एक डॉक्टर शायरी के मूड में था,
अब देखिये उसने दवाईयां कैसे
समझाया अपने मरीज को।
दिल बहला के मोहब्बत को न धमाल करें,
सीरप को अच्छी तरह हिला के इस्तेमाल करें।
दिल मेरा टुट गया उठी जब उसकी डोली,
सुबह, दोपहर, शाम बस एक – एक गोली।
लौट आओ कि मोहब्बत का सुरूर चखे,
तमाम दवाईयां बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
दिल मेरा इश्क करने पर रजामंद रहेगा,
इतवार के दिन अस्पताल बंद रहेगा।
अब देखिये उसने दवाईयां कैसे
समझाया अपने मरीज को।
दिल बहला के मोहब्बत को न धमाल करें,
सीरप को अच्छी तरह हिला के इस्तेमाल करें।
दिल मेरा टुट गया उठी जब उसकी डोली,
सुबह, दोपहर, शाम बस एक – एक गोली।
लौट आओ कि मोहब्बत का सुरूर चखे,
तमाम दवाईयां बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
दिल मेरा इश्क करने पर रजामंद रहेगा,
इतवार के दिन अस्पताल बंद रहेगा।
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