Monday, April 30, 2018

वो कह के चले इतनी मुलाकात बहुत है,
मैंने कहा रुक जाओ अभी रात बहुत है।

आंसू मेरे थम जाएँ तो फिर शौक़ से जाना,
ऐसे में कहा जाओगे बरसात बहुत है।

वो कहने लगी जाना मेरा बहुत जरूरी है,
नहीं चाहती दिल तोडूं तेरा पर मजबूरी है।

गर हुयी हो कोई खता तो माफ़ कर देना,
मैंने कहा हो जाओ चुप इतनी कही बात बहुत है।

समझ गया हूँ सब और कुछ कहना ज़रूरी नहीं,
बस आज रुक जाओ जाना इतना भी जरूरी नहीं है।

फिर कभी आना आऊंगा तुम्हारी जिंदगी में लौट के,
जिंदगी भर तन्हाई के लिए ये रात बहुत है।

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