लिखा :एक व्यंग्य ;
👌👌👌👌👌👌
अक्ल बाटने लगे विधाता,
लंबी लगी कतारें ।
सभी आदमी खड़े हुए थे,
कहीं नहीं थी नारी ।
👬👬👬👬👬
सभी नारियाँ कहाँ रह गई.
था ये अचरज भारी ।
पता चला ब्यूटी पार्लर में,
पहुँच गई थी सारी।
💆💇💅💆💇💅
मेकअप की थी गहन प्रक्रिया,
एक एक पर भारी ।
बैठी थीं कुछ इंतजार में,
कब आएगी बारी ।
🙇🙇🙇🙇🙇🙇
उधर विधाता ने पुरूषों में,
अक्ल बाँट दी सारी ।
ब्यूटी पार्लर से फुर्सत पाकर,
जब पहुँची सब नारी ।
👭👭👭👭👭
बोर्ड लगा था स्टॉक ख़त्म है,
नहीं अक्ल अब बाकी ।
रोने लगी सभी महिलाएं ,
नींद खुली ब्रह्मा की ।
😴😴😴😴😴😴
पूछा कैसा शोर हो रहा है,
ब्रह्मलोक के द्वारे ?
पता चला कि स्टॉक अक्लका,
पुरुष ले गए सारे ।
👲👳👮👷💂
ब्रह्मा जी ने कहा देवियों ,
बहुत देर कर दी है ।
जितनीभी थी अक्ल वो मैंने,
पुरुषों में भर दी है ।
🚶🚶🚶🚶🚶🚶
लगी चीखने महिलाये ,
ये कैसा न्याय तुम्हारा?
कुछ भी करो हमें तो चाहिए.
आधा भाग हमारा ।
😹😹😹😹😹😹
पुरुषो में शारीरिक बल है,
हम ठहरी अबलाएं ।
अक्ल हमारे लिए जरुरी ,
निज रक्षा कर पाएं ।
💪💪💪💪💪💪
सोचकर दाढ़ी सहलाकर ,
तब बोले ब्रह्मा जी ।
एक वरदान तुम्हे देता हूँ ,
अब हो जाओ राजी ।
😇😇😇😇😇😇
थोड़ी सी भी हँसी तुम्हारी ,
रहे पुरुष पर भारी ।
कितना भी वह अक्लमंद हो,
अक्ल जायेगी मारी ।
😸😸😸😸😸😸
एक औरत ने तर्क दिया,
मुश्किल बहुत होती है।
हंसने से ज्यादा महिलाये,
जीवन भर रोती है ।
😿😿😿😿😿😿
ब्रह्मा बोले यही कार्य तब,
रोना भी कर देगा ।
औरत का रोना भी नर की,
अक्ल हर लेगा ! 😫😩😫😩😫😩
एक अधेड़ बोली बाबा ,
हंसना रोना नहीं आता ।
झगड़े में है सिद्धहस्त हम,
खूब झगड़ना भाता ।
😾👹😾👹😾👹
ब्रह्मा बोले चलो मान ली,
यह भी बात तुम्हारी ।
झगडे के आगे भी नर की,
अक्ल जायेगी मारी ।
😱😱😱😱😱😱
ब्रह्मा बोले सुनो ध्यान से,
अंतिम वचन हमारा ।
तीन शस्त्र अब तुम्हे दिए.
पूरा न्याय हमारा ।
👊👊👊👊👊👊
इन अचूक शस्त्रों में भी,
जो मानव नहीं फंसेगा ।निश्चित समझो,
उसका घर फिर कभी नहीं बसेगा ।
🙌✋🙌✋🙌✋
कहे कवि मित्र ध्यान से,
सुन लो बात हमारी ।
बिना अक्ल के भी होती है,
नर पर नारी भारी।
👌👌👌👌👌👌
अक्ल बाटने लगे विधाता,
लंबी लगी कतारें ।
सभी आदमी खड़े हुए थे,
कहीं नहीं थी नारी ।
👬👬👬👬👬
सभी नारियाँ कहाँ रह गई.
था ये अचरज भारी ।
पता चला ब्यूटी पार्लर में,
पहुँच गई थी सारी।
💆💇💅💆💇💅
मेकअप की थी गहन प्रक्रिया,
एक एक पर भारी ।
बैठी थीं कुछ इंतजार में,
कब आएगी बारी ।
🙇🙇🙇🙇🙇🙇
उधर विधाता ने पुरूषों में,
अक्ल बाँट दी सारी ।
ब्यूटी पार्लर से फुर्सत पाकर,
जब पहुँची सब नारी ।
👭👭👭👭👭
बोर्ड लगा था स्टॉक ख़त्म है,
नहीं अक्ल अब बाकी ।
रोने लगी सभी महिलाएं ,
नींद खुली ब्रह्मा की ।
😴😴😴😴😴😴
पूछा कैसा शोर हो रहा है,
ब्रह्मलोक के द्वारे ?
पता चला कि स्टॉक अक्लका,
पुरुष ले गए सारे ।
👲👳👮👷💂
ब्रह्मा जी ने कहा देवियों ,
बहुत देर कर दी है ।
जितनीभी थी अक्ल वो मैंने,
पुरुषों में भर दी है ।
🚶🚶🚶🚶🚶🚶
लगी चीखने महिलाये ,
ये कैसा न्याय तुम्हारा?
कुछ भी करो हमें तो चाहिए.
आधा भाग हमारा ।
😹😹😹😹😹😹
पुरुषो में शारीरिक बल है,
हम ठहरी अबलाएं ।
अक्ल हमारे लिए जरुरी ,
निज रक्षा कर पाएं ।
💪💪💪💪💪💪
सोचकर दाढ़ी सहलाकर ,
तब बोले ब्रह्मा जी ।
एक वरदान तुम्हे देता हूँ ,
अब हो जाओ राजी ।
😇😇😇😇😇😇
थोड़ी सी भी हँसी तुम्हारी ,
रहे पुरुष पर भारी ।
कितना भी वह अक्लमंद हो,
अक्ल जायेगी मारी ।
😸😸😸😸😸😸
एक औरत ने तर्क दिया,
मुश्किल बहुत होती है।
हंसने से ज्यादा महिलाये,
जीवन भर रोती है ।
😿😿😿😿😿😿
ब्रह्मा बोले यही कार्य तब,
रोना भी कर देगा ।
औरत का रोना भी नर की,
अक्ल हर लेगा ! 😫😩😫😩😫😩
एक अधेड़ बोली बाबा ,
हंसना रोना नहीं आता ।
झगड़े में है सिद्धहस्त हम,
खूब झगड़ना भाता ।
😾👹😾👹😾👹
ब्रह्मा बोले चलो मान ली,
यह भी बात तुम्हारी ।
झगडे के आगे भी नर की,
अक्ल जायेगी मारी ।
😱😱😱😱😱😱
ब्रह्मा बोले सुनो ध्यान से,
अंतिम वचन हमारा ।
तीन शस्त्र अब तुम्हे दिए.
पूरा न्याय हमारा ।
👊👊👊👊👊👊
इन अचूक शस्त्रों में भी,
जो मानव नहीं फंसेगा ।निश्चित समझो,
उसका घर फिर कभी नहीं बसेगा ।
🙌✋🙌✋🙌✋
कहे कवि मित्र ध्यान से,
सुन लो बात हमारी ।
बिना अक्ल के भी होती है,
नर पर नारी भारी।
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