Wednesday, January 27, 2016

हमें तुम से प्यार कितना, ये हम नहीं जानते
मगर जी नहीं सकते, तुम्हारे बिना

सुना गम जुदाई का उठाते हैं लोग
जाने जिन्दगी कैसे बिताते हैं लोग
दिन भी यहाँ तो लगे बरस के समान
हमें इंतज़ार कितना ये हम नहीं जानते
मगर जी नहीं सकते, तुम्हारे बिना

तुम्हें कोई और देखे तो जलता है दिल
बड़ी मुश्किलों से फिर संभलता है दिल
क्या, क्या जतन करते हैं तुम्हे क्या पता
ये दिल बेकरार कितना ये हम नहीं जानते
मगर जी नहीं सकते, तुम्हारे बिना

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