अक्षय तृतीया पर्व 🙏✍👇
जो इस वर्ष 9May
को है उसका महत्व क्यों है जानिए कुछ महत्वपुर्ण जानकारी
अक्षय तृतीय को आका तीज भी कहते हे
👉 इस दिन प्रथम तीथंकर भगवान ऋषभ देव का इक्षु रस यानि गन्ने के रस से आहार हुआ था
👉 आज के दिन से ही दान देने की परम्परा चालु हुई थी
👉 आज के दिन सन्त और भक्त का मिलन हुआ था
-🙏 आज ही के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था ।
🙏-महर्षी परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था ।
🙏-माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था
🙏-द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था ।
🙏- कृष्ण और सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था ।
🙏- कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था ।
🙏-सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था ।
🙏-ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था ।
🙏- प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है ।
🙏- बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री विग्रह चरण के दर्शन होते है अन्यथा साल भर वो बस्त्र से ढके रहते है ।
🙏- इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था ।
🙏- अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है
ॐ नमः सबको क्षमा सबसे क्षमा ॐ नमः🙏
जो इस वर्ष 9May
को है उसका महत्व क्यों है जानिए कुछ महत्वपुर्ण जानकारी
अक्षय तृतीय को आका तीज भी कहते हे
👉 इस दिन प्रथम तीथंकर भगवान ऋषभ देव का इक्षु रस यानि गन्ने के रस से आहार हुआ था
👉 आज के दिन से ही दान देने की परम्परा चालु हुई थी
👉 आज के दिन सन्त और भक्त का मिलन हुआ था
-🙏 आज ही के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था ।
🙏-महर्षी परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था ।
🙏-माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था
🙏-द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था ।
🙏- कृष्ण और सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था ।
🙏- कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था ।
🙏-सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था ।
🙏-ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था ।
🙏- प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है ।
🙏- बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री विग्रह चरण के दर्शन होते है अन्यथा साल भर वो बस्त्र से ढके रहते है ।
🙏- इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था ।
🙏- अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है
ॐ नमः सबको क्षमा सबसे क्षमा ॐ नमः🙏
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