आँखों मे प्यास हुआ करती थी... दिल में तुफान उठा करते थे..।
लोग आते थे गज़ल सुनने को... हम तेरी बात किया करते थे..।
सच समझते थे सब सपनो को.. रात दिन घर में रहा करते थे..।
किसी विराने में तुझसे मिलकर... दिल में क्या फुल खिला करते थे..।
घर की दिवार सजाने की खातिर .. हम तेरा नाम लिखा करते थे..।
कल तुझ को देखकर याद आया... हम भी महोब्बत किया करते थे...।
हम भी महोब्बत किया करते थे...
लोग आते थे गज़ल सुनने को... हम तेरी बात किया करते थे..।
सच समझते थे सब सपनो को.. रात दिन घर में रहा करते थे..।
किसी विराने में तुझसे मिलकर... दिल में क्या फुल खिला करते थे..।
घर की दिवार सजाने की खातिर .. हम तेरा नाम लिखा करते थे..।
कल तुझ को देखकर याद आया... हम भी महोब्बत किया करते थे...।
हम भी महोब्बत किया करते थे...
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