Sunday, March 24, 2019

 NICE LINE👌
एक औरत बेटे को जन्म देने के लिये अपनी सुन्दरता त्याग देती है.......
और
वही बेटा एक सुन्दर बीवी के लिए अपनी माँ को त्याग देता है
********[**********]*****
जीवन में हर जगह
हम "जीत" चाहते हैं...

सिर्फ फूलवाले की दूकान ऐसी है
जहाँ हम कहते हैं कि
"हार" चाहिए।

क्योंकि

हम भगवान से
"जीत" नहीं सकते।

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धीमें से पढ़े बहुत ही
अर्थपूर्ण है यह मेसेज...

हम और हमारे ईश्वर,
दोनों एक जैसे हैं।

जो रोज़ भूल जाते हैं...


वो हमारी गलतियों को,
हम उसकी मेहरबानियों को।

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🔷 एक सुविचार 🔷

वक़्त का पता नहीं चलता अपनों के साथ.....

पर अपनों का पता चलता है,
वक़्त के साथ...

वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ,

पर अपने ज़रूर बदल जाते हैं वक़्त के साथ...!!!
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💯%✔

ज़िन्दगी पल-पल ढलती है,

जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती है... Ni

शिकवे कितने भी हो हर पल,
फिर भी हँसते रहना...

क्योंकि ये ज़िन्दगी जैसी भी है,
बस एक ही बार मिलती है।
ये SMS जरुर सबको भेजना .. बहूत ही सुंदर ( कृपया एक-एक शब्द पढें )
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कोई सोना चढाए , कोई चाँदी चढाए ;
कोई हीरा चढाए , कोई मोती चढाए ;

चढाऊँ क्या तुझे भगवन ; कि ये निर्धन का डेरा है ;

अगर मैं फूल चढाता हूँ , तो वो भँवरे का जूठा है ;
अगर मैं फल चढाता हूँ , तो वो पक्षी का जूठा है ;
अगर मैं जल चढाता हूँ , तो वो मछली का जूठा है ;
अगर मैं दूध चढाता हूँ , तो वो बछडे का जूठा है ;

चढाऊँ क्या तुझे भगवन ; कि ये निर्धन का डेरा है ;

अगर मैं सोना चढ़ाता हूँ , तो वो माटी का जूठा है ;
अगर मैं हीरा चढ़ाता हूँ , तो वो कोयले का जूठा है ;
अगर मैं मोती चढाता हूँ , तो वो सीपो का जूठा है ;
अगर मैं चंदन चढाता हूँ , तो वो सर्पो का जूठा है ;

चढाऊँ क्या तुझे भगवन, कि ये निर्धन का डेरा है ;

अगर मैं तन चढाता हूँ , तो वो पत्नी का जूठा है ;
अगर मैं मन चढाता हूँ , तो वो ममता का जूठा है ;
अगर मैं धन चढाता हूँ , तो वो पापो का जूठा है ;
अगर मैं धर्म चढाता हूँ , तो वो कर्मों का जूठा है ;

चढाऊँ क्या तुझे भगवन , कि ये निर्धन का डेरा है ;

तुझे परमात्मा जानू , तू ही तो है - मेरा दर्पण ;
तुझे मैं आत्मा जानू , करूँ मैं आत्मा अर्पण.

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