*40 वर्ष से अधिक उम्र वाले इसे अवश्य पढ़ें, क्योंकि यह उनके भावी जीवन के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है...*
*1 :* अपने स्वयं के स्थायी स्थान पर रहें ताकि स्वतंत्र जीवन जीने का आनंद ले सकें !
*2 :* अपना बैंक बैलेंस और भौतिक अमूल्य संपत्ति सदा अपने पास रखें !
*3 :* अपने बच्चों के इस वादे पर निर्भर ना रहें कि वो वृद्धावस्था में आपकी सेवा करेंगे, क्योंकि समय बदलने के साथ उनकी प्राथमिकता भी बदल जाती है !
*4 :* उन लोगों को अपने मित्र समूह में शामिल करें जो आपको जीवन को प्रसन्न देखना चाहते हैं !
*5 :* किसी के साथ अपनी तुलना ना करें और ना ही किसी से कोई उम्मीद रखें !
*6 :* अपनी संतानों के जीवन मे दखल अन्दाजी ना करें, उन्हें अपने तरीके से अपना जीवन जीने दें और आप अपने तरीके से अपना जीवन जियें !
*7 :* अपनी वृद्धावस्था को आधार बनाकर किसी से सेवा करवाने, सम्मान पाने का प्रयास ना करें !
*8 :* लोगों की बातें सुनें लेकिन अपने स्वतंत्र विचारों के आधार पर निर्णय लें !
*9 :* प्रार्थना करें लेकिन भीख ना मांगे, यहां तक कि भगवान से भी नही, अगर भगवान से कुछ मांगे तो सिर्फ माफ़ी या हिम्मत !
*10 :* अपने स्वास्थ्य का स्वयं ध्यान रखें, चिकित्सीय परीक्षण के अलावा अपने आर्थिक सामर्थ्य अनुसार पौष्टिक भोजन खायें और यथा सम्भव अपना काम अपने हाथों से करें !
*11 :* अपने जीवन से कभी थकें नहीं हमेशा प्रसन्न रहें !
*12 :* प्रतिवर्ष अपने जीवनसाथी के साथ भ्रमण, तीर्थयात्रा पर एक या अधिक बार अवश्य जायें, इससे आपका जीवन जीने का नजरिया बदलेगा.
*13 :* किसी भी टकराव को टालें एवं तनाव रहित जीवन जियें !
*14 :* जीवन में स्थायी कुछ भी नही है, चिंतायें भी नहीं इस बात का विश्वास करें !
*15 :* अपनी सामाजिक, पारिवारिक जिम्मेदारियों को रिटायरमेंट से पहले पूरा कर लें, याद रखें जब तक आप जीना शुरू नही करते हैं तब तक आप जीवित नही हैं !
*खुशनुमा जीवन की शुभकामनाओं के साथ..*🙏
*1 :* अपने स्वयं के स्थायी स्थान पर रहें ताकि स्वतंत्र जीवन जीने का आनंद ले सकें !
*2 :* अपना बैंक बैलेंस और भौतिक अमूल्य संपत्ति सदा अपने पास रखें !
*3 :* अपने बच्चों के इस वादे पर निर्भर ना रहें कि वो वृद्धावस्था में आपकी सेवा करेंगे, क्योंकि समय बदलने के साथ उनकी प्राथमिकता भी बदल जाती है !
*4 :* उन लोगों को अपने मित्र समूह में शामिल करें जो आपको जीवन को प्रसन्न देखना चाहते हैं !
*5 :* किसी के साथ अपनी तुलना ना करें और ना ही किसी से कोई उम्मीद रखें !
*6 :* अपनी संतानों के जीवन मे दखल अन्दाजी ना करें, उन्हें अपने तरीके से अपना जीवन जीने दें और आप अपने तरीके से अपना जीवन जियें !
*7 :* अपनी वृद्धावस्था को आधार बनाकर किसी से सेवा करवाने, सम्मान पाने का प्रयास ना करें !
*8 :* लोगों की बातें सुनें लेकिन अपने स्वतंत्र विचारों के आधार पर निर्णय लें !
*9 :* प्रार्थना करें लेकिन भीख ना मांगे, यहां तक कि भगवान से भी नही, अगर भगवान से कुछ मांगे तो सिर्फ माफ़ी या हिम्मत !
*10 :* अपने स्वास्थ्य का स्वयं ध्यान रखें, चिकित्सीय परीक्षण के अलावा अपने आर्थिक सामर्थ्य अनुसार पौष्टिक भोजन खायें और यथा सम्भव अपना काम अपने हाथों से करें !
*11 :* अपने जीवन से कभी थकें नहीं हमेशा प्रसन्न रहें !
*12 :* प्रतिवर्ष अपने जीवनसाथी के साथ भ्रमण, तीर्थयात्रा पर एक या अधिक बार अवश्य जायें, इससे आपका जीवन जीने का नजरिया बदलेगा.
*13 :* किसी भी टकराव को टालें एवं तनाव रहित जीवन जियें !
*14 :* जीवन में स्थायी कुछ भी नही है, चिंतायें भी नहीं इस बात का विश्वास करें !
*15 :* अपनी सामाजिक, पारिवारिक जिम्मेदारियों को रिटायरमेंट से पहले पूरा कर लें, याद रखें जब तक आप जीना शुरू नही करते हैं तब तक आप जीवित नही हैं !
*खुशनुमा जीवन की शुभकामनाओं के साथ..*🙏
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