Wednesday, October 25, 2017

*तुलसी कौन थी?*
```तुलसी(पौधा) पूर्व जन्म मे एक लड़की थी जिस का नाम वृंदा था, राक्षस कुल में उसका जन्म हुआ था बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्त थी.बड़े ही प्रेम से भगवान की सेवा, पूजा किया करती थी.जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में दानव राज जलंधर से हो गया। जलंधर समुद्र से उत्पन्न हुआ था.
वृंदा बड़ी ही पतिव्रता स्त्री थी सदा अपने पति की सेवा किया करती थी.
एक बार देवताओ और दानवों में युद्ध हुआ जब जलंधर युद्ध पर जाने लगे तो वृंदा ने कहा``` -
स्वामी आप युद्ध पर जा रहे है आप जब तक युद्ध में रहेगे में पूजा में बैठ कर``` आपकी जीत के लिये अनुष्ठान करुगी,और जब तक आप वापस नहीं आ जाते, मैं अपना संकल्प
नही छोडूगी। जलंधर तो युद्ध में चले गये,और वृंदा व्रत का संकल्प लेकर पूजा में बैठ गयी, उनके व्रत के प्रभाव से देवता भी जलंधर को ना जीत सके, सारे देवता जब हारने लगे तो विष्णु जी के पास गये।
सबने भगवान से प्रार्थना की तो भगवान कहने लगे कि – वृंदा मेरी परम भक्त है में उसके साथ छल नहीं कर सकता ।
फिर देवता बोले - भगवान दूसरा कोई उपाय भी तो नहीं है अब आप ही हमारी मदद कर सकते है।
भगवान ने जलंधर का ही रूप रखा और वृंदा के महल में पँहुच गये जैसे
ही वृंदा ने अपने पति को देखा, वे तुरंत पूजा मे से उठ गई और उनके चरणों को छू लिए,जैसे ही उनका संकल्प टूटा, युद्ध में देवताओ ने जलंधर को मार दिया और उसका सिर काट कर अलग कर दिया,उनका सिर वृंदा के महल में गिरा जब वृंदा ने देखा कि मेरे पति का सिर तो कटा पडा है तो फिर ये जो मेरे सामने खड़े है ये कौन है?
उन्होंने पूँछा - आप कौन हो जिसका स्पर्श मैने किया, तब भगवान अपने रूप में आ गये पर वे कुछ ना बोल सके,वृंदा सारी बात समझ गई, उन्होंने भगवान को श्राप दे दिया आप पत्थर के हो जाओ, और भगवान तुंरत पत्थर के हो गये।
सभी देवता हाहाकार करने लगे लक्ष्मी जी रोने लगे और प्रार्थना करने लगे यब वृंदा जी ने भगवान को वापस वैसा ही कर दिया और अपने पति का सिर लेकर वे
सती हो गयी।
उनकी राख से एक पौधा निकला तब
भगवान विष्णु जी ने कहा –आज से
इनका नाम तुलसी है, और मेरा एक रूप इस पत्थर के रूप में रहेगा जिसे शालिग्राम के नाम से तुलसी जी के साथ ही पूजा जायेगा और में
बिना तुलसी जी के भोग```
```स्वीकार नहीं करुगा। तब से तुलसी जी कि पूजा सभी करने लगे। और तुलसी जी का विवाह शालिग्राम जी के साथ कार्तिक मास में```
```किया जाता है.देव-उठावनी एकादशी के दिन इसे तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है !```
*इस कथा को कम से कम दो लोगों को अवश्य सुनाए आप को पुण्य अवश्य मिलेगा। या चार ग्रुप मे प्रेषित करें।*

Tuesday, October 24, 2017

*Nice line from Ratan Tata's Lecture- in London*
👉🏿1.
Don't educate
your children
to be rich.
Educate them
to be Happy.
So when
they grow up
they will know
the value of things
not the price.

👉🏿2.
"Eat your food
as your medicines.
Otherwise
you have to
eat medicines
as your food."

👉🏿3.
The One
who loves you
will never leave you
because
even if there are
100 reasons
to give up
he/she will find
one reason
to hold on.

👉🏿4.
There is
a lot of difference
between
_human being_
and _being human._
A Few understand it.

👉🏿5.
You are loved
when you are born.
You will be loved
when you die.
In between
You have to manage...!

👉🏿6.
If u want to Walk Fast,
Walk Alone..!
But
if u want to Walk Far,
Walk Together..!!

👉🏿7.
Six Best Doctors in the World-
1.Sunlight
2.Rest
3.Exercise
4.Diet
5.Self Confidence
&
6.Friends
Maintain them in all stages of Life and enjoy healthy life

👉🏿8.
If you see the
moon .....
You see the
beauty of God .....
If you see
the Sun .....
You see the
power of God .....
And .... If you see
the Mirror .....
You see the
best Creation
of GOD ....
So Believe in
YOURSELF.....

We all are tourists & God is our travel agent who
already fixed all our Routes Reservations & Destinations.

*So Trust him & Enjoy the "Trip" called LIFE...*

Send to all people who are important to you..😊
I just did 👍🏿

_*एक सुंदर कविता ...*_

*खवाहिश  नही  मुझे  मशहुर  होने  की।*
*आप  मुझे  पहचानते  हो  बस  इतना  ही  काफी  है।*


*अच्छे  ने  अच्छा  और  बुरे  ने  बुरा  जाना  मुझे।*
*क्यों  की  जीसकी  जीतनी  जरुरत  थी  उसने  उतना  ही  पहचाना  मुझे।*


 *ज़िन्दगी  का  फ़लसफ़ा  भी   कितना  अजीब  है*
*शामें  कटती  नहीं,  और  साल  गुज़रते  चले  जा  रहे  हैं....!!*


*एक  अजीब  सी  दौड़  है  ये  ज़िन्दगी,*
*जीत  जाओ  तो  कई  अपने  पीछे  छूट  जाते  हैं,*
*और  हार  जाओ  तो  अपने  ही  पीछे  छोड़  जाते  हैं।*


*बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर...*
*क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है..*



*मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा,*
*चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना ।।*



*ऐसा नहीं है कि मुझमें कोई ऐब नहीं है पर सच कहता हूँ मुझमे कोई फरेब नहीं है*




*जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन क्यूंकि एक मुद्दत से मैंने*
*न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले .!!.*



*एक घड़ी ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध ली..*
*वक़्त पीछे ही पड़ गया मेरे..!!*



*सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून से..*
*पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला !!!*



*सुकून की बात मत कर ऐ ग़ालिब....*
*बचपन वाला 'इतवार' अब नहीं आता |*



*जीवन की भाग-दौड़ में क्यूँ वक़्त के साथ रंगत खो जाती है ?*
*हँसती-खेलती ज़िन्दगी भी आम हो जाती है..*



*एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम*

*_और_*

*आज कई बार*
*बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..*



*कितने दूर निकल गए,*
*रिश्तो को निभाते निभाते..*
*खुद को खो दिया हमने,*
*अपनों को पाते पाते..*




*लोग कहते है हम मुस्कुराते बहोत है,*
*और हम थक गए दर्द छुपाते छुपाते..*



*"खुश हूँ और सबको खुश रखता हूँ,*
*लापरवाह हूँ फिर भी सबकी परवाह करता हूँ..*



*मालूम है कोई मोल नहीं मेरा*


*_फिर भी,_*


*कुछ अनमोल लोगो से रिश्ता रखता हूँ...!*🙏🏻🙏🏻🙏🏻

लड़की अपनी स्कूटी मैकेनिक के पास लेके गई

लड़की – मुझे स्कूटी की सर्विस करानी है

मैकेनिक – मैडम इंजन में ऑइल नहीं है
और ब्रेक भी सही से काम नहीं कर रहे

लड़की –
.
.
.
.
अरे वो छोटी मोटी बातें होती रहती हैं
पहले इसका शीशा ठीक करो प्लीज़ :) :)

👌👌
*Natural Therapy For Headaches ! In about 5 minutes, your headache will go...*

The nose has a left and a right side. We use both to inhale and exhale. Actually they are different. You'll be able to feel the difference.

The right side represents the sun. The left side represents the moon.

During a headache, try to close your right nose and use your left nose to breathe.
In about 5 mins, your headache will go.

If you feel tired, just reverse, close your left nose and breathe through your right nose. After a while, you will feel your mind is refreshed.

Right side belongs to 'hot', so it gets heated up easily. Left side belongs to 'cold'.

Most females breathe with their left noses, so they get "cooled off" faster.  Most of the guys breathe with their right noses, they get worked up.

Do you notice, the moment you awake, which side breathes better?
Left or right ?
If left is better, you will feel tired. So, close your left nose and use your right nose for breathing. You will feel refreshed quickly.

*Do you suffer from continual headaches?*
Try out this breathing therapy.

Close your right nose and breathe through your left nose. Your headaches will be gone. Continued the exercise for one month.

Why not give it a try.... a natural therapy without medication.

*CURE FOR ACIDITY*

Acidity, it is said, is worse than Cancer. It is one of the most common disease people encounter in their daily life. The home remedy for Acidity is Raw Grains of Rice.

The Process:
1. Take 8 - 10 grains of raw uncooked rice

2. Swallow it with water before having your breakfast or eating anything in the morning

3. Do this for 21 days to see effective results and continuously for 3 months to eliminate acidity from the body

*The Cure:*
Reduces acid levels in the body and makes you feel better by the day.

*CURE FOR CHOLESTEROL*
Cholesterol problem accompanies with Hypertension and Heart Problems. This is also one of the common problems in people who have High Blood Pressure and Diabetes. The home remedy for Cholesterol problem is RAW SUPARI.

*The Process:*
1. Take Raw Supari (Betel Nut that is not flavoured) and slice them or make pieces of the same.
2.  Chew it for about 20 - 40 minutes after every meal.
3. Spit it out.

*The Cure:*
When you chew the supari, the saliva takes in the juice that is generated and this acts like a Blood Thinner. Once your blood becomes free flowing, it brings down the pressure in the blood flow, thereby reducing Blood Pressure too. 

*CURE FOR BLOOD PRESSURE:*
One of the simple home remedy cure for Blood Pressure is Methi Seeds or Fenugreek Seeds.

*The Process:*
1. Take a pinch of Raw Fenugreek Seeds, about 8 - 10 seeds.
2. Swallow it with water before taking your breakfast, every morning.

*The Cure:*
The seeds of Fenugreek are considered good to reduce the blood pressure.

*CURE FOR DIABETES*
There are 2 home remedies for Diabetes. One is Ladies Finger and the other is Black Tea.

*BLACK TEA:* Due to high medication, the organ that is worst affeccted is the Kidney. It has been observed that Black Tea (tea without milk, sugar or lemon) is good for the Kidney. Hence a cup of black tea every morning is highly advisable.

*The Process:*
1. Boil water along with the tea leaves (any tea leaves will do).
2. Drink the concoction without addingmilk, sugar or lemon.

*The Cure:*
Black Tea will help in enhancing the function of the kidney, thereby not affecting it more.

*LADIES FINGER or OKRA:*
Ladies finger is considered to be a good home medicine for diabetes.

*The Process:*
1. Slit the ladies finger into 2 halves vertically and soak it in water overnight.
2. The next morning, remove the ladies fingers and drink the water, before eating your breakfast.

*The Cure:*
After the ladies fingers are soaked overnight in the water, you can observe that the water becomes sticky in the morning. This sticky water is considered to be good for people who suffer from Diabetes.

*Pass it on...*
*Many people may benefit from this...*

Monday, October 23, 2017

👌 *धन की परिभाषा* 👌

👌जब कोई बेटा या बेटी ये कहे कि मेरे माँ बाप ही मेरे भगवान् है….
*ये है “धन”*👍

👌जब कोई माँ बाप अपने बच्चों के लिए ये कहे कि ये हमारे कलेजे की कोर हैं….
*ये है “धन”* 👍

👌शादी के 20 साल बाद भी अगर पति पत्नी एक दूसरे से कहें ।
I Love you…
*ये है “धन”* 👍

👌कोई सास अपनी बहु के लिए कहे कि ये मेरी बहु नहीं बेटी है और कोई बहु अपनी सास के लिए कहे कि ये मेरी सास नहीं मेरी माँ है……
*ये है “धन”*👍

👌जिस घर में बड़ो को मान और छोटो को प्यार भरी नज़रो से देखा जाता है……
*ये है “धन”* 👍

👌जब कोई अतिथि कुछ दिन आपके घर रहने के पशचात् जाते समय दिल से कहे  की आपका घर …घर नहीं मंदिर है….
*ये है “धन”*👍

ऐसी दुआ हैं मेरी कि आपको ऐसे
*”परम धन”* की प्राप्ति हो।
और अपना ग्रुप  एक परिवार सा लगे…
         😄”खुश रहिये ……..

         सदा मुस्कराते रहो 

     आपका हर लम्हा मंगलदायक हो

🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹

Sunday, October 22, 2017

बचपन मे 1 रु. की पतंग के पीछे
२ की.मी. तक भागते थे...
न जाने कीतने चोटे लगती थी...

वो पतंग भी हमे बहोत दौड़ाती थी...

आज पता चलता है,
दरअसल वो पतंग नहीं थी;
एक चेलेंज थी...

खुशीओं को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता है...
वो दुकानो पे नहीं मिलती...

शायद यही जिंदगी की दौड़ है ...!!!😊👍

 जब  बचपन  था,  तो  जवानी  एक  ड्रीम  था...
जब  जवान  हुए,  तो  बचपन  एक  ज़माना  था... !!

जब  घर  में  रहते  थे,  आज़ादी  अच्छी  लगती  थी...

आज  आज़ादी  है,  फिर  भी  घर  जाने  की   जल्दी  रहती  है... !!

कभी  होटल  में  जाना  पिज़्ज़ा,  बर्गर  खाना  पसंद  था...

 आज  घर  पर  आना  और  माँ  के  हाथ  का  खाना  पसंद  है... !!!

स्कूल  में  जिनके  साथ  ज़गड़ते  थे,  आज  उनको  ही  इंटरनेट  पे  तलाशते  है... !!

ख़ुशी  किसमे  होतीं है,  ये  पता  अब  चला  है...
बचपन  क्या  था,  इसका  एहसास  अब  हुआ  है...

काश  बदल  सकते  हम  ज़िंदगी  के  कुछ  साल..

.काश  जी  सकते  हम,  ज़िंदगी  फिर  एक  बार...!!

👘 जब हम अपने शर्ट में हाथ छुपाते थे
और लोगों से कहते फिरते थे देखो मैंने
अपने हाथ जादू से हाथ गायब कर दिए
|🌀🌀

✏जब हमारे पास चार रंगों से लिखने
वाली एक पेन हुआ करती थी और हम
सभी के बटन को एक साथ दबाने
की कोशिश किया करते थे |❤💚💙💜

👻 जब हम दरवाज़े के पीछे छुपते थे
ताकि अगर कोई आये तो उसे डरा सके..👥

👀जब आँख बंद कर सोने का नाटक करते
थे ताकि कोई हमें गोद में उठा के बिस्तर तक पहुचा दे |

🚲सोचा करते थे की ये चाँद
हमारी साइकिल के पीछे पीछे
क्यों चल रहा हैं |🌙🚲

🔦💡On/Off वाले स्विच को बीच में
अटकाने की कोशिश किया करते थे |

🍏🍎🍉🍑🍈 फल के बीज को इस डर से नहीं खाते
थे की कहीं हमारे पेट में पेड़ न उग जाए |

🍰🎂🍧🏆🎉🎁

🔆फ्रिज को धीरे से बंद करके ये जानने
की कोशिश करते थे की इसकी लाइट
कब बंद होती हैं |

🎭  सच , बचपन में सोचते हम बड़े
क्यों नहीं हो रहे ?

और अब सोचते हम बड़े क्यों हो गए ?⚡⚡

🎒🎐ये दौलत भी ले लो..ये शोहरत भी ले लो💕

भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी...

मगर मुझको लौटा दो बचपन
का सावन ....☔

वो कागज़
की कश्ती वो बारिश का पानी..🌊🌊🌊
Bachpan ki storyes 🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽🔽

                 Old hits
 

बचपन कि ये लाइन्स .
जिन्हे हम दिल से गाते
गुनगुनाते थे ..
और खेल खेलते थे ..!!
तो याद ताज़ा कर लीजिये ...!!

▶  मछली जल की रानी है,
       जीवन उसका पानी है।
       हाथ लगाओ डर जायेगी
       बाहर निकालो मर जायेगी।

**********

▶  पोशम्पा भाई पोशम्पा,
       सौ रुपये की घडी चुराई।
       अब तो जेल मे जाना पडेगा,
       जेल की रोटी खानी पडेगी,
       जेल का पानी पीना पडेगा।

**********

▶  आलू-कचालू बेटा कहाँ गये थे,
       बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे।
       बन्दर ने लात मारी रो रहे थे,
       मम्मी ने पैसे दिये हंस रहे थे।

************

▶  आज सोमवार है,
       चूहे को बुखार है।
       चूहा गया डाक्टर के पास,
       डाक्टर ने लगायी सुई,
       चूहा बोला उईईईईई।

**********

▶  झूठ बोलना पाप है,
       नदी किनारे सांप है।
       काली माई आयेगी,
       तुमको उठा ले जायेगी।

**********

▶  चन्दा मामा दूर के,
       पूए पकाये भूर के।
       आप खाएं थाली मे,
       मुन्ने को दे प्याली में।

**********

▶  तितली उड़ी,
       बस मे चढी।
       सीट ना मिली,
       तो रोने लगी।
       ड्राईवर बोला,
       आजा मेरे पास,
       तितली बोली ” हट बदमाश “।

****************

▶  मोटू सेठ,
       पलंग पर लेट ,
       गाडी आई,
       फट गया पेट

******************
 
😍😄😘😝👊👌👏👍🙏
आज सब अपना बचपन याद करो और अपने मित्रो
को सेंड करो !

Friday, October 20, 2017


मैं रूठा, तुम भी रूठ गए
फिर मनाएगा कौन ?

आज दरार है, कल खाई होगी
फिर भरेगा कौन ?

मैं चुप, तुम भी चुप
इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?

बात छोटी को लगा लोगे दिल से,
तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?

दुखी मैं भी और  तुम भी बिछड़कर,
सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?

न मैं राजी, न तुम राजी,
फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ?

डूब जाएगा यादों में दिल कभी,
तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?

एक अहम् मेरे, एक तेरे भीतर भी,
इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?

ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ?

मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन एक ने आँखें....
तो कल इस बात पर फिर पछतायेगा कौन ?


1. जिदंगी मे कभी भी किसी को
      बेकार मत समझना,क्योक़ि
        बंद पडी घडी भी दिन में
          दो बार सही समय बताती है।

2. किसी की बुराई तलाश करने
      वाले इंसान की मिसाल उस
       मक्खी की तरह है जो सारे
         खूबसूरत जिस्म को छोडकर
           केवल जख्म पर ही बैठती है।

3. टूट जाता है गरीबी मे
      वो रिश्ता जो खास होता है,
        हजारो यार बनते है
          जब पैसा पास होता है।

4. मुस्करा कर देखो तो
      सारा जहाॅ रंगीन है,
        वर्ना भीगी पलको
          से तो आईना भी
             धुधंला नजर आता है।

5..जल्द मिलने वाली चीजे
      ज्यादा दिन तक नही चलती,
        और जो चीजे ज्यादा
           दिन तक चलती है
             वो जल्दी नही मिलती।

6. बुरे दिनो का एक
      अच्छा फायदा
         अच्छे-अच्छे दोस्त
            परखे जाते है।

7. बीमारी खरगोश की तरह
      आती है और कछुए की तरह
        जाती है;
          जबकि पैसा कछुए की तरह
             आता है और.खरगोश की
                तरह जाता है।

8. छोटी छोटी बातो मे
      आनंद खोजना चाहिए
        क्योकि बङी बङी तो
          जीवन मे कुछ ही होती है।

9. ईश्वर से कुछ मांगने पर
      न मिले तो उससे नाराज
        ना होना क्योकि ईश्वर
           वह नही देता जो आपको
             अच्छा लगता है बल्कि
             वह देता है जो आपके लिए
                    अच्छा होता है

10. लगातार हो रही
        असफलताओ से निराश
           नही होना चाहिए क्योक़ि
           कभी-कभी गुच्छे की आखिरी
           चाबी भी ताला खोल देती है।

11. ये सोच है हम इसांनो की
        कि एक अकेला
          क्या कर सकता है
             पर देख जरा उस सूरज को
           वो अकेला ही तो चमकता है।

12. रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो
        उन्हे तोङना मत क्योकि
          पानी चाहे कितना भी गंदा हो
           अगर प्यास नही बुझा सकता
              वो आग तो बुझा सकता है।

13. अब वफा की उम्मीद भी
         किस से करे भला
            मिटटी के बने लोग
               कागजो मे बिक जाते है।

14. इंसान की तरह बोलना
         न आये तो जानवर की तरह
             मौन रहना अच्छा है।

15. जब हम बोलना
         नही जानते थे तो
           हमारे बोले बिना'माँ'
      हमारी बातो को समझ जाती थी।
            और आज हम हर बात पर
                 कहते है छोङो भी 'माँ'
                  आप नही समझोंगी।

16. शुक्र गुजार हूँ
        उन तमाम लोगो का
           जिन्होने बुरे वक्त मे
              मेरा साथ छोङ दिया
                 क्योकि उन्हे भरोसा था
                    कि मै मुसीबतो से
              अकेले ही निपट सकता हूँ।

17. शर्म की अमीरी से
         इज्जत की गरीबी अच्छी है।

18. जिदंगी मे उतार चङाव
         का आना बहुत जरुरी है
          क्योकि ECG मे सीधी लाईन
            का मतलब मौत ही होता है।

19. रिश्ते आजकल रोटी
         की तरह हो गए है
            जरा सी आंच तेज क्या हुई
            जल भुनकर खाक हो जाते।

20. जिदंगी मे अच्छे लोगो की
        तलाश मत करो
          खुद अच्छे बन जाओ
            आपसे मिलकर शायद
               किसी की तालाश पूरी हो।

हास्य कविता  **

😀😀😀😀😀😀😀
अक्ल बाटने लगे विधाता,
             लंबी लगी कतारें ।
सभी आदमी खड़े हुए थे,
            कहीं नहीं थी नारी ।

सभी नारियाँ कहाँ रह गई.
          था ये अचरज भारी ।
पता चला ब्यूटी पार्लर में,
          पहुँच गई थी सारी।

मेकअप की थी गहन प्रक्रिया,
           एक एक पर भारी ।
बैठी थीं कुछ इंतजार में,
          कब आएगी बारी ।

उधर विधाता ने पुरूषों में,
         अक्ल बाँट दी सारी ।
ब्यूटी पार्लर से फुर्सत पाकर,
        जब पहुँची सब नारी ।

बोर्ड लगा था स्टॉक ख़त्म है,
        नहीं अक्ल अब बाकी ।
रोने लगी सभी महिलाएं ,
        नींद खुली ब्रह्मा की ।

पूछा कैसा शोर हो रहा है,
         ब्रह्मलोक के द्वारे ?
पता चला कि स्टॉक अक्ल का
          पुरुष ले गए सारे ।

ब्रह्मा जी ने कहा देवियों ,
          बहुत देर कर दी है ।
जितनी भी थी अक्ल वो मैंने,
          पुरुषों में भर दी है ।

लगी चीखने महिलाये ,
         ये कैसा न्याय तुम्हारा?
कुछ भी करो हमें तो चाहिए.
          आधा भाग हमारा ।

पुरुषो में शारीरिक बल है,
          हम ठहरी अबलाएं ।
अक्ल हमारे लिए जरुरी ,
         निज रक्षा कर पाएं ।

सोचकर दाढ़ी सहलाकर ,
         तब बोले ब्रह्मा जी ।
एक वरदान तुम्हे देता हूँ ,
         अब हो जाओ राजी ।

थोड़ी सी भी हँसी तुम्हारी ,
         रहे पुरुष पर भारी ।
कितना भी वह अक्लमंद हो,
         अक्ल जायेगी मारी ।

एक औरत ने तर्क दिया,
        मुश्किल बहुत होती है।
हंसने से ज्यादा महिलाये,
        जीवन भर रोती है ।

ब्रह्मा बोले यही कार्य तब,
        रोना भी कर देगा ।
औरत का रोना भी नर की,
        अक्ल हर लेगा ।

एक अधेड़ बोली बाबा ,
       हंसना रोना नहीं आता ।
झगड़े में है सिद्धहस्त हम,
       खूब झगड़ना भाता ।

ब्रह्मा बोले चलो मान ली,
       यह भी बात तुम्हारी ।
झगडे के आगे भी नर की,
       अक्ल जायेगी मारी ।

ब्रह्मा बोले सुनो ध्यान से,
       अंतिम वचन हमारा ।
तीन शस्त्र अब तुम्हे दिए.
       पूरा न्याय हमारा ।

इन अचूक शस्त्रों में भी,
       जो मानव नहीं फंसेगा ।निश्चित समझो,
       उसका घर नहीं बसेगा ।

कहे कवि मित्र ध्यान से,
       सुन लो बात हमारी ।
बिना अक्ल के भी होती है,
       नर पर नारी भारी।

😀कविराज:::

Tuesday, October 17, 2017

Diwali Dhanteras

धनतेरस 2017: जानिए क्या है धनतेरस का महत्व और पूजन विधि। धनतेरस पर मां लक्ष्मी के साथ भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नया सामान खरीदने से धन 13 गुना बढ़ जाता है।
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धनतरेस 2017: धनतेरस हर साल दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है।कार्तिक माह की त्रयोदशी को धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। वैसे तो ये दिन धनतेरस के नाम से प्रख्यात है। दिवाली से दो दिन पहले के इस पर्व पर मां लक्ष्मी के साथ भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नया सामान खरीदने से धन 13 गुना बढ़ जाता है। धनवंतरी देवताओं के चिकित्सक हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्व पूर्ण होता है। धनतेरस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाने की प्रथा भी है। इस दिन सोना और चांदी जैसी धातुओं को खरीदना अच्छा माना जाता है। इस मौके पर लोग धन की वर्षा के लिए नए बर्तन और आभूषण खरीदते हैं। ऐसी मान्यता है कि धातु नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करती है। इसलिए धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदन परंपरा सदियों से चली आ रही है। हालांकि इस मौके पर सिर्फ सोने और चांदी की ही नहीं बल्कि कई अन्य सामान भी लोग खरीदते हैं, कई लोग इस दिन झाडू खरीदना शुभ मानते हैं।
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान धनवंतरी के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इसके अलावा और भी कारण हैं जिसकी वजह से धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धनवंतरी का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। धनवंतरी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। भगवान धनवंतरी चूंकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। इस दिन लोग गणेश और लक्ष्मी को घर लाया जाता है। इस दिन लोग किसी को उधार नहीं देते हैं और ना ही लेते हैं। इस दिन धन की वृद्धि के लिए लोग नई वस्तुएं लेते हैं।

इस दिन लक्ष्मी के साथ-साथ मां धन के देवता कुबेर और यमराज की पूजा भी की जाती है। ऐसा माना जाता है इस दिन अगर मां लक्ष्मी घर आती हैं तो वो हमेशा के लिए रुक जाती हैं। इसलिए इस दिन विशेष पूजा का महत्व होता है। इस दिन यमराज की पूजा का महत्व इसलिए है क्योंकि दिवाली के समय अधिकतर प्रदोष काल का समय होता है। इसलिए शास्त्रों के अनुसार इस दिन जो यमराज को दीपदान करता है उसकी आकाल मृत्यु नहीं होती है।
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धन त्रयोदशी : मुहूर्त, महत्व, कथा और पूजन विधान----
17 अक्टूबर (मंगलवार) को धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। धनतेरस पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल के दौरान होता है जब स्थिर लग्न होता है। ऐसा माना जाता है कि अगर स्थिर लग्न के दौरान धनतेरस पूजा की जाए तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती है। 
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दिनांक 17 अक्टूबर 2017 को सायं 7.20 पर वृष लग्न है। इसे स्थिर लग्न माना गया है और दीवाली के दौरान यह अधिकतर प्रदोष काल के साथ अधिव्याप्त होता है। अतः धनतेरस की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 07:20 से लेकर 08:17 के बीच तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से धन, स्वास्थ्य और आयु बढ़ती है।
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धन त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था इसीलिए इस दिन को धन तेरस के रूप में पूजा जाता है। दीपावली के दो दिन पहले आने वाले इस त्योहार को लोग काफी धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन गहनों और बर्तन की खरीदी जरूर की जाती है। धनवंतरि चिकित्सा के देवता भी हैं इसलिए उनसे अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है।
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देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन
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शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान त्रयो‍दशी के दिन भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन को धन त्रयोदशी कहा जाता है। धन और वैभव देने वाली इस त्रयोदशी का विशेष महत्व माना गया है।
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कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय बहुत ही दुर्लभ और कीमती सामग्री निकली थी। इसके अलावा के अलावा शरद पूर्णिमा का चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी के दिन कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धन्वंतरि और कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को भगवती लक्ष्मी जी का समुद्र से अवतरण हुआ था। यही कारण है कि दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन और उसके दो दिन पहले त्रयोदशी को भगवान धन्वंतरि का जन्म दिवस धनतेरस के रूप में मनाया जाता है।
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भगवान धन्वंतरि को प्रिय है पीतल
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भगवान धन्वंतरि को नारायण भगवान विष्णु का ही एक रूप माना जाता है। इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें से दो भुजाओं में वे शंख और चक्र धारण किए हुए हैं। दूसरी दो भुजाओं में औषधि के साथ वे अमृत कलश लिए हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि यह अमृत कलश पीतल का बना हुआ है इसीलिए पीतल भगवान धन्वंतरि की प्रिय धातु है।
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चांदी खरीदना शुभ 
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धनतेरस के दिन लोग घरेलू बर्तन खरीदते हैं, वैसे इस दिन चांदी खरीदना शुभ माना जाता है क्योंकि चांदी चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है। चन्द्रमा शीतलता का मानक है।
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मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई कोई भी वस्तु शुभ फल प्रदान करती है और लंबे समय तक चलती है। लेकिन अगर भगवान की प्रिय वस्तु पीतल की खरीदी की जाए तो इसका तेरह गुना अधिक लाभ मिलता है।
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क्यों है पूजा-पाठ में पीतल का इतना महत्व?
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पीतल का निर्माण तांबा और जस्ता धातुओं के मिश्रण से किया जाता है। सनातन धर्म में पूजा-पाठ और धार्मिक कर्म हेतु पीतल के बर्तन का ही उपयोग किया जाता है। ऐसा ही एक किस्सा महाभारत में वर्णित है कि सूर्यदेव ने द्रौपदी को पीतल का अक्षय पात्र वरदानस्वरूप दिया था जिसकी विशेषता थी कि द्रौपदी चाहे जितने लोगों को भोजन करा दें, खाना घटता नहीं था।

यम की पूजा का भी विधान :

धनतेरस के दिन कुबेर के अलावा देवता यम के पूजा का भी विधान है। धनतेरस के दिन यम की पूजा के संबंध में मान्यता है कि इनकी पूजा से घर में असमय मौत का भय नहीं रहता है।
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धनतेरस 2017 : पूजन और खरीदी के यह हैं शुभ मुहूर्त
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दीपावली त्योहार 5 दिन का मनाया जाता है। प्रथम दिवस को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन धन्वंतरि और कुबेरदेव का पूजन किया जाता है, साथ ही इस दिन व्यापारी अपने प्रतिष्ठान की पूजन करते हैं, बहीखाता खरीदते हैं व गादी बदलते हैं।



किस समय करें पूजन जानिए...



चौघड़िया अनुसार



लाभ चौघड़िया 10.45 से 12.12 तक

अमृत चौघड़िया 12.12 से 1.39 तक

शुभ चौघड़िया 3.05 से 4.32 तक

लाभ चौघड़िया रात्रि 7.32 से 8.05 तक

शुभ चौघड़िया रात्रि 10.39 से 12.12 तक



देर रात सिद्धि के लिएअमृतचौघड़िया रात्रि 12.12 से 1.46 तक।



लग्न अनुसार ब्रह्म मुहूर्त



कन्या लग्न : प्रात: 4.04 से 6.21 तक।

धनु लग्न : सुबह 10.44 से दोपहर 12.50 तक।

कुंभ लग्न : दोपहर 2.37 से 4.10 तक।

मेष लग्न : शाम 5.41 से 7.22 तक।

वृषभ लग्न : रात्रि 7.22 से 9.20 तक।



देर रात सिद्धि के लिए : सिंह लग्न रात्रि 1.49 से 4.00 तक।

----------------------------श्री--------------------

Sunday, October 15, 2017

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👇👇👇👇👇👇👇👇
 *यह हमेशा ध्यान रखे*

1) 🤑🌶🍒 *निम्बू-मिर्च* खाने के लिये है.. कही *टाँगने* के लिए नहीं है....

2) 😱🐈 *बिल्लियाँ* पालतू जानवर है, बिल्ली के *रास्ता काटने* से कुछ गलत नहीं होता.. बल्कि चूहों से होनेवाले नुक्सान को बचाया जा सकता है.....
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3) 🗣💨 *छिंकना* एक नैसर्गिक क्रिया है , छींकने से कुछ *अनहोनी* नहीं होती ना हि किसी काम में बाधा आती है- छींकने से शरीर की *सुप्त पेशियां* सक्रीय हो जाती है...

4) 💀🌳 *भुत* पेड़ों पर नहीं रहते - पेड़ों पर *पक्षी*रहते है.....

5) 🔬🔭 *चमत्कार* जैसी कोई चीज नहीं होती - हर घटना के पिछे *वैज्ञानिक* कारण होता है.....

6) ⛄☃ *भोपा, बाबा* जैसे लोग *झुठे* होते है- जिन्हें *शारारिक मेहनत* नहीं करनी ये वही लोग है.....

7) ⛈🌪👺🔥 *जादू टोणा*, या *किसीने कराया* ऐसा कुछ नहीं होता, ये दुर्बल लोगोंके *मानसिक वीकार* है....
जादू-टोणा करके आपके ग्रहो की दिशा बदलने वाले बाबा, हवा और मेघोंकी दिशा बदलकर बारिश नहीं ला सकते...?⛈☁🌒💫

8 ) 🌏🐠 *वास्तुशास्त्र* भ्रामक है. सिर्फ दिशाओ का *डर* दिखाकर लूट...
वास्तविक तो पृथ्वी ही खुद हर क्षण *अपनी दिशा* बदलती है....  अगर *कुबेरजी* उत्तर दिशा में है तो एक ही स्थान या दिशा में *आमीर* और *गरीब* दोनों क्यों पाये जाते है?..... .

9) 👼🐓🐐🍇🍎 *मन्नत,पूजा, बलि, टिप उपवास* या *चढ़ावे* से भगवान प्रसन्न होकर *फल* देते है, तो क्या भगवान् *रिश्वतखोर* है?.....    आध्यात्म *मोक्ष* के लिए है, *धन* कमाने के लिए नहीं.....

10) 👆🏼 ये जो *पढ़* रहे हो इसका अनुकरण करे, और अपने *मित्रों* को भी send करे...

यह मेसैज दूसरे ग्रुप पर भेजने से कोई *खुश खबर* नहीं मिलेगी... पर अपने मित्र *महेनत*और *कर्म* का महत्त्व जरूर जान सकेंगे... 🙏🏽

*कर्मण्ये वाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचनं* 👈🏼 "श्रीमद् भगवद् गीता"
♻♻♻♻♻♻♻♻♻

| सातवां घड़ा |

एक गाँव में एक नाई अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता था। नाई ईमानदार था, अपनी कमाई से संतुष्ट था। उसे किसी तरह का लालच नहीं था। नाई की पत्नी भी अपनी पति की कमाई हुई आय से बड़ी कुशलता से अपनी गृहस्थी चलाती थी। कुल मिलाकर उनकी जिंदगी बड़े आराम से हंसी-खुशी से गुजर रही थी।
नाई अपने काम में बहुत निपुण था। एक दिन वहाँ के राजा ने नाई को अपने पास बुलवाया और रोज उसे महल में आकर हजामत बनाने को कहा।
नाई ने भी बड़ी प्रसन्नता से राजा का प्रस्ताव मान लिया। नाई को रोज राजा की हजामत बनाने के लिए एक स्वर्ण मुद्रा मिलती थी।
इतना सारा पैसा पाकर नाई की पत्नी भी बड़ी खुश हुई। अब उसकी जिन्दगी बड़े आराम से कटने लगी। घर पर किसी चीज की कमी नहीं रही और हर महीने अच्छी रकम की बचत भी होने लगी। नाई, उसकी पत्नी और बच्चे सभी खुश रहने लगे।

एक दिन शाम को जब नाई अपना काम निपटा कर महल से अपने घर वापस जा रहा था, तो रास्ते में उसे एक आवाज सुनाई दी।
आवाज एक यक्ष की थी। यक्ष ने नाई से कहा, ‘‘मैंने तुम्हारी ईमानदारी के बड़े चर्चे सुने हैं, मैं तुम्हारी ईमानदारी से बहुत खुश हूँ और तुम्हें सोने की मुद्राओं से भरे सात घड़े देना चाहता हूँ। क्या तुम मेरे दिये हुए घड़े लोगे ?
नाई पहले तो थोड़ा डरा, पर दूसरे ही पल उसके मन में लालच आ गया और उसने यक्ष के दिये हुए घड़े लेने का निश्चय कर लिया।
नाई का उत्तर सुनकर उस आवाज ने फिर नाई से कहा, ‘‘ठीक है सातों घड़े तुम्हारे घर पहुँच जाएँगे।’’

नाई जब उस दिन घर पहुँचा, वाकई उसके कमरे में सात घड़े रखे हुए थे। नाई ने तुरन्त अपनी पत्नी को सारी बातें बताईं और दोनों ने घड़े खोलकर देखना शुरू किया। उसने देखा कि छः घड़े तो पूरे भरे हुए थे, पर सातवाँ घड़ा आधा खाली था।
नाई ने पत्नी से कहा—‘‘कोई बात नहीं, हर महीने जो हमारी बचत होती है, वह हम इस घड़े में डाल दिया करेंगे। जल्दी ही यह घड़ा भी भर जायेगा। और इन सातों घड़ों के सहारे हमारा बुढ़ापा आराम से कट जायेगा।
अगले ही दिन से नाई ने अपनी दिन भर की बचत को उस सातवें में डालना शुरू कर दिया। पर सातवें घड़े की भूख इतनी ज्यादा थी कि वह कभी भी भरने का नाम ही नहीं लेता था।

धीरे-धीरे नाई कंजूस होता गया और घड़े में ज्यादा पैसे डालने लगा, क्योंकि उसे जल्दी से अपना सातवाँ घड़ा भरना था।
नाई की कंजूसी के कारण अब घर में कमी आनी शुरू हो गयी, क्योंकि नाई अब पत्नी को कम पैसे देता था। पत्नी ने नाई को समझाने की कोशिश की, पर नाई को बस एक ही धुन सवार थी—सातवां घड़ा भरने की।
अब नाई के घर में पहले जैसा वातावरण नहीं था। उसकी पत्नी कंजूसी से तंग आकर बात-बात पर अपने पति से लड़ने लगी। घर के झगड़ों से नाई परेशान और चिड़चिड़ा हो गया।
एक दिन राजा ने नाई से उसकी परेशानी का कारण पूछा। नाई ने भी राजा से कह दिया अब मँहगाई के कारण उसका खर्च बढ़ गया है। नाई की बात सुनकर राजा ने उसका मेहताना बढ़ा दिया, पर राजा ने देखा कि पैसे बढ़ने से भी नाई को खुशी नहीं हुई, वह अब भी परेशान और चिड़चिड़ा ही रहता था।
एक दिन राजा ने नाई से पूछ ही लिया कि कहीं उसे यक्ष ने सात घड़े तो नहीं दे दिये हैं ? नाई ने राजा को सातवें घड़े के बारे में सच-सच बता दिया।

तब राजा ने नाई से कहा कि सातों घड़े यक्ष को वापस कर दो, क्योंकि सातवां घड़ा साक्षात लोभ है, उसकी भूख कभी नहीं मिटती।
नाई को सारी बात समझ में आ गयी। नाई ने उसी दिन घर लौटकर सातों घड़े यक्ष को वापस कर दिये।

घड़ों के वापस जाने के बाद नाई का जीवन फिर से खुशियों से भर गया था।

कहानी हमें बताती है कि हमें कभी लोभ नहीं करना चाहिए। भगवान ने हम सभी को अपने कर्मों के अनुसार चीजें दी हैं, हमारे पास जो है, हमें उसी से खुश रहना चाहिए। अगर हम लालच करे तो सातवें घड़े की तरह उसका कोई अंत नहीं होता।

Saturday, October 14, 2017

_एक बार ज़रूर पढ़े_

*एक किसान की मन की बात*:-
😞😞😞😞😞😞😞😞😞
कहते हैं..

इन्सान सपना देखता है
तो वो ज़रूर पूरा होता है.
मगर
किसान के सपने
कभी पूरे नहीं होते।

बड़े अरमान और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है, और जब तैयार हुई फसल को बेचने मंडी जाता है।

बड़ा खुश होते हुए जाता है...

बच्चों से कहता है...
आज तुम्हारे लिये नये कपड़े लाऊंगा फल और मिठाई भी लाऊंगा।।

पत्नी से कहता है..
तुम्हारी साड़ी भी कितनी पुरानी हो गई है फटने भी लगी है आज एक साड़ी नई लेता आऊंगा।।
😞😞😞😞😞
पत्नी:–”अरे नही जी..!”
“ये तो अभी ठीक है..!”
“आप तो अपने लिये
जूते ही लेते आना कितने पुराने हो गये हैं और फट भी तो गये हैं..!”

जब
किसान मंडी पहुँचता है।

ये उसकी मजबूरी है..
वो अपने माल की कीमत खुद नहीं लगा पाता।

व्यापारी
उसके माल की कीमत
अपने हिसाब से तय करते हैं...

एक
साबुन की टिकिया पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.।

एक
माचिस की डिब्बी पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.।

लेकिन किसान
अपने माल की कीमत खु़द नहीं कर पाता .।

खैर..
माल बिक जाता है,
लेकिन कीमत
उसकी सोच अनुरूप नहीं मिल पाती.।

माल तौलाई के बाद
जब पेमेन्ट मिलता है..

वो सोचता है..
इसमें से दवाई वाले को देना है, खाद वाले को देना है, मज़दूर को देना है ,

अरे हाँ,
बिजली का बिल
भी तो जमा करना है.

सारा हिसाब
लगाने के बाद कुछ बचता ही नहीं.।।

वो मायूस हो
घर लौट आता है।।

बच्चे उसे बाहर ही इन्तज़ार करते हुए मिल जाते हैं...

“पिताजी..! पिताजी..!” कहते हुये उससे लिपट जाते हैं और पूछते हैं:-
“हमारे नये कपडे़ नहीं ला़ये..?”

पिता:–”वो क्या है बेटा..,
कि बाजार में अच्छे कपडे़ मिले ही नहीं,
दुकानदार कह रहा था,
इस बार दिवाली पर अच्छे कपडे़ आयेंगे तब ले लेंगे..!”

पत्नी समझ जाती है, फसल
कम भाव में बिकी है,
वो बच्चों को समझा कर बाहर भेज देती है.।

पति:–”अरे हाँ..!”
“तुम्हारी साड़ी भी नहीं ला पाया..!”

पत्नी:–”कोई बात नहीं जी, हम बाद में ले लेंगे लेकिन आप अपने जूते तो ले आते..!”

पति:– “अरे वो तो मैं भूल ही गया..!”

पत्नी भी पति के साथ सालों से है पति का मायूस चेहरा और बात करने के तरीके से ही उसकी परेशानी समझ जाती है
लेकिन फिर भी पति को दिलासा देती है .।

और अपनी नम आँखों को साड़ी के पल्लू से छिपाती रसोई की ओर चली जाती है.।

फिर अगले दिन..
सुबह पूरा परिवार एक नयी उम्मीद ,
एक नई आशा एक नये सपने के साथ नई फसल की तैयारी के लिये जुट जाता है.।
….

ये कहानी...
हर छोटे और मध्यम किसान की ज़िन्दगी में हर साल दोहराई जाती है।।
…..

हम ये नहीं कहते
कि हर बार फसल के
सही दाम नहीं मिलते, a

लेकिन...
जब भी कभी दाम बढ़ें, मीडिया वाले कैमरा ले के मंडी पहुच जाते हैं और खबर को दिन में दस दस बार दिखाते हैं.।।

कैमरे के सामने शहरी महिलायें हाथ में बास्केट ले कर अपना मेकअप ठीक करती मुस्कराती हुई कहती हैं...
सब्जी के दाम बहुत बढ़ गये हैं हमारी रसोई का बजट ही बिगड़ गया.।।
………

कभी अपने बास्केट को कोने में रख कर किसी खेत में जा कर किसान की हालत तो देखिये.।

वो किस तरह
फसल को पानी देता है.।।

25 लीटर दवाई से भरी हुई टंकी पीठ पर लाद कर छिङ़काव करता है||

20 किलो खाद की
तगाड़ी उठा कर खेतों में घूम-घूम कर फसल को खाद देता है.||

अघोषित बिजली कटौती के चलते रात-रात भर बिजली चालू होने के इन्तज़ार में जागता है.||

चिलचिलाती धूप में
सिर का पसीना पैर तक बहाता है.|

ज़हरीले जन्तुओं
का डर होते भी
खेतों में नंगे पैर घूमता है.||
……

जिस दिन
ये वास्तविकता
आप अपनी आँखों से
देख लेंगे, उस दिन आपके
किचन में रखी हुई सब्ज़ी, प्याज़, गेहूँ, चावल, दाल, फल, मसाले, दूध
सब सस्ते लगने लगेंगे.||
स्कूल में मास्टरजी ने पप्पू को *पत्नी पर निबंध* लिखने के लिए कहाँ तो पप्पू ने कुछ इस तरह से लिखा                       

                       *पत्नी पर निबंध :*

पत्नी नामक प्राणी भारत सहित पूरे विश्व में बहुतायत पाए जाती है।

प्राचीन समय में यह भोजन शाला में पायी जाती थी, लेकिन वर्तमान में यह शॉपिंग मॉल्स , थिएटर्स  एवं रेस्तरा के नजदीक विचरती हुई अधिक पायी जाती है।

पहले इस प्रजाति में लम्बे बाल, सुन्दर आकृति प्रायः पाये जाते थे। लेकिन अब छोटे बाल, कृत्रिम श्वेत मुख, रक्त के सामान होठ सामान्य रूप से देखे जा सकते है।

इनका मुख्य आहार पति नामक मूक प्राणी होता है। भारत में इन्हें धर्मपत्नी, भाग्यवती, लक्ष्मी नामो से भी जाना जाता है।

अधिक बोलना, अकारण झगड़ना, अति व्यय करना, इस प्रजाति के मुख्य लक्षणों में से है। हालाकि इस प्रजाति पर सम्पूर्ण अध्ययन करना संभव नहीं है, किन्तु सामान्यतः इनके निम्न प्रकार होते है।

*1. सुशील पत्नी* – यह प्रजाति अब लुप्त हो चुकी है। इस प्रजाति की प्राणी सुशील एवं सहनशील होती थी और घरो में ज्यादा पाये जाते थी।

*2. आक्रामक पत्नी* – यह प्रजाति भारत सहित पूरे विश्व में बहुत अधिक मात्रा में पायी जाती है। ये अपनी आक्रामक शैली, एवं तेज प्रहार के लिए जानी जाती है। समय आने पर ये बेलन, झाड़ू और चरण पादुकाओँ का उपयोग अधिक करती है।

*3. झगडालू पत्नी* – यह प्रजाति भी वर्तमान में सभी जगह पायी जाती है। इन्हें जॊर से बोलना और झगडा करना अत्यंत पसंद होता है। इनका अधिकतर सामना “सास” नामक एक और अत्यंत खतरनाक प्राणी से होता है।

*4. खर्चीली पत्नी* – भारत जैसे गरीब देश में भी पत्नियों की ये प्रजाति निरंतर बढती जा रही है। इनकी मुख्य आदतों में क्रेडिट कार्ड रखना, बिना विचार किये खर्च करना और बिना जरूरत वस्तुए खरीदना है। इस प्रजाति के साथ पति नामक प्राणी को चप्पल में थका हुआ पीछे पीछे घूमते देखा जा सकता है।

*5. नखरीली पत्नी* – इस प्रजाति के प्राणी अधिकतर आइने के सामने देखी जाती है। इनके होठ रक्त के सामान लाल, नाख़ून बड़े बड़े, केश सतरंगी और चेहरा श्वेत पाउडर से लिपा होता है। इन्हें भोजन शाला में जाना और काम करना नापसंद होता है।

*चेतावनी – पति नामक प्राणी के लिए इस प्रजाति के प्राणी अत्यंत खतरनाक व आक्रामक होते है। इन्हें समय-समय पर साड़ी, गिफ्ट्स, फ्लावर्स तथा करवा-चौथ के सुअवसर पर गहना इत्यादि के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है । लेकिन सनद रहे– केवल कुछ समय के लिए।*

*बीवियों के प्रकार*

*1. आलसी बीवी :::::::::::::*
खुद जाकर चाय बना लो और एक कप मुझे भी दे देना …

*2. धमकाने वाली बीवी ::::*
कान खोलकर सुन लो , या तो इस घर में तुम्हारी माँ रहेगी या मैं …

*3. इतिहास-पसंद बीवी ::::*
सब जानती हूँ तुम्हारा खानदान कैसा है …

*4. भविष्य-वाचक बीवी :::*
अगले साथ जन्मो तक मेरे जैसी बीवी नहीं मिलेगी …

*5. भ्रमित बीवी :::::::::::::*
तुम आदमी हो या पजामा ?

*6. स्वार्थी बीवी :::::::::::::*
ये साड़ी मेरी माँ ने मुझे पहनने को दी है तुम्हारी बहनों के लिए नहीं ..

*7. शक्की बीवी :::::::::::::*
मेरी कौन सी सौतन से फ़ोन पर बात कर रहे थे ?

*8. अर्थशास्त्री बीवी :::::::::*
कौन सा कुबेर का खजाना कमा ले आते हो जो रोज़ पनीर खिलाऊ ?

*9. धार्मिक बीवी :::::::::*
शुक्र करो भगवान् का जो मेरे जैसी बीवी मिली …

*10.कुंठाग्रस्त बीवी :::::::::::::*
मेरे नसीब में तुम ही लिखे थे ?
🙏खुश रहो  सदा हसते रहो ।

आपकी कौन सी है  ! देख लें ?

Friday, October 13, 2017

Rujuta Diwekar* is the highest paid *dietician*
*Her advice

1. *Eat fruits grown locally* ..... Banana, Grapes, Chikoo, Mangoes. All fruits have FRUCTOSE so it doesn't matter that you are eating a mango over an Apple. A Mango comes from Konkan and Apple from Kashmir. So Mango is more local to you.

*Eat all the above fruits in DIABETES as the FRUCTOSE* will eventually manage your SUGAR

  2. Choose Seed oils than Veggie oils. Like choose ground nut, mustard, coconut & til. *Don't choose chakachak packing oils*, like olive,  rice bran etc
*Go for kachchi ghani oils than refined oils*

  3. Rujuta spends max time in her talks talking about GHEE and its benefits.
*Eat GHEE daily*. How much GHEE we should eat depends on food. Few foods need more GHEE then eat more and vice versa. Eat ample *GHEE. It REDUCES cholesterol*.

  4. *Include COCONUT.* Either scraped coconut over food like poha, khandvi or chutney with idli and dosa
Coconut has *ZERO CHOLESTEROL* and it makes your WAIST SLIM

  5. *Don't eat oats, cereals for breakfast*. They are packaged food and we don't need them.  Also they are tasteless and boring and our day shouldn't start with boring stuff.
Breakfast should be poha, upma, idli, dosa, paratha

  6. Farhaan Akhtar's New ad of biscuits - fibre in every bite... Even ghar ka kachara has fibre, likewise oats have fibre. Don't chose them for fibre. *Instead of oats, eat poha, upma, idli, dosa*

  7. *No JUICES till you have teeth* in your mouth to chew veggies and fruits

  8. *SUGARCANE is the real DETOX* . Drink the juice fresh or eat the SUGARCANE

  9. For pcos, thyroid - do strength training and weight training and avoid all packaged food

10. *RICE - eat regular WHITE RICE. NO NEED of Brown rice.* Brown rice needs 5-6 whistles to cook and when it tires your pressure cooker, then why do you want to tire your tummy.

A white rice is hand pounded simple rice

*Rice* is not high is GI INDEX.  Rice has mediun GI index and by eating it with daal / dahi / kadhi we bring its GI index further down
If we take _ghee over this daal chawal then the GI INDEX is brought further down._
*B.* Rice has some rich minerals and you can eat it even three times a day

11. How much should we eat - *eat more if you are more hungry,* let your stomach be your guide and vice versa

12. We can *eat rice and chapati together* or only rice if you wish. It depends on your hunger. *Eat RICE in ALL THREE MEALS without any fear.*

13. Food shouldn't make you scared like eating rice and ghee. *Food should make you FEEL GOOD*

14. *NEVER* look at *CALORIES*. Look at *NUTRIENTS*

15. *No bread, biscuits, cakes, pizza, pasta*

16. Ask yourself is this the food my Nani & Dadi ate?  If yes then eat without fear.

17. Eat as per your season. *Eat pakoda, fafda, jalebi in monsoon*. Your hunger is as per season. Few seasons we need fried food so eat them.

18. When not to have chai - tea - don't drink tea as the first thing in morning or when you are hungry. Rest you can have it 2-3 times a day and with sugar

19. *NO GREEN tea plesse.* No green, yellow, purple, blue tea.

20. Eat *ALL* of your *TRADITIONAL* foods.

21. Strictly *NO* to packaged foods / drinks.

22. *Exercise / Walk* more to digest & stay healthy.

हास्य कवि शशिकान्त पान्डेय  द्वारा लिखा :एक व्यंग्य ;
👌👌👌👌👌👌

अक्ल बाटने लगे विधाता,
             लंबी लगी कतारें ।
सभी आदमी खड़े हुए थे,
            कहीं नहीं थी नारी ।
👬👬👬👬👬

सभी नारियाँ कहाँ रह गई.
          था ये अचरज भारी ।
पता चला ब्यूटी पार्लर में,
          पहुँच गई थी सारी।
💆💇💅💆💇💅

मेकअप की थी गहन प्रक्रिया,
           एक एक पर भारी ।
बैठी थीं कुछ इंतजार में,
          कब आएगी बारी ।
🙇🙇🙇🙇🙇🙇

उधर विधाता ने पुरूषों में,
         अक्ल बाँट दी सारी ।
ब्यूटी पार्लर से फुर्सत पाकर,
        जब पहुँची सब नारी ।
👭👭👭👭👭

बोर्ड लगा था स्टॉक ख़त्म है,
        नहीं अक्ल अब बाकी ।
रोने लगी सभी महिलाएं ,
        नींद खुली ब्रह्मा की ।
😴😴😴😴😴😴

पूछा कैसा शोर हो रहा है,
         ब्रह्मलोक के द्वारे ?
पता चला कि स्टॉक अक्लका,
          पुरुष ले गए सारे ।
👲👳👮👷💂

ब्रह्मा जी ने कहा देवियों ,
          बहुत देर कर दी है ।
जितनीभी थी अक्ल वो मैंने,
          पुरुषों में भर दी है ।
🚶🚶🚶🚶🚶🚶

लगी चीखने महिलाये ,
         ये कैसा न्याय तुम्हारा?
कुछ भी करो हमें तो चाहिए.
          आधा भाग हमारा ।
😹😹😹😹😹😹

पुरुषो में शारीरिक बल है,
          हम ठहरी अबलाएं ।
अक्ल हमारे लिए जरुरी ,
         निज रक्षा कर पाएं ।
💪💪💪💪💪💪

सोचकर दाढ़ी सहलाकर ,
         तब बोले ब्रह्मा जी ।
एक वरदान तुम्हे देता हूँ ,
         अब हो जाओ राजी ।
😇😇😇😇😇😇

थोड़ी सी भी हँसी तुम्हारी ,
         रहे पुरुष पर भारी ।
कितना भी वह अक्लमंद हो,
         अक्ल जायेगी मारी ।
😸😸😸😸😸😸

एक औरत ने तर्क दिया,
        मुश्किल बहुत होती है।
हंसने से ज्यादा महिलाये,
        जीवन भर रोती है ।
😿😿😿😿😿😿

ब्रह्मा बोले यही कार्य तब,
        रोना भी कर देगा ।
औरत का रोना भी नर की,
        अक्ल हर लेगा ! 😫😩😫😩😫😩

एक अधेड़ बोली बाबा ,
       हंसना रोना नहीं आता ।
झगड़े में है सिद्धहस्त हम,
       खूब झगड़ना भाता ।
😾👹😾👹😾👹

ब्रह्मा बोले चलो मान ली,
       यह भी बात तुम्हारी ।
झगडे के आगे भी नर की,
       अक्ल जायेगी मारी ।
😱😱😱😱😱😱

ब्रह्मा बोले सुनो ध्यान से,
       अंतिम वचन हमारा ।
तीन शस्त्र अब तुम्हे दिए.
       पूरा न्याय हमारा ।
👊👊👊👊👊👊

इन अचूक शस्त्रों में भी,
       जो मानव नहीं फंसेगा ।निश्चित समझो,
       उसका घर फिर कभी नहीं बसेगा ।
🙌✋🙌✋🙌✋

कहे कवि मित्र ध्यान से,
       सुन लो बात हमारी ।
बिना अक्ल के भी होती है,
       नर पर नारी भारी।
       💃💃💃💃

Thursday, October 12, 2017

अनमोल संदेश"* 👏

दुनिया की ताकतवर चीज है *"लोहा"*🔩
       जो सबको काट डालता है ....

लोहे से ताकतवर है *"आग"*🔥
        जो लोहे को पिघला देती है....

आग से ताकतवर है *"पानी"*🌧
        जो आग को बुझा देता है....

और पानी से ताकतवर है *"इंसान"*👦
        जो उसे पी जाता है....

इंसान से भी ताकतवर है *"मौत"*😭
         जो उसे खा जाती है....

और मौत से भी ताकतवर है *"दुआ"* 👏
      जो मौत को भी टाल सकती है...!

 卐बहुत ही सुन्दर वर्णन है卐

👌मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए
....अभिमान मर जाएगा

👌आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए
.....पत्थर दिल पिघल जाएगा

👌दांतों को आराम देकर देखिए
.........स्वास्थ्य सुधर जाएगा

👌जिव्हा पर विराम लगा कर देखिए
.....क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा

👌इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए
......खुशियों का संसार नज़र आएगा

👌पूरी जिंदगी हम इसी बात में गुजार देते हैं कि "चार लोग क्या कहेंगे",

........और अंत में चार लोग बस यही कहते हैं कि "राम नाम सत्य है"...

🌻🌻🌻🌻🐢🌻🌻🌻🌻

*"उड़ा भी दो सारी रंजिशें इन हवाओं में*
                        *यारो"*

  *"छोटी सी जिंदगी है नफ़रत कब*
                   *तक करोगे"*

*"घमंड न करना जिन्दगी मे तकदीर बदलती*
                          *रहती है"*

*"शीशा वही रहता है  बस तस्वीर बदलती रहती है"*.
_*Beautiful poem*_
            ✍✍

           _*मंजिल मिले ना मिले*_
           _*ये तो मुकदर की बात है!*_
           _*हम कोशिश भी ना करे*_
           _*ये तो गलत बात है...*_
        _*जिन्दगी जख्मो से भरी है,*_
     _*वक्त को मरहम बनाना सीख लो,*_
       _*हारना तो है एक दिन मौत से,*_
      _*फिलहाल  जिन्दगी जीना सीख लो.!!*_

Sunday, October 8, 2017

हाथ की पांच उंगलिया*

हमारे हाथ की पांचो उंगलिया शरीर के अलग-2  अंगों से जुडी होती है | इसका मतलब आप को दर्द नाशक दवाइयां खाने की बजाए इस आसान और प्रभावशाली  तरीके का इस्तेमाल  करना चाहिए | आज इस लेख के माध्यम  से हम आपको बतायेगे के शरीर के किसी हिस्से का दर्द सिर्फ हाथ की उंगली को रगड़ने से कैसे दूर होता है |

हमारे हाथ की अलग अलग उंगलिया अलग अलग बिमारिओ और भावनाओं से जुडी होती है | शायद आप को पता न हो, हमारे हाथ की उंगलिया चिंता, डर और चिड़चिड़ापन दूर करने की क्षमता रखती है | उंगलियों पर धीरे से दबाव डालने से शरीर के कई अंगो पर प्रभाव पड़ेगा |

*1. अंगूठा*
*– The Thumb*
हाथ का अंगूठा हमारे फेफड़ो से जुड़ा होता है | अगर आप की दिल की धड़कन तेज है तो हलके हाथो से अंगूठे पर मसाज करे और हल्का सा खिचे | इससे आप को आराम मिलेगा |

*2. तर्जनी*
*– The Index Finger*
ये उंगली आंतों  gastro intestinal tract से जुडी होती है | अगर आप के पेट में दर्द है तो इस उंगली को हल्का सा रगड़े , दर्द गयब हो जायेगा।

*3. बीच की उंगली*
*– The Middle Finger*
ये उंगली परिसंचरण तंत्र तथा circulation system से जुडी होती है | अगर आप को चक्कर या  आपका जी घबरा रहा है तो इस उंगली पर मालिश करने से तुरंत रहत मिलेगी |

*4. तीसरी उंगली*
*– The Ring Finger*
ये उंगली आपकी मनोदशा से जुडी होती है | अगर किसी कर्ण आपका मनोदशा अच्छा नहीं है या शांति चाहते हो तो इस उंगली को हल्का सा मसाज करे और खिचे, आपको जल्द ही इस के अच्छे नतीजे प्राप्त हो जयेगे, आप का मूड खिल उठे गा।

*5. छोटी उंगली*
*– The Little Finger*
छोटी उंगली का किडनी और सिर के साथ सम्बन्ध होता है | अगर आप को सिर में दर्द है तो इस उंगली को हल्का सा दबाये और मसाज करे, आप का सिर दर्द गायब हो जायेगा | इसे मसाज करने से किडनी भी तंदरुस्त रहती  है |

पोस्ट अच्छी लगे तो कम से कम अपने मित्रो और परिचित तक भेजे और स्वस्थ भारत के निर्माण मैं अपना पूर्ण योगदान दे।

धन्यवाद
क्रोध सोमवार को आये,*
 तो कहना कि सप्ताह की शुरुआत है
           आज नहीं करूँगा।

        *मंगलवार को आये,*
              तो बोलना कि
     मंगल में अमंगल क्यों करूँ ?

             *बुध को आये,*
     तो कहना कि बुध तो शुद्ध है
          इसे अशुद्ध क्यों करुँ?

          *गुरुवार को आये,*
तो बोलना आज तो गुरु का दिन है,
         मन में शान्ति रखना है।

          *शुक्रवार को आये,*
        तो कहना कि शुक्र को तो
 शुक्रिया अदा करना है भगवान का।

          *शनिवार को आये,*
तो सोचना कि शनि के दिन घर में
            शनिचर क्यों आयें?

      *और रविवार को आये,*
तो कहना- आज तो छुट्टी का दिन है।

*खुश💃 रहिये, मुस्कुराते😊रहिये और*
     *हाँ, कभी क्रोध न कीजिये|*
आपका दिन👆💥🌅मंगलमय हो🙏💐

दिल को  छू लेने वाली ऐसी  37-लाइनें*
---------------------------------------------------

1. *क़ाबिल लोग न तो किसी को दबाते हैं और न ही किसी से दबते हैं*।

2. *ज़माना भी अजीब हैं, नाकामयाब लोगो का मज़ाक उड़ाता हैं और कामयाब लोगो से जलता हैं* ।

3. *कैसी विडंबना हैं ! कुछ लोग जीते-जी मर जाते हैं*, *और कुछ लोग मर कर भी अमर हो जाते हैं* ।

4. *इज्जत किसी आदमी की नही जरूरत की होती हैं. जरूरत खत्म तो इज्जत खत्म* ।

5. *सच्चा चाहने वाला आपसे प्रत्येक तरह की बात करेगा*. *आपसे हर मसले पर बात करेगा लेकिन*
*धोखा देने वाला सिर्फ प्यार भरी बात करेगा*।

6. *हर किसी को दिल में उतनी ही जगह दो जितनी वो देता हैं.. वरना या तो खुद रोओगे, या वो तुम्हें रूलाऐगा* ।

7. *खुश रहो लेकिन कभी संतुष्ट मत रहो* ।

8. *अगर जिंदगी में सफल होना हैं तो पैसों को हमेशा जेब में रखना, दिमाग में नही* ।

9. *इंसान अपनी कमाई के हिसाब से नही,अपनी जरूरत के हिसाब से गरीब होता हैं* ।

10. *जब तक तुम्हारें पास पैसा हैं, दुनिया पूछेगी भाई तू कैसा हैं* ।

11. *हर मित्रता के पीछे कोई न कोई स्वार्थ छिपा होता हैं ऐसी कोई भी मित्रता नही जिसके पीछे स्वार्थ न छिपा हो* ।

12. *दुनिया में सबसे ज्यादा सपने तोड़े हैं इस बात ने,कि लोग क्या कहेंगे* ।

13. *जब लोग अनपढ़ थे तो परिवार एक हुआ करते थे, मैने टूटे परिवारों में अक्सर पढ़े-लिखे लोग देखे हैं* ।

14. *जन्मों-जन्मों से टूटे रिश्ते भी जुड़ जाते हैं बस सामने वाले को आपसे काम पड़ना चाहिए* ।

15. *हर प्रॉब्लम के दो सोल्युशन होते हैं..*
*भाग लो.. (run away)*
*भाग लो..(participate)*
*पसंद आपको ही करना हैं* ।

16. *इस तरह से अपना व्यवहार रखना चाहिए कि अगर कोई तुम्हारे बारे में बुरा भी कहे, तो कोई भी उस पर विश्वास न करे* ।

17. *अपनी सफलता का रौब माता पिता को मत दिखाओ, उन्होनें अपनी जिंदगी हार के आपको जिताया हैं* ।

18. *यदि जीवन में लोकप्रिय होना हो तो सबसे ज्यादा ‘आप’ शब्द का, उसके बाद ‘हम’ शब्द का और सबसे कम ‘मैं’ शब्द का उपयोग करना चाहिए* ।

19. *इस दुनिया मे कोई किसी का हमदर्द नहीं होता, लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हैं.. और कितना वक़्त लगेगा* ।

20. *दुनिया के दो असम्भव काम- माँ की “ममता” और पिता की “क्षमता” का अंदाज़ा लगा पाना* ।

21. *कितना कुछ जानता होगा वो शख़्स मेरे बारे में जो मेरे मुस्कराने पर भी जिसने पूछ लिया कि तुम उदास क्यों हो* ।

22. *यदि कोई व्यक्ति आपको गुस्सा दिलाने मे सफल रहता हैं तो समझ लीजिये आप उसके हाथ की कठपुतली हैं* ।

23. *मन में जो हैं साफ-साफ कह देना चाहिए Q कि सच बोलने से फैसलें होते हैं और झूठ बोलने से फासलें* ।

24. *यदि कोई तुम्हें नजरअंदाज कर दे तो बुरा मत मानना, Q कि लोग अक्सर हैसियत से बाहर मंहगी चीज को नजरंअदाज कर ही देते हैं* ।

25. *संस्कारो से भरी कोई धन दौलत नही है* ।

26. *गलती कबूल़ करने और गुनाह छोङने में कभी देर ना करना, Q कि सफर जितना लंबा होगा वापसी उतनी ही मुशिकल हो जाती हैं* ।

27. *दुनिया में सिर्फ माँ-बाप ही ऐसे हैं जो बिना स्वार्थ के प्यार करते हैं* ।

28. *कोई देख ना सका उसकी बेबसी जो सांसें बेच रहा हैं गुब्बारों मे डालकर* ।

29. *घर आये हुए अतिथि का कभी अपमान मत करना, क्योकि अपमान तुम उसका करोगे और तुम्हारा अपमान समाज करेगा* ।

30. *जो भाग्य में हैं वह भाग कर आयेगा और जो भाग्य में नही हैं वह आकर भी भाग जायेगा* ।

31. *हँसते रहो तो दुनिया साथ हैं, वरना आँसुओं को तो आँखो में भी जगह नही मिलती* ।

32. *दुनिया में भगवान का संतुलन कितना अद्भुत हैं, 100 कि.ग्रा.अनाज का बोरा जो उठा सकता हैं वो खरीद नही सकता और जो खरीद सकता हैं वो उठा नही सकता* ।

33. *जब आप गुस्सें में हो तब कोई फैसला न लेना और जब आप खुश हो तब कोई वादा न करना (ये याद रखना कभी नीचा नही देखना पड़ेगा)* ।

34. *मेने कई अपनों को वास्तविक जीवन में शतरंज खेलते देखा है* ।

35. *जिनमें संस्कारो और आचरण की कमी होती हैं वही लोग दूसरे को अपने घर बुला कर नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं* ।

36. *मुझे कौन याद करेगा इस भरी दुनिया में, हे ईशवर बिना मतल़ब के तो लोग तुझे भी याद नही करते* ।

37. *अगर आप किसी को धोखा देने में कामयाब हो जाते हैं तो मान कर चलना की ऊपर वाला भी आपको धोखा देगा क्योकि उसके यहाँ हर बात का इन्साफ जरूर होता है* ।

---------------------------------------------------
     उम्मीद करता हूँ की आप को ये
  खूबसूरत लाइन जरूर पसंद आयेगी
   औरआप की अंदरुनी खूबसूरती में
      हंसमुखी निखार आये ,बस यही
 प्रार्थना करता हूँ  , हँसते रहिये , हँसाते
                        रहिये ।

Friday, October 6, 2017

 साथ साथ जो खेले थे बचपन में

वो सब दोस्त अब थकने लगे है

किसीका पेट निकल आया है

किसीके बाल पकने लगे है

सब पर भारी ज़िम्मेदारी है

सबको छोटी मोटी कोई बीमारी है

दिनभर जो भागते दौड़ते थे

वो अब चलते चलते भी रुकने लगे है

उफ़ क्या क़यामत हैं

सब दोस्त थकने लगे है


किसी को लोन की फ़िक्र है

कहीं हेल्थ टेस्ट का ज़िक्र है

फुर्सत की सब को कमी है

आँखों में अजीब सी नमीं है

कल जो प्यार के ख़त लिखते थे

आज बीमे के फार्म भरने में लगे है

उफ़ क्या क़यामत हैं

सब दोस्त थकने लगे है


देख कर पुरानी तस्वीरें

आज जी भर आता है

क्या अजीब शै है ये वक़्त भी

किस तरहा ये गुज़र जाता है

कल का जवान दोस्त मेरा

आज अधेड़ नज़र आता है

कल के ख़्वाब सजाते थे जो कभी

आज गुज़रे दिनों में खोने लगे है

उफ़ क्या क़यामत हैं

सब दोस्त थकने लगे है

😌😌😊😊😊

Thursday, October 5, 2017

आधुनिक सच*

मियां-बीबी दोनों मिल खूब कमाते हैं
तीस लाख का पैकेज दोनों ही पाते हैं

सुबह आठ बजे नौकरियों
पर जाते हैं
रात ग्यारह तक ही वापिस आते हैं

अपने परिवारिक रिश्तों से कतराते हैं
अकेले रह कर वह कैरियर बनाते हैं

कोई कुछ मांग न ले वो मुंह छुपाते हैं
भीड़ में रहकर भी अकेले रह जाते हैं

मोटे वेतन की नौकरी छोड़ नहीं पाते हैं
अपने नन्हे मुन्ने को पाल नहीं पाते हैं

फुल टाइम की मेड ऐजेंसी से लाते हैं
उसी के जिम्मे वो बच्चा छोड़ जाते हैं

परिवार को उनका बच्चा नहीं जानता है
केवल आया'आंटी' को ही पहचानता है

दादा-दादी, नाना-नानी कौन होते है ?
अनजान है सबसे किसी को न मानता है

आया ही नहलाती है आया ही खिलाती है
टिफिन भी रोज़ रोज़ आया ही बनाती है

यूनिफार्म पहना के स्कूल कैब में बिठाती है
छुट्टी के बाद कैब से आया ही घर लाती है

नींद जब आती है तो आया ही सुलाती है
जैसी भी उसको आती है लोरी सुनाती है

उसे सुलाने में अक्सर वो भी सो जाती है
कभी जब मचलता है तो टीवी दिखाती है

जो टीचर मैम बताती है वही वो मानता है
देसी खाना छोड कर पीजा बर्गर खाता है

वीक एन्ड पर मॉल में पिकनिक मनाता है
संडे की छुट्टी मौम-डैड के संग बिताता है

वक्त नहीं रुकता है तेजी से गुजर जाता है
वह स्कूल से निकल के कालेज में आता है

कान्वेन्ट में पढ़ने पर इंडिया कहाँ भाता है
आगे पढाई करने वह विदेश चला जाता है

वहाँ नये दोस्त बनते हैं उनमें रम जाता है
मां-बाप के पैसों से ही खर्चा चलाता है

धीरे-धीरे वहीं की संस्कृति में रंग जाता है
मौम डैड से रिश्ता पैसों का रह जाता है

कुछ दिन में उसे काम वहीं मिल जाता है
जीवन साथी शीघ्र ढूंढ वहीं बस जाता है

माँ बाप ने जो देखा ख्वाब वो टूट जाता है
बेटे के दिमाग में भी कैरियर रह जाता है

बुढ़ापे में माँ-बाप अब अकेले रह जाते हैं
जिनकी अनदेखी की उनसे आँखें चुराते हैं

क्यों इतना कमाया ये सोच के पछताते हैं
घुट घुट कर जीते हैं खुद से भी शरमाते हैं

हाथ पैर ढीले हो जाते, चलने में दुख पाते हैं
दाढ़-दाँत गिर जाते, मोटे चश्मे लग जाते हैं

कमर भी झुक जाती, कान नहीं सुन पाते हैं
वृद्धाश्रम में दाखिल हो, जिंदा ही मर जाते हैं :

सोचना की बच्चे अपने लिए पैदा कर रहे हो या विदेश की सेवा के लिए।

बेटा एडिलेड में, बेटी है न्यूयार्क।
ब्राईट बच्चों के लिए, हुआ बुढ़ापा डार्क।

बेटा डालर में बंधा, सात समन्दर पार।
चिता जलाने बाप की, गए पड़ोसी चार।

ऑन लाईन पर हो गए, सारे लाड़ दुलार।
दुनियां छोटी हो गई, रिश्ते हैं बीमार।

बूढ़ा-बूढ़ी आँख में, भरते खारा नीर।
हरिद्वार के घाट की, सिडनी में तकदीर।

तेरे डालर से भला, मेरा इक कलदार।
रूखी-सूखी में सुखी,
अपना घर संसार

अपनी संस्कृति से प्रेम करने वाले जरूर शेयर करेगे

Monday, October 2, 2017

मुस्कराहट का महत्व💐💐

👍अगर आप एक अध्यापक हैं और जब आप मुस्कुराते हुए कjक्षा में प्रवेश करेंगे तो देखिये सारे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान छा जाएगी।

👍अगर आप डॉक्टर हैं और मुस्कराते हुए मरीज का इलाज करेंगे तो मरीज का आत्मविश्वास दोगुना हो जायेगा।

👍अगर आप एक ग्रहणी है तो मुस्कुराते हुए घर का हर काम किजिये फिर देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा।

👍अगर आप घर के मुखिया है तो मुस्कुराते हुए शाम को घर में घुसेंगे तो देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा।

👍अगर आप एक बिजनेसमैन हैं और आप खुश होकर कंपनी में घुसते हैं तो देखिये सारे कर्मचारियों के मन का प्रेशर कम हो जायेगा और माहौल खुशनुमा हो जायेगा।

👍अगर आप दुकानदार हैं और मुस्कुराकर अपने ग्राहक का सम्मान करेंगे तो ग्राहक खुश होकर आपकी दुकान से ही सामान लेगा।

👍कभी सड़क पर चलते हुए अनजान आदमी को देखकर मुस्कुराएं, देखिये उसके चेहरे पर भी मुस्कान आ जाएगी।

🌺मुस्कुराइए, 😊क्यूंकि मुस्कराहट के पैसे नहीं लगते ये तो ख़ुशी और संपन्नता की पहचान है।

🌺मुस्कुराइए, 😊क्यूंकि आपकी मुस्कराहट कई चेहरों पर मुस्कान लाएगी।

🌺मुस्कुराइए, 😊क्यूंकि ये जीवन आपको दोबारा नहीं मिलेगा।

🌺मुस्कुराइए, 😊क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं।”

🌺 मुस्कुराइए ,😊क्योंकि दुनिया का हर आदमी खिले फूलों और खिले चेहरों को पसंद करता है।”

🌺मुस्कुराइए, 😊क्योंकि आपकी हँसी किसी की ख़ुशी का कारण बन सकती है।”

 🌺मुस्कुराइए,😊 क्योंकि परिवार में रिश्ते तभी तक कायम रह पाते हैं जब तक हम एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते रहते है”


और सबसे बड़ी बात
"मुस्कुराइए,😊 क्योंकि यह मनुष्य होने की पहचान है। एक पशु कभी भी मुस्कुरा नही सकता।”

Sunday, October 1, 2017

एक दिन चिड़िया बोली - मुझे छोड़ कर कभी उड़ तो नहीं जाओगे❣

🌹चिड़ा ने कहा - उड़
जाऊं तो तुम पकड़ लेना.❣

🌹चिड़िया-मैं तुम्हें पकड़
तो सकती हूँ,
पर फिर पा तो नहीं सकती...❣

🌹यह सुन चिड़े की आँखों में आंसू आ गए और उसने अपने पंख तोड़ दिए और बोला अब हम
हमेशा साथ रहेंगे,❣

🌹लेकिन एक दिन जोर से तूफान आया,
चिड़िया उड़ने लगी तभी चिड़ा बोला तुम उड़
जाओ मैं नहीं उड़ सकता..❣

🌹चिड़िया- अच्छा अपना ख्याल रखना, कहकर
उड़ गई !❣

🌹जब तूफान थमा और चिड़िया वापस
आई तो उसने देखा की चिड़ा मर चुका था❣
❣और एक डाली पर लिखा था...❣

✍काश तुम एक बार तो कहती कि मैं तुम्हें नहीं छोड़ सकती""❣
🌹तो शायद मैं तूफ़ान आने से
पहले नहीं मरता❣
""
ज़िन्दगी के पाँच सच ~
सच नं. 1 -:🌹
माँ के सिवा कोई वफादार नही हो सकता…!!!❣
────────────────────────
सच नं. 2 -:🌹
गरीब का कोई दोस्त नही हो सकता…!!❣
────────────────────────
सच नं. 3 -:🌹
आज भी लोग अच्छी सोच को नही,
अच्छी सूरत को तरजीह देते हैं…!!!❣
────────────────────────
सच नं. 4 -:🌹
इज्जत सिर्फ पैसे की है, इंसान की नही…!!!❣
────────────────────────
सच न. 5 -:🌹
जिस शख्स को अपना खास समझो….
अधिकतर वही शख्स दुख दर्द देता है…❣

🌹❣❣🌹
 गीता में लिखा है कि.......

✍अगर कोई इन्सान
बहुत हंसता है , तो अंदर से वो बहुत अकेला है❣

🌹अगर कोई इन्सान बहुत सोता है , तो अंदर से
वो बहुत उदास है❣

✍अगर कोई इन्सान खुद को बहुत मजबूत दिखाता है और रोता नही , तो वो
अंदर से बहुत कमजोर है❣

✍अगर कोई जरा जरा सी
बात पर रो देता है तो वो बहुत मासूम और नाजुक दिल का है❣

✍अगर कोई हर बात पर
नाराज़ हो जाता है तो वो अंदर से बहुत अकेला
और जिन्दगी में प्यार की कमी महसूस करता है❣

🌹लोगों को समझने की कोशिश कीजिये ,जिन्दगी किसी का इंतज़ार नही करती ,❣
❣लोगों को एहसास कराइए की वो आप के लिए कितने खास है सर...❣

1🌹. अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो,,, तरीके बदलो....., ईरादे नही..❣

2🌹. जब सड़क पर बारात नाच रही हो तो हॉर्न मार-मार के परेशान ना हो...... गाडी से उतरकर थोड़ा नाच लें..., मन शान्त होगा।
टाइम तो उतना लगना ही है..❣

3🌹. इस कलयुग में रूपया चाहे कितना भी गिर जाए, इतना कभी नहीं गिर पायेगा, जितना रूपये के लिए इंसान गिर चूका है...❣

🌹❣सत्य वचन❣🌹

4🌹. रास्ते में अगर मंदिर देखो तो,,, प्रार्थना नहीं करो तो चलेगा . . पर रास्ते में एम्बुलेंस मिले तब प्रार्थना जरूर करना,,, शायद कोई
जिन्दगी बच जाये.....❣

5🌹. जिसके पास उम्मीद हैं, वो लाख बार हार के भी, नही हार सकता..❣

6🌹. बादाम खाने से उतनी अक्ल नहीं आती...
जितनी धोखा खाने से आती है...❣

7🌹. एक बहुत अच्छी बात जो जिन्दगी भर याद रखिये,,, आप का खुश रहना ही आप का बुरा चाहने वालों के लिए सबसे बड़ी सजा है....❣

8🌹. खुबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते, अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत नहीं होते...❣

9🌹. रिश्ते और रास्ते एक ही सिक्के के दो पहलु हैं... कभी रिश्ते निभाते निभाते रास्ते खो जाते हैं,,, और कभी रास्तो पर चलते चलते रिश्ते बन जाते हैं...❣

10🌹. बेहतरीन इंसान अपनी मीठी जुबान से ही जाना जाता है,,,, वरना अच्छी बातें तो दीवारों पर भी लिखी होती है...❣

11🌹. दुनिया में कोई काम "impossible" नहीं,,, बस होसला और मेहनत की जरूरत है...❣

12 🌹.प्यार,,, जीन्दगी मे उससे करो जौ आपसे प्यार करता हौ,,,,ना की उससे जीससे आप... 🌷
🌷

Navratri Special

औषधियों में विराजती है नवदुर्गा इन ९ औषधियों में विराजती है नवदुर्गा*

मां दुर्गा नौ रूपों में अपने भक्तों का कल्याण कर उनके सारे संकट हर लेती हैं। इस बात का जीता जागता प्रमाण है, संसार में उपलब्ध वे औषधियां,
जिन्हें मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों के रूप में जाना जाता है।
नवदुर्गा के नौ औषधि स्वरूपों को सर्वप्रथम मार्कण्डेय चिकित्सा पद्धति के रूप में दर्शाया गया और चिकित्सा प्रणाली के इस रहस्य को ब्रह्माजी
द्वारा उपदेश में दुर्गाकवच कहा गया है।
ऐसा माना जाता है कि यह औषधियां समस्त प्राणियों के रोगों को हरने वाली और और उनसे बचा रखने के लिए एक कवच का कार्य करती हैं, इसलिए इसे दुर्गाकवच कहा गया। इनके प्रयोग से
मनुष्य अकाल मृत्यु से बचकर सौ वर्ष जीवन जी सकता है।
आइए जानते हैं दिव्य गुणों वाली नौ औषधियों को जिन्हें नवदुर्गा कहा गया है।

*१ प्रथम शैलपुत्री यानि हरड़ -*
नवदुर्गा का प्रथम रूप शैलपुत्री माना गया है। कई
प्रकारकी समस्याओं में काम आने वाली औषधि हरड़, हिमावती है जो देवी शैलपुत्री का ही एक रूप हैं। यह आयुर्वेद की प्रधान औषधि है, जो सात प्रकार
की होती है। इसमें हरीतिका (हरी) भय को हरने वाली है।
पथया - जो हित करने वाली है।
कायस्थ - जो शरीर को बनाए रखने वाली है।
अमृता - अमृत के समान
हेमवती - हिमालय पर होने वाली।
चेतकी -चित्त को प्रसन्न करने वाली है।
श्रेयसी (यशदाता)- शिवा कल्याण करने वाली।

*२ द्वितीय ब्रह्मचारिणी यानि ब्राह्मी -*
ब्राह्मी, नवदुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी है। यह आयु और स्मरण शक्ति को बढ़ाने वाली, रूधिर विकारों का नाश करने वालीऔर स्वर को मधुर करने वाली है। इसलिए ब्राह्मी को सरस्वती भी कहा
जाता है। यह मन एवं मस्तिष्क में शक्ति प्रदान करती है और गैस व मूत्र संबंधी रोगों की प्रमुख दवा है। यह मूत्र द्वारा रक्त विकारों को बाहर निकालने में समर्थ
औषधि है। अत: इन रोगों से पीड़ित व्यक्ति को ब्रह्मचारिणी कीआराधना करना चाहिए।

*३ तृतीय चंद्रघंटा यानि चन्दुसूर-*
नवदुर्गा का तीसरा रूप है चंद्रघंटा, इसे चन्दुसूर या चमसूर कहा गया है। यह एक ऐसा पौधा है जो धनिये के समान है। इस पौधे की पत्तियों की सब्जी बनाई जाती है, जो लाभदायक होती है।
यह औषधि मोटापा दूर करने में लाभप्रद है, इसलिए इसे चर्महन्ती भी कहते हैं। शक्ति को बढ़ाने वाली, हृदय रोग को ठीक करने वाली चंद्रिका औषधि है।
अत: इस बीमारी से संबंधित रोगी को चंद्रघंटा की पूजा करना चाहिए।

*४ चतुर्थ कुष्माण्डा यानि पेठा -*
नवदुर्गा का चौथा रूप कुष्माण्डा है। इस औषधि से पेठा मिठाई बनती है, इसलिए इस रूप को पेठा कहते हैं। इसे कुम्हड़ा भी कहते हैं जो पुष्टिकारक, वीर्यवर्धक व रक्त के विकार को ठीक कर पेट को साफ करने में सहायक है। मानसिकरूप से कमजोर व्यक्ति के लिए यह अमृत समान है। यह शरीर के समस्त दोषों को दूर कर हृदय रोग को ठीक करता है।
कुम्हड़ा रक्त पित्त एवं गैस को दूर करता है। इन बीमारी से पीड़ितव्यक्ति को पेठा का उपयोग के साथ कुष्माण्डादेवी की आराधना करना चाहिए।

*५ पंचम स्कंदमाता यानि अलसी -*
नवदुर्गा का पांचवा रूप स्कंदमाता है जिन्हें पार्वती एवं उमा भी कहते हैं। यह औषधि के रूप में अलसी में विद्यमान हैं। यह वात, पित्त, कफ, रोगों की नाशक
औषधि है।
अलसी नीलपुष्पी पावर्तती स्यादुमा क्षुमा।
अलसी मधुरा तिक्ता स्त्रिग्धापाके कदुर्गरु:।।
उष्णा दृष शुकवातन्धी कफ पित्त विनाशिनी।
इस रोग से पीड़ित व्यक्ति ने स्कंदमाउता की
आराधना करना चाहिए।

*६ षष्ठम कात्यायनी यानि मोइया -*
नवदुर्गा काछठा रूप कात्यायनी है। इसे आयुर्वेद में कई नामों से जाना जाता है जैसे अम्बा, अम्बालिका, अम्बिका। इसके अलावा इसे मोइया अर्थात माचिका भी कहते हैं। यह कफ, पित्त, अधिक विकार एवं कंठ के रोग का नाश करती है।
इससे पीड़ित रोगी को इसका सेवन व कात्यायनी की आराधना करना चाहिए।
सप्तमं कालरात्री ति महागौरीति चाष्टम।

*७ सप्तम कालरात्रि यानि नागदौन-*
दुर्गा का सप्तम रूप कालरात्रि है जिसे
महायोगिनी, महायोगीश्वरी कहा गया है। यह नागदौन औषधि केरूप में जानी जाती है। सभी प्रकार के रोगों की नाशक सर्वत्र विजय दिलाने वाली मन एवं मस्तिष्क के समस्त विकारों को दूर
करने वालीऔषधि है।
इस पौधे को व्यक्ति अपने घर में लगाने पर घर के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यह सुख देने वाली एवं सभी विषों का नाश करने वाली औषधि है। इस कालरात्रि की आराधना प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को करना चाहिए।

*८ अष्टम महागौरी यानि तुलसी -*
नवदुर्गा का अष्टम रूप महागौरी है, जिसे प्रत्येक व्यक्ति औषधि के रूप में जानता है क्योंकि इसका औषधि नाम तुलसी है जो प्रत्येक घर में लगाई जाती है। तुलसी सात प्रकार की होती है- सफेद तुलसी,
काली तुलसी, मरुता, दवना, कुढेरक, अर्जक और षटपत्र। ये सभी प्रकार की तुलसी रक्त को साफ करती है एवं हृदय रोग का नाश करती है।
तुलसी सुरसा ग्राम्या सुलभा बहुमंजरी।
अपेतराक्षसी महागौरी शूलघ्नी देवदुन्दुभि: तुलसी कटुका तिक्ता हुध उष्णाहाहपित्तकृत् ।
मरुदनिप्रदो हध तीक्षणाष्ण: पित्तलो लघु:।
इस देवी की आराधना हर सामान्य एवं रोगी व्यक्ति को करना चाहिए।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा प्रकीर्तिता

*९ नवम सिद्धिदात्री यानि शतावरी -*
नवदुर्गा का नवम रूप सिद्धिदात्री है, जिसे
नारायणी याशतावरी कहते हैं। शतावरी बुद्धि बल एवं वीर्य के लिए उत्तम औषधि है। यह रक्त विकार एवं वात पित्त शोध नाशक और हृदय को बल देने वाली महाऔषधि है। सिद्धिदात्री का जो मनुष्य
नियमपूर्वक सेवन करता है। उसके सभी कष्ट स्वयं ही दूर हो जाते हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति को सिद्धिदात्री देवी की आराधना करना चाहिए।
इस प्रकार प्रत्येक देवी आयुर्वेद की भाषा में मार्कण्डेय पुराण के अनुसार नौ औषधि के रूप में मनुष्य की प्रत्येक बीमारी को ठीक कर रक्त का संचालन
उचित एवं साफ कर मनुष्य को स्वस्थ करती है।

*अत: मनुष्य को इनकी आराधना एवं सेवन करना चाहिए। सेवा, आराधना और समर्पण का यह पर्व आपके लिए मंगलमय हो।*

Navratri 10 day

🌺असत्य पर सत्य की  विजय के तौर पर देश ही नहीं विदेशों में भी दशहरे का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यूं तो हर मोहल्ले से लेकर बड़े शहर तक में दशहरा उत्सव होता है लेकिन कुछ दशहरे ऐसे हैं जो दुनिया भर में मशहूर हैं और कोने-कोने से लोग इन्हें देखने आते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ दशहरों के बारे में जो दुनियाभर में मशहूर हैं।🌺

🌺मैसूर का दशहरा🌺

🌺मैसूर का दशहरा अपनी अनोखी छटा और शाही अंदाज के लिए दुनियाभर में मशहूर है। करीब 600 सालों से मैसूर में दशहरा मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत होती है चामुंडी पहाड़ियों में स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ। इस दशहरे का इतिहास बहुत पुराना है।🌺

🌺चौदहवीं शताब्दी में मैसूर में हरिहर और बुक्का नाम के दो भाई थे उन्होंने वहां अपना साम्राज्य खड़ा किया और नवरात्रि की शुरुआत की और ये 600 सालों तक चलता रहा। बाद में इसे वाडेयार राजवंश के राजा ने दशहरे का नाम दिया। धीरे-धीरे इस दशहरे की लोकप्रियता दुनियाभर में फैल गई और इसे देखते हुए राज्य सरकार ने इसका जिम्मा खुद ले लिया।🌺

🌺शाही अंदाज में मैसूर से संजे हुए हाथियों का काफिला निकलता है लेकिन इस काफिले से पहले 21 तोपों की सलामी दी जाती है। काफिले की अगुआई करने वाले हाथी की पीठ पर कई सौ किलो का सोने का सिंहासन होता है जिसमें चामुंडेश्वरी देवी की मूर्ति होती है।🌺

🌺हालांकि अब इस रिवाज में थोड़ा बदलाव है, खासकर साल 1972 के बाद से। जब से सरकार ने इस दशहरे के आयोजन का जिम्मा खुद लिया तब से राजपरिवार अपने महल में शाही अंदाज में दशहरा मनाता है जबकि बाहर राज्य सरकार बाहर का जिम्मा उठाती है। इस दशहरे की खासियत यह है कि यहां रावण का पुतला नहीं जलाया जाता और न ही राम को पूजा जाता है, बल्कि यहां दशहरे का पर्व इसलिए मनाया जाता है क्योंकि चामुंडेश्वरी देवी ने राक्षस महिषासुर का वध किया था।🌺

🌺कुल्लू का दशहरा🌺

🌺कुल्लू का दशहरा भी दुनियाभर में काफी मशहूर है। कई दिन पहले से इस पर्व की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। लोग सुसज्जित होकर अपने देवता को पालकी में सैर करवाते हैं।🌺

🌺भगवान रघुनाथ की रथयात्रा भी निकाली जाती है जो 6 दिनों तक अलग-अलग नगरों से होते हुए निकलती है। इस दौरान जुलूस भी निकाले जाते हैं। लोग पूजा-अर्चना तो करते हैं ही लेकिन साथ ही नाच-गाना भी करते हैं। यहां के लोगों का मानना है कि रथयात्रा के दौरान करीब 1000 देवी-देवता इस पर्व में सम्मिलित होते हैं।🌺

🌺इस दशहरे में ना तो रावण का पुतला जलाया जाता है और ना ही विभीषण और मेघनाद का। पूरे हर्षोल्लास के साथ कुल्लूवासी इस दशहरे के पर्व को मनाते हैं जो वहां 'दशमी' के नाम प्रचलित है। ये पर्व सात दिनों तक चलता है।🌺🌺🌺

Saturday, September 30, 2017

Navratri 9 day

🌺नवरात्रि के नौवें और आखिरी दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां दुर्गा की नौवीं शक्ति देवी सिद्धिदात्री की पूजा करने से भक्तों को सारी सिद्धियां प्राप्त होती हैं। देवी सिद्धिदात्री को मां सरस्वती का भी एक रूप माना जाता है क्योंकि माता अपने सफेद वस्त्र एवं अलंकार से सुसज्जित अपने भक्तों को महाज्ञान एवं मधुर स्वर से मन्त्र-मुग्ध करती है। सिद्धिदात्री मां की पूजा के बाद ही अगले दिन दशहरा त्योहार मनाया जाता है।🌺                                   🌺देवी सिद्धिदात्री का रूप अत्यंत सौम्य है, देवी की चार भुजाएं हैं। दाईं भुजा में माता ने चक्र और गदा धारण किया है और बांई भुजा में शंख और कमल का फूल है। मां सिद्धिदात्री कमल आसन पर विराजमान रहती हैं, मां की सवारी सिंह हैं। मां की आराधना वाले इस दिन को रामनवमी भी कहा जाता है और शारदीय नवरात्रि के अगले दिन अर्थात दसवें दिन को रावण पर राम की विजय के रूप में मनाया जाता है। 🌺

🌺पूजन विधि इस प्रकार है-🌺

🌺इस दिन माता सिद्धिदात्री को नवाह्न प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ प्रकार के पुष्प और नौ प्रकार के ही फल अर्पित करने चाहिए। सर्वप्रथम कलश की पूजा व उसमें स्थपित सभी देवी-देवताओ का ध्यान करना चाहिए। इसके पश्चात माता के मंत्रो का जाप कर उनकी पूजा करनी चाहिए। इस दिन नौ कन्याओं को घर में भोग लगाना चाहिए। नव-दुर्गाओं में सिद्धिदात्री अंतिम है तथा इनकी पूजा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। कन्याओं की आयु दो वर्ष से ऊपर और 10 वर्ष तक होनी चाहिए और इनकी संख्या कम से कम 9 तो होनी ही चाहिए। यदि 9 से ज्यादा कन्या भोज पर आ रही है तो कोई आपत्ति नहीं है।🌺

🌺इस तरह से की गई पूजा से माता अपने भक्तों पर तुरंत प्रसन्न होती है। भक्तों को संसार में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भक्तों को अपना सारा ध्यान निर्वाण चक्र की ओर लगाना चाहिए। यह चक्र हमारे कपाल के मध्य में स्थित होता है। ऐसा करने से भक्तों को माता सिद्धिदात्री की कृपा से उनके निर्वाण चक्र में उपस्थित शक्ति स्वतः ही प्राप्त हो जाती है। 🌺

🌺मां सिद्धदाद्धत्री का पूजा मंत्र-

सिद्धगन्‍धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

🌺देवी का बीज मंत्र-

ऊॅं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमो नमः ।।🌺

🌺मां सिद्धदात्री की पूजा में हवन करने के लिए दुर्गा सप्तशती के सभी श्लोकों का प्रयोग किया जा सकता है।🌺

🌺मां सिद्धिदात्री की कृपा से बने महादेव अर्धनारीश्वर, जानिए पूरी कहानी🌺

🌺देवी दुर्गा के इस अंतिम स्वरुप को नव दुर्गाओं में सबसे श्रेष्ठ और मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है। भगवान शिव ने भी इस देवी की कृपा से यह तमाम सिद्धियां प्राप्त की थीं। इनकी कृपा से ही महादेव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण शिव अर्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए।🌺

🌺शिव पुराण के अनुसार जब सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्माजी ने देखा उन्होंने जिस ब्रह्मांड की रचना की है उसमें विकास की गति नहीं है। उन्होंने पाया कि पशु-पक्षी और मनुष्य की संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है। कहा जाता है कि तब आकाशवाणी के अनुसार ब्रह्माजी ने मैथुनी (प्रजननी) सृष्टि उत्पन्न करने का संकल्प किया। ब्रह्माजी ने जब इस बारे में भगवान विष्णु से पूछा तो उन्होंने महादेव की आराधना करने को कहा।🌺

🌺इसके बाद ब्रह्माजी ने शक्ति के साथ शिव को संतुष्ट करने के लिए तपस्या की । ब्रह्माजी की तपस्या से परमात्मा शिव संतुष्ट हो अर्धनारीश्वर का रूप धारण कर उनके समीप गए तथा अपने शरीर में स्थित देवी शक्ति के अंश को पृथक कर दिया। तब ब्रह्माजी ने उस परम शक्ति की स्तुति की। ब्रह्माजी की स्तुति से प्रसन्न होकर शक्ति ने अपनी भृकुटि के मध्य से अपने ही समान कांति वाली एक अन्य शक्ति की सृष्टि की जिसने हिमालय की पुत्री पार्वती रूप में जन्म लेकर महादेव से मिलन किया🌺

🌺मां सरस्वती का स्वरूप हैं मां सिद्धदात्री, देती हैं सफलता का वरदान🌺

🌺मां सिद्धदात्री को विद्या की देवी मां सरस्वती का भी स्वरूप माना जाता है। नवरात्रि में जिन देवियों के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है उनमें मां सिद्धदात्री को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। इन्हें सम्पूर्णता की देवी भी कहा गया है।🌺

🌺वैसे तो मां सिद्धदात्री की पूजा कभी भी की जा सकती है लेकिन नवरात्रि के नौवें दिन को श्रेष्ठ माना गया है। इस दिन विधि-विधान और पूरी निष्ठा से इनकी पूजा करने वाले भक्तों को सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं। दुनिया में कुछ भी उसके लिए असंभव नहीं रहता। मां की कृपा से साधक में सभी क्षेत्रों में विजय प्राप्त करने के लिए सामर्थ्य आ जाती है।🌺

🌺कहा जाता है कि साधारण मनुष्यों के अलावा रिषि मुनि और देवता भी हर काम में सफलता प्राप्त करने के लिए मां सिद्धदात्री की पूजा, साधना करते हैं। मां सिद्धदात्री की साधना से लोगों की सभी भौतिक और अध्यात्मिक मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।🌺

🌺इनकी पूजा और उपासना विद्यार्थियों के बहुत ही लाभकारी बताई गई है। सभी विद्याओं में सफलता और श्रेष्ठता प्राप्त करने के लिए मां सिद्धदात्री का आशीर्वाद अत्यंत आवश्यक होता है।🌺🌺🌺

Thursday, September 28, 2017

Navratri 7 day

🌺नवरात्री के सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि रूप की पूजा की जाती है. ये काल का नाश करने वाली हैं, इसलिए कालरात्रि कहलाती हैं. नवरात्रि के सातवें दिन इनकी पूजा और अर्चना की जाती है. कहा जाता है, इस दिन साधक को अपना चित्त  भानु चक्र (मध्य ललाट) में स्थिर कर साधना करनी चाहिए.🌺

🌺संसार में कालों का नाश करने वाली देवी ‘कालरात्री’ ही है. कहते हैं इनकी पूजा करने से सभी दु:ख, तकलीफ दूर हो जाती है. दुश्मनों का नाश करती है तथा मनोवांछित फल देती हैं.🌺

🌺कालरात्रि का रूप

🌺मां दुर्गा के सातवें रूप या शक्ति को कालरात्रि कहा जाता है, दुर्गा-पूजा के सातवें दिन मां काल रात्रि की उपासना का विधान है. मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, इनका वर्ण अंधकार की तरह काला है, केश बिखरे हुए हैं. कंठ में विद्युत की चमक वाली माला है. मां कालरात्रि के तीन नेत्र ब्रह्माण्ड की तरह विशाल और गोल हैं, जिनमें से बिजली की तरह किरणें निकलती रहती हैं.🌺

🌺इनकी नासिका से श्वास तथा निःश्वाससे अग्नि की भयंकर ज्वालायें निकलती रहती हैं. मां कालरात्रि का यह भय उत्पन्न करने वाला रूप केवल पापियों का नाश करने के लिए. कालरात्रि गर्दभ पर सवार हैं. देवी कालरात्रि का यह विचित्र रूप भक्तों के लिए अत्यंत शुभ है इसलिए देवी को शुभंकरी भी कहा गया है.🌺

🌺कालरात्रि की पूजा विधि🌺

🌺पूजा विधान में शास्त्रों में जैसा लिखा हुआ है उसके अनुसार पहले कलश की पूजा करनी चाहिए फिर नवग्रह, दशदिक्पाल, देवी के परिवार में उपस्थित देवी देवता की पूजा करनी चाहिए फिर मां कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए. देवी की पूजा से पहले उनका ध्यान करना चाहिए.🌺

🌺दुर्गा पूजा का सातवां दिन तांत्रिक क्रिया की साधना करने वाले भक्तों के लिए अति महत्वपूर्ण होता है. सप्तमी पूजा के दिन तंत्र साधना करने वाले साधक मध्य रात्रि में देवी की तांत्रिक विधि से पूजा करते हैं. इस दिन मां की आंखें खुलती हैं. षष्ठी पूजा के दिन जिस विल्व को आमंत्रित किया जाता है उसे आज तोड़कर लाया जाता है और उससे मां की आँखें बनती हैं. दुर्गा पूजा में सप्तमी तिथि का काफी महत्व बताया गया है. इस दिन से भक्त जनों के लिए देवी मां का दरवाजा खुल जाता है और भक्तगण पूजा स्थलों पर देवी के दर्शन हेतु पूजा स्थल पर जुटने लगते हैं.🌺

🌺सप्तमी की पूजा सुबह में अन्य दिनों की तरह ही होती लेकिन रात्रि में विशेष विधान के साथ देवी की पूजा की जाती है. इस दिन अनेक प्रकार के मिष्टान एवं कहीं कहीं तांत्रिक विधि से पूजा होने पर मदिरा भी देवी को अर्पित कि जाती है. सप्तमी की रात्रि ‘सिद्धियों’ की रात भी कही जाती है. कुण्डलिनी जागरण हेतु जो साधक साधना में लगे होते हैं वो इस दिन सहस्त्रसार चक्र का भेदन करते हैं.🌺

🌺इनकी पूजा करने वालों को इस मंत्र से ध्यान करना चाहिए🌺.'एकवेणी जपाकर्ण, पूरा नग्ना खरास्थिता. लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी, तैलाभ्यक्तशरीरिणी

वामपादोल्लसल्लोह, लताकंटकभूषणावर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा, कालरात्रिभयंकरी'🌺

🌺देवी कालरात्रि के मंत्र

🌺 या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:🌺🌺🌺

Navratri 8 day

🌺नवरात्रि के नौ दिनों का पावन पर्व अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। नौ दिनों में प्रतिदिन मां दुर्गा के नौं रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के आठवें दिन मां के आठवें रूप महागौरी की पूजा-उपासना की जाती है। इनके एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे हाथ से अभय मुद्रा में हैं, तीसरे हाथ में डमरू सुशोभित है तथा चौथा हाथ वर मुद्रा में है। मां का वाहन वृषभ( बैल) है।🌺                  🌺महागौरी के बारे में कहा जाता है कि मां ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी तथा शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। शिव जी की प्राप्ति के लिए कठोर तपस्या करते हुए मां महागौरी का शरीर धूल, मिट्टी से ढंककर काला हो गया था। जब भगवान शंकर ने गंगाजल से इनके शरीर को धोया तब गौरी जी का शरीर गौर व दैदीप्यमान हो गया और तभी से देवी महागौरी के नाम से विख्यात हुयीं। इनकी गौरता की उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से की गयी है। इनके सभी वस्त्र और आभूषण भी सफेद हैं। 🌺                       🌺महागौरी मंत्र 🌺या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।🌺

🌺नवरात्रे के आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा का विशेष महत्व हैं। कहा जाता है माँ महागौरी अपने भक्तों को अनेक कष्टो से मुक्त करने वाली माता हैं। इनकी आराधना से मनुष्य के अनेक पाप समाप्त हो जाते हैं। महागौरी का पूजन-अर्चन, उपासना-आराधना कल्याणकारी है। माता महागौरी की कृपा से अलौकिक सिद्धियां भी प्राप्त होती हैं।🌺

🌺नवरात्री के आंठवे दिन विवाहित स्त्रियाँ आस्था के साथ माँ गौरी की पूजा करती हैं तथा सदा सुहागिन रहने का आशिर्वाद मांगती हैं और माता को चुनरी चढ़ाती है। कहा जाता है कुंवारी कन्याओं को माता की पूजा अर्चना करने से मनचाहा वर मिलता है तथा माँ महागौरी अपने भक्तों के सभी दुखों को हरकर उनकों सुखमय जीवन प्रदान करती हैं।🌺

🌺नवरात्र के आठवें दिन प्रातः काल के समय अन्नकूट पूजा यानी कन्या पूजन का भी विधान है। कुछ लोग नवमी के दिन भी कन्या पूजन करते हैं लेकिन कहा जाता है कि अष्टमी के दिन कन्या पूजन करना श्रेष्ठ रहता है। कन्याओं की संख्या 9 हो तो अति उत्तम है। कन्याओं की आयु 2 वर्ष से ऊपर और 10 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। दो वर्ष की कन्या कुमारी, तीन वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति, चार वर्ष की कन्या कल्याणी, पांच वर्ष की कन्या रोहिणी, छह वर्ष की कन्या कालिका, सात वर्ष की चंडिका, आठ वर्ष की कन्या शाम्भवी, नौ वर्ष की कन्या दुर्गा और दस वर्ष की कन्या सुभद्रा मानी जाती है।🌺

🌺कैसे करें कन्याओं की पूजा:🌺

🌺कन्या पूजन के लिए सबसे पहले पूरी ,हलवा, खीर, भुना हुआ चना आदि तैयार कर लेना चाहिए। सभी प्रकार के भोजन में से पहले मां दुर्गा को भोग लगाना चाहिए। इसके बाद कन्याओं को भोजन के लिए बुलाएं। भोजन कराने से पहले अपने हाथ से कन्याओं का पैर शुद्ध पानी से धोकर उन्हें भोजन के लिए साफ स्थान पर कपड़ा बिछाकर बिठाना चाहिए।🌺

🌺इसके बाद कन्याओं के हाथों में रक्षा सूत्र बांधकर माथे पर रोली का टीका लगाना चाहिए। मां दुर्गा को जिस भोजन का भोग लगाया हो उसे सर्वप्रथम प्रसाद के रूप में कन्याओं को खिलाना चाहिए। इसके बाद उन्हें दक्षिणा में रुपया, सुहाग की वस्तुएं, चुनरी आदि वस्तुएं उपहार में देना चाहिए। अंत में कन्याओं के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लेकर उन्हें प्रेम पूर्वक विदा करना चाहिए।🌺

🌺मान्यता है कि नवरात्र की पूजा व व्रत कन्या पूजन के बिना अधूरी होती है। अंतिम दिन जो भी श्रद्धा भाव से कन्याओं की पूजा कर उन्हें भोजन करवाता है उसकी सारे मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। कुछ लोग नौ कन्याओं के साथ भैरों बाबा के रूप में एक छोटे बालक को भी भोजन करवाते हैं।🌺🌺🌺

Wednesday, September 27, 2017

Navratri 6 day

🌺नवरात्रि के छठे दिन होती है मां कात्यायनी की पूजा। देवी मां के छठे स्वरूप को कात्यायनी नाम से पुकारा जाता है। मां कात्यायनी को दानवों और पापी जीव धारियों का नाश करने वाली देवी कहा जाता है। इनकी उपासना से संपूर्ण रोगों और भय का नाश होता है। महिषासुर राक्षस का वध करने के कारण इनका एक नाम महिषासुर मर्दिनी भी है।🌺

 🌺ऐसा है मां का स्वरूप: इनका वाहन सिंह है और इनकी चार भुजाएं हैं। इनके एक हाथ में तलवार है और एक हाथ में पुष्प है। 🌺

🌺मंत्र: चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दूलवर वाहना|
कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानव घातिनि||🌺
🌺चढ़ावा: इस दिन प्रसाद में मधु यानी शहद का प्रयोग करना चाहिए। देवी मां को प्रसन्न करने के लिए गुड का दान करना चाहिए और नारंगी रंग के कपड़ें पहनने चाहिए।🌺

🌺पूजा: दुर्गा पूजा के छठे दिन भी सर्वप्रथम कलश और देवी कात्यायनी जी की पूजा की जाती है। पूजा की विधि शुरू करने पर हाथों में फूल लेकर देवी को प्रणाम कर देवी के मंत्र का ध्यान जरूर करें। इस दिन दुर्गा सप्तशती के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करना चाहिए। पुष्प और जायफल देवी को अर्पित करना चाहिए। देवी मां के साथ भगवान शिव की भी पूजा करनी चाहिए। जो चीजे भगवान शिव को प्रिय हैं वो चीजें देवी मां को चढ़ानी चाहिए। 🌺

🌺मनोकामना: मां की आराधना से संपूर्ण रोगों और भय से मुक्ति मिलती है। जिन युवतियों के विवाह में बाधा आ रही हों उन्हें मां कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए।🌺🌺🌺

Tuesday, September 26, 2017

Navratri 5 day

 🌺नवरात्र के पांचवे दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरुप मां स्कंदमाता की उपासना की जाती है. स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम किया गया है. भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं.🌺

🌺स्कंदमाता का स्वरूप
स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं जिनमें से माता ने अपने दो हाथों में कमल का फूल पकड़ा हुआ है. उनकी एक भुजा ऊपर की ओर उठी हुई है जिससे वह भक्तों को आशीर्वाद देती हैं और एक हाथ से उन्होंने गोद में बैठे अपने पुत्र स्कंद को पकड़ा हुआ है. ये कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं. इसीलिए इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है. सिंह इनका वाहन है.🌺

🌺हर कठिनाई दूर करती हैं मां
शास्त्रों में मां स्कंदमाता की आराधना का काफी महत्व बताया गया है. इनकी उपासना से भक्त की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. भक्त को मोक्ष मिलता है. सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक अलौकिक तेज और कांतिमय हो जाता है. अतः मन को एकाग्र रखकर और पवित्र रखकर इस देवी की आराधना करने वाले साधक या भक्त को भवसागर पार करने में कठिनाई नहीं आती है.🌺

🌺स्‍नेह की देवी हैं स्कंदमाता🌺
कार्तिकेय को देवताओं का सेनापति मना जाता है और माता को अपने पुत्र स्कंद से अत्यधिक प्रेम है. जब धरती पर राक्षसों का अत्याचार बढ़ता है तो माता अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए सिंह पर सवार होकर दुष्टों का नाश करती हैं. स्कंदमाता को अपना नाम अपने पुत्र के साथ जोड़ना बहुत अच्छा लगता है. इसलिए इन्हें स्नेह और ममता की देवी माना जाता है.🌺

🌺मां को इन चीजों का भोग लगाएं
पंचमी तिथि के दिन पूजा करके भगवती दुर्गा को केले का भोग लगाना चाहिए और यह प्रसाद ब्राह्मण को दे देना चाहिए. ऐसा करने से मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है.🌺

🌺मां स्कंदमाता का मंत्र 🌺
मां स्कंदमाता का वाहन सिंह है. इस मंत्र के उच्चारण के साथ मां की आराधना की जाती है:
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥🌺

🌺इसके अतिरिक्त इस मंत्र से भी मां की आराधना की जाती है:
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।🌺

🌺माना जाता है कि मां स्कंदमाता की उपासना से मन की सारी कुण्ठा जीवन-कलह और द्वेष भाव समाप्त हो जाता है. मृत्यु लोक में ही स्वर्ग की भांति परम शांति एवं सुख का अनुभव प्राप्त होता है. साधना के पूर्ण होने पर मोक्ष का मार्ग स्वत: ही खुल जाता है.🌺

🌺साधना विधान🌺

🌺सर्वप्रथम मां स्कंद माता की मूर्ति अथवा तस्वीर को लकडी की चौकी पर पीले वस्त्र को बिछाकर उस पर कुंकुंम से ॐ लिखकर स्थापित करें. मनोकामना की पूर्णता के लिए चौकी पर मनोकामना गुटिका रखें. हाथ में पीले पुष्प लेकर मां स्कंद माता के दिव्य ज्योति स्वरूप का ध्यान करें.🌺

🌺ध्यान के बाद हाथ के पुष्प चौकी पर छोड दें. तदुपरांत यंत्र तथा मनोकामना गुटिका सहित मां का पंचोपचार विधि द्वारा पूजन करें. पीले नैवेद्य का भोग लगाएं तथा पीले फल चढ़ाएं. इसके बाद मां के श्री चरणों में प्रार्थना कर आरती पुष्पांजलि समर्पित करें तथा भजन कीर्तन करें.🌺🌺🌺

Sunday, September 24, 2017

Navratri 4 day

🌺 आज नवरात्रि का चौथा दिन है और आज के दिन मां कूष्मांडा देवी की पूजा की जाती है। कहते हैं इनकी उपासना बडी ही फलदायी होती है। इस दिन साधक को अत्यंत पवित्र और अचंचल मन से कूष्मांडा देवी के स्वरूप को ध्यान में रखकर पूजा-उपासना के कार्य में लगना चाहिए। 🌺

🌺अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा अंड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कूष्मांडा नाम से पुकारा गया है। जब सृष्टि नहीं थी, चारों तरफ अंधकार ही अंधकार व्याप्त था, तब इसी देवी ने अपने प्रभाव से ब्रह्मांड की रचना की थी। 🌺

🌺इसीलिए इसे सृष्टि की आदिस्वरूपा या आदिशक्ति कहा गया। देवी की आठ भुजाएं हैं, इसलिए अष्टभुजा भी कहलाईं। इनके सात हाथों में क्रमश: मण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं।🌺

🌺आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है। इस देवी का वाहन सिंह है। उनका सूर्य के समान तेजस्वित स्वरूप व उनकी आठ भुजाएं हमें कर्मयोगी जीवन अपनाकर तेज अर्जित करने की प्रेरणा देती हैं। उनकी मधुर मुस्कान हमारी जीवनी शक्ति का संवर्धन करते हुए हमें हंसते हुए कठिन से कठिन मार्ग पर चलकर सफलता पाने को प्रेरित करती है। 🌺

🌺मां के दिव्य स्वरूप का ध्यान हमें आत्मिक प्रकाश प्रदान करते हुए हमारी प्रज्ञा शक्ति को जाग्रत करके हमारी मेधा को उचित तथा श्रेष्ठ कार्यो में प्रवृत्त करता है। मान्यता है कि मां अपनी हंसी से संपूर्ण ब्रहमांड को उत्पन्न करती हैं और सूर्यमंडल के भीतर निवास करती हैं। 🌺

🌺सूर्य के समान दैदीप्यमान इनकी कांति व प्रभा है। आठ भुजाएं होने के कारण ये अष्टभुजा देवी के नाम से विख्यात हैं। मान्यता के अनुसार, उन्हें कुम्हडे की बलि प्रिय है, इसलिए भी ये कूष्मांडा देवी के नाम से विख्यात हैं।🌺                                 🌺माँ की आराधना करने से भक्तों के सभी रोग दुःख नष्ट हो जाते हैं। इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और धन प्राप्त होता है। माँ कूष्मांडा को प्रसन्न करने के लिए भक्त को इस श्लोक को कंठस्थ कर नवरात्रि में चतुर्थ दिन इसका जाप करना चाहिए।

या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

🌺इस दिन जहाँ तक संभव हो बड़े माथे वाली तेजस्वी विवाहित महिला का पूजन करना चाहिए। उन्हें भोजन में दही, हलवा खिलाना श्रेयस्कर है। इसके बाद फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान भेंट करना चाहिए। जिससे माताजी प्रसन्न होती हैं। और मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है।🌺🌺🌺

Navratri 3 day

🌺नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा का रूप बहुत ही सौम्य है। मां को सुगंधप्रिय है। उनका वाहन सिंह है। उनके दस हाथ हैं। हर हाथ में अलग-अलग शस्त्र हैं। वे आसुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं। मां चंद्रघंटा की आराधना करने वालों का अहंकार नष्ट होता है और उनको सौभाग्य, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है।🌺

🌺ऐसा है मां का स्वरुप: 🌺

🌺मां दुर्गा के तीसरे स्वरुप का नाम चंद्रघंटा है। इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसीलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। मां चंद्रघंटा सिंह पर विराजती हैं। मां चंद्रघंटा देवी का स्वरूप सोने के समान कांतिवान है। देवी मां की दस भुजाएं हैं और दसों हाथों में खड्ग, बाण है। मां चंद्रघंटा के गले में सफेद फूलों की माला रहती है।🌺 

🌺पूजन का मंत्र: 🌺

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

🌺किस रंग के पहनें कपड़े और क्या चढ़ाएं प्रसाद: 🌺

🌺देवी चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालुओं को भूरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए। मां चंद्रघंटा को अपना वाहन सिंह बहुत प्रिय है और इसीलिए गोल्डन रंग के कपड़े पहनना भी शुभ है। इसके अलावा मां सफेद चीज का भोग जैसै दूध या खीर का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा माता चंद्रघंटा को शहद का भोग भी लगाया जाता है।🌺
🌺देवी पूजा का महत्‍व

नवरात्रि में तीसरे दिन इस देवी की पूजा का महत्व है। देवी की कृपा से साधक को अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं। दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है और कई तरह की ध्वनियां सुनाईं देने लगती हैं। इन क्षणों में साधक को बहुत सावधान रहना चाहिए। इस देवी की आराधना से साधक में वीरता और निर्भयता के साथ ही सौम्यता और विनम्रता का विकास होता है।🌺

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