत्रु बड़ा परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए अपने चप्पल-जूते करीने से लगाकर रखें, आपकी प्रतिष्ठा बनी रहेगी।

६)👉::
उन लोगों का राहु और शनि खराब होगा, जो लोग जब भी अपना बिस्तर छोड़ेंगे तो उनका बिस्तर हमेशा फैला हुआ होगा, सिलवटें ज्यादा होंगी, चादर कहीं, तकिया कहीं, कम्बल कहीं ?
उसपर ऐसे लोग अपने पुराने पहने हुए कपडे़ तक फैला कर रखते हैं ! ऐसे लोगों की पूरी दिनचर्या कभी भी व्यवस्थित नहीं रहती, जिसकी वजह से वे खुद भी परेशान रहते हैं और दूसरों को भी परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए उठते ही स्वयं अपना बिस्तर समेट दें.! जीवन आश्चर्यजनक रूप से सुंदर होता चला जायेगा।

७)👉::
पैरों की सफाई पर हम लोगों को हर वक्त ख़ास ध्यान देना चाहिए, जो कि हम में से बहुत सारे लोग भूल जाते हैं ! नहाते समय अपने पैरों को अच्छी तरह से धोयें, कभी भी बाहर से आयें तो पांच मिनट रुक कर मुँह और पैर धोयें.!
आप खुद यह पाएंगे कि आपका चिड़चिड़ापन कम होगा, दिमाग की शक्ति बढे़गी और क्रोध
 धीरे-धीरे कम होने लगेगा.! आनंद बढ़ेगा।

८)👉::
रोज़ खाली हाथ घर लौटने पर धीरे-धीरे उस घर से लक्ष्मी चली जाती है और उस घर के सदस्यों में नकारात्मक या निराशा के भाव आने लगते हैं.!
इसके विपरीत घर लौटते समय कुछ न कुछ वस्तु लेकर आएं तो उससे घर में बरकत बनी रहती है.!
उस घर में लक्ष्मी का वास होता जाता है.! हर रोज घर में कुछ न कुछ लेकर आना वृद्धि का सूचक माना गया है.!
ऐसे घर में सुख, समृद्धि और धन हमेशा बढ़ता जाता है और घर में रहने वाले सदस्यों की भी तरक्की होती है.!

९)👉..
जूठन बिल्कुल न छोड़ें । ठान लें । एकदम तय कर लें। पैसों की कभी कमी नहीं होगी।
 अन्यथा नौ के नौ गृहों के खराब होने का खतरा सदैव मंडराता रहेगा। कभी कुछ कभी कुछ । करने के काम पड़े रह जायेंगे और समय व पैसा कहां जायेगा पता ही नहीं चलेगा।
🙏
अच्छी बातें बाँटने से दोगुनी तो होती ही हैं
– अच्छी बातों का महत्त्व समझने वालों में आपकी इज़्जत भी बढ़ती है
कभी कभी
 आप अपनी जिंदगी से
 निराश हो जाते हैं,
जबकि
 दुनिया में उसी समय
 कुछ लोग
 आपकी जैसी जिंदगी
 जीने का सपना देख रहे होते हैं।

घर पर खेत में खड़ा बच्चा
 आकाश में उड़ते हवाई जहाज
 को देखकर
 उड़ने का सपना देख रहा होता है,
परंतु
 उसी समय
 उसी हवाई जहाज का पायलट
 खेत ओर बच्चे को देख
 घर लौटने का सपना
 देख रहा होता है।

यही जिंदगी है।
 जो तुम्हारे पास है उसका मजा लो।

अगर धन-दौलत रूपया पैसा ही
 खुशहाल होने का सीक्रेट होता,
तो अमीर लोग नाचते दिखाई पड़ते,
लेकिन सिर्फ गरीब बच्चे
 ऐसा करते दिखाई देते हैं।

अगर पाॅवर (शक्ति) मिलने से
 सुरक्षा आ जाती
 तो
 नेता अधिकारी
 बिना सिक्युरिटी के नजर आते।
 परन्तु
 जो सामान्य जीवन जीते हैं,
वे चैन की नींद सोते हैं।

अगर खुबसुरती और प्रसिद्धि
 मजबूत रिश्ते कायम कर सकती
 तो
 सेलीब्रिटीज् की शादियाँ
 सबसे सफल होती।
 जबकि इनके तलाक
 सबसे सफल होते हैं

इसलिए दोस्तों,
यह जिंदगी ......

सभी के लिए खुबसुरत है
 इसको जी भरकर जीयों,
इसका भरपूर लुत्फ़ उठाओ
 क्योंकि
 जिदंगी ना मिलेगी दोबारा...

सामान्य जीवन जियें...
विनम्रता से चलें ...
और
 ईमानदारी पूर्वक प्यार करें...

स्वर्ग यहीं है
 एक ट्रक के पीछे एक
 बड़ी अच्छी बात लिखी देखी....

"ज़िन्दगी एक सफ़र है,आराम से चलते रहो
 उतार-चढ़ाव तो आते रहेंगें, बस गियर बदलते रहो"
 "सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए
 और
 जिंदगी का मजा लेना हैं तो दिल में अरमान कम रखिए !!

तज़ुर्बा है हमारा... . .. मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने .....पाँव फिसलते देखे हैं...!

👌👌👌👌😇😇

जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों,

यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा!

जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में ....

जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रह गए...

👌👌👌👌👌👌👌

पैसा इन्सान को ऊपर ले जा सकता है;

लेकिन इन्सान पैसा ऊपर नही ले जा सकता......

👌👌👌👌👌👌👌👌

कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है....

पर रोटी की साईज़ लगभग सब घर में एक जैसी ही होती है।

:👌 शानदार बात👌

इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले,

और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले...

‬👌👌👌👌👌😇😇

कर्मो' से ही पहेचान होती है इंसानो की...

महेंगे 'कपडे' तो,'पुतले' भी पहनते है दुकानों में !!..
मास्टर जी – *पत्नी पे निबन्ध लिखो ❓*
                                         छात्र – *पत्नी पर निबंध*

Answer - पत्नी नामक प्राणी भारत सहित पूरे विश्व में बहुतायत पाए जाती है।

प्राचीन समय में यह भोजन शाला में पायी जाती थी, लेकिन वर्तमान में यह *शॉपिंग मॉल्स , थिएटर्स  एवं रेस्तरा* के नजदीक विचरती हुई अधिक पायी जाती है।

पहले इस प्रजाति में *लम्बे बाल, सुन्दर आकृति* प्रायः पाये जाते थे। लेकिन अब *छोटे बाल, कृत्रिम श्वेत मुख, रक्त के सामान होठ* सामान्य रूप से देखे जा सकते है।

इनका मुख्य आहार पति नामक मूक प्राणी होता है। भारत में इन्हें *धर्मपत्नी, भाग्यवती, लक्ष्मी* नामो से भी जाना जाता है।

*अधिक बोलना, अकारण झगड़ना, अति व्यय करना*, इस प्रजाति के मुख्य लक्षणों में से है। हालाकि इस प्रजाति पर सम्पूर्ण अध्ययन करना संभव नहीं है, किन्तु सामान्यतः इनके निम्न प्रकार होते है।

1. *सुशील पत्नी*– यह प्रजाति अब लुप्त हो चुकी है। इस प्रजाति की प्राणी सुशील एवं सहनशील होतीे थी और घरो में ज्यादा पाये जाते थीे।

2. *आक्रामक पत्नी* – यह प्रजाति भारत सहित पूरे विश्व में बहुत अधिक मात्रा में पायी जाती है। ये अपनी आक्रामक शैली, एवं तेज प्रहार के लिए जानी जाती है। समय आने पर ये *बेलन, झाड़ू और चरण पादुकाओँ* का उपयोग अधिक करती है।

3. *झगडालू पत्नी* – यह प्रजाति भी वर्तमान में सभी जगह पायी जाती है। इन्हें जॊर से बोलना और झगडा करना अत्यंत पसंद होता है। इनका अधिकतर सामना *“सास”* नामक एक और अत्यंत खतरनाक प्राणी से होता है।

4. *खर्चीली पत्नी* – भारत जैसे गरीब देश में भी पत्नियों की ये प्रजाति निरंतर बढती जा रही है। इनकी मुख्य आदतों में क्रेडिट कार्ड रखना, *बिना विचार किये खर्च करना और बिना जरूरत वस्तुए खरीदना* है। इस प्रजाति के साथ पति नामक प्राणी को चप्पल में थका हुआ पीछे पीछे घूमते देखा जा सकता है।

5. *नखरीली पत्नी* – इस प्रजाति के प्राणी अधिकतर आइने के सामने देखी जाती है। इनके *होठ रक्त के सामान लाल, नाख़ून बड़े बड़े, केश सतरंगी और चेहरा श्वेत पाउडर* से लिपा होता है। इन्हें भोजन शाला में जाना और काम करना नापसंद होता है।

*चेतावनी*– पति नामक प्राणी के लिए इस प्रजाति के प्राणी अत्यंत खतरनाक व आक्रामक होते है। इन्हें समय-समय पर साड़ी, गिफ्ट्स, फ्लावर्स तथा करवा-चौथ के सुअवसर पर गहना इत्यादि के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है । लेकिन सनद रहे– केवल कुछ समय के लिए।

बीवियों के प्रकार
1. *आलसी बीवी* :::::::::::::
खुद जाकर चाय बना लो और एक कप मुझे भी दे देना …
2. *धमकाने वाली बीवी* ::::
कान खोलकर सुन लो , या तो इस घर में तुम्हारी माँ रहेगी या मैं …
3. *इतिहास-पसंद बीवी* ::::
सब जानती हूँ तुम्हारा खानदान कैसा है …
4. *भविष्य-वाचक बीवी* :::
अगले साथ जन्मो तक मेरे जैसी बीवी नहीं मिलेगी …
5. *भ्रमित बीवी*:::::::::::::
तुम आदमी हो या पजामा ?
6. *स्वार्थी बीवी* ::::::::::::
ये साड़ी मेरी माँ ने मुझे पहनने को दी है तुम्हारी बहनों के लिए नहीं ..
7. *शक्की बीवी* :::::::::::::
मेरी कौन सी सौतन से फ़ोन पर बात कर रहे थे ?
8. *अर्थशास्त्री बीवी* :::::::::
कौन सा कुबेर का खजाना कमा ले आते हो जो रोज़ पनीर खिलाऊ ?
9. *धार्मिक बीवी* :::::::::
शुक्र करो भगवान् का जो मेरे जैसी बीवी मिली …
10. *सबकी बीवी*:::::::::::::
मेरे नसीब में तुम ही लिखे थे

Monday, July 17, 2017

बिटिया बड़ी हो गयी, एक रोज उसने बड़े सहज भाव में अपने पिता से पूछा - "पापा, क्या मैंने आपको कभी रुलाया" ?

पिता ने कहा -"हाँ "

उसने बड़े आश्चर्य से पूछा - "कब" ?

पिता ने बताया - 'उस समय तुम करीब एक साल की थीं,
घुटनों पर सरकती थीं।
 मैंने तुम्हारे सामने पैसे, पेन और खिलौना रख दिया क्योंकि मैं ये देखना चाहता था कि, तुम तीनों में से किसे उठाती हो तुम्हारा चुनाव मुझे बताता कि, बड़ी होकर तुम किसे अधिक महत्व देतीं।
जैसे पैसे मतलब संपत्ति, पेन मतलब बुद्धि और खिलौना मतलब आनंद।

मैंने ये सब बहुत सहजता से लेकिन उत्सुकतावश किया था क्योंकि मुझे सिर्फ तुम्हारा चुनाव देखना था।

 तुम एक जगह स्थिर बैठीं टुकुर टुकुर उन तीनों वस्तुओं को देख रहीं थीं।
 मैं तुम्हारे सामने उन वस्तुओं की दूसरी ओर खामोश बैठा बस तुम्हें ही देख रहा था।
तुम घुटनों और हाथों के बल सरकती आगे बढ़ीं,
मैं अपनी श्वांस रोके तुम्हें ही देख रहा था और क्षण भर में ही तुमने तीनों वस्तुओं को आजू बाजू सरका दिया और उन्हें पार करती हुई आकर सीधे मेरी गोद में बैठ गयीं।
मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि, उन तीनों वस्तुओं के अलावा तुम्हारा एक चुनाव मैं भी तो हो सकता था।
 तभी तुम्हारा तीन साल का भाई आया ओर पैसे उठाकर चला गया,

वो पहली और आखरी बार था बेटा जब, तुमने मुझे रुलाया और बहुत रुलाया...

भगवान की दी हुई सबसे अनमोल धरोहर है बेटी...

क्या खूब लिखा है एक पिता ने...

हमें तो सुख मे साथी चाहिये दुख मे तो हमारी बेटी अकेली ही काफी है
: चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने
अपनी पत्नी से कहा : हमारे ज़माने में
मोबाइल नहीं थे..

*पत्नी* : पर ठीक पाँच बजकर पचपन
मिनट पर मैं पानी का ग्लास लेकर
दरवाज़े पे आती और आप आ पहुँचते..

*पति* : हाँ मैंने तीस साल नौकरी की
पर आज तक मैं ये नहीं समझ
पाया कि मैं आता इसलिए तुम
पानी लाती थी या तुम पानी लेकर
आती थी इसलिये मैं आता था..

*पत्नी* : हाँ.. और याद है.. तुम्हारे
रिटायर होने से पहले जब तुम्हें
डायबीटीज़ नहीं थी और मैं तुम्हारी
मनपसन्द खीर बनाती तब तुम कहते
कि आज दोपहर में ही ख़याल आया
कि खीर खाने को मिल जाए तो मज़ा
आ जाए..

*पति* : हाँ.. सच में.. ऑफ़िस से
निकलते वक़्त जो भी सोचता, घर पर
आकर देखता कि तुमने वही बनाया है..

*पत्नी* : और तुम्हें याद है जब पहली
डिलीवरी के वक़्त मैं मैके गई थी और
जब दर्द शुरु हुआ मुझे लगा काश..
तुम मेरे पास होते.. और घंटे भर में तो
जैसे कोई ख़्वाब हो, तुम मेरे पास थे..

*पति* : हाँ.. उस दिन यूँ ही ख़याल
आया कि ज़रा देख लूँ तुम्हें !!

*पत्नी* : और जब तुम मेरी आँखों में
आँखें डाल कर कविता की दो लाइनें बोलते..

*पति* : हाँ और तुम शर्मा के पलकें झुका
देती और मैं उसे कविता की 'लाइक' समझता !!

*पत्नी* : और हाँ जब दोपहर को चाय
बनाते वक़्त मैं थोड़ा जल गई थी और
उसी शाम तुम बर्नोल की ट्यूब अपनी
ज़ेब से निकाल कर बोले, इसे अलमारी
में रख दो..

*पति* : हाँ.. पिछले दिन ही मैंने देखा था
कि ट्यूब ख़त्म हो गई है,पता नहीं कब
ज़रूरत पड़ जाए, यही सोच कर मैं
ट्यूब ले आया था !!

*पत्नी* : तुम कहते आज ऑफ़िस के
बाद तुम वहीं आ जाना सिनेमा देखेंगे
और खाना भी बाहर खा लेंगे..

*पति* : और जब तुम आती तो जो
मैंने सोच रखा हो तुम वही साड़ी
पहन कर आती..

फिर नज़दीक जा कर उसका हाथ
थाम कर कहा : हाँ हमारे ज़माने में
मोबाइल नहीं थे..

पर..

"हम दोनों थे !!"

*पत्नी* : आज बेटा और उसकी बहू
साथ तो होते हैं पर..
बातें नहीं व्हाट्सएप होता है..
लगाव नहीं टैग होता है..
केमिस्ट्री नहीं कमेन्ट होता है..
लव नहीं लाइक होता है..
मीठी नोकझोंक नहीं अनफ़्रेन्ड होता है..

उन्हें बच्चे नहीं कैन्डीक्रश सागा,
टैम्पल रन और सबवे सर्फ़र्स चाहिए..

*पति* : छोड़ो ये सब बातें..
हम अब वायब्रंट मोड पे हैं
हमारी बैटरी भी 1 लाइन पे है..

अरे..!! कहाँ चली..?

*पत्नी* : चाय बनाने..

*पति* : अरे मैं कहने ही वाला था
कि चाय बना दो ना..

*पत्नी* : पता है.. मैं अभी भी कवरेज
में हूँ और मैसेज भी आते हैं..

दोनों हँस पड़े..

*पति* : हाँ हमारे ज़माने में
मोबाइल नहीं थे..!!

😊🙏😊🙏😊🙏😊🙏
To every lovely couple

             तकदीर :

एक   हसीन   लडकी
राजा  के  दरबार   में
डांस   कर  रही   थी...

( राजा   बहुत   बदसुरत   था )

 लडकी   ने   राजा   से   एक
 सवाल   की  इजाजत  मांगी
.
राजा   ने  कहा ,
                     " चलो  पुछो ."
.
लडकी   ने   कहा ,
   "जब    हुस्न   बंट   रहा   था
      तब   आप   कहां  थे..??
.
राजा   ने   गुस्सा   नही  किया
बल्कि
मुस्कुराते   हुवे   कहा
  ~  जब   तुम   हुस्न   की
       लाइन्   में   खडी
       हुस्न    ले   रही   थी , ~
.
 ~    तो   में
  किस्मत  की   लाइन  में  खडा
             किस्मत  ले  रहा  था
.
          और   आज
     तुझ  जैसीे   हुस्न   वालीयां
      मेरी  गुलाम   की   तरह
       नाच   रही   है...........
.
इसलीय  शायर  खुब  कहते  है,
.
    " हुस्न   ना   मांग
      नसीब   मांग   ए   दोस्त ,

       हुस्न   वाले   तो
      अक्सर   नसीब   वालों  के
      गुलाम   हुआ   करते   है...

      " जो   भाग्य   में   है ,
        वह   भाग   कर  आएगा,

         जो   नहीं   है ,
         वह   आकर   भी
         भाग   जाएगा....!!!!!."

यहाँ   सब   कुछ   बिकता   है ,
दोस्तों  रहना  जरा  संभाल  के,

बेचने  वाले  हवा भी बेच देते है,
      गुब्बारों   में   डाल   के,

        सच   बिकता   है ,
        झूट   बिकता   है,
       बिकती   है   हर   कहानी,

       तीनों  लोक  में  फेला  है ,
       फिर   भी   बिकता   है
       बोतल  में  पानी ,

कभी फूलों की तरह मत जीना,
जिस   दिन  खिलोगे ,
टूट  कर  बिखर्र  जाओगे ,
जीना  है  तो
पत्थर   की   तरह   जियो ;
जिस   दिन   तराशे   गए ,
" भगवान " बन  जाओगे...!!!!


🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

बंद कर दिया सांपों को सपेरे ने यह कहकर,

अब इंसान ही इंसान को डसने के काम आएगा।

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

आत्महत्या कर ली गिरगिट ने सुसाइड नोट छोडकर,

अब इंसान से ज्यादा मैं रंग नहीं बदल सकता!

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

गिद्ध भी कहीं चले गए, लगता है उन्होंने देख लिया,

कि इंसान हमसे अच्छा नोंचता है!

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

कुत्ते कोमा में चले गए, ये देखकर,

क्या मस्त तलवे चाटता है इंसान!

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

कोई टोपी, तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है,

मिले अगर भाव अच्छा, जज भी कुर्सी बेच देता है!

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

जला दी जाती है ससुराल में अक्सर वही बेटी,

जिसकी खातिर बाप किडनी बेच देता है!

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

ये कलयुग है, कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं इसमें,

कली, फल, फूल, पेड़, पौधे सब माली बेच देता है!

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

धन से बेशक गरीब रहो, पर दिल से रहना धनवान,

अक्सर झोपड़ी पे लिखा होता है: "सुस्वागतम"

और महल वाले लिखते हैं:
"कुत्तों सॆ सावधान"

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

Sunday, July 16, 2017

 बड़ी मेहनत के बाद मैंने *प्राईवेट* नौकरी पायी है,
नौकरी में आया तो जाना, यहाँ एक तरफ कुआँ तो दूसरी तरफ खाई है।

🚇*जहाँ कदम कदम पर ज़िल्लत, और घड़ी घड़ी पर ताने हैं*

यहाँ मुझे अपनी ज़िन्दगी के कई साल बिताने हैं।

🚇अपनी गलती ना हो लेकिन क्षमा याचना हेतु हाथ फैलाने हैं.

फ़िर भी बात-बात पे डेबिट और Punishment ही पाने हैं.

🚇जानता हूँ ये 'अग्निपथ' है, फिर भी मैं चलने वाला हूँ,

क्योंकि मैं प्राईवेट नौकरी वाला हूँ।

🚇जहाँ एक तरफ मुझे boss की, और दूसरी तरफ family वालो की भी सुननी है,

यानी मुझे दो में से एक नहीं, बल्कि दोनों राह चुननी हैं।

🚇ड्यूटी अगर लेट हुयी तो boss  चिल्लाते हैं.

गलती चाहे किसी भी की भी हो सजा तो हम ही पाते हैं.

🚇दो नावों पे सवार हूँ फिर भी सफ़र पूरा करने वाला हूँ,

क्योंकि मैं प्राईवेट नौकरी वाला हूँ।

🚇आसान नहीं है सबको एक साथ खुश रख पाना,

परिवार के साथ वक़्त बिताना, और *Office*में job बचाना।

🚇परिवार के साथ बमुश्किल कुछ वक़्त ही बिता पाता हूँ,

घर जैसे कोई मुसाफिर खाना हो, वहां तो बस आता और जाता हूँ।

🚇फिर भी हर मोड़ पर मैं अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करने वाला हूँ,

क्योंकि मैं प्राईवेट नौकरी वाला हूँ

🚇Promotion, incriment की बात पर, हमें सालो लटकाया जाता है,

हक़ की बात करने पर ठेंगा दिखलाया जाता है।

🚇ये एक लड़ाई है, इसमें सबको साथ लेकर चलने वाला हूँ,

क्योंकि मै प्राईवेट नौकरी वाला  हूँ।

छुट्टी मिली ना घर जा सके, Duty में ही ईद-दिवाली-क्रिसमस मनाने का अजब कमाल है।

🚇टिफ़िन से टिफ़िन जब मिलते हैं, तो एक नया ही ज़ायका बन जाता है,

खुद के बनाये खाने में, और घर के खाने में फ़र्क़ साफ़ नज़र आता है।

🚇मजबूरी ने इतना कुछ सिखाया, आगे भी बहुत कुछ सीखने वाला हूँ,

क्योंकि मैं प्राईवेट नौकरी वाला हूँ।

🚇 कईलोग समझते है कि बड़ा मजा करते है, प्राईवेट नौकरी में

🚇 अब उन्हें कौन समझाए कि प्राईवेट कर्मी के लिए boss के पास सिर्फ वादे है,

Boss चाहे मनमानी करे, स्टाफ के लिए बड़े सख्त कायदे हैं।

🚇 सबको मैं बदल नहीं सकता, इसलिए अब ख़ुद को बदलने वाला हूँ,

क्योंकि मैं  प्राईवेट नौकरी  वाला हूँ।

*_(ये कविता मेरे समस्त प्राईवेट कर्मियो को समर्पित है।*_
जो *पिता* के पैरों को छूता है
           वो कभी *गरीब* नहीं होता।

जो *मां* के पैरों को छूता है
         वो कभी *बदनसीब* नही होता।

जो *भाई* के पैराें को छूता है
         वो कभी *गमगीन* नही होता।

जो *बहन* के पैरों को छूता है
       वो कभी *चरित्रहीन* नहीं होता।

*जो गुरू के पैरों को छूता है*
         *उस जैसा कोई*
                *खुशनसीब नहीं होता*.......

💞अच्छा *दिखने* के लिये मत जिओ
          बल्कि *अच्छा* बनने के लिए जिओ💞

 💞जो *झुक* सकता है वह सारी
          ☄दुनिया को *झुका* सकता है 💞


 💞 अगर बुरी आदत *समय पर न बदली* जाये
          तो बुरी आदत *समय बदल देती* है💞


  💞चलते रहने से ही *सफलता* है,
          रुका हुआ तो पानी भी *बेकार* हो जाता है 💞

💞 *झूठे दिलासे* से *स्पष्ट इंकार* बेहतर है
   अच्छी *सोच*, अच्छी *भावना*,
          अच्छा *विचार* मन को हल्का करता है💞

💞मुसीबत सब पर आती है,
          कोई *बिखर* जाता है
            और कोई *निखर* जाता है💞
💞दुनिया की ताकतवर चीज है *"लोहा"*🔩
       जो सबको काट डालता है ....
लोहे से ताकतवर है *"आग"*🔥
        💞जो लोहे को पिघला देती है....💞
💞आग से ताकतवर है *"पानी"*🌧
        ☄जो आग को बुझा देता है.... 💞
💞और पानी से ताकतवर है *"इंसान"*
        जो उसे पी जाता है....💞
💞इंसान से भी ताकतवर है *"मौत"*
         जो उसे खा जाती है....💞
💞और मौत से भी ताकतवर है *"दुआ"*
      जो मौत को भी टाल सकती है...💞

 💞 "तेरा मेरा"करते एक दिन चले जाना है...
         जो भी कमाया यही रह जाना है💞
      *💞कर ले कुछ अच्छे कर्म💞*
      *💞साथ यही तेरे आना है💞*

        *💞मुझे वो 👌🏼रिश्ते पसंद है,*
    *जिनमें "मैं" नहीं "हम"हो💞*✍🏻
पति-पत्नी एक भीड़ भरी बस में यात्रा कर रहे थे,



पतिदेव एक सुन्दर औरत से बस में सटकर खड़े

हुए थे ...



स्वाभाविक रूप में ,यह देखकर पत्नी जल रही थी !



अचानक वह सुन्दर औरत घूमी और आदमी के गाल पर

एक जोरदार तमाचा मारा !



''शर्म नहीं आती पराई औरत को चिकोटी काटते हुए!!!''



बस से उतरकर पति पत्नी को सफाई देने लगा कि उसने चिकोटी नहीं काटी थी।



पत्नी अर्थपूर्ण नज़रों से देखते हुए मुस्कुराकर

बोली ....



'' और चिपको ??? चिकोटी मैनें ही काटी थी ।"

बोलीये धर्मपत्नीयो की जय
बचपन मे 1 रु. की पतंग के पीछे
२ की.मी. तक भागते थे...
न जाने कीतने चोटे लगती थी...

वो पतंग भी हमे बहोत दौड़ाती थी...

आज पता चलता है,
दरअसल वो पतंग नहीं थी;
एक चेलेंज थी...

खुशीओं को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता है...
वो दुकानो पे नहीं मिलती...

शायद यही जिंदगी की दौड़ है ...!!!😊👍

 जब  बचपन  था,  तो  जवानी  एक  ड्रीम  था...
जब  जवान  हुए,  तो  बचपन  एक  ज़माना  था... !!

जब  घर  में  रहते  थे,  आज़ादी  अच्छी  लगती  थी...

आज  आज़ादी  है,  फिर  भी  घर  जाने  की   जल्दी  रहती  है... !!

कभी  होटल  में  जाना  पिज़्ज़ा,  बर्गर  खाना  पसंद  था...

 आज  घर  पर  आना  और  माँ  के  हाथ  का  खाना  पसंद  है... !!!

स्कूल  में  जिनके  साथ  ज़गड़ते  थे,  आज  उनको  ही  इंटरनेट  पे  तलाशते  है... !!

ख़ुशी  किसमे  होतीं है,  ये  पता  अब  चला  है...
बचपन  क्या  था,  इसका  एहसास  अब  हुआ  है...

काश  बदल  सकते  हम  ज़िंदगी  के  कुछ  साल..

.काश  जी  सकते  हम,  ज़िंदगी  फिर  एक  बार...!!


👘 जब हम अपने शर्ट में हाथ छुपाते थे
और लोगों से कहते फिरते थे देखो मैंने
अपने हाथ जादू से हाथ गायब कर दिए
|🌀🌀

✏जब हमारे पास चार रंगों से लिखने
वाली एक पेन हुआ करती थी और हम
सभी के बटन को एक साथ दबाने
की कोशिश किया करते थे |❤💚💙💜

👻 जब हम दरवाज़े के पीछे छुपते थे
ताकि अगर कोई आये तो उसे डरा सके..👥


👀जब आँख बंद कर सोने का नाटक करते
थे ताकि कोई हमें गोद में उठा के बिस्तर तक पहुचा दे |


🚲सोचा करते थे की ये चाँद
हमारी साइकिल के पीछे पीछे
क्यों चल रहा हैं |🌙🚲


🔦💡On/Off वाले स्विच को बीच में
अटकाने की कोशिश किया करते थे |


🍏🍎🍉🍑🍈 फल के बीज को इस डर से नहीं खाते
थे की कहीं हमारे पेट में पेड़ न उग जाए |


🍰🎂🍧🏆🎉🎁 बर्थडे सिर्फ इसलिए मनाते थे
ताकि ढेर सारे गिफ्ट मिले |

🔆फ्रिज को धीरे से बंद करके ये जानने
की कोशिश करते थे की इसकी लाइट
कब बंद होती हैं |


🎭  सच , बचपन में सोचते हम बड़े
क्यों नहीं हो रहे ?


और अब सोचते हम बड़े क्यों हो गए ?⚡⚡


🎒🎐ये दौलत भी ले लो..ये शोहरत भी ले लो💕


भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी...

मगर मुझको लौटा दो बचपन
का सावन ....☔

वो कागज़
की कश्ती वो बारिश का पानी..🌊🌊🌊
Bachpan ki storyes 🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽


                 Old hits
 

बचपन कि ये लाइन्स .
जिन्हे हम दिल से गाते
गुनगुनाते थे ..
और खेल खेलते थे ..!!
तो याद ताज़ा कर लीजिये ...!!


▶  मछली जल की रानी है,
       जीवन उसका पानी है।
       हाथ लगाओ डर जायेगी
       बाहर निकालो मर जायेगी।

***********

▶  आलू-कचालू बेटा कहाँ गये थे,
       बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे।
       बन्दर ने लात मारी रो रहे थे,
       मम्मी ने पैसे दिये हंस रहे थे।

************

▶  आज सोमवार है,
       चूहे को बुखार है।
       चूहा गया डाक्टर के पास,
       डाक्टर ने लगायी सुई,
       चूहा बोला उईईईईई।

**********

▶  झूठ बोलना पाप है,
       नदी किनारे सांप है।
       काली माई आयेगी,
       तुमको उठा ले जायेगी।

**********

▶  चन्दा मामा दूर के,
       पूए पकाये भूर के।
       आप खाएं थाली मे,
       मुन्ने को दे प्याली में।

**********

▶  तितली उड़ी,
       बस मे चढी।
       सीट ना मिली,
       तो रोने लगी।
       ड्राईवर बोला,
       आजा मेरे पास,
       तितली बोली ” हट बदमाश “।

****************

▶  मोटू सेठ,
       पलंग पर लेट ,
       गाडी आई,
       फट गया पेट

******************

😍😄😘😝👊👌👏👍🙏

‬: एक औरत थी,
जो अंधी थी❗
जिसके कारण उसके बेटे को
स्कूल
में बच्चे चिढाते थे❗
कि अंधी का बेटा आ गया,❗
हर बात पर उसे ये शब्द
सुनने
को मिलता था कि "अन्धी
का बेटा" ❗
इसलिए वो अपनी माँ से
चिडता था ❗ उसे
कही भी अपने
साथ लेकर जाने में
हिचकता था❗
उसे नापसंद करता था..❗
उसकी माँ ने उसे पढ़ाया..
और उसे इस लायक बना
दिया की वो अपने पैरो
पर
खड़ा हो सके..
लेकिन जब वो बड़ा आदमी
बन
गया तो अपनी माँ को
छोड़
अलग रहने लगा..❗
एक दिन एक बूढी औरत
उसके घर
आई और गार्ड से बोली..
मुझे तुम्हारे साहब से
मिलना है जब गार्ड ने
अपने मालिक से
बोल तो मालिक ने कहा
कि बोल
दो मै अभी घर पर नही हूँ.❗
गार्ड ने जब बुढिया से
बोला कि वो अभी नही
है..‼
तो वो वहा से चली
गयी..‼
थोड़ी देर बाद जब लड़का
अपनी कार से
ऑफिस के लिए
जा रहा होता है..❗
तो देखता है कि सामने
बहुत भीड़
लगी है..❗
और जानने के लिए कि वहा
क्यों भीड़
लगी है वह
वहा गया तो देखा उसकी
माँ वहा मरी पड़ी थी..❗
उसने
देखा की उसकी मुट्ठी में
कुछ है❗उसने जब
मुट्ठी खोली तो देखा की
एक
लेटर जिसमे यह
लिखा था कि बेटा जब तू
छोटा था तो खेलते वक़्त
तेरी आँख में सरिया धंस
गयी थी और तू
अँधा हो गया था तो मैंने
तुम्हे
अपनी आँखे दे दी थी..❗
इतना पढ़ कर लड़का जोर-
जोर से
रोने लगा..❗
उसकी माँ उसके पास नही

सकती थी..
दोस्तों वक़्त रहते ही
लोगो की वैल्यू
करना सीखो..❗
माँ-बाप का कर्ज हम
कभी नही चूका सकत..
हमारी प्यास का अंदाज़
भी अलग है
दोस्तों,❗
कभी समंदर को ठुकरा देते
है,❗
तो कभी आंसू तक पी जाते
है..‼
"बैठना भाइयों के बीच,
चाहे "बैर" ही क्यों ना
हो..💞
और खाना माँ के हाथो
का,
चाहे "ज़हर" ही क्यों ना
हो..‼.
क्या खूब लिखा है किसी ने...🖊

आगे सफर था और पीछे हमसफर था...🖊

रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता...🖊

मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी...🖊

ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...🖊

मुद्दत का सफर भी था और बरसो
 का हमसफर भी था

रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते...🖊

यूँ समँझ लो,

प्यास लगी थी गजब की
मगर पानी मे जहर था...🖊

पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते...🖊

बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए...🖊
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए...🖊

वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता...🖊
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता🖊

सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...🖊
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर...🖊

"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है...🖊

"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,

पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
 वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"...🖊

अजीब सौदागर है ये वक़्त भी
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया...🖊

अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा...🖊

लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ...🖊

बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है...🖊

“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...🖊

दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...🖊

बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी...🖊

भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की...🖊

जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है...🖊

हंसने की इच्छा ना हो,
तो भी हसना पड़ता है...🖊
.
कोई जब पूछे कैसे हो..?
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...🖊
.

ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों,
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है...🖊

"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती,
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...🖊

दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट, ये ढूँढ रहे हैं की
मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं...🖊

पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं...🖊

मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ,
कि...

पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम...🖊

गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने,
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम
*Biwi Special*  🔴 ⚫

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📍1. मांग भरने की सजा कुछ इस कदर पा रहा हूँ
की मांग पूरी करते-करते, अब मांग-मांग के खा रहा हूँ...!!!
😂😂😂😂😂😂😂😂😂

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📍2. पापा: बेटी, बड़ी हो के क्या करोगी?
बेटी: शादी...
पापा: गलत बात है...
अभी से किसी का बुरा नहीं सोचते...!
😍😍😍😍😍😍😍😍😍

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📍3. पति ने पान खरीद के पत्नी को खाने के लिए दिया.
पत्नी: अरे... आप ने तो अपने लिए लिया ही नहीं..!
पति: में तो ऐसे ही खामोश रह सकता हूँ...!!
😇😇😇😇😇😇😇😇😇

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📍4. बीवी क्या होती है?
बीवी भगवन के प्रसाद जैसे होती है,
जिसमे चाहते हुए भी कोई नुक्स नहीं निकाल सकते;
श्रद्धा और मज़बूरी के साथ चुपचाप खाए जाओ...!
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂

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📍5. पत्नी: मैंने सुना है की स्वर्ग में पुरुषो को अप्सराए मिलती है..
औरतो को क्या मिलता है.....?
पति:--- कुछ नहीं...!!
उपरवाला सिर्फ दुखी लोगो की ही सुनता है..!
🤑🤑🤑🤑🤑🤑🤑🤑🤑🤑

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📍6. पत्नी: मैंने सुना है की स्वर्ग में पति-पत्नी को साथ में रहेने नहीं देते...
पति: पगली, तभी तो उसे स्वर्ग कहेते है..!
😍😍😍😍😘😘😘😘😘😘

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📍7. मतदान करने के लिए उम्र 18 साल, और शादी के लिए 21 साल...
ऐसा क्यू...?
क्यू की, सरकार जानती है, की
बीवी संभालना, मुल्क सँभालने से ज्यादा मुश्किल है...!
😇😇😇😇😇😇😇😇😇😇

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📍8. FRIEND is- Asian Paints = जो दुनिया बदल दे...
GIRLFRIEND is- Everest Masala = जो टेस्ट में बेस्ट...
WIFE is-- Mosquito Coil = जो कोने-कोने से ढूंढ के मारे !
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂

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📍9. ज़िन्दगी के शुरुआत "S" से होती है:
S से सूरज, सुबह, शाम, समय,....
उसके बाद: S से सगाई, शादी, फिर सांस, ससुर, साला, साली,
और फिर सत्यानाश...!!!!!
😝😝😝😝😝😝😝😝😝😝

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📍10. पति: डार्लिंग, तुम खूबसूरत होती जा रही हो...
पत्नी (खुश हो कर, रसोईघर में से): तुमने कैसे जाना??
पति: तुम्हे देख कर रोटियां भी जलने लगी है...!!
😜😜😜😜😜😝😝😝😝😝

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📍11. किसी को उसके फटे हुए जूते, मैले कपडे, पुरानी घडी, उतरा हुआ मुंह,.... इत्यादि चीजो से उसे गरीब ना मानो....
हो सकता है, की वो आदमी शादीशुदा हो...!!
😜😜😜😜😜😝😝😝😝😝

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📍12. बहन की बिदाई पर छोटा भाई बोला:
“पापा,दीदी रो रही है लेकीन जीजु तो नही रो रहे !”
“बेटा,दीदी गेट तक रोएगी,जीजु कब्र तक रोएगा...”
😜 😜😜😜😝😝😝😝😝😝

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📍13. एक आदमी ज्योतिषी से बोला.“मेरी शादी क्यों नही हो रही है??
ज्योतिष बोला,“कैसे होगी पगले? कुण्डली में सुख ही सुख जो लीखा है!!!!!!“
😜😜😜😜😜😝😝😝😝😝

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📍17. पति: तेरे बाप की जले पर नमक छींकने की आदत गई नही |
पत्नी: क्यों क्या हुआ?
पति: आज फिर से पूछ रहा था,“मेरी बेटीसे शादी करके खुश तो हो ना?”
_एक बार ज़रूर पढ़े_

*एक किसान की मन की बात*:-
😞😞😞😞😞😞😞😞😞
कहते हैं..

इन्सान सपना देखता है
तो वो ज़रूर पूरा होता है.
मगर
किसान के सपने
कभी पूरे नहीं होते।

बड़े अरमान और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है, और जब तैयार हुई फसल को बेचने मंडी जाता है।

बड़ा खुश होते हुए जाता है...

बच्चों से कहता है...
आज तुम्हारे लिये नये कपड़े लाऊंगा फल और मिठाई भी लाऊंगा।।

पत्नी से कहता है..
तुम्हारी साड़ी भी कितनी पुरानी हो गई है फटने भी लगी है आज एक साड़ी नई लेता आऊंगा।।
😞😞😞😞😞
पत्नी:–”अरे नही जी..!”
“ये तो अभी ठीक है..!”
“आप तो अपने लिये
जूते ही लेते आना कितने पुराने हो गये हैं और फट भी तो गये हैं..!”

जब
किसान मंडी पहुँचता है।

ये उसकी मजबूरी है..
वो अपने माल की कीमत खुद नहीं लगा पाता।

व्यापारी
उसके माल की कीमत
अपने हिसाब से तय करते हैं...

एक
साबुन की टिकिया पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.।

एक
माचिस की डिब्बी पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.।

लेकिन किसान
अपने माल की कीमत खु़द नहीं कर पाता .।

खैर..
माल बिक जाता है,
लेकिन कीमत
उसकी सोच अनुरूप नहीं मिल पाती.।

माल तौलाई के बाद
जब पेमेन्ट मिलता है..

वो सोचता है..
इसमें से दवाई वाले को देना है, खाद वाले को देना है, मज़दूर को देना है ,

अरे हाँ,
बिजली का बिल
भी तो जमा करना है.

सारा हिसाब
लगाने के बाद कुछ बचता ही नहीं.।।

वो मायूस हो
घर लौट आता है।।

बच्चे उसे बाहर ही इन्तज़ार करते हुए मिल जाते हैं...

“पिताजी..! पिताजी..!” कहते हुये उससे लिपट जाते हैं और पूछते हैं:-
“हमारे नये कपडे़ नहीं ला़ये..?”

पिता:–”वो क्या है बेटा..,
कि बाजार में अच्छे कपडे़ मिले ही नहीं,
दुकानदार कह रहा था,
इस बार दिवाली पर अच्छे कपडे़ आयेंगे तब ले लेंगे..!”

पत्नी समझ जाती है, फसल
कम भाव में बिकी है,
वो बच्चों को समझा कर बाहर भेज देती है.।

पति:–”अरे हाँ..!”
“तुम्हारी साड़ी भी नहीं ला पाया..!”

पत्नी:–”कोई बात नहीं जी, हम बाद में ले लेंगे लेकिन आप अपने जूते तो ले आते..!”

पति:– “अरे वो तो मैं भूल ही गया..!”

पत्नी भी पति के साथ सालों से है पति का मायूस चेहरा और बात करने के तरीके से ही उसकी परेशानी समझ जाती है
लेकिन फिर भी पति को दिलासा देती है .।

और अपनी नम आँखों को साड़ी के पल्लू से छिपाती रसोई की ओर चली जाती है.।

फिर अगले दिन..
सुबह पूरा परिवार एक नयी उम्मीद ,
एक नई आशा एक नये सपने के साथ नई फसल की तैयारी के लिये जुट जाता है.।
….

ये कहानी...
हर छोटे और मध्यम किसान की ज़िन्दगी में हर साल दोहराई जाती है।।
…..

हम ये नहीं कहते
कि हर बार फसल के
सही दाम नहीं मिलते,

लेकिन...
जब भी कभी दाम बढ़ें, मीडिया वाले कैमरा ले के मंडी पहुच जाते हैं और खबर को दिन में दस दस बार दिखाते हैं.।।

कैमरे के सामने शहरी महिलायें हाथ में बास्केट ले कर अपना मेकअप ठीक करती मुस्कराती हुई कहती हैं...
सब्जी के दाम बहुत बढ़ गये हैं हमारी रसोई का बजट ही बिगड़ गया.।।
………

कभी अपने बास्केट को कोने में रख कर किसी खेत में जा कर किसान की हालत तो देखिये.।

वो किस तरह
फसल को पानी देता है.।।

25 लीटर दवाई से भरी हुई टंकी पीठ पर लाद कर छिङ़काव करता है||

20 किलो खाद की
तगाड़ी उठा कर खेतों में घूम-घूम कर फसल को खाद देता है.||

अघोषित बिजली कटौती के चलते रात-रात भर बिजली चालू होने के इन्तज़ार में जागता है.||

चिलचिलाती धूप में
सिर का पसीना पैर तक बहाता है.|

ज़हरीले जन्तुओं
का डर होते भी
खेतों में नंगे पैर घूमता है.||
……

जिस दिन
ये वास्तविकता
आप अपनी आँखों से
देख लेंगे, उस दिन आपके
किचन में रखी हुई सब्ज़ी, प्याज़, गेहूँ, चावल, दाल, फल, मसाले, दूध
सब सस्ते लगने लगेंगे.

Monday, July 10, 2017

*एक बेहद प्यारा सन्देश*👇🏽😊

पत्नी जब स्वयं माँ बनने का समाचार सुनाये और वो खबर सुन, आँखों में से खुशी के आँशु टप टप गिरने लगे
तब ... आदमी......

" पुरुष से पिता बनता है"

नर्स द्वारा कपडे में लिपटा कुछ पाउण्ड का दिया जीव, जवाबदारी का प्रचण्ड बोझ का अहसास कराये
तब .....आदमी.....

" पुरुष से पिता बनता है"

रात - आधी रात, जागकर पत्नी के साथ, बेबी का डायपर बदलता है, और बच्चे को कमर में उठा कर घूमता है, उसे चुप कराता है, पत्नी को कहता है तू सो जा में इसे सुला दूँगा।
तब..........आदमी......

" पुरुष से, पिता बनता हैं "

मित्रों के साथ घूमना, पार्टी करना जब नीरस लगने लगे और पैर घर की तरफ बरबस दौड़ लगाये
तब ........आदमी......

"पुरुष से पिता बनता हैं"

"हमने कभी लाईन में खड़ा होना नहीं सिखा " कह, हमेशा ब्लैक में टिकट लेने वाला, बच्चे के स्कूल में दाखिले का फॉर्म लेने हेतु पूरी ईमानदारी से सुबह 4 बजे से लाईन में खड़ा होने लगे
तब .....आदमी....

" पुरुष से पिता बनता हैं "

जिसे सुबह उठाते साक्षात कुम्भकरण की याद आती हो और वो जब रात को बार बार उठ कर ये देखने लगे की मेरा हाथ या पैर कही बच्चे के ऊपर तो नहीं आ गया एवम् सोने में पूरी सावधानी रखने लगे
तब .....आदमी...

" पुरुष से पिता बनता हैं"

असलियत में एक ही थप्पड़ से सामने वाले को चारो खाने चित करने वाला, जब बच्चे के साथ झूठ मूठ की लड़ाई में बच्चे की नाजुक थप्पड़ से जमीन पर गिरने लगे
तब...... आदमी......

" पुरुष से पिता बनता हैं"

खुद भले ही कम पढ़ा या अनपढ़ हो, काम से घर आकर बच्चों को " पढ़ाई बराबर करना, होमवर्क पूरा किया या नहीं"
बड़ी ही गंभीरता से कहे
तब ....आदमी......

" पुरुष से पिता बनता हैं "

खुद ही की कल की मेहनत पर ऐश करने वाला, अचानक बच्चों के आने वाले कल के लिए आज हालात से समझोता करने लगे
तब ....आदमी.....

" पुरुष से पिता बनता हैं "

ओफ़ीस का बॉस, कईयों को आदेश देने वाला, स्कूल की पेरेंट्स मीटिंग में क्लास टीचर के सामने डरा सहमा सा, कान में तेल डाला हो ऐसे उनके हर निर्देशों को ध्यान से सुनने लगे
तब ....आदमी......

" पुरुष से पिता बनता है"

खुद की पदोन्नति से भी ज्यादा
बच्चे की स्कूल की सादी यूनिट टेस्ट की ज्यादा चिंता करने लगे
तब ....आदमी.......

" पुरुष से पिता बनता है "

खुद के जन्मदिन का उत्साह से ज्यादा बच्चों के जन्मदिन की पार्टी की तैयारी में मग्न रहे
तब .... आदमी.......
" पुरुष से पिता बनाता है "

हमेशा अच्छी अच्छी गाडियो में घुमाने वाला, जब बच्चे की सायकल की सीट पकड़ कर उसके पीछे भागने में खुश होने लगे
तब ......आदमी....
" पुरुष से पिता बनता है"

खुदने देखी दुनिया, और खुद ने की अगणित भूले, पर बच्चे ना करे, इसलिये उन्हें टोकने की शुरुआत करे
तब .....आदमी......
" पुरुष से पिता बनता है"

बच्चों को कॉलेज में प्रवेश के लिए, किसी भी तरह पैसे ला कर अथवा वर्चस्व वाले व्यक्ति के सामने दोनों जोड़े
तब .......आदमी.......
" पुरुष से पिता बनता है "

"आपका समय अलग था,
अब ज़माना बदल गया है,
आपको कुछ मालूम नहीं"
" This is generation gap "
ये शब्द खुद ने कभी बोला ये याद आये और मन ही मन बाबूजी को याद कर माफी माँगने लगे
तब ....आदमी........
" पुरुष से पिता बनता है "

लड़का बाहर चला जाएगा, लड़की ससुराल, ये खबर होने के बावजूद, उनके लिए सतत प्रयत्नशील रहे
तब ...आदमी......
" पुरुष से पिता बनता है "

बच्चों को बड़ा करते करते कब बुढापा आ गया, इस पर ध्यान ही नहीं जाता, और जब ध्यान आता है तब उसका कोइ अर्थ नहीं रहता
तब ......आदमी.......
" पुरुष से पिता बनता है"

Sunday, July 9, 2017

ये जो कुल्फी खाते हुये
एक हंथेली कुल्फी के नीचे लगाये रहते हो ना...

इसे ही गीता में श्रीकृष्ण ने *मोह* बताया है.
 😂😂😜😜😜

Or

और कुल्फी खतम होने के बाद भी जो डण्डी चाटते ही रहते हो ना....

इसे ही गीता में श्रीकृष्ण ने *लोभ* कहा है
🙏😀🙏
😂😂😜😜😜



और डण्डी फेकने के बाद , सामने वाले की कुल्फी देखकर सोचना कि उसकी खत्म क्यों नहीं हुई,

इसे गीता मे *ईष्या* कहा गया है,
☺😂😀😌😋



और कुल्फी खतम होने से पहले डऩ्डी से नीचे गिर जाये और केवल डण्डी हाथ मे रह जाये तब तुम्हारे मन में जो आता है....                             😁

इसे ही गीता मे *क्रोध* कहा है 😡


और इसे पढ़कर जो हंसी आती है ना उसे *मोक्ष* कहते है.....😊



ये जो तुम मेसेज़ भेजने के बाद
बार बार दो नीली धारियाँ चेक
करते हो ना ...


इसे ही शास्त्रों में *'उतावलापन'* कहा गया है...😊



ये घरवाले जो जगाने के लिए सुबह-सुबह कूलर-पंखा  बंद कर देते है,
शास्त्रों में इसे ही *छल कपट* कहा गया है...



फ्रूटी खत्म होने के बाद ये जो आप स्ट्रा से सुड़प-सुड़प करके आखिरी बून्द तक पीने की कोशिश करते हो न....

शास्त्रो में इसे ही *मृगतृष्णा* कहा गया है😜😜



ये जो तुम लोग केले 🍌 खरीदते वक्त, अंगूर 🍇 क्या भाव दिये ? बोल के 5-7 अंगूर खा जाते हो ना......शास्त्रो में इसे ही *"अक्षम्य अपराध"* कहा गया है।😂😂😜😜😜😜



और ताला लगाने के बाद उसे पकड़ कर खींचते हो ना......


इसे ही शास्त्रों में *'भय'* कहा गया है 👹😂😂
☘यही है आज का ज्ञान
💞💕💞
✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻

*भरोसा खुद पर रखो*
                 *तो ताकत बन जाती है*
*और दूसरों पर रखो तो*
                 *कमजोरी बन जाती है…!*
*आप कब सही थे...*
                *इसे कोई याद नहीं रखता।*
*लेकिन आप कब गलत थे...*
                *इसे सब याद रखते हैं।*

*पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है"*
   *"जिसको समस्या न हो"*
           *"और"*
*"पृथ्वी पर कोई समस्या ऐसी नहीं है"*
*"जिसका कोई समाधान न हो...*

*मंजिल  चाहें  कितनी भी  ऊँची  क्यों न हो,  रास्ते  हमेशा  पैरों  के  नीचे  ही  होते है।
एक शर्मनाक कड़वी सच्चाई...!!!~*

*नदी तालाब में नहाने में शर्म आती है,
और
स्विमिंग पूल में तैरने को फैशन कहते हैं.*

गरीब को एक रुपया दान नहीं कर सकते,
और
वेटर को टिप देने में गर्व महसूस करते हैं.

*माँ बाप को एक गिलास पानी भी नहीं दे सकते,
और
नेताओं को देखते ही वेटर बन जाते हैं.*

बड़ों के आगे सिर ढकने में प्रॉब्लम है,
लेकिन
धूल से बचने के लिए 'ममी' बनने को भी तैयार हैं.

*पंगत में बैठकर खाना दकियानूसी लगता है,
और
पार्टियों में खाने के लिए लाइन लगाना अच्छा लगता है.*

*बहन कुछ माँगे तो फिजूल खर्च लगता है,
और
गर्लफ्रेन्ड की डिमांड को अपना सौभाग्य समझते हैं.*

गरीब की  सब्ज़ियाँ खरीदने मे इन्सल्ट होती है,
और
शॉपिंग मॉल में अपनी जेब कटवाना गर्व की बात है.

*बाप के मरने पर सिर मुंडवाने में हिचकते हैं,
और
'गजनी' लुक के लिए हर महीने गंजे हो सकते हैं.*

कोई पंडित अगर चोटी रखे तो उसे एन्टीना कहते हैं.
और
शाहरुख के 'डॉन' लुक के दीवाने बने फिरते हैं.
.
*किसानों के द्वारा उगाया अनाज खाने लायक नहीं लगता,
और
उसी अनाज को पॉलिश कर के कम्पनियाँ बेचें, तो क्वालिटी नजर आने लगती है...॥*

ये सब मात्र अपसंस्कृति ही नही,
देश व समाज का दुर्भाग्य भी है ।

आपकी इच्छा हो तो शेयर करे।अन्यथा कोई कसम बंधन नही है।

वन्देमातरम
So sweet lines
घरवाली मैके गई तब ऑफिस में था। जब घर पहुँचा तो ये नोट टीवी पर चिपका मिला ।
👇🏼

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माँ के घर जा रही हूँ बच्चों को ले के। नीचे के बातों पर ध्यान से अमल करना।
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1 - दोस्तों को घर बुला के कबाडखाना मत बना देना। पिछली बार चार लार्ज पिझ्झा के बिल मिले थे सोफे के नीचे ...

2 -चार्जर ले के बाथरूम में मत जाना। कोई बाथरूम में चार्जर भला क्यों ले जाता हैं .??

3 - चश्मा आईने के पास रखना। पिछले बार फ्रीज में मिला था ।

4 - काम वाली बाई की पगार दे चुकी हूँ ।
फोकट में प्यार जताने की कोई ज़रूरत नहीं ।

5 - तड़के उठकर पड़ोसियों को  जगा के पेपर आया के नहीं यह पूछने की जरूरत नही।
हमारा पेपरवाला उनसे अलग हैं ।..
और दूधवाला और लाॅन्ड्रीवाला भी।

6 - तुम्हारी अंडरवियरें अलमारी के नीचे के खानो में हैं और बच्चों की उपर के खाने में रखी होती है । पिछले बार की तरह बच्चों की पहन के मत चले जाना।....

7 - तुम्हारी सारी रीपोर्ट नाॅर्मल हैं ।
बार बार उस लेडी डाॅक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं ।

8 - मेरी बहन और भाभी का बर्थ डे पिछले महिने ही हो गया हैं । रात को फोन करके उनको विश करने की कौनो जरूरत नहीं ।

9 - वाय-फाय का पासवर्ड बदल दिया हैं । जल्दी से सो जाना।....

10 -ज्यादा खुश होने और चहकने की जरूरत नहीं है... क्योंकि मिसेस खन्ना , मिसेस अय्यर , मिसेस त्रिवेदी , मिसेस  अन्सारी, मिसेस रस्तोगी, मिसेस चतुर्वेदी सभी के सभी बाहर गाँव जाने वाली हैं ।

11. शक्कर, पत्ती, काॅफी मांगने के बहाने उस कलमुही प्रिया के घर पे बार बार जाने का नही। मैंने  सारी चीजें ला के रख दी है।

और सबसे जरूरी बात .....

12 - ओव्हरस्मार्ट बनने की कोशिश मत करो। मैं किसी भी वक्त वापस आ सकती हूँ
हर पल को खूशी से जीने को ही जिंदगी कहते है।

"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं,

*"काम में खुश हूं," आराम में खुश हू,*
"आज पनीर नहीं," दाल में ही खुश हूं,

*"आज गाड़ी नहीं," पैदल ही खुश हूं*

"दोस्तों का साथ नहीं," अकेला ही खुश हूं,

*"आज कोई नाराज है," उसके इस अंदाज से ही खुश हूं,*

*"जिस को देख नहीं सकता," उसकी आवाज से ही खुश हूं,*

"जिसको पा नहीं सकता," उसको सोच कर ही खुश हूं,

"बीता हुआ कल जा चुका है," उसकी मीठी याद में ही खुश हूं,

"आने वाले कल का पता नहीं," इंतजार में ही खुश हूं,

"हंसता हुआ बीत रहा है पल," आज में ही खुश हूं,

"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं,

अगर दिल को छुआ, तो जवाब देना,
वरना मै तो बिना जवाब के भी खुश हूं.
मिनट तक हँसोगे पढ़ना जरूर😴😛
.
एक लड़की तोता खरीदने बाज़ार गई ,
और एक बोलने वाला तोता पसंद का लिया ।
.
लड़की तोते से :: " में कैसी लग ही हुँ ।"
.
तोता :: " बहुत आवारा सी लग रही हो ।"--
.
लड़की को गुस्सा आया। तोते का मालिक दूकानदार भी गहाकी खराब होते देख कर गुससे में आ गया, और तोते को पानी में गौता दिया और कहा " अब अगर तुम ने गलत बात की तो पानी में डूबो दूंगा ।"
.
तोते ने ठीक बात करने का वादा कर लिया ।
.
लड़की तोते से फिर बोली । " अच्छा यह बताओ अगर घर में एक मै हूँ ,और एक आदमी हो , वो आदमी कौन हो सकता है ? "
.
तोता बोला :-; "आपका पति ।"
.
लड़की :-: " और अगर मेरे साथ दो आदमी हो तो दूसरा आदमी कौन होगा ? "
.
तोता :-; " आप का देवर ।"
.
लडकी :-: "अगर तीन हो तो ? "😴
.
तोता :-: आपका पति ,आपका देवर ,आपका ससूर ।
.
लड़की :-: "अगर चार हो तो ? "?????????
.
तोता :-: ( मालिक की तरफ़ देखकर ) पानी लाओ मालिक..  मैने पहले ही बता दिया था लड़की आवारा है ।"
क्या हुआ तुमको अगर
चेहरे बदलना आ गया,
हमको भी हालात के
साँचे में ढलना आ गया ।

रोशनी के वास्ते धागे को
जलते देखकर,
ली नसीहत मोम ने
उसको पिघलना आ गया ।

शुक्रिया ऎ पत्थरो,
बेहद तुम्हारा शुक्रिया,
सर झुकाकर जो मुझे
रस्ते पे चलना आ गया ।

सरफिरी आँधी का
थोड़ा-सा सहारा क्या मिला,
धूल को इंसान के सर तक
उछलना आ गया ।

बिछ गये फिर खु़द-ब-खु़द
रास्तो में कितने ही गुलाब,
जब हमें काँटों पे नंगे पाँव
चलना आ गया ।

चाँद को छूने की कोशिश में
तो नाकामी मिली,
हाँ मगर, नादान बच्चे को
उछलना आ गया ।

पहले बचपन, फिर जवानी,
फिर बुढ़ापे के निशान,
उम्र को भी देखिए कपड़े
बदलना आ गया ।

Thursday, July 6, 2017

*6 छोटी-छोटी  कहानियाँ*
       
                ( 1 )

*एक बार गाँव वालों ने यह निर्णय लिया कि बारिश ☔के लिए ईश्वर से प्रार्थना🙏 करेंगे , प्रार्थना के दिन सभी गाँव वाले एक जगह एकत्रित हुए , परन्तु एक बालक🙇 अपने साथ छाता 🌂भी लेकर आया ।*
                  👇
               
        *🔔    इसे कहते हैं  🔔*
              *🎄  आस्था🎄*

                  🌾
                ( 2 )

*👶जब आप एक बच्चे को हवा में उछालते हैं तो वह हँसता 😀 है , क्यों कि वह जानता है कि आप उसे पकड़ लेंगे ।*
                 👇
             
         *🐾इसे कहते हैं🐾*
           *✌ विश्वास✌*

                  🌾
                ( 3 )

*🌜प्रत्येक रात्रि को जब हम सोने के लिए जाते हैं तब इस बात की कोई गारण्टी नहीं है कि सुबह☀ तक हम जीवित रहेंगे भी कि नहीं , फिर भी हम घड़ी ⏰ में अलार्म लगाकर सोते हैं ।*
                 👇
      *💡इसे कहते हैं*
      *🌞आशा(उम्मीद)🌞*
   

                   🌾
                 ( 4 )

*हमें भविष्य के बारे में कोई जानकारी नहीं है फिर भी हम आने वाले कल के लिए बड़ी बड़ी योजनाएं बनाते हैं ।*
               
                 👇
      *👉 इसे कहते हैं👈*
      *💪 आत्मविश्वास💪*
---------------------------------------
                  🌾
                ( 5 )
 *💞  हम देखरहे हैं कि दुनियाँ कठिनाइयों से जूझरही है फिर भी हम शादी 🎎 करते हैं ।*          
                 👇
    *🎵  इसे कहते हैं 🎵*
           *💘  प्यार  💘*
   
                 
                    🌾
                   ( 6 )

*👍 एक 60 साल की उम्र वाले व्यक्ति की शर्ट पर एक शानदार वाक्य लिखा था , "मेरी उम्र 60 साल नहीं है , मैं तो केवल मधुर - मधुर 16 साल का हूँ , 44 साल के अनुभव के साथ ।"*

                  👇
      *👊 इसे कहते हैं 👊*
         *👀  नज़रिया  👀*
           ---------------

*जीवन खूबसूरत है , इसे सर्वोत्तम के लिए जियो।*

*संसार में केवल मनुष्य ही ऐसा एकमात्र प्राणी है*
*जिसे ईश्वर ने हंसने का गुण दिया है, इसे खोईए मत.*

*"बिखरने दो होंठों पे हंसी के फुहारों को*
*दोस्तों,*
*प्यार से बात कर लेने से जायदाद कम नहीं होती है*

*इन्सान तो हर घर में पैदा होते हैं....!!*
*बस इंसानियत कहीं-कहीं जन्म लेती है.*
                                                                                  🌸|| जय द्�
Minimum 35 Ways to Respect your Parents. Must read

1. Put away your phone in
    their presence.

2. Pay attention to what they
    are saying.

3. Accept their opinions.

4. Engage in their conversations.

5. Look at them with respect

6. Always praise them.

7. Share good news with
    them.

8. Avoid sharing bad news
    with them.

9. Speak well of their friends
    and loved ones to them.

10. Keep in remembrance
       the good things they did.

11. If they repeat a story,
       listen like it's the first
       time they tell it.

12. Don't bring up painful
       memories from the past.

13. Avoid side conversations
       in their presence.

14. Sit respectfully around
       them.

15. Don't belittle/criticize  
       their opinions and
       thoughts.

16. Avoid cutting them off
       when they speak.

17. Respect their age.

18. Avoid hitting/disciplining
      their grandchildren
      around them.

19. Accept their advice and
      direction.

20. Give them the power of
      leadership when they are
      present.

21. Avoid raising your voice
       at them.

22. Avoid walking in front or
      ahead of them.

23. Avoid eating before them

24. Avoid glaring at them.

25. Fill them with your
      appreciation even when
      they don't think they
      deserve it.

26. Avoid putting your feet  
       up in front of them or
       sitting with your back to
       them.

27. Don't speak ill of them to
      the point where others
      speak ill of them too.

28. Keep them in your
       prayers always possible.

29. Avoid seeming bored or
      tired of them in their
      presence.

30. Avoid laughing at their
      faults/mistakes.

31. Do a task before they ask
      you to.

32. Continuously visit them.

33. Choose your words  
       carefully when speaking  
       with them.

34. Call them by names they
       like.

35. Make them your priority
      above anything.

Parents are treasure on this land. Appreciate your parents.
Today lets make lots of  prayers for our beloved parents
एक बार श्री कृष्ण और अर्जुन भ्रमण पर निकले तो उन्होंने मार्ग में एक निर्धन ब्राहमण को भिक्षा मागते देखा....

अर्जुन को उस पर दया आ गयी और उन्होंने उस ब्राहमण को स्वर्ण मुद्राओ से भरी एक पोटली दे दी।

जिसे पाकर ब्राहमण प्रसन्नता पूर्वक अपने सुखद भविष्य के सुन्दर स्वप्न देखता हुआ घर लौट चला।

किन्तु उसका दुर्भाग्य उसके साथ चल रहा था, राह में एक लुटेरे ने उससे वो पोटली छीन ली।

ब्राहमण दुखी होकर फिर से भिक्षावृत्ति में लग गया।अगले दिन फिर अर्जुन की दृष्टि जब उस ब्राहमण पर पड़ी तो उन्होंने उससे इसका कारण पूछा।

ब्राहमण ने सारा विवरण अर्जुन को बता दिया, ब्राहमण की व्यथा सुनकर अर्जुन को फिर से उस पर दया आ गयी अर्जुन ने विचार किया और इस बार उन्होंने ब्राहमण को मूल्यवान एक माणिक दिया।

ब्राहमण उसे लेकर घर पंहुचा उसके घर में एक पुराना घड़ा था जो बहुत समय से प्रयोग नहीं किया गया था,ब्राह्मण ने चोरी होने के भय से माणिक उस घड़े में छुपा दिया।

किन्तु उसका दुर्भाग्य, दिन भर का थका मांदा होने के कारण उसे नींद आ गयी... इस बीच
ब्राहमण की स्त्री नदी में जल लेने चली गयी किन्तु मार्ग में
ही उसका घड़ा टूट गया, उसने सोंचा, घर में जो पुराना घड़ा पड़ा है उसे ले आती हूँ, ऐसा विचार कर वह घर लौटी और उस पुराने घड़े को ले कर
चली गई और जैसे ही उसने घड़े
को नदी में डुबोया वह माणिक भी जल की धारा के साथ बह गया।

ब्राहमण को जब यह बात पता चली तो अपने भाग्य को कोसता हुआ वह फिर भिक्षावृत्ति में लग गया।

अर्जुन और श्री कृष्ण ने जब फिर उसे इस दरिद्र अवस्था में देखा तो जाकर उसका कारण पूंछा।

सारा वृतांत सुनकर अर्जुन को बड़ी हताशा हुई और मन ही मन सोचने लगे इस अभागे ब्राहमण के जीवन में कभी सुख नहीं आ सकता।

अब यहाँ से प्रभु की लीला प्रारंभ हुई।उन्होंने उस ब्राहमण को दो पैसे दान में दिए।

तब अर्जुन ने उनसे पुछा “प्रभु
मेरी दी मुद्राए और माणिक
भी इस अभागे की दरिद्रता नहीं मिटा सके तो इन दो पैसो से
इसका क्या होगा” ?

यह सुनकर प्रभु बस मुस्कुरा भर दिए और अर्जुन से उस
ब्राहमण के पीछे जाने को कहा।

रास्ते में ब्राहमण सोचता हुआ जा रहा था कि "दो पैसो से तो एक व्यक्ति के लिए भी भोजन नहीं आएगा प्रभु ने उसे इतना तुच्छ दान क्यों दिया ? प्रभु की यह कैसी लीला है "?

ऐसा विचार करता हुआ वह
चला जा रहा था उसकी दृष्टि एक मछुवारे पर पड़ी, उसने देखा कि मछुवारे के जाल में एक
मछली फँसी है, और वह छूटने के लिए तड़प रही है ।

ब्राहमण को उस मछली पर दया आ गयी। उसने सोचा"इन दो पैसो से पेट की आग तो बुझेगी नहीं।क्यों? न इस मछली के प्राण ही बचा लिए जाये"।

यह सोचकर उसने दो पैसो में उस मछली का सौदा कर लिया और मछली को अपने कमंडल में डाल लिया। कमंडल में जल भरा और मछली को नदी में छोड़ने चल पड़ा।

तभी मछली के मुख से कुछ निकला।उस निर्धन ब्राह्मण ने देखा ,वह वही माणिक था जो उसने घड़े में छुपाया था।

ब्राहमण प्रसन्नता के मारे चिल्लाने लगा “मिल गया, मिल गया ”..!!!

तभी भाग्यवश वह लुटेरा भी वहाँ से गुजर रहा था जिसने ब्राहमण की मुद्राये लूटी थी।

उसने ब्राह्मण को चिल्लाते हुए सुना “ मिल गया मिल गया ” लुटेरा भयभीत हो गया। उसने सोंचा कि ब्राहमण उसे पहचान गया है और इसीलिए चिल्ला रहा है, अब जाकर राजदरबार में उसकी शिकायत करेगा।

इससे डरकर वह ब्राहमण से रोते हुए क्षमा मांगने लगा। और उससे लूटी हुई सारी मुद्राये भी उसे वापस कर दी।

यह देख अर्जुन प्रभु के आगे नतमस्तक हुए बिना नहीं रह सके।

अर्जुन बोले,प्रभु यह कैसी लीला है? जो कार्य थैली भर स्वर्ण मुद्राएँ और मूल्यवान माणिक नहीं कर सका वह आपके दो पैसो ने कर दिखाया।

श्री कृष्णा ने कहा “अर्जुन यह अपनी सोंच का अंतर है, जब तुमने उस निर्धन को थैली भर स्वर्ण मुद्राएँ और मूल्यवान माणिक दिया तब उसने मात्र अपने सुख के विषय में सोचा। किन्तु जब मैनें उसको दो पैसे दिए। तब उसने दूसरे के दुःख के विषय में सोचा। इसलिए हे अर्जुन-सत्य तो यह है कि, जब आप दूसरो के दुःख के विषय में सोंचते है, जब आप दूसरे का भला कर रहे होते हैं, तब आप ईश्वर का कार्य कर रहे होते हैं, और तब ईश्वर आपके साथ होते हैं