"ज़िन्दगी में खुद को कभी
किसी इंसान का आदी मत बनाना.....
…क्यूंकि इंसान बहुत खुदगर्ज है...
जब आपको पसंद करता है....
आपकी बुराई भूल जाता है.
.....और जब आपसे नफरत करता है
तो आपकी अच्छाई भूल जाता है..."
हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये..
जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन सके....
आग लगी थी मेरे घर को,
किसी सच्चे दोस्त ने पूछा, "क्या बचा है ?"
मैने कहा, "मैं बच गया हूँ."
उसने हँस कर कहा, "फिर जला ही क्या है.."
ज़िन्दगी मे जो भी हासिल करना हो...
उसे वक्त पर हासिल करो.....
क्योंकि.....
ज़िन्दगी मौके कम
और.....
धोखे ज्यादा देती है..।
"क्यों घबराता है पगले दुख होने से,
किसी इंसान का आदी मत बनाना.....
…क्यूंकि इंसान बहुत खुदगर्ज है...
जब आपको पसंद करता है....
आपकी बुराई भूल जाता है.
.....और जब आपसे नफरत करता है
तो आपकी अच्छाई भूल जाता है..."
हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये..
जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन सके....
आग लगी थी मेरे घर को,
किसी सच्चे दोस्त ने पूछा, "क्या बचा है ?"
मैने कहा, "मैं बच गया हूँ."
उसने हँस कर कहा, "फिर जला ही क्या है.."
ज़िन्दगी मे जो भी हासिल करना हो...
उसे वक्त पर हासिल करो.....
क्योंकि.....
ज़िन्दगी मौके कम
और.....
धोखे ज्यादा देती है..।
"क्यों घबराता है पगले दुख होने से,
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