Saturday, May 14, 2016

एक पिता ने अपने बेटे को दो-तीन झापड़ रसीद कर दिए,
👋🏻👋🏻👋🏻👋🏻
थोड़ी देर बाद प्यार से सॉरी बोल दिया।
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बेटा - डैड, एक कागज लो, उसे मोड़ो, रोल बनाओ। वापस उस कागज को खोलो और देखो क्या वह पहले जैसा ही कड़क है
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पिता - नहीं 🤔🤔
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बेटा - सही कहा, रिश्ते भी ऐसे ही होते हैं। सॉरी से काम नहीं चलता।
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पिता - बेटा बाहर मेरा स्कूटर खड़ा है। जाओ और उस पर एक किक मारो। बताओ क्या वह स्टार्ट हुआ।
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बेटा - नहीं हुआ।😤😤
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पिता - अब तीन-चार किक मारो।

बेटा - स्टार्ट हो गया। 😃😃
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पिता - तू भी वही स्कूटर है, कागज नहीं।
ज्ञान मत दे मुझे!
😎😎

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