Monday, January 25, 2021

 जीवन में सच्ची खुशी पानी है तो एक लक्ष्य बनाइये, और उस लक्ष्य की प्राप्ति में रात दिन एक कर दीजिए। दिल-दिमाग का किसी एक काम में लग जाना एक वरदान है, जो बहुत कम लोगों को नसीब होता है।


सुख-दुख, राग, द्वेष, लज्जा, जीत, हार ये सब state of mind हैं,आपके मन का भ्रम। आप चाहें तो इन सारे emotions से affected हुए बिना अपना जीवन जी सकते हैं, बड़े आराम से।


आप परोपकार करें या ना करें, स्वयं के लिए जियें, या समाज के लिए जियें, इससे कुछ फर्क नही पड़ता। बस आपको इतना ध्यान रखना है कि आप किसी पर बोझ ना बने।


दूसरे क्या कहेंगे, क्या सोचेंगे, ये सोचने में अपना वक़्त बिल्कुल ना बर्बाद करें। दूसरे लोग खुद के जीवन में इतना उलझे हुए हैं कि उनको आपके बारे में सोचने की फुरसत नहीं।


स्वयं को स्वस्थ रखना एक ऐसी चुनौती है, जिसको आपको सहर्ष स्वीकार करना चाहिए।


या तो आप खुद के boss बनिये, नही तो आपको किसी दूसरे का ग़ुलाम बनना पड़ेगा।


कम से कम 4–5 source of income रखिये। किसी एक source पर dependant होना अनिश्चिता को बढ़ावा देना है।

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