Tuesday, May 31, 2016

मैं तुमसे बेहतर लिखता हूँ,
पर जज्बात तुम्हारे अच्छे हैं!

मैं तुमसे बेहतर दिखता हूँ,
पर अदा तुम्हारी अच्छी हैं!

मैं खुश हरदम रहता हूँ,
पर मुस्कान तुम्हारी अच्छी हैं!

मैं अपने उसूलों पर चलता हूँ,
पर ज़िद तुम्हारी अच्छी हैं!

मैं एक बेहतर शख्सियत हूँ,
पर सीरत तुम्हारी अच्छी हैं!

मैं आसमान की चाह रखता हूँ,
पर उड़ानें तुम्हारी अच्छी हैं!

मैं तुमसे बहुत बहस करता हूँ,
पर दलीलें तुम्हारी अच्छी हैं!

मैं तुमसे बेहतर गाता हूँ,
पर धुन तुम्हारी अच्छी हैं!

मैं गज़ल खूब कहता हूँ,
पर तकरीर तुम्हारी अच्छी हैं!

मैं कितना भी कुछ कहता रहूँ,
पर हर बात तुम्हारी अच्छी हैं!
🌹🌹🌹प्यारे दोस्तों 🙏🙏🙏🙏🙏


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