Saturday, January 4, 2020

*_"सब बढ़िया है...."_*

```अपने दुःख दर्द छिपाने का,
बस बचा एक ही जरिया है
जब पूछें कोई कैसे हो,
हम कह देते सब बढ़िया है

चेहरे पर मुस्कान लिए,
वाणी में रहते रस घोले
स्वप्न सरीखा यह जीवन,
जो सरक रहा हौले हौले

अश्रु किन्हे हम दिखलाएँ,
किस से हम मन की बात कहें
बेहतर लगती पीड़ा अपनी,
भीतर अपने चुपचाप सहें

कुछ पीड़ा सुन मुसकाएँगे
कुछ नमक छिड़क कर जाएँगे
कुछ पाप पुण्य का लगा गणित
पापों का फल बताएँगे

किस की जिह्वा हम पकड़ेंगे
किस किस के होंठ सिलाएँगे
ऐसा बोला तो क्यों बोला
किस किस से लड़ने जायेंगे

चुपचाप सुनेंगे तानों को,
दिल अपना भी इक दरिया है
फिर पूछेगा जब  हाल कोई,
तो कह देंगे " सब बढ़िया है। ```

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