विष्णु जी और लक्ष्मीजी संवाद :-
लक्ष्मी जी : सारा संसार पैसे (मेरे) से चल रहा है, अगर मैं नहीं तो कुछ नहीं.,
विष्णु जी (मुस्कुरा के) :- सिद्ध करके दिखाओ.?
लक्ष्मी जी ने पृथ्वी पर एक शवयात्रा का दृश्य दिखाया - जिसमे लोग शव पर पैसा फेंक रहे थे, कुछ लोग उस पैसे को लूट रहे थे, तो कुछ बटोर रहे थे, तो कोई छीन रहा था।
लक्ष्मी जी :- देखा ..... कितनी कीमत है पैसों की..?
विष्णु जी:- परन्तु लाश नहीं उठी पैसे उठाने के लिए.?
लक्ष्मी जी:- अरे, लाश कैसे उठेगी वो तो मरी हुई है... बेजान है।
तब विष्णु जी ने बड़ा खूबसूरत जवाब दिया, बोले :-
जब तक मैं (प्राण) शरीर में हूं.. तब तक ही तेरी कीमत है।
और जैसे ही मैं शरीर से निकला.. तुम्हारी कोई कीमत नहीं है।।
🌹🙏🙏🌹 👌👌.
लक्ष्मी जी : सारा संसार पैसे (मेरे) से चल रहा है, अगर मैं नहीं तो कुछ नहीं.,
विष्णु जी (मुस्कुरा के) :- सिद्ध करके दिखाओ.?
लक्ष्मी जी ने पृथ्वी पर एक शवयात्रा का दृश्य दिखाया - जिसमे लोग शव पर पैसा फेंक रहे थे, कुछ लोग उस पैसे को लूट रहे थे, तो कुछ बटोर रहे थे, तो कोई छीन रहा था।
लक्ष्मी जी :- देखा ..... कितनी कीमत है पैसों की..?
विष्णु जी:- परन्तु लाश नहीं उठी पैसे उठाने के लिए.?
लक्ष्मी जी:- अरे, लाश कैसे उठेगी वो तो मरी हुई है... बेजान है।
तब विष्णु जी ने बड़ा खूबसूरत जवाब दिया, बोले :-
जब तक मैं (प्राण) शरीर में हूं.. तब तक ही तेरी कीमत है।
और जैसे ही मैं शरीर से निकला.. तुम्हारी कोई कीमत नहीं है।।
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