इक वक़्त बीता, सब अच्छा हुआ करता था,
दिल तो #बच्चा था, मगर #सच्चा हुआ करता था...
हर पल खुशी के नाम था यारों,
ना कोई #गम हुआ करता था...
ख्बाहिशें हुआ जो करती थी #दिल की,
वो सपना हर अपना सच हुआ करता था...
क्या हुआ कहाँ खो गया वो जहां
बीता #बचपन जहाँ अपना गम विहीन हुआ करता था...
थक कर सो जाते थे कहीं पर भी मगर,
#उजाला आँखों का #बिस्तर पर हुआ करता था..
लगती थी #चोट हमको कभी भी ,
छुपाने को #दर्द एक आँचल माँ का हुआ करता था...
दिल तो #बच्चा था, मगर #सच्चा हुआ करता था...
हर पल खुशी के नाम था यारों,
ना कोई #गम हुआ करता था...
ख्बाहिशें हुआ जो करती थी #दिल की,
वो सपना हर अपना सच हुआ करता था...
क्या हुआ कहाँ खो गया वो जहां
बीता #बचपन जहाँ अपना गम विहीन हुआ करता था...
थक कर सो जाते थे कहीं पर भी मगर,
#उजाला आँखों का #बिस्तर पर हुआ करता था..
लगती थी #चोट हमको कभी भी ,
छुपाने को #दर्द एक आँचल माँ का हुआ करता था...
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