Monday, January 25, 2021

 *क्या भगवान हमें देख रहे है ?*

हमारे घर के पास एक डेरी वाला है. वह
डेरी वाला एसा है कि आधा किलो घी में
अगर घी 50२ ग्राम तुल गया तो 2 ग्राम
घी निकाल लेता था।
एक बार मैं आधा किलो घी लेने गया. उसने मुझे 90 रूपय ज्यादा दे दिये ।
मैंने कुछ देर सोचा और पैसे लेकर
निकल लिया। मैंने मन में सोचा कि
2-2 ग्राम से तूने जितना बचाया था
बच्चू अब एक ही दिन में निकल गया।
मैंने घर आकर अपनी गृहल्क्षमी को
कुछ नहीं बताया और घी दे दिया।
उसने जैसे ही घी डब्बे में पलटा आधा
घी बिखर गया, मुझे झट से “बेटा चोरी
का माल मोरी में” वाली कहावत याद
आ गयी, और साहब यकीन मानीये वो
घी किचन की सिंक में ही गिरा था।
इस वाकये को कई महीने बीत गये थे। परसों शाम को मैं वेज रोल लेने गया,
उसने भी मुझे सत्तर रूपय ज्याद दे
दिये, मैंने मन ही मन सोचा चलो बेटा
आज फिर चैक करते हैं की क्या वाकई भगवान हमें देखता है। मैंने रोल पैक
कराये और पैसे लेकर निकल लिया।
आश्चर्य तब हुआ जब एक रोल
अचानक रास्ते में ही गिर गया,
घर पहुँचा, बचा हुआ रोल टेबल
पर रखा, जूस निकालने के लिये
अपना मनपसंद काँच का गिलास
उठाया… अरे यह क्या गिलास
हाथ से फिसल कर टूट गया।
मैंने हिसाब लगाय करीब - करीब
सत्तर में से साठ रूपय का नुकसान
हो चुका था, मैं बडा आश्चर्यचकित
था।
और अब सुनिये ये भगवान तो मेरे
पीछे ही पड गया जब कल शाम को सुभिक्षा वाले ने मुझे तीस रूपये
ज्याद दे दिये। मैंने अपनी धर्म-पत्नी
से पूछा क्या कहती हो एक ट्राई और
मारें।
उन्होने मुस्कुराते हुये कहा – जी नहीं,
और हमने पैसे वापस कर दिये। बाहर आकर हमारी धर्म-पत्नी जी ने कहा–
वैसे एक ट्राई और मारनी चाहिये थी।
कहना था कि उन्हें एक ठोकर लगी
और वह गिरते-गिरते बचीं।
मैं सोच में पड गया कि क्या वाकई
भगवान हमें देख रहा है।
हाँ भगवान हमें हर पल हर क्षण देख
रहा है, हम बहुत सी जगह पोस्टर
लगे देखते हैं आप कैमरे की नजर में
हैं। पर याद रखना हम हर क्षण पल
प्रतिपल उसकी नजर में हैं।
*वो हर पल गलत कार्य करने से पहले*
*और बाद में भी हमें आगाह करता है।*
*लेकिन यह समझना न समझना हमारे*
*विवेक पर निर्भर करता है*

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