Friday, February 20, 2015

यूँ तो सब कुछ ठीक है, मुझसे खफा कोई नही
पर मेरे एहसास में तेरे सिवा कोई नहीं

याद फिर भी तू ही आता है मुझे हर मोड़ पर
जानता हूँ तुझसे मेरा वास्ता कोई नहीं

इसलिऐ ख़मोश रहकर उम्र पूरी काट दी
ज़िन्दगी तुझसे बहस का फायदा कोई नहीं

दोस्तों की बात है, किससे कहूँ और क्या कहूँ
फोन तो आए गए, आया गया कोई नहीं

ये नशा रफ्तार का जाने कहाँ ले जाऐगा
आदमी को पीछे मुडके देखता कोई नहीं

हमने भी किस नस्ल के दीपक न जाने चुन लिए
सब धुआँ देते रहे लेकिन जला कोई नहीं

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