कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ।
वो तो अपनी एक आदत को भी ना बदल सकी अये दोस्तों,
जाने क्यूँ मैंने उसके खातिर अपनी जिंदगी बदल डाली..
कुछ बूंदे पानी की ना जाने कब से रुकी हैं पलकों पे,
ना ही कुछ कह पाती हैं और ना बह पाती हैं..
वो सो जाते हैं अक्सर हमें याद किये बगैर , हमें नींद नहीं आती उनसे बात किये बगैर , कसूर उनका नहीं कसूर तो हमारा है , उन्हें चाहा भी तो हमने उनकी इजाजत के बगैर ..
: कब मिल जाए किसी को मंज़िल ये मालूम नहीं,
इंसान के चेहरे पे उसका नसीब लिखा नहीं होता..
दो हाथ से हम पचास लोगों को नही मार सकते,
पर दो हाथ जोङ कर हम करोङो लोगों का दिल जीत सकते है..
कभी इनका हुआ हूं मैं, कभी उनका हुआ हूं मैं ,
खुद के लिए कोशिश नहीं की , मगर सबका हुआ हूं मैं
मेरी हस्ती बहुत छोटी, मेरा रुतबा नहीं कुछ भी,
लेकिन डूबते के लिए, सदा तिनका हुआ हूं मैं..
वो तो अपनी एक आदत को भी ना बदल सकी अये दोस्तों,
जाने क्यूँ मैंने उसके खातिर अपनी जिंदगी बदल डाली..
कुछ बूंदे पानी की ना जाने कब से रुकी हैं पलकों पे,
ना ही कुछ कह पाती हैं और ना बह पाती हैं..
वो सो जाते हैं अक्सर हमें याद किये बगैर , हमें नींद नहीं आती उनसे बात किये बगैर , कसूर उनका नहीं कसूर तो हमारा है , उन्हें चाहा भी तो हमने उनकी इजाजत के बगैर ..
: कब मिल जाए किसी को मंज़िल ये मालूम नहीं,
इंसान के चेहरे पे उसका नसीब लिखा नहीं होता..
दो हाथ से हम पचास लोगों को नही मार सकते,
पर दो हाथ जोङ कर हम करोङो लोगों का दिल जीत सकते है..
कभी इनका हुआ हूं मैं, कभी उनका हुआ हूं मैं ,
खुद के लिए कोशिश नहीं की , मगर सबका हुआ हूं मैं
मेरी हस्ती बहुत छोटी, मेरा रुतबा नहीं कुछ भी,
लेकिन डूबते के लिए, सदा तिनका हुआ हूं मैं..
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