Saturday, January 4, 2020

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महिलाएं बस एक अच्छा दोस्त चाहती हैं।।

वो बांटना चाहती है अपने रत-जगे जो अक्सर किसी अस्पताल की बेंच पर या किसी दूर जाने वाली गाड़ी के इंतजार में काटे होते हैं!

वो बांटना चाहती है अपने आंसू जो अक्सर रति-क्रीड़ा के बाद,पति के मुंह फेरकर सोने के बाद बहाए होते हैं!

वो बांटना चाहती है वो फस्ट्रेशन जो अक्सर बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करते वक़्त उनके गाल पर जमा देती है!

वो बांटना चाहती है वो जलन जो अक्सर तवे पर रोटी सेंकते वक़्त उसकी अंगुलियों के पोरों पर महसूस होती है!

वो बांटना चाहती है वो बातें जो अक्सर वो किसी को कह नही पाती!

वो बांटना चाहती है वो स्वेद जो अक्सर गृह-कार्यो की थकान के कारण उसकी कमर पर उभर आता है!

वो बांटना चाहती है वो पहाड़ जैसे भारी धूप के टुकड़े जो अक्सर पति व बच्चों के चले जाने के बाद,उससे काटे नही कटते!

वो बांटना चाहती है अपने सफेद होते बालों की सफेदी व अपनी हिना की खुश्बू,जिसके लिए पतिदेव को अवकाश नही है!

वो बांटना चाहती है अपनी सोने के पिंजरे वाली कैद!

वो चाहती हैं एक ऐसा दोस्त जिससे खुलकर सब-कुछ बोल सके,जिसे कुछ भी बोलने से पहले एक पल को भी सोचना न पड़े!

पर भूल जाती हैं ये चालीस पार औरतें कि- - - - -

मर्द  सैक्स के लालच के बिना प्रेम कर ही नही पाता!

यहां हर सहानुभूति अक्सर चिरायंध से ही भरी होती है!

वो जब प्रश्न करती है प्रेम के,भावनाओं के,गजलों के तो प्रतिप्रश्न में उनसे पूछे जाते हैं ब्रा के साइज व पैंटी के रंग के प्रश्न!

वो जब भेजती अपने विचार तो बदले में भेजी जाती है ..... की फोटोज़!

वो चाहती है हिरण सोने का और अक्सर बिछड़ जाते हैं उनसे उनके राम!
एक सभा में गुरु जी ने प्रवचन के दौरान
एक 30 वर्षीय युवक को खडा कर पूछा कि....

- आप मुम्बई मेँ जुहू चौपाटी पर चल रहे हैं और सामने से एक सुन्दर लडकी आ रही है तो आप क्या करोगे ?
युवक ने कहा - उस पर नजर जायेगी, उसे देखने लगेंगे।
गुरु जी ने पूछा - वह लडकी आगे बढ गयी तो क्या पीछे मुडकर भी देखोगे ?
लडके ने कहा - हाँ, अगर धर्मपत्नी साथ नहीं है तो। (सभा में सभी हँस पडे)
गुरु जी ने फिर पूछा - जरा यह बताओ वह सुन्दर चेहरा आपको कब तक याद रहेगा ?
युवक ने कहा 5 - 10 मिनट तक, जब तक कोई दूसरा सुन्दर चेहरा सामने न आ जाए।
गुरु जी ने उस युवक से कहा - अब जरा सोचिए ...

आप जयपुर से मुम्बई जा रहे हैं और मैंने आपको एक पुस्तकों का पैकेट देते हुए कहा कि मुम्बई में अमुक महानुभाव के यहाँ यह पैकेट पहुँचा देना।
आप पैकेट देने मुम्बई में उनके घर गए।
उनका घर देखा तो आपको पता चला कि ये तो बडे अरबपति हैं।
घर के बाहर 10 गाडियाँ और 5 चौकीदार खडे हैं। आपने पैकेट की सूचना अन्दर भिजवाई तो वे महानुभाव खुद बाहर आए। आप से पैकेट लिया। आप जाने लगे तो आपको आग्रह करके घर में ले गए। पास में बैठकर गरम खाना खिलाया। जाते समय आप से पूछा - किसमें आए हो ? आपने कहा- लोकल ट्रेन में। उन्होंने ड्राइवर को बोलकर आपको गंतव्य तक पहुँचाने के लिए कहा और आप जैसे ही अपने स्थान पर पहुँचने वाले थे कि उस अरबपति महानुभाव का फोन आया - भैया, आप आराम से पहुँच गए।
अब आप बताइए कि आपको वे महानुभाव कब तक याद रहेंगे ?
युवक ने कहा - गुरु जी ! जिंदगी में मरते दम तक उस व्यक्ति को हम भूल नहीं सकते।

गुरु जी ने युवक के माध्यम से सभा को संबोधित करते हुए कहा...

_"यह है जीवन की हकीकत।"_

 "सुन्दर चेहरा थोड़े समय ही याद रहता है,__पर हमारा सुन्दर व्यवहार जीवन भर याद रहता है।

अतः जीवन पर्यन्त अपने व्यवहार को सुन्दर बनाते रहिए फिर देखिए आपके जीवन का रंग ...!!
🌺🌸🌼🥧🥮🌹💐🍟🥙❤
*Precautions for tonight *

*The following self care cause and effect tips might be useful... Happy New Year!*

*1. Symptom : Cold and humid feet.*
*Cause : Glass is being held at incorrect angle (You are pouring the drink on your feet).*
*Cure : Manoeuvre glass until open end is facing upward...*

*2. Symptom : The wall facing you is full of lights.*
*Cause : You're lying on the floor.*
*Cure : Position your body at a 90-degree angle to the floor.*

*3. Symptom : The floor looks blurry.*
*Cause : looking through an empty glass.*
*Cure : Quickly refill your glass!*

*4. Symptom : The floor is moving.*
*Cause : You're being dragged away.*
*Cure : At least ask where they're taking you!*

*5. Symptom : You hear echoes every time someone speaks.*
*Cause : You have your glass on your ear and trying to drink from it.*
*Cure : Stop making a fool of yourself!*

*6. Symptom : Your dad and all your brothers are looking funny.*
*Cause : You're in the wrong house.*
*Cure : Ask if they can point you to your house.*

*7. Symptom : The room is shaking a lot, everyone is dressed in white and the music is very repetitive.*
*Cause : You're in an ambulance.*
*Cure : Don't move. Let the professionals do their job.*

*ISSUED IN PUBLIC INTEREST...* 🤔🤔
*गुलज़ार ने कितनी खूबसूरती से बता दिया जिंदगी क्या है।*

*-कभी तानों में कटेगी,*
*कभी तारीफों में;*
*ये जिंदगी है यारों,*
*पल पल घटेगी !!*

*-पाने को कुछ नहीं,*
*ले जाने को कुछ नहीं;*
*फिर भी क्यों चिंता करते हो,*
*इससे सिर्फ खूबसूरती घटेगी,*
*ये जिंदगी है यारों पल-पल घटेगी!*

*बार बार रफू करता रहता हूँ,*
*..जिन्दगी की जेब !!*
*कम्बखत फिर भी,*
*निकल जाते हैं...,*
*खुशियों के कुछ लम्हें !!*

*-ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ही...*
*ख़्वाहिशों का है !!*
*ना तो किसी को गम चाहिए,*
*ना ही किसी को कम चाहिए !!*

*-खटखटाते रहिए दरवाजा...,*
*एक दूसरे के मन का;*
*मुलाकातें ना सही,*
*आहटें आती रहनी चाहिए !!*

*-उड़ जाएंगे एक दिन ...,*
*तस्वीर से रंगों की तरह !*
*हम वक्त की टहनी पर...*,
*बेठे हैं परिंदों की तरह !!*

*-बोली बता देती है,इंसान कैसा है!*
*बहस बता देती है, ज्ञान कैसा है!*
*घमण्ड बता देता है, कितना पैसा है।*
*संस्कार बता देते है, परिवार कैसा है !!*

*-ना राज़* *है... "ज़िन्दगी",*
*ना नाराज़ है... "ज़िन्दगी";*
*बस जो है, वो आज है, ज़िन्दगी!*

*-जीवन की किताबों पर,*
*बेशक नया कवर चढ़ाइये;*
*पर...बिखरे पन्नों को,*
*पहले प्यार से चिपकाइये !!*
DICTIONARY ही एक ऐसी
जगह है
जिसमें:
1. Death, Life से पहले
आती है।
2. End, Start से पहले
आता है।
3. Divorce, Marriage से
पहले आता है।
4. Child, Parents से पहले
आता है
5. Evening, Morning से
पहले आती है
6. Result, Test से पहले
आता है।
7. Destination,
Struggle
से पहले आता है।
8. Dinner, Lunch से पहले
आता है।
9. Doctor, Fever से पहले
आता है।

केवल एक चीज़ Dictionary में
सही आती है और
वह है
'FRIENDS', जो Relatives से
पहले आते हैं।
*सभी दोस्तो को समर्पित.*
*_"सब बढ़िया है...."_*

```अपने दुःख दर्द छिपाने का,
बस बचा एक ही जरिया है
जब पूछें कोई कैसे हो,
हम कह देते सब बढ़िया है

चेहरे पर मुस्कान लिए,
वाणी में रहते रस घोले
स्वप्न सरीखा यह जीवन,
जो सरक रहा हौले हौले

अश्रु किन्हे हम दिखलाएँ,
किस से हम मन की बात कहें
बेहतर लगती पीड़ा अपनी,
भीतर अपने चुपचाप सहें

कुछ पीड़ा सुन मुसकाएँगे
कुछ नमक छिड़क कर जाएँगे
कुछ पाप पुण्य का लगा गणित
पापों का फल बताएँगे

किस की जिह्वा हम पकड़ेंगे
किस किस के होंठ सिलाएँगे
ऐसा बोला तो क्यों बोला
किस किस से लड़ने जायेंगे

चुपचाप सुनेंगे तानों को,
दिल अपना भी इक दरिया है
फिर पूछेगा जब  हाल कोई,
तो कह देंगे " सब बढ़िया है। ```
बड़ी बेवफ़ा हो जाती है ग़ालिब, ये घड़ी भी सर्दियों में,
5 मिनट और सोने की सोचो तो, 30 मिनट आगे बढ़ जाती है

😊😉

मत ढूंढो मुझे इस दुनिया की तन्हाई में,
ठण्ड बहुत है, मैं यही हूँ, अपनी रजाई में..

😝😝

तमाम राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं के बीच मेरी छोटी सी लोकल समस्या
सारी रात गुज़र जाती है इसी कश्मकश में

ये हवा कहां से घुस जाती है रजाई में

😜😝

सुबह सुबह आकर सोये हुए को जगाने के लिये उसकी रजाई खींच लेने को महापाप की श्रेणी में रखा जायेगा

😝

अगर इस समय कोई सुबह सुबह किसी पर ठंडा पानी डाल दे,
तो वो घटना भी आतंकवादी हमले के अंतर्गत मानी जायेगी

😛😛😛

किसी की रजाई खींचना देशद्रोह के बराबर माना जायेगा और रजाई में घुसकर ठंडे पैर लगाना छेड़छाड़ का अपराध माना जायेगा

😳😆😆

इस बरसाती ठण्ड के मौसम में रजाई के अंदर रहना ही श्रेष्ठ कर्म है
और टमाटर की चटनी के साथ पकोड़े, चाय मिलना मोक्ष की प्राप्ति
😁😂😂

ऐ सर्दी इतना न इतरा
अगर 👉हिम्मत है तो जून में आ।।

❄Happy Winter 😜😛😁🤣🙈
🐋
     *_मुंसी प्रेमचंद जी की एक सुंदर कविता, जिसके एक-एक शब्द को बार-बार पढ़ने को मन करता है-_*

_ख्वाहिश नहीं मुझे_
_मशहूर होने की,"_

        _आप मुझे पहचानते हो_
        _बस इतना ही काफी है।_

_अच्छे ने अच्छा और_
_बुरे ने बुरा जाना मुझे,_

        _जिसकी जितनी जरूरत थी_
        _उसने उतना ही पहचाना मुझे!_

_जिन्दगी का फलसफा भी_
_कितना अजीब है,_

        _शामें कटती नहीं और_
        _साल गुजरते चले जा रहे हैं!_

_एक अजीब सी_
_'दौड़' है ये जिन्दगी,_

        _जीत जाओ तो कई_
        _अपने पीछे छूट जाते हैं और_

_हार जाओ तो_
_अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं!_

_बैठ जाता हूँ_
_मिट्टी पे अक्सर,_

        _मुझे अपनी_
        _औकात अच्छी लगती है।_

_मैंने समंदर से_
_सीखा है जीने का सलीका,_

        _चुपचाप से बहना और_
        _अपनी मौज में रहना।_

_ऐसा नहीं कि मुझमें_
_कोई ऐब नहीं है,_

        _पर सच कहता हूँ_
        _मुझमें कोई फरेब नहीं है।_

_जल जाते हैं मेरे अंदाज से_
_मेरे दुश्मन,_

              _एक मुद्दत से मैंने_
       _न तो मोहब्बत बदली_
      _और न ही दोस्त बदले हैं।_

_एक घड़ी खरीदकर_
_हाथ में क्या बाँध ली,_

        _वक्त पीछे ही_
        _पड़ गया मेरे!_

_सोचा था घर बनाकर_
_बैठूँगा सुकून से,_

        _पर घर की जरूरतों ने_
        _मुसाफिर बना डाला मुझे!_

_सुकून की बात मत कर_
_ऐ गालिब,_

        _बचपन वाला इतवार_
        _अब नहीं आता!_

_जीवन की भागदौड़ में_
_क्यूँ वक्त के साथ रंगत खो जाती है ?_

        _हँसती-खेलती जिन्दगी भी_
        _आम हो जाती है!_

_एक सबेरा था_
_जब हँसकर उठते थे हम,_

        _और आज कई बार बिना मुस्कुराए_
        _ही शाम हो जाती है!_

_कितने दूर निकल गए_
_रिश्तों को निभाते-निभाते,_

        _खुद को खो दिया हमने_
        _अपनों को पाते-पाते।_

_लोग कहते हैं_
_हम मुस्कुराते बहुत हैं,_

        _और हम थक गए_
        _दर्द छुपाते-छुपाते!_

_खुश हूँ और सबको_
_खुश रखता हूँ,_

        _लापरवाह हूँ ख़ुद के लिए_
        _मगर सबकी परवाह करता हूँ।_

_मालूम है_
_कोई मोल नहीं है मेरा फिर भी_

        _कुछ अनमोल लोगों से_
     _रिश्ते रखता हूँ।_
🌹🌹🌹🤝
इस साल के अंतिम दिन पर शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की चन्द अनमोल पंक्तियॉ...

जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
उस-उस राही को धन्यवाद

जीवन अस्थिर अनजाने ही,
हो जाता पथ पर मेल कहीं,
सीमित पग डग, लम्बी मंज़िल,
तय कर लेना कुछ खेल नहीं
दाएँ-बाएँ सुख-दुख चलते,
सम्मुख चलता पथ का प्रमाद
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
उस-उस राही को धन्यवाद

साँसों पर अवलम्बित काया,
जब चलते-चलते चूर हुई,
दो स्नेह-शब्द मिल गये,
मिली नव स्फूर्ति,
थकावट दूर हुई
पथ के पहचाने छूट गये,
पर साथ-साथ चल रही याद
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
उस-उस राही को धन्यवाद....

नया साल आपके और आपके समस्त
परिजनों के लिये मंगलमय हो!!
*ज़िंदगी सड़क की तरह हैं,*
*यह कभी भी सीधी नहीं होती.*
*कुछ दूर बाद मोड अवश्य आता हैं.*
*इसलिए धैर्य के साथ चलते रहिए*
*आपकी ज़िंदगी का सुखद मोड़*
*आपका इंतज़ार कर रहा हैं..!!*

*मुस्कुरा कर चलते रहिए..!!*



*जन्म के समय नाम नही होता है,*
            *मात्र सांसे होती है..*
*मृत्यू के समय नाम होता है,*
             *पर सांसे नही होती..*
*"इन्हीं सांसों और नाम के बीच की यात्रा को जीवन कहते है"*



*हर मर्ज़ का इलाज नहीं दवाखाने में...!!*

*कुछ दर्द चले जाते है, परिवार और दोस्तो के साथ मुस्कुराने मे*...

   🌞 *आपका दिन शुभ हो*

*༺꧁ Զเधॆ Զเधॆ꧂༻*