*Kya Khoob Likha Hai*
*समंदर सारे शराब होते तो सोचो कितना बवाल होता,*
*हक़ीक़त सारे ख़्वाब होते तो सोचो कितना बवाल होता..!!*
*किसी के दिल में क्या छुपा है ये बस ख़ुदा ही जानता है,*
*दिल अगर बेनक़ाब होते तो सोचो कितना बवाल होता..!!*
*थी ख़ामोशी हमारी फितरत में तभी तो बरसो निभ गयी लोगो से,*
*अगर मुँह में हमारे जवाब होते तो सोचो कितना बवाल होता..!!*
*हम तो अच्छे थे पर लोगो की नज़र में सदा बुरे ही रहे,*
*कहीं हम सच में ख़राब होते तो सोचो कितना बवाल होता..*
*समंदर सारे शराब होते तो सोचो कितना बवाल होता,*
*हक़ीक़त सारे ख़्वाब होते तो सोचो कितना बवाल होता..!!*
*किसी के दिल में क्या छुपा है ये बस ख़ुदा ही जानता है,*
*दिल अगर बेनक़ाब होते तो सोचो कितना बवाल होता..!!*
*थी ख़ामोशी हमारी फितरत में तभी तो बरसो निभ गयी लोगो से,*
*अगर मुँह में हमारे जवाब होते तो सोचो कितना बवाल होता..!!*
*हम तो अच्छे थे पर लोगो की नज़र में सदा बुरे ही रहे,*
*कहीं हम सच में ख़राब होते तो सोचो कितना बवाल होता..*
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