*दोस्त अब थकने लगे है*
किसीका *पेट* निकल आया है,
किसीके *बाल* पकने लगे है...
सब पर भारी *ज़िम्मेदारी* है,
सबको छोटी मोटी कोई *बीमारी* है।
दिनभर जो *भागते दौड़ते* थे,
वो अब चलते चलते भी *रुकने* लगे है।
पर ये हकीकत है,
सब दोस्त *थकने* लगे है...1
किसी को *लोन* की फ़िक्र है,
कहीं *हेल्थ टेस्ट* का ज़िक्र है।
फुर्सत की सब को कमी है,
आँखों में अजीब सी नमीं है।
कल जो प्यार के *ख़त लिखते* थे,
आज *बीमे के फार्म* भरने में लगे है।
पर ये हकीकत है
सब दोस्त थकने लगे है....2
देख कर *पुरानी तस्वीरें*,
आज जी भर आता है।
क्या अजीब शै है ये वक़्त भी,
किस तरहा ये गुज़र जाता है।
कल का *जवान* दोस्त मेरा,
आज *अधेड़* नज़र आता है...
*ख़्वाब सजाते* थे जो कभी ,
आज *गुज़रे दिनों में खोने* लगे है।
पर ये हकीकत है
सब दोस्त थकने लगे है...
सभी मित्रों को समर्पित.... 🌹
किसीका *पेट* निकल आया है,
किसीके *बाल* पकने लगे है...
सब पर भारी *ज़िम्मेदारी* है,
सबको छोटी मोटी कोई *बीमारी* है।
दिनभर जो *भागते दौड़ते* थे,
वो अब चलते चलते भी *रुकने* लगे है।
पर ये हकीकत है,
सब दोस्त *थकने* लगे है...1
किसी को *लोन* की फ़िक्र है,
कहीं *हेल्थ टेस्ट* का ज़िक्र है।
फुर्सत की सब को कमी है,
आँखों में अजीब सी नमीं है।
कल जो प्यार के *ख़त लिखते* थे,
आज *बीमे के फार्म* भरने में लगे है।
पर ये हकीकत है
सब दोस्त थकने लगे है....2
देख कर *पुरानी तस्वीरें*,
आज जी भर आता है।
क्या अजीब शै है ये वक़्त भी,
किस तरहा ये गुज़र जाता है।
कल का *जवान* दोस्त मेरा,
आज *अधेड़* नज़र आता है...
*ख़्वाब सजाते* थे जो कभी ,
आज *गुज़रे दिनों में खोने* लगे है।
पर ये हकीकत है
सब दोस्त थकने लगे है...
सभी मित्रों को समर्पित.... 🌹
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