Thursday, November 30, 2017

~~  स्त्री क्या है  ~~
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भगवान .. जब स्त्री की रचना कर रहे थे ,
       तब उन्हें काफी समय लग गया !

 आज छठा दिन था , और स्त्री की रचना
            अभी भी अधूरी थी !
    इसलिए देवदूत ने पूछा ~ भगवन् !
  आप इसमें इतना समय क्यों ले रहे हो ?

भगवान ने जवाब दिया ~ क्या तुमने
इसके सारे गुण धर्म (specifications)
देखे हैं, जो इसकी रचना के लिए जरूरी हैं !

👉 यह हर प्रकार की परिस्थितियों को
              संभाल सकती है !
👉 यह अपने सभी बच्चों को एक साथ
             संभाल सकती है , एवं
              खुश रख सकती है !
👉 यह अपने प्यार से ~
    घुटनों की खरोंच से लेकर टूटे हुये दिल
          💔 के घाव भी भर सकती है !
👉 इसमें सबसे बड़ा गुणधर्म यह है कि
        बीमार होने पर भी अपना ख्याल
             खुद रख सकती है , एवं
          18 घंटे काम भी कर सकती है !

देवदूत चकित रह गया , और आश्चर्य से
पूछा ~ भगवान ! क्या यह सब ...
         दो हाथों से कर पाना संभव है ?

  भगवान ने कहा ~ यह स्टैंडर्ड रचना है !

        देवदूत ने नजदीक जाकर ...
    स्त्री को हाथ लगाया , और कहा ~
   भगवान .. यह तो बहुत सोफ्ट है !

भगवान ~ हाँ ... यह बहुत ही सोफ्ट है ,
    मगर ... इसे बहुत strong बनाया है !

 👉 इसमें हर परिस्थिती को संभालने की
        ताकत है !

             देवदूत ने पूछा ~
          क्या यह सोच भी सकती है ?

   भगवान ने कहा ~
👉 यह सोच भी सकती है , और मजबूत
        होकर मुकाबला भी कर सकती है !

         देवदूत ने नजदीक जाकर ...
   स्त्री के गालों को हाथ लगाया , और
     बोला ~ भगवान ये तो गीले हैं !
   लगता है इसमें से लिकेज हो रहा है !

     भगवान बोले यह लीकेज नहीं है !
                         यह इसके आँसू हैं !

    देवदूत ~ आँसू किस लिए ?

             भगवान बोले ~
          यह भी इसकी ताकत हैं !
      आँसू .. इसको फरियाद करने ,
       प्यार जताने एवं अपना अकेलापन
               दूर करने का तरीका है !

            देवदूत ~ भगवन् !
       आपकी रचना अदभुत है !
    आपने सब सोच-समझ कर बनाया है !
               आप महान हैं !

भगवान बोले ~
        यह स्त्री रूपी रचना अदभुत है !
         यही हर पुरुष की ताकत है , जो
              उसे प्रोत्साहित करती है !
सभी को खुश देखकर ये भी खुश रहती है !
      हर परिस्थिति में हंसती रहती है !

               उसे जो चाहिए ...
         वह लड़ कर भी ले सकती है !
       उसके प्यार में कोइ शर्त नहीं है !

       उसका दिल टूट जाता है , जब ...
       अपने ही उसे धोखा देते हैं !
        मगर .. हर परिस्थिती से ...
      समझौता करना भी जानती है !

      देवदूत ~ भगवन् !
             आपकी रचना संपूर्ण है !

           भगवान बोले ~ ना ...
           अभी इसमें एक त्रुटि है !
      यह अपनी  'महत्वत्ता'  भूल जाती है !

~ सभी आदरणीय स्त्रियों को समर्पित...

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