Saturday, August 20, 2016

सब लोग पूछते हैं,मुझे तुम से प्यार क्यों है !
दिन रात उस अजीज का मुझे इंतजार क्यों है!!

कहते हो पास ही है, दिखता कहीं नहीं है !
मिलने को दिल तुम्हारा फिर बेकरार क्यों है!!

दुनिया हसीन है,हर चीज है सुहानी ,
सबसे अलग तुम्हारा ,वह नसीबेयार क्यों है !!

वह नूर है तो केवल ,खुदअपनी ही नजर का,
दुनिया को क्या बताये,सपनो का हार क्यों है !!

तू फूल है तो केवल ,अपनी आराधना का,
खुशबू से कौन पूछे ,वह गुलबहार क्यों है !!

हर फूल हर कली मे ,हसताँ है खिल खिला के,
तेरी ही न्यामतों पर ये जाँ निशांर क्यों है!!

मुस्किल है कुछ बताना ,बिहवल लगन लगी की,
मैं तेरा प्यार क्यों हूं, तू मेरा यार क्यों है!!

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