Friday, November 20, 2015

❓||||||||| प्रश्नोत्तर |||||||||

Qus→ जीवन का उद्देश्य क्या है ?
Ans→ जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है - जो जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है। उसे जानना ही मोक्ष है..!!
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Qus→ जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त कौन है ?
Ans→ जिसने स्वयं को, उस आत्मा को जान लिया - वह जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है..!!
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Qus→संसार में दुःख क्यों है ?
Ans→लालच, स्वार्थ और भय ही संसार के दुःख का मुख्य कारण हैं..!!
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Qus→ ईश्वर ने दुःख की रचना क्यों की ?
Ans→ ईश्वर ने संसार की रचना की और मनुष्य ने अपने विचार और कर्मों से दुःख और सुख की रचना की..!!
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Qus→ क्या ईश्वर है ? कौन है वे ? क्या रुप है उनका ? क्या वह स्त्री है या पुरुष ?
Ans→ कारण के बिना कार्य नहीं। यह संसार उस कारण के अस्तित्व का प्रमाण है। तुम हो, इसलिए वे भी है - उस महान कारण को ही आध्यात्म में 'ईश्वर' कहा गया है। वह न स्त्री है और ना ही पुरुष..!! वह ज्योति है
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Qus→ भाग्य क्या है ?
Ans→हर क्रिया, हर कार्य का एक परिणाम है। परिणाम अच्छा भी हो सकता है, बुरा भी हो सकता है। यह परिणाम ही भाग्य है तथा आज का प्रयत्न ही कल का भाग्य है..!!
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Qus→ इस जगत में सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है ?
Ans→ रोज़ हजारों-लाखों लोग मरते हैं और उसे सभी देखते भी हैं, फिर भी सभी को अनंत-काल तक जीते रहने की इच्छा होती है..
इससे बड़ा आश्चर्य ओर क्या हो सकता है..!!
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Qus→किस चीज को गंवाकर मनुष्य
धनी बनता है ?
Ans→ लोभ..!!
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Qus→ कौन सा एकमात्र उपाय है जिससे जीवन सुखी हो जाता है?
Ans → अच्छा स्वभाव ही सुखी होने का उपाय है..!!
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Qus → किस चीज़ के खो जाने
पर दुःख नहीं होता ?
Ans → क्रोध..!!
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Qus→ धर्म से बढ़कर संसार में और क्या है ?
Ans → दया..!!
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Qus→क्या चीज़ दुसरो को नहीं देनी चाहिए ?
Ans→ तकलीफें, धोखा..!!
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Qus→ क्या चीज़ है, जो दूसरों से कभी भी नहीं लेनी चाहिए ?
Ans→ किसी की हाय..!!
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Qus→ ऐसी चीज़ जो जीवों से सब कुछ करवा सकती है ?
Ans→मज़बूरी..!!
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Qus→ दुनियां की अपराजित चीज़ ?
Ans→ सत्य..!!
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Qus→ दुनियां में सबसे ज़्यादा बिकने वाली चीज़ ?
Ans→ झूठ..!!
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Qus→ करने लायक सुकून का
कार्य ?
Ans→ परोपकार..!!
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Qus→ दुनियां की सबसे बुरी लत ?
Ans→ मोह..!!
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Qus→ दुनियां का स्वर्णिम स्वप्न ?
Ans→ जिंदगी..!!
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Qus→ दुनियां की अपरिवर्तनशील चीज़ ?
Ans→ मौत..!!
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Qus→ ऐसी चीज़ जो स्वयं के भी समझ ना आये ?
Ans→ अपनी मूर्खता..!!
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Qus→ दुनियां में कभी भी नष्ट/ नश्वर न होने वाली चीज़ ?
Ans→ आत्मा और ज्ञान..!!
📒
Qus→ कभी न थमने वाली चीज़ ?
Ans→ समय


Thursday, November 19, 2015

रावण जब रणभूमि में मृत्युशय्या पर अंतिम सांसे ले रहा था तब उसने श्री राम से कहा-

🏆'राम मैं तुमसे हर बात में श्रेष्ठ हूँ।
🏆जाति मेरी ब्राह्मण हैं, जो तुमसे श्रेष्ठ है।
🏆आयु में भी तुमसे बड़ा हूँ,
🏆मेरा कुटुम्ब तुम्हारे कुटुम्ब से बड़ा है।
🏆मेरा वैभव तुमसे अघिक हैं,
🏆तुम्हारा महल स्वर्णजड़ित है परन्तु मेरी पूरी लंका ही स्वर्ण नगरी है,
🏆मैं बल और पराक्रम में भी तुमसे श्रेष्ठ हूँ,
🏆मेरा राज्य तुम्हारे राज्य से बड़ा है,
🏆ज्ञान और तपस्या में तुमसे श्रेष्ठ हूँ।
🏆इतनी श्रेष्ठताओं के होने पर भी रणभूमि में मैं तुमसे परास्त हो गया।


👉👉सिर्फ इसलिये कि
तुम्हारा भाई तुम्हारे साथ है,
और
मेरा भाई विभीषण..............????

🙏बिना भाई के साथ के जब रावण हार सकता है तो हम किस घमंड में है ..?
सदा साथ रहिये सदा विजय रहिये ......
💐💐💐💐💐💐

आहिस्ता चल जिंदगी,अभी
कई कर्ज चुकाना बाकी है
कुछ दर्द मिटाना बाकी है
कुछ फर्ज निभाना बाकी है
                   रफ़्तार में तेरे चलने से
                   कुछ रूठ गए कुछ छूट गए
                   रूठों को मनाना बाकी है
                   रोतों को हँसाना बाकी है
कुछ रिश्ते बनकर ,टूट गए
कुछ जुड़ते -जुड़ते छूट गए
उन टूटे -छूटे रिश्तों के
जख्मों को मिटाना बाकी है
                    कुछ हसरतें अभी अधूरी हैं
                    कुछ काम भी और जरूरी हैं
                    जीवन की उलझ पहेली को
                    पूरा सुलझाना बाकी है
जब साँसों को थम जाना है
फिर क्या खोना ,क्या पाना है
पर मन के जिद्दी बच्चे को
यह बात बताना बाकी है
                     आहिस्ता चल जिंदगी ,अभी
                     कई कर्ज चुकाना बाकी है
                     कुछ दर्द मिटाना बाकी है  
                     कुछ फर्ज निभाना बाकी ह


उस दिन अनोखी विदाई देखी

पिता हर पिता की तरह ही थे
दामाद के दोनों हाथ थामे
भीगे स्वर में अनुरोध कर रहे
नाज़ों से पली बेटी है मेरी
सदा खुश रखना इसे....

उस एक क्षण जाने क्या बीता कि
सजल नैनों से बेटी ने पिता को देखा
उनके पसीजे हाथ अपने हाथों में लेकर बोली
मेरी खुशियाँ इतनी असहाय नहीं है पापा
कि उनके लिए आपको यूँ याचना करना पड़े..

मैं खुश रहूगी पापा
कि मेरी ख़ुशी की जिम्मेदारी मेरी है
किसी की अनुकम्पा पर आश्रित नहीं हैं वे
अपनी खिलखिलाहटों पर स्वामित्व मैं स्वयं करुगी...

प्रतीक्षारत नहीं हैं मेरी खुशियाँ
कि कोई आये और झोली में डाले..

सक्षम हूँ मैं
स्वयं समेट लूगी..

और हाँ अभिनय नहीं करुगी खुश रहने का
बगैर समझौते चुनूगी खुशियाँ
ये वादा है एक बेटी का...

गदगद हो गये पिता
अभिमान से आंखे झिलमिला उठी
बस इतना ही कह पाये
अनंत खुशियाँ बटोर
और उतनी ही बिखेर...

Wednesday, November 18, 2015

एक सेठ जी थे -
जिनके पास काफी दौलत थी.
सेठ जी ने अपनी बेटी की शादी एक बड़े घर में की थी.
परन्तु बेटी के भाग्य में सुख न होने के कारण उसका पति जुआरी, शराबी निकल गया.
जिससे सब धन समाप्त हो गया.
बेटी की यह हालत देखकर सेठानी जी रोज सेठ जी से कहती कि आप दुनिया की मदद करते हो,
मगर अपनी बेटी परेशानी में होते हुए उसकी मदद क्यों नहीं करते हो?
सेठ जी कहते कि
"जब उनका भाग्य उदय होगा तो अपने आप सब मदद करने को तैयार हो जायेंगे..."
एक दिन सेठ जी घर से बाहर गये थे कि, तभी उनका दामाद घर आ गया.
सास ने दामाद का आदर-सत्कार किया और बेटी की मदद करने का विचार उसके मन में आया कि क्यों न मोतीचूर के लड्डूओं में अर्शफिया रख दी जाये...
यह सोचकर सास ने लड्डूओ के बीच में अर्शफिया दबा कर रख दी और दामाद को टीका लगा कर विदा करते समय पांच किलों शुद्ध देशी घी के लड्डू, जिनमे अर्शफिया थी, दिये...
दामाद लड्डू लेकर घर से चला,
दामाद ने सोचा कि इतना वजन कौन लेकर जाये क्यों न यहीं मिठाई की दुकान पर बेच दिये जायें और दामाद ने वह लड्डुयों का पैकेट मिठाई वाले को बेच दिया और पैसे जेब में डालकर चला गया.
उधर सेठ जी बाहर से आये तो उन्होंने सोचा घर के लिये मिठाई की दुकान से मोतीचूर के लड्डू लेता चलू और सेठ जी ने दुकानदार से लड्डू मांगे...मिठाई वाले ने वही लड्डू का पैकेट सेठ जी को वापिस बेच दिया.
सेठ जी लड्डू लेकर घर आये.. सेठानी ने जब लड्डूओ का वही पैकेट देखा तो सेठानी ने लड्डू फोडकर देखे, अर्शफिया देख कर अपना माथा पीट लिया.
सेठानी ने सेठ जी को दामाद के आने से लेकर जाने तक और लड्डुओं में अर्शफिया छिपाने की बात कह डाली...
सेठ जी बोले कि भाग्यवान मैंनें पहले ही समझाया था कि अभी उनका भाग्य नहीं जागा...
देखा मोहरें ना तो दामाद के भाग्य में थी और न ही मिठाई वाले के भाग्य में...
इसलिये कहते हैं कि भाग्य से
ज्यादा
और...
समय
से पहले न किसी को कुछ मिला है और न मीलेगा!
ईसी लिये ईशवर जितना दे उसी मै संतोष करो
अगर पसंद आए तो बिना कहे शेयर करेँ दें

"श्रीराधा " जन्म कथा
……
धार्मिक कथाओं के अनुसार, आज से पांच
हजार दो सौ वर्ष पूर्व मथुरा जिले के
गोकुल-महावन कस्ब
े के निकट "रावल गांव"
में वृषभानु एवं कीर्तिदा की पुत्री के रूप में
राधा रानी ने जन्म लिया था।
राधा रानी के जन्म के संबंध में यह
कहा जाता है कि राधा जी माता के पेट से
पैदा नहीं हुई थी उनकी माता ने अपने गंर्भ
में "वायु" को धारण कर रखा था उसने योग
माया कि प्रेरणा से वायु को ही जन्म
दिया.परन्तु वहाँ स्वेच्छा से
श्री राधा प्रकट हो गई.
श्री राधा रानी जी कलिंदजाकूलवर्ती
निकुंज प्रदेश के एक सुन्दर मंदिर में
अवतीर्ण हुई उस समय भाद्र पद
का महीना था, शुक्ल पक्ष
की अष्टमी तिथि,अनुराधा नक्षत्र,
मध्यान्ह काल १२ बजे और सोमवार
का दिन था. उस समय राधा जी के जन्म पर
नदियों का जल पवित्र हो गया सम्पूर्ण
दिशाए प्रसन्न निर्मल हो उठी.वृषभानु
और कीर्तिदा ने पुत्री के कल्याण
की कामना से आनंददायिनी दो लाख उत्तम
गौए ब्राह्मणों कको दान में दी.
ऐसा भी कहा जाता है कि एक दिन जब
वृषभानु जी जब एक सरोवर के पास से गुजर
रहे थे, तब उन्हें एक बालिका "कमल के फूल"
पर तैरती हुई मिली, जिसे उन्होंने पुत्री के
रूप में अपना लिया। राधा रानी जी आयु में
श्रीकृष्ण से ग्यारह माह बडी थीं.
लेकिन श्री वृषभानु जी और
कीर्ति देवी को ये बात जल्द ही पता चल
गई कि श्री किशोरी जी ने अपने प्राकट्य
से ही अपनी आँखे नहीं खोली है. इस बात से
उन्हें बड़ा दुःख हुआ कुछ समय पश्चात जब
नन्द महाराज कि पत्नी यशोदा जी गोकुल
से अपने लाडले के साथ वृषभानु जी के घर
आती है जतब वृषभानु जी और
कीर्ति जी उनका स्वागत करती है
यशोदा जी कान्हा को गोद में लिए
राधा जी के पास आती है. और जैसे
ही श्री कृष्ण और राधा आमने-सामने आते है .
तब राधा जी पहली बार अपनी आँखे
खोलती है. अपने प्राण प्रिय श्री कृष्ण
को देखने के लिए ,वे एक टक कृष्ण
जी को देखती है, अपनी प्राण प्रिय
को अपने सामने एक सुन्दर-सी बालिका के
रूप में देखकर कृष्ण जी स्वयं बहुत आनंदित
होते है.
जिनके दर्शन बड़े बड़े देवताओ के लिए
भी दुर्लभ है तत्वज्ञ मनुष्य
सैकड़ो जन्मो तक तप करने पर
भी जिनकी झाँकी नहीं पाते, वे
ही श्री राधिका जी जब वृषभानु के
यहाँ साकार रूप से प्रकट हुई. और गोप
ललनाएँ जब उनका पालन करने लगी. स्वर्ण
जडित और सुन्दर रत्नों से रचित
चंदनचर्चित पालने में
सखीजनो द्वारा नित्य झुलाई जाती हुई
श्री राधा प्रतिदिन शुक्ल पक्ष के
चंद्रमा की कला की भांति बढ़ने लगी.
श्री राधा क्या है - रास की रंग
स्थली को प्रकाशित करने
वाली चन्द्रिका ,वृषभानु मंदिर
की दीपावली गोलोक चूड़ामणि श्री कृष्ण
की हारावली है. हमारा उन परम
शक्ति को सत्-सत् नमन है.
।।🙏

   💕"जय जय श्री राधे"💕


फूलवाला: "साहब अपनी गर्लफ्रेंड के
लिए फूल
ले लो..
.
.
लड़का: "मेरी गर्लफ्रेंड नहीं है..
.
.
फूलवाला: "तो मंगेतर के लिए ले लो...
लड़का : "मेरी मंगेतर नहीं है..
.
.
फूलवाला: "तो बीवी के लिए ले लो..
.
.
लड़का: "मेरी बीवी नहीं है...
.
.
.
फूलवाला: "ए दुनिया के खुशनसीब
इंसान
मेरी तरफ से फूल फ्री में ले लो.."😉😋😜😃👌👌👌👍✌👈

Tuesday, November 17, 2015

टीचर और स्‍टूडेंट

टीचर : होम वर्क क्यों नहीं किया ..?
स्टूडेंट : सर, लाइट नहीं थी .

टीचर : तो मोमबत्ती जला लेते .
स्टूडेंट : सर, माचिस नहीं थी .

टीचर : माचिस क्यों नहीं थी ?
स्टूडेंट : पूजा घर में राखी हुई थी .

टीचर : तो वहां से ले आते ...
स्टूडेंट : नहाया हुआ नहीं था

टीचर : नहाया हुआ क्यों नहीं था .?
स्टूडेंट : पानी नहीं था सर .

टीचर : पानी क्यों नहीं था ..?
स्टूडेंट : सर मोटर नहीं चल रहा था .

टीचर : मोटर क्यों नहीं चल रहा था ..??
स्टूडेंट : उल्लू के पट्ठे बताया तो था लाइट नहीं थी ....!!.


एक क्लास में एक शिक्षिका ने बच्चों का हौंसला बढाने के लिए एक नुस्खा निकाला।

शिक्षिका: जिन बच्चों ने एक पाठ याद किया है वो मेरे हाथ पर किस करें।
यह सुन कर कुछ बच्चे शिक्षिका के हाथ पर किस करते हैं।

शिक्षिका: जिन बच्चों ने 2 पाठ याद किये हैं, वो मेरे दोनों गालों पर किस करें।
यह सुन कर कुछ बच्चे शिक्षिका के दोनों गालों पर किस करते हैं।

तभी पप्पू बोलता है, “मैडम बिस्तर बिछा लो।”

शिक्षिका: क्यों?

पप्पू: क्योंकि मुझे पूरी किताब याद है।.

एक दिन पंडित को प्यास लगी, संयोगवश घर में पानी नही था इसलिए उसकी पत्नी पडोस से पानी ले आई I पानी पीकर पंडित ने पूछा....

पंडित - कहाँ से लायी हो बहुत ठंडा पानी है I

पत्नी - पडोस के कुम्हार के घर से I (पंडित ने यह सुनकर लोटा फैंक दिया और उसके तेवर चढ़ गए वह जोर जोर से चीखने लगा )

पंडित - अरी तूने तो मेरा धर्म भ्रष्ट कर दिया, कुंभार ( शुद्र ) के घर का पानी पिला दिया। पत्नी भय से थर-थर कांपने लगी, उसने पण्डित से माफ़ी मांग ली I
पत्नी - अब ऐसी भूल नही होगी। शाम को पण्डित जब खाना खाने बैठा तो घरमे खानेके लिए
कुछ नहीं था.

पंडित - रोटी नहीं बनाई. भाजी
नहीं बनाई.

पत्नी - बनायी तो थी लेकिन अनाज पैदा करनेवाला कुणबी(शुद्र) था.
    और जिस कढ़ाई में बनाया था वो लोहार (शुद्र) के घर से आई थी। सब फेक दिया.

पण्डित - तू पगली है क्या कही अनाज और कढ़ाई में भी छुत होती है? यह कह कर पण्डित बोला की पानी तो ले आओ I

पत्नी - पानी तो नही है जीI

पण्डित - घड़े कहाँ गए हैI

पत्नी - वो तो मेने फैंक दिए क्योंकि कुम्हार के हाथ से बने थेI पंडित बोला दूध ही ले आओ वही पीलूँगा I
पत्नी - दूध भी फैंक दिया जी क्योंकि गाय को जिस नौकर ने दुहा था वो तो नीची (शुद्र) जाति से था न I

पंडित- हद कर दी तूने तो यह भी नही जानती की दूध में छूत नही लगती है I

पत्नी-यह कैसी छूत है जी जो पानी में तो लगती है, परन्तु दूध में नही लगती। पंडित के मन में आया कि दीवार से सर फोड़ ले। गुर्रा कर बोला - तूने मुझे चौपट कर दिया है जा अब आंगन में खाट डाल दे मुझे अब नींद आ रही है I

 पत्नी- खाट! उसे तो मैने तोड़ कर फैंक दिया है क्योंकि उसे शुद्र (सुतार ) जात वाले ने बनाया था.

पंडित चीखा - ओ फुलो का हार लाओ भगवन को चढ़ाऊंगा ताकि तेरी अक्ल ठिकाने आये.

पत्नी- फेक दिया उसे माली(शुद्र)
जाती ने बनाया था.
पंडित चीखा- सब में आग लगा दो, घर में कुछ बचा भी हैं या नहीं.
पत्नी - हाँ यह घर बचा है, इसे अभी तोडना बाकी है क्योंकि इसे भी तो पिछड़ी जाति के मजदूरों ने बनाया है I पंडित के पास कोई जबाब नही था .उसकी अक्ल तो ठिकाने आयी

मच्छर मारने का सबसे आसान तरीका!
चीनी और लाल मिर्च का मिश्रण बना कर मच्छर को दें।
मिश्रण खाते ही वो पानी की तलाश में निकलेगा।
जैसे ही वो पानी के टैंक के पास जाए, उसे धक्का दे दो।
वो भीग जाएगा और खुद को सुखाने के लिए
आग के पास जाएगा।
उसी वक्त आप आग में बम फ़ेंक दें। वो बुरी तरह ज़ख़्मी हो के अस्पताल में दाखिल हो जाएगा।
आप वहां जाकर उसका आक्सीजन मास्क उतार दें।
मच्छर मर जाएगा...
.
.
.
.
धन्यवाद की ज़रूरत नहीं है,

मुझे आप की सहायता करके ख़ुशी हुई

बचपन से ही होशियार हु लेकिन कभी घमंड नही किया

Monday, November 16, 2015


एक फकीर बहुत दिनों तक बादशाह के साथ रहा बादशाह का बहुत प्रेम उस फकीर पर हो गया।
प्रेम भी इतना कि बादशाह रात को भी उसे अपने कमरे में सुलाता।
कोई भी काम होता, दोनों साथ-साथ ही करते।
एक दिन दोनों शिकार खेलने गए और रास्ता भटक गए।
भूखे-प्यासे एक पेड़ के नीचे पहुंचे।
पेड़ पर एक ही फल लगा था।
बादशाह ने घोड़े पर चढ़कर फल को अपने हाथ से तोड़ा।
बादशाह ने फल के छह टुकड़े किए और अपनी आदत के मुताबिक पहला टुकड़ा फकीर को दिया।
फकीर ने टुकड़ा खाया और बोला, 'बहुत स्वादिष्ट ऎसा फल कभी नहीं खाया।
एक टुकड़ा और दे दें।
दूसरा टुकड़ा भी फकीर को मिल गया।
फकीर ने एक टुकड़ा और बादशाह से मांग लिया।
इसी तरह फकीर ने पांच टुकड़े मांग कर खा लिए।
जब फकीर ने आखिरी टुकड़ा मांगा, तो बादशाह ने कहा, 'यह सीमा से बाहर है।
आखिर मैं भी तो भूखा हूं।
मेरा तुम पर प्रेम है, पर तुम मुझसे प्रेम नहीं करते।'.
और सम्राट ने फल का टुकड़ा मुंह में रख लिया।
मुंह में रखते ही राजा ने उसे थूक दिया, क्योंकि वह कड़वा था।
राजा बोला, 'तुम पागल तो नहीं, इतना कड़वा फल कैसे खा गए?'
उस फकीर का उत्तर था,
'जिन हाथों से बहुत मीठे फल खाने को मिले, एक कड़वे फल की शिकायत कैसे करूं?
सब टुकड़े इसलिए लेता गया ताकि आपको पता न चले।
दोस्तों जँहा मित्रता हो वँहा संदेह न हो ।

😃😃
स्वामी विवेकानंद के इस संवाद को ध्यान से पढ़ें और दूसरों को भी भेजें।

🙏


मुशीं फैज अली ने स्वामी विवेकानन्द से पूछा :
"स्वामी जी हमें बताया गया है कि अल्लहा एक ही है।
यदि वह एक ही है, तो फिर संसार उसी ने बनाया होगा ?

"स्वामी जी बोले, "सत्य है।".

मुशी जी बोले ,"तो फिर इतने प्रकार के मनुष्य क्यों बनाये।
जैसे कि हिन्दु, मुसलमान, सिख्ख, ईसाइ और सभी को अलग-अलग धार्मिक ग्रंथ भी दिये।
एक ही जैसे इंसान बनाने में उसे यानि की अल्लाह को क्या एतराज था।
सब एक होते तो न कोई लङाई और न कोई झगङा होता।

".स्वामी हँसते हुए बोले, "मुंशी जी वो सृष्टी कैसी होती जिसमें एक ही प्रकार के फूल होते।

केवल गुलाब होता, कमल या रंजनिगंधा या गेंदा जैसे फूल न होते!".

फैज अली ने कहा सच कहा आपने
यदि
एक ही दाल होती
तो
खाने का स्वाद भी
एक ही होता।

दुनिया तो
बङी फीकी सी हो जाती!

स्वामी जी ने कहा, मुंशीजी! इसीलिये तो ऊपर वाले ने अनेक प्रकार के जीव-जंतु और इंसान बनाए
ताकि हम
पिंजरे का भेद भूलकर
जीव की एकता को पहचाने।

मुशी जी ने पूछा,
इतने मजहब क्यों ?

स्वामी जी ने कहा, " मजहब तो मनुष्य ने बनाए हैं,
प्रभु ने तो केवल धर्म बनाया है।

"मुशी जी ने कहा कि, " ऐसा क्यों है कि
एक मजहब में कहा गया है कि गाय और सुअर खाओ
और
 दूसरे में कहा गया है कि
गाय मत खाओ, सुअर खाओ एवं तीसरे में कहा गया कि
 गाय खाओ सुअर न खाओ;

इतना ही नही कुछ लोग तो ये भी कहते हैं कि मना करने पर जो इसे खाये उसे अपना दुश्मन समझो।"

स्वामी जी जोर से हँसते हुए मुंशी जी से पूछे कि ,"क्या ये सब प्रभु ने कहा है ?"

मुंशी जी बोले नही,"मजहबी लोग यही कहते हैं।"

स्वामी जी बोले,
 "मित्र!
किसी भी देश या प्रदेश का भोजन
वहाँ की जलवायु की देन है।

सागरतट पर बसने वाला व्यक्ति वहाँ खेती नही कर सकता,
 वह
सागर से पकङ कर
मछलियां ही खायेगा।

उपजाऊ भूमि के प्रदेश में
खेती हो सकती है।
वहाँ
अन्न फल एवं शाक-भाजी उगाई जा सकती है।

उन्हे अपनी खेती के लिए गाय और बैल बहुत उपयोगी लगे।

उन्होने
गाय को अपनी माता माना, धरती को अपनी माता माना और नदी को माता माना ।
क्योंकि
ये सब
उनका पालन पोषण
 माता के समान ही करती हैं।"

"अब जहाँ मरुभूमि है वहाँ खेती कैसे होगी?

खेती नही होगी तो वे
गाय और बैल का क्या करेंगे?

अन्न है नही
तो खाद्य के रूप में
पशु को ही खायेंगे।

तिब्बत में कोई शाकाहारी कैसे हो सकता है?
वही स्थिति अरब देशों में है। जापान में भी इतनी भूमि नही है कि कृषि पर निर्भर रह सकें।

"स्वामी जी फैज अलि की तरफ मुखातिब होते हुए बोले,
 " हिन्दु कहते हैं कि
मंदिर में जाने से पहले या
पूजा करने से पहले
स्नान करो।

मुसलमान नमाज पढने से पहले वाजु करते हैं।
क्या अल्लहा ने कहा है कि नहाओ मत,
 केवल लोटे भर पानी से
हांथ-मुँह धो लो?

"फैज अलि बोला,
क्या पता कहा ही होगा!

स्वामी जी ने आगे कहा,
नहीं,
 अल्लहा ने नही कहा!

अरब देश में इतना पानी कहाँ है कि वहाँ पाँच समय नहाया जाए।
जहाँ पीने के लिए पानी बङी मुश्किल से मिलता हो वहाँ कोई पाँच समय कैसे नहा सकता है।

यह तो
भारत में ही संभव है,
जहाँ नदियां बहती हैं,
झरने बहते हैं, कुएँ जल देते हैं।

तिब्बत में
यदि
पानी हो
तो वहाँ पाँच बार व्यक्ति यदि नहाता है तो ठंड के कारण ही मर जायेगा।
यह सब
प्रकृति ने
सबको समझाने के लिये किया है।


"स्वामी विवेका नंद जी ने आगे समझाते हुए कहा कि," मनुष्य की मृत्यु होती है।

उसके शव का अंतिम संस्कार करना होता है।

अरब देशों में वृक्ष नही होते थे, केवल रेत थी।
 अतः
वहाँ मृतिका समाधी का प्रचलन हुआ,
जिसे आप दफनाना कहते हैं।

भारत में वृक्ष बहुत बङी संख्या में थे,
लकडी.पर्याप्त उपलब्ध थी
 अतः
भारत में
अग्नि संस्कार का प्रचलन हुआ।

जिस देश में जो सुविधा थी
वहाँ उसी का प्रचलन बढा।

वहाँ जो मजहब पनपा
उसने उसे अपने दर्शन से जोङ लिया।

"फैज अलि विस्मित होते हुए बोला!
"स्वामी जी इसका मतलब है कि हमें
शव का अंतिम संस्कार
प्रदेश और देश के अनुसार करना चाहिये।
 मजहब के अनुसार नही।

"स्वामी जी बोले , "हाँ! यही उचित है।

" किन्तु अब लोगों ने उसके साथ धर्म को जोङ दिया।

 मुसलमान ये मानता है कि उसका ये शरीर कयामत के दिन उठेगा इसलिए वह शरीर को जलाकर समाप्त नही करना चाहता।

हिन्दु मानता है कि उसकी आत्मा फिर से नया शरीर धारण करेगी
इसलिए
उसे मृत शरीर से
एक क्षंण भी मोह नही होता।

"फैज अलि ने पूछा
कि,
"एक मुसलमान के शव को जलाया जाए और एक हिन्दु के शव को दफनाया जाए
तो क्या
प्रभु नाराज नही होंगे?

"स्वामी जी ने कहा," प्रकृति के नियम ही प्रभु का आदेश हैं।
वैसे
 प्रभु कभी रुष्ट नही होते
वे प्रेमसागर हैं,
करुणा सागर है।

"फैज अलि ने पूछा
तो हमें
उनसे डरना नही चाहिए?

स्वामी जी बोले, "नही!
हमें तो
ईश्वर से प्रेम करना चाहिए
वो तो पिता समान है,
दया का सागर है
फिर उससे भय कैसा।

डरते तो उससे हैं हम
जिससे हम प्यार नही करते।

"फैज अलि ने हाँथ जोङकर स्वामी विवेकानंद जी से पूछा, "तो फिर
मजहबों के कठघरों से
मुक्त कैसे हुआ जा सकता है?

"स्वामी जी ने फैज अलि की तरफ देखते हुए
मुस्कराकर कहा,
"क्या तुम सचमुच
कठघरों से मुक्त होना चाहते हो?"

फैज अलि ने स्वीकार करने की स्थिति में
अपना सर हिला दिया।

स्वामी जी ने आगे समझाते हुए कहा,
"फल की दुकान पर जाओ,
तुम देखोगे
वहाँ
आम, नारियल, केले, संतरे,अंगूर आदि अनेक फल बिकते हैं; किंतु वो दुकान तो फल की दुकान ही कहलाती है।

वहाँ अलग-अलग नाम से फल ही रखे होते हैं।

" फैज अलि ने
हाँ में सर हिला दिया।

स्वामी विवेकानंद जी ने आगे कहा कि ,"अंश से अंशी की ओर चलो।
तुम पाओगे कि सब
उसी प्रभु के रूप हैं।

"फैज अलि
अविरल आश्चर्य से
स्वामी विवेकानंद जी को
देखते रहे और बोले
"स्वामी जी
मनुष्य
ये सब क्यों नही समझता?

"स्वामी विवेकानंद जी ने शांत स्वर में कहा, मित्र! प्रभु की माया को कोई नही समझता।
मेरा मानना तो यही है कि, "सभी धर्मों का गंतव्य स्थान एक है।
जिस प्रकार विभिन्न मार्गो से बहती हुई नदियां समुंद्र में जाकर गिरती हैं,
उसी प्रकार
सब मतमतान्तर परमात्मा की ओर ले जाते हैं।
मानव धर्म एक है, मानव जाति एक है।"...

🙏💐🙏💐🙏💐🙏💐🙏
इसे
डिलीट न करें
पढ़ें
और अच्छे लोगों को पोस्ट करें।

मॉडर्न कविता...

उठो लाल अब आँखे खोलो
मोबाईल ऑन कर नेट टटोलो..
चलो देख लो वाट्सएप पहले
ज्ञान जोक्स पर रोले हंस ले।
फेसबुक की है दूसरी बारी
जहाँ दिखेगी दुनिया सारी
देखो किसने क्या है डाला
किसने कितना किया घोटाला
कौन आज दुनिया में आया
किसने किससे केक कटाया
ट्विटर की तो बात निराली
चार शब्द् में गाथा गा ली।
उठो तुम भी कुछ लिख लिख बोलो
उठो लाल अब आँखे खोलो
मोबाईल ऑन कर नेट टटोलो..!!
😃😎😂

बहू ने सास को दिया मोबाइल,

📱📱

आखिर क्यों हुई मेहरबान..

🔶♦️💢♻️

नए जमाने की बहू ने
सास को उनके जन्मदिन पर गिफ्ट में मोबाइल लाकर दिया 📲

और वो भी सैमसंग स्मार्ट फ़ोन

📼📲📱

बहु ने अपने सारे काम काज छोडक़र

सास की सहेलियों और सारे परिचितों के नंबर सेव कर दिये ।

सोने पे सुहागा

फिर उसमें व्हाट्सएप्प भी डाउनलोड कर दिया ।

🎹🎤

भजन और गाने भी लोड कर दिये

🎵🎶🎼🎧🎤


अब सुनिये इस मेहनत का
फायदा जो हुआ:

💃💃💃💃💃🚣💃💃

अब सासु मां का ध्यान घर
में कम
मोबाइल पर ज्यादा रहता है

अब वो बेटा बहू की बातें सुनने
की जगह,
मोबाइल की घंटी पर कन्सनट्रेट करती हैं..

अपने बोलने की सारी एनर्जी
मोबाइल पर गंवा देती हैं ।

व्हाट्सएप्प नें तो उसकी सारी ताक़त अपने पास खींच ली है ।

और बहू क्या कर रही है
ये तक भुला देती हैं..

इधर-उधर बातें करने में घंटो
बिता देती है,

फिर दिन भर सासू माँ और उनका व्हाट्सएप्प
उसी में लीन हो जाती है ।
पढ़ती है मुस्कुराती है ।

रात को भजन और गानें

💏👨‍❤️‍💋‍👨👏

इधर बहू किचन में

मनचाहा बनाकर कब खा लेती
है
सासु मां अब इस बात पर
ध्यान कम देती है..

इससे पहले वो दिन रात
बहू-बहू चिल्लाती थी,

बहू की जमकर
परेड हो जाती थी।

कभी चाय,
कभी हलवा
कभी दूध
कभी पानी

अब खत्म हुई
बहू की सारी परेशानी।

सास के हाथ में बहू ने
जबसे ये फुलतरु थमाया है,

बहू ने गजब का चैन पाया है।

आजकल सास मोबाइल के
साथ स्टाइल मारती है

और

बहू को करमजली कहने
वाली
अब बेटा-बेटा कहकर
पुकारती है..!!

😁😎😔😚

साइड इफेक्ट जो हुआ:

बस उनका मोबाइल
रीचार्ज जल्दी-जल्दी
करवाना पड़ता है

और
फोन डिस्चार्ज हो जाए,
तो चार्जिंग पर लगाना होता है।

किसी का फोन आए,
तो बताना होता है

कि सासु मां आपका फोन है।

लेकिन कुछ पाने के लिए कुछ
खोना तो पड़ता है..

वो कहते हैं न :-

अगर इससे प्यार बढ़ता है,
तो ये दाग अच्छे हैं..!!

इसलिए सास से परेशान
बहुओं

आइए ये टिप्स अपनाइए..
ओर अजमाईये

अपनी
-अपनी सासों को मोबाइल
गिफ्ट दीजिए
और सास की रोज़ रोज़ की
चकर-चकर से मुक्ति लीजिए

        ~ रिजल्ट ~

 बहू खुश
सास भी ख़ुश
इससे ज़्यादा और क्या ?????

       😜😄😄😃😃😜

तो दीजिये अपनी _अपनी

              महारानीयों

              को सलाह ..

     👍 Best Of Luck 👍




बहू ने सास को दिया मोबाइल,

📱📱

आखिर क्यों हुई मेहरबान..

🔶♦️💢♻️

नए जमाने की बहू ने
सास को उनके जन्मदिन पर गिफ्ट में मोबाइल लाकर दिया 📲

और वो भी सैमसंग स्मार्ट फ़ोन

📼📲📱

बहु ने अपने सारे काम काज छोडक़र

सास की सहेलियों और सारे परिचितों के नंबर सेव कर दिये ।

सोने पे सुहागा

फिर उसमें व्हाट्सएप्प भी डाउनलोड कर दिया ।

🎹🎤

भजन और गाने भी लोड कर दिये

🎵🎶🎼🎧🎤


अब सुनिये इस मेहनत का
फायदा जो हुआ:

💃💃💃💃💃🚣💃💃

अब सासु मां का ध्यान घर
में कम
मोबाइल पर ज्यादा रहता है

अब वो बेटा बहू की बातें सुनने
की जगह,
मोबाइल की घंटी पर कन्सनट्रेट करती हैं..

अपने बोलने की सारी एनर्जी
मोबाइल पर गंवा देती हैं ।

व्हाट्सएप्प नें तो उसकी सारी ताक़त अपने पास खींच ली है ।

और बहू क्या कर रही है
ये तक भुला देती हैं..

इधर-उधर बातें करने में घंटो
बिता देती है,

फिर दिन भर सासू माँ और उनका व्हाट्सएप्प
उसी में लीन हो जाती है ।
पढ़ती है मुस्कुराती है ।

रात को भजन और गानें

💏👨‍❤️‍💋‍👨👏

इधर बहू किचन में

मनचाहा बनाकर कब खा लेती
है
सासु मां अब इस बात पर
ध्यान कम देती है..

इससे पहले वो दिन रात
बहू-बहू चिल्लाती थी,

बहू की जमकर
परेड हो जाती थी।

कभी चाय,
कभी हलवा
कभी दूध
कभी पानी

अब खत्म हुई
बहू की सारी परेशानी।

सास के हाथ में बहू ने
जबसे ये फुलतरु थमाया है,

बहू ने गजब का चैन पाया है।

आजकल सास मोबाइल के
साथ स्टाइल मारती है

और

बहू को करमजली कहने
वाली
अब बेटा-बेटा कहकर
पुकारती है..!!

😁😎😔😚

साइड इफेक्ट जो हुआ:

बस उनका मोबाइल
रीचार्ज जल्दी-जल्दी
करवाना पड़ता है

और
फोन डिस्चार्ज हो जाए,
तो चार्जिंग पर लगाना होता है।

किसी का फोन आए,
तो बताना होता है

कि सासु मां आपका फोन है।

लेकिन कुछ पाने के लिए कुछ
खोना तो पड़ता है..

वो कहते हैं न :-

अगर इससे प्यार बढ़ता है,
तो ये दाग अच्छे हैं..!!

इसलिए सास से परेशान
बहुओं

आइए ये टिप्स अपनाइए..
ओर अजमाईये

अपनी
-अपनी सासों को मोबाइल
गिफ्ट दीजिए
और सास की रोज़ रोज़ की
चकर-चकर से मुक्ति लीजिए

        ~ रिजल्ट ~

 बहू खुश
सास भी ख़ुश
इससे ज़्यादा और क्या ?????

       😜😄😄😃😃😜

तो दीजिये अपनी _अपनी

              महारानीयों

              को सलाह ..

     👍 Best Of Luck 👍




This is hilarious !

How do you respond to your BOSS who meets you at the washroom urinal and asks "How are you doing?"

This is how the subordinate responded...

"I was under a lot of pressure, but things seem to be flowing well now. I've got a firm grip on the situation and am seeing some good volumes & output. It may take a while before I achieve completion, but it's important to take one's time in order to stay focussed on objectives. I expect to wash my hands off the whole thing soon !"

😂😂😂

ज़रूर पढ़ें बढ़ी ही गहरी बात लिख दी है किसी शक्शियत नें 👌👌👌👉

बेजुबान पत्थर पे लदे है करोडो के गहने मंदिरो में ।
उसी देहलीज पे एक रूपये को तरसते नन्हे हाथो को देखा है।


सजे थे छप्पन भोग और मेवे मूरत के आगे । बाहर एक फ़कीर को भूख से तड़प के मरते देखा है ।।

लदी हुई है रेशमी चादरों से वो हरी मजार ,पर बहार एक बूढ़ी अम्मा को ठंड से ठिठुरते देखा है।

वो दे आया एक लाख गुरद्वारे में हाल के लिए , घर में उसको 500 रूपये के लिए काम वाली बाई बदलते देखा है।

सुना है चढ़ा था सलीब पे कोई दुनिया का दर्द मिटाने को, आज चर्च में बेटे की मार से बिलखते माँ बाप को देखा है।

जलाती रही जो अखन्ड ज्योति देसी घी की दिन रात पुजारन , आज उसे प्रसव में कुपोषण के कारण मौत से लड़ते देखा है ।

जिसने न दी माँ बाप को भर पेट रोटी कभी जीते जी , आज लगाते उसको भंडारे मरने के बाद देखा ।

दे के समाज की दुहाई ब्याह दिया था जिस बेटी को जबरन बाप ने, आज पीटते उसी शौहर के हाथो सरे राह देखा है ।


मारा गया वो पंडित बेमौत सड़क दुर्घटना में यारो ,
जिसे खुदको काल सर्प,तारे और हाथ की लकीरो का माहिर लिखते देखा है ।


जिस घर की एकता की देता था जमाना कभी मिसाल दोस्तों ,
आज उसी आँगन में खिंचती दीवार को देखा है।
🍂

Sunday, November 15, 2015

७५% भागिदारी बायकोची .....

नवरा बायको सुरू करतात नवा नवा संसार
दहा वीस वर्ष जातात त्यातील कळायला सार
नवऱ्यालाही येते कल्पना बायकोच्या महतीची
म्हणून वाटतं, संसारात ७५% भागिदारी बायकोची

कसे जोखमीचे ते नऊ महिने बायको जाते जगून
नवऱ्याच्या घराण्याचा वंशाचा दिवा वाढावा म्हणून
नवऱ्याला कल्पना तरी आहे का त्या अवस्थेची?
म्हणून वाटतं, संसारात ७५% भागिदारी बायकोची.

तीन-चार वर्ष बायकोची, जातात बाळाच्या शी शू ची
नवऱ्याने किती वेळा घातला यांत त्याचा वेळ खर्ची?
कामावरून बोललं कि नवऱ्याला का झोंबते मिरची?
म्हणून वाटतं, संसारात ७५% भागिदारी बायकोची.

किती वेळा नवरा येतो बाहेरूनच काही खाऊन
आणि घरी येऊन रागावतो भाजी अळणी म्हणून
करून दाखवावी नवऱ्याने साधी भाजी बटाट्याची
म्हणून वाटतं, संसारात ७५% भागिदारी बायकोची.

तक्रार, राग, करतानाही नवऱ्याचा जातो किती काळ
माहितीय का त्याला किती लागतं तेल आणि डाळ?
घरी करत नाही जास्त काही, तरी का मर्जी नवऱ्याची?
म्हणून वाटतं, संसारात ७५% भागिदारी बायकोची.

नोकरी करणारी असेल बायको तर हि गंमत पहा
कोणत्या तोंडाने मागतो नवरा आल्या आल्या चहा?
घर व नोकरी अशी दुप्पट सेवा किती आहे महत्वाची?
म्हणून वाटतं, संसारात ७५% भागिदारी बायकोची.

नवराही खरंच खपतो करून मेहनत नोकरी धंदा
पण घरचं व्यवस्थापन नसेल तर होतो मोठा वांदा
करा कल्पना बायकोशिवाय सहल, सणावाराची
म्हणून वाटतं, संसारात ७५% भागिदारी बायकोची.

नवरा काय करतो, ते बायकोने दाखवलय करून
नवऱ्यानेही द्यावं आता आपलं कसब दाखवून
चार चाकाच्या गाडीचीही, फिरतात दोन मागची
म्हणून वाटतं, संसारात ७५% भागिदारी बायकोची.

स्त्री-पुरूष समानतेच्या राहिल्यात नुसत्याच गप्पा
बायको जरा काही बोलली तर नवरा होतो खप्पा
बायको या संस्थेची कुठे आहे नवीन उंची??
म्हणून वाटतं, संसारात ७५% भागिदारी बायकोची !!

🙏आदरणीय
🍚रसगुल्ला मामा 😎सादर प्रणाम 👏 ।।
बड़े हर्ष के साथ सूचित कर रहा हूँ कि आपकी 😎भान्जी बर्फी देवी 👧की शादी पेठा नगर🍙 के मिष्ठान भण्डार🍤🍖🍨🍰🍧🍡🍬🍩🍥नामक गांव के सेठ छेनादास👴 के ज्येष्ठ पुत्र गुलाब जामुन🍘के साथ १५ सितम्बर को होना सुनिश्चित हुआ है ।
अतः आप उक्त अवसर पर रसमलाई मामी🍜 एवं जलेबी मौसी🍤 को लेकर सुबह दस बजे वाली रबड़ी एक्सप्रेस ट्रेन 🚉 द्वारा छोला बटूरा स्टेशन 🏪 पर पहुंचे ।
वहां आपके स्वागत के लिए पेड़ा चाचा👳, समोसा भइया 👦 एवं इमरती बहन👩 मिलेंगे ।
                   धन्यवाद
      अन्त में आपका आज्ञाकारी भान्जा
       हाजमोला😜
   खाया पिया पचाया😝😝😝😝😜😜

Saturday, November 14, 2015

Waadaa Karke Nibhaane waale Kam Hote Hai

Ishq Naa Karanna Ishq Mein Ghum Hi Ghum Hote Hai

Main Naa Mil Saku Jo Tumse Meri Justaju Naa Karanaa

Tumhe Meri hi Kasam Hai Meri Aarzu Naa Karnaa

Mujhe jiss se Hai Muhobbat Use Hai Ajeeb Aadat

Kabhi Moo Ko Pher Lenaa Kabhi Guftagu Naa Karanaa

Tumhe Meri hi Kasam Hai Meri Aarzu Naa Karnaa

Main Naa Mil Saku Jo Tum se Meri Justaju Naa Karanaa

Maine Chaahaa Thaa Kisi ko Meraa Haal Kyaa Hai Dekho

Jo Kiyaa Kusur Maine Wohi Tum Ka Bhu Naa Naa Karanaa

Tumhe Meri hi Kasam Hai Meri Aarzu Naa Karnaa

Main Naa Mil Saku Jo Tum se Meri Justaju Naa Karanaa

Meri Ho Agar Buraayi To Naa Denaa Tum Safaai

Mere Saath Khud ko Rusavaa Kabhi Kubaku Na Karanaa

Tumhe Meri hi Kasam Hai Meri Aarzu Naa Karnaa

Main Naa Mil Saku Jo Tum se Meri Justaju Naa Karanaa

Koi Puchhe Badnaseebi Ki Hai Inthaa bhi Koi

To Meri Misaal Denaa Tum Mujhe Namuna Karanaa

Tumhe Meri hi Kasam Hai Meri Aarzu Naa Karnaa

Main Naa Mil Saku Jo Tum se Meri Justaju Naa Karanaa


👌👌👌👌👌👌👌👌👌

एकदा एका विमानतळावर एक मुलगी
वाट पाहत बसली होती.

थोड्या वेळाने तिने तिथल्याच
स्टोअरमधून एक पुस्तक आणि
बिस्कीटपुडा खरेदी केला.

कुणाचा त्रास होऊ नये म्हणून ती
“व्हीआयपी वेटिंग एरिया’त जाऊन
 पुस्तक वाचत बसली.

तिच्या शेजारी दुसरे एक गृहस्थ
वर्तमानपत्र वाचत बसले होते.

शेजारी बिस्किटाचा पुडा होता.

तिने एक बिस्कीट खाताच
त्यांनी ही त्याच पुड्यातून एक
बिस्कीट घेऊन खाल्ले.

त्या गृहस्थाचा निर्लज्जपणा पाहून
 तिचा पारा चढला.
“काय निर्लज्ज मनुष्य आहे हा!

माझ्या अंगी थोडी हिंमत असती,
 तर याला इथल्या इथे चांगलंच
 सरळ केलं असतं!’

ती मनात विचार करत होती.

दोघांचेही एक-एक बिस्कीट खाणे
 सुरूच होते.

आता शेवटचे बिस्कीट उरले.

“आता हा हावरट मनुष्य ते
बिस्कीट स्वत: खाईल, का मला
अर्धे देण्याचा आगाऊपणा करेल?’

ती विचार करत होती.
 “”आता हे अतिच झालं,”
 असे म्हणत ती दुसऱ्या खुर्चीवर
 जाऊन बसली.

थोड्या वेळाने राग शांत झाल्यावर
पुस्तक ठेवायला तिने पर्स उघडली.
 पाहते तर काय, तिचा बिस्कीटपुडा
 पर्समध्येच होता.

आपण कुणा दुसऱ्याची बिस्किटे
खाल्ली, याची तिला खूप लाज
 वाटली.

एका शब्दानेही न बोलता त्या
व्यक्तीने आपली बिस्किटे
 तिच्यासोबत वाटली होती.

तिने नजर टाकली, तर शेवटचे
बिस्कीटही त्याने तिच्यासाठी
 ठेवले होते.

निष्कर्ष – आयुष्यात कितीतरी वेळा
 आपण दुसऱ्याच्या वाट्याचे खाल्ले
आहे; पण आपल्याला त्याची
 जाणीवच नसते.

दुसऱ्यांविषयी मत बनवताना किंवा
वाईट बोलताना आपण सर्व
 गोष्टींचा आढावा घेतलाय का ???

कित्येकदा गोष्टी वरपांगी वाटतात
तशा प्रत्यक्षात नसतात....!!!
"चांगली वस्तु",
"चांगली व्यक्ती" व
"चांगले दिवस"
यांची किंमत" निघुन गेल्यावर समजते...

"प्रेमाने" जोडलेली चार माणसं व
त्यासाठी लागणारे दोन गोड शब्द
 हे "वैभव" ज्याच्याजवळ आहे,
तोच खरा "श्रीमंत".

चार चौघात बसण्यापेक्षा,कधी कधी
 समुद्र किनाऱ्यावर आठवणींना
 घेऊन बसावं.
आयुष्य जास्त सुंदर वाटत...

आपल्याला कोण हवंय यापेक्षा
आपण कोणाला हवंय हे सुद्धा
 कधीतरी पहावं.
आयुष्य जास्त सुंदर वाटत...

आकाशातले तारे कधीच मोजून होत
 नाहीत, माणसाच्या गरजा कधीच
 संपत नाहीत शक्य तेवढे तारे
मोजून समाधानी रहावं.
आयुष्य जास्त सुंदर वाटत...😊😋☺

❤💛❤💛❤💛❤💛
एक था भगवान,🌞
एक था शैतान.🌚....
👍👍👍👍👍👍👍👍
❤💛❤💛❤💛❤💛
दोनों में जब झगड़ा हुआ तो,
बहुत हुआ नुकसान...🌊.
👎👎👎👎👎👎👎👎
❤💛❤💛❤💛❤💛
दोनों ने मिलकर,
निकाला समस्या का समाधान...👆.
🙌🙌🙌🙌🙌🙌🙌🙌
❤💛❤💛❤💛❤💛
एक खिलौना बनाया,
और उसका नाम रखा इंसान🙇....
👆👆👆👆👆👆👆👆
❤💛❤💛❤💛❤💛
शैतान ने अपनी ताक़तें दी,
क्रोध👺,धंमड😳 और जलन😡.....
💪💪💪💪💪💪💪💪
❤💛❤💛❤💛❤💛
भगवान ने अपने अंश दिये,
प्यार😘,दया😨 और सम्मान😊...
👏👏👏👏👏👏👏👏
❤💛❤💛❤💛❤💛
भगवान से मुस्कराकर😀 बोला शैतान,🌚
❤💛❤💛❤💛❤💛
न तेरा नुकसान,न मेरा नुकसान......
👉👉👉👉👉👉👉👉
❤💛❤💛❤💛❤💛
तू जीते या मैं जीतू,
हारेगा इंसान🙇 ....
👈👈👈👈👈👈👈👈

और इसलिए कहते है...
❤💛❤💛❤💛❤💛
कोई टूटे💔 तो उसे सजाना💞 सीखो,
कोई रुठे🙍 तो उसे मनाना🙋 सीखो ...
🌷💐🍀🌹🌻🌺🌼🌷

रिश्ते तो मिलते है मुकद्दर से,
बस उन्हे खूबसूरती💗 से निभाना सीखो।
💛❤💙💕💓💜💚💖

जन्म लिया है तो सिर्फ साँसे⚡ मत लीजिये,
❤💛❤💛❤💛❤💛
जीने का शौक भी रखिये..
👥👥👥👥👥👥👥👥
❤💛❤💛❤💛❤💛
शमशान ऐसे लोगों की राख से...भरा पड़ा है
जो समझते थे,,,
❤💛❤💛❤💛❤💛
दुनिया उनके बिना चल नहीं सकती.
💀💀💀💀💀💀💀💀
❤💛❤💛❤💛❤💛
हाथ में टच📲 फ़ोन,
बस स्टेटस के लिये अच्छा है…
❤💛❤💛❤💛❤💛
सबके टच में रहो,
ज़िन्दगी के लिये ज्यादा अच्छा है…
🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
❤💛❤💛❤💛❤💛
ज़िन्दगी में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री" होगी!
ना ज़ाने कौनसी रात🌌 "आख़री" होगी ।
👬👭👬👭👬👭👬👭
❤💛❤💛❤💛❤💛
मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से,
ना जाने कौनसी "मुलाक़ात" आख़री होगी...
✋✋✋✋✋✋✋✋
 🏢स्कूल की दोस्ती👯

  🌺दसवीं क्लास तक 🌺

🏯यूनीवरसीटी की दोस्ती👯

    🌹फायनल इअर तक 🌹

  🏫ऑफिस की दोस्ती👯

 🌸 रिटायरमेंट तक 🌸

💑 लवर की दोस्ती 👯
      💐 शादी तक 💐

        💝.....But....💝

   👆 हमारी दोस्ती 👯
       👈 आप से 👉
❤💛❤💛❤💛❤💛
      🌜30- फरवरी तक🌛
❤💛❤💛❤💛❤💛
       🌞......क्योंकि......🌞
❤💛❤💛❤💛❤💛
👏ना कभी 30 फरवरी आयेगी😉
ना कभी हमारी दोस्ती 👯 का end होगा✌👏👏 👍
❤💛❤💛❤💛❤💛
Note:
👉ये मैसेज उन दोस्तों👯 को भेजो जिन का साथ 👫👭 आप पुरी जिंदगी भर नही छोडना चाहते ☺
❤💛❤💛❤💛❤💛
👆मुझे भी करो अगर आप मुझे खोना नही चाहते तो 😜😁
❤💛❤💛❤💛❤💛
ये मॅसेज सबको भेजो और देखो कितने लोग आपको खोना नही चाहते.
❤💛❤💛❤💛❤💛
😘😄😊....
Ek doctor ek din shayeri ke mood me tha .......ab Dekho usne davai kaise samjhayi

¤ दिल बहला के मोहब्बत को ना धमाल करें।
सीरप को अच्छी तरह से हिला के इस्तेमाल करें॥

¤ दिल मेरा टूट गया उठी जब उसकी डोली।
सुबह दोपहर शाम बस एक एक गोली॥

¤ लौट आओ कि मोहब्बत का सुरूर चखें।
तमाम दवायें बच्चों की पहुँच से दूर रखें॥

¤ दिल मेरा इश्क़ करने पे रज़ामंद रहेगा।
इतवार के दिन अस्पताल बन्द रहेगा॥
😬😂


कीसीकी तलाश मे मत नीकलो..
लोग खो नही - बदल जाते हे

छोटे थे तब सब नाम से बुलाते थे ,
बड़े हो गये तो बस काम से बुलाते हे..!!

सेठ के पास सोने की चैन थी...
मजदूर के पास चैन की नींद..

भरोसा खुद पर रखो तो ताकत बन जाती है,
और
दूसरों पर रखो तो कमजोरी बन जाती है…

मतलबी दुनिया मे सम्भल के चलना....!!
यहाँ तो लोग हाथों से दफ़ना कर भूल जाते
हैं कि कब्र कौन सी थी....!!


एक बहुत ही सुंदर महिला थी ,
सेक्युलर किस्म की ...
अपने बेटे को पास के मदरसे मे उर्दू सीखने के लिए भर्ती करवा आई ...
उर्दू पढाने वाला मौलाना उस महिला की सुंदरता के बारे मे जानता था ,
छुट्टी के समय मौलाना ने उसके बेटे से कहा -
" अपनी अम्मी को मेरा सलाम कहना .... "
बेटे ने आकर माँ को कह दिया कि मौलाना साहब ने आपको सलाम भेजा है ।
महिला ने भी बेटे के हाथों सलाम का उत्तर सलाम भेज कर दे दिया।
ये सिलसिला हफ्ते भर चला ...
महिला की आँखें खुली .
अपने " पति " से परामर्श किया और
अगले दिन बेटे से मौलाना को कहलवाया कि शाम को घर पर बुलाया है ...
मौलान खुश ... 3 दिन से नहाया नहीं था ,
बासी शेरवानी को इस्तरी करवाया , इत्र मारा और पहुँच गया सुंदरी के घर।
महिला ने पहले आवभगत की ... चाय नाश्ता करवाया , फिर बेटे की पढ़ाई के बारे मे जानकारी ली।
मौलाना औपचारिक बातें करने के बाद , अपनी असलियत पे आया , कहा -
- माशा अल्लाह , आपको खुदा ने बड़ी फुर्सत मे तराशा है ,
- वो तो है , शुक्रिया ...
- मुझे आपसे इश्क़ हो गया है मुहतरमा ... ( लार टपकने लगी ... )
- हाँ वो तो है , पर ये बात यदि मेरे पति ने सुन ली तो बहुत मुश्किल होगी ,
वो आते ही होंगे ... आप अभी जाइए , कल शाम को फिर आईयेगा तब बात करेंगे ... मैं आपका इंतज़ार करूंगी ...
मौलाना चलने को हुआ ही था कि बाहर से उस महिला के पति की आवाज़ आई -
कौन घर मे घुसा है हरामखोर ...
मौलाना घबराया ... कहाँ छुप जाऊँ ??
महिला ने उसे फटाफट साड़ी पहना दी ,घूँघट कर दिया और
आटा पीसने वाली पत्थर की चक्की के पास बैठा दिया और कहा -
" आप धीरे धीरे गेहूं पीसिए ... मैं अभी उनको चाय वगेरह पिला कर बाहर भेजती हूँ , आप मौका देखकर भाग जाना ।
मौलाना लगे चक्की चलाने और गेहूं पीसने ...
पति ने प्रवेश किया और पूछा कि ये कौन महिला हैं ,
- पड़ोस मे नए किरायेदार आए हैं उनकी पत्नी है , गेंहू पीसने आई हैं ।
पति पत्नी बहुत देर तक हंसी मज़ाक और बातें करते रहे ,
1 घंटे बाद पति ने कहा -
मैं जरा नुक्कड़ की दुकान से पान खा कर आता हूँ ,और बाहर निकल गया।
मौलाना ने साड़ी उतार के फेंकी और आनन - फानन मे वहाँ से सरपट हो लिए।
15 दिन बाद -
महिला के बेटे ने मदरसे मे मौलाना से कहा -
" माँ ने आपको सलाम भेजा है ... "
- हरामखोरों ,15 दिन मे 20 किलो आटा खा गए ,
जो अब फिर से सलाम भेजा है ..

Beautiful Poem

कोशिश कर, हल निकलेगा । आज नहीं तो, कल निकलेगा ।।

अर्जुन सा लक्ष्य रख, निशाना लगा । मरुस्थल से भी फिर, जल निकलेगा ।।

मेहनत कर, पौधों को पानी दे । बंजर में भी फिर, फल निकलेगा ।।

ताक़त जुटा, हिम्मत को आग दे । फौलाद का भी, बल निकलेगा ।।

सीने में उम्मीदों को, ज़िंदा रख । समन्दर से भी, गंगाजल निकलेगा ।।

कोशिशें जारी रख, कुछ कर ग़ुज़रने की । जो कुछ थमा-थमा है, चल निकलेगा ।।

कोशिश कर, हल निकलेगा । आज नहीं तो, कल निकलगा ।।
      🌻🌻गुड मॉर्निंग 🌻🌻


Friday, November 13, 2015

A Psychological Research Body conducted a simple experiment on a group of married Indian men and women.

All the participants were told to translate a few English phrases.

One of them was:
"I love you too"

Translated by majority of Women:
"Main bhi tumse pyar karti hoon"

Translated by nearly half of the men:
"Main tumse bhi pyar karta hoon"
😜😜😜😜😜😜😜😜

👥दो भाई समुद्र के किनारे टहल रहे थे , दोनों
के बीच किसी बात को लेकर बेहस होगई, बड़े भाई ने
छोटे भाई को थप्पड़ मार दिया ,छोटे भाई ने कुछ
नहीं कहा सिर्फ रेत पे लिखा... "आज मेरे बड़े भाई
ने मुझे मारा "-- अगले दिन दोनों फिर समुद्र
किनारे घूमने के लिए निकले छोटा भाई समुद्र में
नहाने लगा अचानक वो डूबने लगा बड़े भाई ने उसे
बचाया छोटे भाई ने पत्थर पे लिखा " आज मेरे भाई
ने मुझे बचाया " बड़े भाई ने पूछा जब मेने तुम्हे
मारा तब तुमने रेत पे लिखा और जब तमको बचाया तो
पत्थर पे लिखा ऐसा क्यों विवेकशील छोटे भाई ने
जवाब दिया ----- जब हमे कोई दुःख दे तो रेत पे
लिखना चाहिए ताकि वे जल्दी मिट जाये परन्तु जब
कोई हमारे लिए अच्छा करता हे तो हमें पत्थर पर
लिखना चाहिए जहा मिट ना पाएं भाव ये हे की हमे
अपने साथ हुई बुरी घटना को भूल जाना चाहिए
जबकि अच्छी घटना को सदेव याद रखना चाहिए !!


एक अमीर ईन्सान था।
उसने समुद्र मेँ अकेले
घूमने के लिए एक
नाव बनवाई।
छुट्टी के दिन वह नाव लेकर समुद्र
की सेर करने निकला।

आधे समुद्र तक पहुंचा ही था कि अचानक
एक जोरदार
तुफान आया।

उसकी नाव पुरी तरह से तहस-नहस
हो गई लेकिन वह
लाईफ जैकेट की मदद से समुद्र मेँ कूद
गया।

जब तूफान शांत हुआ तब वह
तैरता-तैरता एक टापू पर
पहुंचा
लेकिन वहाँ भी कोई नही था।
टापू के चारो और समुद्र के अलावा कुछ
भी नजर नही आ
रहा था।

उस आदमी ने सोचा कि जब मैंने
पूरी जिदंगी मेँ
किसी का कभी भी बुरा नही किया तो मेरे
साथ ऐसा क्यूँ
हुआ..?

उस ईन्सान को लगा कि खुदा ने मौत से
बचाया तो आगे
का रास्ता भी खुदा ही बताएगा।

धीरे-धीरे वह वहाँ पर उगे झाड-फल-पत्ते
खाकर दिन बिताने
लगा।

अब धीरे-धीरे उसकी आस टूटने लगी,
खुदा पर से
उसका यकीन उठने लगा।

फिर उसने सोचा कि अब
पूरी जिंदगी यही इस टापू पर
ही बितानी है तो क्यूँ ना एक
झोपडी बना लूँ ......?

फिर उसने झाड की डालियो और पत्तो से
एक
छोटी सी झोपडी बनाई।
उसने मन ही मन कहा कि आज से झोपडी मेँ
सोने
को मिलेगा आज से बाहर
नही सोना पडेगा।

रात हुई ही थी कि अचानक मौसम बदला
बिजलियाँ जोर जोर से कड़कने लगी.!
तभी अचानक एक बिजली उस झोपडी पर
आ गिरी और
झोपडी धधकते हुए जलने लगी।

यह देखकर वह ईन्सान टूट गया।
आसमान
की तरफ देखकर
बोला
या खुदा ये तेरा कैसा इंसाफ है?
तूने मुज पर अपनी रहम की नजर क्यूँ नहीं की?

फीर वह ईन्सान हताश होकर सर पर हाथ
रखकर रो रहा था।

कि अचानक एक नाव टापू के पास आई।
नाव से उतरकर
दो आदमी बाहर आये

और बोले कि हम तुम्हे बचाने आये हैं।
दूर से इस वीरान टापू मे जलता हुआ
झोपडा देखा
तो लगा कि कोई उस टापू
पर मुसीबत मेँ है।

अगर तुम अपनी झोपडी नही जलाते
तो हमे
पता नही चलता कि टापू पर कोई है।

उस आदमी की आँखो से आँसू गिरने लगे।
उसने खुदा से माफी माँगी और
बोला कि "या रब मुझे
क्या पता कि तूने मुझे बचाने के लिए
मेरी झोपडी जलाई
थी।यक़ीनन तू अपने बन्दों का हमेशा ख्याल रखता है। तूने मेरे सब्र का इम्तेहान लिया लेकिन मैं उसका फ़ैल हो गया। मुझे माफ़ फरमा दे।"
================

दिन चाहे सुख के हों या दुख के,
खुदा अपने बन्दों के साथ हमेशा रहता हैं।

अच्छा लगे तो दुसरे लोगों से शेयर करे ।


गुरूजी विद्यालय से घर लौट रहे थे ।

रास्ते में एक नदी पड़ती थी ।

नदी पार करने लगे तो ना जाने क्या सूझा ,

एक पत्थर पर बैठ अपने झोले में से पेन और कागज निकाल अपने वेतन का हिसाब निकालने लगे ।

अचानक…..,

हाथ से पेन फिसला और डुबुक ….

पानी में डूब गया । गुरूजी परेशान ।

आज ही सुबह पूरे पांच रूपये खर्च कर खरीदा था ।

कातर दृष्टि से कभी इधर कभी उधर देखते ,

पानी में उतरने का प्रयास करते ,

फिर डर कर कदम खींच लेते ।

एकदम नया पेन था ,

छोड़ कर जाना भी मुनासिब न था ।

अचानक…….

पानी में एक तेज लहर उठी ,

और साक्षात् वरुण देव सामने थे ।

गुरूजी हक्के -बक्के ।

कुल्हाड़ी वाली कहानी याद आ गई ।

वरुण देव ने कहा , ”गुरूजी, क्यूँ इतने परेशान हैं ।

प्रमोशन , तबादला , वेतनवृद्धि ,क्या चाहिए ?

गुरूजी अचकचाकर बोले , ” प्रभु ! आज ही सुबह
एक पेन खरीदा था ।

पूरे पांच रूपये का ।

देखो ढक्कन भी मेरे हाथ में है ।

यहाँ पत्थर पर बैठा लिख रहा था कि पानी में गिर गया

प्रभु बोले , ” बस इतनी सी बात ! अभी निकाल
लाता हूँ ।”

प्रभु ने डुबकी लगाई ,

और चाँदी का एक चमचमाता पेन लेकर बाहर आ गए ।

बोले – ये है आपका पेन ?

गुरूजी बोले – ना प्रभु । मुझ गरीब को कहाँ ये
चांदी का पेन नसीब । ये मेरा नाहीं ।

प्रभु बोले – कोई नहीं , एक डुबकी और लगाता हूँ

डुबुक …..

इस बार प्रभु सोने का रत्न जडित पेन लेकर आये।

बोले – “लीजिये गुरूजी , अपना पेन ।”

गुरूजी बोले – ” क्यूँ मजाक करते हो प्रभु ।

इतना कीमती पेन और वो भी मेरा । मैं टीचर हूँ
सर , CRC नहीं ।

थके हारे प्रभु ने कहा , ” चिंता ना करो गुरुदेव ।

अबके फाइनल डुबकी होगी ।

डुबुक ….

बड़ी देर बाद प्रभु उपर आये ।

हाथ में गुरूजी का जेल पेन लेकर ।

बोले – ये है क्या ?

गुरूजी चिल्लाए – हाँ यही है , यही है ।

प्रभु ने कहा – आपकी इमानदारी ने मेरा दिल जीत
लिया गुरूजी ।

आप सच्चे गुरु हैं । आप ये तीनों पेन ले लो ।

गुरूजी ख़ुशी – ख़ुशी घर को चले ।

.
.
कहानी अभी बाकी है दोस्तों —

गुरूजी ने घर आते ही सारी कहानी पत्नी जी को सुनाई

चमचमाते हुवे कीमती पेन भी दिखाए ।

पत्नी को विश्वास ना हुवा ,

बोली तुम किसी CRC का चुरा कर लाये हो ।

बहुत समझाने पर भी जब पत्नी जी ना मानी

तो गुरूजी उसे घटना स्थल की ओर ले चले ।

दोनों उस पत्थर पर बैठे ,

गुरूजी ने बताना शुरू किया कि कैसे – कैसे सब हुवा

पत्नी एक एक कड़ी को किसी शातिर पुलिसिये की तरह जोड़ रही थी कि

अचानक …….

डुबुक !!!

पत्नी का पैर फिसला , और वो गहरे पानी में समा गई ।

गुरूजी की आँखों के आगे तारे नाचने लगे ।

ये क्या हुवा !

जोर -जोर से रोने लगे ।

तभी अचानक ……

पानी में ऊँची ऊँची लहरें उठने लगी ।

नदी का सीना चीरकर साक्षात वरुण देव प्रकट
हुवे ।

बोले – क्या हुआ गुरूजी ? अब क्यूँ रो रहे हो ?

गुरूजी ने रोते हुए साड़ी story प्रभु को सुनाई ।

प्रभु बोले – रोओ मत। धीरज रखो ।

मैं अभी आपकी पत्नी को निकाल कर लाता हूँ।

प्रभु ने डुबकी लगाईं ,

और …..
..
थोड़ी देर में

वो सनी लियोनी को लेकर प्रकट हुवे ।

बोले –गुरूजी ।

क्या यही आपकी पत्नी जी है ??

गुरूजी ने एक क्षण सोचा ,

और चिल्लाए –

हाँ यही है , यही है ।

अब चिल्लाने की बारी प्रभु की थी ।

बोले – दुष्ट मास्टर ।

टंच माल देखा तो नीयत बदल दी ।

ठहर तुझे श्राप देता हूँ ।

गुरूजी बोले – माफ़ करें प्रभु ।

मेरी कोई गलती नहीं ।

अगर मैं इसे मना करता तो आप

अगली डुबकी में प्रियंका चोपड़ा को लाते ।

मैं फिर भी मना करता तो आप मेरी पत्नी को लाते ।

फिर आप खुश होकर तीनों मुझे दे देते ।

अब आप ही बताओ भगवन ,

इस महंगाई के जमाने में

मैं तीन – तीन बीबीयाँ कैसे पालता ।

सो सोचा , सनी से ही काम चला लूँगा ।

और इस ठंड में आप भी डुबकियां लगा लगा कर थक गये होंगे ।

जाइये विश्राम करिए । bye bye ......

छपाक …

एक आवाज आई ।

प्रभु बेहोश होकर पानी में गिर गए थे ।

गुरूजी सनी का हाथ थामे
सावधानीपूर्वक धीरे – धीरे नदी पार कर रहे थे ।
😆😃😆😃😄😉😁😀😂😗😶😛😜😊😋😏😎😚


Thursday, November 12, 2015

WhatsApp chatting effect :

Amit (Male secretary) : Mam the project is ready.. Meeting at 8am sharp...

Mam : 😒😞😣

Amit : What happened mam..??

Mam : 😏😴

Amit : Oh.. Feeling sleepy.. I will cancel the meeting mam.. We will do it later..

Mam : 😆👍

Amit : We Now have spare time mam.. Wld u like to rest or shld we go out for coffee or something like that..

Mam : 😍😘

Amit : Oh thank you mam.. Where to go..??

Mam : 🏩🌅

Amit : Oh sunrise hotel mam.. Done...👍

Mam : 😘😘😘😍😘😘💏💏💏

Amit : Really mam r u sure..?

Mam : 😙😊😀😛

Amit : Awwwwe.. U stole my words... I knew you liked me... Muaaah 😍

Mam : 😄😄😜😜

Amit : U naughty..

Maam : 💃💋💋💋💋

Amit : Don't worry.. I wil take care..

Mam : 😍👪

Amit : Ohh yes baby 😘😘

Mam : 😄😀💏🌅🏩🌻🌺🐈

Amit : Now I am so excited.. I don't understand anything.. u just come baby..

Mam : Hey Amit, I am sorry.. My 2yr old son is playing with my mobile and I don't know what all emoticons he sent u.. Bt what nonsense have you typed..😡

Amit : 😳😨😱😞😰😭😫😖😟



Moral : Believe in words.. Not signs😂☝👃🙏


छोटा सा गाँव मेरा
पुरा बिग् बाजार था,,

एक नाई, एक मोची,
एक काला लुहार था....
छोटे छोटे घर थे,
हर आदमी बङा दिलदार
था,
छोटा सा गाँव मेरा
पुरा बिग् बाजार था..।।
.
कही भी रोटी खा लेतै,
हर घर मे भोजऩ तैयार
था,
बाड़ी की सब्जी मजे से खाते थे,,
जिसके आगे शाही पनीर बेकार था..
छोटा सा गाँव मेरा
पुरा बिग् बाजार था।।।
.
दो मिऩट की मैगी ना, झटपट दलिया तैयार था,,
नीम की निम्बोली और शहतुत सदाबहार था...
अपना घड़ा कस कै बजा लेते,
समारू पुरा संगीतकार था,,
छोटा सा गाँव मेरा
पुरा बिग् बाजार था।।।
मुल्तानी माटी से तालाब में नहा लेते,
साबुन और स्विमिंग पूल बेकार था,,
और फिर कबड्डी खेल लेते,
हमे कहाँ क्रिकेट का खुमार था,,
छोटा सा गाँव मेरा
पुरा बिग् बाजार था।।।

दादी की कहानी सुन लेते,
कहाँ टेलीविज़न और अखबार था,,,
भाई - भाई को देख के खुश था,
सब मे बहुत प्यार था,,,
छोटा सा गाँव मेरा
पुरा बिग् बाजार था।।।

वो प्यार, वो संस्कृति
मैं अब कहाँ से लाऊं,
ये सोच सोच कर
मैं बहुत दुख पाऊं।
जो वो समय फिर आ जा्य, तो बहुत मजा आ जाय,,,
मैं अपनी असली जिन्दगी जी पाऊं,
और मैं इस धरती को सौ-सौ शीश झुकाऊं।


(((((( भगवान की प्लानिंग ))))))))
.
एक बार भगवान से उनका सेवक कहता है, भगवान आप एक जगह खड़े-खड़े थक गये होंगे.
.
एक दिन के लिए मैं आपकी जगह मूर्ति बन कर खड़ा हो जाता हूं, आप मेरा रूप धारण कर घूम आओ.
.
भगवान मान जाते हैं, लेकिन शर्त रखते हैं कि जो भी लोग प्रार्थना करने आयें, तुम बस उनकी प्रार्थना सुन लेना. कुछ बोलना नहीं.
.
मैंने उन सभी के लिए प्लानिंग कर रखी है. सेवक मान जाता है.
.
सबसे पहले मंदिर में बिजनेस मैन आता है और कहता है, भगवान मैंने एक नयी फैक्ट्री डाली है, उसे खूब सफल करना.
.
वह माथा टेकता है, तो उसका पर्स नीचे गिर जाता है. वह बिना पर्स लिये ही चला जाता है.
.
सेवक बेचैन हो जाता है. वह सोचता है कि रोक कर उसे बताये कि पर्स गिर गया, लेकिन शर्त की वजह से वह नहीं कह पाता.
.
इसके बाद एक गरीब आदमी आता है और भगवान को कहता है कि घर में खाने को कुछ नहीं. भगवान मदद कर.
.
तभी उसकी नजर पर्स पर पड़ती है. वह भगवान का शुक्रिया अदा करता है और पर्स लेकर चला जाता है.
.
अब तीसरा व्यक्ति आता है. वह नाविक होता है.
.
वह भगवान से कहता है कि मैं 15 दिनों के लिए जहाज लेकर समुद्र की यात्रा पर जा रहा हूं. यात्रा में कोई अड़चन न आये भगवान.
.
तभी पीछे से बिजनेस मैन पुलिस के साथ आता है और कहता है कि मेरे बाद ये नाविक आया है.
.
इसी ने मेरा पर्स चुरा लिया है. पुलिस नाविक को ले जा रही होती है कि सेवक बोल पड़ता है.
.
अब पुलिस सेवक के कहने पर उस गरीब आदमी को पकड़ कर जेल में बंद कर देती है.
.
रात को भगवान आते हैं, तो सेवक खुशी खुशी पूरा किस्सा बताता है.
.
भगवान कहते हैं, तुमने किसी का काम बनाया नहीं, बल्कि बिगाड़ा है.
.
वह व्यापारी गलत धंधे करता है. अगर उसका पर्स गिर भी गया, तो उसे फर्क नहीं पड़ता था.
.
इससे उसके पाप ही कम होते, क्योंकि वह पर्स गरीब इंसान को मिला था. पर्स मिलने पर उसके बच्चे भूखों नहीं मरते.
.
रही बात नाविक की, तो वह जिस यात्रा पर जा रहा था, वहां तूफान आनेवाला था.
.
अगर वह जेल में रहता, तो जान बच जाती. उसकी पत्नी विधवा होने से बच जाती. तुमने सब गड़बड़ कर दी.
.
कई बार हमारी लाइफ में भी ऐसी प्रॉब्लम आती है, जब हमें लगता है कि ये मेरा साथ ही क्यों हुआ.
.
लेकिन इसके पीछे भगवान की प्लानिंग होती है.
.
जब भी कोई प्रॉब्लमन आये. उदास मत होना.
.
इस कहानी को याद करना और सोचना कि जो भी होता है, अच्छे के लिए होता है.
.
(((((((( जय जय श्री राधे ))))))))

😜😂😂
संस्कृत की क्लास मे गुरूजी ने पूछा = पप्पू इस श्लोक का अर्थ बताओ.

"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन".

पप्पू = राधिका शायद रस्ते मे फल बेचने का काम कर रही है.😎

गुरूजी = मूर्ख, ये अर्थ नही होता है. चल इसका अर्थ बता:-

"बहुनि मे व्यतीतानि, जन्मानि तव चार्जुन."

पप्पू = मेरी बहू के कई बच्चे पैदा हो चुके हैं, सभी का जन्म चार जून को हुआ है.😬😑

गुरूजी = अरे गधे, संस्कृत पढता है कि घास चरता है. अब इसका अर्थ बता:-

"दक्षिणे लक्ष्मणोयस्य वामे तू जनकात्मजा."

पप्पू = दक्षिण मे खडे होकर लक्ष्मण बोला जनक आजकल तो तू बहुत मजे मे है.

गुरूजी = अरे पागल, तुझे १ भी श्लोक का अर्थ नही मालूम है क्या ?

पप्पू = मालूम है ना.

गूरूजी = तो आखरी बार पूछता हूँ इस श्लोक का सही सही अर्थ बताना.-

हे पार्थ त्वया चापि मम चापि.......! क्या अर्थ है जल्दी से बता.

पप्पू = महाभारत के युद्ध मे श्रीकृष्ण भगवान अर्जुन से कह रहे हैं कि........

गुरूजी उत्साहित होकर बीच मे ही कहते हैं = हाँ, शाबास, बता क्या कहा श्रीकृष्ण ने अर्जुन से........?

पप्पू =

भगवान बोले = अर्जुन तू भी चाय पी ले, मैं भी चाय पी लेता हूँ. फिर युद्ध करेंगे.

गुरूजी बेहोश..............
😅😅😅😀😀😀😀😝😝😜😜😛

😜😂😂
संस्कृत की क्लास मे गुरूजी ने पूछा = पप्पू इस श्लोक का अर्थ बताओ.

"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन".

पप्पू = राधिका शायद रस्ते मे फल बेचने का काम कर रही है.😎

गुरूजी = मूर्ख, ये अर्थ नही होता है. चल इसका अर्थ बता:-

"बहुनि मे व्यतीतानि, जन्मानि तव चार्जुन."

पप्पू = मेरी बहू के कई बच्चे पैदा हो चुके हैं, सभी का जन्म चार जून को हुआ है.😬😑

गुरूजी = अरे गधे, संस्कृत पढता है कि घास चरता है. अब इसका अर्थ बता:-

"दक्षिणे लक्ष्मणोयस्य वामे तू जनकात्मजा."

पप्पू = दक्षिण मे खडे होकर लक्ष्मण बोला जनक आजकल तो तू बहुत मजे मे है.

गुरूजी = अरे पागल, तुझे १ भी श्लोक का अर्थ नही मालूम है क्या ?

पप्पू = मालूम है ना.

गूरूजी = तो आखरी बार पूछता हूँ इस श्लोक का सही सही अर्थ बताना.-

हे पार्थ त्वया चापि मम चापि.......! क्या अर्थ है जल्दी से बता.

पप्पू = महाभारत के युद्ध मे श्रीकृष्ण भगवान अर्जुन से कह रहे हैं कि........

गुरूजी उत्साहित होकर बीच मे ही कहते हैं = हाँ, शाबास, बता क्या कहा श्रीकृष्ण ने अर्जुन से........?

पप्पू =

भगवान बोले = अर्जुन तू भी चाय पी ले, मैं भी चाय पी लेता हूँ. फिर युद्ध करेंगे.

गुरूजी बेहोश..............
😅😅😅😀😀😀😀😝😝😜😜😛

🌹🌹💐🌹🌹 यहाँ सब कुछ बिकता है ,
         दोस्तों रहना जरा संभाल के ,
बेचने वाले हवा भी बेच देते है ,
                    गुब्बारों में डाल के ,

सच बिकता है , झूट बिकता है,
                   बिकती है हर कहानी ,
तीनों लोक में फेला है , फिर भी
                  बिकता है बोतल में पानी ,

कभी फूलों की तरह मत जीना,
          जिस दिन खिलोगे ,
                  टूट कर बिखर्र जाओगे ,
जीना है तो पत्थर की तरह जियो;
          जिस दिन तराशे गए ,
                 "भगवान" बन जाओगे....!!
                                                🌾🌻🌾🌻🌾🌻🌾🌼🌾 "रिश्ता" दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं,
"नाराजगी" शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं!
🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿
सड़क कितनी भी साफ हो
"धुल" तो हो ही जाती है,
इंसान कितना भी अच्छा हो
"भूल" तो हो ही जाती है!!!
🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿
आइना और परछाई के
जैसे मित्र रखो क्योकि
आइना कभी झूठ नही बोलता और परछाई कभी साथ नही छोङती......
🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿
खाने में कोई 'ज़हर' घोल दे तो
एक बार उसका 'इलाज' है..
लेकिन 'कान' में कोई 'ज़हर' घोल दे तो,
उसका कोई 'इलाज' नहीं है।
🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿
"मैं अपनी 'ज़िंदगी' मे हर किसी को
'अहमियत' देता हूँ...क्योंकि
जो 'अच्छे' होंगे वो 'साथ' देंगे...
और जो 'बुरे' होंगे वो 'सबक' देंगे...!!
🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿🐟🌿
अगर लोग केवल जरुरत पर
ही आपको याद करते है तो
बुरा मत मानिये बल्कि
गर्व कीजिये क्योंकि "
मोमबत्ती की याद तभी आती है,
जब अंधकार होता है।"
🌹🌹💐🌹🌹

किसी को कोई अच्छा इंजीनियर मिले तो बताना,


मुझे इंसान को इंसान से जोड़ने वाला पुल बनाना है,

बहते आँसूओ को रोकने वाला बाँध बनाना है और सच्चे संबंधों में पड़ती दरारों को भरवाना हैं।

मन कि कड़वाहट को मिठास में बदलवाना है

जो तार जुड़े है सुख दुःख के उलटे उन्हें सीधा जुड़वाना है

मनुष्य के जीवन को संतुस्टी की ओर ले जाना है

सब के मन में घुले विष को प्रेम के अमृत में बदलवाना है
🙏 🙏💐 💐 🙏 🙏


लोग क्या सोचेंगे ? ?


25 साल की उम्र तक हमें परवाह नहीँ होती कि "लोग क्या सोचेंगे ? ? "

50 साल की उम्र तक इसी डर में जीते हैं कि "लोग क्या सोचेंगे ! ! "

50 साल के बाद पता चलता है कि "हमारे बारे में कोई सोच ही नहीँ रहा था ! ! !"

Life is beautiful, enjoy it everyday.


Sabse Bada ROG...
Kya Kahenge LOG...


सिगरेट के बगैर हम जी सकते हैं। फिर भी सिगरेट बनाने वाला अरबपति ।

शराब के बगैर हम जी सकते हैं, फिर भी शराब बनाने वाला अरबपति...

मोबाइल के बगैर भी हम जी सकते हैं, फिर भी मोबाइल बनाने वाले अरबपति......

कार के बगैर हम जी सकते हैं, फिर भी कार बनाने वाले अरबपति....

🍪अन्न के बगैर हम कदापि नहीं जी सकते , लेकिन अन्न को पैदा करने वाला किसान गरिब और दरिद्री।

✅ एक भयानक सत्य। ✅

✅✅✅✅✅
उचित लगे तो ये बात कृपया आगे बढाए, शेयर करें।।

सिगरेट के बगैर हम जी सकते हैं। फिर भी सिगरेट बनाने वाला अरबपति ।

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कार के बगैर हम जी सकते हैं, फिर भी कार बनाने वाले अरबपति....

🍪अन्न के बगैर हम कदापि नहीं जी सकते , लेकिन अन्न को पैदा करने वाला किसान गरिब और दरिद्री।

✅ एक भयानक सत्य। ✅

✅✅✅✅✅
उचित लगे तो ये बात कृपया आगे बढाए, शेयर करें।।

👍👍Ye Msg Har Bete ke liye👍👍

एक बेटा अपने वृद्ध पिता को रात्रि भोज के लिए एक अच्छे रेस्टॉरेंट में लेकर गया।
खाने के दौरान वृद्ध पिता ने कई बार भोजन अपने कपड़ों पर गिराया।

रेस्टॉरेंट में बैठे दुसरे खाना खा रहे लोग वृद्ध को घृणा की नजरों से देख रहे थे लेकिन वृद्ध का बेटा शांत था।

खाने के बाद बिना किसी शर्म के बेटा, वृद्ध को वॉश रूम ले गया। उसके कपड़े साफ़ किये, उसका चेहरा साफ़ किया, उसके बालों में कंघी की,चश्मा पहनाया और फिर बाहर लाया।

सभी लोग खामोशी से उन्हें ही देख रहे थे।बेटे ने बिल पे किया और वृद्ध के साथ
बाहर जाने लगा।

तभी डिनर कर रहे एक अन्य वृद्ध ने बेटे को आवाज दी और उससे पूछा " क्या तुम्हे नहीं लगता कि यहाँ
अपने पीछे तुम कुछ छोड़ कर जा रहे हो ?? "

बेटे ने जवाब दिया" नहीं सर, मैं कुछ भी छोड़ कर
नहीं जा रहा। "

वृद्ध ने कहा " बेटे, तुम यहाँ
छोड़ कर जा रहे हो,
प्रत्येक पुत्र के लिए एक शिक्षा (सबक) और प्रत्येक पिता के लिए उम्मीद (आशा)। "

दोस्तो आमतौर पर हम लोग अपने बुजुर्ग माता पिता को अपने साथ बाहर ले जाना पसँद नही करते

और कहते है क्या करोगो आप से चला तो जाता
नही ठीक से खाया भी नही जाता आपतो घर पर ही रहो वही अच्छा होगा.

क्या आप भूल गये जब आप छोटे थे और आप के माता पिता आप को अपनी गोद मे उठा कर ले जाया
करते थे,

आप जब ठीक से खा नही
पाते थे तो माँ आपको अपने हाथ से खाना खिलाती थी और खाना गिर जाने पर डाँट नही प्यार जताती थी

फिर वही माँ बाप बुढापे मे बोझ क्यो लगने लगते है???
माँ बाप भगवान का रूप होते है उनकी सेवा कीजिये और प्यार दीजिये...

क्योकि एक दिन आप भी बुढे होगे फिर अपने बच्चो से सेवा की उम्मीद मत करना

Leave applications.🌀

(murdering english language)

🌀Infosys, Bangalore:🌀
"Since I have to go to my village to sell my land along with my wife ,
please sanction me one-week leave."
________________________________
🌀Oracle, Bangalore:🌀
From an employee who was performing the "mundan" ceremony of his 10 year old son:
"As I want to shave my son's head , please leave me for two days.."
________________________________
🌀Leave-letter from a CDAC employee who was
performing his daughter's wedding:
"As I am marrying my daughter, please grant a week's leave.."
________________________________
🌀From H.A.L. Administration Dept:
"As my mother-in-law has expired and I am only one responsible for it please grant me 10 days leave."
________________________________
🌀Another employee applied for half-day leave as follows:
"Since I've to go to the cremation ground at 10 o'clock and I may not return, please grant me half day casual leave"
________________________________
🌀A leave letter:
"I am suffering from fever, please declare one-day holiday."
________________________________
🌀A leave letter to a headmaster:
"As I am studying in this school I am suffering from headache. I request you to leave me today"
________________________________
🌀Another letter written to a headmaster:
"As my headache is paining , please grant me leave for the day."
________________________________
🌀Covering note:
"I am enclosed herewith..."
________________________________
🌀Another one:
"Dear Sir: with reference to the above , please refer to my bottom..."
________________________________
🌀Actual application for leave:
"My wife is suffering from sickness and as I am her only husband at home I may be granted leave".
________________________________
🌀Telegram sent by a Rural br.manager to Zonal office-
"wife serious, send substitute!"


Laugh and pass...



HOW TO IDENTIFY DIFFERENT PLACES OF INDIA :

Scenario 1 : Two guys are fighting & a third guy comes along, sees them and walks on..🚶
That's MUMBAI..😒

Scenario 2 : Two guys are fighting & a third guy comes along and tries to make peace.. The first two get together and beat him up..🔨
That's CHENNAI.

Scenario 3 : Two guys fighting and third guy comes from a nearby house and says "don't fight in front of my place, go somewhere else." 🏠
That's BANGALORE.. 😉

Scenario 4 : Two guys fighting third guy comes along with a carton of beer.. All sit together drink beer and abuse each other and go home as friends..😜
You are definitely in GOA...🏊🏄


Scenario 5 : Two guys are fighting. Both of them take time out & call their friends on their mobiles.. 📲 Now 50 guys are fighting..
You are in PUNJAB.😖

Scenario 6 : Two guys fighting. Third guy comes and shoots both of them.. 🔫💣
You are in BIHAR..

 Scenario 7 : Two guys fighting. Third guy comes and finds if his caste then beat other caste guy
Then you are in Andhra Pradesh😳😳

Ultimate Scenario: Two guys are fighting. A crowd gathers to watch.. A guy comes along and quietly opens a tea stall there ☕
That's KERALA.🌴👳😎

😄👌👌😄


एक दिन एक औरत अपने घर के बाहर आई
और उसने तीन संतों को अपने घर के सामने
देखा। वह उन्हें जानती नहीं थी।

औरत ने कहा –
“कृपया भीतर आइये और भोजन करिए।”

संत बोले – “क्या तुम्हारे पति घर पर हैं?”

औरत – “नहीं, वे अभी बाहर गए हैं।”

संत –“हम तभी भीतर आयेंगे जब वह घर पर
          हों।”
शाम को उस औरत का पति घर आया और
औरत ने उसे यह सब बताया।

पति – “जाओ और उनसे कहो कि मैं घर
आ गया हूँ और उनको आदर सहित बुलाओ।”

औरत बाहर गई और उनको भीतर आने के
लिए कहा।
संत बोले – “हम सब किसी भी घर में एक साथ
नहीं जाते।”

“पर क्यों?” – औरत ने पूछा।

उनमें से एक संत ने कहा – “मेरा नाम धन है”
फ़िर दूसरे संतों की ओर इशारा कर के कहा –
 “इन दोनों के नाम सफलता और प्रेम हैं।
हममें से कोई एक ही भीतर आ सकता है।

आप घर के अन्य सदस्यों से मिलकर तय कर
लें कि भीतर किसे निमंत्रित करना है।”

औरत ने भीतर जाकर अपने पति को यह सब
बताया। उसका पति बहुत प्रसन्न हो गया और

बोला –“यदि ऐसा है तो हमें धन को आमंत्रित
करना चाहिए। हमारा घर खुशियों से भर जाएगा।”

पत्नी – “मुझे लगता है कि हमें सफलता को
             आमंत्रित करना चाहिए।”

उनकी बेटी दूसरे कमरे से यह सब सुन रही थी।
वह उनके पास आई और बोली –
“मुझे लगता है कि हमें प्रेम को आमंत्रित करना
चाहिए। प्रेम से बढ़कर कुछ भी नहीं हैं।”

“तुम ठीक कहती हो, हमें प्रेम
को ही बुलाना चाहिए” – उसके माता-पिता ने
कहा।
औरत घर के बाहर गई और उसने संतों से पूछा –
“आप में से जिनका नाम प्रेम है वे कृपया घर में
प्रवेश कर भोजन गृहण करें।”

प्रेम घर की ओर बढ़ चले। बाकी के दो संत भी उनके
पीछे चलने लगे।

औरत ने आश्चर्य से उन दोनों से पूछा – “मैंने
तो सिर्फ़ प्रेम को आमंत्रित किया था। आप लोग
भीतर क्यों जा रहे हैं?”

उनमें से एक ने कहा – “यदि आपने धन और
सफलता में से किसी एक को आमंत्रित किया होता
तो केवल वही भीतर जाता।
आपने प्रेम को आमंत्रित किया है।

प्रेम कभी अकेला नहीं जाता।
प्रेम जहाँ-जहाँ जाता है, धन और सफलता
उसके पीछे जाते हैं।

इस कहानी को एक बार, 2 बार, 3 बार
पढ़ें ........अच्छा लगे तो प्रेम के साथ रहें,
प्रेम बाटें, प्रेम दें और प्रेम लें क्योंकि प्रेम ही
सफल जीवन का राज है।
निम्न चीजो का साथ छोड दें
जीवन खुद बखुद सफल, सुखद, सरल,सुगम,
संयम, स्वस्थ, एवम मार्यादित बना रहेगा -

छोड दें - दूसरों को निचा दिखाना।
छोड दें - दुसरो की सफलता से जलना।
छोड दें - दूसरों के धन से जलना।
छोड दें - दूसरों की चुगली करना।
छोड दें - दूसरों की सफलता पर इर्ष्या करना।

1. जिदंगी मे कभी भी किसी को बेकार मत समझना
क्योकी बंद पडी घडी भी दिन में दो बार सही समय
बताती है।
2. किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल
उस 'मक्खी' की तरह है जो सारे खूबसूरत जिस्म को
छोडकर केवल जख्म पर ही बैठती है।
3. टूट जाता है गरीबी मे वो रिशता जो खास होता है
हजारो यार बनते है जब पैसा पास होता है.
4. मुस्करा कर देखो तो सारा जहाॅ रंगीन है वर्ना भीगी
पलको से तो आईना भी धुधंला नजर आता है
5. जल्द मिलने वाली चीजे ज्यादा दिन तक नही चलती
और जो चीजे ज्यादा दिन तक चलती है वो जल्दी नही
मिलती
6. बुरे दिनो का एक अच्छा फायदा अच्छे-अच्छे दोस्त
परखे जाते है
7. बीमारी खरगोश की तरह आती है और कछुए की तरह
जाती है जबकि पैसा कछुए की तरह आता है और
खरगोश की तरह जाता है
8. छोटी छोटी बातो मे आंन्द खोजना चाहिए क्योकि
बङी बङी तो जीवन मे कुछ ही होती है।
9. ईशवर से कुछ मांगने पर न मिले तो उससे नाराज ना
होना क्योकि ईशवर वह नही देता जो आपको अच्छा
लगता है बल्कि वह देता है जो आपके लिए अच्छा
होता है।
10. लगातार हो रही असफलफताओ से निराश नही होना
चाहिए क्योकीं कभी-कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी
ताला खोल देती है।
11. ये सोच है हम इसांनो की कि एक अकेला क्या कर
सकता है पर देख जरा उस सूरज को वो अकेला ही तो
चमकता है
12. रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो उन्हे तोङना मत क्योकि
पानी चाहे कितना भी गंदा हो अगर प्यास नही बुझा
सकता पर आग तो बुझा सकता है।
13. अब वफा की उम्मीद भी किस से करे भला, मिटटी के
बने लोग कागजो मे बिक जाते है।
14. इंसान की तरह बोलना न आये तो जानवर की तरह
मौन रहना अच्छा है।
15. जब हम बोलना नही जानते थे, तो हमारे बोले बिना
'माॅ' हमारी बातो को समझ जाती थी और आज हम हर
बात पर कहते है ''छोङो भी 'मा' आप नही समझोगी''
16. " शुक्रगुजार हूँ उन तमाम लोगो का जिन्होने बुरे वक्त
मे मेरा साथ छोङ दिया क्योकि उन्हे भरोसा था कि मै
मुसीबतो से अकेले ही निपट सकता हूँ।
17. शर्म की अमीरी से इज्जत की गरीबी अच्छी है
18. जिदंगी मे उतार चङाव का आना बहुत जरुरी है
क्योकि ECG मे सीधी लाईन का मतलब मौत ही
होता है
19. रिशते, आजकल रोटी की तरह हो गए जरा सी आंच
तेज क्या हुई जल भुनकर खाक हो गए।
20. जिदंगी मे अच्छे लोगो की तलाश मत करो "खुद
अच्छे बन जाओ" आपसे मिलकर शायद किसी की
तालाश पूरी हो जाए।

💥💥💥

हम दीपावली का त्यौहार क्यूँ मनाते है?

इसका अधिकतर उत्तर मिलता है राम जी के वनवास से लौटने की ख़ुशी में।

सच है पर अधूरा।। अगर ऐसा ही है तो फिर हम सब दीपावली पर भगवन राम की पूजा क्यों नहीं करते? लक्ष्मी जी और गणेश भगवन की क्यों करते है?

सोच में पड़ गए न आप भी।
इसका उत्तर आप तक पहुँचाने का प्रयत्न कर रहा हूँ अगर कोई त्रुटि रह जाये तो क्षमा कीजियेगा।

1. देवी लक्ष्मी जी का प्राकट्य:

 देवी लक्ष्मी जी कार्तिक मॉस की अमावस्या के दिन समुन्दर मंथन में से अवतार लेकर प्रकट हुई थी।

2. भगवन विष्णु द्वारा लक्ष्मी जी को बचाना:

भगवन विष्णु ने आज ही के दिन अपने पांचवे अवतार वामन अवतार में देवी लक्ष्मी को राजा बालि से मुक्त करवाया था।

3. नरकासुर वध कृष्ण द्वारा:

 इस दिन भगवन कृष्ण ने राक्षसों के राजा नरकासुर का वध कर उसके चंगुल से 16000 औरतों को मुक्त करवाया था। इसी ख़ुशी में दीपावली का त्यौहार दो दिन तक मनाया गया। इसे विजय पर्व के नाम से भी जाना जाता है।

4. पांडवो की वापसी:

महाभारत में लिखे अनुसार कार्तिक अमावस्या को पांडव अपना 12 साल का वनवास काट कर वापिस आये थे जो की उन्हें चौसर में कौरवो द्वारा हरये जाने के परिणाम स्वरूप मिला था। इस प्रकार उनके लौटने की खुशी में दीपावली मनाई गई।

5. राम जी की विजय पर :

रामायण के अनुसार ये चंद्रमा के कार्तिक मास की अमावस्या के नए दिन की शुरुआत थी जब भगवन राम माता सीता और लक्ष्मण जी अयोध्या वापिस लौटे थे रावण और उसकी लंका का दहन करके। अयोध्या के नागरिकों ने पुरे राज्य को इस प्रकार दीपमाला से प्रकाशित किया था जैसा आजतक कभी भी नहीं हुआ था।

6. विक्रमादित्य का राजतिलक:

आज ही के दिन भारत के महान राजा विक्रमदित्य का राज्याभिषेक हुआ था। इसी कारन दीपावली अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना भी है।

7. आर्य समाज के लिए प्रमुख दिन:

 आज ही के दिन कार्तिक अमावस्या को एक महान व्यक्ति स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने हिंदुत्व का अस्तित्व बनाये रखने के लिए आर्य समाज की स्थापना की थी।

8. जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण दिन:

 महावीर तीर्थंकर जी ने कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही मोक्ष प्राप्त किया था।

9. सिक्खों के लिए महत्त्व:

 तीसरे सिक्ख गुरु गुरु अमरदास जी ने लाल पत्र दिवस के रूप में मनाया था जिसमे सभी श्रद्धालु गुरु से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे और 1577 में अमृतसर में हरिमंदिर साहिब का शिलान्यास किया गया था।
1619 में सिक्ख गुरु हरगोबिन्द जी को ग्वालियर के किले में 52 राजाओ के साथ मुक्त किया गया था जिन्हें मुगल बादशाह जहांगीर ने नजरबन्द किया हुआ था। इसे सिक्ख समाज बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी जानते हैं।

10. द पोप का दीपावली पर भाषण:

 1999 में पॉप जॉन पॉल 2 ने भारत में एक खास भाषण दिया था जिसमे चर्च को दीपावली के दीयों से सजाया गया था। पॉप के माथे पर तिलक लगाया गया था। और उन्होंने दीपावली के संदर्भ में रोंगटे खड़े कर देने वाली बाते बताई।

🌸भगवान् गणेश सभी देवो में प्रथम पूजनीय है इसी कारण उनकी देवी लक्ष्मी जी के साथ दीपावली पर पूजा होती है और बाकी सभी कारणों के लिए हम दीपमाला लगाकर दीपावली का त्यौहार मनाते हैं।🌸

 अब आपसे एक विनम्र निवेदन की इस जानकारी को अपने परिवार अपने बच्चों से जरूर साँझा करे । ताकि उन्हें दीपावली के महत्त्व की पूरी जानकारी प्राप्त हो सके!

🙏💥 दीपावली💥🙏

Wednesday, November 11, 2015

Diwali

बचपन बाली दिवाली .....

हफ्तों पहले से साफ़-सफाई में जुट जाते हैं
चूने के कनिस्तर में थोड़ी नील मिलाते हैं
अलमारी खिसका खोयी चीज़ वापस पाते हैं
दोछत्ती का कबाड़ बेच कुछ पैसे कमाते हैं
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....

दौड़-भाग के घर का हर सामान लाते हैं
चवन्नी -अठन्नी पटाखों के लिए बचाते हैं
सजी बाज़ार की रौनक देखने जाते हैं
सिर्फ दाम पूछने के लिए चीजों को उठाते हैं
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....

बिजली की झालर छत से लटकाते हैं
कुछ में मास्टर बल्ब भी लगाते हैं
टेस्टर लिए पूरे इलेक्ट्रीशियन बन जाते हैं
दो-चार बिजली के झटके भी खाते हैं
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....

दूर थोक की दुकान से पटाखे लाते है
मुर्गा ब्रांड हर पैकेट में खोजते जाते है
दो दिन तक उन्हें छत की धूप में सुखाते हैं
बार-बार बस गिनते जाते है
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....

धनतेरस के दिन कटोरदान लाते है
छत के जंगले से कंडील लटकाते हैं
मिठाई के ऊपर लगे काजू-बादाम खाते हैं
प्रसाद की थाली पड़ोस में देने जाते हैं
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....

माँ से खील में से धान बिनवाते हैं
खांड के खिलोने के साथ उसे जमके खाते है
अन्नकूट के लिए सब्जियों का ढेर लगाते है
भैया-दूज के दिन दीदी से आशीर्वाद पाते हैं
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....

दिवाली बीत जाने पे दुखी हो जाते हैं
कुछ न फूटे पटाखों का बारूद जलाते हैं
घर की छत पे दगे हुए राकेट पाते हैं
बुझे दीयों को मुंडेर से हटाते हैं
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....

बूढ़े माँ-बाप का एकाकीपन मिटाते हैं
वहीँ पुरानी रौनक फिर से लाते हैं
सामान से नहीं ,समय देकर सम्मान जताते हैं
उनके पुराने सुने किस्से फिर से सुनते जाते हैं
चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....



रात का समय था, चारों तरफ
सन्नाटा पसरा हुआ था , नज़दीक
ही एक कमरे में
चार मोमबत्तियां जल
रही थीं। एकांत पा कर
आज वे एक दुसरे से दिल की बात कर
रही थीं।



पहली मोमबत्ती बोली,
” मैं शांति हूँ ,
पर मुझे लगता है अब इस
दुनिया को मेरी ज़रुरत
नहीं है , हर तरफ
आपाधापी और लूट-मार
मची हुई है, मैं यहाँ अब और
नहीं रह सकती। …”
और ऐसा कहते हुए , कुछ देर में
वो मोमबत्ती बुझ
गयी।


दूसरी मोमबत्ती बोली ,
” मैं विश्वास हूँ , और
मुझे लगता है झूठ और फरेब के बीच
मेरी भी यहाँ कोई ज़रुरत
नहीं है , मैं भी यहाँ से
जा रही हूँ …” , और
दूसरी मोमबत्ती भी बुझ
गयी।


तीसरी मोमबत्ती भी दुखी होते
हुए बोली , ”
मैं प्रेम हूँ, मेरे पास जलते रहने की ताकत है, पर
आज हर कोई इतना व्यस्त है कि मेरे लिए
किसी के पास वक्त
ही नहीं, दूसरों से तो दूर
लोग अपनों से भी प्रेम करना भूलते जा रहे हैं ,मैं
ये सब और नहीं सह सकती मैं
भी इस दुनिया से
जा रही हूँ….” और ऐसा कहते हुए
तीसरी मोमबत्ती भी बुझ
गयी।


वो अभी बुझी ही थी कि एक
मासूम बच्चा उस
कमरे में दाखिल हुआ।
मोमबत्तियों को बुझे देख वह घबरा गया ,
उसकी आँखों से आंसू टपकने लगे और वह
रुंआसा होते
हुए बोला ,
“अरे , तुम मोमबत्तियां जल
क्यों नहीं रही ,
तुम्हे तो अंत तक जलना है ! तुम इस तरह बीच
में
हमें कैसे छोड़ के जा सकती हो ?”



तभी चौथी मोमबत्ती बोली ,
” प्यारे बच्चे
घबराओ नहीं, मैं आशा हूँ और जब तक मैं जल
रही हूँ
हम बाकी मोमबत्तियों को फिर से
जला सकते हैं।

यह सुन बच्चे की आँखें चमक उठीं,
और उसने आशा के
बल पे शांति, विश्वास, और प्रेम को फिर से
प्रकाशित कर दिया।



जब सबकुछ बुरा होते दिखे ,चारों तरफ
अन्धकार ही अन्धकार नज़र आये , अपने
भी पराये
लगने लगें तो भी उम्मीद मत
छोड़िये….आशा मत
छोड़िये , क्योंकि इसमें इतनी शक्ति है
कि ये हर
खोई हुई चीज आपको वापस दिल
सकती है।
अपनी आशा की मोमबत्ती को जलाये
रखिये ,बस
अगर ये जलती रहेगी तो आप
किसी भी और
मोमबत्ती को प्रकाशित कर सकते हैं।



💥💥
उजाले के इस त्योहार पर आपको यही पंक्तियां भेंट कर के एक छोटी सी कोशिश कर रहा हूं ताकि आपकी जिंदगी में इन चारों मोमबत्तीयों की रौशनी हमेशा फैली रहे |💥💥

शुभ दिपावली

😍तो समझो दीवाली है

😘कोई न हो निराश - तो समझो दीवाली है।
पूरी हो सबकी आस - तो समझो दीवाली है।
दिल-दिल से मिलके दीप जले, उसी रौशनी से,
हर घर में हो प्रकाश - तो समझो दीवाली है।

🌺मन में असंख्य सर्पों का ज़हर लिए हुए।
झूठी हँसी दिखाके दान करते हैं दीये।
मीठा न बोल पाए, जीवन में कभी जो,
फिरतें हैं वही हाथों में मिठाइयाँ लिए।
मिटे विरोधाभास - तो समझो दीवाली है।
पूरी हो सबकी आस - तो समझो दीवाली है।

🌞आँखों से बहे आँसू मगर मुस्कान में।
भूखा न सोये कोई कभी इस जहान में।
महलों की रौशनी को खुद छोड़ लक्ष्मी,
कहे झोपड़ी को आकर, चुपके से कान में।
मै आ गई तेरे पास - तो समझो दीवाली है।
पूरी हो सबकी आस - तो समझो दीवाली है।

🌺इंसानियत की बात, हर इंसान में रहे।
सत्मार्ग छोड़के, न कोई लोभ में बहे।
अब तक अलग-अलग रहे, पाए न कुछ भी हम,
मन के कपट भूला के यदि हर कोई कहे।
मुझे तुमपे है विश्वास - तो समझो दीवाली है।
पूरी हो सबकी आस - तो समझो दीवाली है।

🌹🌺🌹🌺
: 📣जमींन पे गिरी सिगरेट की राख बोली,
आज तेरी वजह से मेरी ये हालत हे,
कल मेरी वजह से तेरी ये हालत होगी..!
 📣माचिस किसी दूसरी चीज
को जलानेसे पहले खुद
को जलाती हैं..!
गुस्सा भी एक माचिस की तरह है..!
यह दुसरो को बरबाद करने से पहले
खुद को बरबाद करता है!!!
📣 आज का कठोर व कङवा सत्य !!

चार रिश्तेदार एक दिशा में
तब ही चलते हैं ,
जब पांचवा कंधे पर हो ।

 📣"कीचड़ में पैर फंस जाये तो नल के पास जाना चाहिए
मगर.........
नल को देखकर कीचड़ में नही जाना चाहिए,
इसी प्रकार..
जिन्दगी में बुरा समय आ जाये
तो....
पैसों का उपयोग करना चाहिए
मगर........
पैसों को देखकर बुरे रास्ते पर नही जाना चाहिए."

📣 रिश्तों की बगिया में एक रिश्ता नीम के पेड़ जैसा भी रखना;
 जो सीख भले ही कड़वी देता हो पर
तकलीफ में मरहम भी बनता है.
 ';परिवर्तन से डरना और संघर्ष से कतराना,
मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता है ।।

जीवन का सबसे बड़ा गुरु वक्त होता है,
क्योंकि जो वक्त सिखाता है वो कोई नहीं सीखा सकता..

: 📣जमींन पे गिरी सिगरेट की राख बोली,
आज तेरी वजह से मेरी ये हालत हे,
कल मेरी वजह से तेरी ये हालत होगी..!
 📣माचिस किसी दूसरी चीज
को जलानेसे पहले खुद
को जलाती हैं..!
गुस्सा भी एक माचिस की तरह है..!
यह दुसरो को बरबाद करने से पहले
खुद को बरबाद करता है!!!
📣 आज का कठोर व कङवा सत्य !!

चार रिश्तेदार एक दिशा में
तब ही चलते हैं ,
जब पांचवा कंधे पर हो ।

 📣"कीचड़ में पैर फंस जाये तो नल के पास जाना चाहिए
मगर.........
नल को देखकर कीचड़ में नही जाना चाहिए,
इसी प्रकार..
जिन्दगी में बुरा समय आ जाये
तो....
पैसों का उपयोग करना चाहिए
मगर........
पैसों को देखकर बुरे रास्ते पर नही जाना चाहिए."

📣 रिश्तों की बगिया में एक रिश्ता नीम के पेड़ जैसा भी रखना;
 जो सीख भले ही कड़वी देता हो पर
तकलीफ में मरहम भी बनता है.
 ';परिवर्तन से डरना और संघर्ष से कतराना,
मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता है ।।

जीवन का सबसे बड़ा गुरु वक्त होता है,
क्योंकि जो वक्त सिखाता है वो कोई नहीं सीखा सकता..

समंदर  सारे  शराब  होते  तो  सोचो  कितने  फसाद  होते,
हकीक़त हो जाते ख्वाब सारे तो  सोचो  कितने  फसाद  होते



किसी  के  दिल  में क्या  छुपा  है  बस  ये  खुदा ही  जानता  है  ,
दिल  अगर  बे नक़ाब  होते  तो  सोचो  कितने  फसाद  होते



थी  ख़ामोशी  फितरत  हमारी  तभी  तो   बरसों  निभा  गई  ,
अगर  हमारे  मुंह  में  भी  जवाब  होते  तो  सोचो  कितने  फसाद  होते



हम  अच्छे  थे  पर  लोगों  की  नज़र मे सदा  रहे  बुरे  ,
कहीं  हम  सच   में  खराब  होते  तो  सोचो  कितने  फसाद  होते  ||l


लव मैरिज स्पेशल

एक दिन ख़ुदा ने मुझसे कहा:- "मत कर इन्तज़ार इस जन्म में उसका, मिलना मुश्किल है..."

मैंने भी कह दिया:- "लेने दे मज़ा इन्तज़ार का, अगले जन्म में तो मुमकिन है..."

फिर ख़ुदा ने कहा:- "मत कर इतना प्यार, बहुत पछतायेगा..."

मुस्कुरा ☺ के मैंने कहा:- "देखते हैं तू कितना मुझे और तड़पायेगा..."

फिर ख़ुदा ने मुझसे कहा:- "भूल जा उसे, चल तुझे जन्नत की अप्सरा से मिलाता हूँ..."

मैंने कहा:- "आ नीचे, देख मेरे प्यार का मुस्कुराता चेहरा, तुझे जन्नत की अप्सरा भुलाता हूँ..."

ग़ुस्से में ख़ुदा ने कहा:- "मत भूल अपनी औक़ात, तू तो एक इन्सान है..."

हंस कर मैंने कहा:- "तो मिला दे मुझे मेरे प्यार से और साबित कर दे कि तू ही भगवान है..."



फिर ख़ुदा ने मेरी उससे शादी ही करवा दी...

सारा भूत उतर गया, सारी शायरी ही भुला दी...!

एक आदमी को पत्नी के साथ मारपीट करने के जुर्म में अदालत में पेश किया गया.

जज ने पति की जबानी पूरी घटना ध्यान से सुनी और भविष्य में अच्छा व्यवहार करने की चेतावनी देकर छोड़ दिया.

अगले ही दिन आदमी ने पत्नी को फिर मारा और फिर अदालत में पेश किया गया.

जज ने कड़क कर पूछा –
“तुम्हारी दुबारा ऐसा करने की हिम्मत कैसे हुई ?
अदालत को मजाक समझते हो ?”

आदमी ने अपनी सफाई में जज को बताया –
नहीं हुजूर, आप मेरी पूरी बात सुन लीजिए.
कल जब आपने मुझे छोड़ दिया तो अपने- आपको रिफ्रेश करने के लिए मैंने थोड़ी सी शराब पी ली. जब उससे कोई फर्क नहीं पड़ा तो थोड़ी-थोड़ी करके मैं पूरी बोतल
पी गया.
पीने के बाद जब मैं घर पहुंचा तो पत्नी चिल्ला कर बोली –
नालायक , आ गया नाली का पानी पीकर !”

हुजूर, मैंने चुपचाप सुन लिया, और कुछ नहीं कहा.

फिर वह बोली – “नीच, कुछ
काम धंधा भी किया कर या केवल पैसे बर्बाद करने का ही ठेका ले रखा है … !”

हुजूर, मैंने फिर भी कुछ नहीं कहा और सोने के लिए अपने कमरे में जाने लगा.

वह पीछे से फिर चिल्लाई – “अगर उस निकम्मे जज में थोड़ी सी भी अकल होती तो तू आज जेल में
होता … !!!”

बस हुजूर, अदालत की तौहीन मुझसे बर्दाश्त नहीं हुई ….और.....
👊👋👊👋👊👋👊👋👊👋👊👋👊👋👊.!!
😜😝😜😝😜😝😜😂

केस ख़ारिज..
पति बा'इज्ज़त बरी..
☺☺☺☺☺☺☺☺ 😜😛😌😂😂


Antonio Mascarenhas, an 80-year-old Goan from Aldona goes to a doctor for a check-up. The doctor is amazed at the shape the guy is in and asks, 'How do you stay in such great physical condition?'

'I'm Goan and I am a Cyclist,' says Antonio, 'and that's why I'm in such good shape. I'm up well before daylight and out Cycling up and down the highways. I have a glass of Caju Feni and all is well.'

'Well....' says the doctor, 'I'm sure that helps, but there's got to be more to it. How old was your Father when he died?'

'Who said my Father's dead?'

The doctor is amazed. 'You mean you're 80 years old and your Father's still alive. How old is he?'

'He's 102 years old,' says Antonio. 'he Cycled with me this morning, went to Anjuna beach for a walk, had a little feni and that's why he's still alive. Goan ....... Cyclist......

'Well....' the doctor says, 'that's great, but I'm sure there's more to it than that. How about your Father's Father? How old was he when he died?'

'Who said my Nonno's dead?'

Stunned, the doctor asks, 'you mean you're 80 years old and your grandfather's still living? Incredible!! How old is he?'

'He's 123 years old,' says the Old Goan Cyclist.

The doctor is getting frustrated at this point, 'So, I guess he went Cycling with you this morning too?'

'No, Nonno couldn't go this morning because he's getting married today.'

At this point, the doctor is close to losing it. 'Getting married? Why would a 123 year- old guy want to get married?'

'Who said he wanted to get married....? He had to !!!!!!!

......THE GIRL GOT PREGNANT!!'

MORAL: Never quit Cycling and Feni.


🏮चिंतनीय प्रसंग🏮

आज मंदिर में बहुत भीड़ थी,
एक लड़का दर्शन के लिए लगी लम्बी लाइन को कुतुहल से देखरहा था।
तभी पास में एक पंडित जी आ गए और बोले-"आज बहुत लम्बी कतार है, यूँ दर्शन न हो पाएंगे,
विशिष्ट व्यक्तियों के लिए विशेष व्यवस्था है, रु ५०१ दो में सीधे दर्शन करवा दूँगा !
"लड़का बोला-" रु ५००१ दूंगा, भगवान से कहो बाहर आकर मिल लें, कहना- मैं आया हूँ !
"पंडितजी बोले-" मजाक करते हो, भगवान भी कभी मंदिर से बाहर आते हैं क्या ? तुम हो कौन ?"
लड़का फिर बोला-" रु ५१००० दूंगा, उनसे कहो मुझ से मेरे घर पर आकर मिल ले !
"पंडितजी (सकपका गए और) बोले-"तुमने भगवान को समझ क्या रखा रखा है?

"लड़का बोला-" वही तो मैं बताना चाहता हूँ कि आपने भगवान को क्या समझ रखा है?????

सही लगे तो शेयर करें

🏮चिंतनीय प्रसंग🏮

आज मंदिर में बहुत भीड़ थी,
एक लड़का दर्शन के लिए लगी लम्बी लाइन को कुतुहल से देखरहा था।
तभी पास में एक पंडित जी आ गए और बोले-"आज बहुत लम्बी कतार है, यूँ दर्शन न हो पाएंगे,
विशिष्ट व्यक्तियों के लिए विशेष व्यवस्था है, रु ५०१ दो में सीधे दर्शन करवा दूँगा !
"लड़का बोला-" रु ५००१ दूंगा, भगवान से कहो बाहर आकर मिल लें, कहना- मैं आया हूँ !
"पंडितजी बोले-" मजाक करते हो, भगवान भी कभी मंदिर से बाहर आते हैं क्या ? तुम हो कौन ?"
लड़का फिर बोला-" रु ५१००० दूंगा, उनसे कहो मुझ से मेरे घर पर आकर मिल ले !
"पंडितजी (सकपका गए और) बोले-"तुमने भगवान को समझ क्या रखा रखा है?

"लड़का बोला-" वही तो मैं बताना चाहता हूँ कि आपने भगवान को क्या समझ रखा है?????

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Tuesday, November 10, 2015

CEO of Audi while justifying its high cost:

 "We have 12 airbags,
safety controls,
safety censors,
safety parking assistance, safe..."

Indian :
" U don't worry about safety.
We have Sai Baba and Ganpati bapa on the dashboard,
hanuman ji on rear view mirror,
Nimbu Mirch on bumper and
Maata ji ni Lal Chunri around steering..

Tu khali bhaav kam kar "
😜😝😝😅😂😂😂🙈😋😂


🙏ध्यान से सुनने वाली कथा🙏

🐚कर्मों का फल तो झेलना पड़ेगा 🐚

...
🌹एक दृष्टान्त:-

🌹भीष्म पितामह रणभूमि में
शरशैया पर पड़े थे।
हल्का सा भी हिलते तो शरीर में घुसे बाण भारी वेदना के साथ रक्त की पिचकारी सी छोड़ देते।

🌹ऐसी दशा में उनसे मिलने सभी आ जा रहे थे। श्री कृष्ण भी दर्शनार्थ आये। उनको देखकर भीष्म जोर से हँसे और कहा.... आइये जगन्नाथ।.. आप तो सर्व ज्ञाता हैं। सब जानते हैं, बताइए मैंने ऐसा क्या पाप किया था जिसका दंड इतना भयावह मिला?

🌹कृष्ण: पितामह! आपके पास वह शक्ति है, जिससे आप अपने पूर्व जन्म देख सकते हैं। आप स्वयं ही देख लेते।

🌹भीष्म: देवकी नंदन! मैं यहाँ अकेला पड़ा और कर ही क्या रहा हूँ? मैंने सब देख लिया ...अभी तक 100 जन्म देख चुका हूँ। मैंने उन 100 जन्मो में एक भी कर्म ऐसा नहीं किया जिसका परिणाम ये हो कि मेरा पूरा शरीर बिंधा पड़ा है, हर आने वाला क्षण ...और पीड़ा लेकर आता है।

🌹कृष्ण: पितामह ! आप एक भव और पीछे जाएँ, आपको उत्तर मिल जायेगा।

🌹भीष्म ने ध्यान लगाया और देखा कि 101 भव पूर्व वो एक नगर के राजा थे। ...एक मार्ग से अपनी सैनिकों की एक टुकड़ी के साथ कहीं जा रहे थे।
🌹एक सैनिक दौड़ता हुआ आया और बोला "राजन! मार्ग में एक सर्प पड़ा है। यदि हमारी टुकड़ी उसके ऊपर से गुजरी तो वह मर जायेगा।"

🌹भीष्म ने कहा " एक काम करो। उसे किसी लकड़ी में लपेट कर झाड़ियों में फेंक दो।"

🌹सैनिक ने वैसा ही किया।...उस सांप को एक लकड़ी में लपेटकर झाड़ियों में फेंक दिया।

🌹दुर्भाग्य से झाडी कंटीली थी। सांप उनमें फंस गया। जितना प्रयास उनसे निकलने का करता और अधिक फंस जाता।... कांटे उसकी देह में गड गए। खून रिसने लगा। धीरे धीरे वह मृत्यु के मुंह में जाने लगा।... 5-6 दिन की तड़प के बाद उसके प्राण निकल पाए।
....

🌹भीष्म: हे त्रिलोकी नाथ। आप जानते हैं कि मैंने जानबूझ कर ऐसा नहीं किया। अपितु मेरा उद्देश्य उस सर्प की रक्षा था। तब ये परिणाम क्यों?

🌹कृष्ण: तात श्री! हम जान बूझ कर क्रिया करें या अनजाने में ...किन्तु क्रिया तो हुई न। उसके प्राण तो गए ना।... ये विधि का विधान है कि जो क्रिया हम करते हैं उसका फल भोगना ही पड़ता है।.... आपका पुण्य इतना प्रबल था कि 101 भव उस पाप फल को उदित होने में लग गए। किन्तु अंततः वह हुआ।....

🌹जिस जीव को लोग जानबूझ कर मार रहे हैं... उसने जितनी पीड़ा सहन की.. वह उस जीव (आत्मा) को इसी जन्म अथवा अन्य किसी जन्म में अवश्य भोगनी होगी।



🙏अतः हर दैनिक क्रिया सावधानी पूर्वक करें।.🙏

🐚कर्मों का फल तो झेलना पड़ेगा 🐚

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एक बार एक शहरी परिवार मेले मेँ घुमने



गया, मेले मेँ 1 घंटे तक घुमे,

कि

अचानक उनका बेटा मेले मेँ खो गया,

दोनो पति-पत्नी

उसे मेले मेँ बहुत ढ़ुढ़तेहै,



लेकिन लङका नही मिलता…



लङके कि माँ

जोर-जोर से रोने लगती है,



बाद मेँ पुलिस को सुचना देतेहै,



आधे घण्टे बाद

लङका मिल जाता है,

लङके के मिलते ही उसका पति

गाँव का टिकिट लेकर आता है,    

और वो सब बस

मेँ बेठ कर गाँव रवाना हो जाते है,



तभी पत्नी ने पुछा: हम गाँव

क्यो जा रहे हैं?

अपने घर नही जाना है क्या…?



तभी उसका पति बोला:

“तु तेरी औलाद

के बिना आधा घण्टा नही रह सकती,



तो मेरी माँ

गाँव मेँ पिछले 10 साल से

मेरे बिना कैसे जी रही होगी..??



माँ-बाप का दिल दु:खाकर

आजतक कोई

सुखी नही हुआ.



कदर करनी है,

तो जीतेजी करो,

जनाजा उठाते वक़्त तो

नफरत करने वाले भी रो पड़ते हैं।।।।।।



प्लीज

सही लगे तो

सभी दोस्तो को जरुर भेजना ,

माँ–



माँ तो जन्नत का फूल है ,

प्यार करना उसका उसूल है ,

दुनिया की मोह्ब्बत फिजूल है ,

माँ की हर दुआ कबूल है,

माँ को नाराज करना इंसान तेरी भूल है,

माँ के कदमो की मिट्टी ,

जन्नत की धूल है ,

अगर अपनी माँ से है प्यार ,

तो अपने सभी दोस्तो को सेन्ड करे।।

वरना

ये मेसेज आपके लिये फिजूल है।।