Saturday, May 28, 2022

 " स्त्री की चाहत क्या है?? "      💞💞💞💞
  एक विद्वान को फाँसी लगने वाली थी। 
राजा ने कहा ~ तुम्हारी जान बख्श दूँगा,
    अगर ...  मेरे एक सवाल का 
                सही उत्तर बता दोगे। 
               प्रश्न था, कि ....
   स्त्री , आख़िर चाहती क्या है ?
विद्वान ने कहा ~ मोहलत मिले, तो 
       पता कर के बता सकता हूँ। 
  राजा ने एक साल की मोहलत दे दी,
        विद्वान बहुत घूमा, 
          बहुत लोगों से मिला,
                पर कहीं से भी 
    कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला.
      आखिर में किसी ने कहा ~
    दूर जंगल में एक भूतनी रहती है। 
        वो ज़रूर बता सकती है ...
          इस सवाल का जवाब। 
   विद्वान उस भूतनी के पास पहुँचा, 
     और अपना प्रश्न उसे बताया। 
          भूतनी ने कहा कि ...
      मैं एक शर्त पर बताउंगी,
    अगर तुम मुझसे शादी कर लो। 
 उसने सोचा, सही जवाब न पता चला 
  तो जान ... राजा के हाथ जानी ही है, 
    इसलिए शादी की सहमति दे दी। 
   शादी होने के बाद भूतनी ने कहा ~
    चूंकि तुमने मेरी बात मान ली है,
    तो मैंने तुम्हें खुश करने के लिए 
         फैसला किया है कि ...
       12 घन्टे ... मै भूतनी और 
 12 घन्टे खूबसूरत परी बनके रहूँगी। 
        अब तुम ये बताओ कि ...
    दिन में भूतनी रहूँ या रात को ?
            उसने सोचा ... 
      यदि वह दिन में भूतनी हुई,
           तो दिन नहीं कटेगा,
      रात में हुई तो रात नहीं कटेगी। 
अंत में उस विद्वान व्यक्ति ने कहा ~
       जब तुम्हारा दिल करे 
              परी बन जाना, 
  जब दिल करे ~ भूतनी बन जाना। 
       ये बात सुनकर भूतनी ने 
  प्रसन्न हो कर कहा, चूंकि तुमने मुझे 
   अपनी मर्ज़ी करने की छूट दे दी है, 
             तो मैं हमेशा ही 
        परी बन के रहा करूँगी। 
 और यही ~ तुम्हारे प्रश्न का उत्तर है। 
       🙆🏻‍♀️    सत्री हमेशा ....
    अपनी मर्जी का करना चाहती है। 
  यदि स्त्री को ....
   अपनी मर्ज़ी का करने देंगे, तो वो
👉🏽  परी बनी रहेगी, वर्ना भूतनी  👈🏽
             
     ◆  फैसला आप का  ◆ 
       ◆  ख़ुशी आपकी  ◆
   सभी विवाहित पुरुषों को समर्पित...🤐😷
        अब ईमानदारी से बताओ,
            किसके घर में परी है ?
 गुप्ता जी दोपहर को अपने बरामदे में बैठे थे कि तभी एक अलसेशियन नस्ल का हष्ट पुष्ट व बेहद थका थका सा एक कुत्ता वहाँ पहुंच गया .
कुत्ते के गले में एक पट्टा भी था. 
उसे देख गुप्ता जी ने मन ही मन सोचा ...जरूर किसी अच्छे घर का पालतू कुत्ता है. 
जब उन्होंने उसे पुचकारा तो वह उनके पास आ गया. फिर जब उन्होंने उस पर प्यार से हाँथ फिराया तो वो पूँछ हिलाता वहीं बैठ गया.
.
कुछ देर बाद जब गुप्ता जी उठकर घर के अंदर गए तो वह कुत्ता भी उनके पीछे पीछे हॉल में चला आया और खिड़की के पास अपने पैर फैलाकर बैठा और देखते देखते ही सो गया.
गुप्ता जी ने भी हॉल का दरवाज़ा बंद किया और सोफे पर आ बैठे. 
करीब एक घंटे सोने के बाद कुत्ता उठा और दरवाजे की तरफ गया तो उठकर गुप्ता जी ने दरवाज़ा खोल दिया. 
कुत्ता घर के बाहर निकला और चला गया.
.
अगले दिन उसी समय कुत्ता फिर आ गया. खिड़की के नीचे एक घंटा सोया और फिर चला गया.
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उसके बाद वो रोज आने लगा. आता, सोता और फिर चला जाता.
.
गुप्ता जी के मन में उत्सुकता दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही थी कि इतना शरीफ, समझदार, व्यवहार कुशल कुत्ता आखिर है किसका और प्रतिदिन कहाँ से आता है?
.
एक दिन गुप्ता जी ने उसके पट्टे में एक चिठ्ठी बाँध दी. जिसमें लिख दिया : आपका कुत्ता रोज मेरे घर आकर सोता है. ये आपको मालूम है क्या ?
.
अगले दिन जब वो प्यारा सा कुत्ता आया तो गुप्ता जी ने देखा कि उसके पट्टे में एक चिठ्ठी बँधी हुई है. 
उसे निकालकर उन्होंने पढ़ना शुरू किया.... जिसमें लिखा था : ये एक अच्छे घर का बहुत ही शांतिप्रिय कुत्ता है औऱ हमारे साथ ही रहता है लेकिन मेरी पत्नी की पूरे दिन की किटकिट, पिटपिट, चिकचिक, बड़बड़ के कारण वो सो नहीं पाता और रोज हमारे घर से कहीं चला जाता है.
अगर आप इजाजत दे दें तो मैं भी उसके साथ आ कर कुछ देर आपके घर सो सकता हूँ क्या ...??
 नाम का पंगा 🤣
जैसलमेर से बीकानेर बस रुट पर....
बीच में एक बड़ा सा गाँव है जिसका नाम है *नाचने*
 
वहाँ से बस आती है तो लोग कहते है कि 
*नाचने वाली बस आ गयी..*😎 
कंडक्टर भी बस रुकते ही चिल्लाता.. 
*नाचने वाली सवारियाँ उतर जाएं बस आगे जाएगी..*😎
इमरजेंसी में रॉ का एक नौजवान अधिकारी जैसलमेर आया 
रात बहुत हो चुकी थी,
वह सीधा थाने पहुँचा और ड्यूटी पर तैनात सिपाही से पूछा -
*थानेदार साहब कहाँ हैं ?*
सिपाही ने जवाब दिया थानेदार साहब *नाचने* गये हैं..😎
अफसर का माथा ठनका उसने पूछा डिप्टी साहब कहाँ हैं..?
सिपाही ने विनम्रता से जवाब दिया-
हुकुम 🙏🏻 *डिप्टी साहब भी नाचने* गये हैं..😎
अफसर को लगा सिपाही अफीम की पिन्नक में है, उसने एसपी के निवास पर फोन📞 किया।
एस.पी. साहब हैं ?
जवाब मिला *नाचने* गये हैं..!!
लेकिन *नाचने* कहाँ गए हैं, ये तो बताइए ?
बताया न *नाचने* गए हैं, सुबह तक आ जायेंगे।
कलेक्टर के घर फोन लगाया वहाँ भी यही जवाब मिला, साहब तो *नाचने* गये हैं..
अफसर का दिमाग खराब हो गया, ये हो क्या रहा है इस सीमावर्ती जिले में और वो भी इमरजेंसी में।
पास खड़ा मुंशी ध्यान से सुन रहा था तो वो बोला - हुकुम बात ऐसी है कि दिल्ली से आज कोई मिनिस्टर साहब *नाचने* आये हैं।
इसलिये सब अफसर लोग भी *नाचने* गये हैं..!!
x
 *हास्य कविता*
😀😀😀😀😀😀😀
अक्ल बाटने लगे विधाता,
             लंबी लगी कतारी ।
सभी आदमी खड़े हुए थे,
            कहीं नहीं थी नारी ।
सभी नारियाँ कहाँ रह गई,
          था ये अचरज भारी ।
पता चला ब्यूटी पार्लर में,
          पहुँच गई थी सारी।
मेकअप की थी गहन प्रक्रिया,
           एक एक पर भारी ।
बैठी थीं कुछ इंतजार में,
          कब आएगी बारी ।
उधर विधाता ने पुरूषों में,
         अक्ल बाँट दी सारी ।
ब्यूटी पार्लर से फुर्सत पाकर,
        जब पहुँची सब नारी ।
बोर्ड लगा था स्टॉक ख़त्म है,
        नहीं अक्ल अब बाकी ।
रोने लगी सभी महिलाएं ,
        नींद खुली ब्रह्मा की ।
पूछा कैसा शोर हो रहा है,
         ब्रह्मलोक के द्वारे ?
पता चला कि स्टॉक अक्ल का
         पुरुष ले गए सारे ।
ब्रह्मा जी ने कहा देवियों ,
          बहुत देर कर दी है ।
जितनी भी थी अक्ल वो मैंने,
          पुरुषों में भर दी है ।
लगी चीखने महिलाये ,
         ये कैसा न्याय तुम्हारा?
कुछ भी करो हमें तो चाहिए,
          आधा भाग हमारा ।
पुरुषो में शारीरिक बल है,
          हम ठहरी अबलाएं ।
अक्ल हमारे लिए जरुरी ,
         निज रक्षा कर पाएं ।
सोचकर दाढ़ी सहलाकर ,
         तब बोले ब्रह्मा जी ।
एक वरदान तुम्हे देता हूँ ,
         अब हो जाओ राजी ।
थोड़ी सी भी हँसी तुम्हारी ,
         रहे पुरुष पर भारी ।
कितना भी वह अक्लमंद हो,
         अक्ल जायेगी मारी ।
एक औरत ने तर्क दिया,
        मुश्किल बहुत होती है।
हंसने से ज्यादा महिलाये,
        जीवन भर रोती है ।
ब्रह्मा बोले यही कार्य तब,
        रोना भी कर देगा ।
औरत का रोना भी नर की,
        अक्ल हर लेगा ।
एक अधेड़ बोली बाबा,
       हंसना रोना नहीं आता ।
झगड़े में है सिद्धहस्त हम,
       खूब झगड़ना भाता ।
ब्रह्मा बोले चलो मान ली,
       यह भी बात तुम्हारी ।
झगड़े के आगे भी नर की,
       अक्ल जायेगी मारी ।
ब्रह्मा बोले सुनो ध्यान से,
       अंतिम वचन हमारा ।
तीन शस्त्र अब तुम्हे दिए,
       पूरा न्याय हमारा ।
इन अचूक शस्त्रों में भी,
       जो मानव नहीं फंसेगा ।निश्चित समझो, 
       उसका घर नहीं बसेगा ।
कहे कवि मित्र ध्यान से,
       सुन लो बात हमारी ।
बिना अक्ल के भी होती है,
       नर पर नारी भारी।
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 अभी कुछ दिन पहले की बात है, हमलोग एक रेस्टोरेंट में गए थे, मैं, मम्मी- पापा और मेरा छोटा भाई, एक तो हमारे यहाँ आर्डर करने के लिए मेन्यू नहीं देखा जाता है, एक ही फिक्स्ड रेस्टोरेंट है, वही बटर नान तवा रोटी, चिल्ली पनीर या फिर कढ़ाई पनीर आर्डर होता है तो उस दिन क्या हुआ कि ऑलमोस्ट आधी सब्ज़ी बच गयी , अब देखोे भाई judge मत करना पर हमारे यहाँ सब्जी बच जाती है तो हमलोग पैक करा लेते हैं कि कल दिन में गरम करके लंच में खा लेंगे (आपमें से भी कई लोग ऐसा करते ही होगे), मैंने बची हुई चिल्ली पैक करा ली और हमलोग जैसे ही उस रेस्टोरेंट से बाहर निकले, कुछ बच्चे, फटे कपड़े, नंगे पैर में वो जो पेन या गुब्बारा बेचते हैं ना दस रूपए वाले वो आ गए कि भईया कुछ खिला दो ।
मैंने वो सब्जी का पैकेट उन्हें दे दिया, एक पेन भी ले लिया पर पता है, ये सब देख के बहुत व्यथित हो जाता हूँ मैं कि क्या भविष्य होगा इनका, हाँ अब इस पोस्ट को पढ़ने वाले कुछ लोगों को ये भी लगेगा कि मुझे दरियादिली दिखा के उन बच्चों को अडॉप्ट कर लेना चाहिए था, मैं कर भी लेता अगर मेरे पास इतना सामर्थ्य होता है पर पता है ये मैं लिख क्यों रहा हूँ, मुझे लगता है इस चैनल पे मैक्सिमम लोग मेरी ही तरह मिडिल क्लास या लोअर मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं जिनकी घर की दिवार से शायद चूना निकलता होगा पर पढ़ाई लिखाई से कभी compromise नहीं किया गया होगा । (ये चैनल है भी उन्ही के लिए जो अपने चैलेंजिंग जीवन के बाद थोड़ी देर यहां आकर अपना मनोरंजन कर ले)
आपलोग को लगता होगा कि बाबा क्या रोज पकाते रहते हैं कभी अपने सड़े गले चुटकुलों से, कभी इधर उधर के #पिंकू_ज्ञान से तो कभी इस बात से कि पढ़ लो, पढ़ लो.. पर मैं एक की चीज़ अपने तजुर्बे से बता रहा हूँ कि मैंने अपना और अपने घर का स्टैण्डर्ड बदलते हुए देखा है मेरी जॉब लगने के बाद, देखिये नौकरी तो आपको कोई ना कोई मिल ही जाएगी, पर अगर पसंद की नौकरी नहीं मिली ना तो दो चीज़ें होंगी, या तो आप पैसे की वजह से कुछ खरीद नहीं पाएंगे या अपने औधे की वजह से कुछ बोल नहीं पाएंगे और कल अगर ऐसा हो गया ना तो कसम से बहुत खलेगा आपको इसलिए अगर अभी भी मौका है तो waste मत करिये उसे, दूसरों के लिए सवेरा कल सुबह से होगा पर आपका अभी से होना चाहिए.... 
खुश रहिए खुश रखिए
जीवन में जो हासिल करने का सोचा है उसके लिए सच्ची लगन से प्रयासरत रहिए
और कभी कभी अपने इस #बाबा_बनारसी को भी याद कर लिया करिए
क्युकी यहा मैं अपने लिए नहीं आप सबके लिए ही आता हूं 😊🤘
(ऊपर लिखी नौकरी वाली बात महज काल्पनिक है मैं अब भी बेरोजगार हूं 

 !!!जिस किसी ने लिखा?क्या खूब लिखा?!!!

*भारतीय पिता पुत्र की जोड़ी भी बड़ी कमाल की जोड़ी होती है।*

*दुनिया के किसी भी सम्बन्ध में,*

*अगर सबसे कम बोल-चाल है,*

*तो वो है पिता-पुत्र की जोड़ी में।*


*एक समय तक दोनों अंजान होते हैं,* 

*एक दूसरे के बढ़ते शरीरों की उम्र से, फिर धीरे से अहसास होता है,* 

*हमेशा के लिए बिछड़ने का।*


*जब लड़का,*

*अपनी जवानी पार कर,* 

*अगले पड़ाव पर चढ़ता है,*

*तो यहाँ,*

*इशारों से बाते होने लगती हैं,* 

*या फिर,* 

*इनके बीच मध्यस्थ का* *दायित्व निभाती है माँ*


*पिता अक्सर पुत्र की माँ से कहता है,जा,* *"उससे कह देना"*

*और,* 

*पुत्र अक्सर अपनी माँ से कहता है,*

*"पापा से पूछ लो ना"*


*इन्हीं दोनों धुरियों के बीच,*

*घूमती रहती है माँ।* 


*जब एक,* 

*कहीं होता है,*

*तो दूसरा,*

*वहां नहीं होने की,*

*कोशिश करता है,*


*शायद,*

*पिता-पुत्र नज़दीकी से डरते हैं।*

*जबकि,* 

*वो डर नज़दीकी का नहीं है,* 

*डर है,*

*उसके बाद बिछड़ने का।* 


*भारतीय पिता ने शायद ही किसी बेटे को,* 

*कभी कहा हो,* 

*कि बेटा,* 

*मैं तुमसे बेइंतहा प्यार करता हूँ*


*पिता के अनंत रौद्र का उत्तराधिकारी भी वही* *होता है,*

*क्योंकि,*

*पिता, हर पल ज़िन्दगी में,* 

*अपने बेटे को,*

*अभिमन्यु सा पाता है।*


*पिता समझता है,*

*कि इसे सम्भलना होगा*, 

*इसे मजबूत बनना* *होगा, ताकि*, 

*ज़िम्मेदारियो का बोझ,* 

*इसका वध न कर सके।*

*पिता सोचता है,*

*जब मैं चला जाऊँगा*, 

*इसकी माँ भी चली* *जाएगी,*

*बेटियाँ अपने घर चली जायेंगी,*

*तब, रह जाएगा सिर्फ ये,*

*जिसे, हर-दम, हर-कदम,* 

*परिवार के लिए,*

*आजीविका के लिए*,

*बहु के लिए,*

*अपने बच्चों के लिए,* 

*चुनौतियों से,*

*सामाजिक जटिलताओं से,* 

*लड़ना होगा।*


*पिता जानता है कि,* 

*हर बात,* 

*घर पर नहीं बताई जा सकती,*

*इसलिए इसे,* 

*खामोशी से ग़म छुपाने सीखने होंगें।*


*परिवार के विरुद्ध खड़ी,*

*हर विशालकाय मुसीबत को,* 

*अपने हौसले से,*

*छोटा करना होगा।*

*ना भी कर सके*

*तो ख़ुद का वध करना होगा।*

*इसलिए,* 

*वो कभी पुत्र-प्रेम प्रदर्शित नहीं करता,*


*पिता जानता है कि,*

*प्रेम कमज़ोर बनाता है।*

*फिर कई बार उसका प्रेम,* 

*झल्लाहट या गुस्सा बनकर,*

*निकलता है,* 


*वो गुस्सा अपने बेटे की कमियों के लिए नहीं होता,*

*वो झल्लाहट है,*

*जल्द निकलते समय के लिए,* 

*वो जानता है,* 

*उसकी मौजूदगी की,*

*अनिश्चितताओं को।*


*पिता चाहता है*, 

*कहीं ऐसा ना हो कि,* 

*इस अभिमन्यु का वध*, 

*मेरे द्वारा दी गई,* 

*कम शिक्षा के कारण हो जाये,*

*पिता चाहता है कि,*

*पुत्र जल्द से जल्द सीख ले,* 

*वो गलतियाँ करना बंद करे,*

*क्योंकि गलतियां सभी की माफ़ हैं,* 

*पर मुखिया की नहीं,*


*यहाँ मुखिया का वध सबसे पहले होता है।*


*फिर,* 

*वो समय आता है जबकि,* 

*पिता और बेटे दोनों को,* 

*अपनी बढ़ती उम्र का,* 

*एहसास होने लगता है,* 

*बेटा अब केवल बेटा नहीं, पिता भी बन चुका होता है,* 

*कड़ी कमज़ोर होने लगती है*।


*पिता की सीख देने की लालसा,* 

*और,* 

*बेटे का,* 

*उस भावना को नहीं समझ पाना*, 

*वो सौम्यता भी खो देता है,*

*यही वो समय होता है जब,* 

*बेटे को लगता है कि*, 

*उसका पिता ग़लत है*, 

*बस इसी समय को* *समझदारी से निकालना होता है,* 

*वरना होता कुछ नहीं है,*

*बस बढ़ती झुर्रियां और बूढ़ा होता शरीर*

*जल्द बीमारियों को घेर लेता है।* 

*फिर,* 

*सभी को बेटे का इंतज़ार करते हुए माँ तो दिखती है,* 

*पर,*

*पीछे रात भर से जागा, पिता नहीं दिखता,*

*पिता की उम्र और झुर्रियां,*

*और बढ़ती जाती है।*


*ये समय चक्र है,*

*जो बूढ़ा होता शरीर है बाप के रूप में उसे एक और बूढ़ा शरीर झांकता है आसमान से,* 

*जो इस बूढ़े होते शरीर का बाप है,*


*हे मेरे महान पिता..*

*मेरे गौरव,*

*मेरे आदर्श,* 

*मेरा संस्कार,* 

*मेरा स्वाभिमान,*

*मेरा अस्तित्व...*

 Top 4 Ways to Invest in Yourself


1. Set goals.  If you're not taking the time to set goals it's like driving in the dark with the headlights turned off. 


2. Honor your intuition. Valuing your intuition, by not allowing the thoughts, feelings or statements of others to take away from what you know to be true is very empowering. 


3. Invest time in your creativity. Creativity can be the catalyst in the manifestation of continual learning and lifelong activity. It allows us to be inspired, have fun and appreciate the beauty in the world.


4. Invest in building your confidence. People who know their value, have something to say and others will listen. You can invest in yourself by developing an understanding of the value that you possess and offer others. Learn to have the courage to speak your truth. The more you love yourself and own the value that you offer, the more confident you will become in sharing it with others.


 एक साहब सुबह अपने दफ्तर जा रहे थे..

कि 

रास्ते में ही उनका मोबाइल चोरी हो गया।


अब ट्रेजडी शुरू, 


दिन भर की व्यस्तता के बाद थके हारे जब साहब घर आए तो घर का दृश्य देखकर कांप गये।


घर में उसके सास और ससुर जी.. अपनी बेटी औऱ नाती नतिनी का सामान पैक कर उनका इंतजार कर रहे थे।


पत्नी और सास की आंखें रो रो कर लाल हो गई थीं। 


ससुर जी के चेहरे पर दामाद को नापसंद करने वाला खूँखार असुर  साफ साफ दिख रहा था।


"क्या मामला है....??


 और 


कहां लेकर जा रहे हैं मेरी पत्नी औऱ बच्चों को?? 


सब खैरियत तो है??" 

उन्होंने कुछ न समझने वाले अंदाज में डरते डरते प्रश्न किया तो ससुर जी ने उनकी बीवी का मोबाइल उनके सामने रख दिया...??


"मैं तुम्हें तलाक़ देता हूं"...


बीवी के मोबाइल पर उनके मोबाइल से मैसेज आया था।


मैसेज देख कर साहब ने राहत की सांस ली...

और बताया कि..


उनका मोबाइल तो सुबह ही चोरी हो गया था। 

उन्होंने सारी बात बताकर सबको अपने निर्दोष होने का यकीन दिलाया।


अब उनकी बीवी अपनी मां से लिपट कर रोने लगीं और ससुर जी शांत हो गये।


"लेकिन चोर ने मेरी बीवी को तलाक़ का मैसेज क्यों किया???"


इस कन्फ्यूजन में उन्होंने दूसरे फ़ोन से अपने मोवाईल पर नंबर डायल किया तो चोर ने फोन उठा लिया, 


साहब छूटते ही टूट पड़े उस चोर पर..... 

"ओए चोट्टे, कमीने हरामखोर इंसान! फोन चुराया सो चुराया! तूने मेरी बीवी को तलाक़ का मैसेज क्यों भेजा??" 


जूते मार-मारकर थोबड़ा सूजा दूँगा तेरा...??


चोर ने शांति से उनकी बात सुनी और कहने लगा...


"देखिये साहब! 

सुबह...जब से आपका फोन चुराया है... मेरी जिंदगी झंड हो गई है।

मुझे अब तक आपकी बीवी के हज़ारों मैसेज मिल चुके हैं....??


कहां हो??.... 


क्या कर रहे हो??.... 


कब आओगे??.... 


आते हुए पुदीना औऱ टमाटर ले आना??...

 

और हां 


गुप्ता स्वीट्स से गरम समोसे लेना मत भूलना..!!


जल्दी आना.... 

देखो नींबू भी खत्म हो गई है...तीन से ज़्यादा मत लेना।


एक औऱ काम करते आना... बाबू की चड्डी सुबह से नहीं मिल रही..पता नहीं कहाँ गुम हो गई.. नई ले लेना।


गुड़िया का मोजा भी फट गया है.. 

देख लेना।


अपनी ऑफिस की रश्मि से ज़्यादा हँस कर बातें मत करना...

चुड़ैल है वो..

सारा दिन चपड़-चपड़ करते रहती है...?


गुप्ता जी के चक्कर में ज्यादा सिगरेट मत पीना..??


औऱ शायद कुछ भूल रही हूँ...


याद आते ही मैसेज करूँगी..??


वगैरह वगैरह......


मैं पागल हो गया था साहब...


एक तो सुबह सुबह मेरी बोहनी ख़राब हो गई....ऊपर से दर्द से सिर फट रहा है...अधमरा सा हो गया हूं साहब...??


इसलिए मैंने मज़बूर होकर तलाक़ वाला मैसेज भेजा तब जाकर मेरी जान छूटी..

 में कभी भी शराब पीते हुए रिस्क नहीं लेता।

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मैं ऑफिस से शाम को घर पे आया तो बीवी खाना बना रही थी।


हाँ, मुझे रसोई से बर्तनों की आवाज़ आ रही है।


मैं छुपके से घर में घुस गया


काले रंग की अलमारी में से ये मैंने बोतल निकाली


शिवाजी महाराज फ़ोटो फ्रेम में से मुझे देख रहे हैं


पर अब भी किसी को कुछ पता नहीं लगा


क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता।

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मैंने पुरानी सिंक के ऊपर वाली रैक से गिलास निकाला


और फटाक से एक पेग गटक लिया।


गिलास धोया, और उसे फिर से रैक पे रख दिया।


बेशक मैंने बोतल भी अलमारी में वापस रख दी


शिवाजी महाराज मुस्कुरा रहे हैं


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मैंने रसोई में झांका


बीवी आलू काट रही है।


किसी को कुछ पता नहीं चला के मैंने अभी अभी क्या किया


क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता।

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मैं बीवी से पूछा: चोपड़ा की बेटी की शादी का कुछ हुआ ?


बीवी : नहीं जी, बड़ी ख़राब किस्मत है बेचारी की। अभी लड़का देख ही रहे हैं वो लोग उसके लिए।

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मैं फिर से बाहर आया, काली अलमारी की हलकी सी आवाज़ हुई


पर बोतल निकालते हुए मैंने बिल्कुल आवाज़ नहीं की


सिंक के ऊपर वाली पुरानी रैक से मैंने गिलास निकाला


लो जी फटाफट दो पेग और मार लिए

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बोतल धोयी और संभाल के सिंक में रख दी


और काले गिलास को अलमारी में भी रख दिया


पर किसी को अब भी हवा तक नहीं लगी के मैंने क्या किया


क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता

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मैं बीवी से : फिर भी ! चोपड़ा की लड़की की अभी उम्र ही क्या है


बीवी: क्या बात कर रहे हो जी !!! 28 की हो गयी है…बूढ़ी घोड़ी की तरह दिखने लगी है।


मैं: (भूल ही गया कि उसकी उम्र तो 28 साल है) अच्छा अच्छा..

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मैंने फिर से मौका देख के काली अलमारी में से आलू निकाले


पर पता नहीं यार अलमारी की जगह कैसे अपने आप बदल गयी!


ये मैंने रैक से बोतल निकाली, सिंक में एक पेग बनाया और गटागट पी गया

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शिवाजी महाराज बड़ी जोर जोर से हँस रहे हैं


रैक को ये मैंने आलू में रक्खा, शिवाजी महाराज की फ़ोटो भी ढंग से धो दी और लो जी काली अलमारी में भी रख दी

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बीवी क्या कर रही है, हाँ ! वो सिंक चूल्हे पे चढ़ा रही है।


पर अब भी किसी को कुछ पता नहीं चला के मैंने क्या किया


क्योंकि! क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता।

(ये हुचकि क्यों आ रही है, कौन याद किया मेरे को)

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मैं बीवी से: (गुस्सा होते हुए) तुमने चोपड़ा साहब को घोड़ा बोला? अगर तुमने दोबारा ऐसा बोला तो तुम्हारी ज़ुबान काट दूंगा…!


बीवी: हाँ बाबा बड़बड़ाओ मत ! शांति से बैठो तुम अब बाहर जाकर, इस समय वही ठीक है तुम्हारे लिए…

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मैंने आलू में से बोतल निकाली


काली अलमारी में गया और अपने पेग के मजे लिए


सिंक धोया और उसको रैक के ऊपर रख दिया


बीवी फ्रेम में से अब भी मुस्कुरा रही है

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शिवाजी महाराज खाना बनाने में बिजी हैं


पर अब भी किसी को कुछ नहीं पता मैंने क्या किया


क्योंकि मैं रिस्क लेता ही नहीं ना यार

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मैं बीवी से : (हँसते हुए) तो चोपड़ा घोड़े से शादी कर रहा है!!


बीवी: सुनो ! जाओ, तुम पहले अपने मुँह पे पानी के छपाके मारो…

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मैं फिर रसोई में गया और चुपचाप रैक पे बैठ गया


चूल्हा भी रखा है रैक पे


बाहर कमरे से बोतल की आवाज़ सी आई

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मैंने झाँका और देखा की बीवी सिंक में बैठी पेग के मजे ले रही है


पर अब तक किसी भी घोड़े को पता नहीं लगा के मैंने क्या किया


क्योंकि शिवाजी महाराज कभी रिस्क नहीं लेते

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चोपड़ा साला अब भी खाना बना रहा है


और मैं फ़ोटो में से अपनी बीवी को देख रहा हूँ और हँस रहा हूँ


क्योंकि! क्योंकि मैं कभी! क्योंकि मैं कभी क्या नहीं लेता यार??? हाँ !!! मैं कभी आलू नहीं लेता… शायद!


 "एक ही घर"


हम दो भाई एक ही मकान में रहते हैं, मैं पहली मंजिल पर और भैया निचली मंजिल पर। पता नही हम दोनों भाई कब एक दूसरे से दूर होते गए, एक ही मकान में रहकर भी ज्यादा बातें न करना, विवाद वाली बातों को तूल देना, यही सब चलता था। भैया ऑफिस के लिए जल्दी निकलते और घर भी जल्दी आते थे, जबकि मैं देर से निकलता और देर से लौटता था, इसलिए मेरी गाड़ी हमेशा उनकी गाड़ी के पीछे खड़ी होती थी। हर रोज सुबह गाड़ी हटाने के लिए उनका आवाज देना मुझे हमेशा अखरता, मुझे लगता कि मेरी नींद खराब हो रही है। कभी रात के वक्त उनका ये बोलना नागवार गुजरता कि बच्चों को फर्श पर कूदने से मना करो, नींद में खलल पड़ता है।

ऐसे ही गुजरते दिनों के बीच एक बार मैं बालकनी में बैठा था, कि मुझे नीचे से मकान का गेट खुलने की आवाज सुनाई दी, झांककर देखा, तो पाया कि नीचे कॉलोनी के युवाओं की टोली थी जो किसी त्यौहार का चंदा मांगने आई थी। नीचे भैया से चंदा लेकर वो लोग पहली मंजिल पर आने के लिए सीढ़ियाँ चढ़ने लगे, तो भैया बोले," अरे उपर मत जाओ, उपर नीचे एक ही घर है"। युवाओं की टोली तो चली गई पर मेरे दिमाग में भैया कि बात गूँजने लगी, "उपर नीचे एक ही घर है"।

मैं शर्मिंदा महसूस करने लगा कि भैया में इतना बड़प्पन हैं, और मैं उनसे बैर रखता हूँ?

बात सौ दो सौ रूपयों के चंदे की नहीं बल्कि सोच की थी, और भैया अच्छी सोच में मुझसे कहीं आगे थे।

अगले दिन से मैने सुबह जल्दी उठकर गाड़ी बाहर करना शुरू कर दिया, बच्चों को हिदायत दी कि रात जल्दी सोया करें ताकि घर के बड़े चैन से सो सकें, क्योंकि "हमारा घर एक है"।

 अगर महिलायें गंजी हो जायें, तो बदसूरत लगती हैं...

अगर महिलाओं की मूँछें आ जायें, तो बदसूरत लगती हैं...

अगर महिलाओं के सिक्स पैक्स एब्स निकल आये, 

तो खराब लगती हैं......


और आप कहते है कि, महिलायें खूबसूरत हैं...???


अब पुरुष की बात करते है.... 

यानी लड़कों की... ,


अगर लड़के क्लीन शेव रहें, तो खूबसूरत लगते हैं... 

और दाढ़ी रखें, तब भी खूबसूरत लगते हैं....


अगर लड़के गंजे हो जाएं, तब भी ख़ूबसूरत लगते हैं...

बड़े बाल रख लें, तब भी खूबसूरत लगते है....

मीडियम बाल रखें, तब भी खूबसूरत लगते है...


अगर लड़कों के सिक्स पैक एब्स आ जाए, तो खूबसूरत.. 

और छरहरे हों, तो भी खूबसूरत...


यानि स्त्री की खूबसूरती एक मृगमरीचिका है...!

किसी जादूगर का इंद्रजाल है...!!


लेकिन पुरुष की खूबसूरती...... 

एक शाश्वस्त सत्य है...जो हर परिस्थिति में व्याप्त रहती है...


*नोट - महिलाएँ धक्का-मुक्की ना करें..🙏

           कृपया लाइन लगाकर गुस्सा दिखाये,..!😂

 मोटापा कम करने का उपाय

😄😄😄

एक मोटे आदमी

ने न्यूज पेपर में विज्ञापन देखा ” एक सप्ताह में 5 किलो

वजन कम कीजिये। ” 💡⚖️⚖️


उसने उस विज्ञापन वाली कम्पनी में

फोन किया तो एक महिला ने जवाब दिया और कहा : ” कल

सुबह 6 बजे तैयार रहिए। ”


अगली सुबह उस मोटे ने दरवाजा खोला तो देखा कि एक

खूबसूरत युवती जागिंग

सूट और शूज पहने बाहर तैयार खड़ी है।😍😍


युवती बोली :- मुझे पकड़ो और मुझे किस कर लो ये कह कर

युवती दौड़ पड़ी।😘😘


मोटू भी पीछे दौड़ा मगर उसे पकड़ नहीं पाया।

पूरे हफ्ते रोज मोटू ने उसे पकड़ने का प्रयास किया लेकिन उस

युवती को पकड़ नही पाया। और उसका 5 किलो वजन कम

हो गया।🏃🏃🏃💃💃💃


फिर मोटू ने 10 किलो वजन कम करने वाले प्रोग्राम की

बात की।


अगली सुबह 6 बजे उसने दरवाजा खोला तो देखा कि: पहले

वाली से भी खूबसूरत

युवती जागिंग सूट और शूज में खड़ी है।🙀🙀🙀


 युवती बोली :- मुझे

पकड़ो और मुझे किस करलो और इस हफ्ते मोटू का 10 किलो

वजन घट गया। 😻😻


मोटू ने सोचा वाह क्या बढ़िया प्रोग्राम है। क्यूँ ना 25

किलो वाला प्रोग्राम आजमाया जाए। उसने 25 किलो वाले

प्रोग्राम के लिए फोन किया। तो महिला ने जवाब दिया और

कहा कि : 

” क्या आपका इरादा पक्का है.?” क्योंकि ये

प्रोग्राम थोड़ा कठिन है। ”


मोटू बोला :- ” हाँ। ” 😜😏😏


अगली सुबह 6 बजे मोटू ने दरवाजा खोला तो देखा कि

दरवाजे पर जागिंग सूट और शूज पहने एक काली भुजंग लड़की

खडी है …… 😵😵


लड़की बोली : मैंने तुम्हे पकड़ लिया तो मैं तुम्हें

किस करूँगी,  😚😚😚


बस तो फिर क्या अब तो भाग मिल्खा भाग…!!! 

 ⚜️⚜️⚜️

*कभी हम भी.. बहुत अमीर हुआ करते थे* 

*हमारे भी जहाज.. चला करते थे।*


*हवा में.. भी।*

*पानी में.. भी।*


*दो दुर्घटनाएं हुई।*

*सब कुछ.. ख़त्म हो गया।*


                *पहली दुर्घटना* 


जब क्लास में.. हवाई जहाज उड़ाया।

टीचर के सिर से.. टकराया।

स्कूल से.. निकलने की नौबत आ गई।

बहुत फजीहत हुई।

कसम दिलाई गई।

औऱ जहाज बनाना और.. उडाना सब छूट गया।


                 *दूसरी दुर्घटना*


बारिश के मौसम में, मां ने.. अठन्नी दी।

चाय के लिए.. दूध लाना था।कोई मेहमान आया था।

हमने अठन्नी.. गली की नाली में तैरते.. अपने जहाज में.. बिठा दी।

तैरते जहाज के साथ.. हम शान से.. चल रहे थे।

ठसक के साथ।

खुशी खुशी।

अचानक..

तेज बहाव् आया।

और..

जहाज.. डूब गया।


साथ में.. अठन्नी भी डूब गई।

ढूंढे से ना मिली।


मेहमान बिना चाय पीये चले गये।

फिर..

जमकर.. ठुकाई हुई।

घंटे भर.. मुर्गा बनाया गया।

औऱ हमारा.. पानी में जहाज तैराना भी.. बंद हो गया।


आज जब.. प्लेन औऱ क्रूज के सफर की बातें चलती हैं , 

तो.. उन दिनों की याद दिलाती हैं।


वो भी क्या जमाना था !


और..

आज के जमाने में..

मेरे बेटे ने...   

पंद्रह हजार का मोबाइल गुमाया तो..


मां बोली ~ कोई बात नहीं ! 

पापा..

*दूसरा दिला देंगे।*


हमें अठन्नी पर.. मिली सजा याद आ गई।


फिर भी आलम यह है कि.. 

आज भी.. हमारे सर.. 

मां-बाप के सामने.. 

अदब से झुकते हैं।


औऱ हमारे बच्चे.. 'यार पापा ! 

यार मम्मी !

कहकर.. बात करते हैं।

हम प्रगतिशील से.. 

प्रगतिवान हो गये हैं।


कोई लौटा दे.. मेरे बीते हुए दिन।।



 *मैं तो "पत्थर" हूँ; मेरे माता-पिता "शिल्पकार" है..*

*मेरी हर "तारीफ़" के वो ही असली "हक़दार हैं ।*🌹



लोग पूछते हैं कि दुनिया में इतनी पीड़ा क्यों है?...

❤️

दुनियां में इतनी पीड़ा इसलिए है क्योंकि इस दुनिया को ही प्रेमियों की हाय लग गयी है...




किसी ने कभी सोचा है उस प्रेमिका के बारे में, जिसे उसके प्रेमी से छीन अनजाने मर्द के साथ ब्याह दिया गया हो गाजे-बाजे और धूम-धड़ाके के साथ... जिस धूम-धड़ाके की आवाज में प्रेमिका की सिसकी भी घुट कर ही मर गई होगी...




कभी सोचा है जब उसे उसके प्रेमी की जगह कोई अनजान मर्द (जो शादी के बाद उसका स्वामी होता है) ने पहली बार छुआ होगा तो कितना वीभत्स महसूस किया होगा उसने...




या उस प्रेमी के बारे में कभी सोचा है जिससे ब्याही गयी होगी कोई अनजान औरत और वह खोजता होगा उसके चेहरे में अक्स अपनी प्रेयशी का... जब नहीं पाता होगा तब रह जाता होगा तड़प कर...




यह तड़प, यह सिसकी, यह वेदना कैद है इस दुनिया में तभी तो इतनी पीड़ा है!




अक्सर लोग जिससे प्रेम करते हैं उससे शादी नहीं हो पाती और जिससे शादी होती है उससे प्रेम कायम करने में समय लग जाता है... यह भी अजीब ही है, पर है तो सच ही!




अगर सौ अरेंज शादी की बात हो और थोड़ा बढ़ा-चढ़ा कर बोला जाय तो मुश्किल से 20-25 फीसदी जोड़े ही उस फुलफिलमेंट को, उस तृप्ति को, उस संतुष्टि को, उस खिलावट को, उस निखार को पाते हैं जो स्त्री पुरुष के मिलने पर होना चाहिए! 75-80 फीसदी इससे मरहूम ही रह जाते हैं... और जो इससे मरहूम रह गया उसके जीवन में शादी के कुछ दिनों तक पीड़ा रहेगी ही...




जहाँ तक शादी के बाद प्रेम कायम करने की बात है तो लोग मजबूरी में एडजस्ट कर ही लेते हैं!...

❤️

जिसने आपको चाहा उसे आप चाह न सके

जिसको आपने चाहा उसे आप पा न सके

ये मोहब्बत दिल टूटने का ही खेल है यारों

किसी का तोड़कर भी अपना ही बचा न सके💜







प्यार करो तो उसे शादी के बंधन तक जरूर ले कर जाओ

वरना प्यार तब तक मत करो जब तक किसी से शादी में बंध न जाओ

 शादी को सालभर होने को आया था मगर वो हमेशा अपनी पत्नी से कहता रहता की .... मेरी जिंदगी तो एक खुली किताब की तरह है …जो चाहे सो पढ़ लो...

पत्नी ने हैरानी से उसकी और देखा

तो वह बोला ... खुली किताब ... मेरी जिंदगी रंगीन रही है 

वो कभी बहाने से अपने कालेज में लड़कियों से छेड़छाड़ करने या उनके साथ किए गए फ्लर्ट के किस्से सुनाता  

एकबार तो उसने आलमारी से एक पुरानी डायरी निकालकर उसमें रखी एक फोटो दिखाकर कहा कि एक समय पर ये उसकी गर्लफ्रेंड रही थी देखो कितनी खूबसूरत है। उस जमाने में ऐसी और भी साथ पढ़ने वाली लड़कियां उसपर जान छिड़कती थी….

पत्नी सदैव उसकी बातों पर चुपचाप मुस्कुराती रहती कुछ कहती नहीं जैसे उसपर इन बातों का कोई असर ही नहीं होता था। इस चुप्पी और मुस्कुराहट को दिनबादिन देखते हुए एक दिन वो पत्नी से प्रश्न कर ही बैठा ...यार एक बात तो बताओ ... मैं तो हमेशा अपनी जिंदगी की किताब खोलकर तुम्हारे सामने रख देता हूं और तुम हो कि बस चुपचाप मुस्कुराती रहती हो कभी तुम भी तो अपनी जिंदगी की किताब खोलकर हमें उसके किस्से सुनाओ

चुप रहनेवाली पत्नी मुस्कुराती हुई अचानक गम्भीर हो गई और फिर अपने पति से बोली....

मैं तो तुम्हारे जीवन की रंगीन किताब सुनकर हमेशा मुस्कुराती रही हूं 

लेकिन सच कहो …. मेरी जिंदगी की किताब में भी यदि ऐसे ही कुछ पन्ने निकल गए तो क्या तुम भी ऐसे ही मुस्कुरा सकोगे 

उसने एकबार अपनी पत्नी की ओर देखा फिर शर्मिंदगी से उसका सिर झुक गया था

 एक 60 वर्षीय महिला ने अचानक ही मंदिर जाना छोड़कर स्विमिंग सीखने जाना शुरू कर दिया!!


किसी ने कारण पूछा तो महिला ने बताया कि:

अक्सर मेरे बेटे और बहू का झगड़ा होता रहता है,,

और बहू हमेशा पूछती रहती है कि अगर तुम्हारी माँ और मैं दोनो पानी में डूब रहे हों तो तुम पहले किसे बचाओगे??


मैं अपने बेटे को किसी धर्मसंकट में नही डालना चाहती इसीलिये मैंने स्विमिंग सीख ली।।


कुछ दिनों बाद फिर से पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ और पत्नी ने फिर वही बात पूछी कि अगर तुम्हारी माँ और मैं डूब रहे होंगे तो तुम किसे पहले बचाओगे??


पति ने जवाब दिया 

मुझे पानी में उतरने की जरूरत ही नही पड़ेगी क्योंकि मेरी माँ ने स्विमिंग सीख ली है, 

वो तुम्हे बचा लेगी।।


पत्नी ने हार नही मानी 

और बोली नही-नही तुम्हे पानी में कूदकर हम दोनों में से किसी एक को तो बचाना ही पड़ेगा।।


पति ने जवाब दिया 

फिर तो पक्का तुम ही डूबोगी 


क्योंकि मुझे तो तैरना आता नही 

और मेरी माँ हम दोनों में से 100% मुझे ही बचायेगी!!

 हंसना मना है


प्रोफेसर जावेद की बेगम ने

परिन्दों की दुकान पर... 

एक तोता पसन्द किया... और 

उसका मूल्य पूछा...

 

💁🏻‍♂️🦜 दकानदार ने कहा... मोहतरमा... कीमत तो इसकी अधिक नहीं है...!


लेकिन!! 

यह अब तक तवायफों के कोठे पर रहा है...💃🏻🦜 


इसलिए!!! 

मेरी राय है कि... 

आप इसे रहने ही दें...

कोई और तोता ले लें...


🤔🦜 परोफेसर साहब की बेगम को वह तोता कुछ ज़्यादा ही भा गया था... 


कहने लगीं... 

भाई...! 

इसे भी तो पता चले... 

कि शरीफों के घर कैसे होते हैं...?


उन्होंने उस तोते और पिंजरे की कीमत अदा की... 

और 

पिंजरे में बंद उस तोते को लेकर घर आ गईं...


🏡 बगम साहिबा ने घर आकर...

तोते वाले उस पिंजरे को... 

ड्राइंग रूम में... 

एक उचित जगह लटका दिया...


तोते ने इधर उधर आंखें घुमाईं...

और बोला... 


🦜"वाह नया कोठा...! 

ये कोठा तो उस कोठे से और भी अच्छा है...!!

वाह...! पसंद आया...!! बहुत सुंदर है...!!! 


बेगम को अच्छा तो नहीं लग...! लेकिन वो ख़ामोश रहीं...!! 🤨


थोड़ी देर में उनकी दोनों बेटियां कालेज से लौट कर घर आईं...


🙎🏻‍♀️🙍🏻‍♀️ 🦜उन्हें देख कर... 

तोता बोला...

ओहो...! 

नई लड़कियां आईं हैं...!!

😠

बेगम को गुस्सा तो बहुत आया...! लेकिन...!! 

वो अपने गुस्से को पी गईं...!!! 


सोचा कि... 

एक-दो दिन में...

अपने तोते को सुधार लेंगी...


शाम को...

प्रोफेसर साहब...

अपने समय पर घर लौटे...


 👨🏻‍🔬🦜जसे ही उन्होंने... 

ड्राईंग रूम में कदम रखा... 

तोता हैरत से चीख़ उठा... 


अरे वाह! 

जावेद!! 

तूँ!!!... 

यहाँ भी आता है...?


😡🤬……और फिर... 

चिराग़ों में रौशनी न रही... 🙈


इस हादसे के बाद से...!

जावेद साहब घर से लापता हैं...!!

Friday, May 27, 2022

,,,,,अनपढ माँ,,,,


एक मध्यम वर्गीय परिवार के 

एक लड़के ने 10वीं की परीक्षा में 

90% अंक प्राप्त किए ....

पिता ने जब मार्कशीट देखकर 

खुशी-खुशी अपनी पत्नी को कहा ....

"सुनो.... 

आज खीर या मीठा दलिया बना लो ,

स्कूल की परीक्षा मे हमारे लाड़ले को 

90% अंक मिले है ..


मां किचन से दौड़ती हुई आई और बोली....सच.....मुझे

भी दिखाइए......

मेरे बच्चे की कामयाबी की पर्ची....

ये सुनते ही बीच लड़का फटाक से बोला...

..."क्या पापा.... 

किसे रिजल्ट दिखा रहे है... 

क्या वह पढ़-लिख सकती है  ?

वह तो अनपढ़ है ..."


अश्रुपुर्ण आँखों को पल्लू से पोंछती हुई मां चुपचाप दलिया बनाने चली गई....


लेकिन ये बात पिता ने सुनी भी और देखी भी...

फिर उन्होंने लड़के के कहे हुए वाक्यों में जोड़ा और कहा... 

"हां बेटा सच कहा तुमने.... 

बिल्कुल सच... 

जानता है जब तू गर्भ में था, 

तो उसे दूध बिल्कुल पसंद नहीं था !

तेरी मां ने तुझे स्वस्थ बनाने के लिए 

हर दिन नौ महीने तक दूध पिया ...

क्योंकि तेरी मां तो अनपढ़ थी ना इसलिए ...

तुझे सुबह सात बजे स्कूल जाना होता था, इसलिए वह सुबह पांच बजे उठकर 

तुम्हारा मनपसंद नाश्ता और 

डिब्बा बनाती थी.....

जानता है क्यों ....

क्योंकि वो अनपढ़ थी ना इसलिए....


जब तुम रात को पढ़ते-पढ़ते सो जाते थे, 

तो वह आकर तुम्हारी कॉपी व किताब 

बस्ते में भरकर, 

फिर तुम्हारे शरीर पर ओढ़नी से ढँक देती थी और उसके बाद ही सोती थी...

जानते हो क्यों ...

क्योकि अनपढ़ थी ना इसलिए.. ...


बचपन में तुम ज्यादातर समय बीमार रहते थे... तब वो रात- रात भर जागकर 

सुबह जल्दी उठती थी और काम पर 

लग जाती थी....जानते हो क्यों ....

क्योंकि वो अनपढ़ थी ना इसलिए...

 

तुम्हें, ब्रांडेड कपड़े लाने के लिये 

मेरे पीछे पड़ती थी, 

और खुद सालों तक एक ही साड़ी में रही....

क्योंकि वो सचमुच अनपढ़ थी ना...


बेटा .... पढ़े-लिखे लोग 

पहले अपना स्वार्थ और मतलब देखते हैं.. लेकिन तेरी मां ने आज तक कभी नहीं देखा

क्योंकि अनपढ़ है ना वो इसलिए....


वो खाना बनाकर और हमें परोसकर, 

कभी-कभी खुद खाना भूल जाती थी... 

इसलिए मैं गर्व से कहता हूं कि 

तुम्हारी माँ अनपढ़ है..."


यह सब सुनकर लड़का रोते रोते, 

और लिपटकर अपनी मां से बोला.... 

"मां...मुझे तो कागज पर 90% अंक ही मिले हैं लेकिन आप मेरे जीवन को 

100% बनाने वाली पहली शिक्षक हैं!

 मां....मुझे आज 90% अंक मिले हैं, 

फिर भी मैं अशिक्षित हूँ 

और आपके पास पीएचडी के ऊपर की 

उच्च डिग्री है ,

क्योंकि आज मैंने अपनी मां के अंदर छुपे 

रूप में, डॉक्टर, शिक्षक, वकील, 

ड्रेस डिजाइनर, बेस्ट कुक, 

इन सभी के दर्शन कर लिए... 

मुझे माफ कर दो मां...

मुझे माफ कर दो....."


मां ने तुरंत अपने बेटे को उठाकर 

सीने से लगाते हुए कहा.... 

"पगले रोते नही है !

आज तो खुशी का दिन है !

चल हंस ....."

और उसने उसे चूम लिया,,


❤️दनिया की सभी माँ को समर्पित❤️ 

Wednesday, May 25, 2022

 शस्त्र रखने वालों से सदैव सावधान- चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को ऐसे व्यक्ति से सदैव सावधान रहना चाहिए शस्त्र रखता है. क्रोध में ऐसे व्यक्ति कभी शस्त्र का प्रयोग कर सकते हैं, जिस कारण कभी कभी आसपास मौजूद लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ सकती है.


लंबे नाखूनों वाले से दूरी बनाकर रखें- चाणक्य नीति कहती है कि जिसके लंबे नाखून होते हैं, उससे सदैव उचित दूरी बनाकर रखनी चाहिए. क्योंकि ये हमला कर कभी भी हानि पहुंचा सकते हैं.


क्रोध- चाणक्य नीति कहती है कि क्रोध करने से व्यक्ति की प्रतिभा नष्ट होती है. व्यक्ति को क्रोध नहीं करना चाहिए. क्रोध में व्यक्ति अच्छे और बुरे का अंतर भूल जाता है.


अहंकार- चाणक्य नीति कहती है कि अहंकार व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु है, अहंकार करने वाले व्यक्ति को सम्मान नहीं मिलता है. करीबी लोग भी दूरी बना लेते हैं. 


लोभ- चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को लोभ नहीं करना चाहिए. लोभ करने वाला व्यक्ति कभी संतुष्ठ नहीं होता है. जिस कारण उसका चित्त परेशान रहता है.


अनुशासन- चाणक्य नीति अनुशासन के महत्व को बताती है. सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे पहले अनुशासन के महत्व को जानना चाहिए. अनुशासन की भावना व्यक्ति को समय अहमियत को भी बताती है.


आलस- चाणक्य नीति कहती है आलस का त्याग किए बिना जीवन में सफलता नहीं मिलती है, इससे दूर ही रहना चाहिए. आलस व्यक्ति की कुशलता का नाश करती है.


असत्य- चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने के लिए कभी भी झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए. असत्य बोलने वालों को कभी सम्मान नहीं मिलता है.


परिश्रम- चाणक्य नीति कहती है कि जो व्यक्ति सदैव परिश्रम करने के लिए तैयार रहता है, उसके लिए कोई भी लक्ष्य और सफलता दूर नहीं है.


धोखा- चाणक्य नीति कहती है कि कभी किसी को धोखा नहीं देना चाहिए. धोखा देना सबसे बुरी आदतों में से एक है. ऐसे लोगों को आगे चलकर परेशानी का सामना करना पड़ता है.


⇣⇣ कितना_जरुरी_है_लक्ष्य_बनाना ⇣⇣👌

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एक बार एक आदमी सड़क पर सुबह सुबह दौड़ (Jogging) लगा रहा था, अचानक एक चौराहे पर जाकर वो रुक गया उस चौराहे पे चार सड़कें थीं जो अलग-अलग रास्ते पे जाती थीं। एक बूढ़े व्यक्ति से उस आदमी ने पूछा – सर ये रास्ता कहाँ जाता है ? तो बूढ़े व्यक्ति ने पूछा- आपको कहाँ जाना है? आदमी – पता नहीं,

 बूढ़ा व्यक्ति – तो कोई भी रास्ता चुन लो क्या फर्क पड़ता है । वो आदमी उसकी बात को सुनकर निःशब्द सा रह गया, कितनी सच्चाई छिपी थी उस बूढ़े व्यक्ति की बातों में। सही ही तो कहा जब हमारी कोई मंजिल ही नहीं है तो जीवन भर भटकते ही रहना है।


✶ जीवन में बिना लक्ष्य के काम करने वाले लोग हमेशा सफलता से दूर रह जाते हैं जबकि सच तो ये है कि इस तरह के लोग कभी सोचते ही नहीं कि उन्हें क्या करना है? हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में किये गए सर्वे की मानें तो जो छात्र अपना लक्ष्य बना कर चलते हैं वो बहुत जल्दी अपनी मंजिल को प्राप्त कर लेते हैं क्यूंकि उनकी उन्हें पता है कि उन्हें किस रास्ते पर जाना है।


✶ अगर सफलता एक पौधा है तो लक्ष्य ऑक्सीजन है, आज हम इस पोस्ट में बात करेंगे कि लक्ष्य कितना महत्वपूर्ण है? कितना जरुरी है लक्ष्य बनाना ?


1.➨  लक्ष्य एकाग्र बनाता है – अगर हमने अपने लक्ष्य का निर्धारण कर लिया है तो हमारा दिमाग दूसरी बातों में नहीं भटकेगा क्यूंकि हमें पता है कि हमें किस रास्ते पर जाना है? सोचिये अगर आपको धनुष बाण दे दिया जाये और आपको कोई लक्ष्य ना बताया जाये कि तीर कहाँ चलना है तो आप क्या करेंगे, कुछ नहीं तो बिना लक्ष्य के किया हुआ काम व्यर्थ ही रहता है। कभी देखा है की एक कांच का टुकड़ा धूप में किस तरह कागज को जला देता है वो एकाग्रता से ही सम्भव है।


2.➨  आपकी प्रगति का मापक है लक्ष्य- सोचिये की आपको एक 500 पेज की किताब लिखनी है, अब आप रोज कुछ पेज लिखते हैं तो आपको पता होता है कि मैं कितने पेज लिख चूका हूँ या कितने पेज लिखने बाकि हैं। इसी तरह लक्ष्य बनाकर आप अपनी प्रगति (Progress) को माप (measure) सकते हैं और आप जान पाएंगे कि आप अपनी मंजिल के कितने करीब पहुंच चुके हैं। बिना लक्ष्य के नाही आप ये जान पाएंगे कि आपने कितना progress किया है और नाही ये जान पाएंगे कि आप मंजिल से कितनी दूर हैं?


3.➨  लक्ष्य अविचलित रखेगा- लक्ष्य बनाने से हम मानसिक रूप से बंध से जाते हैं जिसकी वजह से हम फालतू की चीज़ों पर ध्यान नहीं देते और पूरा समय अपने काम को देते हैं। सोचिये आपका कोई मित्र विदेश से जा रहा हो और वो 9:00 PM पे आपसे मिलने आ रहा हो और आप 8 :30 PM पे अपने ऑफिस से निकले और अगर स्टेशन जाने में 25 -30 मिनट लगते हों तो आप जल्दी से स्टेशन की तरफ जायेंगे सोचिये क्या आप रास्ते में कहीं किसी काम के लिए रुकेंगे? नहीं, क्यूंकि आपको पता है कि मुझे अपनी मंजिल पे जाने में कितना समय लगेगा। तो लक्ष्य बनाने से आपकी सोच पूरी तरह निर्धारित हो जाएगी और आप भटकेंगे नहीं।


4.➨ लक्ष्य आपको प्रेरित करेगा – जब भी कोई व्यक्ति सफल होता हैं, अपनी मंजिल को पाता है तो एक लक्ष्य ही होता है जो उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। आपका लक्ष्य आपका सपना आपको उमंग और ऊर्जा से भरपूर रखता है।


︶︿︶ तो मित्रों बिना लक्ष्य के आप कितनी भी मेहनत कर लो सब व्यर्थ ही रहेगा जब आप अपनी पूरी energy किसी एक point एक लक्ष्य पर लगाओगे तो निश्चय ही सफलता आपके कदम .