पहली नमस्ते परमात्मा को, जिन्होंने हमें बनाया है".
"दूसरी नमस्ते माता पिता को, जिन्होंने हमें अपनी गोद में खिलाया है".
"तीसरी नमस्ते ऋषि-मुनियों को, जिन्होंने हमको वेद और ज्ञान सिखाया है".
"चौथी और सबसे महत्वपूर्ण नमस्ते "आपको", "जिन्होंने हमें अपने साथ जुड़े रहने लायक बनाया है"
सुबह की "चाय" और बड़ों की "राय"
समय-समय पर लेते रहना चाहिए.....
पानी के बिना नदी बेकार है,
अतिथि के बिना आँगन बेकार है,
प्रेम न हो तो सगे-सम्बन्धी बेकार है,
पैसा न हो तो पाकेट बेकार है,
और जीवन में गुरु न हो
तो जीवन बेकार है,,
इसलिए जीवन में
" गुरू " जरुरी है.. " गुरुर " नहीं...
🙏🏻
"दूसरी नमस्ते माता पिता को, जिन्होंने हमें अपनी गोद में खिलाया है".
"तीसरी नमस्ते ऋषि-मुनियों को, जिन्होंने हमको वेद और ज्ञान सिखाया है".
"चौथी और सबसे महत्वपूर्ण नमस्ते "आपको", "जिन्होंने हमें अपने साथ जुड़े रहने लायक बनाया है"
सुबह की "चाय" और बड़ों की "राय"
समय-समय पर लेते रहना चाहिए.....
पानी के बिना नदी बेकार है,
अतिथि के बिना आँगन बेकार है,
प्रेम न हो तो सगे-सम्बन्धी बेकार है,
पैसा न हो तो पाकेट बेकार है,
और जीवन में गुरु न हो
तो जीवन बेकार है,,
इसलिए जीवन में
" गुरू " जरुरी है.. " गुरुर " नहीं...
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