Monday, April 18, 2016

फ़ैसला तो है मगर; कोई फ़ैसला नहीं,
मुजसे तुम जुदा सही; दिलसे तो जुदा नही

आसमानकी फ़िक्र क्या; आसमान खफ़ा सही,
आप यह बतायें; आप तो खफ़ा नहीं,

कश्तियाँ नहीं तो क्या; हौसला तो पास नहीं,
कह दो ना खुदाओं से; तुम कोई खुदा नहीं,

लीजिये बुला लिया; आपको ख़यालोंमें,
अब तो देखिये हमें; कोई देखता नहीं,

आइये चराग-ए-दिल; आज ही जलाये हम,
कैसे कल हवा चली; कोई जानता नहीं...!!!


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