Sunday, April 24, 2016

जिंदगी की राहों में कहीं चाहने वाले भी मिलेंगे
दिल है तो कभी इश्क के फुल भी खिलेंगे ।

गैरों से गले मिल के तड़पने की चाह में
अपनों से कभी आपके वास्ते पड़ेंगे ।

कहते हो सफ़रे-जीस्त पे निकले , देखना....
कांटों के लिये पांव में छाले भी पड़ेंगे ।

जिस घर से निकलने की सोच रहे हो
लौटे कोई दिन यहां तो, ताले भी पड़ेंगे ।

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