Saturday, May 28, 2022

 में कभी भी शराब पीते हुए रिस्क नहीं लेता।

.

.

.

.

मैं ऑफिस से शाम को घर पे आया तो बीवी खाना बना रही थी।


हाँ, मुझे रसोई से बर्तनों की आवाज़ आ रही है।


मैं छुपके से घर में घुस गया


काले रंग की अलमारी में से ये मैंने बोतल निकाली


शिवाजी महाराज फ़ोटो फ्रेम में से मुझे देख रहे हैं


पर अब भी किसी को कुछ पता नहीं लगा


क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता।

.

.

.

.

.

.

.

मैंने पुरानी सिंक के ऊपर वाली रैक से गिलास निकाला


और फटाक से एक पेग गटक लिया।


गिलास धोया, और उसे फिर से रैक पे रख दिया।


बेशक मैंने बोतल भी अलमारी में वापस रख दी


शिवाजी महाराज मुस्कुरा रहे हैं


.

.

.

.

.


मैंने रसोई में झांका


बीवी आलू काट रही है।


किसी को कुछ पता नहीं चला के मैंने अभी अभी क्या किया


क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता।

.

.

.

.

.

मैं बीवी से पूछा: चोपड़ा की बेटी की शादी का कुछ हुआ ?


बीवी : नहीं जी, बड़ी ख़राब किस्मत है बेचारी की। अभी लड़का देख ही रहे हैं वो लोग उसके लिए।

.

.

.

.

.

मैं फिर से बाहर आया, काली अलमारी की हलकी सी आवाज़ हुई


पर बोतल निकालते हुए मैंने बिल्कुल आवाज़ नहीं की


सिंक के ऊपर वाली पुरानी रैक से मैंने गिलास निकाला


लो जी फटाफट दो पेग और मार लिए

.

.

.

.

.


बोतल धोयी और संभाल के सिंक में रख दी


और काले गिलास को अलमारी में भी रख दिया


पर किसी को अब भी हवा तक नहीं लगी के मैंने क्या किया


क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता

.

.

.

.

.


मैं बीवी से : फिर भी ! चोपड़ा की लड़की की अभी उम्र ही क्या है


बीवी: क्या बात कर रहे हो जी !!! 28 की हो गयी है…बूढ़ी घोड़ी की तरह दिखने लगी है।


मैं: (भूल ही गया कि उसकी उम्र तो 28 साल है) अच्छा अच्छा..

.

.

.

.

.

.


मैंने फिर से मौका देख के काली अलमारी में से आलू निकाले


पर पता नहीं यार अलमारी की जगह कैसे अपने आप बदल गयी!


ये मैंने रैक से बोतल निकाली, सिंक में एक पेग बनाया और गटागट पी गया

.

.

.

.

.

शिवाजी महाराज बड़ी जोर जोर से हँस रहे हैं


रैक को ये मैंने आलू में रक्खा, शिवाजी महाराज की फ़ोटो भी ढंग से धो दी और लो जी काली अलमारी में भी रख दी

.

.

.

.

.


बीवी क्या कर रही है, हाँ ! वो सिंक चूल्हे पे चढ़ा रही है।


पर अब भी किसी को कुछ पता नहीं चला के मैंने क्या किया


क्योंकि! क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता।

(ये हुचकि क्यों आ रही है, कौन याद किया मेरे को)

.

.

.

.

.

मैं बीवी से: (गुस्सा होते हुए) तुमने चोपड़ा साहब को घोड़ा बोला? अगर तुमने दोबारा ऐसा बोला तो तुम्हारी ज़ुबान काट दूंगा…!


बीवी: हाँ बाबा बड़बड़ाओ मत ! शांति से बैठो तुम अब बाहर जाकर, इस समय वही ठीक है तुम्हारे लिए…

.

.

.

.

.

.

मैंने आलू में से बोतल निकाली


काली अलमारी में गया और अपने पेग के मजे लिए


सिंक धोया और उसको रैक के ऊपर रख दिया


बीवी फ्रेम में से अब भी मुस्कुरा रही है

.

.

.

.

.

शिवाजी महाराज खाना बनाने में बिजी हैं


पर अब भी किसी को कुछ नहीं पता मैंने क्या किया


क्योंकि मैं रिस्क लेता ही नहीं ना यार

.

.

.

.

.

.

मैं बीवी से : (हँसते हुए) तो चोपड़ा घोड़े से शादी कर रहा है!!


बीवी: सुनो ! जाओ, तुम पहले अपने मुँह पे पानी के छपाके मारो…

.

.

.

.

.

.

मैं फिर रसोई में गया और चुपचाप रैक पे बैठ गया


चूल्हा भी रखा है रैक पे


बाहर कमरे से बोतल की आवाज़ सी आई

.

.

.

.

मैंने झाँका और देखा की बीवी सिंक में बैठी पेग के मजे ले रही है


पर अब तक किसी भी घोड़े को पता नहीं लगा के मैंने क्या किया


क्योंकि शिवाजी महाराज कभी रिस्क नहीं लेते

.

.

.

चोपड़ा साला अब भी खाना बना रहा है


और मैं फ़ोटो में से अपनी बीवी को देख रहा हूँ और हँस रहा हूँ


क्योंकि! क्योंकि मैं कभी! क्योंकि मैं कभी क्या नहीं लेता यार??? हाँ !!! मैं कभी आलू नहीं लेता… शायद!


No comments:

Post a Comment