बहुत साल बाद दो दोस्त रास्ते में मिले .
धनवान दोस्त ने उसकी आलिशान गाड़ी पार्क की और
गरीब मित्र से बोला चल इस गार्डन में बेठकर बात करते है .
चलते चलते अमीर दोस्त ने गरीब दोस्त से कहा
तेरे में और मेरे में बहुत फर्क है .
हम दोनों साथ में पढ़े साथ में बड़े हुए
मै कहा पहुच गया और तू कहा रह गया ?
चलते चलते गरीब दोस्त अचानक रुक गया .
अमीर दोस्त ने पूछा क्या हुआ ?
गरीब दोस्त ने कहा तुझे कुछ आवाज सुनाई दी?
अमीर दोस्त पीछे मुड़ा और पांच का सिक्का उठाकर बोला
ये तो मेरी जेब से गिरा पांच के सिक्के की आवाज़ थी।
गरीब दोस्त एक कांटे के छोटे से पोधे की तरफ गया
जिसमे एक तितली पंख फडफडा रही थी .
गरीब दोस्त ने उस तितली को धीरे से बाहर निकला और
आकाश में आज़ाद कर दिया .
अमीर दोस्त ने आतुरता से पुछा
तुझे तितली की आवाज़ केसे सुनाई दी?
गरीब दोस्त ने नम्रता से कहा
" तेरे में और मुझ में यही फर्क है
तुझे "धन" की सुनाई दी और मुझे "मन" की आवाज़ सुनाई दी .
"यही सच है "
.इतनी ऊँचाई न देना प्रभु कि,
धरती पराई लगने लगे l
इनती खुशियाँ भी न देना कि,
दुःख पर किसी के हंसी आने लगे ।
नहीं चाहिए ऐसी शक्ति जिसका,
निर्बल पर प्रयोग करूँ l
नहीं चाहिए ऐसा भाव कि,
किसी को देख जल-जल मरूँ
ऐसा ज्ञान मुझे न देना,
अभिमान जिसका होने लगे I
ऐसी चतुराई भी न देना जो,
लोगों को छलने लगे ।
: खवाहिश नही मुझे
मशहुर होने की।
आप मुझे पहचानते हो
बस इतना ही काफी है।
अच्छे ने अच्छा और
बुरे ने बुरा जाना मुझे।
क्यों की जीसकी जीतनी
जरुरत थी उसने उतना ही
पहचाना मुझे।
ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा
भी कितना अजीब है,
शामें कटती नहीं, और साल
गुज़रते चले जा रहे हैं....!
एक अजीब सी
दौड़ है ये ज़िन्दगी,
जीत जाओ तो कई
अपने पीछे छूट जाते हैं,
और हार जाओ तो अपने
ही पीछे छोड़ जाते हैं।.....
👍👍👍👍
रुई का गद्दा बेच कर
मैंने इक दरी खरीद ली,
ख्वाहिशों को कुछ कम किया मैंने
और ख़ुशी खरीद ली ।
सबने ख़रीदा सोना
मैने इक सुई खरीद ली,
सपनो को बुनने जितनी
डोरी ख़रीद ली ।
मेरी एक खवाहिश मुझसे
मेरे दोस्त ने खरीद ली,
फिर उसकी हंसी से मैंने
अपनी कुछ और ख़ुशी खरीद ली ।
इस ज़माने से सौदा कर
एक ज़िन्दगी खरीद ली,
दिनों को बेचा और
शामें खरीद ली ।
शौक-ए-ज़िन्दगी कमतर से
और कुछ कम किये,
फ़िर सस्ते में ही
"सुकून-ए-ज़िंदगी" खरीद ली ।
🌹👣मुस्कुराया करो👣🌹
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
जब भी करो बात
😊मुस्कुराया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
जैसे भी रहो,
😃खिलखिलाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
जो भी हो दर्द,
😔सह जाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
ज्यादा हो दर्द तो
☝अपनों से कह जाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
जीवन एक नदी है,
🏊 तैरते जाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
ऊँच नीच होगी राह में,
🏂बढ़ते जाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
अपनापन यहाँ महसूस हो तो
👣👣चले आया करो ।
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
बहुत सुंदर है यह संसार,
🌹सुंदर और बनाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
इसलिए,जब भी करो बात
😋मुस्कुराया करो!
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
चाहता तो हूँ की
ये दुनिया बदल दूँ
पर इस ज़िन्दगी के
जुगाड़ में फुर्सत नहीं मिलती दोस्तों
______________________
महँगी से महँगी घड़ी पहन कर देख ली,
वक़्त फिर भी मेरे हिसाब से कभी ना चला
_______________________
युं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे ..
पता नही था की, कीमत चेहरों की होती है
________________________
अगर खुदा नहीं हे तो उसका ज़िक्र क्यों ??
और अगर खुदा हे तो फिर फिक्र क्यों ???
________________________
दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर देती हैं,
एक उसका 'अहम' और दूसरा उसका 'वहम'
______________________
पैसे से सुख कभी खरीदा नहीं जाता और दुःख का कोई खरीदार नहीं होता
________________________
मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते
________________________
पहले मैं होशियार था,
इसलिए दुनिया बदलने चला था
आज मैं समझदार हूँ,
इसलिए खुद को बदल रहा हूँ
_______________________
बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर...
क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है
________________________
मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा,
चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना
_________________________
ऐसा नहीं है कि मुझमें कोई एब नहीं है
पर सच कहता हूँ मुझमे कोई फरेब नहीं है
_________________________
जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन क्यूंकि एक मुद्दत से मैंने
न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले...
धनवान दोस्त ने उसकी आलिशान गाड़ी पार्क की और
गरीब मित्र से बोला चल इस गार्डन में बेठकर बात करते है .
चलते चलते अमीर दोस्त ने गरीब दोस्त से कहा
तेरे में और मेरे में बहुत फर्क है .
हम दोनों साथ में पढ़े साथ में बड़े हुए
मै कहा पहुच गया और तू कहा रह गया ?
चलते चलते गरीब दोस्त अचानक रुक गया .
अमीर दोस्त ने पूछा क्या हुआ ?
गरीब दोस्त ने कहा तुझे कुछ आवाज सुनाई दी?
अमीर दोस्त पीछे मुड़ा और पांच का सिक्का उठाकर बोला
ये तो मेरी जेब से गिरा पांच के सिक्के की आवाज़ थी।
गरीब दोस्त एक कांटे के छोटे से पोधे की तरफ गया
जिसमे एक तितली पंख फडफडा रही थी .
गरीब दोस्त ने उस तितली को धीरे से बाहर निकला और
आकाश में आज़ाद कर दिया .
अमीर दोस्त ने आतुरता से पुछा
तुझे तितली की आवाज़ केसे सुनाई दी?
गरीब दोस्त ने नम्रता से कहा
" तेरे में और मुझ में यही फर्क है
तुझे "धन" की सुनाई दी और मुझे "मन" की आवाज़ सुनाई दी .
"यही सच है "
.इतनी ऊँचाई न देना प्रभु कि,
धरती पराई लगने लगे l
इनती खुशियाँ भी न देना कि,
दुःख पर किसी के हंसी आने लगे ।
नहीं चाहिए ऐसी शक्ति जिसका,
निर्बल पर प्रयोग करूँ l
नहीं चाहिए ऐसा भाव कि,
किसी को देख जल-जल मरूँ
ऐसा ज्ञान मुझे न देना,
अभिमान जिसका होने लगे I
ऐसी चतुराई भी न देना जो,
लोगों को छलने लगे ।
: खवाहिश नही मुझे
मशहुर होने की।
आप मुझे पहचानते हो
बस इतना ही काफी है।
अच्छे ने अच्छा और
बुरे ने बुरा जाना मुझे।
क्यों की जीसकी जीतनी
जरुरत थी उसने उतना ही
पहचाना मुझे।
ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा
भी कितना अजीब है,
शामें कटती नहीं, और साल
गुज़रते चले जा रहे हैं....!
एक अजीब सी
दौड़ है ये ज़िन्दगी,
जीत जाओ तो कई
अपने पीछे छूट जाते हैं,
और हार जाओ तो अपने
ही पीछे छोड़ जाते हैं।.....
👍👍👍👍
रुई का गद्दा बेच कर
मैंने इक दरी खरीद ली,
ख्वाहिशों को कुछ कम किया मैंने
और ख़ुशी खरीद ली ।
सबने ख़रीदा सोना
मैने इक सुई खरीद ली,
सपनो को बुनने जितनी
डोरी ख़रीद ली ।
मेरी एक खवाहिश मुझसे
मेरे दोस्त ने खरीद ली,
फिर उसकी हंसी से मैंने
अपनी कुछ और ख़ुशी खरीद ली ।
इस ज़माने से सौदा कर
एक ज़िन्दगी खरीद ली,
दिनों को बेचा और
शामें खरीद ली ।
शौक-ए-ज़िन्दगी कमतर से
और कुछ कम किये,
फ़िर सस्ते में ही
"सुकून-ए-ज़िंदगी" खरीद ली ।
🌹👣मुस्कुराया करो👣🌹
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
जब भी करो बात
😊मुस्कुराया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
जैसे भी रहो,
😃खिलखिलाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
जो भी हो दर्द,
😔सह जाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
ज्यादा हो दर्द तो
☝अपनों से कह जाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
जीवन एक नदी है,
🏊 तैरते जाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
ऊँच नीच होगी राह में,
🏂बढ़ते जाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
अपनापन यहाँ महसूस हो तो
👣👣चले आया करो ।
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
बहुत सुंदर है यह संसार,
🌹सुंदर और बनाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
इसलिए,जब भी करो बात
😋मुस्कुराया करो!
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
चाहता तो हूँ की
ये दुनिया बदल दूँ
पर इस ज़िन्दगी के
जुगाड़ में फुर्सत नहीं मिलती दोस्तों
______________________
महँगी से महँगी घड़ी पहन कर देख ली,
वक़्त फिर भी मेरे हिसाब से कभी ना चला
_______________________
युं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे ..
पता नही था की, कीमत चेहरों की होती है
________________________
अगर खुदा नहीं हे तो उसका ज़िक्र क्यों ??
और अगर खुदा हे तो फिर फिक्र क्यों ???
________________________
दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर देती हैं,
एक उसका 'अहम' और दूसरा उसका 'वहम'
______________________
पैसे से सुख कभी खरीदा नहीं जाता और दुःख का कोई खरीदार नहीं होता
________________________
मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते
________________________
पहले मैं होशियार था,
इसलिए दुनिया बदलने चला था
आज मैं समझदार हूँ,
इसलिए खुद को बदल रहा हूँ
_______________________
बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर...
क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है
________________________
मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा,
चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना
_________________________
ऐसा नहीं है कि मुझमें कोई एब नहीं है
पर सच कहता हूँ मुझमे कोई फरेब नहीं है
_________________________
जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन क्यूंकि एक मुद्दत से मैंने
न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले...
No comments:
Post a Comment