Thursday, July 27, 2017

एक बार इसे शांत चित्त से जरूर पढिए।

हर लडकी के लिए प्रेरक कहानी...
और लड़कों के लिए अनुकरणीय शिक्षा...,

कोई भी लडकी की सुदंरता उसके चेहरे से ज्यादा दिल की होती है।
...
...पति
ने घर मेँ पैर रखा....‘अरी सुनती हो !'

आवाज सुनते ही पत्नी हाथ मेँ पानी का गिलास लेकर बाहर आयी और बोली

"अपनी beti का रिश्ता आया है,

अच्छा भला इज्जतदार सुखी परिवार है,
लडके का नाम युवराज है ।
बैँक मे काम करता है।
बस beti  हाँ कह दे तो सगाई कर देते है."

Beti उनकी एकमात्र लडकी थी..

घर मेँ हमेशा आनंद का वातावरण रहता था ।

कभी कभार सिगरेट व पान मसाले के कारण उनकी पत्नी और beti के साथ कहा सुनी हो जाती लेकिन
वो मजाक मेँ निकाल देते ।

Beti खूब समझदार और संस्कारी थी ।

S.S.C पास करके टयुशन, सिलाई काम करके पिता की मदद करने की कोशिश करती ।

अब तो beti ग्रेज्यूऐट हो गई थी और नौकरी भी करती थी
लेकिन बाप उसकी पगार मेँ से एक रुपया भी नही लेते थे...

और रोज कहते ‘बेटी यह पगार तेरे पास रख तेरे भविष्य मेँ तेरे काम आयेगी ।'

दोनो घरो की सहमति से beti  और
युवराज की सगाई कर दी गई और शादी का मुहूर्त भी निकलवा दिया.

अब शादी के 15 दिन और बाकी थे.

बाप ने beti को पास मेँ बिठाया और कहा-

" बेटा तेरे ससुर से मेरी बात हुई...उन्होने कहा दहेज मेँ कुछ नही लेँगे, ना रुपये, ना गहने और ना ही कोई चीज ।

तो बेटा तेरे शादी के लिए मेँने कुछ रुपये जमा किए है।

यह दो लाख रुपये मैँ तुझे देता हूँ।.. तेरे भविष्य मेँ काम आयेगे, तू तेरे खाते मे जमा करवा देना.'

"OK PAPA" - beti ने छोटा सा जवाब देकर अपने रुम मेँ चली गई.

समय को जाते कहाँ देर लगती है ?

शुभ दिन बारात आंगन में आयी,

पंडितजी ने चंवरी मेँ विवाह विधि शुरु की।
फेरे फिरने का समय आया....

कोयल जैसे कुहुकी हो ऐसे beti दो शब्दो मेँ बोली

"रुको पडिण्त जी ।
मुझे आप सब की उपस्तिथि मेँ मेरे पापा के साथ बात करनी है,"

“पापा आप ने मुझे लाड प्यार से बडा किया, पढाया, लिखाया खूब प्रेम दिया इसका कर्ज तो चुका सकती नही...

लेकिन युवराज और मेरे ससुर जी की सहमति से आपने दिया दो लाख रुपये का चेक मैँ वापस देती हूँ।

इन रुपयों से मेरी शादी के लिए लिये हुए उधार वापस दे देना
और दूसरा चेक तीन लाख जो मेने अपनी पगार मेँ से बचत की है...

जब आप रिटायर होगेँ तब आपके काम आयेगेँ,
मैँ नही चाहती कि आप को बुढापे मेँ आपको किसी के आगे हाथ फैलाना पडे !

अगर मैँ आपका लडका होता तब भी इतना तो करता ना ? !!! "

वहाँ पर सभी की नजर beti  पर थी...

“पापा अब मैं आपसे जो दहेज मेँ मांगू वो दोगे ?"

बाप- भारी आवाज मेँ -"हां बेटा", इतना ही बोल सके ।

"तो पापा मुझे वचन दो"
आज के बाद सिगरेट के हाथ नही लगाओगे....

तबांकु, पान-मसाले का व्यसन आज से छोड दोगे।

सब की मौजुदगी मेँ दहेज मेँ बस इतना ही मांगती हूँ ।."

लडकी का बाप मना कैसे करता ?

शादी मे लडकी की विदाई समय कन्या पक्ष को रोते देखा होगा लेकिन

आज तो बारातियो कि आँखो मेँ आँसुओ कि धारा निकल चुकी थी।

मैँ दूर se us beti को लक्ष्मी रुप मे देख रहा था....

रुपये का लिफाफा मैं अपनी जेब से नही निकाल पा रहा था....

साक्षात लक्ष्मी को मैं कैसे लक्ष्मी दूं ??

लेकिन एक सवाल मेरे मन मेँ जरुर उठा,

“भ्रूण हत्या करने वाले लोगो को is जैसी लक्ष्मी मिलेगी क्या" ???
" "🌹बहूत सुंदर कथा 🌹" " "

मेरा वृन्दावन

 एक राजा ने भगवान कृष्ण का एक मंदिर बनवाया
और पूजा के लिए एक पुजारी को लगा दिया. पुजारी बड़े भाव से
बिहारीजी की सेवा करने लगे. भगवान की पूजा-अर्चना और
सेवा-टहल करते पुजारी की उम्र बीत गई. राजा रोज एक फूलों की
माला सेवक के हाथ से भेजा करता था.पुजारी वह माला बिहारीजी
को पहना देते थे. जब राजा दर्शन करने आता तो पुजारी वह माला बिहारीजी के गले से उतारकर राजा को पहना देते थे. यह रोज का
नियम था. एक दिन राजा किसी वजह से मंदिर नहीं जा सका.
उसने एक सेवक से कहा- माला लेकर मंदिर जाओ. पुजारी से कहना
आज मैं नहीं आ पाउंगा. सेवक ने जाकर माला पुजारी को दे दी और
बता दिया कि आज महाराज का इंतजार न करें. सेवक वापस आ
गया. पुजारी ने माला बिहारीजी को पहना दी. फिर उन्हें विचार आया कि आज तक मैं अपने बिहारीजी की चढ़ी माला
राजा को ही पहनाता रहा. कभी ये सौभाग्य मुझे नहीं
मिला.जीवन का कोई भरोसा नहीं कब रूठ जाए. आज मेरे प्रभु ने
मुझ पर बड़ी कृपा की है. राजा आज आएंगे नहीं, तो क्यों न माला
मैं पहन लूं. यह सोचकर पुजारी ने बिहारीजी के गले से माला
उतारकर स्वयं पहन ली. इतने में सेवक आया और उसने बताया कि राजा की सवारी बस मंदिर में पहुंचने ही वाली है.यह सुनकर
पुजारी कांप गए. उन्होंने सोचा अगर राजा ने माला मेरे गले में देख
ली तो मुझ पर क्रोधित होंगे. इस भय से उन्होंने अपने गले से
माला उतारकर बिहारीजी को फिर से पहना दी. जैसे ही राजा
दर्शन को आया तो पुजारी ने नियम अुसार फिर से वह माला
उतार कर राजा के गले में पहना दी. माला पहना रहे थे तभी राजा को माला में एक सफ़ेद बाल दिखा.राजा को सारा माजरा समझ गया
कि पुजारी ने माला स्वयं पहन ली थी और फिर निकालकर
वापस डाल दी होगी. पुजारी ऐसाछल करता है, यह सोचकर राजा
को बहुत गुस्सा आया. उसने पुजारी जी से पूछा- पुजारीजी यह
सफ़ेद बाल किसका है.? पुजारी को लगा कि अगर सच बोलता हूं
तो राजा दंड दे देंगे इसलिए जान छुड़ाने के लिए पुजारी ने कहा- महाराज यहसफ़ेद बाल तो बिहारीजी का है. अब तो राजा गुस्से
से आग- बबूला हो गया कि ये पुजारी झूठ पर झूठ बोले जा रहा
है.भला बिहारीजी के बाल भी कहीं सफ़ेद होते हैं. राजा ने कहा-
पुजारी अगर यह सफेद बाल बिहारीजी का है तो सुबह शृंगार के
समय मैं आउंगा और देखूंगा कि बिहारीजी के बाल सफ़ेद है या
काले. अगर बिहारीजी के बाल काले निकले तो आपको फांसी हो जाएगी. राजा हुक्म सुनाकर चला गया.अब पुजारी रोकर
बिहारीजी से विनती करने लगे- प्रभु मैं जानता हूं आपके
सम्मुख मैंने झूठ बोलने का अपराध किया. अपने गले में डाली
माला पुनः आपको पहना दी. आपकी सेवा करते-करते वृद्ध हो
गया. यह लालसा ही रही कि कभी आपको चढ़ी माला पहनने का
सौभाग्य मिले. इसी लोभ में यह सब अपराध हुआ. मेरे ठाकुरजी पहली बार यह लोभ हुआ और ऐसी विपत्ति आ पड़ी है. मेरे
नाथ अब नहींहोगा ऐसा अपराध. अब आप ही बचाइए नहीं तो
कल सुबह मुझे फाँसी पर चढा दिया जाएगा. पुजारी सारी रात रोते
रहे. सुबह होते ही राजा मंदिर में आ गया. उसने कहा कि आज
प्रभु का शृंगार वह स्वयं करेगा. इतना कहकर राजा ने जैसे ही मुकुट
हटाया तो हैरान रह गया. बिहारीजी के सारे बाल सफ़ेद थे. राजा को लगा, पुजारी ने जान बचाने के लिए बिहारीजी के बाल रंग
दिए होंगे. गुस्से से तमतमाते हुए उसने बाल की जांच करनी
चाही. बाल असली हैं या नकली यब समझने के लिए उसने जैसे
ही बिहारी जी के बाल तोडे, बिहारीजी के सिर से खून
कीधार बहने लगी. राजा ने प्रभु के चरण पकड़ लिए और क्षमा
मांगने लगा. बिहारीजी की मूर्ति से आवाज आई- राजा तुमने आज तक मुझे केवल मूर्ति ही समझा इसलिए आज से मैं तुम्हारे
लिए मूर्ति ही हूँ. पुजारीजी मुझे साक्षात भगवान् समझते हैं.
उनकी श्रद्धा की लाज रखने के लिए आज मुझे अपने बाल सफेद
करने पड़े व रक्त की धार भी बहानी पड़ी तुझे समझाने के लिए.
यह कहानी किसी पुराण से तो नहीं है लेकिन इसका मर्म
किसी पुराण की कथा से कम भी नहीं है. कहते हैं- समझो तो देव नहीं तो पत्थर.श्रद्धा हो तो उन्हीं पत्थरों में भगवान सप्राण
होकर भक्त से मिलने आ जाएंगे ।।

Monday, July 24, 2017

ज्योतिष व शास्त्रो के अनुसार नौ आदते आपके जीवन में अवशय होनी चाहिये– पढ़े और सभी को बताए

घरेलू उपचार
 १)👉::
अगर आपको कहीं पर भी थूकने की आदत है तो यह निश्चित है
 कि आपको यश, सम्मान अगर मुश्किल से मिल भी जाता है तो कभी टिकेगा ही नहीं . wash basin में ही यह काम कर आया करें ! यश,मान-सम्मान में अभिवृध्दि होगी।

२)👉::
जिन लोगों को अपनी जूठी थाली या बर्तन वहीं उसी जगह पर छोड़ने की आदत होती है उनको सफलता कभी भी स्थायी रूप से नहीं मिलती.!
बहुत मेहनत करनी पड़ती है और ऐसे लोग अच्छा नाम नहीं कमा पाते.! अगर आप अपने जूठे बर्तनों को उठाकर उनकी सही जगह पर रख आते हैं तो चन्द्रमा और शनि का आप सम्मान करते हैं ! इससे मानसिक शांति बढ़ कर अड़चनें दूर होती हैं।

३)👉::
जब भी आपके घर पर कोई भी बाहर से आये, चाहे मेहमान हो या कोई काम करने वाला, उसे स्वच्छ पानी ज़रुर पिलाएं !
ऐसा करने से हम राहु का सम्मान करते हैं.!
जो लोग बाहर से आने वाले लोगों को हमेशा स्वच्छ पानी पिलाते हैं उनके घर में कभी भी राहु का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता.! अचानक आ पड़ने वाले कष्ट-संकट नहीं आते।

४)👉::
घर के पौधे आपके अपने परिवार के सदस्यों जैसे ही होते हैं, उन्हें भी प्यार और थोड़ी देखभाल की जरुरत होती है.!
जिस घर में सुबह-शाम पौधों को पानी दिया जाता है तो हम बुध, सूर्य और चन्द्रमा का सम्मान करते हुए परेशानियों का डटकर सामना कर पाने का सामर्थ्य आ पाता है ! परेशानियां दूर होकर सुकून आता है।
 जो लोग नियमित रूप से पौधों को पानी देते हैं, उन लोगों को depression, anxiety जैसी परेशानियाँ नहीं पकड़ पातीं.!

५)👉::
जो लोग बाहर से आकर अपने चप्पल, जूते, मोज़े इधर-उधर फैंक देते हैं, उन्हें उनके शत्रु बड़ा परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए अपने चप्पल-जूते करीने से लगाकर रखें, आपकी प्रतिष्ठा बनी रहेगी।

६)👉::
उन लोगों का राहु और शनि खराब होगा, जो लोग जब भी अपना बिस्तर छोड़ेंगे तो उनका बिस्तर हमेशा फैला हुआ होगा, सिलवटें ज्यादा होंगी, चादर कहीं, तकिया कहीं, कम्बल कहीं ?
उसपर ऐसे लोग अपने पुराने पहने हुए कपडे़ तक फैला कर रखते हैं ! ऐसे लोगों की पूरी दिनचर्या कभी भी व्यवस्थित नहीं रहती, जिसकी वजह से वे खुद भी परेशान रहते हैं और दूसरों को भी परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए उठते ही स्वयं अपना बिस्तर समेट दें.! जीवन आश्चर्यजनक रूप से सुंदर होता चला जायेगा।

७)👉::
पैरों की सफाई पर हम लोगों को हर वक्त ख़ास ध्यान देना चाहिए, जो कि हम में से बहुत सारे लोग भूल जाते हैं ! नहाते समय अपने पैरों को अच्छी तरह से धोयें, कभी भी बाहर से आयें तो पांच मिनट रुक कर मुँह और पैर धोयें.!
आप खुद यह पाएंगे कि आपका चिड़चिड़ापन कम होगा, दिमाग की शक्ति बढे़गी और क्रोध
 धीरे-धीरे कम होने लगेगा.! आनंद बढ़ेगा।

८)👉::
रोज़ खाली हाथ घर लौटने पर धीरे-धीरे उस घर से लक्ष्मी चली जाती है और उस घर के सदस्यों में नकारात्मक या निराशा के भाव आने लगते हैं.!
इसके विपरीत घर लौटते समय कुछ न कुछ वस्तु लेकर आएं तो उससे घर में बरकत बनी रहती है.!
उस घर में लक्ष्मी का वास होता जाता है.! हर रोज घर में कुछ न कुछ लेकर आना वृद्धि का सूचक माना गया है.!
ऐसे घर में सुख, समृद्धि और धन हमेशा बढ़ता जाता है और घर में रहने वाले सदस्यों की भी तरक्की होती है.!

९)👉..
जूठन बिल्कुल न छोड़ें । ठान लें । एकदम तय कर लें। पैसों की कभी कमी नहीं होगी।
 अन्यथा नौ के नौ गृहों के खराब होने का खतरा सदैव मंडराता रहेगा। कभी कुछ कभी कुछ । करने के काम पड़े रह जायेंगे और समय व पैसा कहां जायेगा पता ही नहीं चलेगा।
🙏
अच्छी बातें बाँटने से दोगुनी तो होती ही हैं
– अच्छी बातों का महत्त्व समझने वालों में आपकी इज़्जत भी बढ़ती है
कभी कभी
 आप अपनी जिंदगी से
 निराश हो जाते हैं,
जबकि
 दुनिया में उसी समय
 कुछ लोग
 आपकी जैसी जिंदगी
 जीने का सपना देख रहे होते हैं।

घर पर खेत में खड़ा बच्चा
 आकाश में उड़ते हवाई जहाज
 को देखकर
 उड़ने का सपना देख रहा होता है,
परंतु
 उसी समय
 उसी हवाई जहाज का पायलट
 खेत ओर बच्चे को देख
 घर लौटने का सपना
 देख रहा होता है।

यही जिंदगी है।
 जो तुम्हारे पास है उसका मजा लो।

अगर धन-दौलत रूपया पैसा ही
 खुशहाल होने का सीक्रेट होता,
तो अमीर लोग नाचते दिखाई पड़ते,
लेकिन सिर्फ गरीब बच्चे
 ऐसा करते दिखाई देते हैं।

अगर पाॅवर (शक्ति) मिलने से
 सुरक्षा आ जाती
 तो
 नेता अधिकारी
 बिना सिक्युरिटी के नजर आते।
 परन्तु
 जो सामान्य जीवन जीते हैं,
वे चैन की नींद सोते हैं।

अगर खुबसुरती और प्रसिद्धि
 मजबूत रिश्ते कायम कर सकती
 तो
 सेलीब्रिटीज् की शादियाँ
 सबसे सफल होती।
 जबकि इनके तलाक
 सबसे सफल होते हैं

इसलिए दोस्तों,
यह जिंदगी ......

सभी के लिए खुबसुरत है
 इसको जी भरकर जीयों,
इसका भरपूर लुत्फ़ उठाओ
 क्योंकि
 जिदंगी ना मिलेगी दोबारा...

सामान्य जीवन जियें...
विनम्रता से चलें ...
और
 ईमानदारी पूर्वक प्यार करें...

स्वर्ग यहीं है
 एक ट्रक के पीछे एक
 बड़ी अच्छी बात लिखी देखी....

"ज़िन्दगी एक सफ़र है,आराम से चलते रहो
 उतार-चढ़ाव तो आते रहेंगें, बस गियर बदलते रहो"
 "सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए
 और
 जिंदगी का मजा लेना हैं तो दिल में अरमान कम रखिए !!

तज़ुर्बा है हमारा... . .. मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने .....पाँव फिसलते देखे हैं...!

👌👌👌👌😇😇

जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों,

यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा!

जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में ....

जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रह गए...

👌👌👌👌👌👌👌

पैसा इन्सान को ऊपर ले जा सकता है;

लेकिन इन्सान पैसा ऊपर नही ले जा सकता......

👌👌👌👌👌👌👌👌

कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है....

पर रोटी की साईज़ लगभग सब घर में एक जैसी ही होती है।

:👌 शानदार बात👌

इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले,

और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले...

‬👌👌👌👌👌😇😇

कर्मो' से ही पहेचान होती है इंसानो की...

महेंगे 'कपडे' तो,'पुतले' भी पहनते है दुकानों में !!..
मास्टर जी – *पत्नी पे निबन्ध लिखो ❓*
                                         छात्र – *पत्नी पर निबंध*

Answer - पत्नी नामक प्राणी भारत सहित पूरे विश्व में बहुतायत पाए जाती है।

प्राचीन समय में यह भोजन शाला में पायी जाती थी, लेकिन वर्तमान में यह *शॉपिंग मॉल्स , थिएटर्स  एवं रेस्तरा* के नजदीक विचरती हुई अधिक पायी जाती है।

पहले इस प्रजाति में *लम्बे बाल, सुन्दर आकृति* प्रायः पाये जाते थे। लेकिन अब *छोटे बाल, कृत्रिम श्वेत मुख, रक्त के सामान होठ* सामान्य रूप से देखे जा सकते है।

इनका मुख्य आहार पति नामक मूक प्राणी होता है। भारत में इन्हें *धर्मपत्नी, भाग्यवती, लक्ष्मी* नामो से भी जाना जाता है।

*अधिक बोलना, अकारण झगड़ना, अति व्यय करना*, इस प्रजाति के मुख्य लक्षणों में से है। हालाकि इस प्रजाति पर सम्पूर्ण अध्ययन करना संभव नहीं है, किन्तु सामान्यतः इनके निम्न प्रकार होते है।

1. *सुशील पत्नी*– यह प्रजाति अब लुप्त हो चुकी है। इस प्रजाति की प्राणी सुशील एवं सहनशील होतीे थी और घरो में ज्यादा पाये जाते थीे।

2. *आक्रामक पत्नी* – यह प्रजाति भारत सहित पूरे विश्व में बहुत अधिक मात्रा में पायी जाती है। ये अपनी आक्रामक शैली, एवं तेज प्रहार के लिए जानी जाती है। समय आने पर ये *बेलन, झाड़ू और चरण पादुकाओँ* का उपयोग अधिक करती है।

3. *झगडालू पत्नी* – यह प्रजाति भी वर्तमान में सभी जगह पायी जाती है। इन्हें जॊर से बोलना और झगडा करना अत्यंत पसंद होता है। इनका अधिकतर सामना *“सास”* नामक एक और अत्यंत खतरनाक प्राणी से होता है।

4. *खर्चीली पत्नी* – भारत जैसे गरीब देश में भी पत्नियों की ये प्रजाति निरंतर बढती जा रही है। इनकी मुख्य आदतों में क्रेडिट कार्ड रखना, *बिना विचार किये खर्च करना और बिना जरूरत वस्तुए खरीदना* है। इस प्रजाति के साथ पति नामक प्राणी को चप्पल में थका हुआ पीछे पीछे घूमते देखा जा सकता है।

5. *नखरीली पत्नी* – इस प्रजाति के प्राणी अधिकतर आइने के सामने देखी जाती है। इनके *होठ रक्त के सामान लाल, नाख़ून बड़े बड़े, केश सतरंगी और चेहरा श्वेत पाउडर* से लिपा होता है। इन्हें भोजन शाला में जाना और काम करना नापसंद होता है।

*चेतावनी*– पति नामक प्राणी के लिए इस प्रजाति के प्राणी अत्यंत खतरनाक व आक्रामक होते है। इन्हें समय-समय पर साड़ी, गिफ्ट्स, फ्लावर्स तथा करवा-चौथ के सुअवसर पर गहना इत्यादि के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है । लेकिन सनद रहे– केवल कुछ समय के लिए।

बीवियों के प्रकार
1. *आलसी बीवी* :::::::::::::
खुद जाकर चाय बना लो और एक कप मुझे भी दे देना …
2. *धमकाने वाली बीवी* ::::
कान खोलकर सुन लो , या तो इस घर में तुम्हारी माँ रहेगी या मैं …
3. *इतिहास-पसंद बीवी* ::::
सब जानती हूँ तुम्हारा खानदान कैसा है …
4. *भविष्य-वाचक बीवी* :::
अगले साथ जन्मो तक मेरे जैसी बीवी नहीं मिलेगी …
5. *भ्रमित बीवी*:::::::::::::
तुम आदमी हो या पजामा ?
6. *स्वार्थी बीवी* ::::::::::::
ये साड़ी मेरी माँ ने मुझे पहनने को दी है तुम्हारी बहनों के लिए नहीं ..
7. *शक्की बीवी* :::::::::::::
मेरी कौन सी सौतन से फ़ोन पर बात कर रहे थे ?
8. *अर्थशास्त्री बीवी* :::::::::
कौन सा कुबेर का खजाना कमा ले आते हो जो रोज़ पनीर खिलाऊ ?
9. *धार्मिक बीवी* :::::::::
शुक्र करो भगवान् का जो मेरे जैसी बीवी मिली …
10. *सबकी बीवी*:::::::::::::
मेरे नसीब में तुम ही लिखे थे

Monday, July 17, 2017

बिटिया बड़ी हो गयी, एक रोज उसने बड़े सहज भाव में अपने पिता से पूछा - "पापा, क्या मैंने आपको कभी रुलाया" ?

पिता ने कहा -"हाँ "

उसने बड़े आश्चर्य से पूछा - "कब" ?

पिता ने बताया - 'उस समय तुम करीब एक साल की थीं,
घुटनों पर सरकती थीं।
 मैंने तुम्हारे सामने पैसे, पेन और खिलौना रख दिया क्योंकि मैं ये देखना चाहता था कि, तुम तीनों में से किसे उठाती हो तुम्हारा चुनाव मुझे बताता कि, बड़ी होकर तुम किसे अधिक महत्व देतीं।
जैसे पैसे मतलब संपत्ति, पेन मतलब बुद्धि और खिलौना मतलब आनंद।

मैंने ये सब बहुत सहजता से लेकिन उत्सुकतावश किया था क्योंकि मुझे सिर्फ तुम्हारा चुनाव देखना था।

 तुम एक जगह स्थिर बैठीं टुकुर टुकुर उन तीनों वस्तुओं को देख रहीं थीं।
 मैं तुम्हारे सामने उन वस्तुओं की दूसरी ओर खामोश बैठा बस तुम्हें ही देख रहा था।
तुम घुटनों और हाथों के बल सरकती आगे बढ़ीं,
मैं अपनी श्वांस रोके तुम्हें ही देख रहा था और क्षण भर में ही तुमने तीनों वस्तुओं को आजू बाजू सरका दिया और उन्हें पार करती हुई आकर सीधे मेरी गोद में बैठ गयीं।
मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि, उन तीनों वस्तुओं के अलावा तुम्हारा एक चुनाव मैं भी तो हो सकता था।
 तभी तुम्हारा तीन साल का भाई आया ओर पैसे उठाकर चला गया,

वो पहली और आखरी बार था बेटा जब, तुमने मुझे रुलाया और बहुत रुलाया...

भगवान की दी हुई सबसे अनमोल धरोहर है बेटी...

क्या खूब लिखा है एक पिता ने...

हमें तो सुख मे साथी चाहिये दुख मे तो हमारी बेटी अकेली ही काफी है
: चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने
अपनी पत्नी से कहा : हमारे ज़माने में
मोबाइल नहीं थे..

*पत्नी* : पर ठीक पाँच बजकर पचपन
मिनट पर मैं पानी का ग्लास लेकर
दरवाज़े पे आती और आप आ पहुँचते..

*पति* : हाँ मैंने तीस साल नौकरी की
पर आज तक मैं ये नहीं समझ
पाया कि मैं आता इसलिए तुम
पानी लाती थी या तुम पानी लेकर
आती थी इसलिये मैं आता था..

*पत्नी* : हाँ.. और याद है.. तुम्हारे
रिटायर होने से पहले जब तुम्हें
डायबीटीज़ नहीं थी और मैं तुम्हारी
मनपसन्द खीर बनाती तब तुम कहते
कि आज दोपहर में ही ख़याल आया
कि खीर खाने को मिल जाए तो मज़ा
आ जाए..

*पति* : हाँ.. सच में.. ऑफ़िस से
निकलते वक़्त जो भी सोचता, घर पर
आकर देखता कि तुमने वही बनाया है..

*पत्नी* : और तुम्हें याद है जब पहली
डिलीवरी के वक़्त मैं मैके गई थी और
जब दर्द शुरु हुआ मुझे लगा काश..
तुम मेरे पास होते.. और घंटे भर में तो
जैसे कोई ख़्वाब हो, तुम मेरे पास थे..

*पति* : हाँ.. उस दिन यूँ ही ख़याल
आया कि ज़रा देख लूँ तुम्हें !!

*पत्नी* : और जब तुम मेरी आँखों में
आँखें डाल कर कविता की दो लाइनें बोलते..

*पति* : हाँ और तुम शर्मा के पलकें झुका
देती और मैं उसे कविता की 'लाइक' समझता !!

*पत्नी* : और हाँ जब दोपहर को चाय
बनाते वक़्त मैं थोड़ा जल गई थी और
उसी शाम तुम बर्नोल की ट्यूब अपनी
ज़ेब से निकाल कर बोले, इसे अलमारी
में रख दो..

*पति* : हाँ.. पिछले दिन ही मैंने देखा था
कि ट्यूब ख़त्म हो गई है,पता नहीं कब
ज़रूरत पड़ जाए, यही सोच कर मैं
ट्यूब ले आया था !!

*पत्नी* : तुम कहते आज ऑफ़िस के
बाद तुम वहीं आ जाना सिनेमा देखेंगे
और खाना भी बाहर खा लेंगे..

*पति* : और जब तुम आती तो जो
मैंने सोच रखा हो तुम वही साड़ी
पहन कर आती..

फिर नज़दीक जा कर उसका हाथ
थाम कर कहा : हाँ हमारे ज़माने में
मोबाइल नहीं थे..

पर..

"हम दोनों थे !!"

*पत्नी* : आज बेटा और उसकी बहू
साथ तो होते हैं पर..
बातें नहीं व्हाट्सएप होता है..
लगाव नहीं टैग होता है..
केमिस्ट्री नहीं कमेन्ट होता है..
लव नहीं लाइक होता है..
मीठी नोकझोंक नहीं अनफ़्रेन्ड होता है..

उन्हें बच्चे नहीं कैन्डीक्रश सागा,
टैम्पल रन और सबवे सर्फ़र्स चाहिए..

*पति* : छोड़ो ये सब बातें..
हम अब वायब्रंट मोड पे हैं
हमारी बैटरी भी 1 लाइन पे है..

अरे..!! कहाँ चली..?

*पत्नी* : चाय बनाने..

*पति* : अरे मैं कहने ही वाला था
कि चाय बना दो ना..

*पत्नी* : पता है.. मैं अभी भी कवरेज
में हूँ और मैसेज भी आते हैं..

दोनों हँस पड़े..

*पति* : हाँ हमारे ज़माने में
मोबाइल नहीं थे..!!

😊🙏😊🙏😊🙏😊🙏
To every lovely couple

             तकदीर :

एक   हसीन   लडकी
राजा  के  दरबार   में
डांस   कर  रही   थी...

( राजा   बहुत   बदसुरत   था )

 लडकी   ने   राजा   से   एक
 सवाल   की  इजाजत  मांगी
.
राजा   ने  कहा ,
                     " चलो  पुछो ."
.
लडकी   ने   कहा ,
   "जब    हुस्न   बंट   रहा   था
      तब   आप   कहां  थे..??
.
राजा   ने   गुस्सा   नही  किया
बल्कि
मुस्कुराते   हुवे   कहा
  ~  जब   तुम   हुस्न   की
       लाइन्   में   खडी
       हुस्न    ले   रही   थी , ~
.
 ~    तो   में
  किस्मत  की   लाइन  में  खडा
             किस्मत  ले  रहा  था
.
          और   आज
     तुझ  जैसीे   हुस्न   वालीयां
      मेरी  गुलाम   की   तरह
       नाच   रही   है...........
.
इसलीय  शायर  खुब  कहते  है,
.
    " हुस्न   ना   मांग
      नसीब   मांग   ए   दोस्त ,

       हुस्न   वाले   तो
      अक्सर   नसीब   वालों  के
      गुलाम   हुआ   करते   है...

      " जो   भाग्य   में   है ,
        वह   भाग   कर  आएगा,

         जो   नहीं   है ,
         वह   आकर   भी
         भाग   जाएगा....!!!!!."

यहाँ   सब   कुछ   बिकता   है ,
दोस्तों  रहना  जरा  संभाल  के,

बेचने  वाले  हवा भी बेच देते है,
      गुब्बारों   में   डाल   के,

        सच   बिकता   है ,
        झूट   बिकता   है,
       बिकती   है   हर   कहानी,

       तीनों  लोक  में  फेला  है ,
       फिर   भी   बिकता   है
       बोतल  में  पानी ,

कभी फूलों की तरह मत जीना,
जिस   दिन  खिलोगे ,
टूट  कर  बिखर्र  जाओगे ,
जीना  है  तो
पत्थर   की   तरह   जियो ;
जिस   दिन   तराशे   गए ,
" भगवान " बन  जाओगे...!!!!


🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

बंद कर दिया सांपों को सपेरे ने यह कहकर,

अब इंसान ही इंसान को डसने के काम आएगा।

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

आत्महत्या कर ली गिरगिट ने सुसाइड नोट छोडकर,

अब इंसान से ज्यादा मैं रंग नहीं बदल सकता!

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

गिद्ध भी कहीं चले गए, लगता है उन्होंने देख लिया,

कि इंसान हमसे अच्छा नोंचता है!

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

कुत्ते कोमा में चले गए, ये देखकर,

क्या मस्त तलवे चाटता है इंसान!

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

कोई टोपी, तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है,

मिले अगर भाव अच्छा, जज भी कुर्सी बेच देता है!

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

जला दी जाती है ससुराल में अक्सर वही बेटी,

जिसकी खातिर बाप किडनी बेच देता है!

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

ये कलयुग है, कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं इसमें,

कली, फल, फूल, पेड़, पौधे सब माली बेच देता है!

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

धन से बेशक गरीब रहो, पर दिल से रहना धनवान,

अक्सर झोपड़ी पे लिखा होता है: "सुस्वागतम"

और महल वाले लिखते हैं:
"कुत्तों सॆ सावधान"

🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃🔃

Sunday, July 16, 2017

 बड़ी मेहनत के बाद मैंने *प्राईवेट* नौकरी पायी है,
नौकरी में आया तो जाना, यहाँ एक तरफ कुआँ तो दूसरी तरफ खाई है।

🚇*जहाँ कदम कदम पर ज़िल्लत, और घड़ी घड़ी पर ताने हैं*

यहाँ मुझे अपनी ज़िन्दगी के कई साल बिताने हैं।

🚇अपनी गलती ना हो लेकिन क्षमा याचना हेतु हाथ फैलाने हैं.

फ़िर भी बात-बात पे डेबिट और Punishment ही पाने हैं.

🚇जानता हूँ ये 'अग्निपथ' है, फिर भी मैं चलने वाला हूँ,

क्योंकि मैं प्राईवेट नौकरी वाला हूँ।

🚇जहाँ एक तरफ मुझे boss की, और दूसरी तरफ family वालो की भी सुननी है,

यानी मुझे दो में से एक नहीं, बल्कि दोनों राह चुननी हैं।

🚇ड्यूटी अगर लेट हुयी तो boss  चिल्लाते हैं.

गलती चाहे किसी भी की भी हो सजा तो हम ही पाते हैं.

🚇दो नावों पे सवार हूँ फिर भी सफ़र पूरा करने वाला हूँ,

क्योंकि मैं प्राईवेट नौकरी वाला हूँ।

🚇आसान नहीं है सबको एक साथ खुश रख पाना,

परिवार के साथ वक़्त बिताना, और *Office*में job बचाना।

🚇परिवार के साथ बमुश्किल कुछ वक़्त ही बिता पाता हूँ,

घर जैसे कोई मुसाफिर खाना हो, वहां तो बस आता और जाता हूँ।

🚇फिर भी हर मोड़ पर मैं अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करने वाला हूँ,

क्योंकि मैं प्राईवेट नौकरी वाला हूँ

🚇Promotion, incriment की बात पर, हमें सालो लटकाया जाता है,

हक़ की बात करने पर ठेंगा दिखलाया जाता है।

🚇ये एक लड़ाई है, इसमें सबको साथ लेकर चलने वाला हूँ,

क्योंकि मै प्राईवेट नौकरी वाला  हूँ।

छुट्टी मिली ना घर जा सके, Duty में ही ईद-दिवाली-क्रिसमस मनाने का अजब कमाल है।

🚇टिफ़िन से टिफ़िन जब मिलते हैं, तो एक नया ही ज़ायका बन जाता है,

खुद के बनाये खाने में, और घर के खाने में फ़र्क़ साफ़ नज़र आता है।

🚇मजबूरी ने इतना कुछ सिखाया, आगे भी बहुत कुछ सीखने वाला हूँ,

क्योंकि मैं प्राईवेट नौकरी वाला हूँ।

🚇 कईलोग समझते है कि बड़ा मजा करते है, प्राईवेट नौकरी में

🚇 अब उन्हें कौन समझाए कि प्राईवेट कर्मी के लिए boss के पास सिर्फ वादे है,

Boss चाहे मनमानी करे, स्टाफ के लिए बड़े सख्त कायदे हैं।

🚇 सबको मैं बदल नहीं सकता, इसलिए अब ख़ुद को बदलने वाला हूँ,

क्योंकि मैं  प्राईवेट नौकरी  वाला हूँ।

*_(ये कविता मेरे समस्त प्राईवेट कर्मियो को समर्पित है।*_
जो *पिता* के पैरों को छूता है
           वो कभी *गरीब* नहीं होता।

जो *मां* के पैरों को छूता है
         वो कभी *बदनसीब* नही होता।

जो *भाई* के पैराें को छूता है
         वो कभी *गमगीन* नही होता।

जो *बहन* के पैरों को छूता है
       वो कभी *चरित्रहीन* नहीं होता।

*जो गुरू के पैरों को छूता है*
         *उस जैसा कोई*
                *खुशनसीब नहीं होता*.......

💞अच्छा *दिखने* के लिये मत जिओ
          बल्कि *अच्छा* बनने के लिए जिओ💞

 💞जो *झुक* सकता है वह सारी
          ☄दुनिया को *झुका* सकता है 💞


 💞 अगर बुरी आदत *समय पर न बदली* जाये
          तो बुरी आदत *समय बदल देती* है💞


  💞चलते रहने से ही *सफलता* है,
          रुका हुआ तो पानी भी *बेकार* हो जाता है 💞

💞 *झूठे दिलासे* से *स्पष्ट इंकार* बेहतर है
   अच्छी *सोच*, अच्छी *भावना*,
          अच्छा *विचार* मन को हल्का करता है💞

💞मुसीबत सब पर आती है,
          कोई *बिखर* जाता है
            और कोई *निखर* जाता है💞
💞दुनिया की ताकतवर चीज है *"लोहा"*🔩
       जो सबको काट डालता है ....
लोहे से ताकतवर है *"आग"*🔥
        💞जो लोहे को पिघला देती है....💞
💞आग से ताकतवर है *"पानी"*🌧
        ☄जो आग को बुझा देता है.... 💞
💞और पानी से ताकतवर है *"इंसान"*
        जो उसे पी जाता है....💞
💞इंसान से भी ताकतवर है *"मौत"*
         जो उसे खा जाती है....💞
💞और मौत से भी ताकतवर है *"दुआ"*
      जो मौत को भी टाल सकती है...💞

 💞 "तेरा मेरा"करते एक दिन चले जाना है...
         जो भी कमाया यही रह जाना है💞
      *💞कर ले कुछ अच्छे कर्म💞*
      *💞साथ यही तेरे आना है💞*

        *💞मुझे वो 👌🏼रिश्ते पसंद है,*
    *जिनमें "मैं" नहीं "हम"हो💞*✍🏻
पति-पत्नी एक भीड़ भरी बस में यात्रा कर रहे थे,



पतिदेव एक सुन्दर औरत से बस में सटकर खड़े

हुए थे ...



स्वाभाविक रूप में ,यह देखकर पत्नी जल रही थी !



अचानक वह सुन्दर औरत घूमी और आदमी के गाल पर

एक जोरदार तमाचा मारा !



''शर्म नहीं आती पराई औरत को चिकोटी काटते हुए!!!''



बस से उतरकर पति पत्नी को सफाई देने लगा कि उसने चिकोटी नहीं काटी थी।



पत्नी अर्थपूर्ण नज़रों से देखते हुए मुस्कुराकर

बोली ....



'' और चिपको ??? चिकोटी मैनें ही काटी थी ।"

बोलीये धर्मपत्नीयो की जय
बचपन मे 1 रु. की पतंग के पीछे
२ की.मी. तक भागते थे...
न जाने कीतने चोटे लगती थी...

वो पतंग भी हमे बहोत दौड़ाती थी...

आज पता चलता है,
दरअसल वो पतंग नहीं थी;
एक चेलेंज थी...

खुशीओं को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता है...
वो दुकानो पे नहीं मिलती...

शायद यही जिंदगी की दौड़ है ...!!!😊👍

 जब  बचपन  था,  तो  जवानी  एक  ड्रीम  था...
जब  जवान  हुए,  तो  बचपन  एक  ज़माना  था... !!

जब  घर  में  रहते  थे,  आज़ादी  अच्छी  लगती  थी...

आज  आज़ादी  है,  फिर  भी  घर  जाने  की   जल्दी  रहती  है... !!

कभी  होटल  में  जाना  पिज़्ज़ा,  बर्गर  खाना  पसंद  था...

 आज  घर  पर  आना  और  माँ  के  हाथ  का  खाना  पसंद  है... !!!

स्कूल  में  जिनके  साथ  ज़गड़ते  थे,  आज  उनको  ही  इंटरनेट  पे  तलाशते  है... !!

ख़ुशी  किसमे  होतीं है,  ये  पता  अब  चला  है...
बचपन  क्या  था,  इसका  एहसास  अब  हुआ  है...

काश  बदल  सकते  हम  ज़िंदगी  के  कुछ  साल..

.काश  जी  सकते  हम,  ज़िंदगी  फिर  एक  बार...!!


👘 जब हम अपने शर्ट में हाथ छुपाते थे
और लोगों से कहते फिरते थे देखो मैंने
अपने हाथ जादू से हाथ गायब कर दिए
|🌀🌀

✏जब हमारे पास चार रंगों से लिखने
वाली एक पेन हुआ करती थी और हम
सभी के बटन को एक साथ दबाने
की कोशिश किया करते थे |❤💚💙💜

👻 जब हम दरवाज़े के पीछे छुपते थे
ताकि अगर कोई आये तो उसे डरा सके..👥


👀जब आँख बंद कर सोने का नाटक करते
थे ताकि कोई हमें गोद में उठा के बिस्तर तक पहुचा दे |


🚲सोचा करते थे की ये चाँद
हमारी साइकिल के पीछे पीछे
क्यों चल रहा हैं |🌙🚲


🔦💡On/Off वाले स्विच को बीच में
अटकाने की कोशिश किया करते थे |


🍏🍎🍉🍑🍈 फल के बीज को इस डर से नहीं खाते
थे की कहीं हमारे पेट में पेड़ न उग जाए |


🍰🎂🍧🏆🎉🎁 बर्थडे सिर्फ इसलिए मनाते थे
ताकि ढेर सारे गिफ्ट मिले |

🔆फ्रिज को धीरे से बंद करके ये जानने
की कोशिश करते थे की इसकी लाइट
कब बंद होती हैं |


🎭  सच , बचपन में सोचते हम बड़े
क्यों नहीं हो रहे ?


और अब सोचते हम बड़े क्यों हो गए ?⚡⚡


🎒🎐ये दौलत भी ले लो..ये शोहरत भी ले लो💕


भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी...

मगर मुझको लौटा दो बचपन
का सावन ....☔

वो कागज़
की कश्ती वो बारिश का पानी..🌊🌊🌊
Bachpan ki storyes 🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽


                 Old hits
 

बचपन कि ये लाइन्स .
जिन्हे हम दिल से गाते
गुनगुनाते थे ..
और खेल खेलते थे ..!!
तो याद ताज़ा कर लीजिये ...!!


▶  मछली जल की रानी है,
       जीवन उसका पानी है।
       हाथ लगाओ डर जायेगी
       बाहर निकालो मर जायेगी।

***********

▶  आलू-कचालू बेटा कहाँ गये थे,
       बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे।
       बन्दर ने लात मारी रो रहे थे,
       मम्मी ने पैसे दिये हंस रहे थे।

************

▶  आज सोमवार है,
       चूहे को बुखार है।
       चूहा गया डाक्टर के पास,
       डाक्टर ने लगायी सुई,
       चूहा बोला उईईईईई।

**********

▶  झूठ बोलना पाप है,
       नदी किनारे सांप है।
       काली माई आयेगी,
       तुमको उठा ले जायेगी।

**********

▶  चन्दा मामा दूर के,
       पूए पकाये भूर के।
       आप खाएं थाली मे,
       मुन्ने को दे प्याली में।

**********

▶  तितली उड़ी,
       बस मे चढी।
       सीट ना मिली,
       तो रोने लगी।
       ड्राईवर बोला,
       आजा मेरे पास,
       तितली बोली ” हट बदमाश “।

****************

▶  मोटू सेठ,
       पलंग पर लेट ,
       गाडी आई,
       फट गया पेट

******************

😍😄😘😝👊👌👏👍🙏

‬: एक औरत थी,
जो अंधी थी❗
जिसके कारण उसके बेटे को
स्कूल
में बच्चे चिढाते थे❗
कि अंधी का बेटा आ गया,❗
हर बात पर उसे ये शब्द
सुनने
को मिलता था कि "अन्धी
का बेटा" ❗
इसलिए वो अपनी माँ से
चिडता था ❗ उसे
कही भी अपने
साथ लेकर जाने में
हिचकता था❗
उसे नापसंद करता था..❗
उसकी माँ ने उसे पढ़ाया..
और उसे इस लायक बना
दिया की वो अपने पैरो
पर
खड़ा हो सके..
लेकिन जब वो बड़ा आदमी
बन
गया तो अपनी माँ को
छोड़
अलग रहने लगा..❗
एक दिन एक बूढी औरत
उसके घर
आई और गार्ड से बोली..
मुझे तुम्हारे साहब से
मिलना है जब गार्ड ने
अपने मालिक से
बोल तो मालिक ने कहा
कि बोल
दो मै अभी घर पर नही हूँ.❗
गार्ड ने जब बुढिया से
बोला कि वो अभी नही
है..‼
तो वो वहा से चली
गयी..‼
थोड़ी देर बाद जब लड़का
अपनी कार से
ऑफिस के लिए
जा रहा होता है..❗
तो देखता है कि सामने
बहुत भीड़
लगी है..❗
और जानने के लिए कि वहा
क्यों भीड़
लगी है वह
वहा गया तो देखा उसकी
माँ वहा मरी पड़ी थी..❗
उसने
देखा की उसकी मुट्ठी में
कुछ है❗उसने जब
मुट्ठी खोली तो देखा की
एक
लेटर जिसमे यह
लिखा था कि बेटा जब तू
छोटा था तो खेलते वक़्त
तेरी आँख में सरिया धंस
गयी थी और तू
अँधा हो गया था तो मैंने
तुम्हे
अपनी आँखे दे दी थी..❗
इतना पढ़ कर लड़का जोर-
जोर से
रोने लगा..❗
उसकी माँ उसके पास नही

सकती थी..
दोस्तों वक़्त रहते ही
लोगो की वैल्यू
करना सीखो..❗
माँ-बाप का कर्ज हम
कभी नही चूका सकत..
हमारी प्यास का अंदाज़
भी अलग है
दोस्तों,❗
कभी समंदर को ठुकरा देते
है,❗
तो कभी आंसू तक पी जाते
है..‼
"बैठना भाइयों के बीच,
चाहे "बैर" ही क्यों ना
हो..💞
और खाना माँ के हाथो
का,
चाहे "ज़हर" ही क्यों ना
हो..‼.
क्या खूब लिखा है किसी ने...🖊

आगे सफर था और पीछे हमसफर था...🖊

रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता...🖊

मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी...🖊

ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...🖊

मुद्दत का सफर भी था और बरसो
 का हमसफर भी था

रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते...🖊

यूँ समँझ लो,

प्यास लगी थी गजब की
मगर पानी मे जहर था...🖊

पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते...🖊

बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए...🖊
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए...🖊

वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता...🖊
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता🖊

सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...🖊
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर...🖊

"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है...🖊

"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,

पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
 वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"...🖊

अजीब सौदागर है ये वक़्त भी
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया...🖊

अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा...🖊

लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ...🖊

बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है...🖊

“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...🖊

दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...🖊

बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी...🖊

भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की...🖊

जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है...🖊

हंसने की इच्छा ना हो,
तो भी हसना पड़ता है...🖊
.
कोई जब पूछे कैसे हो..?
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...🖊
.

ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों,
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है...🖊

"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती,
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...🖊

दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट, ये ढूँढ रहे हैं की
मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं...🖊

पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं...🖊

मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ,
कि...

पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम...🖊

गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने,
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम
*Biwi Special*  🔴 ⚫

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📍1. मांग भरने की सजा कुछ इस कदर पा रहा हूँ
की मांग पूरी करते-करते, अब मांग-मांग के खा रहा हूँ...!!!
😂😂😂😂😂😂😂😂😂

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📍2. पापा: बेटी, बड़ी हो के क्या करोगी?
बेटी: शादी...
पापा: गलत बात है...
अभी से किसी का बुरा नहीं सोचते...!
😍😍😍😍😍😍😍😍😍

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📍3. पति ने पान खरीद के पत्नी को खाने के लिए दिया.
पत्नी: अरे... आप ने तो अपने लिए लिया ही नहीं..!
पति: में तो ऐसे ही खामोश रह सकता हूँ...!!
😇😇😇😇😇😇😇😇😇

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📍4. बीवी क्या होती है?
बीवी भगवन के प्रसाद जैसे होती है,
जिसमे चाहते हुए भी कोई नुक्स नहीं निकाल सकते;
श्रद्धा और मज़बूरी के साथ चुपचाप खाए जाओ...!
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂

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📍5. पत्नी: मैंने सुना है की स्वर्ग में पुरुषो को अप्सराए मिलती है..
औरतो को क्या मिलता है.....?
पति:--- कुछ नहीं...!!
उपरवाला सिर्फ दुखी लोगो की ही सुनता है..!
🤑🤑🤑🤑🤑🤑🤑🤑🤑🤑

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📍6. पत्नी: मैंने सुना है की स्वर्ग में पति-पत्नी को साथ में रहेने नहीं देते...
पति: पगली, तभी तो उसे स्वर्ग कहेते है..!
😍😍😍😍😘😘😘😘😘😘

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📍7. मतदान करने के लिए उम्र 18 साल, और शादी के लिए 21 साल...
ऐसा क्यू...?
क्यू की, सरकार जानती है, की
बीवी संभालना, मुल्क सँभालने से ज्यादा मुश्किल है...!
😇😇😇😇😇😇😇😇😇😇

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📍8. FRIEND is- Asian Paints = जो दुनिया बदल दे...
GIRLFRIEND is- Everest Masala = जो टेस्ट में बेस्ट...
WIFE is-- Mosquito Coil = जो कोने-कोने से ढूंढ के मारे !
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂

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📍9. ज़िन्दगी के शुरुआत "S" से होती है:
S से सूरज, सुबह, शाम, समय,....
उसके बाद: S से सगाई, शादी, फिर सांस, ससुर, साला, साली,
और फिर सत्यानाश...!!!!!
😝😝😝😝😝😝😝😝😝😝

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📍10. पति: डार्लिंग, तुम खूबसूरत होती जा रही हो...
पत्नी (खुश हो कर, रसोईघर में से): तुमने कैसे जाना??
पति: तुम्हे देख कर रोटियां भी जलने लगी है...!!
😜😜😜😜😜😝😝😝😝😝

*****************************

📍11. किसी को उसके फटे हुए जूते, मैले कपडे, पुरानी घडी, उतरा हुआ मुंह,.... इत्यादि चीजो से उसे गरीब ना मानो....
हो सकता है, की वो आदमी शादीशुदा हो...!!
😜😜😜😜😜😝😝😝😝😝

*****************************

📍12. बहन की बिदाई पर छोटा भाई बोला:
“पापा,दीदी रो रही है लेकीन जीजु तो नही रो रहे !”
“बेटा,दीदी गेट तक रोएगी,जीजु कब्र तक रोएगा...”
😜 😜😜😜😝😝😝😝😝😝

******************************

📍13. एक आदमी ज्योतिषी से बोला.“मेरी शादी क्यों नही हो रही है??
ज्योतिष बोला,“कैसे होगी पगले? कुण्डली में सुख ही सुख जो लीखा है!!!!!!“
😜😜😜😜😜😝😝😝😝😝

******************************

📍17. पति: तेरे बाप की जले पर नमक छींकने की आदत गई नही |
पत्नी: क्यों क्या हुआ?
पति: आज फिर से पूछ रहा था,“मेरी बेटीसे शादी करके खुश तो हो ना?”
_एक बार ज़रूर पढ़े_

*एक किसान की मन की बात*:-
😞😞😞😞😞😞😞😞😞
कहते हैं..

इन्सान सपना देखता है
तो वो ज़रूर पूरा होता है.
मगर
किसान के सपने
कभी पूरे नहीं होते।

बड़े अरमान और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है, और जब तैयार हुई फसल को बेचने मंडी जाता है।

बड़ा खुश होते हुए जाता है...

बच्चों से कहता है...
आज तुम्हारे लिये नये कपड़े लाऊंगा फल और मिठाई भी लाऊंगा।।

पत्नी से कहता है..
तुम्हारी साड़ी भी कितनी पुरानी हो गई है फटने भी लगी है आज एक साड़ी नई लेता आऊंगा।।
😞😞😞😞😞
पत्नी:–”अरे नही जी..!”
“ये तो अभी ठीक है..!”
“आप तो अपने लिये
जूते ही लेते आना कितने पुराने हो गये हैं और फट भी तो गये हैं..!”

जब
किसान मंडी पहुँचता है।

ये उसकी मजबूरी है..
वो अपने माल की कीमत खुद नहीं लगा पाता।

व्यापारी
उसके माल की कीमत
अपने हिसाब से तय करते हैं...

एक
साबुन की टिकिया पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.।

एक
माचिस की डिब्बी पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.।

लेकिन किसान
अपने माल की कीमत खु़द नहीं कर पाता .।

खैर..
माल बिक जाता है,
लेकिन कीमत
उसकी सोच अनुरूप नहीं मिल पाती.।

माल तौलाई के बाद
जब पेमेन्ट मिलता है..

वो सोचता है..
इसमें से दवाई वाले को देना है, खाद वाले को देना है, मज़दूर को देना है ,

अरे हाँ,
बिजली का बिल
भी तो जमा करना है.

सारा हिसाब
लगाने के बाद कुछ बचता ही नहीं.।।

वो मायूस हो
घर लौट आता है।।

बच्चे उसे बाहर ही इन्तज़ार करते हुए मिल जाते हैं...

“पिताजी..! पिताजी..!” कहते हुये उससे लिपट जाते हैं और पूछते हैं:-
“हमारे नये कपडे़ नहीं ला़ये..?”

पिता:–”वो क्या है बेटा..,
कि बाजार में अच्छे कपडे़ मिले ही नहीं,
दुकानदार कह रहा था,
इस बार दिवाली पर अच्छे कपडे़ आयेंगे तब ले लेंगे..!”

पत्नी समझ जाती है, फसल
कम भाव में बिकी है,
वो बच्चों को समझा कर बाहर भेज देती है.।

पति:–”अरे हाँ..!”
“तुम्हारी साड़ी भी नहीं ला पाया..!”

पत्नी:–”कोई बात नहीं जी, हम बाद में ले लेंगे लेकिन आप अपने जूते तो ले आते..!”

पति:– “अरे वो तो मैं भूल ही गया..!”

पत्नी भी पति के साथ सालों से है पति का मायूस चेहरा और बात करने के तरीके से ही उसकी परेशानी समझ जाती है
लेकिन फिर भी पति को दिलासा देती है .।

और अपनी नम आँखों को साड़ी के पल्लू से छिपाती रसोई की ओर चली जाती है.।

फिर अगले दिन..
सुबह पूरा परिवार एक नयी उम्मीद ,
एक नई आशा एक नये सपने के साथ नई फसल की तैयारी के लिये जुट जाता है.।
….

ये कहानी...
हर छोटे और मध्यम किसान की ज़िन्दगी में हर साल दोहराई जाती है।।
…..

हम ये नहीं कहते
कि हर बार फसल के
सही दाम नहीं मिलते,

लेकिन...
जब भी कभी दाम बढ़ें, मीडिया वाले कैमरा ले के मंडी पहुच जाते हैं और खबर को दिन में दस दस बार दिखाते हैं.।।

कैमरे के सामने शहरी महिलायें हाथ में बास्केट ले कर अपना मेकअप ठीक करती मुस्कराती हुई कहती हैं...
सब्जी के दाम बहुत बढ़ गये हैं हमारी रसोई का बजट ही बिगड़ गया.।।
………

कभी अपने बास्केट को कोने में रख कर किसी खेत में जा कर किसान की हालत तो देखिये.।

वो किस तरह
फसल को पानी देता है.।।

25 लीटर दवाई से भरी हुई टंकी पीठ पर लाद कर छिङ़काव करता है||

20 किलो खाद की
तगाड़ी उठा कर खेतों में घूम-घूम कर फसल को खाद देता है.||

अघोषित बिजली कटौती के चलते रात-रात भर बिजली चालू होने के इन्तज़ार में जागता है.||

चिलचिलाती धूप में
सिर का पसीना पैर तक बहाता है.|

ज़हरीले जन्तुओं
का डर होते भी
खेतों में नंगे पैर घूमता है.||
……

जिस दिन
ये वास्तविकता
आप अपनी आँखों से
देख लेंगे, उस दिन आपके
किचन में रखी हुई सब्ज़ी, प्याज़, गेहूँ, चावल, दाल, फल, मसाले, दूध
सब सस्ते लगने लगेंगे.

Monday, July 10, 2017

*एक बेहद प्यारा सन्देश*👇🏽😊

पत्नी जब स्वयं माँ बनने का समाचार सुनाये और वो खबर सुन, आँखों में से खुशी के आँशु टप टप गिरने लगे
तब ... आदमी......

" पुरुष से पिता बनता है"

नर्स द्वारा कपडे में लिपटा कुछ पाउण्ड का दिया जीव, जवाबदारी का प्रचण्ड बोझ का अहसास कराये
तब .....आदमी.....

" पुरुष से पिता बनता है"

रात - आधी रात, जागकर पत्नी के साथ, बेबी का डायपर बदलता है, और बच्चे को कमर में उठा कर घूमता है, उसे चुप कराता है, पत्नी को कहता है तू सो जा में इसे सुला दूँगा।
तब..........आदमी......

" पुरुष से, पिता बनता हैं "

मित्रों के साथ घूमना, पार्टी करना जब नीरस लगने लगे और पैर घर की तरफ बरबस दौड़ लगाये
तब ........आदमी......

"पुरुष से पिता बनता हैं"

"हमने कभी लाईन में खड़ा होना नहीं सिखा " कह, हमेशा ब्लैक में टिकट लेने वाला, बच्चे के स्कूल में दाखिले का फॉर्म लेने हेतु पूरी ईमानदारी से सुबह 4 बजे से लाईन में खड़ा होने लगे
तब .....आदमी....

" पुरुष से पिता बनता हैं "

जिसे सुबह उठाते साक्षात कुम्भकरण की याद आती हो और वो जब रात को बार बार उठ कर ये देखने लगे की मेरा हाथ या पैर कही बच्चे के ऊपर तो नहीं आ गया एवम् सोने में पूरी सावधानी रखने लगे
तब .....आदमी...

" पुरुष से पिता बनता हैं"

असलियत में एक ही थप्पड़ से सामने वाले को चारो खाने चित करने वाला, जब बच्चे के साथ झूठ मूठ की लड़ाई में बच्चे की नाजुक थप्पड़ से जमीन पर गिरने लगे
तब...... आदमी......

" पुरुष से पिता बनता हैं"

खुद भले ही कम पढ़ा या अनपढ़ हो, काम से घर आकर बच्चों को " पढ़ाई बराबर करना, होमवर्क पूरा किया या नहीं"
बड़ी ही गंभीरता से कहे
तब ....आदमी......

" पुरुष से पिता बनता हैं "

खुद ही की कल की मेहनत पर ऐश करने वाला, अचानक बच्चों के आने वाले कल के लिए आज हालात से समझोता करने लगे
तब ....आदमी.....

" पुरुष से पिता बनता हैं "

ओफ़ीस का बॉस, कईयों को आदेश देने वाला, स्कूल की पेरेंट्स मीटिंग में क्लास टीचर के सामने डरा सहमा सा, कान में तेल डाला हो ऐसे उनके हर निर्देशों को ध्यान से सुनने लगे
तब ....आदमी......

" पुरुष से पिता बनता है"

खुद की पदोन्नति से भी ज्यादा
बच्चे की स्कूल की सादी यूनिट टेस्ट की ज्यादा चिंता करने लगे
तब ....आदमी.......

" पुरुष से पिता बनता है "

खुद के जन्मदिन का उत्साह से ज्यादा बच्चों के जन्मदिन की पार्टी की तैयारी में मग्न रहे
तब .... आदमी.......
" पुरुष से पिता बनाता है "

हमेशा अच्छी अच्छी गाडियो में घुमाने वाला, जब बच्चे की सायकल की सीट पकड़ कर उसके पीछे भागने में खुश होने लगे
तब ......आदमी....
" पुरुष से पिता बनता है"

खुदने देखी दुनिया, और खुद ने की अगणित भूले, पर बच्चे ना करे, इसलिये उन्हें टोकने की शुरुआत करे
तब .....आदमी......
" पुरुष से पिता बनता है"

बच्चों को कॉलेज में प्रवेश के लिए, किसी भी तरह पैसे ला कर अथवा वर्चस्व वाले व्यक्ति के सामने दोनों जोड़े
तब .......आदमी.......
" पुरुष से पिता बनता है "

"आपका समय अलग था,
अब ज़माना बदल गया है,
आपको कुछ मालूम नहीं"
" This is generation gap "
ये शब्द खुद ने कभी बोला ये याद आये और मन ही मन बाबूजी को याद कर माफी माँगने लगे
तब ....आदमी........
" पुरुष से पिता बनता है "

लड़का बाहर चला जाएगा, लड़की ससुराल, ये खबर होने के बावजूद, उनके लिए सतत प्रयत्नशील रहे
तब ...आदमी......
" पुरुष से पिता बनता है "

बच्चों को बड़ा करते करते कब बुढापा आ गया, इस पर ध्यान ही नहीं जाता, और जब ध्यान आता है तब उसका कोइ अर्थ नहीं रहता
तब ......आदमी.......
" पुरुष से पिता बनता है"

Sunday, July 9, 2017

ये जो कुल्फी खाते हुये
एक हंथेली कुल्फी के नीचे लगाये रहते हो ना...

इसे ही गीता में श्रीकृष्ण ने *मोह* बताया है.
 😂😂😜😜😜

Or

और कुल्फी खतम होने के बाद भी जो डण्डी चाटते ही रहते हो ना....

इसे ही गीता में श्रीकृष्ण ने *लोभ* कहा है
🙏😀🙏
😂😂😜😜😜



और डण्डी फेकने के बाद , सामने वाले की कुल्फी देखकर सोचना कि उसकी खत्म क्यों नहीं हुई,

इसे गीता मे *ईष्या* कहा गया है,
☺😂😀😌😋



और कुल्फी खतम होने से पहले डऩ्डी से नीचे गिर जाये और केवल डण्डी हाथ मे रह जाये तब तुम्हारे मन में जो आता है....                             😁

इसे ही गीता मे *क्रोध* कहा है 😡


और इसे पढ़कर जो हंसी आती है ना उसे *मोक्ष* कहते है.....😊



ये जो तुम मेसेज़ भेजने के बाद
बार बार दो नीली धारियाँ चेक
करते हो ना ...


इसे ही शास्त्रों में *'उतावलापन'* कहा गया है...😊



ये घरवाले जो जगाने के लिए सुबह-सुबह कूलर-पंखा  बंद कर देते है,
शास्त्रों में इसे ही *छल कपट* कहा गया है...



फ्रूटी खत्म होने के बाद ये जो आप स्ट्रा से सुड़प-सुड़प करके आखिरी बून्द तक पीने की कोशिश करते हो न....

शास्त्रो में इसे ही *मृगतृष्णा* कहा गया है😜😜



ये जो तुम लोग केले 🍌 खरीदते वक्त, अंगूर 🍇 क्या भाव दिये ? बोल के 5-7 अंगूर खा जाते हो ना......शास्त्रो में इसे ही *"अक्षम्य अपराध"* कहा गया है।😂😂😜😜😜😜



और ताला लगाने के बाद उसे पकड़ कर खींचते हो ना......


इसे ही शास्त्रों में *'भय'* कहा गया है 👹😂😂
☘यही है आज का ज्ञान
💞💕💞
✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻

*भरोसा खुद पर रखो*
                 *तो ताकत बन जाती है*
*और दूसरों पर रखो तो*
                 *कमजोरी बन जाती है…!*
*आप कब सही थे...*
                *इसे कोई याद नहीं रखता।*
*लेकिन आप कब गलत थे...*
                *इसे सब याद रखते हैं।*

*पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है"*
   *"जिसको समस्या न हो"*
           *"और"*
*"पृथ्वी पर कोई समस्या ऐसी नहीं है"*
*"जिसका कोई समाधान न हो...*

*मंजिल  चाहें  कितनी भी  ऊँची  क्यों न हो,  रास्ते  हमेशा  पैरों  के  नीचे  ही  होते है।
एक शर्मनाक कड़वी सच्चाई...!!!~*

*नदी तालाब में नहाने में शर्म आती है,
और
स्विमिंग पूल में तैरने को फैशन कहते हैं.*

गरीब को एक रुपया दान नहीं कर सकते,
और
वेटर को टिप देने में गर्व महसूस करते हैं.

*माँ बाप को एक गिलास पानी भी नहीं दे सकते,
और
नेताओं को देखते ही वेटर बन जाते हैं.*

बड़ों के आगे सिर ढकने में प्रॉब्लम है,
लेकिन
धूल से बचने के लिए 'ममी' बनने को भी तैयार हैं.

*पंगत में बैठकर खाना दकियानूसी लगता है,
और
पार्टियों में खाने के लिए लाइन लगाना अच्छा लगता है.*

*बहन कुछ माँगे तो फिजूल खर्च लगता है,
और
गर्लफ्रेन्ड की डिमांड को अपना सौभाग्य समझते हैं.*

गरीब की  सब्ज़ियाँ खरीदने मे इन्सल्ट होती है,
और
शॉपिंग मॉल में अपनी जेब कटवाना गर्व की बात है.

*बाप के मरने पर सिर मुंडवाने में हिचकते हैं,
और
'गजनी' लुक के लिए हर महीने गंजे हो सकते हैं.*

कोई पंडित अगर चोटी रखे तो उसे एन्टीना कहते हैं.
और
शाहरुख के 'डॉन' लुक के दीवाने बने फिरते हैं.
.
*किसानों के द्वारा उगाया अनाज खाने लायक नहीं लगता,
और
उसी अनाज को पॉलिश कर के कम्पनियाँ बेचें, तो क्वालिटी नजर आने लगती है...॥*

ये सब मात्र अपसंस्कृति ही नही,
देश व समाज का दुर्भाग्य भी है ।

आपकी इच्छा हो तो शेयर करे।अन्यथा कोई कसम बंधन नही है।

वन्देमातरम
So sweet lines
घरवाली मैके गई तब ऑफिस में था। जब घर पहुँचा तो ये नोट टीवी पर चिपका मिला ।
👇🏼

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माँ के घर जा रही हूँ बच्चों को ले के। नीचे के बातों पर ध्यान से अमल करना।
. .

1 - दोस्तों को घर बुला के कबाडखाना मत बना देना। पिछली बार चार लार्ज पिझ्झा के बिल मिले थे सोफे के नीचे ...

2 -चार्जर ले के बाथरूम में मत जाना। कोई बाथरूम में चार्जर भला क्यों ले जाता हैं .??

3 - चश्मा आईने के पास रखना। पिछले बार फ्रीज में मिला था ।

4 - काम वाली बाई की पगार दे चुकी हूँ ।
फोकट में प्यार जताने की कोई ज़रूरत नहीं ।

5 - तड़के उठकर पड़ोसियों को  जगा के पेपर आया के नहीं यह पूछने की जरूरत नही।
हमारा पेपरवाला उनसे अलग हैं ।..
और दूधवाला और लाॅन्ड्रीवाला भी।

6 - तुम्हारी अंडरवियरें अलमारी के नीचे के खानो में हैं और बच्चों की उपर के खाने में रखी होती है । पिछले बार की तरह बच्चों की पहन के मत चले जाना।....

7 - तुम्हारी सारी रीपोर्ट नाॅर्मल हैं ।
बार बार उस लेडी डाॅक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं ।

8 - मेरी बहन और भाभी का बर्थ डे पिछले महिने ही हो गया हैं । रात को फोन करके उनको विश करने की कौनो जरूरत नहीं ।

9 - वाय-फाय का पासवर्ड बदल दिया हैं । जल्दी से सो जाना।....

10 -ज्यादा खुश होने और चहकने की जरूरत नहीं है... क्योंकि मिसेस खन्ना , मिसेस अय्यर , मिसेस त्रिवेदी , मिसेस  अन्सारी, मिसेस रस्तोगी, मिसेस चतुर्वेदी सभी के सभी बाहर गाँव जाने वाली हैं ।

11. शक्कर, पत्ती, काॅफी मांगने के बहाने उस कलमुही प्रिया के घर पे बार बार जाने का नही। मैंने  सारी चीजें ला के रख दी है।

और सबसे जरूरी बात .....

12 - ओव्हरस्मार्ट बनने की कोशिश मत करो। मैं किसी भी वक्त वापस आ सकती हूँ
हर पल को खूशी से जीने को ही जिंदगी कहते है।

"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं,

*"काम में खुश हूं," आराम में खुश हू,*
"आज पनीर नहीं," दाल में ही खुश हूं,

*"आज गाड़ी नहीं," पैदल ही खुश हूं*

"दोस्तों का साथ नहीं," अकेला ही खुश हूं,

*"आज कोई नाराज है," उसके इस अंदाज से ही खुश हूं,*

*"जिस को देख नहीं सकता," उसकी आवाज से ही खुश हूं,*

"जिसको पा नहीं सकता," उसको सोच कर ही खुश हूं,

"बीता हुआ कल जा चुका है," उसकी मीठी याद में ही खुश हूं,

"आने वाले कल का पता नहीं," इंतजार में ही खुश हूं,

"हंसता हुआ बीत रहा है पल," आज में ही खुश हूं,

"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं,

अगर दिल को छुआ, तो जवाब देना,
वरना मै तो बिना जवाब के भी खुश हूं.
मिनट तक हँसोगे पढ़ना जरूर😴😛
.
एक लड़की तोता खरीदने बाज़ार गई ,
और एक बोलने वाला तोता पसंद का लिया ।
.
लड़की तोते से :: " में कैसी लग ही हुँ ।"
.
तोता :: " बहुत आवारा सी लग रही हो ।"--
.
लड़की को गुस्सा आया। तोते का मालिक दूकानदार भी गहाकी खराब होते देख कर गुससे में आ गया, और तोते को पानी में गौता दिया और कहा " अब अगर तुम ने गलत बात की तो पानी में डूबो दूंगा ।"
.
तोते ने ठीक बात करने का वादा कर लिया ।
.
लड़की तोते से फिर बोली । " अच्छा यह बताओ अगर घर में एक मै हूँ ,और एक आदमी हो , वो आदमी कौन हो सकता है ? "
.
तोता बोला :-; "आपका पति ।"
.
लड़की :-: " और अगर मेरे साथ दो आदमी हो तो दूसरा आदमी कौन होगा ? "
.
तोता :-; " आप का देवर ।"
.
लडकी :-: "अगर तीन हो तो ? "😴
.
तोता :-: आपका पति ,आपका देवर ,आपका ससूर ।
.
लड़की :-: "अगर चार हो तो ? "?????????
.
तोता :-: ( मालिक की तरफ़ देखकर ) पानी लाओ मालिक..  मैने पहले ही बता दिया था लड़की आवारा है ।"
क्या हुआ तुमको अगर
चेहरे बदलना आ गया,
हमको भी हालात के
साँचे में ढलना आ गया ।

रोशनी के वास्ते धागे को
जलते देखकर,
ली नसीहत मोम ने
उसको पिघलना आ गया ।

शुक्रिया ऎ पत्थरो,
बेहद तुम्हारा शुक्रिया,
सर झुकाकर जो मुझे
रस्ते पे चलना आ गया ।

सरफिरी आँधी का
थोड़ा-सा सहारा क्या मिला,
धूल को इंसान के सर तक
उछलना आ गया ।

बिछ गये फिर खु़द-ब-खु़द
रास्तो में कितने ही गुलाब,
जब हमें काँटों पे नंगे पाँव
चलना आ गया ।

चाँद को छूने की कोशिश में
तो नाकामी मिली,
हाँ मगर, नादान बच्चे को
उछलना आ गया ।

पहले बचपन, फिर जवानी,
फिर बुढ़ापे के निशान,
उम्र को भी देखिए कपड़े
बदलना आ गया ।

Thursday, July 6, 2017

*6 छोटी-छोटी  कहानियाँ*
       
                ( 1 )

*एक बार गाँव वालों ने यह निर्णय लिया कि बारिश ☔के लिए ईश्वर से प्रार्थना🙏 करेंगे , प्रार्थना के दिन सभी गाँव वाले एक जगह एकत्रित हुए , परन्तु एक बालक🙇 अपने साथ छाता 🌂भी लेकर आया ।*
                  👇
               
        *🔔    इसे कहते हैं  🔔*
              *🎄  आस्था🎄*

                  🌾
                ( 2 )

*👶जब आप एक बच्चे को हवा में उछालते हैं तो वह हँसता 😀 है , क्यों कि वह जानता है कि आप उसे पकड़ लेंगे ।*
                 👇
             
         *🐾इसे कहते हैं🐾*
           *✌ विश्वास✌*

                  🌾
                ( 3 )

*🌜प्रत्येक रात्रि को जब हम सोने के लिए जाते हैं तब इस बात की कोई गारण्टी नहीं है कि सुबह☀ तक हम जीवित रहेंगे भी कि नहीं , फिर भी हम घड़ी ⏰ में अलार्म लगाकर सोते हैं ।*
                 👇
      *💡इसे कहते हैं*
      *🌞आशा(उम्मीद)🌞*
   

                   🌾
                 ( 4 )

*हमें भविष्य के बारे में कोई जानकारी नहीं है फिर भी हम आने वाले कल के लिए बड़ी बड़ी योजनाएं बनाते हैं ।*
               
                 👇
      *👉 इसे कहते हैं👈*
      *💪 आत्मविश्वास💪*
---------------------------------------
                  🌾
                ( 5 )
 *💞  हम देखरहे हैं कि दुनियाँ कठिनाइयों से जूझरही है फिर भी हम शादी 🎎 करते हैं ।*          
                 👇
    *🎵  इसे कहते हैं 🎵*
           *💘  प्यार  💘*
   
                 
                    🌾
                   ( 6 )

*👍 एक 60 साल की उम्र वाले व्यक्ति की शर्ट पर एक शानदार वाक्य लिखा था , "मेरी उम्र 60 साल नहीं है , मैं तो केवल मधुर - मधुर 16 साल का हूँ , 44 साल के अनुभव के साथ ।"*

                  👇
      *👊 इसे कहते हैं 👊*
         *👀  नज़रिया  👀*
           ---------------

*जीवन खूबसूरत है , इसे सर्वोत्तम के लिए जियो।*

*संसार में केवल मनुष्य ही ऐसा एकमात्र प्राणी है*
*जिसे ईश्वर ने हंसने का गुण दिया है, इसे खोईए मत.*

*"बिखरने दो होंठों पे हंसी के फुहारों को*
*दोस्तों,*
*प्यार से बात कर लेने से जायदाद कम नहीं होती है*

*इन्सान तो हर घर में पैदा होते हैं....!!*
*बस इंसानियत कहीं-कहीं जन्म लेती है.*
                                                                                  🌸|| जय द्�
Minimum 35 Ways to Respect your Parents. Must read

1. Put away your phone in
    their presence.

2. Pay attention to what they
    are saying.

3. Accept their opinions.

4. Engage in their conversations.

5. Look at them with respect

6. Always praise them.

7. Share good news with
    them.

8. Avoid sharing bad news
    with them.

9. Speak well of their friends
    and loved ones to them.

10. Keep in remembrance
       the good things they did.

11. If they repeat a story,
       listen like it's the first
       time they tell it.

12. Don't bring up painful
       memories from the past.

13. Avoid side conversations
       in their presence.

14. Sit respectfully around
       them.

15. Don't belittle/criticize  
       their opinions and
       thoughts.

16. Avoid cutting them off
       when they speak.

17. Respect their age.

18. Avoid hitting/disciplining
      their grandchildren
      around them.

19. Accept their advice and
      direction.

20. Give them the power of
      leadership when they are
      present.

21. Avoid raising your voice
       at them.

22. Avoid walking in front or
      ahead of them.

23. Avoid eating before them

24. Avoid glaring at them.

25. Fill them with your
      appreciation even when
      they don't think they
      deserve it.

26. Avoid putting your feet  
       up in front of them or
       sitting with your back to
       them.

27. Don't speak ill of them to
      the point where others
      speak ill of them too.

28. Keep them in your
       prayers always possible.

29. Avoid seeming bored or
      tired of them in their
      presence.

30. Avoid laughing at their
      faults/mistakes.

31. Do a task before they ask
      you to.

32. Continuously visit them.

33. Choose your words  
       carefully when speaking  
       with them.

34. Call them by names they
       like.

35. Make them your priority
      above anything.

Parents are treasure on this land. Appreciate your parents.
Today lets make lots of  prayers for our beloved parents
एक बार श्री कृष्ण और अर्जुन भ्रमण पर निकले तो उन्होंने मार्ग में एक निर्धन ब्राहमण को भिक्षा मागते देखा....

अर्जुन को उस पर दया आ गयी और उन्होंने उस ब्राहमण को स्वर्ण मुद्राओ से भरी एक पोटली दे दी।

जिसे पाकर ब्राहमण प्रसन्नता पूर्वक अपने सुखद भविष्य के सुन्दर स्वप्न देखता हुआ घर लौट चला।

किन्तु उसका दुर्भाग्य उसके साथ चल रहा था, राह में एक लुटेरे ने उससे वो पोटली छीन ली।

ब्राहमण दुखी होकर फिर से भिक्षावृत्ति में लग गया।अगले दिन फिर अर्जुन की दृष्टि जब उस ब्राहमण पर पड़ी तो उन्होंने उससे इसका कारण पूछा।

ब्राहमण ने सारा विवरण अर्जुन को बता दिया, ब्राहमण की व्यथा सुनकर अर्जुन को फिर से उस पर दया आ गयी अर्जुन ने विचार किया और इस बार उन्होंने ब्राहमण को मूल्यवान एक माणिक दिया।

ब्राहमण उसे लेकर घर पंहुचा उसके घर में एक पुराना घड़ा था जो बहुत समय से प्रयोग नहीं किया गया था,ब्राह्मण ने चोरी होने के भय से माणिक उस घड़े में छुपा दिया।

किन्तु उसका दुर्भाग्य, दिन भर का थका मांदा होने के कारण उसे नींद आ गयी... इस बीच
ब्राहमण की स्त्री नदी में जल लेने चली गयी किन्तु मार्ग में
ही उसका घड़ा टूट गया, उसने सोंचा, घर में जो पुराना घड़ा पड़ा है उसे ले आती हूँ, ऐसा विचार कर वह घर लौटी और उस पुराने घड़े को ले कर
चली गई और जैसे ही उसने घड़े
को नदी में डुबोया वह माणिक भी जल की धारा के साथ बह गया।

ब्राहमण को जब यह बात पता चली तो अपने भाग्य को कोसता हुआ वह फिर भिक्षावृत्ति में लग गया।

अर्जुन और श्री कृष्ण ने जब फिर उसे इस दरिद्र अवस्था में देखा तो जाकर उसका कारण पूंछा।

सारा वृतांत सुनकर अर्जुन को बड़ी हताशा हुई और मन ही मन सोचने लगे इस अभागे ब्राहमण के जीवन में कभी सुख नहीं आ सकता।

अब यहाँ से प्रभु की लीला प्रारंभ हुई।उन्होंने उस ब्राहमण को दो पैसे दान में दिए।

तब अर्जुन ने उनसे पुछा “प्रभु
मेरी दी मुद्राए और माणिक
भी इस अभागे की दरिद्रता नहीं मिटा सके तो इन दो पैसो से
इसका क्या होगा” ?

यह सुनकर प्रभु बस मुस्कुरा भर दिए और अर्जुन से उस
ब्राहमण के पीछे जाने को कहा।

रास्ते में ब्राहमण सोचता हुआ जा रहा था कि "दो पैसो से तो एक व्यक्ति के लिए भी भोजन नहीं आएगा प्रभु ने उसे इतना तुच्छ दान क्यों दिया ? प्रभु की यह कैसी लीला है "?

ऐसा विचार करता हुआ वह
चला जा रहा था उसकी दृष्टि एक मछुवारे पर पड़ी, उसने देखा कि मछुवारे के जाल में एक
मछली फँसी है, और वह छूटने के लिए तड़प रही है ।

ब्राहमण को उस मछली पर दया आ गयी। उसने सोचा"इन दो पैसो से पेट की आग तो बुझेगी नहीं।क्यों? न इस मछली के प्राण ही बचा लिए जाये"।

यह सोचकर उसने दो पैसो में उस मछली का सौदा कर लिया और मछली को अपने कमंडल में डाल लिया। कमंडल में जल भरा और मछली को नदी में छोड़ने चल पड़ा।

तभी मछली के मुख से कुछ निकला।उस निर्धन ब्राह्मण ने देखा ,वह वही माणिक था जो उसने घड़े में छुपाया था।

ब्राहमण प्रसन्नता के मारे चिल्लाने लगा “मिल गया, मिल गया ”..!!!

तभी भाग्यवश वह लुटेरा भी वहाँ से गुजर रहा था जिसने ब्राहमण की मुद्राये लूटी थी।

उसने ब्राह्मण को चिल्लाते हुए सुना “ मिल गया मिल गया ” लुटेरा भयभीत हो गया। उसने सोंचा कि ब्राहमण उसे पहचान गया है और इसीलिए चिल्ला रहा है, अब जाकर राजदरबार में उसकी शिकायत करेगा।

इससे डरकर वह ब्राहमण से रोते हुए क्षमा मांगने लगा। और उससे लूटी हुई सारी मुद्राये भी उसे वापस कर दी।

यह देख अर्जुन प्रभु के आगे नतमस्तक हुए बिना नहीं रह सके।

अर्जुन बोले,प्रभु यह कैसी लीला है? जो कार्य थैली भर स्वर्ण मुद्राएँ और मूल्यवान माणिक नहीं कर सका वह आपके दो पैसो ने कर दिखाया।

श्री कृष्णा ने कहा “अर्जुन यह अपनी सोंच का अंतर है, जब तुमने उस निर्धन को थैली भर स्वर्ण मुद्राएँ और मूल्यवान माणिक दिया तब उसने मात्र अपने सुख के विषय में सोचा। किन्तु जब मैनें उसको दो पैसे दिए। तब उसने दूसरे के दुःख के विषय में सोचा। इसलिए हे अर्जुन-सत्य तो यह है कि, जब आप दूसरो के दुःख के विषय में सोंचते है, जब आप दूसरे का भला कर रहे होते हैं, तब आप ईश्वर का कार्य कर रहे होते हैं, और तब ईश्वर आपके साथ होते हैं
🦅बहुत समय पहले की बात है ,*_

_🦅एक राजा को उपहार में किसी ने बाज के दो बच्चे भेंट किये ।_

_🦅वे बड़ी ही अच्छी नस्ल के थे ,  और राजा ने कभी इससे पहले इतने शानदार बाज नहीं देखे थे।_

_🦅राजा ने उनकी देखभाल के लिए एक अनुभवी आदमी को नियुक्त कर दिया।_

_🦅जब कुछ महीने बीत गए तो राजा ने बाजों को देखने का मन बनाया ,और उस जगह पहुँच गए जहाँ उन्हें पाला जा रहा था।_

_🦅राजा ने देखा कि दोनों बाज काफी बड़े हो चुके थे और अब पहले से भी शानदार लग रहे थे ।_

_🦅राजा ने बाजों की देखभाल कर रहे
आदमी से कहा,_
_🦅” मैं इनकी उड़ान देखना चाहता हूँ , तुम इन्हे उड़ने का इशारा करो ।_

_🦅“ आदमी ने ऐसा ही किया। इशारा मिलते ही दोनों बाज उड़ान भरने लगे ,_

_🦅पर जहाँ एक बाज आसमान की ऊंचाइयों को छू रहा था ,_
_🦅वहीँ दूसरा , कुछ ऊपर जाकर वापस उसी डाल पर आकर बैठ गया_

_🦅जिससे वो उड़ा था। ये देख , राजा को कुछ अजीब लगा._

_🦅“क्या बात है जहाँ एक बाज इतनी अच्छी उड़ान भर रहा है वहीँ ये दूसरा बाज उड़ना ही नहीं चाह रहा ?”,_

_🦅राजा ने सवाल किया।_

_*🦅” जी हुजूर , इस बाज के साथ शुरू से यही समस्या है , वो इस डाल को छोड़ता ही नहीं।”*_

_🦅राजा को दोनों ही बाज प्रिय थे , और वो दूसरे बाज को भी उसी तरह उड़ना देखना चाहते थे।_

_🦅अगले दिन पूरे राज्य में ऐलान करा दिया गया,कि जो व्यक्ति इस बाज को ऊँचा उड़ाने में कामयाब होगा उसे ढेरों इनाम दिया जाएगा।_

_🦅फिर क्या था , एक से एक विद्वान् आये और बाज को उड़ाने का प्रयास करने लगे ,_

_🦅पर हफ़्तों बीत जाने के बाद भी बाज
का वही हाल था, वो थोडा सा उड़ता और वापस डाल पर आकर बैठ जाता।_

_🦅फिर एक दिन कुछ अनोखा हुआ , राजा ने देखा कि उसके दोनों बाज आसमान में उड़ रहे हैं।_

_🦅उन्हें अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ और उन्होंने तुरंत उस व्यक्ति का पता लगाने को कहा जिसने ये कारनामा कर दिखाया था।_

_🦅वह व्यक्ति एक किसान था। अगले दिन वह दरबार में हाजिर हुआ। उसे इनाम में स्वर्ण मुद्राएं भेंट करने के बाद राजा ने कहा ,_

_🦅” मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ , बस तुम
इतना बताओ कि जो काम बड़े-बड़े
विद्वान् नहीं कर पाये वो तुमने कैसे
कर दिखाया।_

_🦅“ “मालिक !_ _मैं तो एक साधारण सा किसान हूँ , मैं ज्ञान की ज्यादा बातें नहीं जानता , मैंने तो बस वो डाल काट दी जिसपर बैठने का बाज आदि हो चुका था, और जब वो डाल ही नहीं रही तो वो भी अपने साथी के साथ ऊपर उड़ने लगा।_

_🦅“दोस्तों, हम सभी ऊँचा उड़ने के लिए ही बने हैं।_

_🦅लेकिन कई बार हम जो कर रहे होते है उसके इतने आदि हो जाते हैं कि अपनी ऊँची उड़ान भरने की , कुछ_
_बड़ा करने की काबिलियत को, भूल जाते हैं।_

_🦅यदि आप भी सालों से किसी ऐसे ही काम में लगे हैं जो आपके सही potential के मुताबिक नहीं है तो एक बार ज़रूर सोचिये_

_🦅कि कहीं आपको भी उस डाल को काटने की ज़रुरत तो नहीं जिसपर आप बैठे हैं ?_

🦅 _"Luck is what happens when"_
_"preparation meets opportunity
जो व्यक्ति ATM से भी निकले पैसे को गिनते है*

*वे जीवन में किसी पे भी विश्वास नहीं कर सकते*

*-- चाणक्य के छोटे दमाद*
😀😀

*अगर घी सीधी उंगली से ना निकले तो...*
*घी को गरम कर ले।*
*हर बात में उंगली करना*
*अच्छी बात नहीं...*

*- चाणक्य का रसोइया*
😝😝

*आपकी अमीरी इस बात से नही दिखती की आपके पास कौन सी कार है, बल्की इस बात से दिखती है का आप उसमें कितने का पेट्रोल भरवाते है*

*- चाणक्य की बुआ का ड्राईवर*
😝😝

*मैनें कभी ईंट का जवाब पत्थर से नहीं दिया*
*मैनें बस वही ईंट वापस दे मारी*
*पत्थर ढूंढने में कौन टाईम वेस्ट करे भला*

*--चाणक्य की कॉलोनी का एक आदमी*
😝😝👍👍👍👍😜😜😜😜👌👌👌👌😜😜😜
*मुँह से निकली बात, कमान से निकला तीर*
*और*
-.-
-.-
*मोहब्बत में कराये गये Recharge के पैसे,*
*कभी वापस लौट कर नहीं आते*
*चाणक्य के कालोनी का एक दुकानदार ......😂😂😂*

*ज्ञान की 3 बातें 😎*
.
*ज्ञान न• 1 ☝ :अगर कोई हमें अच्छा लगता है तो अच्छा वो ☝नहीं हम है....*
*और अगर कोई हमें बुरा लगता है तो बुरा वही है क्युकि हम तो अच्छे हैं ना..*
*ज्ञान समाप्त*😆
________________________________
*ज्ञान न• 2 ✌ :ज़िंदगी से कोई चीज़ माँगो तो ऐसे माँगो जैसे तुम्हारे बाप 😤की थी...*
*और☝ नहीं मिली तो कौनसी तुम्हारे बाप की थी...*
*ज्ञान समाप्त*😜
________________________________
*ज्ञान न• 3 :☝अगर कोई आपको देखकर🙄 दरवाज़ा बन्द कर देता है तो याद🤔 रखो...*
*कुण्ड़ी दोनो तरफ़ से होती है आप भी बाहर से बन्द करके🏃 भाग जाओ....*
*ज्ञान समाप्त*

Monday, July 3, 2017

Heart touching lines

कभी कभी
 आप अपनी जिंदगी से
 निराश हो जाते हैं,
जबकि
 दुनिया में उसी समय
 कुछ लोग
 आपकी जैसी जिंदगी
 जीने का सपना देख रहे होते हैं।

घर पर खेत में खड़ा बच्चा
 आकाश में उड़ते हवाई जहाज
 को देखकर
 उड़ने का सपना देख रहा होता है,
परंतु
 उसी समय
 उसी हवाई जहाज का पायलट
 खेत ओर बच्चे को देख
 घर लौटने का सपना
 देख रहा होता है।

यही जिंदगी है।
 जो तुम्हारे पास है उसका मजा लो।

अगर धन-दौलत रूपया पैसा ही
 खुशहाल होने का सीक्रेट होता,
तो अमीर लोग नाचते दिखाई पड़ते,
लेकिन सिर्फ गरीब बच्चे
 ऐसा करते दिखाई देते हैं।

अगर पाॅवर (शक्ति) मिलने से
 सुरक्षा आ जाती
 तो
 नेता अधिकारी
 बिना सिक्युरिटी के नजर आते।
 परन्तु
 जो सामान्य जीवन जीते हैं,
वे चैन की नींद सोते हैं।

अगर खुबसुरती और प्रसिद्धि
 मजबूत रिश्ते कायम कर सकती
 तो
 सेलीब्रिटीज् की शादियाँ
 सबसे सफल होती।
 जबकि इनके तलाक
 सबसे सफल होते हैं

इसलिए दोस्तों,
यह जिंदगी ......

सभी के लिए खुबसुरत है
 इसको जी भरकर जीयों,
इसका भरपूर लुत्फ़ उठाओ
 क्योंकि
 जिदंगी ना मिलेगी दोबारा...

सामान्य जीवन जियें...
विनम्रता से चलें ...
और
 ईमानदारी पूर्वक प्यार करें...

स्वर्ग यहीं है
 एक ट्रक के पीछे एक
 बड़ी अच्छी बात लिखी देखी....

"ज़िन्दगी एक सफ़र है,आराम से चलते रहो
 उतार-चढ़ाव तो आते रहेंगें, बस गियर बदलते रहो"
 "सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए
 और
 जिंदगी का मजा लेना हैं तो दिल में अरमान कम रखिए !!

तज़ुर्बा है हमारा... . .. मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने .....पाँव फिसलते देखे हैं...!

👌👌👌👌😇😇

जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों,

यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा!

जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में ....

जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रह गए...

👌👌👌👌👌👌👌

पैसा इन्सान को ऊपर ले जा सकता है;

लेकिन इन्सान पैसा ऊपर नही ले जा सकता......

👌👌👌👌👌👌👌👌

कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है....

पर रोटी की साईज़ लगभग सब घर में एक जैसी ही होती है।

:👌 शानदार बात👌

इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले,

और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले...

‬👌👌👌👌👌😇😇

कर्मो' से ही पहेचान होती है इंसानो की...

महेंगे 'कपडे' तो,'पुतले' भी पहनते है दुकानों में !!..

😎😎😇😇😇
मुझे नही पता कि मैं एक बेहतरीन इंसान हू की नही मगर मुझे इतना जरुर पता है की मै जिसको ये प्यारी लाइन भेज रहा हू वो एक बेहतर इंसान है
तुलसी कौन थी?*

```तुलसी(पौधा) पूर्व जन्म मे एक लड़की थी जिस का नाम वृंदा था, राक्षस कुल में उसका जन्म हुआ था बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्त थी.बड़े ही प्रेम से भगवान की सेवा, पूजा किया करती थी.जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में दानव राज जलंधर से हो गया। जलंधर समुद्र से उत्पन्न हुआ था.
वृंदा बड़ी ही पतिव्रता स्त्री थी सदा अपने पति की सेवा किया करती थी.
एक बार देवताओ और दानवों में युद्ध हुआ जब जलंधर युद्ध पर जाने लगे तो वृंदा ने कहा``` -
स्वामी आप युद्ध पर जा रहे है आप जब तक युद्ध में रहेगे में पूजा में बैठ कर``` आपकी जीत के लिये अनुष्ठान करुगी,और जब तक आप वापस नहीं आ जाते, मैं अपना संकल्प
नही छोडूगी। जलंधर तो युद्ध में चले गये,और वृंदा व्रत का संकल्प लेकर पूजा में बैठ गयी, उनके व्रत के प्रभाव से देवता भी जलंधर को ना जीत सके, सारे देवता जब हारने लगे तो विष्णु जी के पास गये।

सबने भगवान से प्रार्थना की तो भगवान कहने लगे कि – वृंदा मेरी परम भक्त है में उसके साथ छल नहीं कर सकता ।
फिर देवता बोले - भगवान दूसरा कोई उपाय भी तो नहीं है अब आप ही हमारी मदद कर सकते है।

भगवान ने जलंधर का ही रूप रखा और वृंदा के महल में पँहुच गये जैसे
ही वृंदा ने अपने पति को देखा, वे तुरंत पूजा मे से उठ गई और उनके चरणों को छू लिए,जैसे ही उनका संकल्प टूटा, युद्ध में देवताओ ने जलंधर को मार दिया और उसका सिर काट कर अलग कर दिया,उनका सिर वृंदा के महल में गिरा जब वृंदा ने देखा कि मेरे पति का सिर तो कटा पडा है तो फिर ये जो मेरे सामने खड़े है ये कौन है?

उन्होंने पूँछा - आप कौन हो जिसका स्पर्श मैने किया, तब भगवान अपने रूप में आ गये पर वे कुछ ना बोल सके,वृंदा सारी बात समझ गई, उन्होंने भगवान को श्राप दे दिया आप पत्थर के हो जाओ, और भगवान तुंरत पत्थर के हो गये।

सभी देवता हाहाकार करने लगे लक्ष्मी जी रोने लगे और प्रार्थना करने लगे यब वृंदा जी ने भगवान को वापस वैसा ही कर दिया और अपने पति का सिर लेकर वे
सती हो गयी।

उनकी राख से एक पौधा निकला तब
भगवान विष्णु जी ने कहा –आज से
इनका नाम तुलसी है, और मेरा एक रूप इस पत्थर के रूप में रहेगा जिसे शालिग्राम के नाम से तुलसी जी के साथ ही पूजा जायेगा और में
बिना तुलसी जी के भोग```
```स्वीकार नहीं करुगा। तब से तुलसी जी कि पूजा सभी करने लगे। और तुलसी जी का विवाह शालिग्राम जी के साथ कार्तिक मास में```
```किया जाता है.देव-उठावनी एकादशी के दिन इसे तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है !```

*इस कथा को कम से कम दो लोगों को अवश्य सुनाए आप को पुण्य  अवश्य मिलेगा।  या चार ग्रुप मे प्रेषित करें।
आँखे बन्द करके जो
प्रेम करे वो *'प्रेमिका'* है।

आँखे खोल के जो
प्रेम करे वो *'दोस्त'* है।

आँखे दिखाके जो
प्रेम करे वो *'पत्नी'* है।

अपनी आँखे बंद होने तक जो
प्रेम करे वो *"माँ"* है।

परन्तु आँखों में प्रेम न
जताते हुये भी जो

प्रेम करे वो *"पिता"* है।

*दिल से पढ़िये और ग़ौर करें*।

💓💞💕💓💗💓💕💖

*(मम्मी और पापा )
का पैग़ाम* 📨।

1.

जिस दिन तुम हमें
बूढ़ा 👴👵 देखो तब
सब्र करना
और
हमें समझने की कोशिश करना💓।

 2.

जब हम कोई बात भूल जाएं
तो हम पर
गु़स्सा😡 मत करना
औरअपना
बचपन 👼👶 याद करना🔱।

3.

जब हम बूढ़े 👵👴 होकर
चल 🏃ना पायें तो हमारा
सहारा  👫 बनना
और
अपना पहला क़दम👣याद
करना।

4.

जब हम बीमार🌾 हो जाएं,
तो वो दिन याद करके
हम पर अपने
पैसे💰खर्च करना, जब हम
तुम्हारी ख्वाहिशों

 👔🎅🎁💝🎂को

पूरी करने के लिये अपनी
ख्वाहिशें
क़ुरबान 💔🙇करते थे।

👪

हमें अपने से अलग करने से
पहले याद करना
वो दिन जब हमारे 🏡 से बाहर
होने पर तुम्हारे
😭 आँख के आँसू नहीं
रुकते थे!

   👏👏👏👏👏👏👏🙌

कृपया इस खूबसूरत संदेश
हर *दिल अज़ीज* के
साथ शेयर करें🙏

☝और अपने माँ बाप
👴👵का
आदर

करें।

*दुनियाभर के मैसेज तो *
*हर कोई शेयर करता है । *

*एक मैसेज माँ बाप के *
*नाम भी. ......।*
किसी जंगल मे एक गर्भवती हिरणी थी जिसका प्रसव होने को ही था .

उसने एक तेज धार वाली नदी के किनारे घनी झाड़ियों और घास के पास एक जगह देखी जो उसे प्रसव हेतु सुरक्षित स्थान लगा.🎭

अचानक उसे प्रसव पीड़ा शुरू होने लगी,

लगभग उसी समय आसमान मे काले काले बादल छा गए और घनघोर बिजली कड़कने लगी जिससे जंगल मे आग भड़क उठी .

वो घबरा गयी उसने अपनी दायीं और देखा लेकिन ये क्या वहां एक बहेलिया उसकी और तीर का निशाना लगाये हुए था,

उसकी बाईं और भी एक शेर उस पर घात लगाये हुए उसकी और बढ़ रहा था.

 अब वो हिरणी क्या करे ?,

वो तो प्रसव पीड़ा से गुजर रही है ,
अब क्या होगा?,                    

क्या वो सुरक्षित रह सकेगी ?,

क्या वो अपने बच्चे को जन्म दे सकेगी ?,

क्या वो नवजात सुरक्षित रहेगा?,

या

सब कुछ जंगल की आग मे जल जायेगा?,

अगर इनसे बच भी गयी तो क्या वो बहेलिये के तीर से बच पायेगी ?

या

क्या वो उस खूंखार शेर के पंजों की मार से दर्दनाक मौत मारी जाएगी?

जो उसकी और बढ़ रहा है,
उसके एक और जंगल की आग, दूसरी और तेज धार वाली बहती नदी, और सामने उत्पन्न सभी संकट,
अब वो क्या करे?

लेकिन फिर उसने अपना ध्यान अपने नव आगंतुक को जन्म देने की और केन्द्रित कर दिया .

फिर जो हुआ वो आश्चर्य जनक था .

कडकडाती बिजली की चमक से शिकारी की आँखों के सामने अँधेरा छा गया, और उसके हाथो से तीर चल गया और सीधे भूखे शेर को जा लगा .
बादलो से तेज वर्षा होने लगी और जंगल की आग धीरे धीरे बुझ गयी.

इसी बीच हिरणी ने एक स्वस्थ शावक को जन्म दिया .

ऐसा हमारी जिन्दगी मे भी होता है, जब हम चारो और से समस्याओं से घिर जाते है,

नकारात्मक विचार हमारे दिमाग को जकड लेते है, कोई संभावना दिखाई नहीं देती ,

हमें कोई एक उपाय करना होता है.,

उस समय कुछ विचार बहुत ही नकारात्मक होते है, जो हमें चिंता ग्रस्त कर कुछ सोचने समझने लायक नहीं छोड़ते .

ऐसे मे हमें उस हिरणी से ये शिक्षा मिलती है की हमें अपनी प्राथमिकता की और देखना चाहिए, जिस प्रकार हिरणी ने सभी नकारात्मक परिस्तिथियाँ उत्पन्न होने पर भी अपनी प्राथमिकता "प्रसव "पर ध्यान केन्द्रित किया, जो उसकी पहली प्राथमिकता थी.

बाकी तो मौत या जिन्दगी कुछ भी उसके हाथ मे था ही नहीं, और उसकी कोई भी क्रिया या प्रतिक्रिया उसकी और गर्भस्थ बच्चे की जान ले सकती थी

उसी प्रकार हमें भी अपनी प्राथमिकता की और ही ध्यान देना चाहिए .

हम अपने आप से सवाल करें,
हमारा उद्देश्य क्या है,
हमारा फोकस क्या है ?,

हमारा विश्वास, हमारी आशा कहाँ है,

ऐसे ही मझधार मे फंसने पर हमें अपने इश्वर को याद करना चाहिए ,
उस पर विश्वास करना चाहिए जो की हमारे ह्रदय मे ही बसा हुआ है .
जो हमारा सच्चा रखवाला और साथी है.🎭🎭🎭🎭🎭🎭🎭🎭🎭🎭
जीवन के *20* साल हवा की तरह उड़ गए । फिर शुरू हुई *नोकरी* की खोज । ये नहीं वो , दूर नहीं पास । ऐसा करते करते *2 .. 3* नोकरियाँ छोड़ने एक तय हुई। थोड़ी स्थिरता की शुरुआत हुई।

फिर हाथ आया पहली तनख्वाह का *चेक*। वह *बैंक* में जमा हुआ और शुरू हुआ अकाउंट में जमा होने वाले *शून्यों* का अंतहीन खेल। *2- 3* वर्ष और निकल गए। बैंक में थोड़े और *शून्य* बढ़ गए। उम्र *27* हो गयी।

और फिर *विवाह* हो गया। जीवन की *राम कहानी* शुरू हो गयी। शुरू के *2 ..  4* साल नर्म , गुलाबी, रसीले , सपनीले गुजरे । हाथो में हाथ डालकर घूमना फिरना, रंग बिरंगे सपने। *पर ये दिन जल्दी ही उड़ गए*।

और फिर *बच्चे* के आने ही आहट हुई। वर्ष भर में *पालना* झूलने लगा। अब सारा ध्यान बच्चे पर केन्द्रित हो गया। उठना - बैठना, खाना - पीना, लाड - दुलार ।

समय कैसे फटाफट निकल गया, पता ही नहीं चला।
*इस बीच कब मेरा हाथ उसके हाथ से निकल गया, बाते- करना घूमना - फिरना कब बंद हो गया दोनों को पता ही न चला*।

*बच्चा* बड़ा होता गया। वो *बच्चे* में व्यस्त हो गयी, मैं अपने *काम* में । घर और गाडी की *क़िस्त*, बच्चे की जिम्मेदारी, शिक्षा और भविष्य की सुविधा और साथ ही बैंक में *शुन्य* बढाने की चिंता। उसने भी अपने आप काम में पूरी तरह झोंक दिया और मेने भी....

इतने में मैं *37* का हो गया। घर, गाडी, बैंक में *शुन्य*, परिवार सब है फिर भी कुछ कमी है ? पर वो है क्या समझ नहीं आया। उसकी चिड चिड बढती गयी, मैं उदासीन होने लगा।

इस बीच दिन बीतते गए। समय गुजरता गया। बच्चा बड़ा होता गया। उसका खुद का संसार तैयार होता गया। कब *10वि*   *anniversary*आई और चली गयी पता ही नहीं चला। तब तक दोनों ही *40 42* के हो गए। बैंक में *शुन्य* बढ़ता ही गया।

एक नितांत एकांत क्षण में मुझे वो *गुजरे* दिन याद आये और मौका देख कर उस से कहा " अरे जरा यहाँ आओ, पास बैठो। चलो हाथ में हाथ डालकर कही घूम के आते हैं।"

उसने अजीब नजरो से मुझे देखा और कहा कि " *तुम्हे कुछ भी सूझता* *है यहाँ ढेर सारा काम पड़ा है तुम्हे* *बातो की सूझ रही है*।"
कमर में पल्लू खोंस वो निकल गयी।

तो फिर आया *पैंतालिसवा* साल, आँखों पर चश्मा लग गया, बाल काला रंग छोड़ने लगे, दिमाग में कुछ उलझने शुरू हो गयी।

बेटा उधर कॉलेज में था, इधर बैंक में *शुन्य* बढ़ रहे थे। देखते ही देखते उसका *कॉलेज* ख़त्म। वह अपने पैरो पे खड़ा हो गया। उसके पंख फूटे और उड़ गया *परदेश*।

उसके *बालो का काला* रंग भी उड़ने लगा। कभी कभी दिमाग साथ छोड़ने लगा। उसे *चश्मा* भी लग गया। मैं खुद *बुढा* हो गया। वो भी *उमरदराज* लगने लगी।

दोनों *55* से *60* की और बढ़ने लगे। बैंक के *शून्यों* की कोई खबर नहीं। बाहर आने जाने के कार्यक्रम बंद होने लगे।

अब तो *गोली दवाइयों* के दिन और समय निश्चित होने लगे। *बच्चे* बड़े होंगे तब हम *साथ* रहेंगे सोच कर लिया गया घर अब बोझ लगने लगा। *बच्चे* कब *वापिस* आयेंगे यही सोचते सोचते बाकी के दिन गुजरने लगे।

एक दिन यूँ ही सोफे पे बेठा ठंडी हवा का आनंद ले रहा था। वो दिया बाती कर रही थी। तभी *फोन* की घंटी बजी। लपक के *फोन* उठाया। *दूसरी तरफ बेटा था*। जिसने कहा कि उसने *शादी* कर ली और अब *परदेश* में ही रहेगा।

उसने ये भी कहा कि पिताजी आपके बैंक के *शून्यों* को किसी *वृद्धाश्रम* में दे देना। और *आप भी वही रह लेना*। कुछ और ओपचारिक बाते कह कर बेटे ने फोन रख दिया।

मैं पुन: सोफे पर आकर बेठ गया। उसकी भी पूजा ख़त्म होने को आई थी। मैंने उसे आवाज दी *"चलो आज फिर हाथो में हाथ लेके बात करते हैं*"
*वो तुरंत बोली " अभी आई"।*

मुझे विश्वास नहीं हुआ। *चेहरा ख़ुशी से चमक उठा*। आँखे भर आई। आँखों से आंसू गिरने लगे और गाल भीग गए । अचानक आँखों की *चमक फीकी* पड़ गयी और मैं *निस्तेज* हो गया। हमेशा के लिए !!

उसने शेष पूजा की और मेरे पास आके बैठ गयी " *बोलो क्या बोल रहे थे*?"

लेकिन मेने कुछ नहीं कहा। उसने मेरे शरीर को छू कर देखा। शरीर बिलकुल *ठंडा* पड गया था। मैं उसकी और एकटक देख रहा था।

क्षण भर को वो शून्य हो गयी।
" *क्या करू*? "

उसे कुछ समझ में नहीं आया। लेकिन *एक दो* मिनट में ही वो चेतन्य हो गयी। धीरे से उठी पूजा घर में गयी। एक अगरबत्ती की। *इश्वर को प्रणाम किया*। और फिर से आके सोफे पे बैठ गयी।

मेरा *ठंडा हाथ* अपने हाथो में लिया और बोली
" *चलो कहाँ घुमने चलना है तुम्हे* ? *क्या बातें करनी हैं तुम्हे*?" *बोलो* !!

ऐसा कहते हुए उसकी आँखे भर आई !!......
वो एकटक मुझे देखती रही। *आँखों से अश्रु धारा बह निकली*। मेरा सर उसके कंधो पर गिर गया। ठंडी हवा का झोंका अब भी चल रहा था।

*क्या ये ही जिन्दगी है ? ?*

सब अपना नसीब साथ लेके आते हैं इसलिए कुछ समय अपने लिए भी निकालो । जीवन अपना है तो जीने के तरीके भी अपने रखो। शुरुआत आज से करो। क्यूंकि कल कभी नहीं आएगा।
*भागवत📜 में लिखी ये 10 भयंकर बातें कलयुग में हो रही हैं सच,...*👇🏻
 

1.ततश्चानुदिनं धर्मः
सत्यं शौचं क्षमा दया ।
कालेन बलिना राजन्
नङ्‌क्ष्यत्यायुर्बलं स्मृतिः ॥
 

*कलयुग में धर्म, स्वच्छता, सत्यवादिता, स्मृति, शारीरक शक्ति, दया भाव और जीवन की अवधि दिन-ब-दिन घटती जाएगी.*
 

2.वित्तमेव कलौ नॄणां जन्माचारगुणोदयः ।
धर्मन्याय व्यवस्थायां
कारणं बलमेव हि ॥
 

*कलयुग में वही व्यक्ति गुणी माना जायेगा जिसके पास ज्यादा धन है. न्याय और कानून सिर्फ एक शक्ति के आधार पे होगा !*  
 

3.  दाम्पत्येऽभिरुचि  र्हेतुः
मायैव  व्यावहारिके ।
स्त्रीत्वे  पुंस्त्वे च हि रतिः
विप्रत्वे सूत्रमेव हि ॥

 
*कलयुग में स्त्री-पुरुष बिना विवाह के केवल रूचि के अनुसार ही रहेंगे.*
*व्यापार की सफलता के लिए मनुष्य छल करेगा और ब्राह्मण सिर्फ नाम के होंगे.*
 

4. लिङ्‌गं एवाश्रमख्यातौ अन्योन्यापत्ति कारणम् ।
अवृत्त्या न्यायदौर्बल्यं
पाण्डित्ये चापलं वचः ॥

 

*घूस देने वाले व्यक्ति ही न्याय पा सकेंगे और जो धन नहीं खर्च पायेगा उसे न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खानी होंगी. स्वार्थी और चालाक लोगों को कलयुग में विद्वान माना जायेगा.*
 

5. क्षुत्तृड्भ्यां व्याधिभिश्चैव
संतप्स्यन्ते च चिन्तया ।
त्रिंशद्विंशति वर्षाणि परमायुः
कलौ नृणाम.
 

*कलयुग में लोग कई तरह की चिंताओं में घिरे रहेंगे. लोगों को कई तरह की चिंताए सताएंगी और बाद में मनुष्य की उम्र घटकर सिर्फ 20-30 साल की रह जाएगी.*

 
6. दूरे वार्ययनं तीर्थं
लावण्यं केशधारणम् ।
उदरंभरता स्वार्थः सत्यत्वे
धार्ष्ट्यमेव हि॥
 

*लोग दूर के नदी-तालाबों और पहाड़ों को तीर्थ स्थान की तरह जायेंगे लेकिन अपनी ही माता पिता का अनादर करेंगे. सर पे बड़े बाल रखना खूबसूरती मानी जाएगी और लोग पेट भरने के लिए हर तरह के बुरे काम करेंगे.*
 

7. अनावृष्ट्या  विनङ्‌क्ष्यन्ति दुर्भिक्षकरपीडिताः । शीतवातातपप्रावृड्
हिमैरन्योन्यतः  प्रजाः ॥
 

*कलयुग में बारिश नहीं पड़ेगी और हर जगह सूखा होगा.मौसम बहुत विचित्र अंदाज़ ले लेगा. कभी तो भीषण सर्दी होगी तो कभी असहनीय गर्मी. कभी आंधी तो कभी बाढ़ आएगी और इन्ही परिस्तिथियों से लोग परेशान रहेंगे.*
 

8. अनाढ्यतैव असाधुत्वे
साधुत्वे दंभ एव तु ।
स्वीकार एव चोद्वाहे
स्नानमेव प्रसाधनम् ॥

 
*कलयुग में जिस व्यक्ति के पास धन नहीं होगा उसे लोग अपवित्र, बेकार और अधर्मी मानेंगे. विवाह के नाम पे सिर्फ समझौता होगा और लोग स्नान को ही शरीर का शुद्धिकरण समझेंगे.*
 

9. दाक्ष्यं कुटुंबभरणं
यशोऽर्थे धर्मसेवनम् ।
एवं प्रजाभिर्दुष्टाभिः
आकीर्णे क्षितिमण्डले ॥

 
*लोग सिर्फ दूसरो के सामने अच्छा दिखने के लिए धर्म-कर्म के काम करेंगे. कलयुग में दिखावा बहुत होगा और पृथ्वी पे भृष्ट लोग भारी मात्रा में होंगे. लोग सत्ता या शक्ति हासिल करने के लिए किसी को मारने से भी पीछे नहीं हटेंगे.*
 

10. आच्छिन्नदारद्रविणा
यास्यन्ति गिरिकाननम् ।
शाकमूलामिषक्षौद्र फलपुष्पाष्टिभोजनाः ॥
 

*पृथ्वी के लोग अत्यधिक कर और सूखे के वजह से घर छोड़ पहाड़ों पे रहने के लिए मजबूर हो जायेंगे. कलयुग में ऐसा वक़्त आएगा जब लोग पत्ते, मांस, फूल और जंगली शहद जैसी चीज़ें खाने को मजबूर होंगे.*
   

भागवत मे लिखी ये बातें इस कलयुग में सच होती दिखाई दे रही है.

हमें गर्व है कि श्री कृष्ण जैसे अवतारों ने पृथ्वी पे आकर कलयुग की भविष्यवाणी इतनी पहले ही कर दी थी, लेकिन फिर भी आज का मनुष्य अभी तक कोई सबक नहीं ले पाया

Sunday, July 2, 2017

1947 se 1989 K Bich Birth waale jarroor Pade Acchi Wali Feelings Aayengi Jaroor pade... ☺

हम लोग,
जो 1947. से  1993
 के बीच जन्में  है,
 We are blessed because,

       

👍     हमें कभी भी
जानवरों की तरह किताबों को
बोझ की तरह ढो कर स्कूल
नही ले जाना पड़ा ।

👌हमारें माता- पिता को
 हमारी पढाई को लेकर
कभी अपने programs
आगे पीछे नही करने पड़ते थे...!

👍    स्कूल के बाद हम
देर सूरज डूबने तक खेलते थे  

👍    हम अपने
real दोस्तों के साथ खेलते थे;
net फ्रेंड्स के साथ नही ।

👍     जब भी हम प्यासे होते थे
तो नल से पानी पीना
safe होता था और
हमने कभी mineral water bottle को नही ढूँढा ।

👍     हम कभी भी चार लोग
गन्ने का जूस उसी गिलास से ही
पी करके भी बीमार नही पड़े ।

👍     हम एक प्लेट मिठाई
और चावल रोज़ खाकर भी
बीमार  नही हुए ।

👍     नंगे पैर घूमने के बाद भी
 हमारे पैरों को कुछ नही होता था ।

👍     हमें healthy रहने
के लिए  Supplements नही
लेने पड़ते थे ।

👍     हम कभी कभी अपने खिलोने
खुद बना कर भी खेलते थे ।

👍     हम ज्यादातर अपने parents के साथ या  grand- parents के पास ही रहे ।

👌हम अक्सर 4/6 भाई बहन
एक जैसे कपड़े पहनना
शान समझते थे.....
common. वाली नही
एकतावाली  feelings ...
enjoy करते थे

👍     हमारे पास
न तो Mobile,  DVD's,
PlayStation, Xboxes,
PC, Internet, chatting,
क्योंकि
हमारे पास real दोस्त थे ।

👍     हम दोस्तों के घर
 बिना बताये जाकर
मजे करते थे और
उनके साथ खाने के
मजे लेते थे।
कभी उन्हें कॉल करके
appointment नही लेना पड़ा ।

👍     हम एक अदभुत और
सबसे समझदार पीढ़ी है क्योंकि
हम अंतिम पीढ़ी हैं जो की
अपने parents की सुनते हैं...
और
साथ ही पहली पीढ़ी
जो की
अपने बच्चों की सुनते हैं ।

We are not special,
but.
We are
LIMITED EDITION
and we are enjoying the
Generation                   Gap......

 share if u r agree 😊
एक बेटी का पिता 💜

एक पिता ने अपनी बेटी की सगाई करवाई,
लड़का बड़े अच्छे घर से था
तो पिता बहुत खुश हुए। 💜
लड़के ओर लड़के  के माता पिता का स्वभाव
बड़ा अच्छा था..
तो पिता के सिर से बड़ा बोझ उतर गया।💝
एक दिन शादी से पहले
लड़के वालो ने लड़की के पिता को खाने पे बुलाया।

पिता की तबीयत ठीक नहीं थी
फिर भी वह ना न कह सके। 💝
लड़के वालो ने बड़े ही आदर सत्कार से
उनका स्वागत किया।
फ़िर लडकी के पिता के लिए चाय आई..
शुगर कि वजह से लडकी के पिता को
चीनी वाली चाय से दुर रहने को कहा गया था।
.
लेकिन लड़की के होने वाली ससुराल घर में थे
तो चुप रह कर चाय हाथ में ले ली।
चाय कि पहली चुस्की लेते ही वो चोक से गये,
चाय में चीनी बिल्कुल ही नहीं थी.. 💜
और इलायची भी डली हुई थी। 💜

वो सोच मे पड़ गये
की ये लोग भी हमारी जैसी ही चाय पीते हैं।

दोपहर में खाना खाया
वो भी बिल्कुल उनके घर जैसा,
दोपहर में आराम करने के लिए दो तकिये पतली चादर।उठते ही सोंफ का पानी पीने को दिया गया।💜
.
वहाँ से विदा लेते समय उनसे रहा नहीं गया
तो पुछ बैठे - मुझे क्या खाना है,
क्या पीना है, मेरी सेहत के लिए क्या अच्छा है ?
ये परफेक्टली आपको कैसे पता है ?
.
तो बेटी कि सास ने धीरे से कहा
कि कल रात को ही आपकी बेटी का फ़ोन आ गया था।

ओर उसने कहा
कि मेरे पापा स्वभाव से बड़े सरल हैं 💜
बोलेंगे कुछ नहीं, प्लीज अगर हो सके
तो आप उनका ध्यान रखियेगा। 💜💜
.
पिता की आंखों मे वहीँ पानी आ गया था।
लड़की के पिता जब अपने घर पहुँचे
तो घर के हाल में लगी
अपनी स्वर्गवासी माँ के फोटो से हार निकाल दिया।
.
जब पत्नी ने पूछा कि ये क्या कर रहे हो ? ?
तो लडकी का पिता बोले - मेरा ध्यान रखने वाली मेरी माँ इस घर से कहीं नहीं गयी है, 💜💜
बल्कि वो तो मेरी बेटी
के रुप में इस घर में ही रहती है। 💜💜
.
और फिर पिता की आंखों से
आंसू झलक गये ओर वो फफक कर रो पड़े। 💜
.
दुनिया में सब कहते हैं ना !
कि बेटी है,
एक दिन इस घर को छोड़क��
पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात!
सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!!
*धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार!*
दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार!!
*ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर!*
कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर!!
*प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप!*
बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप!!
*ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार!*
करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार!!
*भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार!*
चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार!!
*प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस!*
सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश!!
*प्रातः- दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार!* तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार!!
*भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार!*
डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !!
*घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर!*
एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!!
*अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास!*
पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास!!
*रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय!*
सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय!!
*सुबह खाइये कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश!*
भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश!!
*देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल!*
अपच,आंख के रोग सँग, तन भी रहे निढाल^^
*दर्द, घाव, फोडा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ!*
बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ!!
*सत्तर रोगों कोे करे, चूना हमसे दूर!*
दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर!!
*भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ!*
पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड!!
*अलसी, तिल, नारियल, घी सरसों का तेल!*
यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल!
*पहला स्थान सेंधा नमक, पहाड़ी नमक सु जान!*
श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान!!
*अल्यूमिन के पात्र का, करता है जो उपयोग!*
आमंत्रित करता सदा, वह अडतालीस रोग!!
*फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर!*
ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर!!
*चोकर खाने से सदा, बढती तन की शक्ति!*
गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति!!
*रोज मुलहठी चू
एक शर्मनाक कड़वी सच्चाई...!!!~*

*नदी तालाब में नहाने में शर्म आती है,
और
स्विमिंग पूल में तैरने को फैशन कहते हैं.*

गरीब को एक रुपया दान नहीं कर सकते,
और
वेटर को टिप देने में गर्व महसूस करते हैं.

*माँ बाप को एक गिलास पानी भी नहीं दे सकते,
और
नेताओं को देखते ही वेटर बन जाते हैं.*

बड़ों के आगे सिर ढकने में प्रॉब्लम है,
लेकिन
धूल से बचने के लिए 'ममी' बनने को भी तैयार हैं.

*पंगत में बैठकर खाना दकियानूसी लगता है,
और
पार्टियों में खाने के लिए लाइन लगाना अच्छा लगता है.*

*बहन कुछ माँगे तो फिजूल खर्च लगता है,
और
गर्लफ्रेन्ड की डिमांड को अपना सौभाग्य समझते हैं.*

गरीब की  सब्ज़ियाँ खरीदने मे इन्सल्ट होती है,
और
शॉपिंग मॉल में अपनी जेब कटवाना गर्व की बात है.

*बाप के मरने पर सिर मुंडवाने में हिचकते हैं,
और
'गजनी' लुक के लिए हर महीने गंजे हो सकते हैं.*

कोई पंडित अगर चोटी रखे तो उसे एन्टीना कहते हैं.
और
शाहरुख के 'डॉन' लुक के दीवाने बने फिरते हैं.
.
*किसानों के द्वारा उगाया अनाज खाने लायक नहीं लगता,
और
उसी अनाज को पॉलिश कर के कम्पनियाँ बेचें, तो क्वालिटी नजर आने लगती है...॥*

ये सब मात्र अपसंस्कृति ही नही,
देश व समाज का दुर्भाग्य भी है ।