भगवान बुद्ध के प्रमुख उपदेश*
*♦️ 1. वर्तमान का ध्यान रखो*
मनुष्य को कभी भी अपने बीते हुए कल में नहीं उलझना चाहिए और ना ही भविष्य के स्वप्न बुनने चाहिए। मनुष्य को अपने वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए।
♦️ *2. क्रोध से मात्र हानि है*
क्रोध से किसी और का नहीं, बल्कि स्वयं मनुष्य की ही हानि होती है। क्रोधित होने का अर्थ है कि जलता हुआ कोयला हाथ में लेकर किसी और पर फेंकना, जो सबसे पहले स्वयं आपको ही जलाएगा।
♦️ *3. हजार विजय से पूर्व स्वयं पर विजय है आवश्यक*
मनुष्य को किसी भी युद्ध में विजय प्राप्त करने से पूर्व स्वयं पर विजय प्राप्त करनी चाहिए। जब तक मनुष्य ऐसा नहीं करता है, तब तक सारी विजय व्यर्थ ही मानी जाएंगी।
♦️ *4. सुखद संघर्ष है मूलमंत्र*
किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने वाली यात्रा बहुत आवश्यक होती है। मनुष्य को अपना लक्ष्य मिले या न मिले, लेकिन लक्ष्य प्राप्ति के लिए की जाने वाली यात्रा अच्छी होना चाहिए। इसका अनुभव जीवन भर हमारे साथ रहता है।
♦️ *5. बांटने से कम नहीं होती प्रसन्नता*
प्रसन्नता उस रोशनी के समान है, जिसे आप जितना दूसरों को देंगे, वो उतना ही और बढ़ेगी। जैसे कि एक जलता हुआ दीप, हजार दीप जलाकर रोशनी फैला सकता है, लेकिन इससे उसकी रोशनी पर कोई प्रभाव नहीं होगा, वैसे ही प्रसन्नता बांटने से बढ़ती हैं।
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