क्रोध सोमवार को आये,*
तो कहना कि सप्ताह की शुरुआत है
आज नहीं करूँगा।
*मंगलवार को आये,*
तो बोलना कि
मंगल में अमंगल क्यों करूँ ?
*बुध को आये,*
तो कहना कि बुध तो शुद्ध है
इसे अशुद्ध क्यों करुँ?
*गुरुवार को आये,*
तो बोलना आज तो गुरु का दिन है,
मन में शान्ति रखना है।
*शुक्रवार को आये,*
तो कहना कि शुक्र को तो
शुक्रिया अदा करना है भगवान का।
*शनिवार को आये,*
तो सोचना कि शनि के दिन घर में
शनिचर क्यों आयें?
*और रविवार को आये,*
तो कहना- आज तो छुट्टी का दिन है।
*खुश💃 रहिये, मुस्कुराते😊रहिये और*
*हाँ, कभी क्रोध न कीजिये|*
आपका दिन👆💥🌅मंगलमय हो🙏💐
तो कहना कि सप्ताह की शुरुआत है
आज नहीं करूँगा।
*मंगलवार को आये,*
तो बोलना कि
मंगल में अमंगल क्यों करूँ ?
*बुध को आये,*
तो कहना कि बुध तो शुद्ध है
इसे अशुद्ध क्यों करुँ?
*गुरुवार को आये,*
तो बोलना आज तो गुरु का दिन है,
मन में शान्ति रखना है।
*शुक्रवार को आये,*
तो कहना कि शुक्र को तो
शुक्रिया अदा करना है भगवान का।
*शनिवार को आये,*
तो सोचना कि शनि के दिन घर में
शनिचर क्यों आयें?
*और रविवार को आये,*
तो कहना- आज तो छुट्टी का दिन है।
*खुश💃 रहिये, मुस्कुराते😊रहिये और*
*हाँ, कभी क्रोध न कीजिये|*
आपका दिन👆💥🌅मंगलमय हो🙏💐
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