था जुदा सब का रास्ता सबसे
जैसे नाराज़ हो ख़ुदा सबसे ।
दूर होता नहीं अकेलापन
कौन था जो बिछड़ गया सबसे ।
हाँ, कोई था जो कह रहा था कुछ
हाँ, मुख़ातिब थी इक सदा सबसे ।
किस क़दर फ़िक्र थी उसे अपनी
उसने इक-इक नफ़स लिया सबसे ।
दम घुटा जा रहा है इक इक का
बच के चलने लगी हवा सबसे ।
सच को ज़ाया न कर सलीबों पर
ख़ुद को महफ़ूज़ रख, छुपा सबसे ।।
हमने चाहा तुम्हें बदल देंगे
क्या पता था के आप अज़ल देंगे ।
आरजू के ये शजर सारे
तुझको फूल देंगे, ना फल देंगे ।
रौशनी के हमस़फ़र हैं सभी
देख अंधेरा राह बदल देंगे ।
यूं मेरी चाहत का ना करो शिकवा
हम उड़ती ख्वाहिशें कुचल देंगे ।
ना हटके चलो तुम कीचड से
तुम्हें ये मुस्कुराते हुए कंवल देंगे ।।
जैसे नाराज़ हो ख़ुदा सबसे ।
दूर होता नहीं अकेलापन
कौन था जो बिछड़ गया सबसे ।
हाँ, कोई था जो कह रहा था कुछ
हाँ, मुख़ातिब थी इक सदा सबसे ।
किस क़दर फ़िक्र थी उसे अपनी
उसने इक-इक नफ़स लिया सबसे ।
दम घुटा जा रहा है इक इक का
बच के चलने लगी हवा सबसे ।
सच को ज़ाया न कर सलीबों पर
ख़ुद को महफ़ूज़ रख, छुपा सबसे ।।
हमने चाहा तुम्हें बदल देंगे
क्या पता था के आप अज़ल देंगे ।
आरजू के ये शजर सारे
तुझको फूल देंगे, ना फल देंगे ।
रौशनी के हमस़फ़र हैं सभी
देख अंधेरा राह बदल देंगे ।
यूं मेरी चाहत का ना करो शिकवा
हम उड़ती ख्वाहिशें कुचल देंगे ।
ना हटके चलो तुम कीचड से
तुम्हें ये मुस्कुराते हुए कंवल देंगे ।।
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