Friday, August 24, 2018

Some One Liners to make you Smile...!

> Q: Can February March?
> A: No. But April May!

> Q: Did you hear about the painter who was hospitalized?
> A: Reports say it was due to too many strokes!

> Q: Have you heard the joke about the butter?
> A: I better not tell you, it might spread!

> Q: How do you know that carrots are good for your eyesight?
> A: Have you ever seen a rabbit wearing glasses?

> Q: Music Teacher: What's your favourite musical instrument?
> A: Kid: The lunch bell!

> Q: What did the triangle say to the circle?
> A: You’re pointless!

> Q: What do you call a ghosts mom and dad?
> A: Transparents!

> Q: What do you call a group of men waiting for a haircut?
> A: A Barbercue!

> Q: What do you call a person that chops up cereal.
> A: A cereal killer!

> Q: What do you call a South American girl who is always in a hurry?
> A: Urgent Tina!

> Q: What do you call two fat people having a chat?
> A: A heavy discussion!

> Q: What kind of emotions do noses feel?
> A: Nostalgia!

> Q: What kind of shorts do clouds wear?
> A: Thunderwear!

> Q: What's easy to get into but hard to get out of?
> A: Trouble!

> Q: Where do boats go when they get sick?
> A: The dock!

> Q: Who cleans the bottom of the ocean?
> A: A Mer-Maid!

> Q: Why can't a leopard hide?
> A: Because he's always spotted!

> Q: Why can't your nose be 12 inches long?
> A: Because then it would be a foot!

> Q: Why did the barber win the race?
> A: Because he took a short cut!

> Q: Why did the boy tiptoe past the medicine cabinet?
> A: He didn't want to wake the sleeping pills!

> Q: Why did the tree go to the dentist?
> A: To get a root canal!

> Q: Why don't you see giraffes in elementary school?
> A: Because they're all in High School!

> Q: Why was the math book sad?
> A: Because it had too many problems!

चंद लाइनें बहुत ही खूबसूरत .....

फजूल ही पत्थर रगङ कर
आदमी ने चिंगारी की खोज की,
अब तो आदमी आदमी से जलता है..!

मैने बहुत से ईन्सान देखे हैं,
जिनके बदन पर लिबास नही होता।
और बहुत से लिबास देखे हैं,
जिनके अंदर ईन्सान नही होता।

कोई हालात नहीं समझता ,
कोई जज़्बात नहीं समझता,
ये अपनी अपनी समझ की बात है...,
कोई कोरा कागज़ भी पढ़ लेता है,
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता!!

"चंद फासला जरूर रखिए
हर रिश्ते के दरमियान!
क्योंकि"नहीं भूलती दो चीज़ें
चाहे जितना भुलाओ....!...
..एक "घाव"और दूसरा "लगाव"....

Wednesday, August 22, 2018

एक फकीर बहुत दिनों तक बादशाह के साथ रहा
बादशाह का बहुत प्रेम उस फकीर पर हो गया। प्रेम
भी इतना कि बादशाह रात को भी उसे अपने कमरे में
सुलाता।

कोई भी काम होता, दोनों साथ-साथ ही
करते।

एक दिन दोनों शिकार खेलने गए और रास्ता भटक
गए। भूखे-प्यासे एक पेड़ के नीचे पहुंचे। पेड़ पर एक
ही फल लगा था।

बादशाह ने घोड़े पर चढ़कर फल को
अपने हाथ से तोड़ा। बादशाह ने फल के छह टुकड़े
किए और अपनी आदत के मुताबिक पहला टुकड़ा
फकीर को दिया।

फकीर ने टुकड़ा खाया और बोला,
'बहुत स्वादिष्ट! ऎसा फल कभी नहीं खाया। एक
टुकड़ा और दे दें। दूसरा टुकड़ा भी फकीर को मिल
गया।

 फकीर ने एक टुकड़ा और बादशाह से मांग
लिया। इसी तरह फकीर ने पांच टुकड़े मांग कर खा
लिए।

जब फकीर ने आखिरी टुकड़ा मांगा, तो बादशाह ने
कहा, 'यह सीमा से बाहर है। आखिर मैं भी तो भूखा
हूं।

मेरा तुम पर प्रेम है, पर तुम मुझसे प्रेम नहीं
करते।' और सम्राट ने फल का टुकड़ा मुंह में रख
लिया।

मुंह में रखते ही राजा ने उसे थूक दिया, क्योंकि वह
कड़वा था।
राजा बोला,
'तुम पागल तो नहीं, इतना कड़वा फल कैसे खा गए?

'
उस फकीर का उत्तर था,
'जिन हाथों से बहुत मीठे फल खाने को मिले, एक
कड़वे फल की शिकायत कैसे करूं?

 सब टुकड़े इसलिए
लेता गया ताकि आपको पता न चले।

दोस्तों जँहा मित्रता हो वँहा संदेह न हो, आओ
कुछ ऐसे रिश्ते रचे...

कुछ हमसे सीखें , कुछ हमे
सिखाएं. अपने इस जीवन को कारगर बनायें।

 किस्मत की एक आदत है कि
वो पलटती जरुर है

और जब पलटती है,

 तब सब कुछ पलटकर रख देती है।

*मैसेज अच्छा है पड़ना जरूर*
छोटा सा जीवन है, लगभग 80 वर्ष।

उसमें से आधा =40 वर्ष तो रात को

बीत जाता है। उसका आधा=20 वर्ष

बचपन और बुढ़ापे मे बीत जाता है।

बचा 20 वर्ष। उसमें भी कभी योग,

कभी वियोग, कभी पढ़ाई,कभी परीक्षा,

नौकरी, व्यापार और अनेक चिन्ताएँ

व्यक्ति को घेरे रखती हैँ।अब बचा ही

कितना ? 8/10 वर्ष। उसमें भी हम

शान्ति से नहीं जी सकते ? यदि हम

थोड़ी सी सम्पत्ति के लिए झगड़ा करें,

और फिर भी सारी सम्पत्ति यहीं छोड़ जाएँ,

तो इतना मूल्यवान मनुष्य जीवन

प्राप्त करने का क्या लाभ हुआ?

स्वयं विचार कीजिये :- इतना कुछ होते हुए भी,

1- शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी...

👍मौन होना सब से बेहतर है।

2- दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी...

👍सफेद रंग सब से बेहतर है।

3- खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी...

👍उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है।

4- देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी...

👍बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है।

5- सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी...

👍अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है।

6- जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी...

👍सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर है।

इंसान के अंदर जो समा जायें वो

             " स्वाभिमान "
                    और
जो इंसान के बाहर छलक जायें वो

             " अभिमान "
ये मैसेज पूरा पढ़े, और
   अच्छा लगे तो सबको भेजें 🙏

🔹जब भी बड़ो के साथ बैठो तो   

      परमेश्वर का धन्यवाद करो ,

     क्योंकि कुछ लोग
      इन लम्हों को तरसते हैं ।

🔹जब भी अपने काम पर जाओ
      तो परमेश्वर का धन्यवाद करो

     क्योंकि
     बहुत से लोग बेरोजगार हैं ।

🔹 परमेश्वर का धन्यवाद कहो

     जब तुम तन्दुरुस्त हो ,

     क्योंकि बीमार किसी भी कीमत पर सेहत खरीदने की ख्वाहिश रखते हैं ।

🔹 परमेश्वर का धन्यवाद कहो

      की तुम जिन्दा हो ,
      क्योंकि मरते हुए लोगों से पूछो

      जिंदगी की कीमत क्या है।

*🌹🌹🌾चार कीमती रत्न भेज रहा हूँ,*🌹

*मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप इससे जरूर धनवान होंगे ।🙌🌹*

*🌾1.पहला रत्न है: "माफी"*🙏

*तुम्हारे लिए कोई कुछ भी कहे, तुम उसकी बात को कभी अपने मन में न बिठाना, और ना ही उसके लिए कभी प्रतिकार की भावना मन में रखना, बल्कि उसे माफ़ कर देना।*🙌🌹

*🌾2.दूसरा रत्न है: "भूल जाना"*👏

*अपने द्वारा दूसरों के प्रति किये गए उपकार को भूल जाना, कभी भी उस किए गए उपकार का प्रतिलाभ मिलने की उम्मीद मन में न रखना।*🙌🌹

*🌾3.तीसरा रत्न है: "विश्वास"*🙌

*हमेशा अपनी मेहनत और उस परमपिता परमात्मा पर अटूट विश्वास रखना । यही सफलता का सूत्र है ।*🙌🌹

*🌾4.चौथा रत्न है: "वैराग्य"*😭

*हमेशा यह याद रखना कि जब हमारा जन्म हुआ है तो निश्चित ही हमें एक दिन मरना भी है। इसलिए बिना लिप्त हुए जीवन का आनंद लेना । वर्तमान में जीना। यही जीवन का असल सच है |*

*❤🙏

Tuesday, August 21, 2018

📞 हैलो माँ !!

मैं रवि बोल रहा हूँ !!

कैसी हो 👵माँ....??

मैं.... मैं…. ठीक हूँ बेटे ये बताओ तुम और 👸बहू दोनों कैसे हो.....??

हम दोनों ठीक है !!

माँ आपकी बहुत याद आती है !! अच्छा सुनो माँ मैं अगले महीने इंडिया आ रहा हूँ तुम्हें लेने !!

क्या...??  हाँ माँ अब हम सब साथ ही रहेंगे....!!

नीतू कह रही थी 👵माज़ी को ✈ अमेरिका ले आओ वहाँ अकेली बहुत परेशान हो रही होंगी.!!

हैलो सुनरही हो 👵माँ....??

हाँ हाँ 👮बेटे "बूढ़ी आंखो से खुशी की अश्रुधारा बह निकली" बेटे और बहू का प्यार नस नस में दौड़ने लगा !!

जीवन के सत्तर साल गुजार चुकी सावित्री ने जल्दी से अपने पल्लू से आँसू पोंछे और बेटे से बात करने लगी !!

पूरे दो साल बाद बेटा घर आ रहा था !!

बूढ़ी सावित्री ने मोहल्ले भरमे दौड़ दौड़ कर ये खबर सबको सुना दी !!

सभी खुश थे की चलो बुढ़ापा चैनसे बेटे और बहू के साथ गुजर जाएगा !!

रवि अकेला आया था उसने कहा की माँ हमे जल्दी ही वापिस जाना है इसलिए जो भी 💴💰💵💷 रुपया पैसा किसी से लेना है वो लेकर रखलों और तब तक मे किसी प्रोपेर्टी डीलर से मकान की बात करता हूँ !!

मकान...?? माँ ने पूछा !!

हाँ माँ अब ये मकान बेचना पड़ेगा वरना कौन इसकी देखभाल करेगा !!

हम सबतो अब अमेरिका मे ही रहेंगे बूढ़ी आंखो ने मकान के कोने कोने को ऐसे निहारा जैसे किसी अबोध बच्चे को सहला रही हो !!

आनन फानन और औने-पौने दाम मे रवि ने 💒मकान बेच दिया !!

सावित्री देवी ने वो जरूरी सामान समेटा जिस से उनको बहुत ज्यादा लगाव था !!

👮रवि 🚕टैक्सी मँगवा चुका था !!

एयरपोर्ट पहुँचकर रवि ने कहा,👵”माँ तुम यहाँ बैठो मे अंदर जाकर सामान की जांच और बोर्डिंग और विजा का काम निपटा लेता हूँ" !!

ठीक है बेटे, "सावित्री देवी वही पास की बेंच पर बैठ गई" !!

काफी समय बीत चुका था !!

बाहर बैठी👵 सावित्री देवी बार बार उस दरवाजे की तरफ देख रही थी जिसमे रवि गया था लेकिन अभी तक बाहर नहीं आया !!

शायद अंदर बहुत भीड़ होगी सोचकर👵 बूढ़ी आंखे फिर से टकट की लगाए देखने लगती !!

अंधेरा हो चुका था !!

एयरपोर्ट के बाहरगहमागहमी कम हो चुकी थी।

माजी किस से मिलना है ??

एक💂 कर्मचारी नेवृद्धा से
पूछा....??

"मेरा बेटा अंदर गया था 📧 टिकिट लेने वो मुझे  ✈ अमेरिका लेकर जा रहा है",सावित्री देबी ने घबराकर कहा !!

लेकिन अंदर तो कोई पैसेंजर नहीं है अमेरिका जाने वाली ✈ फ्लाइट तो ☀ दोपहर मे ही चली गई !!

क्या नाम था आपके बेटे का....??

कर्मचारी ने सवाल किया.....??

र......रवि सावित्री के चेहरे पे चिंता की लकीरें उभर आई !!

कर्मचारी अंदर गया और कुछ देर बाद बाहर आकर बोला माजी आपका बेटा 👮रवि तो अमेरिका जाने वाली ✈  फ्लाइट से कब का जा चुका !!

“क्या ??

👵वृद्धा कि आखो से💦 आँसुओं का सैलाब फुट पड़ा !!

बूढ़ी👵 माँ का रोम रोम कांप उठा !!

किसी तरह वापिस 💒घर पहुंची जो अब बिक चुका था !!

रात में 💒घर के बाहर चबूतरे पर ही ⛺ सो गई !!🌄

सुबह हुई तो👳दयालु मकान मालिक ने एक कमरा रहने को दे दिया !!

पति की 💴 पेंशन से 💒घर का किराया और खाने का काम चलने लगा !!

समय गुजरने लगा एक दिन मकान मालिक ने वृद्धा से पूछा ??

माजी क्यों नही आप अपने किसी रिश्तेदार के यहाँ चली जाए अब आपकी उम्र भी बहुत हो गई अकेली कब तक रह पाएँगी !!

हाँ चली तो जाऊँ लेकिन कल को मेरा👮 बेटा आया तो..??

यहाँ फिर कौन उसका ख्याल रखेगा ....??

आखँ से आसू आने लग गए दोस्तों ....!!

माँ बाप का दिल कभी मत दुखाना 👬

'माँ' तो 'माँ' होती है...!!
••••••••••••••••••••••

......🙏🙏
〰〰〰〰〰〰〰〰✍

😑 जिंदगी के सफ़र में चलते चलते हर मुकाम पर यही सवाल परेशान करता रहा....

*कुछ रह तो नहीं गया?*

😑 3 महीने के बच्चे को दाई के पास रखकर जॉब पर जानेवाली माँ को दाई ने पूछा... कुछ रह तो नहीं गया?
पर्स, चाबी सब ले लिया ना?
अब वो कैसे हाँ कहे?
पैसे के पीछे भागते भागते... सब कुछ पाने की ख्वाईश में वो जिसके लिये सब कुछ कर रही है ,
*वह ही रह गया है.....*

😑 शादी में दुल्हन को बिदा करते ही
शादी का हॉल खाली करते हुए दुल्हन की बुआ ने पूछा..."भैया, कुछ रह तो नहीं गया ना?
चेक करो ठीकसे ।
.. बाप चेक करने गया तो दुल्हन के रूम में कुछ फूल सूखे पड़े थे ।
 सब कुछ तो पीछे रह गया...
 25 साल जो नाम लेकर जिसको आवाज देता था लाड से...
 वो नाम पीछे रह गया और उस नाम के आगे गर्व से जो नाम लगाता था
 वो नाम भी पीछे रह गया अब ...

"भैया, देखा?
 कुछ पीछे तो नहीं रह गया?"
 बुआ के इस सवाल पर आँखों में आये आंसू छुपाते बाप जुबाँ से तो नहीं बोला....
पर दिल में एक ही आवाज थी...

*सब कुछ तो यही रह गया...*

😑 बडी तमन्नाओ के साथ बेटे को पढ़ाई के लिए विदेश भेजा था और वह पढ़कर वही सैटल हो गया ,
पौत्र जन्म पर बमुश्किल 3 माह का वीजा मिला था और चलते वक्त बेटे ने प्रश्न किया सब कुछ चैक कर लिया कुछ रह तो नही गया ?
क्या जबाब देते कि
*अब छूटने को बचा ही क्या है ....**

😑 60 वर्ष पूर्ण कर सेवानिवृत्ति की शाम पी ए ने याद दिलाया चेक कर ले सर कुछ रह तो नही गया ;
थोडा रूका और सोचा पूरी जिन्दगी तो यही आने- जाने मे बीत गई ; *अब और क्या रह गया होगा ।*

😑 "कुछ रह तो नहीं गया?
" शमशान से लौटते वक्त किसी ने पूछा । नहीं कहते हुए वो आगे बढ़ा...
पर नजर फेर ली,
एक बार पीछे देखने के लिए....पिता की चिता की सुलगती आग देखकर मन भर आया ।
 भागते हुए गया ,पिता के चेहरे की झलक तलाशने की असफल कोशिश की और वापिस लौट आया ।।

दोस्त ने पूछा... कुछ रह गया था क्या?

भरी आँखों से बोला...
*नहीं कुछ भी नहीं रहा अब...और जो कुछ भी रह गया है वह सदा मेरे साथ रहेगा* ।।

😑 एक बार समय निकालकर सोचे , शायद पुराना समय याद आ जाए, आंखें भर आएं और आज को जी भर जीने का मकसद मिल जाए।
........में अपने सभी दोस्तों से ये ही बोलना चाहता हूँ.......
यारों क्या पता
कब इस जीवन की शाम हो जाये.......
 इससे पहले ऐसा हो सब को गले लगा लो दो प्यार भरी बातें करलो.....

*ताकि कुछ छूट न जाये।।।।।*

😊😊
चुटकुले  का  बाप 😁😁😁

वैक्यूम क्लीनर बेचने वाले सेल्समैन ने दरवाजा खटखटाया🚪
एक महिला ने दरवाजा खोला पर इससे पहले कि मुहँ खोलती...

सेल्समैन तेजी से घर में घुसा और *गोबर* का थैला घर के कारपेट पर खाली कर दिया।

सेल्समैन-"मैडम,

हमारी कम्पनी ने सबसे शानदार वैक्यूम क्लीनर बनाया है।

अगर मैं अपने शक्तिशाली वैक्यूम क्लीनर से अगले 3 मिनट में इस गोबर को साफ नहीं कर पाया तो मैं इसे खुद *खा* जाऊँगा।"

महिला-" क्या तुम इसके साथ चिली साँस लेना पसन्द करोगे?"

सेल्समैन-"क्यूँ मैडम ??"

महिला-"क्योंकि घर में *बिजली* नहीं है!!"
😂😂😃😂😂😂😂

Saturday, August 18, 2018

👌_एक बार ज़रूर पढ़े_👌

    💐 ये छोटी सी कहानी 💐

*एक किसान की मन की बात*:-

😞😞😞😞😞😞😞😞😞
           
           कहते हैं..

इन्सान सपना देखता है
तो वो ज़रूर पूरा होता है.
मगर
किसान के सपने
कभी पूरे नहीं होते।

बड़े अरमान और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है, और जब तैयार हुई फसल को बेचने मंडी जाता है।

बड़ा खुश होते हुए जाता है...

बच्चों से कहता है...
आज तुम्हारे लिये नये कपड़े लाऊंगा फल और मिठाई भी लाऊंगा।।

पत्नी से कहता है..
तुम्हारी साड़ी भी कितनी पुरानी हो गई है फटने भी लगी है आज एक साड़ी नई लेता आऊंगा।।
😞😞😞😞😞
पत्नी:–”अरे नही जी..!”
“ये तो अभी ठीक है..!”
“आप तो अपने लिये
जूते ही लेते आना कितने पुराने हो गये हैं और फट भी तो गये हैं..!”

जब
किसान मंडी पहुँचता है।

ये उसकी मजबूरी है..
वो अपने माल की कीमत खुद नहीं लगा पाता।

व्यापारी
उसके माल की कीमत
अपने हिसाब से तय करते हैं...

एक
साबुन की टिकिया पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.।

एक
माचिस की डिब्बी पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.।

लेकिन किसान
अपने माल की कीमत खु़द नहीं कर पाता .।

खैर..
माल बिक जाता है,
लेकिन कीमत
उसकी सोच अनुरूप नहीं मिल पाती.।

माल तौलाई के बाद
जब पेमेन्ट मिलता है..

वो सोचता है..
इसमें से दवाई वाले को देना है, खाद वाले को देना है, मज़दूर को देना है ,

अरे हाँ,
बिजली का बिल
भी तो जमा करना है.

सारा हिसाब
लगाने के बाद कुछ बचता ही नहीं.।।

वो मायूस हो
घर लौट आता है।।

बच्चे उसे बाहर ही इन्तज़ार करते हुए मिल जाते हैं...

“पिताजी..! पिताजी..!” कहते हुये उससे लिपट जाते हैं और पूछते हैं:-
“हमारे नये कपडे़ नहीं ला़ये..?”

पिता:–”वो क्या है बेटा..,
कि बाजार में अच्छे कपडे़ मिले ही नहीं,
दुकानदार कह रहा था,
इस बार दिवाली पर अच्छे कपडे़ आयेंगे तब ले लेंगे..!”

पत्नी समझ जाती है, फसल
कम भाव में बिकी है,
वो बच्चों को समझा कर बाहर भेज देती है.।

पति:–”अरे हाँ..!”
“तुम्हारी साड़ी भी नहीं ला पाया..!”

पत्नी:–”कोई बात नहीं जी, हम बाद में ले लेंगे लेकिन आप अपने जूते तो ले आते..!”

पति:– “अरे वो तो मैं भूल ही गया..!”

पत्नी भी पति के साथ सालों से है पति का मायूस चेहरा और बात करने के तरीके से ही उसकी परेशानी समझ जाती है
लेकिन फिर भी पति को दिलासा देती है .।

और अपनी नम आँखों को साड़ी के पल्लू से छिपाती रसोई की ओर चली जाती है.।

फिर अगले दिन..
सुबह पूरा परिवार एक नयी उम्मीद ,
एक नई आशा एक नये सपने के साथ नई फसल की तैयारी के लिये जुट जाता है.।
….

ये कहानी...
हर छोटे और मध्यम किसान की ज़िन्दगी में हर साल दोहराई जाती है।।
…..

हम ये नहीं कहते
कि हर बार फसल के
सही दाम नहीं मिलते,

लेकिन...
जब भी कभी दाम बढ़ें, मीडिया वाले कैमरा ले के मंडी पहुच जाते हैं और खबर को दिन में दस दस बार दिखाते हैं.।।

कैमरे के सामने शहरी महिलायें हाथ में बास्केट ले कर अपना मेकअप ठीक करती मुस्कराती हुई कहती हैं...
सब्जी के दाम बहुत बढ़ गये हैं हमारी रसोई का बजट ही बिगड़ गया.।।
………

कभी अपने बास्केट को कोने में रख कर किसी खेत में जा कर किसान की हालत तो देखिये.।

वो किस तरह
फसल को पानी देता है.।।

25 लीटर दवाई से भरी हुई टंकी पीठ पर लाद कर छिङ़काव करता है||

20 किलो खाद की
तगाड़ी उठा कर खेतों में घूम-घूम कर फसल को खाद देता है.||

अघोषित बिजली कटौती के चलते रात-रात भर बिजली चालू होने के इन्तज़ार में जागता है.||

चिलचिलाती धूप में
सिर का पसीना पैर तक बहाता है.|

ज़हरीले जन्तुओं
का डर होते भी
खेतों में नंगे पैर घूमता है.||
……

जिस दिन
ये वास्तविकता
आप अपनी आँखों से
देख लेंगे, उस दिन आपके
किचन में रखी हुई सब्ज़ी, प्याज़, गेहूँ, चावल, दाल, फल, मसाले, दूध
सब सस्ते लगने लगेंगे.||
तभी तो आप भी एक मज़दूर और किसान का दर्द समझ  सकेंगे।।

   
       😌😌😌😌😌😌
दही का इन्तजाम

गुप्ता जी जब लगभग पैंतालीस वर्ष के थे तब उनकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया था। लोगों ने दूसरी शादी की सलाह दी परन्तु गुप्ता जी ने यह कहकर मना कर दिया कि पुत्र के रूप में पत्नी की दी हुई भेंट मेरे पास हैं, इसी के साथ पूरी जिन्दगी अच्छे से कट जाएगी।

पुत्र जब वयस्क हुआ तो गुप्ता जी ने पूरा कारोबार पुत्र के हवाले कर दिया। स्वयं कभी मंदिर और आॅफिस में बैठकर समय व्यतीत करने लगे।

पुत्र की शादी के बाद गुप्ता जी और अधिक निश्चित हो गये। पूरा घर बहू को सुपुर्द कर दिया।

पुत्र की शादी के लगभग एक वर्ष बाद दुपहरी में गुप्ता जी खाना खा रहे थे, पुत्र भी ऑफिस से आ गया था और हाथ–मुँह धोकर खाना खाने की तैयारी कर रहा था।

उसने सुना कि पिता जी ने बहू से खाने के साथ दही माँगा और बहू ने जवाब दिया कि आज घर में दही उपलब्ध नहीं है। खाना खाकर पिताजी ऑफिस चले गये।

पुत्र अपनी पत्नी के साथ खाना खाने बैठा। खाने में प्याला भरा हुआ दही भी था। पुत्र ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और खाना खाकर स्वयं भी ऑफिस चला गया।


लगभग दस दिन बाद पुत्र ने गुप्ता जी से कहा- ‘‘ पापा आज आपको कोर्ट चलना है,आज आपका विवाह होने जा रहा है।’’

पिता ने आश्चर्य से पुत्र की तरफ देखा और कहा-‘‘बेटा मुझे पत्नी की आवश्यकता नही है और मैं तुझे इतना स्नेह देता हूँ कि शायद तुझे भी माँ की जरूरत नहीं है, फिर दूसरा विवाह क्यों?’’


पुत्र ने कहा ‘‘ पिता जी, न तो मै अपने लिए माँ ला रहा हूँ न आपके लिए पत्नी,
मैं तो केवल आपके लिये दही का इन्तजाम कर रहा हूँ।

कल से मै किराए के मकान मे आपकी बहू के साथ रहूँगा तथा ऑफिस मे एक कर्मचारी की तरह वेतन लूँगा ताकि आपकी बहू को दही की कीमत का पता चले।’’