हर तरफ़ हर जगह ....
बेशुमार आदमी
फिर भी तनहाइयों का....
शिकार आदमी ।
सुबह से शाम तक......
बोझ ढोता हुआ
अपनी ही लाश का.......
खुद मज़ार आदमी ।
.....हर तरफ़......
भागते-दौड़ते रास्ते....!
.....हर तरफ़.....
आदमी का....शिकार आदमी ।
रोज़ जीता हुआ.......
.......रोज़ मरता हुआ
हर नए दिन......
...... नया इन्तिज़ार आदमी ।
ज़िंदगी का मुकद्दर .......
......सफ़र-दर-सफ़र .....
आख़िरी साँस तक....
बेक़रार आदमी.....!!
बेशुमार आदमी
फिर भी तनहाइयों का....
शिकार आदमी ।
सुबह से शाम तक......
बोझ ढोता हुआ
अपनी ही लाश का.......
खुद मज़ार आदमी ।
.....हर तरफ़......
भागते-दौड़ते रास्ते....!
.....हर तरफ़.....
आदमी का....शिकार आदमी ।
रोज़ जीता हुआ.......
.......रोज़ मरता हुआ
हर नए दिन......
...... नया इन्तिज़ार आदमी ।
ज़िंदगी का मुकद्दर .......
......सफ़र-दर-सफ़र .....
आख़िरी साँस तक....
बेक़रार आदमी.....!!
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