Monday, April 30, 2018

*तुलसी कौन थी?*


तुलसी एक लड़की थी जिसका नाम
वृंदा था राक्षस कुल में उसका जन्म हुआ था बचपन से ही भगवान विष्णु
जी की भक्त थी.बड़े ही प्रेम से भगवान की सेवा,पूजा किया करती थी.जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षसकुल में दानव राज जलंधर से हो गया। जलंधर समुद्र से उत्पन्न हुआ
था.
वृंदा बड़ी ही पतिव्रता स्त्री थी सदा अपने पति की सेवा किया करती थी.
एक बार देवताओ और दानवों में युद्ध हुआ जब जलंधर युद्ध पर जाने लगे तो वृंदा ने कहा -
स्वामी आप युद्ध पर जा रहे है आप
जब तक युद्ध में रहेगे में पूजा में बैठकर आपकी जीत के लिये
अनुष्ठान करुगी,और जब तक आप
वापस नहीं आ जाते में अपना संकल्प
नही छोडूगी। जलंधर तो युद्ध में चले गये,और वृंदा व्रत का संकल्प लेकर
पूजा में बैठ गयी,उनके व्रत के प्रभाव
से देवता भी जलंधर को ना जीत सके सारे देवता जब हारने लगे तो भगवान विष्णु जी के पास गये।

सबने भगवान से प्रार्थना की तो भगवान कहने लगे कि – वृंदा मेरी परम भक्त है में उसके साथ छल नहीं कर सकता ।
फिर देवता बोले - भगवान दूसरा कोई उपाय भी तो नहीं है अब आप
ही हमारी मदद कर सकते है।

भगवान ने जलंधर का ही रूप रखा और वृंदा के महल में पँहुच गये जैसे
ही वृंदा ने अपने पति को देखा, वे तुरंत पूजा मे से उठ गई और उनके चरणों को छू लिए,जैसे ही उनका संकल्प टूटा,युद्ध में देवताओ ने जलंधर को मार दिया और उसका सिर काटकर अलग कर दिया,उनका सिर वृंदा के महल में गिरा जब वृंदा ने
देखा कि मेरे पति का सिर तो कटा पडा है तो फिर ये जो मेरे सामने खड़े है ये कौन है?

उन्होंने पूँछा - आप कौन हो जिसका स्पर्श मैने किया, तब भगवान अपने रूप में आ गये पर वे कुछ ना बोल सके,वृंदा सारी बात समझ गई, उन्होंने भगवान को श्राप दे दिया आप पत्थर के हो जाओ,भगवान तुंरत पत्थर के हो गये।

सभी देवता हाहाकार करने लगे
लक्ष्मी जी रोने लगे और
प्रार्थना करने लगे यब वृंदा जी ने भगवान को वापस वैसा ही कर दिया और अपने पति का सिर लेकर वे
सती हो गयी।

उनकी राख से एक पौधा निकला तब
भगवान विष्णु जी ने कहा –आज से
इनका नाम तुलसी है,और मेरा एक रूप इस पत्थर के रूप में रहेगा जिसे शालिग्राम के नाम से तुलसी जी के साथ ही पूजा जायेगा और में
बिना तुलसी जी के भोग
स्वीकार नहीं करुगा। तब से
तुलसी जी कि पूजा सभी करने
लगे। और तुलसी जी का विवाह
शालिग्राम जी के साथ कार्तिक मास में
किया जाता है.देव-उठावनी एकादशी के दिन इसे तुलसी विवाह के रूप में
मनाया जाता है !

🙏🏼🙏🏼इस कथा को कम से कम दो लोगों को अवश्य सुनाए आप को पुण्य  अवश्य मिलेगा।  
वो कह के चले इतनी मुलाकात बहुत है,
मैंने कहा रुक जाओ अभी रात बहुत है।

आंसू मेरे थम जाएँ तो फिर शौक़ से जाना,
ऐसे में कहा जाओगे बरसात बहुत है।

वो कहने लगी जाना मेरा बहुत जरूरी है,
नहीं चाहती दिल तोडूं तेरा पर मजबूरी है।

गर हुयी हो कोई खता तो माफ़ कर देना,
मैंने कहा हो जाओ चुप इतनी कही बात बहुत है।

समझ गया हूँ सब और कुछ कहना ज़रूरी नहीं,
बस आज रुक जाओ जाना इतना भी जरूरी नहीं है।

फिर कभी आना आऊंगा तुम्हारी जिंदगी में लौट के,
जिंदगी भर तन्हाई के लिए ये रात बहुत है।



छोटा सा जीवन है, लगभग 80 वर्ष।
उसमें से आधा =40 वर्ष तो रात को
बीत जाता है। उसका आधा=20 वर्ष
बचपन और बुढ़ापे मे बीत जाता है।
बचा 20 वर्ष। उसमें भी कभी योग,
कभी वियोग, कभी पढ़ाई,कभी परीक्षा,
नौकरी, व्यापार और अनेक चिन्ताएँ
व्यक्ति को घेरे रखती हैँ।अब बचा ही
कितना ? 8/10 वर्ष। उसमें भी हम
शान्ति से नहीं जी सकते ? यदि हम
थोड़ी सी सम्पत्ति के लिए झगड़ा करें,
और फिर भी सारी सम्पत्ति यहीं छोड़ जाएँ,
तो इतना मूल्यवान मनुष्य जीवन
प्राप्त करने का क्या लाभ हुआ?
स्वयं विचार कीजिये :- इतना कुछ होते हुए भी,
1- शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी...
👍मौन होना सब से बेहतर है।

2- दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी...
👍सफेद रंग सब से बेहतर है।

3- खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी...
👍उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है।

4- देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी...
👍बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है।

5- सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी...
👍अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है।

6- जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी...
👍सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर है।

इंसान के अंदर जो समा जायें वो
             " स्वाभिमान "
                    और
जो इंसान के बाहर छलक जायें वो
             " अभिमान "
ये मैसेज पूरा पढ़े, और
   अच्छा लगे तो सबको भेजें 🙏

🔹जब भी बड़ो के साथ बैठो तो   
      परमेश्वर का धन्यवाद करो ,
     क्योंकि कुछ लोग
      इन लम्हों को तरसते हैं ।

🔹जब भी अपने काम पर जाओ
      तो परमेश्वर का धन्यवाद करो
     क्योंकि
     बहुत से लोग बेरोजगार हैं ।

🔹 परमेश्वर का धन्यवाद कहो
     जब तुम तन्दुरुस्त हो ,
     क्योंकि बीमार किसी भी कीमत पर सेहत खरीदने की ख्वाहिश रखते हैं ।

🔹 परमेश्वर का धन्यवाद कहो
      की तुम जिन्दा हो ,
      क्योंकि मरते हुए लोगों से पूछो
      जिंदगी की कीमत क्या है।

Saturday, April 28, 2018

बचपन वाला वो ‘रविवार’ अब नहीं आता

90 का दूरदर्शन और हम –

1.सन्डे को सुबह-2 नहा-धो कर टीवी के सामने बैठ जाना

2.”रंगोली”में शुरू में पुराने फिर नए गानों का इंतज़ार करना

3.”जंगल-बुक”देखने के लिए जिन दोस्तों के पास टीवी नहीं था उनका घर पर आना

4.”चंद्रकांता”की कास्टिंग से ले कर अंत तक देखना

5.हर बार सस्पेंस बना कर छोड़ना चंद्रकांता में और हमारा अगले हफ्ते तक सोचना

6.शनिवार और रविवार की शाम को फिल्मों का इंतजार करना

7.किसी नेता के मरने पर कोई सीरियल ना आए तो उस नेता को और गालियाँ देना

8.सचिन के आउट होते ही टीवी बंद कर के खुद बैट-बॉल ले कर खेलने निकल जाना

9.”मूक-बधिर”समाचार में टीवी एंकर के इशारों की नक़ल करना

10.कभी हवा से ऐन्टेना घूम जाये तो छत पर जा कर ठीक करना

बचपन वाला वो ‘रविवार’ अब नहीं आता,
दोस्त पर अब वो प्यार नहीं आता।

जब वो कहता था तो निकल पड़ते थे बिना घडी देखे,

अब घडी में वो समय वो वार नहीं आता।

बचपन वाला वो ‘रविवार’ अब नहीं आता…।।।

वो साईकिल अब भी मुझे बहुत याद आती है, जिसपे मैं उसके पीछे बैठ कर खुश हो जाया करता था। अब कार में भी वो आराम नहीं आता…।।।

जीवन की राहों में कुछ ऐसी उलझी है गुथियाँ, उसके घर के सामने से गुजर कर भी मिलना नहीं हो पाता…।।।

वो ‘मोगली’ वो ‘अंकल Scrooz’, ‘ये जो है जिंदगी’ ‘सुरभि’ ‘रंगोली’ और ‘चित्रहार’ अब नहीं आता…।।।

रामायण, महाभारत, चाणक्य का वो चाव अब नहीं आता, बचपन वाला वो ‘रविवार’ अब नहीं आता…।।।

वो एक रुपये किराए की साईकिल लेके,
दोस्तों के साथ गलियों में रेस लगाना!

अब हर वार ‘सोमवार’ है
काम, ऑफिस;
बस ये जिंदगी है। दोस्त से दिल की बात का इज़हार नहीं हो पाता।
बचपन वाला वो ‘रविवार’ अब नहीं आता…।।।
बचपन वाला वो ‘रविवार’ अब नहीं आता…।।।

Thursday, April 26, 2018

🌞🙏🏽 ~*जीत*~🙏🏽🌞
        *कठोर किंतु सत्य!*
👉🏽1- माचिस किसी दूसरी चीज
को जलाने से पहले खुद
को जलाती हैं..!
*गुस्सा* भी एक माचिस की तरह है..!
यह दुसरो को बरबाद करने से पहले
खुद को बरबाद करता है...


👉🏽2- आज का कठोर व कङवा सत्य !!
चार *रिश्तेदार* एक दिशा में
तब ही चलते हैं ,
जब पांचवा कंधे पर हो...


👉🏽3- कीचड़ में पैर फंस जाये तो नल के पास जाना चाहिए
मगर,
नल को देखकर कीचड़ में नही जाना चाहिए,
इसी प्रकार...
जिन्दगी में *बुरा समय* आ जाये
तो...
पैसों का उपयोग करना चाहिए
मगर...
पैसों को देखकर बुरे रास्ते पर नही जाना चाहिए...


👉🏽4- रिश्तों की बगिया में एक *रिश्ता* नीम के पेड़ जैसा भी रखना,
जो सीख भले ही कड़वी देता हो पर
तकलीफ में मरहम भी बनता है...


👉🏽5- *परिवर्तन* से डरना और *संघर्ष* से कतराना,
मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता है...


👉🏽6- जीवन का सबसे बड़ा गुरु *वक्त* होता है,
क्योंकि जो वक्त सिखाता है वो कोई नहीं सीखा सकता...


👉🏽7- बहुत ही सुन्दर वर्णन है-
*मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए....*अभिमान मर जाएगा

*आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए.....*पत्थर दिल पिघल जाएगा

*दांतों को आराम देकर देखिए.........*स्वास्थ्य सुधर जाएगा

*जिव्हा पर विराम लगा कर देखिए.....*क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा

*इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए......*खुशियों का संसार नज़र आएगा...

8- पूरी *जिंदगी* हम इसी बात में गुजार देते हैं कि .."चार लोग क्या कहेंगे",
और अंत में चार लोग बस यही कहते हैं कि *"राम नाम सत्य है".
🌺🌺🌺🌺🌺
🙌🙌🙌 

Sunday, April 22, 2018

सुबह को खाली पेट चूना खाओ
      ■ " चूना अमृत है " ..■
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चूना जो आप पान में खाते है वो सत्तर बीमारी ठीक कर
देते है ।

जैसे किसी को पीलिया हो जाये माने जॉन्डिस
उसकी सबसे अच्छी दवा है चूना ;

गेहूँ के दाने के बराबर चूना गन्ने के रस में मिलाकर पिलाने से बहुत जल्दी पीलिया ठीक कर देता है ।

और ये ही चूना नपुंसकता की सबसे अच्छी दवा है -

■ अगर किसी के शुक्राणु नही बनता उसको अगर गन्ने के रस के साथ चूना पिलाया जाये तो
साल डेढ़ साल में भरपूर शुक्राणु बनने लगेंगे; और
जिन माताओं के शरीर में अन्डे नही बनते उनकी बहुत अच्छी दवा है ये चूना ।

■ बिद्यार्थीओ के लिए चूना बहुत अच्छा है जो लम्बाई बढाता है -

■ गेहूँ के दाने के बराबर चूना रोज दही में मिला के खाना चाहिए,

दही नही है तो दाल में मिला के खाओ,

दाल नही है तो पानी में मिला के पियो - इससे लम्बाई बढने के साथ स्मरण शक्ति भी बहुत अच्छा होता है ।

■ जिन बच्चों की बुद्धि कम काम करती है मतिमंद बच्चे
उनकी सबसे अच्छी दवा है चूना

■ जो बच्चे बुद्धि से कम है, दिमाग देर में काम करते है, देर में सोचते है हर चीज
उनकी स्लो है उन सभी बच्चे को चूना खिलाने से अच्छे
हो जायेंगे ।

■ बहनों को अपने मासिक धर्म के समय अगर कुछ भी तकलीफ होती हो तो उसका सबसे अच्छी दवा है चूना ।

हमारे घर में जो माताएं है जिनकी उम्र पचास वर्ष हो गयी और उनका मासिक धर्म बंध हुआ उनकी सबसे
अच्छी दवा है चूना;

गेहूँ के दाने के बराबर चूना हर दिन खाना दाल में, लस्सी में, नही तो पानी में घोल के पीना ।

जब कोई माँ गर्भावस्था में है तो चूना रोज खाना चाहिए

क्योंकि गर्भवती माँ को सबसे ज्यादा केल्शियम की जरुरत होती है और चूना केल्शियम का सबसे बड़ा भंडार है ।

■ गर्भवती माँ को चूना खिलाना चाहिए

अनार के रस में - अनार का रस एक कप और चूना गेहूँ के दाने के बराबर ये मिलाके रोज पिलाइए नौ महीने तक लगातार दीजिये

तो चार फायदे होंगे -

■ पहला फायदा :-
माँ को बच्चे के जनम के समय कोई तकलीफ नही होगी और नॉर्मल डीलिवरी होगा,

■ दूसरा :-
बच्चा जो पैदा होगा वो बहुत हृष्ट पुष्ट और तंदुरुस्त
होगा ,

■ तीसरा फ़ायदा :-
बच्चा जिन्दगी में जल्दी बीमार नही पड़ता जिसकी माँ ने चूना खाया ,

■ चौथा सबसे बड़ा लाभ :-
बच्चा बहुत होशियार होता है बहुत Intelligent और Brilliant होता है उसका IQ बहुत अच्छा होता है ।

चूना घुटने का दर्द ठीक करता है , ■ कमर का दर्द ठीक करता है ,
■ कंधे का दर्द ठीक करता है,

■ एक खतरनाक बीमारी है Spondylitis वो चुने से ठीक होता है ।

कई बार हमारे रीढ़की हड्डी में जो मनके होते है उसमे दुरी बढ़ जाती है Gap आ जाता है - ये चूना ही ठीक करता है

उसको; रीड़ की हड्डी की सब बीमारिया चूने से ठीक होता है ।

अगर आपकी हड्डी टूट जाये तो टूटी हुई हड्डी को जोड़ने की ताकत सबसे ज्यादा चूने में है ।

चूना खाइए सुबह को खाली पेट ।

■ मुंह में ठंडा गरम पानी लगता है तो चूना खाओ बिलकुल ठीक हो जाता है ,

■ मुंह में अगर छाले हो गए है
तो चूने का पानी पियो तुरन्त ठीक हो जाता है ।

■ शरीर में जब खून कम हो जाये तो चूना जरुर लेना चाहिए ,

■ एनीमिया है खून की कमी है उसकी सबसे अच्छी दवा है ये चूना ,

चूना पीते रहो गन्ने के रस में , या संतरे के रस में नही तो सबसे अच्छा है अनार के रस में - अनार के रस में चूना पिए खून बहुत बढता है ,
बहुत जल्दी खून बनता है -
एक कप अनार का रस गेहूँ के दाने के बराबर चूना सुबह
खाली पेट ।

भारत के जो लोग चूने से पान खाते है, बहुत होशियार लोग
है पर तम्बाकू नही खाना, तम्बाकू ज़हर है और चूना अमृत है ..

तो चूना खाइए तम्बाकू मत खाइए और पान खाइए चूने का उसमे कत्था मत लगाइए, कत्था केन्सर करता है,

● पान में सुपारी मत डालिए ● सोंट डालिए उसमे ,
● इलाइची डालिए ,
● लौंग डालिए.
● केशर डालिए ;
ये सब डालिए पान में चूना लगा के पर तम्बाकू नही , सुपारी नही और कत्था नही ।

■ घुटने में घिसाव आ गया और डॉक्टर कहे के घुटना बदल दो तो भी जरुरत नही चूना खाते रहिये
और
हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा खाइए घुटने बहुत अच्छे काम
करेंगे ।

Friday, April 20, 2018

*What is maturity? -
1. Maturity is *when you stop trying to change others, ...instead focus on changing yourself.*
2. Maturity is when you
*accept people as they are.*
3. Maturity is when you
*understand everyone is right in their own perspective.*
4. Maturity is when you 
*learn to "let go".*
5. Maturity is when you are
able to *drop "expectations" from a relationship and give for the sake of giving.*
6. Maturity is when you
*understand whatever you do, you do for your own peace.*
7. Maturity is when you
*stop proving to the world, how intelligent you are.*
8. Maturity is when you
*don't seek approval from others.*
9. Maturity is when you
*stop comparing with others.*
10. Maturity is when you
*are at peace with yourself.*
11. Maturity is when you
*are able to differentiate between "need" and "want" and are able to let go of your wants.**&
last but most meaningful !*
12. You gain Maturity when you
*stop attaching "happiness" to material things !!*
_*
   Beautiful   Message !


💬   If    You    Are    Right    Then     There    is     No    Need    to    Get    Angry ...

💬   And    If    You    Are    Wrong    Then    You     Don't     Have    Any    Right    to    Get    Angry.

💬   Patience    With    Family    is   Love .....

💬   Patience    With    Others    is   Respect.

💬   Patience     With     Self     is   Confidence   And   Patience   With   GOD   is   Faith.

💬   Never    Think    Hard    About    The    PAST ,    It    Brings    Tears...

💬   Don't    Think    More    About   The   FUTURE ,   It   Brings   Fear...

💬  Live   This   Moment   With   A   Smile ,  It    Brings   Cheer.

💬  Every     Test     in    Our    Life   Makes   Us   Bitter   Or   Better .....

💬   Every   Problem   Comes   To   Make   Us   Or   Break   Us  !

💬   The      Choice     is       Ours   Whether   We   Become   Victims   Or   Victorious.

💬   Beautiful   Things    Are    Not   Always   Good   But   Good  Things   Are   Always   Beautiful ......

💬   Do   You   Know    Why    God  Created   Gaps  between  Fingers ?  So     That     Someone ,    Who    is     Special    To    You ,   Comes    And   Fills   Those    Gaps ,   By   Holding   Your   Hand   Forever.

💬   " Happiness "   Keeps   You ....  Sweet   But   Being   Sweet   Brings   Happiness.

Do    Share    It  ,    With    All    The    Good    People   In   Your   Life.

😊

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🙏सुंदरकाणड  सें  जुङी  5  अहम  बातें  जो  कोई  नहीं  जानता ! 🙏
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🙏1 :-  सुंदरकाणड  का  नाम सुंदरकाणड  क्यों  रखा गया ? 🙏

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🙏हनुमानजी,  सीताजी 
की  खोज  में  लंका  गए  थें  और  लंका  त्रिकुटाचल  पर्वत  पर  बसी  हुई  थी ! त्रिकुटाचल  पर्वत  यानी  यहां  3 पर्वत  थें ! पहला  सुबैल पर्वत, जहां  कें  मैदान  में  युद्ध  हुआ  था !
दुसरा नील  पर्वत, जहां  राक्षसों  कें  महल  बसें  हुए  थें ! और  तीसरे पर्वत  का  नाम  है  सुंदर  पर्वत, जहां  अशोक  वाटिका  नीर्मित थी !
🙏 इसी  वाटिका  में  हनुमानजी  और  सीताजी  की  भेंट  हुई  थी !
🙏इस  काण्ड  की  यहीं  सबसें  प्रमुख  घटना  थी , इसलिए  इसका  नाम  सुंदरकाणड  रखा  गया  है !

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🙏2 :-  शुभ  अवसरों  पर  ही  सुंदरकाणड  का  पाठ  क्यों ?🙏

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🙏शुभ  अवसरों  पर  गोस्वामी  तुलसीदासजी  द्वारा  रचित श्रीरामचरितमानस  कें  सुंदरकाणड  का  पाठ  किया  जाता  हैं !
🙏  शुभ  कार्यों  की  शुरूआत  सें  पहलें  सुंदरकाणड  का  पाठ  करनें  का  विशेष  महत्व   माना  गया  है !
🙏जबभी किसी  व्यक्ति  कें  जीवन  में ज्यादा  परेशानीयाँ  हो , कोई  काम  नहीं  बन  पा  रहा  हैं,  आत्मविश्वास  की  कमी  हो  या  कोई  और  समस्या  हो , सुंदरकाणड  कें  पाठ  सें  शुभ  फल  प्राप्त  होने  लग जाते  है, कई  ज्योतिषी  या  संत  भी  विपरित  परिस्थितियों  में  सुंदरकाणड  करनें  की  सलाह  देते  हैं !

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🙏3 :-  जानिए  सुंदरकाणड  का  पाठ  विषेश  रूप  सें  क्यों  किया  जाता  हैं ? 🙏

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🙏माना  जाता  हैं  कि  सुंदरकाणड  कें  पाठ  सें  हनुमानजी  प्रशन्न होतें  है !
🙏सुंदरकाणड  कें  पाठ  में  बजरंगबली  की  कृपा  बहुत  ही  जल्द  प्राप्त हो  जाती  हैं !
🙏जो  लोग  नियमित  रूप  सें  सुंदरकाणड  का  पाठ  करतें  हैं ,  उनके  सभी  दुख  दुर  हो  जातें हैं , इस  काण्ड  में  हनुमानजी  नें  अपनी  बुद्धि  और  बल  सें  सीता  की  खोज  की  हैं !
🙏इसी  वजह  सें  सुंदरकाणड  को  हनुमानजी  की  सफलता  के  लिए  याद  किया  जाता  हैं !

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🙏4 :-  सुंदरकाणड  सें  मिलता  हैं  मनोवैज्ञानिक  लाभ ? 🙏

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🙏वास्तव  में  श्रीरामचरितमानस  कें  सुंदरकाणड  की  कथा  सबसे  अलग  हैं , संपूर्ण  श्रीरामचरितमानस  भगवान  श्रीराम  कें  गुणों  और  उनके   पुरूषार्थ  को  दर्शाती  हैं , सुंदरकाणड  ऐक मात्र  ऐसा  अध्याय  हैं  जो  श्रीराम  कें  भक्त  हनुमान  की  विजय  का  काण्ड  हैं !
🙏मनोवैज्ञानिक  नजरिए  सें  देखा  जाए  तो  यह  आत्मविश्वास  और  इच्छाशक्ति   बढ़ाने  वाला  काण्ड  हैं , सुंदरकाणड  कें  पाठ  सें  व्यक्ति  को  मानसिक  शक्ति  प्राप्त  होती  हैं , किसी  भी  कार्य  को  पुर्ण  करनें  कें  लिए  आत्मविश्वास  मिलता  हैं !

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🙏5 :- सुंदरकाणड  सें  मिलता है धार्मिक लाभ 🙏

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🙏सुंदरकाणड सें  मिलता  हैं  धार्मिक  लाभ 
🙏हनुमानजी  की  पूजा  सभी  मनोकामनाओं  को  पुर्ण  करनें  वालीं  मानी  गई  हैं ,  बजरंगबली बहुत  जल्दी  प्रशन्न  होने  वालें  देवता  हैं , शास्त्रों  में  इनकी कृपा  पाने  के  कई  उपाय  बताएं  गए  हैं ,  इन्हीं  उपायों  में  सें  ऐक  उपाय  सुंदरकाणड  का  पाठ  करना  हैं , सुंदरकाणड  कें  पाठ  सें  हनुमानजी  कें  साथ  ही  श्रीराम  की  भी  विषेश  कृपा  प्राप्त  होती  हैं !

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🙏किसी  भी  प्रकार  की  परेशानी  हो  सुंदरकाणड  कें  पाठ  सें  दुर  हो  जाती  हैं , यह  ऐक  श्रेष्ठ  और  सरल  उपाय  है ,  इसी  वजह  सें  काफी  लोग  सुंदरकाणड  का  पाठ  नियमित  रूप  सें  करते  हैं , हनुमानजी  जो  कि  वानर  थें , वे  समुद्र  को  लांघकर  लंका  पहुंच  गए  वहां  सीता  की  खोज  की , लंका  को  जलाया  सीता  का  संदेश  लेकर  श्रीराम  के  पास  लौट  आए ,  यह  ऐक  भक्त   की  जीत  का  काण्ड  हैं ,  जो अपनी  इच्छाशक्ति  के  बल  पर  इतना  बड़ा  चमत्कार  कर  सकता  है , सुंदरकाणड  में  जीवन  की सफलता  के  महत्वपूर्ण  सूत्र   भी  दिए  गए  हैं  ,  इसलिए  पुरी  रामायण  में  सुंदरकाणड  को  सबसें  श्रेष्ठ  माना  जाता  हैं , क्योंकि  यह  व्यक्ति  में  आत्मविश्वास  बढ़ाता  हैं ,  इसी  वजह  सें सुंदरकाणड  का  पाठ  विषेश  रूप  सें  किया  जाता  हैं  !!🙏

💐🌺🍁🍀🍃🍁🌸

🙏जय श्री राम ! 🙏
🙏जय श्री राम ! 🙏
🙏जय श्री राम ! 🙏
🙏जय श्री राम ! 🙏
🙏जय जय जय जय जय सीयाराम !🙏
🙏जय सीयाराम  जय जय राम !🙏
🙏जय सीता राम जय सीता राम🙏
🙏जय जय जय जय जय सीता राम !🙏
🙏जय श्री राम भक्त हनुमानजी नमो नमः !!🙏

💐🌺🍁🍀🍃🍁🌸

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,
तुम एम. ए. फर्स्ट डिविजन हो, मैं हुआ मेट्रिक फेल प्रिये,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

तुम अफसर की बेटी , मैं तो किसान का बेटा हूँ,
तुम रबड़ी खीर मलाई हो , मैं तो सत्तू सपरेटा हूँ,
तुम ऐ. सी. घर में रहती हो , मैं पेड़ के नीचे लेटा हूँ,
तुम नई मारुती लगती हो , मैं स्कूटर लम्ब्रेटा हूँ ,

इस कदर अगर हम चुप-चुप कर, आपस में प्रेम बढ़ाएंगे ,
तो एक रोज़ तेरे डेडी, अमरीश पुरी बन जायेंगे,
सब हड्डी पसली तोड़ मुझे, भिजवा देंगे वो जेल प्रिये ,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

तुम अरब देश की घोड़ी हो , मैं हूँ गदहे की नाल प्रिये ,
तुम दीवाली का बोनस हो , मैं भूखों की हड़ताल प्रिये ,
तुम हीरे जड़ी तश्तरी हो , मैं अलमुनियम का थाल प्रिये ,
तुम चिकन-सूप बिरयानी हो , मैं कंकड़ वाली दाल प्रिये ,
तुम हिरन -चोकड़ी भरती हो , मैं हूँ कछुए की चाल प्रिये ,
तुम चन्दन -वन की लकड़ी हो , मैं हूँ बबूल की ड़ाल प्रिये,
मैं पके आम सा लटका हूँ , मत मारो मुझे गुलेल प्रिये ,

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

तुम निर्मल पावन गंगा हो , मैं जलता हुआ पतंगा हूँ ,
तुम राज घाट का शांति मार्च , मैं हिन्दू -मुस्लिम दंगा हूँ ,
तुम हो पूनम का ताजमहल , मैं काली गुफा अजन्ता की ,
तुम हो वरदान विधाता का , मैं गलती हूँ भगवंता की ,
तुम जेट विमान की शोभा हो , मैं बस की ठेलम -ठेल प्रिये ,

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

मैं ढाबे के ढाँचे जैसा , तुम पांच सितारा होटल हो ,
मैं महुए का देसी ठर्रा, तुम रेड -लेबल की बोतल हो ,
तुम चित्रहार का मधुर गीत , मैं कृषि-दर्शन की झाडी हूँ ,
तुम विश्व -सुंदरी सी कमाल , मैं तेलिया छाप कबाड़ी हूँ ,
तुम सोनी का मोबाइल हो , मैं टेलीफोन वाला हूँ चोंगा ,
तुम मछली मानसरोवर की , मैं सागर तट का हूँ घोंघा ,
दस मंजिल से गिर जाऊँगा , मत आगे मुझे धकेल प्रिये ,

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

तुम नई विदेशी मिक्सी हो , मैं पत्थर का सिलबट्टा हूँ ,
तुम ए. के.फोट्टी सेवन हो , मैं तो इक देसी कट्टा हूँ ,
तुम सत्ता की महारानी हो, मैं विपक्ष की लाचारी हूँ,
तुम हो ममता -जयललिता सी , मैं क्वारा अटल बिहारी हूँ ,
तुम तेंदुलकर का शतक प्रिये , मैं फोलो ओन की पारी हूँ ,

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये

Wednesday, April 18, 2018

*अक्षय तृतीया*

1. अक्षय तृतीया के दिन ऋषि जमदग्नि और रेणुका के पुत्र भगवान् परशुराम का अवतरण हुआ था । उन्होंने 21 बार पूरी पृथ्वी के दुष्ट राजाओं का संहार किया था ।

2. इस दिन गंगा देवी महाराज भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर स्वर्ग लोक से पृथ्वी लोक पर पधारी थी । पृथ्वी पर आगमन से पहले वे कैलाश पर्वत पर विराजमान शिवजी के सिर पर उतरी और फिर अपना वेग कम करके पृथ्वी पर आई ।

 3. श्रील वेदव्यास ने गणेशजी कि सहायता से इसी दिन महाभारत का संकलन प्रारंभ किया था। महाभारत में एक लाख श्लोक हैं और बिना किसी रुकावट के वेदव्यास महाभारत कहते गए और गणेशजी उसे लिखते गए ।

4. सूर्यदेव ने इस दिन ‘अक्षय पात्र’ महाराज युधिष्टिर को वनवास के दौरान भेंट किया था । इस पात्र से भोजन तब तक ख़तम नहीं होगा जब तक स्वयं द्रौपदी देवी न खा लें ।

 5. इस दिन देवी दुर्गा ने असुरों के राजा महिषासुर का वध किया था । उसने ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त किया था कि वह किसी पुरुष, देवता या त्रिमूर्ति (ब्रह्मा विष्णु महेश) के हाथों न मरे, केवल स्त्री के हाथों मरे ।

6. अक्षय तृतीय के दिन ही सुदामा अपने परम मित्र भगवान् कृष्ण से द्वारका में मिले और भगवान् कृष्ण ने उनकी मुट्ठीभर चावल की भेंट ग्रहण की । जैसे ही उन्होंने चावल खाए, पूरी सृष्टि तृप्त हो गई ।

7. अक्षय तृतीय का दिवस सत्ययुग के प्रारंभ को अंकित करता है (अर्थात सत्ययुग का प्रारंभ अक्षय तृतीय के दिवस से होगा.)

8. इस दिन से ही जगन्नाथ पूरी में वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के लिए जगन्नाथ, बलदेव तथा सुभद्रा के रथों का निर्माण विधिवत तरीके से प्रारंभ होता है ।
🙏🏽
एक राजा का दरबार लगा हुआ था क्योंकि सर्दी का दिन था, इसलिये राजा का दरवार खुले मे बैठा था पूरी आम सभा सुबह की धूप मे बैठी थीl

महाराज ने सिंहासन के सामने एक टेबल जैसी कोई कीमती चीज रखी थी पंडित लोग दीवान आदि सभी दरवार मे बैठे थे राजा के परिवार के सदस्य भी बैठे थे

उसी समय एक व्यक्ति आया और प्रवेश मागा।

प्रवेश मिल गया तो उसने कहा मेरे पास दो वस्तुए है मै हर राज्य के राजा के पास जाता हूँ और अपनी बात रखता हूँ।

कोई परख नही पाता सब हार जाते हैंं और मै विजेता बनकर घूम रहा हूँ।

अब आपके नगर मे आया हूँ।

राजा ने बुलाया और कहा क्या बात है।

तब उसने दोनो वस्तुये टेबल पर रख दी बिल्कुल समान आकार, समान रुप रंग, समान प्रकाश सब कुछ नख सिख समान।

राजा ने कहा ये दोनो वस्तुए एक है।

तब उस व्यक्ति ने कहा हाँ दिखाई तो एक सी देती हैं लेकिन हैं भिन्न।

इनमे से एक है बहुत कीमती हीरा है और एक है काँच का टुकडा।

लेकिन रूप रंग सब एक है।

कोइ आज तक परख नही पाया की कौन सा हीरा है और कौन सा काँच।

 कोइ परख कर बताये की ये हीरा है या ये काँच।

अगर परख खरी निकली तो मे हार जाउँगा और यह कीमती हीरा मै आपके राज्य की तिजोरी मे जमा करवा दूंगा ।

यदि कोइ न पहचान पाया तो इस हीरे की जो कीमत है उतनी धनराशि आपको मुझे देनी होगी।

इसी प्रकार मे कइ राज्यो से जीतता आया हूँ।

राजा ने कहा मै तो नही परख सकूंगा दीवान बोले हम भी हिम्मत नही कर सकते क्योंकि दोनो बिल्कुल समान है।

कोइ हिम्मत नही जुटा पाया।

हारने पर पैसे देने पडेगे इसका कोई सवाल नही था क्योकि राजा के पास बहुत धन है।

राजा की प्रतिष्ठा गिर जायेगी इसका सबको भय था अगर कोइ व्यक्ति पहचान नही पाया।

आखिरकार पीछे थोडी हलचल हुई।

एक अंधा आदमी हाथ मे लाठी लेकर उठा।

उसने कहा मुझे महाराज के पास ले चलो मैने सब बाते सुनी है।

और यह भी सुना कि कोइ परख नही पा रहा है।

एक अवसर मुझे भी दो।

एक आदमी के सहारे वह राजा के पास पहुँचा अौर उसने राजा से प्रार्थना की मै तो जनम से अंधा हूँ फिर भी मुझे एक अवसर दिया जाये।

मैं भी एक बार अपनी बुद्धि को परखू और हो सकता है कि सफल भी हो जाऊ और यदि सफल न भी हुआ तो वैसे भी आप तो हारे ही हैं।

राजा को लगा कि इसे अवसर देने मे क्या हरज है।

राजा ने कहा ठीक है।

तब उस अंधे आदमी को दोनो चीजे छुआ दी गयी और पूछा गया इसमे कौन सा हीरा है और कौन सा काँच यही परखना है।

कथा कहती है कि उस आदमी ने एक मिनट मे कह दिया कि यह हीरा है और यह काँच जो आदमी इतने राज्यो को जीतकर आया था ।

आदमी नतमस्तक हो गया और बोला सही है।

आपने पहचान लिया, धन्य हो आप अपने वचन के मुताबिक यह हीरा मै आपके राज्य की तिजोरी मे दे रहा हूँ।

सब बहुत खुश हो गये और जो आदमी आया था वह भी बहुत प्रसन्न हुआ कि कम से कम कोई तो मिला परखने वाला।

वह राजा और अन्य सभी लोगो ने उस अंधे व्यक्ति से एक ही जिज्ञासा जताई कि तुमने यह कैसे पहचाना कि यह हीरा है और वह काँच

उस अंधे ने कहा की सीधी सी बात है।

मालिक धूप मे हम सब बैठे हैं।

मैने दोनो को छुआ।

जो ठंडा रहा वह हीरा जो गरम हो गया वह काँच ।

जीवन मे भी देखना जो बात बात मे गरम हो जाये उलझ जाये वह काँच।

जो विपरीत परिस्थिति मे भी ठंडा रहे वह हीरा है।

🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌻🌼🌼🌼🌼🌼

Tuesday, April 10, 2018


इन दसों सूत्रों को पढ़ने के बाद पता चला कि सचमुच खुशहाल ज़िंदगी और शानदार मौत के लिए ये सूत्र बहुत ज़रूरी हैं।


1. *अच्छा स्वास्थ्य* - अगर आप पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं, तो आप कभी खुश नहीं रह सकते। बीमारी छोटी हो या बड़ी, ये आपकी खुशियां छीन लेती हैं।
2. *ठीक ठाक बैंक बैलेंस* - अच्छी ज़िंदगी जीने के लिए बहुत अमीर होना ज़रूरी नहीं। पर इतना पैसा बैंक में हो कि आप आप जब चाहे बाहर खाना खा पाएं, सिनेमा देख पाएं, समंदर और पहाड़ घूमने जा पाएं, तो आप खुश रह सकते हैं। उधारी में जीना आदमी को खुद की निगाहों में गिरा देता है।
3. *अपना मकान* - मकान चाहे छोटा हो या बड़ा, वो आपका अपना होना चाहिए। अगर उसमें छोटा सा बगीचा हो तो आपकी ज़िंदगी बेहद खुशहाल हो सकती है।
4. *समझदार जीवन साथी* - जिनकी ज़िंदगी में समझदार जीवन साथी होते हैं, जो एक-दूसरे को ठीक से समझते हैं, उनकी ज़िंदगी बेहद खुशहाल होती है, वर्ना ज़िंदगी में सबकुछ धरा का धरा रह जाता है, सारी खुशियां काफूर हो जाती हैं। हर वक्त कुढ़ते रहने से बेहतर है अपना अलग रास्ता चुन लेना।
5. *दूसरों की उपलब्धियों से न जलना* - कोई आपसे आगे निकल जाए, किसी के पास आपसे ज़्यादा पैसा हो जाए, तो उससे जले नहीं। दूसरों से खुद की तुलना करने से आपकी खुशियां खत्म होने लगती हैं।
6. *गप से बचना* - लोगों को गपशप के ज़रिए अपने पर हावी मत होने दीजिए। जब तक आप उनसे छुटकारा पाएंगे, आप बहुत थक चुके होंगे और दूसरों की चुगली-निंदा से आपके दिमाग में कहीं न कहीं ज़हर भर चुका होगा।
7. *अच्छी आदत* - कोई न कोई ऐसी हॉबी विकसित करें, जिसे करने में आपको मज़ा आता हो, मसलन गार्डेनिंग, पढ़ना, लिखना। फालतू बातों में समय बर्बाद करना ज़िंदगी के साथ किया जाने वाला सबसे बड़ा अपराध है। कुछ न कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे आपको खुशी मिले और उसे आप अपनी आदत में शुमार करके नियमित रूप से करें।
8. *ध्यान* - रोज सुबह कम से कम दस मिनट ध्यान करना चाहिए। ये दस मिनट आपको अपने ऊपर खर्च करने चाहिए। इसी तरह शाम को भी कुछ वक्त अपने साथ गुजारें। इस तरह आप खुद को जान पाएंगे।
9. *क्रोध से बचना* - कभी अपना गुस्सा ज़ाहिर न करें। जब कभी आपको लगे कि आपका दोस्त आपके साथ तल्ख हो रहा है, तो आप उस वक्त उससे दूर हो जाएं, बजाय इसके कि वहीं उसका हिसाब-किताब करने पर आमदा हो जाएं।
10. *अंतिम समय* - जब यमराज दस्तक दें, तो बिना किसी दुख, शोक या अफसोस के साथ उनके साथ निकल पड़ना चाहिए अंतिम यात्रा पर, खुशी-खुशी। शोक, मोह के बंधन से मुक्त हो कर जो यहां से निकलता है, उसी का जीवन सफल होता है।
* इन्हें पढ़ने के बाद लगने लगा है कि ज़िंदगी के डॉक्टर भी होते हैं।

   🙏

Monday, April 9, 2018

Fifty positive one liners......
..
Worthy of reading again & again...

1. Have a firm handshake
👍
2. Look people in the eye
👍
3. Sing in the shower
👍
4. Own a great stereo system
👍
5. If in a fight, hit first and hit hard
👍
6. Keep secrets
👍
7. Never give up on anybody. Miracles happen everyday
👍
8. Always accept an outstretched hand
👍
9. Be brave. Even if you're not, pretend to be. No one can tell the difference
👍
10. Whistle
👍
11. Avoid sarcastic remarks
👍
12. Choose your life's mate carefully. From this one decision will come 90 per cent of all your happiness or misery
👍
13. Make it a habit to do nice things for people who will never find out
👍
14. Lend only those books you never care to see again
👍
15. Never deprive someone of hope; it might be all that they have
👍
16. When playing games with children, let them win
👍
17. Give people a second chance, always
👍
18. Be romantic
👍
19. Become the most positive and enthusiastic person you know
👍
20. Loosen up. Relax. Except for rare life-and-death matters, nothing is as important as it first seems
👍
21. Don't allow the phone to interrupt important moments. It's there for our convenience, not the caller's
👍
22. Be a good loser for your
loved ones
👍
23. Be a good winner of
Hearts
👍
24. Think twice before burdening a friend with a secret
 👍
25. When someone hugs you, let them be the first to let go.

26. Be modest. A lot was accomplished before you were born
👍
27. Keep it simple
👍
28. Beware of the person who has nothing to lose
👍
29. Don't burn bridges.
You'll be surprised how many times you have to cross the same river
👍
30. Live your life so that your epitaph could read, No Regrets
👍
31. Be bold and courageous. When you look back on life, you'll regret the things you didn't do more than the ones you did
👍
32. Never waste an opportunity to tell someone you love them
👍
33. Remember no one makes it alone. Have a grateful heart and be quick to acknowledge those who helped you
👍
34. Take charge of your attitude. Don't let someone else choose it for you
👍
35. Visit friends and relatives when they are in hospital; you need only stay a few minutes
👍
36. Begin each day with some of your favourite music
👍
37. Once in a while, take the scenic route
 👍
38. Forgive quickly. Life is short
👍
39. Answer the phone with enthusiasm and energy in your voice
👍
40. Keep a note pad and pencil on your bed-side table. Million-dollar ideas sometimes strike at 3a.m.
👍
41. Show respect for everyone who works for a living, regardless of how trivial their job
👍
42. Send your loved ones flowers. Think of a reason later
👍
43. Make someone's day by encouraging them
👍
44. Become someone's hero
👍
45. Marry only for love
👍
46. Count your blessings
👍
47. Compliment the meal when you're a guest in someone's home
👍
48. Wave at the children on a school bus
👍
49. Remember that 80 per cent of the success in any job is based on your ability to deal with people
👍
50. Don't expect life to be fair...
👍

Sunday, April 8, 2018

संस्कार
बहु ने आइने मेँ लिपिस्टिक ठिक
करते हुऐ कहा -:
"माँ जी, आप
अपना खाना बना लेना,
मुझे और इन्हें आज एक
पार्टी में जाना है ...!!
.
"बुढ़ी माँ ने कहा -: "बेटी मुझे
गैस वाला
चुल्हा चलाना नहीं आता ...!!
.
"तो बेटे ने कहा -:
"माँ, पास वाले मंदिर में आज
भंडारा है ,
तुम वहाँ चली जाओ
ना खाना बनाने की कोई
नौबत
ही नहीं आयेगी....!!!
.
"माँ चुपचाप अपनी चप्पल पहन
कर मंदिर
की ओर
हो चली.....
यह पुरा वाक्या 10 साल
का बेटा रोहन सुन
रहा था |
.
पार्टी में जाते वक्त रास्ते में
रोहन ने अपने
पापा से
कहा -:
"पापा, मैं जब बहुत
बड़ा आदमी बन जाऊंगा ना
तब मैं भी अपना घर
किसी मंदिर के पास
ही बनाऊंगा ....!!!
.
माँ ने उत्सुकतावश पुछा -:
क्यों बेटा ?
....रोहन ने जो जवाब दिया उसे
सुनकर उस बेटे
और बहु
का सिर शर्म से नीचे झुक
गया जो
अपनी माँ को मंदिर में छोड़ आए
थे.....
.
रोहन ने कहा -: क्योंकि माँ,
जब मुझे भी किसी दिन
ऐसी ही किसी
पार्टी में
जाना होगा तब तुम
भी तो किसी मंदिर में
भंडारे में खाना खाने जाओगी ना
और मैं
नहीं चाहता कि तुम्हें कहीं दूर
के मंदिर में
जाना पड़े....!!!!
.
पत्थर तब तक सलामत है
जब तक
वो पर्वत से जुड़ा है
.
पत्ता तब तक सलामत
है जब तक वो पेड़ से जुड़ा है
.
इंसान तब तक
सलामत है
जब तक वो परिवार से
जुड़ा है
.
क्योंकि परिवार से अलग होकर
आज़ादी तो मिल जाती है
लेकिन संस्कार चले
जाते हैं ..
.
एक कब्र पर लिखा था...
.
"किस को क्या इलज़ाम दूं
दोस्तो...,
जिन्दगी में सताने वाले भी अपने
थे,
और दफनाने वाले
भी अपने थे...
.

चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने
अपनी पत्नी से कहा : हमारे ज़माने में
मोबाइल नहीं थे..

पत्नी : पर ठीक पाँच बजकर पचपन
मिनट पर मैं पानी का ग्लास लेकर
दरवाज़े पे आती और आप आ पहुँचते..

पति : हाँ मैंने तीस साल नौकरी की
पर आज तक मैं ये नहीं समझ
पाया कि मैं आता इसलिए तुम
पानी लाती थी या तुम पानी लेकर
आती थी इसलिये मैं आता था..

पत्नी : हाँ.. और याद है.. तुम्हारे
रिटायर होने से पहले जब तुम्हें
डायबीटीज़ नहीं थी और मैं तुम्हारी
मनपसन्द खीर बनाती तब तुम कहते
कि आज दोपहर में ही ख़याल आया
कि खीर खाने को मिल जाए तो मज़ा
आ जाए..

पति : हाँ.. सच में.. ऑफ़िस से
निकलते वक़्त जो भी सोचता, घर पर
आकर देखता कि तुमने वही बनाया है..

पत्नी : और तुम्हें याद है जब पहली
डिलीवरी के वक़्त मैं मैके गई थी और
जब दर्द शुरु हुआ मुझे लगा काश..
तुम मेरे पास होते.. और घंटे भर में तो
जैसे कोई ख़्वाब हो, तुम मेरे पास थे..

पति : हाँ.. उस दिन यूँ ही ख़याल
आया कि ज़रा देख लूँ तुम्हें !!

पत्नी : और जब तुम मेरी आँखों में
आँखें डाल कर कविता की दो लाइनें बोलते..

पति : हाँ और तुम शर्मा के पलकें झुका
देती और मैं उसे कविता की 'लाइक' समझता !!

पत्नी : और हाँ जब दोपहर को चाय
बनाते वक़्त मैं थोड़ा जल गई थी और
उसी शाम तुम बर्नोल की ट्यूब अपनी
ज़ेब से निकाल कर बोले, इसे अलमारी
में रख दो..

पति : हाँ.. पिछले दिन ही मैंने देखा था
कि ट्यूब ख़त्म हो गई है,पता नहीं कब
ज़रूरत पड़ जाए, यही सोच कर मैं
ट्यूब ले आया था !!

पत्नी : तुम कहते आज ऑफ़िस के
बाद तुम वहीं आ जाना सिनेमा देखेंगे
और खाना भी बाहर खा लेंगे..

पति : और जब तुम आती तो जो
मैंने सोच रखा हो तुम वही साड़ी
पहन कर आती..

फिर नज़दीक जा कर उसका हाथ
थाम कर कहा : हाँ हमारे ज़माने में
मोबाइल नहीं थे..

पर..

"हम दोनों थे !!"

पत्नी : आज बेटा और उसकी बहू
साथ तो होते हैं पर..
बातें नहीं व्हाट्सएप होता है..
लगाव नहीं टैग होता है..
केमिस्ट्री नहीं कमेन्ट होता है..
लव नहीं लाइक होता है..
मीठी नोकझोंक नहीं अनफ़्रेन्ड होता है..

उन्हें बच्चे नहीं कैन्डीक्रश सागा,
टैम्पल रन और सबवे सर्फ़र्स चाहिए..

पति : छोड़ो ये सब बातें..
हम अब वायब्रंट मोड पे हैं
हमारी बैटरी भी 1 लाइन पे है..

अरे..!! कहाँ चली..?

पत्नी : चाय बनाने..

पति : अरे मैं कहने ही वाला था
कि चाय बना दो ना..

पत्नी : पता है.. मैं अभी भी कवरेज
में हूँ और मैसेज भी आते हैं..

दोनों हँस पड़े..

पति : हाँ हमारे ज़माने में
मोबाइल नहीं थे..!!
😊🙏🏼😊🙏🏼😊🙏🏼😊🙏🏼

Saturday, April 7, 2018


मैं रूठा, तुम भी रूठ गए
फिर मनाएगा कौन ?

आज दरार है, कल खाई होगी
फिर भरेगा कौन ?

मैं चुप, तुम भी चुप
इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?

बात छोटी को लगा लोगे दिल से,
तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?

दुखी मैं भी और  तुम भी बिछड़कर,
सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?

न मैं राजी, न तुम राजी,
फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ?

डूब जाएगा यादों में दिल कभी,
तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?

एक अहम् मेरे, एक तेरे भीतर भी,
इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?

ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ?

मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन एक ने आँखें....
तो कल इस बात पर फिर पछतायेगा कौन ?

*_Respect each other_*
*_Ignore mistakes_*
*_Avoid ego_*

Thursday, April 5, 2018

स्कूल में मेरी होती थी अक्सर पिटायी !मैं 2G था, और मैडम थी Wi-Fi !!👰🏻
.........
..........
:उस पर मेरा, सॉफ्टवेयर बडा पुराना था !
ट्यूब लाईट था मैं, जब CFL का जमाना था !!:
............
.............
गणित में तो, मैं बचपन से ही फ़्लॉप था !
भेजे का पासवर्ड, बड़े दिनों तक लॉक था !!:
...........
...........
जब जब स्कूल जाने में, मैं लेट हुआ!
प्रिंसपल की डाँट से, सॉफ़्टवेयर अपडेट हुआ !!:
.........
..........
हाईस्कूल में, ईश्क का वायरस घुस बैठा !
भेजे में सुरक्षित, सारा डाटा ,समाप्त कर बैठा !!:
.......
........
नजरों से नजरें टकरायी, 10th क्लास में !
मैसेज आया, मेरे दिल के इनबॉक्स में !!:
..........
...........
जब जब मैंने, आगे बढकर पोक किया !
धीरे से उसने, नजरें झुकाकर रोक दिया !!:🙅🏻
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.........
कॉलेज में देखा किसी गैर के साथ, तो मन बैठा !
ईश्क का 🃏वायरस, एंटीवायरस बन बैठा !!:
.........
.........
वो रियल थी, लेकिन फ़ेक आईडी सी लगने लगी !
बातों से अपनी, मेरे यारों को भी ठगने लगी !!: 📄
.......
.......
आयी वो वापस, दिल पे मेरे नॉक किया !
लेकिन फ़िर मैंने, खुद ही उसको ब्लॉक किया !!:
......
.......
मेरे जीवन में, अब प्यार के लिए स्पेस नहीं !
मैं 'योगी' हूँ पगली, मजनू का अवशेष नहीं !!:🏻
.....
.....
कॉलेज से निकला, दुनियादारी सीखने लगा !🚵🏿
बना मैं शायर, देशप्रेम पर लिखने ✏लगा !!:
......
......
डरता है दिल, जिंदगी मेरी ना वेस्ट हो !
जो कुछ लिखूँ, सदियों तक कॉपी पेस्ट हो

गॉंव का एक आदमी पहली बार अपने गाँव से कहीं बाहर जाने के लिए बस में सवार हुआ।
.
कंडक्टर ने ठीक ड्राइवर के पास वाली सीट पर उसे बैठा दिया।
.
बस चलते समय वह आदमी बड़े आश्चर्य से इतनी विशाल बस को चलाते ड्राइवर को ही देखता रहा।
.
एक घंटे बाद चाय पानी के लिए एक ढाबे के सामने बस रुकी और ड्राइवर भी चाय पीने चला गया।
.
वापस लौटा तो देखा कि गियर चेंज करने वाली रॉड गायब थी।
.
वो गुस्से से चिल्लाया---" यहाँ लगी गियर रॉड किसने निकाली ? "
.
उसके पास की सीट पर बैठा वो देहाती आदमी बड़ी नम्रता से बोला---

" साहब नाराज क्यों होते हो, रास्ते भर मैं कब से देख रहा हूँ कि, आप बस चलाते चलाते बार बार ये रॉड निकालने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन निकाल नही पाए बस आप हिला ही पाए...मैंने अपनी पूरी ताकत से निकाल दी. ये लो....!!! "
.
ड्राईवर अभी कोमा में है और होश आते ही फिर बेहोश होने की सम्भावना है

💮 _*हरिवंशराय बच्चन की एक सुंदर कविता*_ ...

*खवाहिश  नही  मुझे  मशहूर  होने  की*।
*आप  मुझे  पहचानते  हो  बस  इतना  ही  काफी  है*।

*अच्छे  ने  अच्छा  और  बुरे  ने  बुरा  जाना  मुझे*।
*क्यों  कि  जिसकी  जितनी  जरुरत  थी  उसने  उतना  ही  पहचाना  मुझे*।

*ज़िन्दगी  का  फ़लसफ़ा  भी   कितना  अजीब  है*,
*शामें  कटती  नहीं,  और  साल  गुज़रते  चले  जा  रहे  हैं*....!!

*एक  अजीब  सी  दौड़  है  ये  ज़िन्दगी*,
*जीत  जाओ  तो  कई  अपने  पीछे  छूट  जाते  हैं*,
*और  हार  जाओ  तो  अपने  ही  पीछे  छोड़  जाते  हैं*।

*बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर*...
*क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है*..

*मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा*,
*चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना*।।

*ऐसा नहीं है कि मुझमें कोई ऐब नहीं है*
*पर सच कहता हूँ मुझमे कोई फरेब नहीं है*

*जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन क्यूंकि एक मुद्दत से मैंने*
*न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले* .!!.

*एक घड़ी ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध ली*..
*वक़्त पीछे ही पड़ गया मेरे*..!!

*सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून से*..
*पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला* !!!

*सुकून की बात मत कर ऐ ग़ालिब*....
*बचपन वाला 'इतवार' अब नहीं आता*

*जीवन की भाग-दौड़ में*
*क्यूँ वक़्त के साथ रंगत खो जाती है* ?
*हँसती-खेलती ज़िन्दगी भी आम हो जाती है*..

*एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम और*
*आज कई बार बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है*..

*कितने दूर निकल गए*,
*रिश्तो को निभाते निभाते*..
*खुद को खो दिया हमने, अपनों को पाते पाते*..

*लोग कहते है हम मुस्कुराते बहोत है*,
*और हम थक गए दर्द छुपाते छुपाते*..

*खुश* *हूँ और* *सबको खुश* *रखता हूँ*,
*लापरवाह* *हूँ फिर भी सबकी परवाह*
*करता हूँ*..

*मालूम है कोई मोल नहीं मेरा, फिर भी*,
*कुछ अनमोल लोगो से रिश्ता रखता हूँ*...!      

Sunday, April 1, 2018

*What is Karam? How it works?*
☺: *अनजाने कर्म का फल* :☺
_VERY INTRESTING_

एक राजा ब्राह्मणों को लंगर में महल के आँगन में भोजन करा रहा था ।
राजा का रसोईया खुले आँगन में भोजन पका रहा था ।
उसी समय एक चील अपने पंजे में एक जिंदा साँप को लेकर राजा के महल के उपर से गुजरी ।
तब पँजों में दबे साँप ने अपनी आत्म-रक्षा में चील से बचने के लिए अपने फन से ज़हर निकाला ।
तब रसोईया जो लंगर ब्राह्मणो के लिए पका रहा था, उस लंगर में साँप के मुख से निकली जहर की कुछ बूँदें खाने में गिर गई ।
किसी को कुछ पता नहीं चला ।
फल-स्वरूप वह ब्राह्मण जो भोजन करने आये थे उन सब की जहरीला खाना खाते ही मौत हो गयी ।
अब जब राजा को सारे ब्राह्मणों की मृत्यु का पता चला तो ब्रह्म-हत्या होने से उसे बहुत दुख हुआ ।

ऐसे में अब ऊपर बैठे यमराज के लिए भी यह फैसला लेना मुश्किल हो गया कि इस पाप-कर्म का फल किसके खाते में जायेगा .... ???
(1) राजा .... जिसको पता ही नहीं था कि खाना जहरीला हो गया है ....
या
(2 ) रसोईया .... जिसको पता ही नहीं था कि खाना बनाते समय वह जहरीला हो गया है ....
या
(3) वह चील .... जो जहरीला साँप लिए राजा के उपर से गुजरी ....
या
(4) वह साँप .... जिसने अपनी आत्म-रक्षा में ज़हर निकाला ....

बहुत दिनों तक यह मामला यमराज की फाईल में अटका (Pending) रहा ....

फिर कुछ समय बाद कुछ ब्राह्मण राजा से मिलने उस राज्य मे आए और उन्होंने किसी महिला से महल का रास्ता पूछा ।
उस महिला ने महल का रास्ता तो बता दिया पर रास्ता बताने के साथ-साथ ब्राह्मणों से ये भी कह दिया कि "देखो भाई ....जरा ध्यान रखना .... वह राजा आप जैसे ब्राह्मणों को खाने में जहर देकर मार देता है ।"

बस जैसे ही उस महिला ने ये शब्द कहे, उसी समय यमराज ने फैसला (decision) ले लिया कि उन मृत ब्राह्मणों की मृत्यु के पाप का फल इस महिला के खाते में जाएगा और इसे उस पाप का फल भुगतना होगा ।

यमराज के दूतों ने पूछा - प्रभु ऐसा क्यों ??
जब कि उन मृत ब्राह्मणों की हत्या में उस महिला की कोई भूमिका (role) भी नहीं थी ।
तब यमराज ने कहा - कि भाई देखो, जब कोई व्यक्ति पाप करता हैं तब उसे बड़ा आनन्द मिलता हैं । पर उन मृत ब्राह्मणों की हत्या से ना तो राजा को आनंद मिला .... ना ही उस रसोइया को आनंद मिला .... ना ही उस साँप को आनंद मिला .... और ना ही उस चील को आनंद मिला ।
पर उस पाप-कर्म की घटना का बुराई करने के भाव से बखान कर उस महिला को जरूर आनन्द मिला । इसलिये राजा के उस अनजाने पाप-कर्म का फल अब इस महिला के खाते में जायेगा ।

बस इसी घटना के तहत *आज तक जब भी कोई व्यक्ति जब किसी दूसरे के पाप-कर्म का बखान बुरे भाव से (बुराई) करता हैं तब उस व्यक्ति के पापों का हिस्सा उस बुराई करने वाले के खाते में भी डाल दिया जाता हैं !*

अक्सर हम जीवन में सोचते हैं कि  *हमने जीवन में ऐसा कोई पाप नहीं किया, फिर भी हमारे जीवन में इतना कष्ट क्यों आया....??*

ये कष्ट और कहीं से नहीं, बल्कि लोगों की बुराई करने के कारण उनके पाप-कर्मो से आया होता हैं जो बुराई करते ही हमारे खाते में ट्रांसफर हो जाता हैं ....


☺: *A very deep philosophy of Karma example* ☝

😘Friendship is not about: "sorry".
 Its about: "saari galti teri thi..."😝
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❤️Friendship is not about "THANKS".
 Its about :"koi Ehsaan nahi kiya mujhpe..."😏
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😔Friendship is not about : "I miss u".
 Its about "kahan mar gaye thay itne din"?😙
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☺️Friendship is not about :"I understand".
 Its about: "Hamesha main hi kyun samjhoon"?😄
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☺️Friendship is not about : "I'm happy 4 ur success"..
 It's about : "Chal beta treat de"?😜😝
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😉Friendship is not about: "Are u coming to see us tomorrow"?
 It's about: "Dramaybazi band kar, aur chup chaap chal mere sath".☺️😘😘

*CHINESE ADVICE TO 50-YEARS OLD & OLDER*

*Because none of us have many years to live, and we can't take along anything when we go, so we don't have to be too thrifty.*

*Spend the money that should be spent, enjoy what should be enjoyed, donate what you are able to donate*

*DON'T WORRY about what will happen after we are gone, because when we return to dust, we will feel nothing about praises or criticisms. The time to enjoy the worldly life and your hard earned wealth will be over!*

*DON'T WORRY too much about your children, for children will have their own destiny and should find their own way.  Care for them, love them, give them gifts but also enjoy your money or what is left of it, while you can. Life should have more to it than working from the cradle to the grave!!*

*50-year olds, don't trade in - your health for wealth, by working yourself to an early grave anymore. Because your money may not be able to buy your health.*

*When to stop making money, and how much is enough?             
(A HUNDRED thousand, One million, ten million, One billion?)*

*Out  of thousand hectares of good farm land, you can consume only three quarts (of rice) daily; out of a thousand mansions, you only need eight square meters of  space to rest at night.*

*So, as long as you have enough food and enough money to spend, that is good enough. You should live happily. Every family has its own problems.*

*Just DO NOT COMPARE with others for fame and social status and see whose children are doing better etc., but challenge others for happiness, health, enjoyment, quality of  life and longevity.*

*DON'T WORRY about things that you can't change because it doesn't help and it may spoil your health.*

*You have to create your own well-being and find your own place of happiness. As long  as you are in good mood and good health, think about happy things, do happy things daily and have fun in doing, then you will pass your time happily every day.*

*One day passes WITHOUT happiness*, *you will lose one day.*
*One day passes WITH happiness and then you gain one day.*

*In good spirit, sickness will cure*;
*In a happy spirit, sickness will cure faster;*
*in high and happy spirits, sickness will never come.*

*With good mood, suitable amount of exercise, always in the sun, variety of foods, reasonable amount of vitamin and mineral intake, hopefully you will live another 20 or 30 years of  healthy life of pleasure.*

*ABOVE ALL* -
Learn to cherish the goodness around... *like your spouse and FRIENDS*........... *They all make you feel young and "wanted"... without them you are surely to feel lost !!*