Wednesday, August 28, 2019

वो भारत की अनपढ़ पीढ़ी

जो हम सबको बहुत डाँटती थी -
कहती थी

 “नल धीरे खोलो... पानी बदला लेता है!
अन्न नाली में न जाए, नाली का कीड़ा बनोगे!

          सुबह-सुबह तुलसी पर जल चढाओ,
          बरगद पूजो,
          पीपल पूजो,
         आँवला पूजो,

      मुंडेर पर चिड़िया के लिए पानी रखा कि नहीं?

     हरी सब्जी के छिलके गाय के लिए अलग बाल्टी में डालो।

  अरे कांच टूट गया है। उसे अलग रखना। कूड़े की बाल्टी में न डालना, कोई जानवर मुँह न मार दे।

      .. ये हरे छिलके कूड़े में किसने  डाले, कही भी जगह नहीं मिलेगी........

      यह पीढ़ी इतनी पढ़ी-लिखी नहीं थी पर पर्यावरण की चिंता करती थी, क्योंकि वह शास्त्रों की श्रुति परंपरा की शिष्य थी।
     
और हम चार किताबें पढ़ कर  उस पीढ़ी की आस्थाओं को कुचलते हुये धरती को विनाश की कगार पर ले आये।

             
और हम "आधुनिक" हो गये।🌹🍁
बहुत सुंदर
     दिल को छूने वाली लाईन


सपने मे अपनी मौत को करीब से देखा....😓

कफ़न में लिपटे तन जलते अपने शरीर को देखा.....😭

खड़े थे लोग हाथ बांधे एक कतार में...

कुछ थे परेशान कुछ उदास थे .....

पर कुछ छुपा रहे अपनी मुस्कान थे..

दूर खड़ा देख रहा था मैं ये सारा मंजर.....

.....तभी किसी ने हाथ बढा कर मेरा हाथ थाम लिया ....

और जब देखा चेहरा उसका तो मैं बड़ा हैरान था.....

हाथ थामने वाला कोई और नही...मेरा भगवान था...

चेहरे पर मुस्कान और नंगे पाँव था....

जब देखा मैंने उस की तरफ जिज्ञासा भरी नज़रों से.....

तो हँस कर बोला....
"तूने हर दिन दो घडी जपा मेरा नाम था.....
आज प्यारे उसका क़र्ज़ चुकाने आया हूँ...।"

रो दिया मै.... अपनी बेवक़ूफ़ियो पर तब ये सोच कर .....

जिसको दो घडी जपा
वो बचाने आये है...
और जिन मे हर घडी रमा रहा
वो शमशान पहुचाने आये है....


तभी खुली आँख मेरी बिस्तर पर विराजमान था.....
कितना था नादान मैं हकीकत से अनजान था....
एक दम नया
👌👌👌👌👌👌👌👌

अध्यापक:- रमेश बेटा घर की परिभाषा बताओ ?
रमेश:- सर जो घर हौंसलें से बनाये जाते हैं उसे "हाउस" कहते हैं।
जिन घरों में हवन होते हैं, उन्हें "होम" कहते हैं।
जिन घरों में हवा ज्यादा चलती है उन्हें *"हवेली"*कहते हैं।
जिन घरों में दीवारों के भी कान होते हैं उन्हें "मकान" कहते हैं।
                       और
जिन घरों के लोन की किश्त भरते-भरते आदमी लेट जाता है उन्हें "फ्लेैट" कहते हैं

                       और
जिन घरों में यह भी पता ना हो कि बगल के घर में कौन रहता है उन्हें "बंगला" कहते हैं।
अध्यापक अभी तक ICU में... 😇😇😇😇😇😇😇😇
*चाय सिर्फ़ चाय ही नहीं होती...*

जब कोई पूछता है "चाय पियेंगे"
तो बस नहीं पूछता वो तुमसे
दूध, चीनी और चायपत्ती
को उबालकर बनी हुई
एक कप  चाय के लिए।

वो पूछता हैं...
क्या आप बांटना चाहेंगे
कुछ चीनी सी मीठी यादें
कुछ चायपत्ती सी कड़वी
दुःख भरी बातें..!

वो पूछता है..
क्या आप चाहेंगे
बाँटना मुझसे अपने कुछ
अनुभव, मुझसे कुछ आशाएं
कुछ नयी उम्मीदें..?

उस एक प्याली चाय के
साथ वो बाँटना चाहता है
अपनी जिंदगी के वो पल
तुमसे जो अनकही है अबतक
दास्ताँ जो अनसुनी है अबतक

वो कहना चाहता है..
तुमसे तमाम किस्से
जो सुना नहीं पाया
अपनों को कभी..

एक प्याली चाय
के साथ को अपने उन टूटे
और खत्म हुए ख्वाबों को
एक बार और
जी लेना चाहता है।

वो उस गर्म चाय की प्याली
के साथ उठते हुए धुओँ के साथ
कुछ पल को अपनी
सारी फ़िक्र उड़ा देना चाहता है

इस दो कप चाय के साथ
शायद इतनी बातें
दो अजनबी कर लेते हैं
जितनी तो
अपनों के बीच भी नहीं हो पाती।

तो बस जब पूछे कोई
अगली बार तुमसे
 *"चाय पियेंगे..?"*

तो हाँ कहकर
बाँट लेना उसके साथ
अपनी चीनी सी मीठी यादें
और चायपत्ती सी कड़वी
दुखभरी  बातें..!!

 *चाय सिर्फ़ चाय ही नहीं होती...!*
*ये औरतें भी न !*

*दो मिनट की आरामदायक और*
*बच्चों के पसंद की ज़ायकेदार मैगी को छोड़,*
*किचन में गर्मी में तप कर*
*हरी सब्ज़ियाँ बनाती फिरती हैं।*
*बच्चे मुँह बिचकाकर*
*नाराज़गी दिखलाते हैं सो अलग,*
*फिर भी बाज नहीं आतीं*
✨✨✨✨✨✨✨
*ये औरतें भी न,*

*जब किसी बात पे दिल दुखे ,*
*तो घर में अकेले में आँसुओं*
*की झड़ी लगा देंगीं ।*
*लेकिन बाहर अपनी सहेलियों के*
*सामने तो ऐसे मुस्कुरायेंगीं,*
*जैसे उनके जितना*
*सुखी कोई नहीं।*

🧖‍♀🧖‍♀🧖‍♀🧖‍♀🧖‍♀🧖‍♀🧖‍♀🧖‍♀
*ये औरतें भी न,*

*जब कभी लड़ लेंगी पति से,*
*तो सोच लेंगी अब मुझे*
*तुमसे कोई मतलब नहीं।*
*लेकिन शाम में जब घर आने में*
*पति महाशय को देर हो जाये,*
*तो घड़ी पे टक-टकी*
*लगाए रहेगी।*
*और बच्चों से बोलेंगी,*
*"फोन कर के पापा से पूछो*
*आये क्यों नहीं अभी तक?"*
👩‍💼👸👩‍💼👸👩‍💼👸👩‍💼

*अरे यार! ये औरतें भी न,*

*तिनका तिनका जोड़कर*
*अपने आशियाने को बनाती*
*और सजाती हैं,*
*चलती और ढलती रहतीं*
*है सबके अनुसार।*
*लेकिन कभी एक कदम भी*
*बढ़ा ले अपने अनुसार,*
*तो "यहाँ ऐसे नहीं चलेगा*
*जाओ अपने घर(मायका)*
*ये सब वहीं करना।"*
*सुनके रो रोकर*
*सोचती रहतीं हैं,*
*अब मैं इस घर में नहीं रहूँगी।*
*रात भर आँसुओं से*
*तकिया गीला कर,*
*उल्लू की तरह*
*आँखें सुजा लेती हैं।*
*अगले दिन फिर से*
*सुबह उठकर*
*तैयार करने लगतीं हैं,*
*बच्चों के टिफिन और*
*सबके लिए नाश्ता।*
*बदलने लगतीं हैं*
*ड्राइंग रूम के कुशन कवर,*
*और फिर से सींचने लगतीं हैं*
*अपने लगाए पौधों को।*
*सच में एकदम पागल हैं*
*सोचतीं कुछ हैं और*
*करतीं कुछ!*
🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊
 *ये औरतें भी न !!!*

😏😞😒

*काश कि सभी  "तथाकथित समझदार  लोग" औरतों के उस पागलपन की कद्र करें जिसकी वजह से हमारे मकानों को दुनिया घर कहती है।*

*नारी तुम्हें शत् शत् नमन्*
🙏
कॉलेज मे एक लडका एक लडकी से प्रेम करता है....
वो उसको प्रेमपत्र लिखता है ....

"अगर तुम्हे मूझसे प्रेम है,  तो कल ​*लाल* रंग का ड्रेस पहन के आना.."​

वो प्रेमपत्र वह एक पुस्तक मे रखकर  वो पुस्तक उसको देता है....

दुसरे  दिन वो *पीले* रंग का ड्रेस पहनकर आती हैं और उसे उसका पुस्तक वापस करती है....
ये देखकर उस लडके का मन खट्टा हो जाता है...
वो उदास रहने लगता है....

कालांतर मे उस लडकी का विवाह  हो जाता है....
.
.
.
.
.
.
.
कुछ  वर्ष के बाद......

उस लडकी ने वापस की हुई  उसकी "वो" पुस्तक घर का कचरा साफ करते समय उसके हाथ से नीचे गिर जाती है ...

और ...

उसमे से एक चिठ्ठी बाहर गिरती है ...

उस चिठ्ठी मे लिखा था ...

​​" मुझे भी  तुम पसंद हो ❤...
मेरे घरवालो से आकर मिलो...
अगर घर वाले  न माने तो भी मै तुमसे ही शादी करूंगी....और हां ... *मै एक गरीब लडकी हूँ  ......*
मेरे पास *लाल* रंग का ड्रेस नही है...
SORRY...!!! 🙏🏼

ये पढकर लडके ने अपना सर पीट लिया....

*तात्पर्य* : ​ ​वर्ष मे कम से कम  *"एक बार "* कोर्स की पुस्तक​ ​खोल कर जरूर देखे .....

😃😃😂😂

*नोट* -  अब आप अपनी सारी पुरानी किताबे  छानने मत बैठ जाना...........

आपका समय कब का निकल चुका है...
अब बच्चों की पढाई पर ध्यान दीजिये...

😂😂 🤣🤣
😂😂😂
आधी रात को गली में जोर जोर से शोर शराबा सुनकर पति की आंख खुल गई 😗

उसने घर के बाहर निकल कर लोगों से पूछा हुआ क्या है :- ?
*कुछ लोगों ने उससे कहा :- सावधान रहना पानी में जहर है !!

यह सुनकर पति फटाफट वापस घर आया....

पत्नी ने पूछा :- इतना शोर शराबा इतनी आवाज गली में किस बात की है ?  हुआ क्या है ?

पति :- कुछ नहीं हुआ .... फालतु लोग हैं , तू पानी पी के चुपचाप सो जा ..

😂😂🤣🤣😂🤣😂🤣😂🤣
😀पत्नी : अगर मैं अचानक मर गई तो तुम क्या दूसरी शादी करोगे?

पति : नो डार्लिंग, ऐसा तो मैं सोच भी नहीं सकता!!!😀😀

पत्नी : क्यों, नहीं क्यों ? अरे आपके अच्छे बुरे पलों को बांटने के लिए कोई तो साथी चाहिए!!!
😀😀
प्लीज शादी कर लेना डार्लिंग!!!

पति : ओह माय शोना.. मरने के बाद की भी मेरी इतनी फ़िक्र???😀😀

पत्नी : तो प्रोमिस ? आप दूसरी शादी कर लोगे ना ?

पति : ओके बाबा, लेकिन सिर्फ तुम्हारी खातिर करूँगा !!!
😀😀
पत्नी : तुम अपनी नई पत्नी को इस घर में रखोगे ना ?

पति : हाँ, लेकिन उसे तुम्हारा कमरा कभी यूज़ नहीं करने दूंगा।😀😀

पत्नी : उसे अपनी कार चलाने दोगे ?

पति : नो, नेवर,,, उस कार को तो तुम्हारी यादगार बना के रखूंगा।
उसको दूसरी कार दिला दूंगा !!!
😀😀
पत्नी : और मेरे ज़ेवर …?

पति : वो उसे कैसे दे सकता हूँ। उनसे तुम्हारी यादें जुड़ीं होंगी। वो
अपने लिए नई ज्वेलरी मांगेगी ना !!!
😀😀
पत्नी : वो मेरी जींस पहनेगी तो ?

पति : नहीं उसका नंबर 30 है और तुम्हारा 34 !!!
😀😀
चुप्पी छा गई…

पति : ओ शिट…😀😀

पति का अंतिम संस्कार कल 10 बजे है!!!
*फिर घमंड कैसा*
 
एक माचिस की तीली,
एक घी का लोटा,
लकड़ियों के ढेर पे,
कुछ घण्टे में राख.....
बस इतनी-सी है
      *आदमी की औकात !!!!*

एक बूढ़ा बाप शाम को मर गया,
अपनी सारी ज़िन्दगी,
परिवार के नाम कर गया,
कहीं रोने की सुगबुगाहट,
तो कहीं फुसफुसाहट....
अरे जल्दी ले जाओ
कौन रखेगा सारी रात.....
बस इतनी-सी है
       *आदमी की औकात!!!!*

मरने के बाद नीचे देखा,
नज़ारे नज़र आ रहे थे,
मेरी मौत पे.....
कुछ लोग ज़बरदस्त,
तो कुछ ज़बरदस्ती
रो रहे थे।

नहीं रहा........चला गया.....
चार दिन करेंगे बात.....
बस इतनी-सी है
     *आदमी की औकात!!!!!*

बेटा अच्छी तस्वीर बनवायेगा,
सामने अगरबत्ती जलायेगा,
खुश्बुदार फूलों की माला होगी....
अखबार में अश्रुपूरित श्रद्धांजली होगी.........
बाद में कोई उस तस्वीर पे,
जाले भी नही करेगा साफ़....
बस इतनी-सी है
    *आदमी की औकात !!!!!!*

जिन्दगी भर,
मेरा- मेरा- मेरा किया....
अपने लिए कम ,
अपनों के लिए ज्यादा जीया....
कोई न देगा साथ.....
जायेगा खाली हाथ....
क्या तिनका ले जाने की भी,
है हमारी औकात ???

*ये है हमारी औकात....!!!*

*जाने कौन सी शोहरत पर,*
*आदमी को नाज है!*

*जो आखरी सफर के लिए भी,*
*औरों का मोहताज है!!!*

 *फिर घमंड कैसा ?*
🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔
*बस इतनी सी हैं*
              *हमारी औकात*
                     ........✍🏻
क्या फासले पर ही रह जाएंगे हम तुम

रेल की पटरी की तरह हैं हम दोनों
ताकते रहते हैं एक दूसरे को दूर से ही
क्या कभी मिल न पाएंगे हम तुम
क्या फासले पर ही रह जाएंगे हम तुम

लोग रिश्ता निभाते हैं, लोग रस्म निभाते हैं
लोग बंधन भी निभाते हैं, लोग मजबूरी भी निभाते हैं
क्या सिर्फ जुदाई ही निभाएंगे हम तुम
क्या फासले पर ही रह जाएंगे हम तुम

जोड़ियां बनती हैं लोगों को पता चलता है
ये एक दायरा है जो सबको निभाना पड़ता है
जो अपने दरमियाँ है किसको बताएंगे हम तुम
क्या फासले पर ही रह जाएंगे हम तुम

मैं एक दिन तुमसे पूरा जुदा हो जाऊं शायद
तुम एक दिन मुझसे पूरी जुदा हो जाओ शायद
कभी सोचा है, ज़िन्दगी कैसे बिताएंगे हम तुम
क्या फासले पर ही रह जाएंगे हम तुम

मंज़िलें एक होतीं हैं जब दो जिस्म एक होते हैं
मंज़िलें भी मिल जातीं हैं और रास्ते भी खत्म होते हैं
क्या अपनी अपनी मंज़िलों में ही समायेंगे हम तुम
क्या फासले पर ही रह जाएंगे हम तुम

एक मौका मैंने गंवा दिया था एक दिन
एक मौका तुम भी गंवा रही हो शायद
और कितने मौके गंवाएंगे हम तुम
क्या फासले पर ही रह जाएंगे हम तुम

ज़िन्दगी के हर बोल मेरे पास हैं
ज़िन्दगी के हर सुर तुम्हारे पास हैं
बोलो गीत किस दिन ज़िन्दगी का गाएंगे हम तुम
क्या फासले पर ही रह जाएंगे हम तुम

तुम्हें भी पता है तुम्हारी आधी जान मैं हूँ
मुझे भी पता है मेरी आधी जान तुम हो
क्या एक दूसरे को बस आईना ही दिखाएंगे हम तुम
क्या फासले पर ही रह जाएंगे हम तुम

झूठा मुस्कुराती हो तुम मैं जान गया हूँ
झूठा मुस्कुराता हूँ मैं ये जान गई हो तुम
क्या ता उम्र झूठा ही मुस्कुरायेंगे हम तुम
क्या फासले पर ही रह जाएंगे हम तुम

तुम्हें भी पता है तुम्हारा आधा किस्सा हूँ मैं
मुझे भी पता मेरा आधा किस्सा हो तुम
क्या आधा आधा ही किस्सा सुनाएंगे हम तुम
क्या फासले पर ही रह जाएंगे हम तुम

सारांश....⚘⚘
हाथों में थी मेहंदी और सर पे था घूंघट
किसी की तरफ कदम बढ़ाए जा रही थी
सात फेरों के हर उस वचन में वो हर पल
किसी के साथ को भुलाए जा रही थी

वरमाला थी डाली उसने जब उसको
क्या पता उसने किया था याद किसको
उसपर जब उसने वरमाला थी डाली
वो कैसे भी कर के मुस्कुराए जा रही थी

इक नाम लिख गया था हाथों पे उसके
इक नाम मिट गया था साँसों से उसके
फिर भी ये उसकी ही हिम्मत थी जो कि
लकीरों पे उसको रचाये जा रही थी

आई  जो  बारी  फेरों  की  उस  दिन
निकली वो अपने अंधेरों से उस दिन
दिल  पे  था पत्थर पर पीछे न देखा
कदम नए सफर पर उठाये जा रही थी

हुई  विदा  जब  नए  घर  में  आई
उसने  पुरानी  कहानी  मिटाई
भुला कर के उसने था सब कुछ मिटाया
वो घर को नया घर बनाये जा रही थी

था अगले जन्म का वचन मेरा उससे
नहीं हटा पाया मैं मन मेरा उससे
मगर वो बंधी थी तो फिर खुल न पाई
वो मेरे वचन को मिटाए जा रही थी

सारांश....⚘⚘
*उम्र*

मैं उम्र बताना नहीं चाहती हूँ,
जब भी यह सवाल कोई पूछता है
मैं सोच में पड़ जाती हूँ,

बात यह नहीं, कि मैं,
उम्र बताना नहीं चाहती हूँ,
बात तो यह है, की,
मैं हर उम्र के पड़ाव को,
फिर से जीना चाहती हूँ,
इसलिए जबाब नहीं दे पाती हूँ,

मेरे हिसाब से तो उम्र,
बस एक संख्या ही है,

जब मैं बच्चो के साथ बैठ,
कार्टून फिल्म देखती हूँ,
उन्ही की, हम उम्र हो जाती हूँ,
उन्ही की तरह खुश होती हूँ,
मैं भी तब सात-आठ साल की होती हूँ,
और जब गाने की धुन में पैर थिरकाती हूँ,
तब मैं किशोरी बन जाती हूँ,
जब बड़ो के पास बैठ गप्पे सुनती हूँ,
उनकी ही तरह, सोचने लगती हूँ,
दरअसल मैं एकसाथ,
हर उम्र को जीना चाहती हूँ,

इसमें गलत ही क्या है?
क्या कभी किसी ने,
सूरज की रौशनी,
या
चाँद की चांदनी से उम्र पूछी?
या फिर खल खल करती,
बहती नदी की धारा से उम्र ??
फिर मुझसे ही क्यों ?

बदलते रहना प्रकृति का नियम है,
मैं भी अपने आप को,
समय के साथ बदल रही हूँ,
आज के हिसाब से,
ढलने की कोशिश कर रही हूँ,

कितने साल की हो गयी मैं,
यह सोच कर क्या करना?
कितनी उम्र और बची है,
उसको जी भर जीना चाहती हूँ,

एकदिन सब को यहाँ से विदा लेना है,
वह पल, किसी के भी जीवन में,
कभी भी आ सकता है,

फिर क्यों न हम,
हर पल को मुठ्ठी में, भर के जी ले,
हर उम्र को फिर से, एक बार जी ले..
🤦🏻‍♂

      *चूहा अगर पत्थर का हो तो*
             *सब उसे पूजते हैं*

      *मगर जिन्दा हो तो मारे बिना*
              *चैन नहीं लेते हैं*

         *साँप अगर पत्थर का हो*
            *तो सब उसे पूजते हैं*

       *मगर जिन्दा हो तो उसी वक़्त*
                   *मार देते हैं*

       *माँ बाप अगर "तस्वीरों" में हो*
               *तो सब पूजते हैं*

       *मगर जिन्दा है तो कीमत नहीं*
                    *समझते"*

       *बस यही समझ नहीं आता के*
       *ज़िन्दगी से इतनी नफरत क्यों*

                       *और*

        *पत्थरों से इतनी मोहब्बत क्यों*

          *जिस तरह लोग मुर्दे इंसान को*
           *कंधा देना पुण्य समझते हैं​*

       *काश" इस तरह' ज़िन्दा" इंसान*
       *को सहारा देंना पुण्य  समझने*
        *लगे तो ज़िन्दगी आसान हो*
                    *जायेगी​*

        *एक बार जरूर सोचिए*

               
   

                        🙏🏻
एक सरकारी कर्मचारी की तपस्या से प्रसन्न होकर उपर वाले ने उसे दर्शन दिए और बोले, "मांगो वत्स, क्या चाहिए..?"

कर्मचारी के मुंह खोलने के पहले ही भगवान टोकते हुए बोले -

"वत्स, 4 चीजें छोड़कर ही मांगना..."

1. Home town में Posting
2. प्रमोशन
3. वेतन विसंगति और
4. छुट्टी..

अब मांगो क्या चाहिए..? ?

कर्मचारी (अपना बैग उठाते हुए) : बस प्रभु, आपने दर्शन दिया उसके लिए धन्यवाद

मुझे ड्यूटी पर जाना है.......

बेवजह लेट हो गया आपके चक्कर में... #😄  😃
😌😁😌😁😌😁😌😁😌😁😌😁😌

पत्नी : अगर मैं अचानक मर गई तो तुम क्या दूसरी शादी करोगे?😌😌

पति : नो डार्लिंग, ऐसा तो मैं सोच भी नहीं सकता!!!😀😀

पत्नी : क्यों, नहीं क्यों ? अरे आपके अच्छे बुरे पलों को बांटने के लिए कोई तो साथी चाहिए!!!😌😌
प्लीज शादी कर लेना डार्लिंग!!!😇

पति : ओह माय शोना.. मरने के बाद की भी मेरी इतनी फ़िक्र???😀😀

पत्नी : तो प्रोमिस ? आप दूसरी शादी कर लोगे ना ?😌😌

पति : ओके बाबा, लेकिन सिर्फ तुम्हारी खातिर करूँगा !!!😀😀

पत्नी : तुम अपनी नई पत्नी को इस घर में रखोगे ना ?😌😌

पति : हाँ, लेकिन उसे तुम्हारा कमरा कभी यूज़ नहीं करने दूंगा।😀😀

पत्नी : उसे अपनी कार चलाने दोगे ?😌😌

पति : नो, नेवर,,, उस कार को तो तुम्हारी यादगार बना के रखूंगा।
उसको दूसरी कार दिला दूंगा !!!😀😀

पत्नी : और मेरे ज़ेवर …?😌😌

पति : वो उसे कैसे दे सकता हूँ।
उनसे तुम्हारी यादें जुड़ीं होंगी।
वो अपने लिए नई ज्वेलरी मांगेगी ना !!! 😀😀

पत्नी : वो मेरी जींस पहनेगी तो ?😌😌

पति : नहीं उसका नंबर 30 है और तुम्हारा 34 !!! 😀😀

चुप्पी छा गई…🤫🤭🤔

😀😌😀😌

पति का अंतिम संस्कार कल 10 बजे है!!!

😌😁😁😁😁😁😌😁😁😁😁😁😌
सिकंदर उस जल की तलाश में था, जिसे पीने से मानव अमर हो जाते हैं.!
काफी दिनों तक  दुनियाँ में भटकने के पश्चात आखिरकार उस ने वह जगह पा ही ली, जहाँ उसे अमृत की प्राप्ति हो
👉 उसके सामने ही अमृत जल बह रहा था, वह अंजलि में अमृत को लेकर पीने के लिए झुका ही था कि तभी एक बुढा व्यक्ती जो उस गुफा के भीतर बैठा था, जोर से बोला,  रुक जा, यह भूल मत करना...!'

बड़ी दुर्गति की अवस्था में था वह बुढा !

सिकंदर ने कहा, ‘तू रोकने वाला कौन...?’

बुढे ने उत्तर दिया, ..मैं अमृत की तलाश में था और यह गुफा मुझे भी मिल गई थी !, मैंने भी यह अमृत पी लिया !
 अब मैं मर नहीं सकता, पर मैं अब मरना चाहता हूँ... ! देख लो मेरी हालत...अंधा हो गया हूँ, पैर गल गए हैं, मेरा शरीर जर्जर हो गया है।
 देखो...अब मैं चिल्ला रहा हूँ...चीखरहा हूँ...कि कोई मुझे मार डाले, लेकिन मुझे मारा भी नहीं जा सकता !
 अब प्रार्थना कर रहा हूँ  परमात्मा से कि प्रभु मुझे मौत दे !

 सिकंदर  चुपचाप गुफा से बाहर वापस लौट आया, बिना अमृत पिए !

 सिकंदर समझ चुका था कि जीवन का आनन्द ✨उस समय तक ही रहता है, जब तक हम उस आनन्द को भोगने की स्थिति में होते हैं!

इसलिए जितना भी हो सके अपने स्वास्थ्य की रक्षा कीजिये !
और जितना जीवन मिला है,उस जीवन का भरपूर आनन्द लीजिये !
❣🥀 हमेशा खुश रहिये ?❣🥀

दुनियां में सिकंदर कोई नहीं, वक्त ही सिकंदर है..

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
❤A Very Beautiful Msg ❤

             💖 *मिठास* 💖
             〰〰〰〰

        चाय का कप लेकर आप
        खिड़की के पास बैठे हों
    और बाहर के सुंदर नज़ारे का
आनंद लेते हुए चाय की चुस्की लेते हैं
.....अरे चीनी डालना तो भूल ही गये..;

  और तभी फिर से किचन मेँ जाकर
   चीनी डालने का आलस आ गया....
    आज फीकी चाय को जैसे तैसे
      पी गए,कप खाली कर दिया

     तभी आपकी नज़र कप के तल
      में पड़ी बिना घुली चीनी पर
                पडती है..!!
  मुख पर मुस्कुराहट लिए सोच में पड
    गये...चम्मच होता तो मिला लेता

   हमारे जीवन मे भी कुछ ऐसा ही है...
       सुख ही सुख बिखरा पड़ा है
            हमारे आस पास...
                    लेकिन,
     बिन घुली उस चीनी की तरह !!

           थोड़ा सा ध्यान दें-
 किसी के साथ हँसते-हँसते उतने ही
   हक से रूठना भी आना चाहिए !
       अपनो की आँख का पानी
     धीरे से पोंछना आना चाहिए !
     रिश्तेदारी और दोस्ती में कैसा
              मान अपमान ?
      बस अपनों के दिल मे रहना
             आना चाहिए...!❤

 जितना हो सके....
"सरल" बनने की कोशिश करें...
"स्मार्ट" नही,

क्योंकि....हमें "ईश्वर" ने बनाया है...
"SAMSUNG" ने नही......
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏कृप्या समय निकाल कर पढ़े बहुत ही अच्छी ज्ञानवर्धक पोस्ट है🙏
           

             *रात्रि 11 से 3 के दौरान आपके रक्त संचरण का अधिक भाग लीवर की ओर केन्द्रित होता है | जब लीवर अधिक खून प्राप्त करता है तब उसका आकार बढ़ जाता है | यह महत्त्वपूर्ण समय होता है जब आपका शरीर विष हरण की प्रक्रिया से गुजरता है | आपका लीवर, शरीर द्वारा दिन भर में एकत्रित विषाक्त पदार्थों को निष्क्रिय करता है और खत्म भी करता है |*



*💁🏻‍♀ यदि आप 11बजे सो जाते हैं तो आपके पास अपने शरीर को विषमुक्त करने के लिए पूरे चार घण्टे होते हैं |*
*यदि 12 बजे सोते हैं तो 3 घण्टे |*

*💁🏻‍♀ यदि 1बजे सोते हैं  तो 2 घण्टे |*

*💁🏻‍♀ यदि 2 बजे सोते हैं तो केवल एक ही घण्टा विषाक्त पदार्थों की सफाई के लिए मिलता है |*

*💁🏻‍♀ अगर आप 3 बजे के बाद सोते हैं ? दुर्भाग्य से आपके पास शरीर को विषमुक्त करने के लिए कोई समय नहीं बचा | यदि आप इसी तरह से सोना जारी रखते हैं, समय के साथ ये विषाक्त पदार्थ आपके शरीर में जमा होने लगते हैं |*


*💁🏻‍♀ क्या आप कभी देर तक जागे हैं? क्या आपने महसूस किया है कि अगले दिन आपको बहुत थकान होती है, चाहे आप कितने भी घण्टे सो लें ?*

*💁🏻‍♀ शरीर को विषमुक्त करने का पूरा समय न देकर आप शरीर की कई महत्त्वपूर्ण क्रियाओं से भी चूक जाते हैं |*


*💁🏻‍♀ प्रात: 3 से 5 के बीच  रक्त संचरण का केन्द्र आपके लंग्स होते हैं |*
*👉🏻 इस समय आपको ताज़ी हवा में साँस लेना चाहिए और व्यायाम करना चाहिए | अपने शरीर में अच्छी ऊर्जा भर लेनी चाहिए, किसी उद्यान में बेहतर होगा | इस समय हवा एकदम ताज़ी और लाभप्रद अयनों से भरपूर होती है |*


*💁🏻‍♀ प्रात: 5 से 7 के बीच रक्त संचरण का केन्द्र आपकी बड़ी आँत की ओर होता है | आपको इस समय शौच करना चाहिए | अपनी बड़ी आँत से सारा अनचाहा मल बाहर कर देना चाहिए | अपने शरीर को दिन भर ग्रहण किए जाने वाले पोषक तत्वों के लिए तैयार करें |*



*💁🏻‍♀ सुबह 7 से 9 के बीच रक्त संचरण का केन्द्र आपका पेट या अमाशय होता है | इस समय आपको नाश्ता करना चाहिए | यह दिन का सबसे जरूरी आहार है | ध्यान रखें कि इसमें सारे आवश्यक पोषक तत्त्व हों | सुबह नाश्ता न करना भविष्य में कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का कारण बनता है |*

*👉🏻 तो आपके पास अपने दिन की शुरुआत करने का आदर्श तरीका आ गया है l अपने शरीर की प्राकृतिक जैविक घड़ी का अनुसरण करते ~ अपनी प्राकृतिक दिनचर्या का पालन करें |*
  *🙏🏼स्वस्थ रहें, व्यस्त रहें, मस्त रहें।🙏🏼*नमः शिवाय. 🙏 🙏 🙏
##बायें करवट सोने से अनेकों स्वास्थ्य लाभ##
          (स्वामी पुण्यदेव,पतंजलि हरिद्वार)
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वैज्ञानिको ने भी माना बाएं ओर करवट ले कर सोने से होते है ये अधभुत लाभ ( left side sleeping )
इंसान का एक ही करवट में रातभर लेटे रहना नामुमकिन है, आप को जिस भी करवट आराम मिलता है उस ओर सो सकते हैं. बाएं ओर करवट लेट कर सोने से कई बीमारियां, दिल का रोग, पेट संबन्‍धित खराबी, थकान, पेट का फूलना और अन्‍य शारीरिक समस्‍याएं हल हो सकती हैं. ( left side sleeping )

आपने कभी सोचा हैं कि अक्सर हमारे बाएं ओर के पैर, बाएं ओर के कंधे, बाएं ओर के पेट में ही क्यों दर्द होता हैं। हमारी बॉडी क्यों हमेशा बायां हिस्सा ही चुनती हैं ? आप ये सुन कर हैरान हो जाएंगी कि आयुर्वेद के अनुसार हमारी लेफ्ट और राइट साइड की बॉडी बिल्कुल अलग हैं। आयुर्वेद के अनुसार हमें लेफ्ट साइड सोना  चाहिए ( left side sleeping )। हम अक्सर अपने कम्फर्ट के अनुसार सोते हैं पर आपको बाएं ओर करवट लेकर सोना चाहिए  ( left side sleeping ) क्योंकि ये हमारी स्वास्थ के लिए अच्छा होता हैं।

प्रेगनेंट महिलाओं को भी बाएं ओर सोने की सलाह दी जाती हैं, दाएं ओर सोने से कुछ नुकसान नहीं होता हैं पर बाएं ओर सोने के फायदे बहुत होते हैं। लेकिन सोते वक्त हमें होश नहीं रहता कि हम किस पोजीशन में हैं, इसके लिए आप कोशिश करें कि आप लेफ्ट साइड पर तकिया पकड़कर सोएं। इससे हमें कई पेट संबंधी समस्याओं से निजात मिलेगी और दिमाग सुचारू रूप से चलेगा। लेकिन हमेशा ध्यान रखें कि हार्ट के मरीजों को राइट साइड करवट लेकर सोना चाहिए क्योंकि ये आपका ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट कम कर देता हैं।

घातक बीमारियां होती हैं दूर  ( left side sleeping )
बाएं ओर करवट लेने से शरीर में जमा टॉक्‍सिन धीरे धीरे लसीका तंत्र दृारा निकल जाता है. इसलिये खाना हज्म हो जाये इसके लिये मुनासिब ये है कि बायीं करवट सोया जाये ताकि लीवर और हाजमे के सिस्टम पर कोई दबाव न पड़े और वह अपना काम आसानी से कर ले.  ( left side sleeping )

लीवर और किडनियां अच्‍छे से काम करती हैं  ( left side sleeping )
हमारे शरीर से गंदगी निकालने का सबसे ज्‍यादा कार्य लीवर और किडनियों का ही है. इसलिये सोते समय इन पर ज्‍यादा प्रेशर नहीं डालना चाहिये.  ( left side sleeping )

पाचन सुधारे  ( left side sleeping )
बाएं ओर सोने से पेट और अग्न्याशय अपना काम जो कि खाना पचाने का कार्य है, उसको आराम से करने लगते हैं. अग्न्याशय से एंजाइम सही समय पर निकलना शुरु होता है. खाया गया भोजन भी आराम से पेट के जरिये नीचे पहुंचता है और आराम से खाना हज़म हो जाता है. जिन लोगों का हाज्मा गड़बड़ रहता है और बदहजमी की शिकायत रहती है, उन्हें डाक्टर बायीं करवट लेटने की सलाह देते हैं.  ( left side sleeping )

सुबह पेट आराम से साफ होता है  ( left side sleeping )
बाएं ओर सोने की वजह से ग्रेविटी, भोजन को छोटी आंत से बड़ी आंत तक आराम से पहुंचाने में मदद करती है. इस वजह से सुबह के समय आपका पेट आराम से साफ होगा.  ( left side sleeping )

बाएं ओर सोने की वजह से ग्रेविटी, भोजन को छोटी इंटेस्टाइन से बड़ी इंटेस्टाइन तक आराम से पहुंचाने में मदद करती हैं। जिसके कारण आपका पेट सुबह आसानी से साफ हो जाता हैं। सिर्फ यही नहीं बाएं ओर सोने से आपको डरावने सपने भी नहीं आते।  ( left side sleeping )
पत्नी :- एक बात बताऊं, नाराज तो नहीं होंगे..?😎
पति :- नहीं, बताओ..?
पत्नी(डरते-डरते) :- मेरी वो हीरे की "अंगूठी" खो गई है जो आपने मेरे जन्मदिन पर दी थी....😎
पति :- एक शर्त पर माफ कर सकता हूं...😂
पत्नी :- कौन-सी शर्त...?😎
पति :- आगे से तुम मेरी जेब में हाथ नहीं डालोगी....😎
तुम्हारी अंगूठी मेरी जेब से मिली है 😂😂
*पति* : मैं बहुत थक गया हूँ, ज़रा चाय बना दो न ।

*पत्नी* : अभी बनातीं हूँ , उसमें अदरक डालूँ क्या ? सर्दी पड़ रही है थोड़ी सी 😢

*पति* : हाँ।

*पत्नी* : तुलसी का पत्ता भी डालूँ क्या ? बरसाती वायरस से बचाती है ?

*पति* : हाँ ठीक है , डाल दे ।

*पत्नी* : चाय मसाला डालूँ क्या ? टेस्ट आ जायेगा ?

*पति* : चलेगा।

*पत्नी* : पुदीना भी डाल दूँ ? आपका पेट खराब नहीं होगा ?

*पति* : एक काम कर राई , जीरा , हींग , हल्दी, सरसौं , गरम मसाला , लहसुन .....सब डाल दे,
उसमें तड़का लगा दे, ऐसी की तेसी कर दे चाय की..

और

*मेरे मुंह में कुप्पी लगा के ठूंस भी दे*,

पता नहीं कौन से कॉलेज की होम साइंस की पुतलीबाई...टिका दी ससुर जी ने ! 👻😜👻😜
गुरु :   चाणक्य ने कहा था..
आपको एक ही दुश्मन से बार-बार युद्ध नही लड़ना चाहिए वरना आप अपने तमाम 'युद्ध कौशल' उसे सिखा देंगे।
 पति पत्नी के संबंधो में भी यही होता है। दोनों योद्धा जिन्दगी भर लड़ते-लड़ते एक दुसरे के वारों से इतना परिचित हो जाते हैं कि युद्ध जिन्दगी भर चलता रहता है पर हल कुछ निकलता नही।

शिष्य :  तो फिर गुरुजी, क्या करना चाहिए?

गुरु :  दुश्मन बदलते रहना  चाहिये।
😜😜😜😜😜😜😜😜