*किसी बात को सिर्फ इसलिए मत मानो कि ऐसा सदियों से होता आया है, परंपरा है, या सुनने मे आयी है |
*इसलिए मत मानो कि वह किसी धर्म शास्त्र, ग्रंथ मे लिखा हुआ है या ज्यादातर लोग मानते है |
*किसी धर्मगुरु, आचार्य, साधु संत, ज्योतिषी की बात को आंख मूंदकर मत मान लेना |
*किसी बात को सिर्फ इसलिए मत मान लेना कि वह तुमसे कोई बड़ा या आदरणीय व्यक्ती कह रहा है |
*बल्कि हर बात को पहले बुद्धी, तर्क, विवेक, चिंतन व अनुभूति की कसौटी पर तोलना, कसना, परखना और यदि
*वह बात स्वयं के लिए,
*समाज व सम्पूर्ण मानव जगत के कल्याण के हित लगे, तो ही मानना |
"अपने दीपक स्वयं बनो"
🌹गौतम बुद्ध🌹
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