धनतेरस का महत्व व् मुहूर्त [ Dhanteras Ka Mahatv or Muhurat ] :
धन त्रयोदशी :
धनतेरस पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है ! धन तेरस को धन त्रयोदशी या धन्वन्तरि जयंती के, जो कि आयुर्वेद के देवता का जन्म दिवस है,के रूप में भी जाना जाता है ! धनतेरस के दिन भगवान कुबेर व् श्री लक्ष्मी माता जी की पूजा का विशेष महत्व है, आज के दिन पूजा करने से श्री लक्ष्मी माँ आपको आर्थिक संपत्रता और धन धान्ये देती है ! आयुवेद के जनक धन्वन्तरि की पूजा अर्चना करने से आपके सब रोग दूर हो जाते है और आपको आरोग्य प्रदान करते है !
धनतेरस पर क्या करें ?
धनतेरस के दिन आप सब श्री लक्ष्मी जी व् श्री गणेश जी की मिटटी की मूर्ति या सोने व् चाँदी की मूर्ति लाये , सांयकाल अपने मुख्य दरवाजे पर दीपक रखें, दीपक चावल या गेंहू के ढेरी पर जलाये, ऐसे ही दीपक लगातार ५ दिन जलाये, इस दिन बर्तन ख़रीदे, अपने घर की सही तरह से सफाई करें, जाले साफ़ करें, अपने मुख्य दरवाजे को पानी से धो लें, मुख्य दरवाजे पर रंगोली बनाये, घर का सारा कूड़ा बहार निकल दे, अपने शरीर की सफाई करें, नया रंग रोगन कराये यदि आपका स्वयं का ऑफिस है तो उसकी भी सफाई करें !
धनतेरस पर क्या खरीदे ? :
धनतेरस दीपावली आने की पूर्व सूचना देने वाला पर्व है, इस दिन अपने घर हो सके तो सोने या चाँदी के श्री लक्ष्मी और श्री गणेश जी की प्रतिमा लाये, कहते है की इस दिन श्री लक्ष्मी जी और श्री गणेश जी की प्रतिमा अपने घर लेट है तो आपके घर में सालों साल धन सम्पति का आगमन रहता है और आपके घर में साल भर अन्न व् धन की कमी नही रहती है ! इस दिन सोना व् चाँदी खरीदने से आपको फायदा होता है या आप धातु से बने बरतन व् गहने भी खरीदना इस दिन सबसे ज्यादा सर्वश्रेष्ठ है एसा करने से सदेव लक्ष्मी माँ की कृपा बनी रही है !
स्फटिक का श्रीयंत्र। स्फटिक का श्रीयंत्र घर लाने से लक्ष्मी घर की ओर आकर्षित होती हैं। इसलिए धनतेरस के दिन स्फटिक का श्रीयंत्र घर लाएं और दीपावली की सांय को इसे लक्ष्मी पूजन स्थल पर रखकर इसकी पूजा करें। पूजा के बाद इस श्रीयंत्र को केसरिया कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन स्थान पर रख दें, इससे सदा वहां बरकत बनी रहेगी। झाड़ू को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। दीपावली के मौके पर नई झाड़ू को घर लाएं। इससे नकारात्मक शक्तियां घर से बाहर जाएंगी और साफ सुथरे घर में लक्ष्मी का आगमन होगा।
कहा जाता है कि कौड़ी को घर में रखने से उस घर में कभी भी दान का आभाव नहीं रहता, इसलिए धनतेरस के दिन कौड़ी खरीद कर घर लाएं और श्री लक्ष्मी पूजा के समय इसे भी शामिल करें। पूजन के बाद इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांध कर तिजोरी या धन वाले स्थान पर रख दें। वहां कभी धन की कमी नहीं होगी। धनिया धन का प्रतीक है। इसलिए इसे धनतेरस के दिन साबुत धनिया खरीद कर लाएं और दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा के समय इसकी भी पूजा करें। दीपावली पूजन के बाद घर के आंगन या गमलों में इसे बुरक दें। यह धनदायक है। धनतेरस के दिन घर में गूंजा लाएं क्योंकि इससे धनप्राप्ति के द्वार खुल जाते हैं। गूंजा के बीज धनतेरस के दिन लाकर घर में रख दें और लक्ष्मी पूजन के समय इन्हें भी पूजा में रखें।
धनतेरस के दिन किसी भी मंदिर जाये और अपने हाथों से केले के दो पौधे लगाएं और इन केले के दोनों पौधों की समय-समय पर देखभाल करते रहें। व् केले के बगल में कोई सुगंधित फूल का पौधा लगाएं। केले का पौधा जैसे-जैसे समय के साथ बड़ा होगा, आपके जीवन में भी आर्थिक लाभ होने लगेगा !
धनतेरस के दिन श्री लक्ष्मी पूजन करने के बाद श्री लक्ष्मी माता जी को लोंग अर्पित करे एसा आप दीपावली के दिनों तक हर दिन करे एसा करने से आपको आर्थिक लाभ होने लगेगा !
धनतेरस के दिन सफ़ेद चीजों का दान ( चावल, कपड़े, आटा, घी, चीनी आदि ) करने से आर्थिक लाभ होता है !
धनतेरस वाले दिन किसी भी किन्नर को कुछ धन दान करें और उसके बाद उससे अनुरोध करके कुछ रूपये वापस ले ले उन रूपये को किसी सफ़ेद कपडे में लपेटकर अपनी कैश तिजोरी में रख ले एसा करने से आपके जीवन में लाभ प्राप्त होगा !
लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय :
धनतेरस के दिन एसी स्थान की मिटटी ले आये जंहा मोर नाचा हो ! एसी मिटटी इसकी पूजा करें फिर इससे लाल कपडे में बांधकर अपनी तिजोरी में रख से ऐसा करने से आपके घर पर लक्ष्मी की कृपा और लक्ष्मी प्राप्ति होती रहेगी !
धनतेरस की रात से लेकर भाईदूज के दिन तक दिए गये मंत्र का जप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से अधिक से अधिक करने से आपके उपाय मां लक्ष्मी की कृपा निरंतर बरसती रहेती है ! मंत्र : ” ऊँ ऐं क्लीं सौ: “
धनतेरस के दिन जब भी आप रसोई में कोई सा भी भोजन बनाओ उसमे से सबसे पहले गाय को निकलाकर खिलाये और उसके बाद ही स्वयं खाए ऐसा करने से आपके घर में स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है !
धनतेरस के दिन या रोज कभी भी सूर्यास्त के बाद झाड़ू व् पोंछा ना लगाये एसा करने से आपके घर की लक्ष्मी चली जाती है !
11 लघु नारियल को मां लक्ष्मी के चरणों में रखकर ” ऊं महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नीं च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ” मंत्र की 2 माला का जप करें। किसी लाल कपड़े में उन लघु नारियल को लपेट कर तिजोरी में रख दें व दीपावली के दूसरे दिन किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें। ऐसा करने से लक्ष्मी चिरकाल तक घर में निवास करती है।
धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के मुख्य द्वार पर ‘ऊँ’ बनाने से धन आयेगा।
लाभ प्राप्ति के उपाय :
धनतेरस के दिन शुभ समय मुहूर्त पर ऐसे पेड़ की टहनी तोड़ कर लाएं, जिस पेड़ पर चमगादड़ रहते हो, उससे लाकर अपने बैठने वाली जगह पर रख दे इससे लाभ प्राप्त होगा !
समृद्धि प्राप्ति के उपाय :
धनतेरस के दिन लक्ष्मी पूजन करने के बाद एक दक्षिणावर्ती शंख ले उस शंख में दिए गये श्री लक्ष्मी मन्त्र बोलते हुए चावल के दाने व लाल गुलाब की पंखुड़ियां डालें। ऐसा करने से आपके जीवन में समृद्धि का योग बनेगा। और १०८ बार मंत्र का जाप भी करें!मंत्र : ” ॐ श्रीं “
धनतेरस पर पूजा करते समय ५ लघु नारियल पूजा के स्थान पर रखकर उन नारियल पर केसर का तिलक लगाते हुए दिया हुआ मन्त्र को २७ बार जाप करें ! मंत्र : ” ऐं ह्लीं श्रीं क्लीं “
यदि आप अपने घर में समृद्धि लाना चाहते हो तो आप धनतेरस के दिन पूजन समय पर एक दक्षिणावर्ती शंख का उपयोग करें और पूजा से पहले और पूजा के बाद शंख से जल लेकर पूजा में स्थित सभी लोगो पर छिडकें. व् घर में सब जगह छिडके ऐसा करने से आपके घर पर समृद्धि की प्राप्ति होगी !
घर पर लाये चांदी के गणेश व् श्री लक्ष्मी माता :
लक्ष्मी जी व गणेश जी की चांदी की प्रतिमाओं को इस दिन घर लाना, घर- कार्यालय, व्यापारिक संस्थाओं में धन, सफलता व उन्नति को बढाता है। इस दिन भगवान धनवन्तरी समुद्र से कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिये इस दिन खास तौर से बर्तनों की खरीदारी की जाती है।
कुबेर को खुश करने के उपाय :
धनतेरस वाले दिन शुभ मुहूर्त में धूप, दीप, नैवैद्ध से पूजन करने के बाद निम्न मंत्र का जाप अधिक से अधिक करें- इस मंत्र का जाप करने से भगवन कुबेर बहुत खुश होते हैं, जिससे धन और वैभव की प्राप्ति होती है। मंत्र : “यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये, धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।”
अकाल मृत्यु से बचने का उपाय :
मान्यताओं के अनुसार जो प्राणी धनतेरस की शाम यम के नाम पर दक्षिण दिशा में दीया जलाकर रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है।
शारीरिक परेशानी के उपाय :
यदि आप धनतेरस की संध्याकाल में घर के मुख्य द्वार पर तेल का दीपक जलाएं तथा उस दीपक में दो काली गुंजा डाल दें तो वर्ष भर आपको आर्थिक, शारीरिक रूप से परेशानी नहीं होगी !
प्रमोशन प्राप्ति के उपाय :
यदि आपके मेहनत करते हुए भी आपको प्रमोशन नही मिल रहा है तो धनतेरस की शाम को स्नान कर पीले कपड़े पहनकर कुश के आसन पर पूर्व दिशा की और मुख करके बैठ जाये ! अपने सामने एक चोकी (पटिया) रखकर उस पर पीला कपड़ा बिछाएं। उस पर साबूत हरे मूंग की ढेरी बनाएं और उसके ऊपर 7 हकीक पत्थर रखें। इन पर केसर का तिलक लगाएं। अब स्फटिक की माला से नीचे लिखे मंत्र का जप करते जाएं और हकीक के ऊपर फूल चढ़ाते जाएं। कम से कम 7 माला जप अवश्य करें। दूसरे दिन माला सहित सभी सामग्री को लाल कपड़े में लपेटकर बहते जल में बहा दें। मंत्र- ऊँ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नी। च धीमहि तन्नौ लक्ष्मी प्रचोदयात्।।
धनतेरस पूजा विधि [ Dhanteras Puja Vidhi ] :
पूजन की सामग्री :
मिटटी के चोमुखी दीपक, चार बत्तियां, एक छेद की हुई कोड़ी, घी, जल से भरा लोटा, पंचपात्र में जल, एक चम्मच, फुल, रोली, दक्षिणा, चावल, मिठाई, खील और बतासे, सुहाली, शक्कर, गुड़, चोकी, रोली, आसन आदि !
पूजन की विधि :
धनतेरस की पूजा संध्या समय में तारे निकलने के बाद होती है पाटे या चोकी पर लिया हुआ चोमुखी दीपक घी से भरा हुआ रख लें,और उसके बाद उसकी चारों बत्तियां जलाए,इस दीपक में कुछ कोड़ी भी डाल दें, दीपक के चारों और जल से छीटें देकर रोली से तिलक लगाये !इस दीपक को यम दीपक कहते है ! इसके बाद ४ सुहाली,थोडा सा गुड व् शक्कर, खील व् बातसे, फुल व् दक्षिणा चदाये, एसा करने के बाद परिवार के हर सदस्यों के तिलक लगाये दीपक के ४ परिक्रमा करके प्रणाम करें पूजा करते समय दिया गया निम्न मंत्र उच्चारण करें : त्रियोदश्यां दीपदानात सूर्यज: प्रियतामिति !
उसके बाद घर का कोई भी एक सस्द्य अपने सर को कपडे से ढक कर दीपक को अपने घर के मुख्य दरवाजे के सीधे हाथ की तरफ रख दें, दीपक जलने वाले सदस्य को दक्षिणा दे, इस दिन ब्राह्मण व् जरुरतमद लोगों को जूते या छाते का दान किया जाता है !
धनतेरस श्री लक्ष्मी पूजा विधि :
पूजन सामग्री :
दक्षिणावर्ती शंख,केसर,गंगाजल पात्र,धूप,अगरबत्ती,दीपक,लाल वस्त्र !
धनतेरस लक्षमी पूजन मन्त्र :
“ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं महालक्ष्मी धनदा लक्ष्मी कुबेराय मम गृह स्थिरो ह्रीं ॐ नम:”
धनतेरस कुबेर पूजन मन्त्र :
“यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।”
धनतेरस श्री लक्ष्मी पूजा विधि :
धन तेरस की पूजन विधि संध्या काल में सूर्यास्त के पश्चात प्रारम्भ की जाती है ! स्थिर लग्न में यदि पूजा कि जाये तो माता लक्ष्मी जी का घर व प्रतिष्ठान में स्थायी रूप से वास होता है ! लक्ष्मी जी के चित्र के समक्ष लाल रंग का वस्त्र रखकर उस पर दक्षिणावर्ती शंख स्थापित करें ! केसर से शंख पर स्वस्तिक बनाये फिर कुमकुम से तिलक करें ! तत्पश्चात स्फटिक की माला से उपरोक्त दिए गये मन्त्र की 7 माला तीन दिन तक जाप करें ! मन्त्र सिद्ध हो जायेगा जाप पूर्ण होने पर लाल वस्त्र में शंख को बाँध कर अपने पूजा स्थान में स्थापित करें जब तक घर में यह शंख रहेगा निरंतर उन्नति होती रहेगी ! इस दिन अन्नपूर्ण स्रोत्र व् कनकधारा स्रोत्र का पाठ करने का भी विधान है !
धन तेरस के दिन यदि आप कोई भी नवीन वस्तु लायें तो उस पर उपरोक्त केसर से ॐ स्वस्तिक इत्यादि का तिलक कर माँ लक्ष्मी माता व गणेश जी से मंगल कामना करके उस वस्तु का प्रयोग शुरू कर सकते हैं !
धन तेरस के अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक आइटम जैसे फ्रिज लेपटॉप वाशिंग मशीन टीवी कंप्यूटर मोबाइल इत्यादि व कार मोटर सायकल जैसे साधन पीली वस्तु धातु सोना चांदी इत्यादि खरीदे जा सकते हैं ! भूमि भवन बर्तन इत्यादि भी खरीदे जा सकते हैं तथा गृह पूजन प्रवेश नवीन व्यापार के लिये सर्वोत्तम समय है !