Monday, January 25, 2021

 "एकाग्रता कैसे बढ़ाए " 


🔰सवाल : नमस्ते दीदी 😊 म कॉम्पीटिशन का एग्जाम दे रही हु लेकिन मै कभी कभी बहुत इस बात को लेकर नर्वस हो जाती हु..की कभी कभी ध्यान भटक जाता हैं : मेरी तैयारी भी अच्छी होते हुए भी.. मै पेपर देते समय कुछ आता हुआ भी गलत कर देती हु कुछ उपाय बताये क्या करना चाहिए..... मै जब से राजयोग मैडिटेशन ग्रुप ज्वाइन किया हैं तब से मेरे मै बहुत कुछ सुधार आया हैं.. और मै अब सकरात्मक रह पाती हु और सोच पाती हु....🙏🙏  💞✍️✍️🌹


 

जवाब : Student को पढ़ाई करने के लिए मंन बुद्धि का उपयोग करना होता है। तो सबसे पहले मन क्या चीज है बुद्धि क्या चीज है और उनका कार्य क्या है शरीर में कौन सी जगह पर रहती है यह जानना बहुत जरूरी।


मन और बुद्धि आत्मा की शक्ति आत्मा दोनों आंखों के बीच  भ्रुकुटी में रहती है। हम कहते हैं कि मेरा मन है,तो में आत्मा मन, बुद्धि  की मालिक हूं। अगर मालिक अपने सीट से कर्मचारी को आर्डर करें कुछ काम दे तो करना पड़ता है।मालिक अपने सीट से कर्मचारी को आर्डर करें कुछ काम दे तो करना पड़ता है।मालिक अपने सीट से कर्मचारी को आर्डर करें कुछ काम दे तो करना पड़ता है। तो इसी प्रकार से यह मन बुद्धि आत्मा के कहने पर आर्डर पर कार्य करती रहती है। लेकिन हम यह भूल जाने के कारण हमें पता नहीं था कि हम आत्मा मन के  मालिक होते हुए भी मन के गुलाम हो गए है।



मन भटकता है मन लगता नहीं मन मानता नहीं क्योंकि हम मालिक पन को भूल गए। तो मैं आत्मा मालिक हूं इस स्मृति की सीट पर सेट होना है 



भ्रुकुटी आसन पर आत्मा इस देह की मालिक है कर्मेंद्रियों की मालिक है ,और मन बुद्धि की मालिक है। और 


मैं आत्मा महान आत्मा हू सर्वश्रेष्ठ आत्मा हूं सर्वशक्तिमान  पिता की संतान मास्टर सर्वशक्तिमान आत्मा इस ग्रुप भ्रुकुटी  के मध्य में सीट के आसन पर बैठ कर के मन बुद्धि को हम जब आर्डर करते हैं कि हे मन अब तुम्हारा भटकना बंद करो और मन को उस परमात्मा  पिता ज्योति बिंदु को याद करो । 



क्योंकि उनके साथ हमारा सर्व संबंधों का नाता है मात-पिता, टीचर, साथी और साजन का संबंध है। और संबंध  के आधार पर हमें प्राप्ति भी बहुत होती है। सुख शांति प्रेम आनंद, और ज्ञान की प्राप्ति होती है। मन का यह स्वभाव है कि जहां संबंध है और जहां पर प्राप्ति है वहीं पर जाता है।मन की कंट्रोलर बुद्धि है बुद्धि को परमात्मा की याद में एकाग्र करने से मन का भटकना शांत हो जाता है।


पढ़ाई पढ़ने के लिए मन बुद्धि की एकाग्रता बहुत जरूरी है एकाग्रता आने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ विधि है। मेडिटेशन जब  भी आप पढ़ाई पढ़ने बैठेंगे तो पहले 2 मिनट मन बुद्धि को उस परमात्मा पिता की याद में एकाग्र करना  है  एकाग्र होने के बाद आप जितना समय चाहे  उतना समय पढ़ाई पढ़ सकते हैं। और पढ़ा हुआ एकाग्र बुद्धि में बैठ जाता है।


✅एग्जाम देते समय शुरुआत में और बीच-बीच में 1 मिनट का अभ्यास करते रहे तो मन बुद्धि की एकाग्रता रहेगी किसी भी बात का टेंशन भय से मुक्त रहेंगे।


 मन की अवस्था एक रस अचल अडोल रहेगी। मन में हलचल होने से भयभीत होकर जो आता है वह भी भूल जाते हैं। इसीलिए यह अभ्यास आपको बहुत मदद करेगा इसको हम मेडिटेशन करते हैं।


🔰अभ्यास इस तरह से करें👇


मैं आत्मा ज्योति 🌟 सवरूप बिंदु 💫रप लाइट भृकुटी के बीच में विराजमान है मैं इस देह की मालिक हूं सभी कर्मेंद्रियों की मालिक और मन बुद्धि की मालिक हूं मैं  मास्टर सर्वशक्तिमान हूं। ऊपर से महाज्योति सर्वशक्तिमान की किरने मुझ आत्मा पर आ रही है, मन शांत और बुद्धि एकाग्र हो रही है। अनुभव करें बुद्धि के नेत्र से देखे।


नोट: जिन भाई बहनों ने राजयोग मेडिटेशन कोर्स नहीं किया है उन्हे नए ग्रुप का लिंक जल्द शेयर किया जाएगा यही पर , तब आप जुड़ सकते है।

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