Saturday, October 15, 2016

जो खो जाता हैं मिलकर ज़िंदगी में....
..... ग़ज़ल है नाम
 ...'......उसका शायरी में ।

 निकल आते हैं आँसू........
........ हँसते--हँसते
  ये किस ग़म की कसक है.....
....... हर ख़ुशी में ।

कहीं चेहरा,  कहीं आँखें .....
......कहीं लब.....
हमेशा एक मिलता है,
  ......कई में ।

गुजर जाती हैं.......
....यूँ ही उम्र सारी
......किसी को ढूँढ़ते हैं.....
...........हम किसी में ।

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