मै यादों का
किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत
याद आते हैं.
📼📼📼📼📼📼📼
मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं.
📼📼📼📼📼📼📼
अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से.
मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं.
📼📼📼📼📼📼
कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
📼📼📼📼📼📼
सबकी जिंदगी बदल गयी
एक नए सिरे में ढल गयी
कोई girlfriend में busy है
कोई बीवी के पीछे crazy हैं
किसी को नौकरी से फुरसत नही
किसी को दोस्तों की जरुरत नही
कोई पढने में डूबा है
किसी की दो दो महबूबा हैं
सारे यार गुम हो गये हैं
तू से आप और तुम हो गये है
📼📼📼📼📼📼📼
मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं.
किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत
याद आते हैं.
📼📼📼📼📼📼📼
मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं.
📼📼📼📼📼📼📼
अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से.
मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं.
📼📼📼📼📼📼
कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
📼📼📼📼📼📼
सबकी जिंदगी बदल गयी
एक नए सिरे में ढल गयी
कोई girlfriend में busy है
कोई बीवी के पीछे crazy हैं
किसी को नौकरी से फुरसत नही
किसी को दोस्तों की जरुरत नही
कोई पढने में डूबा है
किसी की दो दो महबूबा हैं
सारे यार गुम हो गये हैं
तू से आप और तुम हो गये है
📼📼📼📼📼📼📼
मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं.