Tuesday, June 9, 2015

कुछ चंद पंक्तिया आज मेरे बारे में।।।
किसी को तकलीफ देना मेरी आदत नही,
बिन बुलाया मेहमान बनना मेरी आदत नही...!
मैं अपने गम में रहता हूँ नबाबों की तरह,
परायी खुशियो के पास जाना मेरी आदत
नही...!
सबको हँसता ही देखना चाहता हूँ मै,
किसी को धोखे से भी रुलाना मेरी आदत
नही...!
बांटना चाहता हूँ तो बस प्यार और मोहब्बत,
यूँ नफरत फैलाना मेरी आदत नही...!
जिंदगी मिट जाये किसी की खातिर गम
नही,
कोई बद्दुआ दे मरने की यूँ जीना मेरी आदत
नही...!
सबसे दोस्त की हैसियत से बोल लेता हूँ,
किसी का दिल दुखा दूँ मेरी आदत नही...!
दोस्ती होती है दिलों से चाहने पर,
जबरदस्ती दोस्ती करना मेरी आदत नही..!
नाम छोटा है मगर दिल
बडा रखता हु | |😀
पैसो से उतना अमीर नही हु | |
मगर अपने यारो के गम खरिद ने
की हैसयत रखता हु | | |
मुझे ना हुकुम का ईक्का बनना है
ना रानी का बादशाह । हम जोकर
ही अच्छे हे। जिस के नसीब में आऐंगे
बाज़ी पलट देंगे।......


35 Ways to Respect your children views and ways to know them in a better way. Must read

1. Put away your phone in their
     presence.

2. Pay attention to what they
    are saying.

3. Accept their opinions.

4. Engage in their    
     conversations.

5. Look at them with respect.

6. Always praise them.

7. Share good news with them.

8. Avoid sharing bad news with
    them.

9. Speak well of their friends
    and loved ones to them.

10. Keep in remembrance the
      good things they did.

11. If they repeat a story, listen
      like it's the first time they
      tell it.

12. Don't bring up painful
       memories from the past.

13. Avoid side conversations in
      their presence.

14. Sit respectfully around
       them.

15. Don't belittle/criticize their
      opinions and thoughts.

16. Avoid cutting them off when they speak.

17. Respect their age.

19. Accept their advice and
      direction.

20. Give them the power of
      leadership when they are
      present.

21. Avoid raising your voice at
      them.

22. Avoid walking in front or
      ahead of them.

23. Avoid eating before them.

24. Avoid glaring at them.

25. Fill them with ur
      appreciation even when
      they don't think they
       deserve it.

26. Avoid putting your feet up in front of them or sitting with your back to them.

27. Don't speak ill of them to
      the point where others
      speak ill of them too.

28. Keep them in prayers
      always possible.

29. Avoid seeming bored or
      tired of them in their
      presence.

30. Avoid laughing at their
      faults/mistakes.

31. Do a task before they ask
      you to.

33. Choose your words carefully when speaking with them.

34. Call them by names they
       like.

35. Make them your priority
      above anything.

Children's are parents treasure and their most precious gift on this land. They must have seen the world lesser than you but they see it in a different way which you need to appreciate. Listen to them and try giving them as much time as you can. These moments are more precious than anything in this world👍


किसी शायरने मौत को क्या खुब कहा है;
.
. .. जिंदगी मे २ मिनट कोई मेरे पास ना बैठा.. , आज सब मेरे पास बैठे जा रहे थे.. .
.
. .. कोई तौफा ना मिला आज तक.. , और आज फुल-हि-फुल दिये जा रहे थे.. .
.
. .. तरस गये थे हम किसी एक हाथ के लिये.. , और आज कंधे पे कंधे दिये जा रहे थे.. .
.
. .. दो कदम साथ चलने को तैयार न था कोई.. , और आज काफिला बन साथ चले जा रहे थे.. .
.
. .. आज पता चला मुझे कि "मौत" कितनी हसिन होती है.. . कम्बख्त. . . हम तो युहि 'जिंदगी' जिये जा रहे थे.. . ..
मुहावरो के आधुनिक अर्थ...

1. खुद की जान खतरे में डालना = शादी करना
2. आ बैल मुझे मार = पत्नी से पंगा लेना
3. दीवार से सर फोड़ना = पत्नी को कुछ समझाना
4. चार दिन की चांदनी वही अँधेरी रात = पत्नी का मायके से वापस आना
5. आत्म हत्या के लिए प्रेरित करना = शादी की राय देना
6. दुश्मनी निभाना = दोस्तों की शादी करवाना
7. खुद का स्वार्थ देखना = शादी ना करना
8. पाप की सजा मिलना = शादी हो जाना
9. लव मैरिज करना = खुद से युद्ध करने को योद्धा ढूंढना
10. जिंदगी के मज़े लेना = कुँवारा रहना
11. ओखली में सिर देना = शादी के लिए हाँ करना
12. दो पाटों में पिसना = दूसरी शादी करना
13. खुद को लुटते हुऐ देखना = पत्नी को पर्स से पैसे निकालते हुए देखना
14. शादी के फ़ोटो देखना = गलती पर पश्चाताप करना
15. शादी के लिए हाँ करना = स्वेच्छा से जेल जाना
16. शादी = बिना अपराध की सजा
17. बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना = दुसरो के दुःख से खुश होना
18. साली आधी घर वाली = वो स्कीम जो दूल्हे को बताई जाती है लेकिन दी नहीं जाती...😌😌


 चंद कुछ लब्ज़....
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बहुत देखा जीवन में
समझदार बन कर

पर ख़ुशी हमेशा
पागलपन से ही मिली है ।।

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इसे इत्तेफाक समझो

या दर्द भरी हकीकत,

आँख जब भी नम हुई,

वजह कोई अपना ही था

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"हमने अपने नसीब से ज्यादा

अपने दोस्तो पर भरोसा रखा है."

क्यूँ की नसीब तो बहुत बार

बदला है".

लेकिन मेरे दोस्त अभी भी वही है".

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उम्रकैद की तरह होते हैं कुछ रिश्ते,
जहाँ जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नहीं...

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दर्द को दर्द से न देखो,

दर्द को भी दर्द होता है,

दर्द को ज़रूरत है दोस्त की,

आखिर दोस्त ही दर्द में हमदर्द होता है...

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ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो,

दर्द की शिद्दत...!

"दर्द तो दर्द" होता हैं,

थोड़ा क्या, ज्यादा क्या...!!

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"दिन बीत जाते हैं सुहानी यादें बनकर,

बातें रह जाती हैं कहानी बनकर,

पर दोस्त तो हमेशा दिल के करीब रहेंगे,

कभी मुस्कान तो कभी आखों का पानी बन कर.

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वक़्त बहुत कुछ, छीन लेता है ...

खैर मेरी तो सिर्फ़ मुस्कुराहट थी ....!!

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क्या खूब लिखा है :

"कमा के इतनी दौलत भी मैं
अपनी "माँ" को दे ना पाया,.:::::

के जितने सिक्कों से "माँ"
मेरी नज़र उतारा करती थी..."

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गलती कबूल करने और

गुनाह छोड़ने में कभी देर ना करें......!

क्योकिं

सफर जितना लम्बा होगा

वापसी उतनी मुश्किल हो जायेगी...!!

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इंसान बिकता है ...

कितना महँगा या सस्ता ये

उसकी मजबूरी तय करती है...!

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"शब्द दिल से निकलते है

दिमाग से तो मतलब निकलते है."..

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सब कुछ हासिल नहीं होता
ज़िन्दगी में यहाँ....

.

किसी का "काश" तो
किसी का "अगर" छूट ही जाता है...!!!!

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दो अक्षर की "मौत" और
तीन अक्षर के "जीवन" में ....

ढाई अक्षर का "दोस्त"
बाज़ी मार जाता हैं

स्वर्ग में विचरण करते हुए
अचानक एक दुसरे के सामने आ गए

विचलित से कृष्ण-
प्रसन्नचित सी राधा...

कृष्ण सकपकाए,
राधा मुस्काई

इससे पहले कृष्ण कुछ कहते
राधा बोल💬 उठी-

"कैसे हो द्वारकाधीश ??"

जो राधा उन्हें कान्हा कान्हा कह के बुलाती थी
उसके मुख से द्वारकाधीश का संबोधन कृष्ण को भीतर तक घायल कर गया

फिर भी किसी तरह अपने आप को संभाल लिया

और बोले राधा से ...

"मै तो तुम्हारे लिए आज भी कान्हा हूँ
तुम तो द्वारकाधीश मत कहो!

आओ बैठते है ....
कुछ मै अपनी कहता हूँ
कुछ तुम अपनी कहो

सच कहूँ राधा
जब जब भी तुम्हारी याद आती थी
इन आँखों से आँसुओं की बुँदे निकल आती थी..."

बोली राधा -
"मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ
ना तुम्हारी याद आई ना कोई आंसू बहा
क्यूंकि हम तुम्हे कभी भूले ही कहाँ थे जो तुम याद आते

इन आँखों में सदा तुम रहते थे
कहीं आँसुओं के साथ निकल ना जाओ
इसलिए रोते भी नहीं थे

प्रेम के अलग होने पर तुमने क्या खोया
इसका इक आइना दिखाऊं आपको ?

कुछ कडवे सच , प्रश्न सुन पाओ तो सुनाऊ?

कभी सोचा इस तरक्की में तुम कितने पिछड़ गए
यमुना के मीठे पानी से जिंदगी शुरू की और समुन्द्र के खारे पानी तक पहुच गए ?

एक ऊँगली पर चलने वाले सुदर्शन चक्रपर भरोसा कर लिया
और
दसों उँगलियों पर चलने वाळी
बांसुरी को भूल गए ?

कान्हा जब तुम प्रेम से जुड़े थे तो ....
जो ऊँगली गोवर्धन पर्वत उठाकर लोगों को विनाश से बचाती थी
प्रेम से अलग होने पर वही ऊँगली
क्या क्या रंग दिखाने लगी ?
सुदर्शन चक्र उठाकर विनाश के काम आने लगी

कान्हा और द्वारकाधीश में
क्या फर्क होता है बताऊँ ?

कान्हा होते तो तुम सुदामा के घर जाते
सुदामा तुम्हारे घर नहीं आता

युद्ध में और प्रेम में यही तो फर्क होता है
युद्ध में आप मिटाकर जीतते हैं
और प्रेम में आप मिटकर जीतते हैं

कान्हा प्रेम में डूबा हुआ आदमी
दुखी तो रह सकता है
पर किसी को दुःख नहीं देता

आप तो कई कलाओं के स्वामी हो
स्वप्न दूर द्रष्टा हो
गीता जैसे ग्रन्थ के दाता हो

पर आपने क्या निर्णय किया
अपनी पूरी सेना कौरवों को सौंप दी?
और अपने आपको पांडवों के साथ कर लिया ?

सेना तो आपकी प्रजा थी
राजा तो पालाक होता है
उसका रक्षक होता है

आप जैसा महा ज्ञानी
उस रथ को चला रहा था जिस पर बैठा अर्जुन
आपकी प्रजा को ही मार रहा था
आपनी प्रजा को मरते देख
आपमें करूणा नहीं जगी ?

क्यूंकि आप प्रेम से शून्य हो चुके थे

आज भी धरती पर जाकर देखो

अपनी द्वारकाधीश वाळी छवि को
ढूंढते रह जाओगे
हर घर हर मंदिर में
मेरे साथ ही खड़े नजर आओगे

आज भी मै मानती हूँ

लोग गीता के ज्ञान की बात करते हैं
उनके महत्व की बात करते है

मगर धरती के लोग
युद्ध वाले द्वारकाधीश पर नहीं, i.
प्रेम वाले कान्हा पर भरोसा करते हैं

गीता में मेरा दूर दूर तक नाम भी नहीं है,
पर आज भी लोग उसके समापन पर " राधे राधे" करते है".


Sunday, June 7, 2015

डिसपोसिबल गिलास

गिलास में चाय डालने से पहले गिलास में रगड़कर उगंली घुमाये आम पायेंगे की आपकी उगंली हल्की सी चिकनी हो गई है यह क्या है- गिलास आपस में चिपके नहीं इसलिये मशीन द्वारा इनमें हल्की सी मोम की परत लगा दी जाती है- जब हम इसमें गर्मागर्म चाय डालते है तो यह जहरीला मोम पिघल कर चाय में मिलकर हमारे अन्दर चला जाता है- चाय गर्म होने के कारण इसके स्वाद का हमें पता नहीं लगता- अगर आप सिद्ध करना चाहते है कि ऐसा है या नहीं बड़ा आसान हैं- गर्म चाय डिस्पोजल गिलास में डाले और उस चाय को पानी तरह ठण्डा होने दे फिर ठण्डी चाय की घुट भरे- यकीन मानिये सार दिन आपके मूहं का स्वाद कोई ठीक नहीं कर सकता- कहते है यह कैमीकल्स पी कर हम कैन्सर को न्यौता दे रहे है-

अगर आपकी उम्र ज्यादा हो चुकी है भले ही आप इस जहर को पीना न छोडे लेकिन कृप्या-अपने बच्चों को यह जहर पीने से रोके क्योंकि- समाज को उनसे बड़ी उम्मीद है

Dedicated to all corporate guys :

Ek boss apne employee se bola - ek din aisa aayega
ki khane ko kuch nahi hoga, pine ko pani nahi hoga, sara petrol khatm ho jayega, log ek dusre ke dushman ban jayenge, dunia me hahakar mach jayega...

One Employee - "Sir, usdin bhi office aana he kya???"

😂😂😂😂😂😂


‬: Ek Arse se Yeh Ankhe SOi nhihasi nhiRoi nhiMili nhiKhoi NahiEk baat Thi Dil me Jo aap se kabhiKahi NahiKi aap JaisaKoi Nahi




Pyar Kar Ke Jatae Ye Zaruri To Nhi
Yaad Karke Koi Batae Ye Zaruri To Nhi
Rone Wala To Dil Me Hi Rota Hai, Aankh Me
Aansu Aye Ye Zaruri To Nhi.




 Kya Sitam Dhaya Hai.
Kismt Ka Hmpe Bura Saaya Hai. . . . . .
Ku6 Nahi H Pass Hmare Rone K Siva. . .
Hr Taraf Khushali . . . . . . . . .Aur Hm Pe Hi
Udasi Ki 6aya H. . . !





 Kaise Kahu Ki Apna Bana Lo MujheBahon Me Apni Sama Lo MujheAaj Himmat Kar Ke Kahta Hu KiMai Tumhara Hu Ab Tum Hi Samhalo Mujhe..




: Har nazar ko ek nazar ki talash hai,Har chehre mein kuchh to ehsah hai,Aapse dosti hum yun hi nahi kar baithe,Kya karen hamari pasand hi kuchh KHAAS hai.




‬: Muskurana to har ladki ki adaa hai
Muskurana to har ladki ki adaa hai,
Use jo mohabbat samjhe,
Woh sabse bada gadha hai


⚠Very Nice Lines⚠

"क्या फर्क पड़ता है,
हमारे पास कितने लाख,
कितने करोड़,
कितने घर,
कितनी गाड़ियां हैं,

खाना तो बस दो ही रोटी है।
जीना तो बस एक ही ज़िन्दगी है।

फर्क इस बात से पड़ता है,
कितने पल हमने ख़ुशी से बिताये,
कितने लोग हमारी वजह से खुशी से जीए ..
क्या खुब लिखा है किसी ने ...

"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... !
जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !!

वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... !
जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"

न मेरा 'एक' होगा, न तेरा 'लाख' होगा, ... !
न 'तारिफ' तेरी होगी, न 'मजाक' मेरा होगा ... !!

गुरुर न कर "शाह-ए-शरीर" का, ... !
मेरा भी 'खाक' होगा, तेरा भी 'खाक' होगा ... !!

जिन्दगी भर 'ब्रांडेड-ब्रांडेड'b करने
वालों ... !
याद रखना 'कफ़न' का कोई ब्रांड नहीं होता ... !!

कोई रो कर 'दिल बहलाता' है ... !
और कोई हँस कर 'दर्द' छुपाता है ... !!

क्या करामात है 'कुदरत' की, ... !
'ज़िंदा इंसान' पानी में डूब जाता है और 'मुर्दा' तैर के
दिखाता है ... !!

'मौत' को देखा तो नहीं, पर शायद 'वो' बहुत
"खूबसूरत" होगी, ... !
"कम्बख़त" जो भी 'उस' से मिलता है,
"जीना छोड़ देता है" ... !!

'ग़ज़ब' की 'एकता' देखी "लोगों की ज़माने
में" ... !
'ज़िन्दों' को "गिराने में" और 'मुर्दों' को "उठाने
में" ... !!

'ज़िन्दगी' में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री"
होगी, ... !
ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी ।

मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से ना जाने कौनसी "मुलाक़ात" "आख़री होगी" ... !!


Once there was a man who did not make it to university. So, his mother got him a wife. After the marriage, he worked as a teacher in a primary school. Due to the lack of experience, he was squashed by the students in less than a week.

When he returned home, his wife dried his tears. She comforted him with these words. 'When one is too full, he could either pour it out what's in him or he just could not pour it out at all. You should not be too sad about it. Probably there is a more suitable job waiting for you out there.'

Later on, he found another job and not for so long, he was fired due to his slowness. This time, the wife commented. 'There are always people who are skilful and non skilful. Some have experience from their years of work. As for you, you were in school all this while. So, how could you acquire these needed skills?'

He went for a number of jobs but never stayed long in those jobs. Each time, he would return home with a dejected spirit. His wife would always comfort him and never for once, she was disappointed or resentful.

He was in his thirties when he aquired a flair in languages. He became a counselor in a school for the deaf and mute. Later on, he opened a school for the disabled. A few years later, he set up chain stores in different cities and provinces selling apparatus & equipment for the disabled. He became a multi-millionaire.

One day he asked his wife. 'When I was looking bleak at my own future, what's the reason that you have so much faith in me?'

His wife gave him a very simple reply. She said, 'When a piece of land is not suitable for planting wheat, we could try planting beans. If the beans are not growing well, we could try planting fruits or gourds. If the vegetation is not economical, we can instead scatter buckwheat seeds. These seeds will one day bloom into flowers. On this land itself, there will be one seed that will germinate and grow.'

After having listened to the wife's explanation, he cried. His wife's faith, love, patience, and persistence in him is liken to the one seed in the land. This is the seed that persists and creates the miracle on this piece of land.

"In this world, there's no one person who is useless. It is just that they have not positioned themselves firmly in right place"

Having read this story, pls do not ignore it. Share it and you will find yourself very happy and be blessed.

8 advices to share herein.

1. When we do not value things, a mountain of gold will not bring us happiness

2. When we are not tolerant, no matter how many friends we have, they will soon leave us.

3. When we have no gratitude, no matter how excellent we are, we would always have difficulties & discontentment in success.

4. When we don't put ourselves into actions, no matter how smart we are, we will never realize our dreams.

5. When we don't cooperate with others, no matter how hard we've worked, we couldn't make it big on our own

6. When we don't know about savings, no matter how rich we strike, we couldn't be wealthy.

7. When we don't know how to be contented, even how wealthy we are, we are still not blissful.

8. When we don't understand wellness, any advanced medical treatment will not bring longevity.

A very inspiring article to share with everyone.

Hopefully the above had brought true meaning to your mind and soul 😊

पता नहीं कैसे सीख गई मैं माँ,
रोटी बनाना,
अब तो गोल बना लेती हूँ।
वो भारत का नक्शा,
अब नक्शा नहीं,
पृथ्वी जैसा दिखता है।
आधा पक्का,आधा कच्चा,
सिकता था जो,
अब अच्छे से सिकता है।

न जाने कैसे मैं सीख गई माँ,
सब्जी बनाना,
जो कभी तीखी,
कभी फीकी,
कभी,
लगभग बेस्वाद सी बनती थी
अब तो,
हर एक मसाला उसमे,
बराबर डलता है
नमक बिना माप भी,
अब तो,
एकदम सही पड़ता है।

जाने कब सीख गई मैं.
तय बजट में चलाना,
हर महीने,
कपड़ों पे खर्च कर देने वाली मैं,
अब तो,
पाई पाई का हिसाब रखती हूँ।
जरुरत की चीजों की खरीदी पर भी
अब तो,
काफी कंट्रोल करती हूँ

जाने मैं सीख कैसे गई माँ,
यूँ सबका ख्याल रखना,
किसी की परवाहन करने वाली मैं,
अब सबके लिए सोचने लगी हूँ,
खुद से भी ज्यादा तो
अब मैं,
दूसरों की चिन्ता करने लगी हूँ।

और जाने कैसे सीख गई,
मैं चुप रहना,
सबकुछ यूँ चुपचाप सहना,
आप पर बात बात पे झल्लाने वाली मैं,


न जाने कैसे सीख गई
इतनी दुनियादारी,
मैं माँ,
कभी छोटी -छोटी बातों पे भी
आहत हो जाने वाली मैं,
आज बड़े बड़े दंश झेलना सीख गई,
एक छोटी सी परेशानी पर भी
फूट फूट कर रोने वाली मैं,
आज अकेले में पलकों की कोरें
गीली करना सीख गई

पता नहीं कैसे सीख गई मैं माँ
ये सब
न जाने कैसे
बस सीख ही गई


Saturday, June 6, 2015

पति के घर में प्रवेश करते ही
पत्नी का गुस्सा फूट पड़ा :

"पूरे दिन कहाँ रहे? आफिस में पता किया, वहाँ भी नहीं पहुँचे! मामला क्या है?"

"वो-वो... मैं..."

पति की हकलाहट पर झल्लाते हुए पत्नी फिर बरसी, "बोलते नही? कहां चले गये थे। ये गंन्दा बक्सा और कपड़ों की पोटली किसकी उठा लाये?"

"वो मैं माँ को लाने गाँव चला गया था।"
पति थोड़ी हिम्मत करके बोला।

"क्या कहा? तुम्हारी मां को यहां ले आये? शर्म नहीं आई तुम्हें? तुम्हारे भाईयों के पास इन्हे क्या तकलीफ है?"

आग बबूला थी पत्नी!
उसने पास खड़ी फटी सफेद साड़ी से आँखें पोंछती बीमार वृद्धा की तरफ देखा तक नहीं।

"इन्हें मेरे भाईयों के पास नहीं छोड़ा जा सकता। तुम समझ क्यों नहीं रहीं।"
पति ने दबीजुबान से कहा।

"क्यों, यहाँ कोई कुबेर का खजाना रखा है? तुम्हारी सात हजार रूपल्ली की पगार में बच्चों की पढ़ाई और घर खर्च कैसे चला रही हूँ, मैं ही जानती हूँ!"
पत्नी का स्वर उतना ही तीव्र था।

"अब ये हमारे पास ही रहेगी।"
पति ने कठोरता अपनाई।

"मैं कहती हूँ, इन्हें इसी वक्त वापिस छोड़ कर आओ। वरना मैं इस घर में एक पल भी नहीं रहूंगी और इन महारानीजी को भी यहाँ आते जरा भी लाज नहीं आई?"

कह कर पत्नी ने बूढी औरत की तरफ देखा, तो पाँव तले से जमीन ही सरक गयी!

झेंपते हुए पत्नी बोली:
"मां, तुम?"

"हाँ बेटा! तुम्हारे भाई और भाभी ने मुझे घर से निकाल दिया। दामाद जी को फोन किया, तो ये मुझे यहां ले आये।"

बुढ़िया ने कहा, तो पत्नी ने गद्गद् नजरों से पति की तरफ देखा और मुस्कराते हुए बोली।

"आप भी बड़े वो हो, डार्लिंग! पहले क्यों नहीं बताया कि मेरी मां को लाने गये थे?"

मुझे आपके संस्कारों के बारे में पता है, पर ये आप उन तक जरूर पहूँचा सकते हैं, जिनको इस मानसिकता से उबरने की जरूरत है कि माँ तो माँ होती है! क्या मेरी, क्या तेरी




?

👵 👵 👵 👵 👵


कपडे हो गये छोटे
लाज कहा से आएँगी
अनाज हो गया हाइब्रेड
ताकत कहा से आएँगी
फूल हो गया प्लास्टिक का
सुगंध कहा से आएँगी
चेहरा हो गया मेकअप का
रूप कहा से आएँगा
मास्टर हो गये ट्यूशन के
विद्या कहा से आएँगी
भोजन हो गए हॉटेल के
तंदुरुस्ती कहा से आएँगी
प्रोग्राम हो गये केबल के
संस्कार कहा से आएँग
आदमी हो गये पैसो के
दया कहा से आएँगी
और कड़वा सच तो ये है
भक्ति करने वाले हो गये
मतलबी और स्वार्थी,
भगवान कहा से आएँगे..

🙏सोचिये🙏विचारिये 🙏संभलिए🙏



पैर की मोच
और
 छोटी सोच,
हमें आगे
बढ़ने नहीं देती ।


😔😔😔😔😔😔😔😔


टूटी कलम
 और
 औरो से जलन,
खुद का भाग्य
लिखने नहीं देती ।


😔😔😔😔😔😔😔😔😔


काम का आलस
 और
पैसो का लालच,
हमें महान
बनने नहीं देता ।

😔😔😔😔😔😔😔😔😔

 अपना मजहब उंचा
और
 गैरो का ओछा,
ये सोच हमें इन्सान
बनने नहीं देती ।

😔😔😔😔😔😔😔😔


👌दुनिया में सब चीज
      मिल जाती है,....
      केवल अपनी गलती
      नहीं मिलती.....

😔😔😔😔😔😔😔😔


भगवान से वरदान माँगा
     कि दुश्मनों से
         पीछा छुड़वा दो,
            अचानक दोस्त
                कम हो गए...

😔😔😔😔😔😔😔😔😔


" जितनी भीड़ ,
     बढ़ रही
       ज़माने में..।
         लोग उतनें ही,
           अकेले होते
             जा रहे हैं...।।।

😔😔😔😔😔😔😔😔


इस दुनिया के
   लोग भी कितने
      अजीब है ना ;

          सारे खिलौने
             छोड़ कर
                जज़बातों से
                   खेलते हैं...

😔😔😔😔😔😔😔😔😔

किनारे पर तैरने वाली
   लाश को देखकर
      ये समझ आया...
         बोझ शरीर का नही
            साँसों का था....

😔😔😔😔😔😔😔😔😔

दोस्तो के साथ
   जीने का इक मौका
      दे दे ऐ खुदा...
         तेरे साथ तो
            हम मरने के बाद
              भी रह लेंगे....

😔😔😔😔😔😔😔😔

“तारीख हज़ार
    साल में बस इतनी
       सी बदली है…
          तब दौर
             पत्थर का था
                अब लोग
                   पत्थर के हैं..."

😔😔😔😔😔😔😔
☝ Thought of the day ☝

    स्वर्ग का सपना छोड़ दो,
    नर्क का डर छोड़ दो,
    कौन जाने क्या पाप ,
    क्या पुण्य,
    बस...
    किसी का दिल न दुखे
    अपने स्वार्थ के लिए,
    बाकी सब कुदरत पर छोड़ दो


पुलिस और पत्नी में समानताएं :
1.ना इनकी दोस्ती अच्छी और ना ही दुश्मनी।
2. इनसे बनाकर रखना मजबूरी है।
3. इनका मूड पता ही नहीं चलता कब बिगड़ जाए।
4. अगर वे प्यार से बात करें तो अलर्ट हो जाएं।
5. दोनों ही खतरनाक धमकी देते हैं।
6. इनसे बहस में जीतना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
7. ये पिछला हिसाब याद रखते हैं।
8. अपने राज कभी नहीं खोलते।
9. इनको जबर्दस्ती तारीफ चाहिए।
10. सुन भले ही आपकी लें पर करेंगे अपने मन की ही।
11. दोनों ही रौब से काम लेते हैं।
12. इनकी नजर हमेशा आपकी जेब पर रहती है।

जनहित में जारी! —😜😝

हस हस के पागल हो जाओगे 😝😃😄😀😛
राजू: पत्नी को बेगम क्यूं कहते है?
बीरू: क्यूंकि शादी के बाद सारे गम पति के और पत्नी तो बे-गम हो जाती है.
😃😃😃😃😃😃😃😃😃
टीचर : राजू तुम किस लिए कॉलेज आते हो.
छात्र : विद्या के लिए सर.
टीचर: तो आज तुम सो क्यों रहे हो.
छात्र: आज विद्या नहीं आई है सर.
😃😃😃😃😃😃😃😃😃
किडनैपर: तेरी बीवी मेरे कब्जे में है, सबूत के तौर पर दो अंगुली भेज रहा हूं.
संता: सबूत पक्का नहीं है, मुंडी भेज मुंडी.
😃😃😃😃😃😃😃😃😃
एक आदमी: भैया बाल छोटे कर दो.
नाई : कितने छोटे कर दूं साहब?
आदमी : इतने कर दो कि बीबी के हाथो में ना आ सकें.
😃😃😃😃😃😃😃😃😃
दादा (पोते से)- तेरी टीचर आ रही है, जा छुप जा.
पोता- पहले आप छुप जाओ, आपकी मौत के बहाने मैंने दो हफ्ते की छुट्टी ले रखी है.
😃😃😃😃😃😃😃😃😃
शराबी (डॉक्टर से) - आप मेरी शराब छुड़वा सकते हो, क्या?
डॉक्टर - हां क्यों नही.
शराबी - तो पुलिस ने मेरी 20 बोतल पकड़ी है प्लीज छुड़वा दो.
😃😃😃😃😃😃😃😃😃
डॉक्टर - आपके तीन दांत कैसे टूट गए ?
मरीज - पत्नी ने कड़क रोटी बनाई थी.
डॉक्टर - तो खाने से इनकार कर देते !
मरीज – जी, वही तो किया था … !!!
😃😃😃😃😃😃😃😃😃
मरीज: मुझे बीमारी है कि खाने के बाद भूख नहीं लगती, सोने के बाद नींद नहीं आती, काम करूं तो थक जाता हूं!
डाक्टर : सारी रात धूप में बैठो ठीक हो जाओगे!
😃😃😃😃😃😃😃😃😃
डॉक्टर: अब आप खतरे से बहार है, फिर भी आप ईतना डर क्यों रहे हैं.

मरीज: जिस ट्रक से मेरा दुर्घटना हुआ था उसपे लिखा था - जिंदगी रही तो फिर मिलेंगे.
😃😃😃😃😃😃😃😃
😃😃😃😃😃😃😃😃😃
पत्नी: तुम मुझसे कितना प्यार करते हो?
पति: शाहजहां से भी ज्यादा.
पत्नी: मेरे मरने के बाद ताजमहल बनाओगे.
पति: मैं तो प्लॉट ले भी चुका हूं पगली देर तो तू ही कर रही है.
😃😃😃😃😃😃😃😃😃
मनू: घर के सभी कीमती सामान छुपा कर रख दो मेरे दोस्त पार्टी करने आ रहे हैं
पत्नीः क्यों तुम्हारे दोस्त चोर हैं जो सामान चुरा लेंगे.
मनू: नहीं, पहचान लेंगे.
😃❤😃❤😃❤😃❤😃
हंसते रहें और आगे भेजते रहें

🌾🌻🌾🌻🌾🌻🌾🌻🌾🌻
"रिश्ता" दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं,
"नाराजगी" शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं!
🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿🐟
सड़क कितनी भी साफ हो
"धुल" तो हो ही जाती है,
इंसान कितना भी अच्छा हो
"भूल" तो हो ही जाती है!!!
🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿🐟
आइना और परछाई के
जैसे मित्र रखो क्योकि
आइना कभी झूठ नही बोलता और परछाई कभी साथ नही छोङती......
🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿🐟
खाने में कोई 'ज़हर' घोल दे तो
एक बार उसका 'इलाज' है..
लेकिन 'कान' में कोई 'ज़हर' घोल दे तो,
उसका कोई 'इलाज' नहीं है।
🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿🐟
"मैं अपनी 'ज़िंदगी' मे हर किसी को
'अहमियत' देता हूँ...क्योंकि
जो 'अच्छे' होंगे वो 'साथ' देंगे...
और जो 'बुरे' होंगे वो 'सबक' देंगे...!!
🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿🐟
अगर लोग केवल जरुरत पर
ही आपको याद करते है तो
बुरा मत मानिये बल्कि
गर्व कीजिये क्योंकि "
मोमबत्ती की याद तभी आती है,
जब अंधकार होता है।"
🌾🌻🌾🌻🌾🌻🌾🌻🌾🌻
नाथ अभिमान

एक घर के मुखिया को यह अभिमान हो गया कि उसके बिना उसके परिवार का काम नहीं चल सकता। उसकी छोटी सी दुकान थी। उससे जो आय होती थी, उसी से उसके परिवार का गुजारा चलता था। चूंकि कमाने वाला वह अकेला ही था इसलिए उसे लगता था कि उसके बगैर कुछ नहीं हो सकता। वह लोगों के सामने डींग हांका करता था।

एक दिन वह एक संत के सत्संग में पहुंचा। संत कह रहे थे, “दुनिया में किसी के बिना किसी का काम नहीं रुकता। यह अभिमान व्यर्थ है कि मेरे बिना परिवार या समाज ठहर जाएगा। सभी को अपने भाग्य के अनुसार प्राप्त होता है।” सत्संग समाप्त होने के बाद मुखिया ने संत से कहा, “मैं दिन भर कमाकर जो पैसे लाता हूं उसी से मेरे घर का खर्च चलता है। मेरे बिना तो मेरे परिवार के लोग भूखे मर जाएंगे।” संत बोले, “यह तुम्हारा भ्रम है। हर कोई अपने भाग्य का खाता है।” इस पर मुखिया ने कहा, “आप इसे प्रमाणित करके दिखाइए।” संत ने कहा, “ठीक है। तुम बिना किसी को बताए घर से एक महीने के लिए गायब हो जाओ।” उसने ऐसा ही किया। संत ने यह बात फैला दी कि उसे बाघ ने अपना भोजन बना लिया है।

मुखिया के परिवार वाले कई दिनों तक शोक संतप्त रहे। गांव वाले आखिरकार उनकी मदद के लिए सामने आए। एक सेठ ने उसके बड़े लड़के को अपने यहां नौकरी दे दी। गांव वालों ने मिलकर लड़की की शादी कर दी। एक व्यक्ति छोटे बेटे की पढ़ाई का खर्च देने को तैयार हो गया।

एक महीने बाद मुखिया छिपता-छिपाता रात के वक्त अपने घर आया। घर वालों ने भूत समझकर दरवाजा नहीं खोला। जब वह बहुत गिड़गिड़ाया और उसने सारी बातें बताईं तो उसकी पत्नी ने दरवाजे के भीतर से ही उत्तर दिया, ‘हमें तुम्हारी जरूरत नहीं है। अब हम पहले से ज्यादा सुखी हैं।’ उस व्यक्ति का सारा अभिमान चूर-चूर हो गया।

संसार किसी के लिए भी नही रुकता!! यहाँ सभी के बिना काम चल सकता है संसार सदा से चला आ रहा है और चलता रहेगा। जगत को चलाने की हाम भरने वाले बडे बडे सम्राट, मिट्टी हो गए, जगत उनके बिना भी चला है। इसलिए अपने बल का, अपने धन का, अपने कार्यों का, अपने ज्ञान का गर्व व्यर्थ है।


आज रोटी के पीछे भागता हु तो याद आता है मुझे रोटी खिलने माँ मेरे पीछे भागती थी..🍪🍪


THE SECRET TO A HAPPY MARRIED LIFE-💔

Once I asked my friend, "What is the secret behind your Happy Married Life?"

He said "You should share responsibilities with due love and respect each other. Then absolutely there will be no problems."

I asked "Can you explain?"

He said "In my house, I take decisions on bigger issues where as my Wife decides on smaller issues. We do not interfere in each other's decisions."

Still not convinced, i asked him "Give me some examples".

He said "Smaller issues like, which car we should buy, how much amount to save, when to visit the super market, when & where to go on vacation, which sofa, air conditioner, refrigerator to buy. Monthly expenses, whether to keep a maid or not etc. Are all decided by my wife. I just agree to it "

I asked "Then, what is your role?"

He said "My decisions are only for very big issues. Like whether America should attack Iran, whether Britain should lift sanctions over Zimbabwe, whether telangana should be formed or not, whether Dhoni should retire from Cricket , Whom should Salman Khan Marry. etc etc. and do you know, my wife; NEVER, objects to any of these decisions"...
😜😝😂😂👌


Dedicated to Married Friends....!


Friday, June 5, 2015

भोजपुरी धमकियाँ
============
1. बेटा जेतना तोहर उमर हौ, ओकर दुगना
हमार कमर हौ!
2. चवन्नी भर क हउवे, आउर डॉलर भर
भौकाल!
3. एतना गोली मारब की छर्रा बिनत-बिनत
करोडपति हो जइबे!
4. धाम चंडी काशी में, जीवन बीतल
बदमाशी में!
5. हमके जान ले, हम मारीला कम और
घसिटीला जादा!
6. बेटा... सज के आयल हउवे, बज के जइबे!
7. गुरु... सम्हर जा, नाही त हफ्तन गोली
चली आउर महिन्नन धुंआ उडी!
And Latest..''
8.मारब अइठ के रोइबा बइठ के।


WONDERFUL THOUGHT :

A lovely little girl was holding two apples with both hands.
Her mum came in and softly asked her little daughter with a smile: "My sweetie, could you give your mum one of your two apples"? The girl looked up at her mum for some seconds, then she suddenly took a quick bite on one apple, and then quickly on the other!
The mum felt the smile on her face freeze, she tried hard not to reveal her disappointment! Then, the little girl handed one of her bitten apples to her mum,and said: "Mummy, here you are, this is the sweeter one!!
No matter who you are, how experienced you are, and how knowledgeable you think you are, always delay judgement. Give others the privilege to explain themselves. What you see may not be the reality. Never conclude for others.


Awesome thought of life.....

There was a king he had 10 wild dogs...
He used them to torture and eat all ministers who made mistakes.

So one of the minister’s once gave an opinion which was wrong, and which the king didn’t like at all…
So he ordered that the minister to be thrown to the dogs.

So the minister said,
"I served you 10 years and you do this..?

Pease give me 10 days before you throw me in with those dogs!
So the king agreed…

In those 10 days the minister went to the guard that was guarding the dogs and told him he wants to serve the dogs for the next 10 days…

The guard was baffled…
But he agreed…
So the minister started feeding the dogs, cleaning for them, washing them, providing all sorts of comfort for them.

So when the 10 days were up…


The king ordered that the minister be thrown in to the dogs for his punishment.

But when he was thrown in,

Everyone was amazed at what they saw..
They saw the dogs licking the feet of the minister!

So the king baffled at what he saw… Said:” what happened to the dog. !!!”

The minister then said;”
I served the dogs for 10 days and they didn’t forget my service…
Yet I served you for 10 years and you forgot all at the first mistake!”…

So the king realised his mistake

 and






 Got wolves instead😂



 1. Don't be like the minister, change jobs at appropriate time so that you are not thrown to the dogs;
                 
2. Don't be the dogs, as you can be thrown out for foxes and wolves.

                               

Love your job, not your company. Because your love for job will get you other jobs, but love for company will either get you to dogs and wolves when company stops loving you....👌👉👍


A son took his old father to a restaurant for an evening dinner.  
Father being very old and weak, while eating, dropped food on his shirt and trousers.  
Others diners watched him in disgust while his son was calm.

After he finished eating, his son who was not at all embarrassed, quietly took him to the wash room, wiped the food particles, removed the stains, combed his hair and fitted his spectacles firmly. When they came out, the entire restaurant was watching them in dead silence, not able to grasp how someone could embarrass themselves publicly like that.

The son settled the bill and started walking out with his father.

At that time, an old man amongst the diners
called out to the son and asked him, "Don't you think you have left something behind?".

The son replied, "No sir, I haven't".

The old man retorted, "Yes, you have! You left a lesson for every son and hope for every father".

The restaurant went silent.


A son took his old father to a restaurant for an evening dinner.  
Father being very old and weak, while eating, dropped food on his shirt and trousers.  
Others diners watched him in disgust while his son was calm.

After he finished eating, his son who was not at all embarrassed, quietly took him to the wash room, wiped the food particles, removed the stains, combed his hair and fitted his spectacles firmly. When they came out, the entire restaurant was watching them in dead silence, not able to grasp how someone could embarrass themselves publicly like that.

The son settled the bill and started walking out with his father.

At that time, an old man amongst the diners
called out to the son and asked him, "Don't you think you have left something behind?".

The son replied, "No sir, I haven't".

The old man retorted, "Yes, you have! You left a lesson for every son and hope for every father".

The restaurant went silent.


A son took his old father to a restaurant for an evening dinner.  
Father being very old and weak, while eating, dropped food on his shirt and trousers.  
Others diners watched him in disgust while his son was calm.

After he finished eating, his son who was not at all embarrassed, quietly took him to the wash room, wiped the food particles, removed the stains, combed his hair and fitted his spectacles firmly. When they came out, the entire restaurant was watching them in dead silence, not able to grasp how someone could embarrass themselves publicly like that.

The son settled the bill and started walking out with his father.

At that time, an old man amongst the diners
called out to the son and asked him, "Don't you think you have left something behind?".

The son replied, "No sir, I haven't".

The old man retorted, "Yes, you have! You left a lesson for every son and hope for every father".

The restaurant went silent.


Thursday, June 4, 2015

Some of the shortest stories with beautiful meaning.. Must read-

1) Those who had coins, enjoyed in the rain.
Those who had notes, were busy looking for shelter.

2) Man and God both met somewhere,
Both exclaimed-"My creator"

3) He asked are you-"Hindu or Muslim"
Response came- I am hungry

4) The fool didn't know it was impossible-
So he did it.

5) "Wrong number"- Said a familiar voice.

6) What if God asks you after you die-
"So how was heaven??"

7) "They told me that to make her fall in love I had to make her laugh. But every time she laughs, I am the one who falls in love."

8) We dont make friends anymore, We add them.


जीभ जन्म से होती है
और मृत्यु तक रहती है.....
क्योकि वो कोमल होती है.
दाँत जन्म के बाद में आते है
और मृत्यु से पहले चले जाते हैं..
क्योकि वो कठोर होते है।

छोटा बनके रहोगे तो
मिलेगी हर बड़ी रहमत...
बड़ा होने पर तो
माँ भी गोद से उतार देती है.
पानी के बिना नदी बेकार है,
     अतिथि के बिना आँगन बेकार है,
   प्रेम न हो तो सगे-सम्बन्धी बेकार है,
       पैसा न हो तो पाकेट बेकार है,
           और जीवन में गुरु न हो
               तो जीवन बेकार है,,
                इसलिए जीवन में
         "गुरु"जरुरी है.. "गुरुर" नही.ं
यदि कबीर जिन्दा होते तो आजकल के दोहे यह होते :-

🔹नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात!
       बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात!!
🔹पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ लाज!
      कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज!!
🔹भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास!
     बहन पराई हो गयी, साली खासमखास!!
🔹मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश!
      बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश!!
🔹बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान!
      पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान!!
🔹पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग!
      मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग!!
🔹फैला है पाखंड का, अन्धकार सब ओर!
     पापी करते जागरण, मचा-मचा कर शोर!
🔹पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप!
     भंडारे करते फिरें, घर में भूखा बाप!😒😒😒😒
 मन लगाकर पढ़िये और दिल से सोचो की माँ के दिल पर क्या गुजरती हैं जब ये उनके साथ होता हैं:~
 🔆वाह रे जमाने तेरी हद हो गई,
    बीबी के आगे मदर रद्द हो गई !

♻बड़ी मेहनत से जिसने पाला,
    आज वो मोहताज हो गई !
♻और कल की छोकरी, तेरे  
    सर का ताज हो गई !
♻बीवी हमदर्द और मॉं सरदर्द
     हो गई !

    🔆वाह रे जमाने तेरी हद .........
♻पेट पे सुलाने वाली, पैरों में सो
       रही है !
♻बीवी के लिए लिम्का,
      मॉं पानी को रो रही है !
♻सुनता नहीं कोई, वो आवाज
     देते देते सो गई !

    🔆वाह रे जमाने तेरी हद .........
♻मॉं मांजती है बर्तन , वो सजती
       संवरती है !
♻अभी निपटी ना बुढ़िया तू ,
       इस लीये उस पर बरसती है !
♻अरे दुनिया को आई मौत,
       मौत तेरी कहॉ गुम हो गई !
       
   🔆वाह रे जमाने तेरी हद ..........
♻अरे जिसकी कोख में पला,
     अब उसकी छाया बुरी लगती है,

♻बैठे होण्डा पे महबूबा,
     कन्धे पर हाथ जो रखती,
♻वो यादें अतीत की,
       वो मोहब्बतें मॉ की,
                 सब रद्द हो गई !
 🔆 वाह रे जमाने तेरी हद ...........

♻बेबस हुई मॉ अब,
      दिए टुकड़ो पर पलती है,
♻अतीत को याद कर,
     तेरा प्यार पाने को मचलती है !
♻अरे मुसीबत जिसने उठाई,
       वो खुद मुसीबत हो गई !

 🔆 वाह रे जमाने तेरी हद .......
♻🌿♻🌿♻🌿♻🌿♻🌿आप सभी से हाथ
 जोड़कर निवेदन हैं की आप
ये मैसेज ज्यादा से ज्यादा
अपने दोस्तों को भेजो जिससे
उनके मन में अपनी माँ के प्रति
 दया की भावना आ जाये और
 माँ पर होने वाले अत्याचार से
माँ को छुटकारा मिल जाये ।

. . . . . एक प्यारी सी कविता . . . . .

              " वक़्त नहीं "

हर ख़ुशी है लोंगों के दामन में,
पर एक हंसी के लिये वक़्त नहीं.

दिन रात दौड़ती दुनिया में,
ज़िन्दगी के लिये ही वक़्त नहीं.

सारे रिश्तों को तो हम मार चुके,
अब उन्हें दफ़नाने का भी वक़्त नहीं ..

सारे नाम मोबाइल में हैं ,
पर दोस्ती के लिये वक़्त नहीं .

गैरों की क्या बात करें ,
जब अपनों के लिये ही वक़्त नहीं.

आखों में है नींद भरी ,
पर सोने का वक़्त नहीं .

दिल है ग़मो से भरा हुआ ,
पर रोने का भी वक़्त नहीं .

पैसों की दौड़ में ऐसे दौड़े, की
थकने का भी वक़्त नहीं .

पराये एहसानों की क्या कद्र करें ,
जब अपने सपनों के लिये ही वक़्त नहीं

तू ही बता ऐ ज़िन्दगी ,
इस ज़िन्दगी का क्या होगा,
की हर पल मरने वालों को ,
जीने के लिये भी वक़्त नहीं ....


|||||||| "ये ही सत्य हैं" |||||||

Qus→ जीवन का उद्देश्य क्या है ?
Ans→ जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है - जो जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है। उसे जानना ही मोक्ष है..!!

Qus→ जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त कौन है ?
Ans→ जिसने स्वयं को, उस आत्मा को जान लिया - वह जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है..!!

Qus→संसार में दुःख क्यों है ?
Ans→लालच, स्वार्थ और भय ही संसार के दुःख का मुख्य कारण हैं..!!

Qus→ ईश्वर ने दुःख की रचना क्यों की ?
Ans→ ईश्वर ने संसार की रचना की और मनुष्य ने अपने विचार और कर्मों से दुःख और सुख की रचना की..!!

Qus→ क्या ईश्वर है ? कौन है वे ? क्या रुप है उनका ? क्या वह स्त्री है या पुरुष ?
Ans→ कारण के बिना कार्य नहीं। यह संसार उस कारण के अस्तित्व का प्रमाण है। तुम हो, इसलिए वे भी है - उस महान कारण को ही आध्यात्म में 'ईश्वर' कहा गया है। वह न स्त्री है और ना ही पुरुष..!!

Qus→ भाग्य क्या है ?
Ans→हर क्रिया, हर कार्य का एक परिणाम है। परिणाम अच्छा भी हो सकता है, बुरा भी हो सकता है। यह परिणाम ही भाग्य है तथा आज का प्रयत्न ही कल का भाग्य है..!!

Qus→ इस जगत में सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है ?
Ans→ रोज़ हजारों-लाखों लोग मरते हैं और उसे सभी देखते भी हैं, फिर भी सभी को अनंत-काल तक जीते रहने की इच्छा होती है..
इससे बड़ा आश्चर्य ओर क्या हो सकता है..!!

Qus→किस चीज को गंवाकर मनुष्य
धनी बनता है ?
Ans→ लोभ..!!

Qus→ कौन सा एकमात्र उपाय है जिससे जीवन सुखी हो जाता है?
Ans → अच्छा स्वभाव ही सुखी होने का उपाय है..!!

Qus → किस चीज़ के खो जाने
पर दुःख नहीं होता ?
Ans → क्रोध..!!

Qus→ धर्म से बढ़कर संसार में और क्या है ?
Ans → दया..!!

Qus→क्या चीज़ दुसरो को नहीं देनी चाहिए ?
Ans→ तकलीफें, धोखा..!!

Qus→ क्या चीज़ है, जो दूसरों से कभी भी नहीं लेनी चाहिए ?
Ans→ इज़्ज़त, किसी की हाय..!!

Qus→ ऐसी चीज़ जो जीवों से सब कुछ करवा सकती है ?
Ans→मज़बूरी..!!
🌸
Qus→ दुनियां की अपराजित चीज़ ?
Ans→ सत्य..!!
🌸
Qus→ दुनियां में सबसे ज़्यादा बिकने वाली चीज़ ?
Ans→ झूठ..!!
🌸
Qus→ करने लायक सुकून का
कार्य ?
Ans→ परोपकार..!!
🌸
Qus→ दुनियां की सबसे बुरी लत ?
Ans→ मोह..!!
🌸
Qus→ दुनियां का स्वर्णिम स्वप्न ?
Ans→ जिंदगी..!!
🌸
Qus→ दुनियां की अपरिवर्तनशील चीज़ ?
Ans→ मौत..!!
🌸
Qus→ ऐसी चीज़ जो स्वयं के भी समझ ना आये ?
Ans→ अपनी मूर्खता..!!
🌸
Qus→ दुनियां में कभी भी नष्ट/ नश्वर न होने वाली चीज़ ?
Ans→ आत्मा और ज्ञान..!!
🌸
Qus→ कभी न थमने वाली चीज़ ?
Ans→ समय..!!

👌बहुत बेहतरीन कविता है👌


तू
जिंदगी को जी
उसे समझने की
कोशिश न कर

सुन्दर सपनो के
ताने बाने बुन
उसमे उलझने की
कोशिश न कर

चलते वक़्त के साथ
तू भी चल
उसमे सिमटने की
कोशिश न कर

अपने हाथो को फैला,
खुल कर साँस ले
अंदर ही अंदर घुटने की
कोशिश न कर

मन में चल रहे
युद्ध को विराम दे
खामख्वाह खुद से
लड़ने की कोशिश न कर

कुछ बाते
भगवान् पर छोड़ दे
सब कुछ खुद सुलझाने की
कोशिश न कर

जो मिल गया
उसी में खुश रह
जो सकून छीन ले
वो पाने की कोशिश न कर

रास्ते की सुंदरता का
लुत्फ़ उठा
मंजिल पर जल्दी
पहुचने की कोशिश न कर....
समय बहाकर ले जाता है,
नाम और निशान...!

कोई 'हम' में रह जाता है
और कोई 'अहम' में।
किसी के अच्छाई का इतना भी फायदा मत उठाओ की वो बुरा बनने के लिये मजबुर बन जाये।

"बुरा" हमेशा वही बनता हे,जो अच्छा बनके टूट चूका होता है


नंगे पाँव चलते "इन्सान" को लगता है
कि "चप्पल होते तो कितना अच्छा होता"
बाद मेँ..........
"साइकिल होती तो कितना अच्छा होता"
उसके बाद में.........
"मोपेड होता तो थकान नही लगती"
बाद में.........
"मोटर साइकिल होती तो बातो-बातो मेँ
रास्ता कट जाता"

फिर ऐसा लगा की.........
"कार होती तो धूप नही लगती"

फिर लगा कि,
"हवाई जहाज होता तो इस ट्रैफिक का झंझट
नही होता"

जब हवाई जहाज में बैठकर नीचे हरे-भरे घास के मैदान
देखता है तो सोचता है,
कि "नंगे पाव घास में चलता तो दिल
को कितनी "तसल्ली" मिलती".....


" जरुरत के मुताबिक "जिंदगी" जिओ - "ख्वाहिश"..... के
मुताबिक नहीं.........

क्योंकि 'जरुरत'
तो 'फकीरों' की भी 'पूरी' हो जाती है, और
'ख्वाहिशें'..... 'बादशाहों ' की भी "अधूरी" रह जाती है".....

"जीत" किसके लिए, 'हार' किसके लिए
'ज़िंदगी भर' ये 'तकरार' किसके लिए...

जो भी 'आया' है वो 'जायेगा' एक दिन
फिर ये इतना "अहंकार" किसके लिए...

ए बुरे वक़्त !
ज़रा "अदब" से पेश आ !!
"वक़्त" ही कितना लगता है
"वक़्त" बदलने में...........


Excellent thought (message). ..

A bus full of passengers was traveling while. suddenly the weather changed and there was a huge downpour and lightening all around.

They could see that the lightening would appear to come towards the bus and then go elsewhere.

After 2 or 3 horrible instances of being saved from lightening, the driver stopped the bus about fifty feet away from a tree and said -

"We have somebody in the bus whose death is a certainty today."

Because of that person everybody else will also get killed today.

Now listen carefully what I am saying ..

I want each person to come out of bus one by one and touch the tree trunk and come back.

Whom so ever death is certain will get caught up by the lightening and will die & everybody else will be saved".

They had to force the 1st person to go and touch the tree and come back.

He reluctantly got down from the bus and went and touched the tree.

His heart leaped with joy when nothing happened and he was still alive.

This continued for rest of the passengers who were all relieved when they touched the tree and nothing happened.

When the last passenger's turn came, everybody looked at him with accusing eyes.

That passenger was very afraid and reluctant since he was the only one left.

Everybody forced him to get down and go and touch the tree.

With a 100% fear of death in mind, the last passenger walked to the tree and touched it.

There was a huge sound of thunder and the lightening came down and hit the bus - yes the lightening hit the bus, and killed each and every passenger inside the bus.

It was because of the presence of this last passenger that, earlier,the entire bus was safe and the lightening could not strike the bus.

LIFE LEARNING from this..

At times, we try to take credit for our present achievements, but this could also be because of a person right next to us.

Look around you - Probably someone is there around you, in the form of Your Parents, Your Spouse, Your Children, Your Siblings, Your friends, Your Guide who are saving you from harm..!













Think About it..

You will surely find that Person..!!

Beautiful Lines for Everyone..
   
    ''Alone I can 'Say' but
    together we can 'talk'.

    'Alone I can 'Enjoy' but
     together we can
    'Celebrate'.
   
    'Alone I can 'Smile' but
    together we can 'Laugh'.

    That's the BEAUTY of
    Human Relations.

    We are nothing without
    each other ..


Together only we can be successful. .

Counting on all of you..

Excellent thought (message). ..

A bus full of passengers was traveling while. suddenly the weather changed and there was a huge downpour and lightening all around.

They could see that the lightening would appear to come towards the bus and then go elsewhere.

After 2 or 3 horrible instances of being saved from lightening, the driver stopped the bus about fifty feet away from a tree and said -

"We have somebody in the bus whose death is a certainty today."

Because of that person everybody else will also get killed today.

Now listen carefully what I am saying ..

I want each person to come out of bus one by one and touch the tree trunk and come back.

Whom so ever death is certain will get caught up by the lightening and will die & everybody else will be saved".

They had to force the 1st person to go and touch the tree and come back.

He reluctantly got down from the bus and went and touched the tree.

His heart leaped with joy when nothing happened and he was still alive.

This continued for rest of the passengers who were all relieved when they touched the tree and nothing happened.

When the last passenger's turn came, everybody looked at him with accusing eyes.

That passenger was very afraid and reluctant since he was the only one left.

Everybody forced him to get down and go and touch the tree.

With a 100% fear of death in mind, the last passenger walked to the tree and touched it.

There was a huge sound of thunder and the lightening came down and hit the bus - yes the lightening hit the bus, and killed each and every passenger inside the bus.

It was because of the presence of this last passenger that, earlier,the entire bus was safe and the lightening could not strike the bus.

LIFE LEARNING from this..

At times, we try to take credit for our present achievements, but this could also be because of a person right next to us.

Look around you - Probably someone is there around you, in the form of Your Parents, Your Spouse, Your Children, Your Siblings, Your friends, Your Guide who are saving you from harm..!













Think About it..

You will surely find that Person..!!

Beautiful Lines for Everyone..
   
    ''Alone I can 'Say' but
    together we can 'talk'.

    'Alone I can 'Enjoy' but
     together we can
    'Celebrate'.
   
    'Alone I can 'Smile' but
    together we can 'Laugh'.

    That's the BEAUTY of
    Human Relations.

    We are nothing without
    each other ..


Together only we can be successful. .

Counting on all of you..


Sharab Sareer Ko Khatam Krti Hai
Sharab Samaj Ko Khatam Krti Hai,
Aao Aaj Is Sharab Ko Khatam Krte Hain,
Ek Bottle Tum Khtam Kro,
Ek Bottle Hum Khatam Krte Hai. ..




Meri Kabar Pe Mat Gulaab Leke Aana
Na Hi Haathon Mein Chiraag Leke Aana
Payasa Hu Main Barso Se Jaanam
Botal Sharab Ki Aur Ek Glass Leke Aana..




Khushiyo Se Naraz Hai Meri Zindagi,
Pyar Ki Mohtaz Hai Meri Zindagi,
Hans Leta Hoo Logo Ko Dikhane Ke Liye,
Warna Dard Ki Kitaab Hai Meri Zindagi…




Har Baat ka Koi Jawab Nahi Hota…
Har Ishq ka Naam Kharab Nahi Hotaaa..
Yuh to Joom Lete Hai Nashe me Pine Wale
Magar Har Nashe ka Naam Sharab Nahi Hota…



Ho chuki mulakaat abhi salaam baaki hai
Tumhare naam ki do ghoont sharaab baki hai
Tumko mubarak ho khushiyoon ka shamyaana
Mere naseeb me abhi do gaz zameen baki hai…


🗻🗻🗻🗻🗻🗻🗻🗻इस को एक बार पढिए अच्छा लगेगा


⛲एक आदमी जंगल से गुजर रहा था । उसे चार स्त्रियां मिली।
n
🚺उसने पहली से पूछा - बहन तुम्हारा नाम क्या हैं ?
🔰उसने कहा "बुद्धि "
✴तुम कहां रहती हो?
🔰मनुष्य के दिमाग में।

🚺दूसरी स्त्री से पूछा - बहन तुम्हारा नाम क्या हैं ?
🔰" लज्जा "।
✴तुम कहां रहती हो ?
🔰आंख में ।

🚺तीसरी से पूछा - तुम्हारा क्या नाम हैं ?
🔰"हिम्मत"
✴कहां रहती हो ?
🔰दिल में ।

🚺चौथी से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
🔰"तंदुरूस्ती"
✴कहां रहती हो ?
🔰शरीर में।

वह आदमी अब थोडा आगे बढा तों फिर उसे चार पुरूष मिले।

🚹उसने पहले पुरूष से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
🔰" क्रोध "
✴कहां रहतें हो ?
🔰दिमाग में,
✴दिमाग में तो बुद्धि रहती हैं,
तुम कैसे रहते हो?
🔰जब मैं वहां रहता हुं तो बुद्धि वहां से विदा हो जाती हैं।

🚹दूसरे पुरूष से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
🔰उसने कहां -" लोभ"।
✴कहां रहते हो?
🔰आंख में।
✴आंख में तो लज्जा रहती हैं तुम कैसे रहते हो।
🔰जब मैं आता हूं तो लज्जा वहां से प्रस्थान कर जाती हैं ।

🚹तीसरें से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
🔰जबाब मिला "भय"।
✴कहां रहते हो?
🔰दिल में।
✴दिल में तो हिम्मत रहती हैं तुम कैसे रहते हो?
🔰जब मैं आता हूं तो हिम्मत वहां से नौ दो ग्यारह हो जाती हैं।

🚹चौथे से पूछा तुम्हारा नाम क्या हैं?
🔰उसने कहा - "रोग"।
✴कहां रहतें हो?
🔰शरीर में।
✴ शरीर में तो तंदरूस्ती रहती हैं?
🔰जब मैं आता हूं तो तंदरूस्ती वहां से रवाना हो जाती हैं।

🍁
जीवन की हर विपरीत परिस्थिथि में यदि हम उपरोक्त वर्णित बातो को याद रखे तो कई चीजे टाली जा सकती है ।
🔱💲🔱💲🔱

😊
जरा मुस्कुरा के देखे,
दुनिया हसती नजर आएगी!

🌅
 सुबह सैर कर के तो देखे,
सेहत ठीक हो जाएगी!

🍺
व्यसन छोड के तो देखे,
इज्जत बन जाएगी!

🏦
खर्च घटा कर के तो देखे,
अच्छी नीँद आएगी!

💰
मेहनत कर के तो देखे,
पैसे की तंगी चली जाएगी!

🔮
संसार की अच्छाई तो देखे,
बुराई भाग जाएगी!

🔔
ईश्वर का ध्यान कर के तो देखे,
उलझने दुर हो जाएगी!

🙏
माता पिता की बात मान कर तो
 देखे,
जिन्दगी संवर जाएगी!

🔱💲🔱💲🔱

यदि खुबसूरत लगा हो तो अपने अन्य मित्रों को भी प्रेषित करें।।।।।


एक बार इस कविता को दिल से पढ़िये
शब्द शब्द में गहराई है...

जब आंख खुली तो अम्‍मा की
गोदी का एक सहारा था
उसका नन्‍हा सा आंचल मुझको
भूमण्‍डल से प्‍यारा था

उसके चेहरे की झलक देख
चेहरा फूलों सा खिलता था
उसके स्‍तन की एक बूंद से
मुझको जीवन मिलता था

हाथों से बालों को नोंचा
पैरों से खूब प्रहार किया
फिर भी उस मां ने पुचकारा
हमको जी भर के प्‍यार किया

मैं उसका राजा बेटा था
वो आंख का तारा कहती थी
मैं बनूं बुढापे में उसका
बस एक सहारा कहती थी

उंगली को पकड. चलाया था
पढने विद्यालय भेजा था
मेरी नादानी को भी निज
अन्‍तर में सदा सहेजा था

मेरे सारे प्रश्‍नों का वो
फौरन जवाब बन जाती थी
मेरी राहों के कांटे चुन
वो खुद गुलाब बन जाती थी

मैं बडा हुआ तो कॉलेज से
इक रोग प्‍यार का ले आया
जिस दिल में मां की मूरत थी
वो रामकली को दे आया

शादी की पति से बाप बना
अपने रिश्‍तों में झूल गया
अब करवाचौथ मनाता हूं
मां की ममता को भूल गया

हम भूल गये उसकी ममता
मेरे जीवन की थाती थी
हम भूल गये अपना जीवन
वो अमृत वाली छाती थी

हम भूल गये वो खुद भूखी
रह करके हमें खिलाती थी
हमको सूखा बिस्‍तर देकर
खुद गीले में सो जाती थी

हम भूल गये उसने ही
होठों को भाषा सिखलायी थी
मेरी नीदों के लिए रात भर
उसने लोरी गायी थी

हम भूल गये हर गलती पर
उसने डांटा समझाया था
बच जाउं बुरी नजर से
काला टीका सदा लगाया था

हम बडे हुए तो ममता वाले
सारे बन्‍धन तोड. आए
बंगले में कुत्‍ते पाल लिए
मां को वृद्धाश्रम छोड आए

उसके सपनों का महल गिरा कर
कंकर-कंकर बीन लिए
खुदग़र्जी में उसके सुहाग के
आभूषण तक छीन लिए

हम मां को घर के बंटवारे की
अभिलाषा तक ले आए
उसको पावन मंदिर से
गाली की भाषा तक ले आए

मां की ममता को देख मौत भी
आगे से हट जाती है
गर मां अपमानित होती
धरती की छाती फट जाती है

घर को पूरा जीवन देकर
बेचारी मां क्‍या पाती है
रूखा सूखा खा लेती है
पानी पीकर सो जाती है

जो मां जैसी देवी घर के
मंदिर में नहीं रख सकते हैं
वो लाखों पुण्‍य भले कर लें
इंसान नहीं बन सकते हैं

मां जिसको भी जल दे दे
वो पौधा संदल बन जाता है
मां के चरणों को छूकर पानी
गंगाजल बन जाता है

मां के आंचल ने युगों-युगों से
भगवानों को पाला है
मां के चरणों में जन्‍नत है
गिरिजाघर और शिवाला है

हिमगिरि जैसी उंचाई है
सागर जैसी गहराई है
दुनियां में जितनी खुशबू है
मां के आंचल से आई है

मां कबिरा की साखी जैसी
मां तुलसी की चौपाई है
मीराबाई की पदावली
खुसरो की अमर रूबाई है

मां आंगन की तुलसी जैसी
पावन बरगद की छाया है
मां वेद ऋचाओं की गरिमा
मां महाकाव्‍य की काया है

मां मानसरोवर ममता का
मां गोमुख की उंचाई है
मां परिवारों का संगम है
मां रिश्‍तों की गहराई है

मां हरी दूब है धरती की
मां केसर वाली क्‍यारी है
मां की उपमा केवल मां है
मां हर घर की फुलवारी है

सातों सुर नर्तन करते जब
कोई मां लोरी गाती है
मां जिस रोटी को छू लेती है
वो प्रसाद बन जाती है

मां हंसती है तो धरती का
ज़र्रा-ज़र्रा मुस्‍काता है
देखो तो दूर क्षितिज अंबर
धरती को शीश झुकाता है

माना मेरे घर की दीवारों में
चन्‍दा सी मूरत है
पर मेरे मन के मंदिर में
बस केवल मां की मूरत है

मां सरस्‍वती लक्ष्‍मी दुर्गा
अनुसूया मरियम सीता है
मां पावनता में रामचरित
मानस है भगवत गीता है

अम्‍मा तेरी हर बात मुझे
वरदान से बढकर लगती है
हे मां तेरी सूरत मुझको
भगवान से बढकर लगती है

सारे तीरथ के पुण्‍य जहां
मैं उन चरणों में लेटा हूं
जिनके कोई सन्‍तान नहीं
मैं उन मांओं का बेटा हूं

हर घर में मां की पूजा हो
ऐसा संकल्‍प उठाता हूं
मैं दुनियां की हर मां के
चरणों में ये शीश झुकाता हूं...


वजन कम करने का अनोखा तरीका!
एक मोटे आदमी ने न्यूज पेपर में विज्ञापन देखा। एक सप्ताह में 5 किलो वजन कम कीजिये।

उसने उस विज्ञापन वाली कंपनी में फोन किया तो एक महिला ने जवाब दिया और कहा, "कल सुबह 6 बजे तैयार रहिए।"

अगली सुबह उस मोटे ने दरवाजा खोला तो देखा कि एक बहुत खूबसूरत युवती जॉगिंग सूट और शूज पहने बाहर खड़ी है।

युवती बोली, "मुझे पकड़ो और जो मन आये वो करो ये कहकर युवती दौड़ पड़ी।"

मोटू भी उसके पीछे दौड़ा मगर उसे पकड़ नहीं पाया।

उस पूरे हफ्ते रोज मोटू ने उसे पकड़ने का प्रयास किया लेकिन युवती को न पकड़ पाया।

पर उसका 5 किलो वजन कम हो गया।

फिर मोटू ने 10 किलो वजन कम करने वाले प्रोग्राम की बात की।

अगली सुबह 6 बजे उसने दरवाजा खोला तो देखा कि पहले वाली से भी शानदार युवती जॉगिंग सूट और शूज में खड़ी है।

युवती बोली, "मुझे पकड़ो और जो मन मे आये करो।"

इस हफ्ते मोटू का 10 किलो वजन घट गया।

मोटू ने सोचा कि वाह क्या बढ़िया प्रोग्राम है। क्यों ना 25 किलो वजन कम करने वाला प्रोग्राम आजमाया जाए।

उसने 25 किलो घटाने वाले प्रोग्राम के लिए फोन किया।

तो महिला ने जवाब दिया और कहा कि क्या आपका इरादा पक्का है? क्योंकि ये प्रोग्राम थोड़ा कठिन है।

मोटू बोला: हाँ।

अगली सुबह 6 बजे मोटू ने दरवाजा खोला तो देखा कि दरवाजे पर जॉगिंग सूट और शूज पहने एक काला नीग्रो खड़ा था।

नीग्रो बोला, "अगर मैंने तुम्हे पकड़ लिया तो मैं तुम्हारे साथ जो मन आये वो करूँगा।"


नमस्कार को टाटा खाया,
नूडल को आंटा !!
अंग्रेजी के चक्कर में
हुआ बडा ही घाटा !!
बोलो धत्त तेरे की !!

माताजी को मम्मी खा गयी,
पिता को खाया डैड !!
और दादाजी को ग्रैंडपा खा गये,
सोचो कितना बैड !!
बोलो धत्त तेरे की !!

गुरुकुल को स्कूल खा गया,
गुरु को खाया चेला !!
और सरस्वती की प्रतिमा पर
उल्लू मारे ढेला !!
बोलो धत्त तेरे की !!

चौपालों को बियर बार खा गया,
रिश्तों को खाया टी.वी. !!
और देख सीरियल लगा लिपिस्टिक
बक-बक करती बीबी !!
बोलो धत्त तेरे की !!

रस्गुल्ले को केक खा गया
और दूध पी गया अंडा !!
और दातून को टूथपेस्ट खा गया,
छाछ पी गया ठंढा !!
बोलो धत्त तेरे की !!

परंपरा को कल्चर खा गया,
हिंदी को अंग्रेजी !!
और दूध-दही के बदले चाय पी कर बने हम
लेजी !!
बोलो धत्त तेरे की !!

😜😜😜😜😜


Wednesday, June 3, 2015

पत्नी ने पति को मेसेज भेजा: हाय, मैं लेट हो जाऊंगी, प्लीज़ खाना बना लेना और सारे गंदे बर्तान धो लेना।
बेड ठीक कर लेना और ध्यान रहे कि मेरे आने से पहले बच्चे सो जाएं।

उसके बाद उसने एक दूसरा मेसेज भेजा : ...और मैं कहना भूल गई कि मैं तुम्हारे लिए विस्की की बोतल ला रही हूं।
पति ने लिखा। क्या सच मे ???

 पत्नी ने कहा : नहीं, मैं तो बस जानना चाह रही थी कि तुम्हें मेरा पहला मेसेज मिला या नहीं!
😜😜😜😜😜😜


Awesome post must read
How a son/daughter thinks of his/her father at different age.....

At 6 years....:My Dad is great!

At 8 years....:My Daddy knows everything.

At 12 years.....: My Daddy is good but he is short tempered.

At 14 years....: My Daddy was nice to me when I was young.

At 18 years.....: My Daddy is not in line with the current times. Frankly he does not know anything.

At 20 years...: My Daddy is becoming increasingly cranky and unreasonable.

At 23 years....: Oh! It is becoming difficult to tolerate Daddy! Wonder how Mother puts up with him!

At 25 years...: Daddy is objecting to everything.. Don't know when will he understand the world.

At 32 years...: It is becoming difficult to manage my son! I used to be so scared of my Dad when I was young...

At 40 years...: Daddy brought me up with so much discipline.. I wonder how he managed to handle the younger generation!..

At 45 years....: I am baffled as to how my Daddy brought us up..

At 50 years...: My Daddy faced so many hardship to bring us up...(we were 3 brothers and 2 sisters) I am unable to manage a single child!

At 55 years...: My Daddy was so far sighted and planned so many things for us. Even at this old age, he is able to control things. He is one of his kind and unique.

At last...: ' My Daddy was great!

Don't take so many years.....Realize it on time...
 Education is not a Name of Any Degree or Certificate that can be shown to others as a Proof ...
 But ...
Education is the name of Our Attitude, Actions, Language , Behavior & Personality with Others in Real Life ... !!

And thus it is Rightly said that ...

To be Born with a Personality is a Gift from your Parents ...
But ...
To Die as a Personality is an Achievement of your Own and a Return Gift to your Parents ... !!🙏


!!! शिक्षाप्रद कहानी !!!

रात में एक चोर घर में घुसता है। कमरे का दरवाजा खोला तो मुसहरी पर एक बूढ़ी औरत सो रही थी। खटपट से उसकी आंख खुल गई। चोर ने घबरा कर देखा तो वह लेटे लेटे बोली '' बेटा, तुम देखने से किसी अच्छे घर के लगते हो, लगता है किसी परेशानी से मजबूर होकर इस रास्ते पर लग गए हो। चलो कोई बात नहीं। अलमारी के तीसरे बक्से में एक तिजोरी है ।
इसमें का सारा माल तुम चुपचाप वह ले जाना। मगर पहले मेरे पास आकर बैठो, मैंने अभी-अभी एक ख्वाब देखा है । वह सुनकर जरा मुझे इसकी ताबीर तो बता दो।
'' चोर उस बूढ़ी औरत की रहमदिली से बड़ा मुतास्सिर हुआ और चुपचाप उसके पास जाकर बैठ गया। बुढ़िया ने अपना सपना सुनाना शुरु किया '' बेटा मैंने देखा कि मैं एक रेगिस्तान में खो गइ हूँ। ऐसे में एक चील मेरे पास आई और उसने 3 बार जोर जोर से बोला
माजिद। । माजिद। । माजिद !!!
 बस फिर ख्वाब खत्म हो गया और मेरी आंख खुल गई। जरा बताओ तो इसकी क्या ताबीर हुई? ''

चोर सोच में पड़ गया। इतने में बराबर वाले कमरे से बुढ़िया का नोजवान बेटा माजिद अपना नाम ज़ोर ज़ोर से सुनकर उठ गया और अंदर आकर चोर की जमकर कुत्ता बना के ठुकाई लगाई। बुढ़िया बोली ''बस करो अब यह अपने किए की सजा भुगत चुका।

'' चोर बोला; नहीं नहीं मुझे और कूटो सालों ताकि मुझे आगे याद रहे कि मैं चोर हूँ सपनों की ताबीर बताने वाला नहीं। ''
   


Moral - B Professional
😕😕😕😕😕😕
😬😬😬😬😬😬


👌👌बहुत बेहतरीन कविता है👌👌


तू
जिंदगी को जी
उसे समझने की
कोशिश न कर

सुन्दर सपनो के
ताने बाने बुन
उसमे उलझने की
कोशिश न कर

चलते वक़्त के साथ
तू भी चल
उसमे सिमटने की
कोशिश न कर

अपने हाथो को फैला,
खुल कर साँस ले
अंदर ही अंदर घुटने की
कोशिश न कर

मन में चल रहे
युद्ध को विराम दे
खामख्वाह खुद से
लड़ने की कोशिश न कर

कुछ बाते
भगवान् पर छोड़ दे
सब कुछ खुद सुलझाने की
कोशिश न कर

जो मिल गया
उसी में खुश रह
जो सकून छीन ले
वो पाने की कोशिश न कर

रास्ते की सुंदरता का
लुत्फ़ उठा
मंजिल पर जल्दी
पहुचने की कोशिश न कर....

8 आदतों से सुधारें अपना घर :
1) 👉::
अगर आपको कहीं पर भी थूकने की आदत है तो यह निश्चित है
कि आपको यश, सम्मान अगर मुश्किल से मिल भी जाता है
तो कभी टिकेगा ही नहीं .
wash basin में ही यह काम कर आया करें !
2) 👉::
जिन लोगों को अपनी जूठी थाली या बर्तन वहीं उसी जगह पर
छोड़ने की आदत होती है उनको सफलता कभी भी स्थायी रूप से नहीं मिलती.!
बहुत मेहनत करनी पड़ती है और ऐसे लोग अच्छा नाम नहीं कमा पाते.!
अगर आप अपने जूठे बर्तनों को उठाकर उनकी सही जगह पर रख आते हैं तो चन्द्रमा और शनि का आप सम्मान करते हैं !
3) 👉::
जब भी हमारे घर पर कोई भी बाहर से आये, चाहे मेहमान हो या कोई काम करने वाला, उसे स्वच्छ पानी जरुर पिलाएं !
ऐसा करने से हम राहू का सम्मान करते हैं.!
जो लोग बाहर से आने वाले लोगों को स्वच्छ पानी हमेशा पिलाते हैं उनके घर में कभी भी राहू का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता.!
4) 👉::
घर के पौधे आपके अपने परिवार के सदस्यों जैसे ही होते हैं, उन्हें भी प्यार और थोड़ी देखभाल की जरुरत होती है.!
जिस घर में सुबह-शाम पौधों को पानी दिया जाता है तो हम बुध, सूर्य और चन्द्रमा का सम्मान करते हुए परेशानियों से डटकर लड़ पाते हैं.!
जो लोग नियमित रूप से पौधों को पानी देते हैं, उन लोगों को depression, anxiety जैसी परेशानियाँ जल्दी से नहीं पकड़ पातीं.!
5) 👉::
जो लोग बाहर से आकर अपने चप्पल, जूते, मोज़े इधर-उधर फैंक देते हैं, उन्हें उनके शत्रु बड़ा परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए अपने चप्पल-जूते करीने से लगाकर रखें, आपकी प्रतिष्ठा बनी रहेगी
6) 👉::
उन लोगों का राहू और शनि खराब होगा, जो लोग जब भी अपना बिस्तर छोड़ेंगे तो उनका बिस्तर हमेशा फैला हुआ होगा, सिलवटें ज्यादा होंगी, चादर कहीं, तकिया कहीं, कम्बल कहीं ?
उसपर ऐसे लोग अपने पुराने पहने हुए कपडे तक फैला कर रखते हैं ! ऐसे लोगों की पूरी दिनचर्या कभी भी व्यवस्थित नहीं रहती, जिसकी वजह से वे खुद भी परेशान रहते हैं और दूसरों को भी परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए उठते ही स्वयं अपना बिस्तर समेट दें.!
7)👉::
पैरों की सफाई पर हम लोगों को हर वक्त ख़ास ध्यान देना चाहिए,
जो कि हम में से बहुत सारे लोग भूल जाते हैं ! नहाते समय अपने पैरों को अच्छी तरह से धोयें, कभी भी बाहर से आयें तो पांच मिनट रुक कर मुँह और पैर धोयें.!
आप खुद यह पाएंगे कि आपका चिड़चिड़ापन कम होगा, दिमाग की शक्ति बढेगी और क्रोध
धीरे-धीरे कम होने लगेगा.!
8) 👉::
रोज़ खाली हाथ घर लौटने पर धीरे-धीरे उस घर से लक्ष्मी चली जाती है और उस घर के सदस्यों में नकारात्मक या निराशा के भाव आने लगते हैं.!
इसके विपरित घर लौटते समय कुछ न कुछ वस्तु लेकर आएं तो उससे घर में बरकत बनी रहती है.!
उस घर में लक्ष्मी का वास होता जाता है.!
हर रोज घर में कुछ न कुछ लेकर आना वृद्धि का सूचक माना गया है.!
ऐसे घर में सुख, समृद्धि और धन हमेशा बढ़ता जाता है और घर में रहने वाले सदस्यों की भी तरक्की होती है.!

💢 बेचारा पति क्या करे ? 💢

        😡 Sunday के दिन 😡

1. पति अगर देर तक सोये तो :-

बीवी: अब उठ भी जाओ! तुम्हारे जैसा भी कोई है क्या? छुट्टी है तो इसका मतलब यह नहीं की सोते रहोगे।

2. पति अगर जल्दी उठ जाये तो :-

बीवी: पिछले जन्म में मुर्गे थे क्या? ठीक 4:30 बजे उठ कर कुकडू-कू करने लगते हो। इतना जल्दी उठकर क्या पहाड़ तोड़ लाओगे?

3. पति अगर सन्डे को घर पे ही रहे तो:-

बीवी: कुछ काम भी कर लिया करो। हफ्ते भर बाट देखते है तुम्हारे सन्डे की, उसे भी तुम केवल नहाने धोने में ही लगा देते हो।

4. पति अगर सन्डे के दिन घर से देर तक बाहर रहे (काम के सिलसिले में) तो:-

बीवी: कहाँ थे तुम आज पूरा दिन? आज सन्डे है कभी मुँह से भगवान का नाम भी ले लिया करो।

5. पति अगर सन्डे को पूजा करे तो:-

बीवी: ये टल्ली बजाते रहने से कुछ नहीं होने वाला। अगर ऐसा होता तो इस दुनिया के रईसों में टाटा या बिल गेट्स का नाम नहीं होता बल्कि किसी पुजारी का नाम आता।

6. अगर टाटा या बिल गेट्स जैसा बनने के लिए पति दिन रात मेहनत करे तो:-

बीवी: हर वक़्त काम, काम काम, तुम्हें अपने ऑफिस के ही सात फेरे ले लेने चाहिए थे। हम क्या यहाँ पर बंधुआ मजदूर है जो सारा दिन काम करें और शाम को तुम्हारा इंतज़ार करें?

7. पति अगर पत्नी को घुमाने ले जाए तो:-

बीवी: हमारे बीच वाले जीजा जी तो दीदी को हर महीने घुमाने ले जाते हैं और वो भी स्विट्ज़रलैंड और दार्जिलिंग जैसी जगहों पर। तुम्हारी तरह "हरिद्वार" नहाने नहीं जाते।

8. पति अगर बे खौफ हो कर नैनीताल, मसूरी, गोवा, माउन्ट आबू, ऊटी जैसी जगहों पर घुमाने ले भी जाए तो:-

बीवी: अपना घर ही सबसे अच्छा, बेकार ही पैसे लुटाते फिरते है। इधर उधर बंजारों की तरह घुमते फिरो। क्या रखा है घूमने में? इतने पैसा अगर घर पर रहते तो पूरे 2 साल के लिए कपडे खरीद सकते थे।

😲
घरवाली की कीच-कीच न हो तो इन्सान कहाँ से कहाँ पहुँच जाता है...
😲

😄😃
😜😜😜😜😜😜😜😜


GIRLS ARE THE BESTEST GIFT EVER MADE BY GOD
RESPECT THEM!!!



Ek ladka aur ladki k bich ka difference
(as son and daughter )
awsome it is.

Ladka:
8yrs: papa mujhe remote control car leke do.
(wish accepted)

11yrs: papa mujhe 200/-
Ki parker chaiye
(wish accepted)

17yrs:papa mujhe sports bike chaiye
(wish accepted)

21 yrs:mujhe apki property chaiye
(wish accpted)

25yrs:mujhe aap iss ghar mein nahi chaiye
(wish accepted...)



Ladki:
8yrs: I want to spend time wid u.
(papa has no time)

11yrs: Papa Iwant to play wid you.
(papa has no time)


17yrs:papa mujhe apke sath ghumna hai
(ignored)

21 yrs:(during marriage) mujhe apko chod ke nhi jaana

25yrs:Papa aap mere sath rehne aajao.....
(wish accepted)
coz ab papa jaan gaye ki betiya apni hoti aur ladke paraye hote hai

Khuskismat hai voh jinhe betiya mili hai

Aur Bhagawan unhe hi betiya deta hai jo kushkismat hote hai
कोशिश कर, हल निकलेगा।
आज नही तो, कल निकलेगा।
अर्जुन के तीर सा सध,
मरूस्थल से भी जल निकलेगा।।
मेहनत कर, पौधो को पानी दे,
बंजर जमीन से भी फल निकलेगा।
ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे,
फौलाद का भी बल निकलेगा।
जिन्दा रख, दिल में उम्मीदों को,
गरल के समन्दर से भी गंगाजल निकलेगा।
कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की,
जो है आज थमा थमा सा है, चल निकलेगा।।

कुछ सुंदर पंक्तियाँ...

किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये,
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नहीं लाता..!
डरिये वक़्त की मार से,
बुरा वक़्त किसीको बताकर नही आता..!
अकल कितनी भी तेज ह़ो,
नसीब के बिना नही जीत सकती..!
बिरबल अकलमंद होने के बावजूद,
कभी बादशाह नही बन सका..
ना तुम अपने आप को गले लगा सकते हो, ना ही तुम अपने कंधे पर सर रखकर रो सकते हो..एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी है..! इसलिये वक़्त उन्हें दो जो तुम्हे चाहते हों दिल से.. रिश्ते पैसो के मोहताज़ नहीं होते क्योंकि कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते पर जीवन अमीर जरूर बना देते है.... !!😊😊😊

शहर के सबसे बड़े बैंक में एक बार एक बुढ़िया आई ।
उसने मैनेजर से कहा :- "मुझे इस बैंक में कुछ रुपये जमा करने हैं"

मैनेजर ने पूछा :- कितने हैं ?

वृद्धा बोली :- होंगे कोई दस लाख ।

मैनेजर बोला :- वाह क्या बात है, आपके पास तो काफ़ी पैसा है, आप करती क्या हैं ?

वृद्धा बोली :- कुछ खास नहीं, बस शर्तें लगाती हूँ ।

मैनेजर बोला :- शर्त लगा-लगा कर आपने इतना सारा पैसा कमाया है ? कमाल है...

वृद्धा बोली :- कमाल कुछ नहीं है, बेटा, मैं अभी एक लाख रुपये की शर्त लगा सकती हूँ कि तुमने अपने सिर पर विग लगा रखा है ।

मैनेजर हँसते हुए बोला :- नहीं माताजी, मैं तो अभी जवान हूँ और विग नहीं लगाता ।

तो शर्त क्यों नहीं लगाते ? वृद्धा बोली ।

मैनेजर ने सोचा यह पागल बुढ़िया खामख्वाह ही एक लाख रुपये गँवाने पर तुली है, तो क्यों न मैं इसका फ़ायदा उठाऊँ... मुझे तो मालूम ही है कि मैं विग नहीं लगाता ।

मैनेजर एक लाख की शर्त लगाने को तैयार हो गया ।

वृद्धा बोली :- चूँकि मामला एक लाख रुपये का है, इसलिये मैं कल सुबह ठीक दस बजे अपने वकील के साथ आऊँगी और उसी के सामने शर्त का फ़ैसला होगा ।

मैनेजर ने कहा :- ठीक है, बात पक्की...

मैनेजर को रात भर नींद नहीं आई.. वह एक लाख रुपये और बुढ़िया के बारे में सोचता रहा ।

अगली सुबह ठीक दस बजे वह बुढ़िया अपने वकील के साथ मैनेजर के केबिन में पहुँची और कहा :- क्या आप तैयार हैं ?

मैनेजर ने कहा :- बिलकुल, क्यों नहीं ?

वृद्धा बोली :- लेकिन चूँकि वकील साहब भी यहाँ मौजूद हैं और बात एक लाख की है, अतः मैं तसल्ली करना चाहती हूँ कि सचमुच आप विग नहीं लगाते, इसलिये मैं अपने हाथों से आपके बाल नोचकर देखूँगी ।

मैनेजर ने पल भर सोचा और हाँ कर दी, आखिर मामला एक लाख का था ।
वृद्धा मैनेजर के नजदीक आई और धीर-धीरे आराम से मैनेजर के बाल नोचने लगी । उसी वक्त अचानक पता नहीं क्या हुआ, वकील साहब अपना माथा दीवार पर ठोंकने लगे ।

मैनेजर ने कहा :- अरे.. अरे.. वकील साहब को क्या हुआ ?

वृद्धा बोली :- कुछ नहीं, इन्हें सदमा लगा है, मैंने इनसे पाँच लाख रुपये की शर्त लगाई थी कि आज सुबह दस बजे मैं शहर के सबसे बड़े बैंक के मैनेजर के बाल नोचकर दिखा दूँगी ।

ठोको ताली 😂


Superb msg

एक नगर में एक मशहूर चित्रकार रहता था । चित्रकार ने एक बहुत सुन्दर तस्वीर बनाई और उसे नगर के चौराहे मे लगा दिया और नीचे लिख दिया कि जिस किसी को , जहाँ भी इस में कमी नजर आये वह वहाँ निशान लगा दे । जब उसने शाम को तस्वीर देखी उसकी पूरी तस्वीर पर निशानों से ख़राब हो चुकी थी । यह देख वह बहुत दुखी हुआ । उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे वह दुःखी बैठा हुआ था । तभी उसका एक मित्र वहाँ से गुजरा उसने उस के दुःखी होने का कारण पूछा तो उसने उसे पूरी घटना बताई । उसने कहा एक काम करो कल दूसरी तस्वीर बनाना और उस मे लिखना कि जिस किसी को इस तस्वीर मे जहाँ कहीं भी कोई कमी नजर आये उसे सही कर दे । उसने अगले दिन यही किया । शाम को जब उसने अपनी तस्वीर देखी तो उसने देखा की तस्वीर पर किसी ने कुछ नहीं किया । वह संसार की रीति समझ गया । "कमी निकालना , निंदा करना , बुराई करना आसान , लेकिन उन कमियों को दूर करना अत्यंत कठिन होता है "              
 "जिंदगी आईसक्रीम की तरह है, टेस्ट करो तो भी पिघलती है;.,,,
 वेस्ट करो तो भी पिघलती है,,,,,,
 इसलिए जिंदगी को टेस्ट करना सीखो,
    वेस्ट तो हो ही रही है.,,

 "Life is very beautiful"


जाने क्यूं
अब शर्म से,
चेहरे गुलाब नही होते।
जाने क्यूं
अब मस्त मौला मिजाज नही होते।

पहले बता दिया करते थे, दिल की बातें।
जाने क्यूं
अब चेहरे,
खुली किताब नही होते।

सुना है
बिन कहे
दिल की बात
समझ लेते थे।
गले लगते ही
दोस्त हालात
समझ लेते थे।

तब ना फेस बुक
ना स्मार्ट मोबाइल था
ना फेसबुक
ना ट्विटर अकाउंट था
एक चिट्टी से ही
दिलों के जज्बात
समझ लेते थे।

सोचता हूं
हम कहां से कहां आ गये,
प्रेक्टीकली सोचते सोचते
भावनाओं को खा गये।

अब भाई भाई से
समस्या का समाधान
 कहां पूछता है
अब बेटा बाप से
उलझनों का निदान
कहां पूछता है
बेटी नही पूछती
मां से गृहस्थी के सलीके
अब कौन गुरु के
चरणों में बैठकर
ज्ञान की परिभाषा सीखे।

परियों की बातें
अब किसे भाती है
अपनो की याद
अब किसे रुलाती है
अब कौन
गरीब को सखा बताता है
अब कहां
कृण्ण सुदामा को गले लगाता है

जिन्दगी मे
हम प्रेक्टिकल हो गये है
मशीन बन गये है सब
इंसान जाने कहां खो गये है!

इंसान जाने कहां खो गये है
 इंसान जाने कहां खो गये है....!!!!


Tuesday, June 2, 2015

🌼🌼🌼🌼
वो भी क्या दिन थे...

🌼 जब घड़ी एक आध के पास होती थी और समय सबके पास होता था।

🌼 बोलचाल में हिंदी का प्रयोग होता था और अंग्रेज़ी तो पीने के बाद ही बोली जाती थी।

🌼 लोग भूखे उठते थे पर भूखे सोते नहीं थे।

🌼 फिल्मों में हीरोइन को पैसे कम मिलते थे पर कपड़े वो पूरे पहनती थी।

🌼 लोग पैदल चलते थे और पदयात्रा करते थे पर पदयात्रा पद पाने के लिये नहीं होती थी।

🌼 साईकिल होती थी जो चार रोटी में चालीस का एवरेज देती थी।

🌼 चिट्ठी पत्री का जमाना था। पत्रों मे व्याकरण अशुद्ध होती थी पर आचरण शुद्ध हुआ करता थे।

🌼 शादी में घर की औरतें खाना बनाती थी और बाहर की औरतें नाचती थी अब घर की औरतें नाचती हैं और बाहर की औरते खाना बनाती है।

🌼 खाना घर खाते थे और शौच बाहर जाते थे और अब शौच घर में करते हैँ और खाना खाने बाहर जाते हैँ।

☺☺😉😉😩😩😩

एक हसीन लडकी राजा के
दरबार में डांस कर
रही थी..
.
(राजा बहुत बदसुरत था)
.
लडकी ने राजा से एक
एक सवाल पूछने की इजाजत
मांगी...
.
राजा ने कहा, 'चलो पुछो.'
.
लडकी ने कहा,
'जब हुस्न बंट रहा था
तब आप कहां
थे..??
.
राजा ने गुस्सा नही
किया
बल्कि मुस्कुराते हुवे कहा

'जब तुम हुस्न की लाइन्
में खडी
 हुस्न ले रही थी,
.
तो मैं किस्मत की
लाइन में खडा किस्मत ले
रहा था....
.
और देख आज तुझ जेसी
हुस्न वालीयां मेरे दरबार में
गुलाम की तरह
नाच रही है..
.
इसलिऐ किसी शायर ने बहुत
खुब कहा है,
.
"हुस्न ना मांग
नसीब मांग ए दोस्त,
हुस्न वाले तो
अक्सर
नसीब वालों के गुलाम
हुआ करते है..
👆☝👌👌👍👍


एक गरीब परिवार में एक सुन्दर सी बेटी👰 ने जन्म लिया..

बाप दुखी हो गया बेटा पैदा होता तो कम से कम काम में तो हाथ बटाता,,
        उसने बेटी को पाला जरूर,
 मगर दिल से नही....

वो पढने जाती थी तो ना ही स्कूल की फीस टाइम से जमा करता,
 और ना ही कापी किताबों पर ध्यान देता था...
अक्सर दारू पी कर घर में कोहराम मचाता था........

उस लडकी की मॉ बहुत अच्छी व बहुत भोली भाली थी वो अपनी बेटी को बडे लाड प्यार से रखती थी..
वो पति से छुपा-छुपा कर बेटी की फीस जमा करती
और कापी किताबों का खर्चा देती थी..
अपना पेट काटकर फटे पुराने कपडे पहन कर गुजारा कर लेती थी,
 मगर बेटी का पूरा खयाल रखती थी...

पति अक्सर घर से कई कई दिनों के लिये गायब हो जाता था.

जितना कमाता था दारू मे ही फूक देता था...

वक्त का पहिया घूमता गया
"
"
"
"
बेटी धीरे-धीरे समझदार हो गयी..
दसवीं क्लास में उसका एडमीसन होना था.
मॉ के पास इतने पैसै ना थे जो बेटी का स्कूल में दाखिला करा पाती..
बेटी डरडराते हुये पापा से बोली:
पापा मैं पढना चाहती हूं मेरा हाईस्कूल में एडमीसन करा दीजिए मम्मी के पास पैसै नही है...
बेटी की बात सुनते ही बाप आग वबूला हो गया और चिल्लाने लगा बोला: तू कितनी भी पड लिख जाये तुझे तो चौका चूल्हा ही सम्भालना है क्या करेगी तू ज्यादा पड लिख कर..

उस दिन उसने घर में आतंक मचाया व सबको मारा पीटा

बाप का व्यहार देखकर बेटी ने मन ही मन में सोच लिया कि अब वो आगे की पढाई नही करेगी....
एक दिन उसकी मॉ बाजार गयी

बेटी ने पूछा:मॉ कहॉ गयी थी
मॉ ने उसकी बात को अनसुना करते हुये कहा :
बेटी कल मै तेरा स्कूल में दाखिला कराउगी
बेटी ने कहा: नही़ं मॉ मै अब नही पडूगी मेरी वजह से तुम्हे कितनी परेशानी उठानी पडती है पापा भी तुमको मारते पीटते हैं कहते कहते रोने लगी..
मॉ ने उसे सीने से लगाते हुये कहा: बेटी मै बाजार से कुछ रुपये लेकर आयी हूं मै कराउगी तेरा दखिला..
बेटी ने मॉ की ओर देखते हुये पूछा: मॉ तुम इतने पैसै कहॉसे लायी हो??
मॉ ने उसकी बात को फिर अनसुना कर दिया...

वक्त वीतता गया
"
"
"
"मॉ ने जी तोड मेहनत करके बेटी को पढाया लिखाया
बेटी ने भी मॉ की मेहनत को देखते हुये मन लगा कर दिन रात पढाई की
 और आगे बडती चली गयी.......
""""
"""""""
""""""""""
इधर बाप दारू पी पी कर बीमार पड गया
डाक्टर के पास ले गये
डाक्टर ने कहा इनको टी.बी. है
"""
"""""
एक दिन तबियत ज्यादा गम्भीर होने पर बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया..
दो दिन बाद उस जबे होश आया तो डाक्टरनी का चेहरा देखकर उसके होश उड गये😳😳


वो डाक्टरनी कोई और नही वल्कि उसकी

अपनी बेटी थी..

शर्म से पानी पानी बाप
कपडे से अपना चेहरा छुपाने लगा
और रोने लगा हाथ जोडकर बोला: बेटी मुझे माफ करना मैं तुझे समझ ना सका...

दोस्तों बेटी 💎आखिर बेटी होती है
,,,,,,,,
बाप को रोते 😥देखकर बेटी ने बाप को गले लगा लिया..

""""""
दोस्तों गरीबी और अमीरी से कोई फर्क नहीं पडता,,
अगर इन्सान का इरादा हो तो आसमान में भी छेद हो सकता है

किसी ने खूब कहा //

"कौन कहता है कि आसमान मे छेद नही हो सकता,,
              अरे एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों"

"""

एक दिन बेटी माँ से बोली: माँ तुमने मुझे आजतक नहीं बताया कि मेरे हाईस्कूल के एडमीसन के लिये पैसै कहाँ से लायी थी??

बेटी के बार बार पूछने पर
 माँ ने जो बात बतायी
 उसे सुनकर
बेटी की रूह काँप गयी....

माँ ने अपने शरीर का खून बेच कर बेटी का एडमीसन कराया था....

दोस्तों तभी तो मॉ को भगवान का दर्जा दिया गया है
माँ जितना औलाद के लिये त्याग कर सकती है
उतना दुनियाँ में कोई और नही..

दो पंक्तियाँ माँ के लिये::::
गोदी में मुझको सुलाया है माँ ने,,
बडे प्यार से अपनी मीठी जुवॉ से,
बेटा कह कर बुलाया है माँ ने,,
मुझको लेके अपनी नरम बाजुओं मे,
मोहब्बत का झूला झुलाया है माँ ने,,
सभी जख्म अपने सीने पे लेके,
हर चोट से बचाया है माँ ने,,
कभी मेरे माथे पे काला टीका लगा के,
यूं बचपन में मुझको सजाया है माँ ने,,
यूं चेहरा दिखा के मुझे रोज अपना,
मुझे मेरे रव से मिलाया है माँ ने,,
ऐ इन्सॉ तू जो इतना इतरा के चलता है,
काबिल तुझे इसके बनाया है माँ ने,,

15 Golden Fengshui Tips for the Home



1) There should be no shoes or slippers lying around outside the main door of every house. Remove it if you can. Allow that space at the main door to be free and clear. Now, allow me to tell you why. The chi (energy) rides with the wind and will collect all the smell of those shoes and slippers into your house causing sickness. These chi then travels about in your house looking for water to stay but if there are no water fountains or fish tanks, then the chi will be disperse by wind.

2) There should be no television sets in your bedrooms: If you cannot get rid of that habit then after watching the televison programmes, cover it with a plastic table cloth. Remember it has to be plastic and not simply cloth.

3) There should be no mirrors opposite your bed or at the side of your bed. Mirrors opposite the bed can attract a third party to the relationship. Therefore, do not place mirrors anywhere you like and especially in your bedroom.

4) There should not be a dinning table opposite your altar table. Some people are still not aware of this concept and still have that in their dinning room. Shift the dinning table.

5) If you have a fish tank in your house, be careful. A fish tank placed correctly can bring about greater fortune as you will tap on the "Divine Water Dragon's Den". But if you tap wrongly, it can cause you to have lawsuits, bankrupcy, work pressure, troubles and problems. If you noticed any of these after placing the fish tank for approximately four months, shift your fish tank to another location.

6) In your kitchen, ensure that opposite your stove there is no refrigerator, washing machine, wash basin and toilet. The fire and water crash causing family members to have disagreements.

The fengshui solution ? Remove one of them.

7) Try not to allow children to sleep on mattresses on the floor. Yes, this allows young children not to fall off beds but it also causes young children to fall sick frequently. The reason is: chi is not able to flow underneath the bed. Ideally, chi should circulate around the mattress where our children sleeps to allow them to be healthy.

8) For young children, try to have their back to the wall when they write. It is important there should be a solid wall behind a children's writing table. This allows the child to have support so that he can sit there and study longer rather than for only half an hour and then they tend to move about because there is no solid wall behind their back. Adjust your writing table.

9) Do not allow children to sleep on double decker beds even if it means saving space. The child sleeping underneath the double decker bed will not have "fresh chi" and so his health might be weak. But if due to space constraints, then monitor your child's health if not add in a metal 6 rods windchime to break up the "stale chi" around his bed.

10) Your bed should always have a solid wall behind you. This is important if you wish to have a good rest. A solid wall simply means that you can go into deeper sleep and therefore enabling you to have good rest so that when you wake up in the morning, you will feel fresh and well rested. This also allows you to be able to concentrate on your work better.

11) There should be no beam on top of your bed, your stove, your sofa sets or the altar table. The beam above causes chi to be pressured thus enabling you to have pressures in life. Therefore, don't place furnitures underneath it or alternatively level the beam. But make sure if you choose the latter, it is important that you have enough height for that space.

12) If you have a lot of work pressure, maybe it's the marble table that you have in your dinning room that causes you to have those problems. Remove that marble table and change to a wooden one or alternatively live with that work pressure !

13) If your child usually falls sick in that bedroom: Then either change them to another bedroom or simply hang a six rod metal windchime as the metal element will break all the earth energies in that room. After hanging, if the wind could not do the job for you then you will have to "chime" it yourself and then watch for the good results.

14) Do not use a red sofa set: The colour red represent the element of fire. And for fengshui, some places simply cannot have the colour red in that sector. For example : the wealth area or some other sectors which without a fengshui check would be unable to tell you where it is. A red sofa sets gives rise to heavy work pressure, troubles and obstacles. Most people simply accept that life is like that without realising that THAT is caused by the bad fengshui of that red sofa ! Fengshui Solution ? Change the colour of your sofa.

15) Always open your bedroom windows at least once 20 minutes a day to allow fresh chi to come in - Why should we do it ? We do this so that it allows fresh new chi from outside to come into your bedroom, if not you will be sleeping with stale chi every night. And if that happens, then how can you expect your life to bring in more good fortune to come to you ? So open that window and never mind if dusts comes in ! The great good fortune that you can have will far exceeds the time you take to clean off the dust ! 
मायके गई हुई पत्नी का पति को पत्र !!

कृपया instructions ध्यान से पढ़े..
👿😏😏

कामवाली को salary दे दी है ज्यादा दानवीर मत बनना..

😰😰😫😫
आपको कितनी बार बताया है की पडोसन का paperwala, doodhwala, और laundrywala हमसे अलग है, हर रोज़ सुबह पूछने मत पोहोच जाना के पेपर आया के नही !!

🚪🚪🚪👕👕
अलमारी मै left side पर आपकी बनियान-चड्डी रखी है, right side पर pappu की है, last time सारा दिन office मै ऊपर नीचे खिंच रहे थे..

😎😎😎😎
चश्मा सही जगह पर रखना, last time मैं 5 दिन बाद आई थी तब fridge में से मिले थे..

📱📱📱📱
Mobile सम्भाल kar रखना last time bathroom के soap case मै से मिला था, पता नही बातरूम मै मोबाइल का क्या काम होता है !!

🍻🍻🍻😡😡😡
और हां, अपने सगे-सम्बंधी और यार -दोस्तों को ज्यादा जमा मत करना, पिछ्ली बार सोफे के कवर से कितने सारे मूंगफली के छिलके निकले थे..
 
😍😍😍👨👨😠😠😠

और ज्यादा उछलने की ज़रुरत नही है, मैं जल्दी ही आ जाउँगी..


📢 दो बुज़ुर्ग अदालत में तलाक के लिए गए।

जज ने पूछा, "इस उम्र में तलाक क्यों लेना चाहती हैं आप ?"

महिला बोली, "जज साहब! मेरे पति मुझ पर मानसिक अत्याचार कर रहे हैं।"

जज ने पूछा, "वो कैसे?"

महिला ने कहा, "इनकी जब मर्ज़ी होती है, मुझे खरी-खोटी सुना देते हैं... और जब मैं बोलना शुरू करती हूँ, अपने कान की मशीन निकाल देते हैं।"

😝😝😝😝


Monday, June 1, 2015

कलयुग के सुविचार
😜😜👍👍😜😜😝😛

रोज भगवान को याद करते हो
पर कभी सोचा है कि
किसी दिन भगवान ने याद कर लिया तो..??
लेने के देने पड जायेंगे
😝😛😛😛😛😛😛😛😛

"काम ऐसे करो कि लोग आपको
.
.
किसी दूसरे काम के लिए
बोलें ही नहीं"
😂😂😜😝😃😃😃

आज के जमाने में सत्संग उसी संत का बढ़िया रहता है जिसके पंडाल में गर्म पोहा-जलेबी और अदरक वाली चाय मिले। वरना ज्ञान तो अब वॉट्सएप पर भी बंटता है।
😃😃😃

जिस पुरुष ने आज के समय में बीवी, नौकरी, कारोबार और स्मार्टफोन के बीच में सामंजस्य बैठा लिया हो, वह पुरुष नहीं महापुरुष कहलाता है!
😃😃😃

आज सबसे बड़ी कुर्बानी वह होती है, जब हम अपना फोन चार्जिंग से निकाल कर किसी और का फोन लगा दें!
😃😃😄

“दुनिया में हर चीज मिल जाती है..
सिर्फ अपनी गलती नहीं मिलती
😃😃😃

आप कितने ही अच्छे काम कर लें, लेकिन लोग
उसे ही याद करते हैं, जो उधार लेकर मरा हो।
😃😃😃

यदि पेड़ों से wi-fi के सिगनल मिलते..
तो हम खूब पेड़ लगाते। अफसोस कि वे हमे आक्सीजन देते है
😃😃😃

आजकल माता-पिता को बस दो ही चिंताएं हैं।
इंटरनेट पर उनका बेटा क्या डाउनलोड कर रहा है और
बेटी क्या अपलोड कर रही है ।
😃😃😃

हर एक इंसान हवा में उड़ता फिरता है,
फिर भी ना जाने जमीन पर इतनी भीड़ क्यों है ।।
😃😃😃

जंगल में चरने गया बैल, दोस्तों के साथ पार्टी में बैठा पुरुष और ब्यूटी पार्लर में गयी महिला..
जल्दी वापस नहीं आते ।।
😃😃