Saturday, November 14, 2015

Beautiful Poem

कोशिश कर, हल निकलेगा । आज नहीं तो, कल निकलेगा ।।

अर्जुन सा लक्ष्य रख, निशाना लगा । मरुस्थल से भी फिर, जल निकलेगा ।।

मेहनत कर, पौधों को पानी दे । बंजर में भी फिर, फल निकलेगा ।।

ताक़त जुटा, हिम्मत को आग दे । फौलाद का भी, बल निकलेगा ।।

सीने में उम्मीदों को, ज़िंदा रख । समन्दर से भी, गंगाजल निकलेगा ।।

कोशिशें जारी रख, कुछ कर ग़ुज़रने की । जो कुछ थमा-थमा है, चल निकलेगा ।।

कोशिश कर, हल निकलेगा । आज नहीं तो, कल निकलगा ।।
      🌻🌻गुड मॉर्निंग 🌻🌻


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