Saturday, May 12, 2018

जाने किस किस तरह से मैं पकड़ी गयी

कभी रसमों और कभी लोक लाज की बेड़ियों में जकड़ी गयी

कभी खूबसूरत कहकर सराही गयी और कभी कुलटा कहकर दुतकारी गयी

कभी देवी की तरह पूजी गयी कभी वेशया कहकर कोठे पर उतारी गयी

कभी ममता की मूरत बखानी गयी तो कभी सास सास कहकर हर बहू के दिल से उतारी गयी
कभी परदे में रखी गयी तो कभी भरी सभा में
साड़ी उतारी गयी

मैं नारी जाने किस किस नाम से पुकारी गयी

कितने रूप में मैं कितनी बार जनमी और कितनी बार मैं मारी गयी

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