Sunday, October 25, 2015

आपके पास मारुति हो या बीएमडब्ल्यू - सड़क वही रहेगी |

आप टाइटन पहने या रोलेक्स - समय वही रहेगा |

आपके पास मोबाइल एप्पल का हो या सेमसंग - आपको कॉल करने वाले लोग नहीं बदलेंगे |

आप इकॉनामी क्लास में सफर करें या बिज़नस में - आपका समय तो उतना ही लगेगा |

आवश्यकताएँ पूरी हो सकती है, तृष्णा नहीं |

एक सत्य ये भी है कि धनवानो का आधा धन तो ये जताने में चला जाता है की वे भी धनवान हैं |

कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है....
पर रोटी की साईज़ सब घर में एक जैसी ही होती है।
      👌 शानदार बात👌




 👌"नाम" और "बदनाम"
में क्या फर्क है ?
"नाम" खुद कमाना पड़ता है ,
और "बदनामी" लोग आपको
कमा के देते हैं!
"जरूरी नही कि जिनमे सांसें नही वो ही मुर्दा है..
जिनमे इंसानियत नही है, वो भी तो मुर्दा ही है....
देश कुछ इस तरह भी बदलने लगा है कि....
लोग गाय चराने में "शर्म"और...
कुत्ता घुमाने में "गर्व"करने लगे हैं...!!!🙏🙏🚩🚩👈👈👈👈


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